केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान राजनाथ सिंह जी, श्री अजय भट्ट जी, सीडीएस जनरल अनिल चौहान जी, तीनों सेनाओं के प्रमुख, रक्षा सचिव, डीजी एनसीसी, सभी अतिथिगण,और NCC के मेरे युवा साथियों।
एक पूर्व NCC कैडेट होने के नाते, मैं जब भी आपके बीच आता हूं, कितनी ही पुरानी यादें ताजा होना बहुत स्वाभाविक हैं। NCC कैडेट्स के बीच आने पर सबसे पहले एक भारत-श्रेष्ठ भारत के दर्शन होते हैं। आप लोग तो देश के कोने-कोने से यहां आए हैं। और मुझे खुशी है कि बीते वर्षों में NCC रैली का दायरा भी लगातार बढ़ रहा है। और इस बार एक और नई शुरुआत यहां हुई है। आज यहां देशभर के सीमावर्ती गांव के, जिन्हें सरकार वाइब्रेंट विलेज के रूप में विकसित कर रही है, उनके 400 से अधिक सरपंच हमारे बीच हैं। इसके अलावा देशभर के सेल्फ हेल्प ग्रुप्स के प्रतिनिधि के रूप में 100 से ज्यादा बहनें भी उपस्थित हैं। मैं आप सभी का भी बहुत-बहुत स्वागत करता हूं।
साथियों,
NCC की ये रैली, one world, one family, one future की भावना को निरंतर मज़बूत कर रही है। 2014 में इस रैली में 10 देशों के कैडेट्स ने हिस्सा लिया था। आज यहां 24 मित्र देशों के कैडेट्स मौजूद हैं। मैं आप सभी का और विशेषकर विदेशों से आए सभी young cadets का अभिनंदन करता हूं।
मेरे युवा साथियों,
इस वर्ष देश 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। ये ऐतिहासिक पड़ाव देश की नारीशक्ति के लिए समर्पित रहा है। हमने कल कर्तव्य पथ पर भी देखा कि इस बार का आयोजन Women Power के लिए समर्पित रहा। हमने दुनिया को दिखाया कि भारत की बेटियां कितना बेहतरीन काम कर रही हैं। हमने दुनिया को दिखाया कि भारत की बेटियां, किस प्रकार हर सेक्टर में नए आयाम गढ़ रही हैं। गणतंत्र दिवस की परेड में भी ये पहला अवसर था जब इतनी बड़ी संख्या में women contingent ने हिस्सा लिया। आप सभी ने शानदार परफॉर्म किया। आज यहां अनेक कैडेट्स को पुरस्कार भी मिले हैं। कन्याकुमारी से दिल्ली और गुवाहाटी से दिल्ली तक साइकिल यात्रा करना... झांसी से दिल्ली तक, नारीशक्ति वंदन रन... 6 दिन तक 470 किलोमीटर दौड़ना, यानि हर दिन 80 किलोमीटर दौड़ लगाना...ये आसान नहीं है। ये विभिन्न आयोजनों में हिस्सा लेने वाले मैं सभी कैडेट्स को बधाई देता हूं। और जो साईकिल के दो ग्रुप हैं एक बड़ोदा और एक काशी। मैं बड़ोदा से भी पहली बार सांसद बना था और काशी से भी सांसद बना था।
मेरे नौजवान साथियों,
कभी बेटियों की भागीदारी सिर्फ सांस्कृतिक कार्यक्रमों तक सीमित रहती थी। आज दुनिया देख रही है कि भारत की बेटियां जल, थल, नभ और अंतरिक्ष में कैसे लोहा मनवा रही हैं। इसकी झांकी कल कर्तव्य पथ पर सबने देखी है। ये जो कुछ भी कल दुनिया ने देखा, ये अचानक नहीं हुआ है। ये बीते 10 वर्षों के सतत प्रयास का परिणाम है।
