विभिन्न सरकारी विभागों और संगठनों के नवनियुक्त कर्मियों को लगभग 71,000 नियुक्ति पत्र वितरित किए
"आज भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है"
"आज का नया भारत, उन नीतियों और रणनीतियों के साथ आगे बढ़ रहा है, जिन्होंने नयी संभावनाओं के द्वार खोले हैं"
"2014 के बाद भारत ने एक सक्रिय दृष्टिकोण अपनाया है, जो पहले के समय के प्रतिक्रिया आधारित दृष्टिकोण के विपरीत है"
“21वीं सदी का तीसरा दशक भारत में रोजगार और स्वरोजगार के ऐसे अवसर देख रहा है, जिनकी पहले कल्पना भी नहीं की जा सकती थी”
“आत्मनिर्भर भारत अभियान की सोच और दृष्टिकोण स्वदेशी अपनाने और स्थानीय उत्पाद पर जोर (‘वोकल फॉर लोकल’) देने से भी आगे की बात है, आत्मनिर्भर भारत अभियान गांवों से शहरों तक रोजगार के करोड़ों अवसर पैदा करने का अभियान है
"जब सड़कें गांवों तक पहुंचती हैं, तो इससे पूरे इकोसिस्टम में तेजी से रोजगार के अवसरों का सृजन होता है"
"एक सरकारी कर्मचारी के रूप में आपको उन बातों को हमेशा याद रखना चाहिए, जो आप एक सामान्य नागरिक के रूप में महसूस करते थे"

नमस्कार !

साथियों,

आज बैसाखी का पावन पर्व है। मैं सभी देशवासियों को बैसाखी की लख-लख बधाइयां देता हूं। उल्लास भरे इस त्योहार में, आज 70 हजार से ज्यादा युवाओं को केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में सरकारी नौकरी मिली है। आप सभी युवाओं को, आपके परिवारजनों को, बहुत-बहुत बधाई, आपके उज्ज्वल भविष्य के लिए अनेक-अनेक शुभकामनाएं।

साथियों,

विकसित भारत की संकल्प सिद्धि के लिए हमारी सरकार, युवाओं की प्रतिभा और ऊर्जा को सही अवसर देने के लिए प्रतिबद्ध है। केंद्र सरकार के साथ ही गुजरात से लेकर असम तक, उत्तर प्रदेश से लेकर महाराष्ट्र तक, NDA और भाजपा शासित राज्यों में सरकारी नौकरी देने की प्रक्रिया तेज गति से चल रही है। कल ही, मध्य प्रदेश में 22 हजार से ज्यादा शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपे गए। ये राष्ट्रीय रोजगार मेला भी युवाओं के प्रति हमारे कमिटमेंट का प्रमाण है।

साथियों,

आज भारत, दुनिया की सबसे तेज रफ्तार से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है। पूरी दुनिया कोविड के बाद मंदी से जूझ रही है, ज्यादातर देशों की अर्थव्यवस्था लगातार गिरती चली जा रही है। लेकिन इन सबके बीच भारत को दुनिया एक 'bright spot' के तौर पर देख रही है। आज का नया भारत, अब जिस नई नीति और रणनीति पर चल रहा है, उसने देश में नई संभावनाओं और नए अवसरों के द्वार खोल दिए हैं। एक समय था जब भारत टेक्नोलॉजी हो या इंफ्रास्ट्रक्चर, एक प्रकार से Reactive अप्रोच के साथ काम करता था, बस React करना। 2014 के बाद से भारत ने Pro-Active अप्रोच अपनाई है। इसका नतीजा ये हुआ है कि 21वीं सदी का ये तीसरा दशक, रोजगार और स्वरोजगार के वो अवसर पैदा कर रहा है, जिनकी पहले कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। आज युवाओं के सामने कई ऐसे सेक्टर्स खुल गए हैं, जो 10 साल पहले उपलब्ध तक नहीं थे। हमारे सामने स्टार्टअप्स का उदाहरण है। स्टार्टअप्स को लेकर आज भारत के युवाओं में जबरदस्त उत्साह है। एक रिपोर्ट के मुताबिक स्टार्टअप्स ने 40 लाख से ज्यादा direct और indirect jobs तैयार की हैं। इसी तरह ड्रोन इंडस्ट्री है। आज Agriculture हो या Defence सेक्टर, इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े सर्वे हों या फिर स्वामित्व योजना, ड्रोन की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। इसलिए बहुत सारे युवा Drone Manufacturing, Drone Flying से जुड़ रहे हैं। आपने ये भी देखा है कि बीते 8-9 वर्षों में कैसे देश के स्पोर्ट्स सेक्टर का कायाकल्प हो गया है। आज देशभर में नए स्टेडियम तैयार हो रहे हैं, नई एकेडमी तैयार हो रही है। इनमें कोच, टेक्नीशियन, सपोर्ट स्टाफ की जरूरत पड़ रही है। देश में स्पोर्ट्स का बजट दोगुना होने से भी युवाओं के लिए नए मौके बन रहे हैं।

साथियों,

आत्मनिर्भर भारत अभियान की सोच और अप्रोच सिर्फ स्वदेशी अपनाने और Vocal for Local से कहीं ज्यादा है। ये सीमित दायरे वाला मामला नहीं है। आत्मनिर्भर भारत अभियान, गांव से लेकर शहरों तक भारत में रोजगार के करोड़ों नए अवसर पैदा करने वाला अभियान है। आज आधुनिक सैटेलाइट्स से लेकर Semi High Speed Train तक भारत में ही तैयार हो रही है। बीते 8-9 वर्षों में देश में 30 हजार से ज्यादा नए और सुरक्षित LHB Coaches बनाए गए हैं। इनके निर्माण में जो हजारों टन स्टील लगा है, अलग-अलग Products लगे हैं, उन्होंने पूरी सप्लाई चेन में रोजगार के हजारों नए अवसर बनाए हैं। मैं आपको भारत की Toy Industry का भी उदाहरण दूंगा। अभी जितेन्द्र सिंह जी ने उसका उल्लेख भी किया। दशकों तक, भारत के बच्चे विदेशों से import किए गए खिलौनों से ही खेलते रहे। ना तो उनकी क्वालिटी अच्छी थी, ना ही वो भारतीय बच्चों को ध्यान में रखकर बनाए जाते थे। लेकिन कभी किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया। हमने आयात होने वाले खिलौनों के लिए quality parameter तय किए और अपनी स्वदेशी इंडस्ट्री को बढ़ावा देना शुरू किया। 3-4 वर्ष में ही toy industry का कायाकल्प हो गया, और इससे रोजगार के अनेकों नए अवसर तैयार हुए। हमारे देश में दशकों तक, ये अप्रोच भी हावी रही कि defence equipment सिर्फ आयात किए जा सकते हैं, बाहर से ही आ सकते हैं। हम अपने देश के manufacturers पर ही उतना भरोसा नहीं करते थे। हमारी सरकार ने इस अप्रोच को भी बदल डाला। हमारी सेनाओं ने 300 से ज्यादा ऐसे साजो-सामान और हथियारों की लिस्ट तैयार की है, जो अब भारत में ही बनाए जाएंगे, भारतीय इंडस्ट्री से ही खरीदे जाएंगे। आज भारत 15 हजार करोड़ के defence equipment विदेशों में निर्यात करता है। इससे रोजगार के हजारों अवसर तैयार हुए हैं।

साथियों,

आपको एक और बात कभी भी भूलनी नहीं चाहिए। जब देश ने 2014 में हमें सेवा का अवसर दिया, तब भारत में बिकने वाले ज्यादातर मोबाइल फोन आयात किए जाते थे। हमने local production बढ़ाने के लिए incentives दिए। अगर आज भी 2014 से पहले वाली स्थिति होती तो foreign exchange पर हमारे लाखों करोड़ रुपये खर्च हो गए होते। लेकिन अब, हम ना सिर्फ घरेलू जरूरतों को पूरा कर रहे हैं बल्कि मोबाइल फोन का निर्यात भी कर रहे हैं। दुनिया के देशों में पहुंचा रहे हैं। इससे भी रोजगार के हजारों नए अवसर बने हैं।