भारत की परंपरा में हमेशा नारी को एक शक्ति के रूप में देखा गया है। भारत की धरती पर रानी लक्ष्मीबाई, रानी चेनम्मा और वेलु नाचियार जैसी वीरांगनाएं हुई हैं। आजादी की लड़ाई में एक से बढ़कर एक महिला क्रांतिकारियों ने अंग्रेजों को पस्त कर दिया था। बीते 10 वर्ष में हमारी सरकार ने नारीशक्ति की इसी ऊर्जा को निरंतर सशक्त किया है। जिन भी सेक्टर्स में पहले बेटियों के लिए entry बंद थी या limited थी, हमने वहां हर बंदिश हटाई है। हमने तीनों सेनाओं के अग्रिम मोर्चों को बेटियों के लिए खोल दिया। आज सेनाओं में महिला अधिकारियों को परमानेंट कमीशन दिया जा रहा है। बेटियों के लिए तीनों सेनाओं में Command Roles और Combat Positions में रखकर रास्ते खोले गए हैं। आज आप देखिए, अग्निवीर से लेकर फाइटर पायलट तक, बेटियों की भागीदारी बहुत अधिक बढ़ रही है। पहले सैनिक स्कूलों में भी बेटियों को पढ़ाई की इजाजत नहीं थी। अब देशभर में अनेक सैनिक स्कूलों में बेटियां पढ़ रही हैं। केंद्रीय सुरक्षा बलों में तो 10 वर्षों में महिला कर्मियों की संख्या दोगुनी से अधिक हो चुकी है। राज्य पुलिस फोर्स में भी ज्यादा से ज्यादा women force के लिए राज्यों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
और साथियों,
जब ऐसे प्रोफेशन में बेटियां जाती हैं, तो इसका असर समाज की मानसिकता पर भी पड़ता है। इससे महिलाओं के खिलाफ अपराध कम करने में भी मदद मिलती है।
युवा साथियों,
समाज के दूसरे सेक्टर्स में भी बेटियों की भागीदारी निरंतर बढ़ रही है। गांव-गांव में बैंकिंग हो, इंश्योरेंस हो, इससे जुड़ी सर्विस डिलिवरी में भी बड़ी संख्या में हमारी बेटियां ही हैं। आज स्टार्ट अप्स हो या सेल्फ हेल्प ग्रुप्स, हर क्षेत्र में बेटियां अपनी छाप छोड़ रही हैं।
युवा साथियों,
बेटों और बेटियों के टैलेंट को जब देश बराबरी का अवसर देता है, तो उसका टैलेंट पूल बहुत बड़ा हो जाता है। यही तो विकसित भारत के निर्माण की सबसे बड़ी ताकत है। आज पूरी दुनिया की ताकत भारत के इस टैलेंट पूल पर है। आज पूरी दुनिया भारत को विश्व-मित्र के रूप में देख रही है। भारत के पासपोर्ट की ताकत बहुत अधिक बढ़ रही है। इसका सबसे अधिक फायदा आप जैसे युवा साथियों को हो रहा है, आपके करियर को हो रहा है। दुनिया के अनेक देश आज भारत के युवाओं की प्रतिभा को एक अवसर के रूप में देख रहे हैं।
युवा साथियों,
मैं अक्सर एक बात कहता हूं। ये जो अमृतकाल है यानि आने वाले 25 साल हैं, इसमें हम जो विकसित भारत बनाने वाले हैं, उसका लाभार्थी मोदी नहीं है। इसके सबसे बड़े लाभार्थी आप जैसे मेरे देश के युवा हैं। इसके लाभार्थी जो विद्यार्थी, अभी स्कूल में हैं, कॉलेज में हैं, यूनिवर्सिटी में हैं, वो लोग हैं। विकसित भारत और भारत के युवाओं के करियर की Trajectory एक साथ ऊपर की तरफ जाएगी। इसलिए आप सभी को भी मेहनत करने में एक पल भी गंवाना नहीं