साथियों,

Employment Generation का एक और पक्ष है, और वो Infrastructure Projects में सरकार द्वारा किया गया Investment. हमारी सरकार infrastructure projects में तेज रफ्तार के लिए जानी जाती है। जब सरकार capital expenditure पर खर्च करती है, तो बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे रोड, रेलवे, पोर्ट और नई इमारतें बहुत से प्रकार की चीजें तैयार हो जाती हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण में इंजीनियर, टेक्नीशियन, अकाउंटेंट, श्रमिक, हर प्रकार के, उसमें तरह-तरह के equipment, स्टील, सीमेंट, ऐसी भांति-भांति चीजों की जरूरत पड़ती है। हमारी सरकार के दौरान, पिछले 8-9 वर्षों में Capital expenditure में 4 गुना बढ़ोतरी हुई है। इससे रोजगार के नए अवसर और लोगों की आय, दोनों में वृद्धि हुई है। मैं आपको भारतीय रेलवे का उदाहरण देता हूं। 2014 से पहले 7 दशकों में 20 हजार किलोमीटर के आसपास रेल लाइनों का electrification हुआ था। पिछले 9 वर्षों में हमने करीब-करीब 40 हजार किलोमीटर रेल लाइनों का electrification पूरा किया है। 2014 से पहले, एक महीने में सिर्फ 600 मीटर नई मेट्रो लाइन बनाई जाती थी, 600 मीटर। आज हम हर महीने लगभग 6 किलोमीटर की नई मेट्रो लाइन बना रहे हैं। तब हिसाब मीटर में होता था, आज हिसाब किलोमीटर में हो रहा है। 2014 में देश में 70 से भी कम जिलों में, 70 से भी कम, 70 से भी कम जिलों में गैस नेटवर्क का विस्तार हुआ था। आज ये संख्या बढ़कर 630 जिले तक पहुंच गई है। कहां 70 जिले और कहां 630 जिले। 2014 तक ग्रामीण इलाकों में सड़कों की लंबाई भी 4 लाख किलोमीटर से कम थी। आज ये आंकड़ा भी बढ़कर सवा 7 लाख किलोमीटर से ज्यादा हो चुका है। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि जब गांव में सड़क पहुंचती है तो उसका क्या-क्या प्रभाव होता है। इससे पूरे इकोसिस्टम में तेज गति से रोजगार का सृजन होने लगता है।

साथियों,

ऐसे ही काम देश के एविएशन सेक्टर में हुआ है। 2014 तक देश में 74 एयरपोर्ट थे, आज इनकी संख्या 148 हो गई है। हम सभी जानते हैं कि एयरपोर्ट ऑपरेशंस में कितने ज्यादा स्टाफ की जरूरत पड़ती है। आप अनुमान लगा सकते हैं कि इतने नए एयरपोर्ट्स ने भी देश में हजारों नए अवसर तैयार किए हैं। और आपने देखा है कि हाल ही में एयर इंडिया ने रिकॉर्ड संख्या में हवाई जहाज खरीदने का ऑर्डर दिया है। कई और भारतीय कंपनियां भी इसी तैयारी में हैं। यानि, आने वाले दिनों में इस सेक्टर में कैटरिंग से लेकर inflight services तक, maintenance से लेकर on-ground handling तक बड़ी संख्या में नए अवसर तैयार होंगे। ऐसी ही प्रगति हमारे पोर्ट सेक्टर में भी हो रही है। समुद्री तट का जो विकास हो रहा है, हमारे पोर्ट्स जो develop हो रहे हैं, हमारे पोर्ट्स पर, पहले की तुलना में कार्गो हैंडलिंग दोगुनी हो चुकी है, और इसमें लगने वाला समय अब आधा रह गया है। इस बड़े बदलाव ने पोर्ट सेक्टर में भी बड़ी तादाद में नए अवसर तैयार किए हैं।

साथियों,

देश का हेल्थ सेक्टर भी Employment Generation का बेहतरीन उदाहरण बन रहा है। 2014 में भारत में 400 से भी कम मेडिकल कॉलेज थे, आज 660 मेडिकल कॉलेज हैं। 2014 में अंडर ग्रेजुएट मेडिकल सीटों की संख्या करीब 50 हजार थी, आज 1 लाख से ज्यादा सीट उपलब्ध हैं। आज पहले के मुकाबले दोगुनी संख्या में डॉक्टर परीक्षा पास करके तैयार हो रहे हैं। आयुष्मान भारत योजना की वजह से देश में अनेकों नए अस्पताल और क्लीनिक बने हैं। यानी इंफ्रास्ट्रक्चर का हर प्रोजेक्ट रोजगार और स्व-रोजगार उसमें बढ़ोतरी सुनिश्चित कर रहा है।