चाहिए। बीते 10 वर्षों में स्किल हो, रोज़गार हो, स्वरोजगार हो इसके लिए हर सेक्टर में बहुत बड़े पैमाने पर काम किया गया है। युवाओं के टैलेंट और युवाओं के कौशल का अधिक से अधिक उपयोग कैसे हो इस पर बल दिया जा रहा है। नई सदी की नई चुनौतियों के लिए आपको तैयार करने के लिए ही नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाई गई है। आज पीएम श्री स्कूल अभियान के तहत, देशभर के हज़ारों स्कूलों को स्मार्ट बनाया जा रहा है। बीते दशक में, कॉलेज हों, यूनिवर्सिटी हों, प्रोफेशनल एजुकेशन से जुड़े संस्थान हों, उनमें अभूतपूर्व वृद्धि की गई है। बीते 10 वर्षों में भारत की यूनिवर्सिटीज़ की ग्लोबल रैंकिंग में भी बहुत सुधार हुआ है। भारत में मेडिकल कॉलेजों की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है, मेडिकल सीटों में भी बहुत बड़ी वृद्धि हुई है। अनेक राज्यों में नए IIT और नए एम्स बनाए गए हैं। सरकार ने डिफेंस, स्पेस, मैपिंग जैसे सेक्टर्स को युवा टैलेंट के लिए खोल दिया गया है। रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए नया कानून भी बनाया गया है। ये सारे काम मेरे नौजवान दोस्तों आपके लिए ही हैं, भारत के युवाओं के लिए ही हुए हैं।
साथियों,
आप लोग अक्सर देखते होंगे कि मैं मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत की बहुत बात करता हूं। ये दोनों अभियान भी आप जैसे युवाओं के लिए हैं। ये दोनों अभियान, भारत के युवाओं को रोजगार के नए अवसर दे रहे हैं। सरकार के प्रयासों से बीते 10 वर्षों में भारत की डिजिटल इकॉनॉमी, हमारी युवा शक्ति की नई ताकत बनेगी, हमारी युवा शक्ति की नई पहचान बनेगी। भारत भी अग्रणी डिजिटल इकॉनॉमी बन सकता है, दशकभर पहले तक ये सोचना भी मुश्किल था। सामान्य बातीचीत में स्टार्ट अप्स का नाम ही नहीं आता था। आज भारत, दुनिया का तीसरा बड़ा स्टार्ट अप इकोसिस्टम है। आज बच्चा-बच्चा स्टार्ट अप की बात करता है, यूनिकॉर्न्स की बात करता है। आज भारत में सवा लाख से अधिक रजिस्टर्ड स्टार्ट अप्स हैं और 100 से अधिक यूनिकॉर्न्स हैं। इनमें लाखों युवा क्वालिटी जॉब्स कर रहे हैं। इन स्टार्ट अप्स में भी अधिकतर को डिजिटल इंडिया का सीधा लाभ मिल रहा है। दशकभर पहले जहां हम 2G-3G के लिए ही संघर्ष कर रहे थे, आज गांव-गांव तक 5G पहुंचने लगा है। गांव-गांव तक ऑप्टिकल फाइबर पहुंचने लगा है।
साथियों,
जब हम अपने ज्यादातर मोबाइल फोन विदेशों से ही इंपोर्ट करते थे, तो वो इतने महंगे होते थे कि उस समय के अधिकतर युवा उसे अफोर्ड ही नहीं कर पाते थे। आज भारत दुनिया का दूसरा बड़ा मोबाइल फोन निर्माता और दूसरा बड़ा एक्सपोर्टर भी है। इससे आपका मोबाइल फोन सस्ता हुआ। लेकिन आप भी जानते हैं कि फोन का महत्व बिना डेटा के कुछ नहीं है। हमने ऐसी नीतियां बनाई कि आज भारत, दुनिया में सबसे सस्ता डेटा उपलब्ध कराने वाले देशों में से एक है।
साथियों,
आज जो देश में ई-कॉमर्स, ई-शॉपिंग, होम डिलिवरी, ऑनलाइन एजुकेशन, रिमोट हेल्थकेयर का कारोबार बढ़ रहा है, वो ऐसे ही नहीं हुआ है। बीते 10 वर्षों में भारत में आई इस डिजिटल क्रांति का सबसे अधिक लाभ युवा क्रिएटिविटी को हुआ है। आप देखिए, आज भारत में digital content creation का कितना विस्तार हुआ है। ये अपने आप में एक बहुत बड़ी इकॉनॉमी बन चुकी है। बीते 10 वर्षों में गांव-गांव में 5 लाख से अधिक कॉमन सर्विस सेंटर बने हैं। इनमें लाखों नौजवान काम कर रहे हैं। ऐसे अनेक उदाहरण हैं जो बताते हैं कि डिजिटल इंडिया कैसे सुविधा और रोज़गार, दोनों को बल दे रहा है।
मेरे युवा साथियों,
सरकार वो होती है, जो भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए वर्तमान में नीतियां बनाएं, और निर्णय़ ले। सरकार वो होती है, जो अपनी प्राथमिकताएं स्पष्ट रखे। एक समय था जब हमारे देश में बॉर्डर एरिया डवलपमेंट को सबसे ज्यादा नजरअंदाज किया जाता था। पहले की सरकार कहती थी कि अगर बॉर्डर पर सड़कें बनाईं तो दुश्मन को आसानी होगी। बॉर्डर के किनारे बसे गांवों को तब आखिरी गांव कहा जाता था। हमारी सरकार ने ये सोच बदल दी है। जो पहले की सरकार की नजरों में आखिरी गांव थे, हमारी सरकार ने उन्हें प्रथम गांव माना। आज इन गांवों के विकास के लिए ही वाइब्रेंट विलेज योजना चलाई जा रही है। इन गांवों के अनेकों सरपंच आज इस कार्यक्रम में भी उपस्थित हैं। आज वो आपको देख रहे हैं, आपकी ऊर्जा को देख रहे हैं, खुश हैं। कल को बॉर्डर किनारे के यही गांव टूरिज्म के बहुत बड़े केंद्र बनने जा रहे हैं। मैं चाहूंगा कि आप भी वाइब्रेंट विलेज के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानें।
मेरे युवा साथियों,
विकसित भारत, आपके सपनों को पूरा करने वाला होगा। इसलिए आज जब विकसित भारत के निर्माण के लिए रोडमैप बनाने का काम चल रहा है, तो उसमें आपकी भागीदारी बहुत बड़ी है। आप जैसे युवाओं के लिए ही सरकार ने मेरा युवा भारत यानि MYBAHARAT संगठन भी बनाया है। ये 21वीं सदी के भारत के युवाओं का सबसे विराट संगठन बना है। सिर्फ तीन महीने में ही इसमें एक करोड़ से ज्यादा युवा रजिस्टर कर चुके हैं। मैं आप जैसे सभी युवाओं को कहूंगा कि मेरा युवा भारत संगठन में खुद को जरूर रजिस्टर कराएं। आप MY GOV पर जाकर विकसित भारत के निर्माण के लिए भी अपने सुझाव दे सकते हैं। आपके सपने, आपकी भागीदारी से ही पूरे होंगे। आप ही विकसित भारत के शिल्पी हैं। मुझे आप पर पूरा भरोसा है, देश की युवा पीढ़ी पर पूरा भरोसा है। एक बार फिर आप सभी को इस शानदार आयोजन के लिए बहुत-बहुत बधाई के लिए आप उसके हकदार हैं, भविष्य के लिए मेरी आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं! मेरे साथ बोलिये –
भारत माता की जय
भारत माता की जय
भारत माता की जय
बहुत-बहुत धन्यवाद।