साथियों,

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए सरकार जो FPO's बना रही है, Self Help Groups को लाखों करोड़ की मदद दे रही है, स्टोरेज कैपेसिटी का विस्तार कर रही है, उससे गांव के युवाओं के लिए अपने गांव में ही रोजगार के अवसर बन रहे हैं। 2014 के बाद से देश में 3 लाख से ज्यादा नए कॉमन सर्विस सेंटर्स बने हैं। 2014 के बाद से देश के गांवों में 6 लाख किलोमीटर से ज्यादा ऑप्टिकल फाइबर बिछाया गया है। 2014 के बाद से देश में तीन करोड़ से ज्यादा घर गरीबों को बनाकर दिए गए हैं। इनमें से ढाई करोड़ से ज्यादा घर गांवों में ही बने हैं। बीते वर्षों में गांवों में 10 करोड़ से ज्यादा शौचालय, डेढ़ लाख से ज्यादा हेल्थ और वेलनेस सेंटर्स, हजारों नए पंचायत भवन। इन सभी निर्माण कार्यों ने गांव में लाखों युवाओं को काम दिया है, रोजगार दिया है। आज जिस तरह Agriculture sector में farm mechanization तेजी से बढ़ा है, उससे भी गांव में रोजगार के नए मौके बन रहे हैं।

साथियों,

आज भारत जिस तरह से अपने लघु उद्योगों की Hand Holding कर रहा है, अपने यहां entrepreneurship को बढ़ावा दे रहा है, इससे बड़ी संख्या में रोजगार का निर्माण सुनिश्चित हो जाता है। हाल ही में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना ने 8 वर्ष पूरे किए हैं। इन 8 वर्षों में, मुद्रा योजना के तहत बिना बैंक गारंटी 23 लाख करोड़ रुपए का लोन दिया गया है। इसमें से 70 प्रतिशत लोन महिलाओं को मिला है। इस योजना ने 8 करोड़ नए entrepreneurs तैयार किए हैं, यानि ये वो लोग हैं जिन्होंने मुद्रा योजना की मदद से पहली बार अपना कोई कामकाज शुरू किया है। मुद्रा योजना की सफलता ने देश के करोड़ों लोगों को स्वरोजगार के लिए हौसला दिया है, नई दिशा दिखाई है। और मैं साथियों आपको एक बात बताना चाहता हूं। Grassroot level पर इकोनॉमी की ताकत बढ़ाने में माइक्रो फाइनेंस का कितना महत्व होता है, माइक्रो फाइनेंस कितनी बड़ी शक्ति बनकर के उभरता है, ये हमने इन 8-9 साल में देखा है। बड़े-बड़े भी अपने आपको महारथी मानने वाले, बड़े-बड़े अर्थशास्त्री के पंडित मानने वाले और बड़े-बड़े मालिक तुलाओं को फोन पर कर-करके लोन देने वाले के आदत वाले लोग पहले कभी भी माइक्रो फाइनेंस की ताकत को नहीं समझ पाए। आज भी, आज भी ये लोग माइक्रो फाइनेंस का मजाक उड़ा रहे हैं। इनको देश के सामान्य मानवीय के सामर्थ्य का समझ ही नहीं है।

साथियों,

आज जिन लोगों को नियुक्ति पत्र मिला है, उन्हें मैं विशेष तौर पर कुछ सुझाव अवश्य देना चाहता हूं। आप में से कुछ लोग रेलवे, तो कुछ लोग शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ रहे हैं। कुछ लोगों को बैंकों में अपनी सेवाएं देने का अवसर मिल रहा है। ये आपके लिए देश के विकास में योगदान देने का अवसर है। देश 2047 में जब आजादी के 100 साल मनाएगा, विकसित भारत बनने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रहा है I और मैं जानता हूं आज आपकी जो उम्र है, ये आपके लिए सबसे अर्थ में अमृतकाल है। आपके जीवन का ये 25 वर्ष देश एक दम से तेज गति से आगे बढ़ने वाला माहौल वाला है और उसमें आप योगदान देने जा रहे हैं। आप कल्पना कर सकते हैं कितने उत्तम कालखंड में, कितने उत्तम अवसर के साथ, देश को आगे बढ़ाने के लिए आज आपके कंधों पर आप नई जिम्मेदारी ले रहे हैं। आपका एक-एक कदम, आपके समय की एक-एक पल देश को तेज गति से विकसित बनाने में काम आने वाली है।

आज आप एक सरकारी कर्मचारी के तौर पर अपनी यात्रा भले ही शुरू कर रहे हैं। इस यात्रा में हमेशा उन बातों को याद रखना चाहिए और हमेशा अपने आप को एक सामान्य नागरिक के तौर पर आप पिछले 5 साल से, 10 साल से जब से समझने लगे हैं, क्या-क्या महसूस करते थे। सरकार का कौन सा व्यवहार आपको अखरता था। सरकार का कौन सा व्यवहार आपको अच्छा लगता था। आप भी ये जरूर मन में मानीये कि जो बुरे अनुभव आपको आए हैं, आपके रहते हुए किसी भी देश के नागरिक को बुरा अनुभव नहीं आने देंगे। जो आपको बीती होगी, आपके कारण किसी को नहीं बीतेगी, यही बहुत बड़ी सेवा है। अब ये आपकी जिम्मेदारी है कि सरकारी सेवा में आने के बाद, दूसरों की उन उम्मीदों को आप पूरा करें। अपने आपको योग्य बनाएं। आप में से हर कोई किसी ना किसी रूप में अपने कार्य से सामान्य मानवी के जीवन को प्रभावित भी कर सकता है, प्रेरित भी कर सकता है। उसको निराशा की गर्त में डूबते हुए बचा भी सकता है। इससे बड़ा मानवता का क्या काम हो सकता है साथियों? आपकी कोशिश होनी चाहिए कि आपके कार्य का सकारात्मक प्रभाव हो, आपके काम से सामान्य मानवी का जीवन बेहतर हो। व्यवस्थाओं पर उसका विश्वास बढ़ना चाहिए।

मेरा आप सबसे एक और आग्रह है। आप सबने कड़ी मेहनत से ये सफलता हासिल की है। लेकिन सरकारी नौकरी पाने के बाद भी सीखने की प्रक्रिया को रुकने ना दें। कुछ नया जानने, नया सीखने का स्वभाव, आपके कार्य और व्यक्तित्व दोनों में प्रभाव लाएगा। ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म iGoT Karmayogi से जुड़कर आप अपने स्किल को अपग्रेड कर सकते हैं I और साथियों मेरे लिए तो मैं हमेशा कहता हूं, मैं मेरे भीतर के विद्यार्थी को कभी मरने नहीं देता हूं। मैं बड़ा विद्वान हूं, मुझे सब आता है, सब मैं सीख चुका हूं, ऐसा भ्रम लेकर के न मैं पैदा हुआ हूं न काम करता हूं। मैं हमेशा अपने आप को विद्यार्थी मानता हूं, हर किसी से सीखने का प्रयास करता हूं। आप भी अपने भीतर के विद्यार्थी को जिंदा रखना, कुछ ना कुछ नया सीखने की कोशिश करते रहना। वो जीवन के नए-नए द्वार खोल देगा।

साथियों,

फिर एक बार बैसाखी का पावन पर्व हो, जीवन का नया आरंभ हो, इससे बढ़कर के क्या अवसर हो सकता है। आप सभी के उज्ज्वल भविष्य के लिए पुन: बहुत-बहुत शुभकामनाएं। एक बार फिर आप सबको बहुत-बहुत बधाई।

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November 23, 2024
आज महाराष्ट्र ने विकास, सुशासन और सच्चे सामाजिक न्याय की जीत देखी है: पीएम मोदी
महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा को कांग्रेस और उसके सहयोगियों की कुल सीटों से कहीं ज़्यादा सीटें दी हैं: पीएम मोदी
महाराष्ट्र ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। यह पिछले 50 सालों में किसी भी पार्टी या चुनाव-पूर्व गठबंधन की सबसे बड़ी जीत है: पीएम मोदी
‘एक हैं तो सेफ हैं’ देश का ‘महामंत्र’ बन गया है: पार्टी मुख्यालय में भाजपा कार्यकर्ताओं से पीएम मोदी
महाराष्ट्र देश का छठा राज्य बन गया है जिसने लगातार तीसरी बार भाजपा को जनादेश दिया है: पीएम मोदी

जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।

जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...

आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

साथियों,

आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

साथियों,

ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।



साथियों,

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।

साथियों,

महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।

साथियों,

लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों,

इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।

साथियों,

देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।



साथियों,

महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।

साथियों,

भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।

साथियों,

सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।

साथियों,

कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।

साथियों,

एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।

साथियों,

कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।

साथियों,

जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।

साथियों,

आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।


साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।