10 लाख से अधिक महिलाओं के बैंक खातों में धनराशि अंतरण किया
2800 करोड़ रुपए से अधिक की रेलवे परियोजनाओं का शिलान्यास और राष्ट्र को समर्पित किया
1000 करोड़ रुपए से अधिक की राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का शिलान्यास किया
पीएमएवाई के 26 लाख लाभार्थियों के गृह-प्रवेश समारोह में भाग लिया
अतिरिक्त परिवारों के सर्वेक्षण के लिए आवास+2024 ऐप शुभांरभ किया
प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) 2.0 के परिचालन दिशानिर्देश जारी किए
"इस राज्य ने हम पर बहुत विश्वास जताया है और हम लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने में कोई कमी नहीं छोड़ेंगे"
"केंद्र में एनडीए सरकार के 100 दिनों की अवधि के दौरान, गरीबों, किसानों, युवाओं और महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए बड़े फैसले लिए गए हैं"
"कोई भी देश व राज्य तभी प्रगति करता है जब उसकी आधी आबादी, यानि हमारी महिला शक्ति, उसके विकास में समान भागीदारी करती है"
"प्रधानमंत्री आवास योजना भारत में महिला सशक्तिकरण का प्रतिबिंब है"
"सरदार पटेल ने असाधारण इच्छाशक्ति के बल पर देश को एकजुट किया"

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

ओडिशा के गवर्नर रघुबर दास जी, यहां के लोकप्रिय मुख्यमंत्री मोहन मांझी जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी जुएल ओराम जी, धर्मेंद्र प्रधान जी, अन्नपूर्णा देवी जी, ओडिशा के डिप्टी सीएम के. वी. सिंहदेव जी, श्रीमती प्रभाती परीडा जी, सांसदगण, विधायकगण, देश के कोने-कोने से आज हमारे साथ जुड़े हुए सभी अन्य महानुभाव और ओडिशा के मेरे भाइयों और बहनों।

ओडिशा-रो प्रिय भाई ओ भौउणी मानंकु,

मोर अग्रिम सारदीय सुभेच्छा।

भगवान जगन्नाथ की कृपा से आज एक बार फिर मुझे ओडिशा की पावन धरती पर आने का सौभाग्य मिला है। जब भगवान जगन्नाथ की कृपा होती है, जब भगवान जगन्नाथ जी का आशीर्वाद बरसता है, तब भगवान जगन्नाथ की सेवा के साथ ही जनता जनार्दन की सेवा का भी भरपूर अवसर मिलता है।

साथियों,

आज देश भर में गणेश उत्सव की धूम है, गणपति को विदाई दी जा रही है। आज अनंत चतुर्दशी का पावन पर्व भी है। आज ही विश्वकर्मा पूजा भी है। दुनिया में भारत ही ऐसा देश है, जहां श्रम और कौशल को विश्वकर्मा के रूप में पूजा जाता है। मैं सभी देशवासियों को विश्वकर्मा जयंती की भी शुभकामनाएं देता हूं।

साथियों,

ऐसे पवित्र दिन अभी मुझे ओडिशा की माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ करने का अवसर मिला है। और ये भी महाप्रभु की कृपा है कि माता सुभद्रा के नाम से योजना का आरंभ हो और स्वयं इंद्र देवता आशीर्वाद देने के लिए पधारे हैं। आज देश के 30 लाख से ज्यादा परिवारों को यहीं भगवान जगन्नाथ जी की धरती से देशभर के अलग-अलग गांवों में लाखों परिवारों को पक्के घर भी दिये गए हैं। इनमें से 26 लाख घर हमारे देश के गांवों में और 4 लाख घर हमारे देश के अलग-अलग शहरों में ये घर दिए गए हैं। यहां ओडिशा के विकास के लिए हजारों करोड़ की विकास परियोजनाओं का भी लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है। मैं आप सबको, ओडिशा के सभी लोगों को, सभी देशवासियों को इस अवसर पर बधाई देता हूँ।

भाइयों-बहनों,

ओडिशा में भाजपा के नेतृत्व में नई सरकार बनते समय मैं शपथ ग्रहण समारोह में आया था। उसके बाद ये मेरी पहली यात्रा है। जब चुनाव चल रहे थे, तब मैंने आपसे कहा था, यहां डबल इंजन की सरकार बनेगी तो ओडिशा विकास की नई उड़ान भरेगा। जो सपने यहाँ के गाँव-गरीब, दलित-आदिवासी ऐसे हमारे वंचित परिवारों ने देखे हैं, जो सपने हमारी माताओं, बहनों, बेटियों ने, महिलाओं ने, जो सपने हमारे नौजवानों ने, हमारे नौजवान बेटियों ने, जो सपने हमारे मेहनतकस मध्यम वर्ग ने देखे हैं, उन सबके सपने भी पूरे होंगे, ये मेरा विश्वास है और महाप्रभु का आशीर्वाद है। आज आप देखिए जो वादे हमने किए थे, वो अभूतपूर्व गति से पूरे हो रहे हैं। हमने कहा था, हम सरकार बनते ही भगवान जगन्नाथ के मंदिर के चारों द्वार खोलेंगे। सरकार बनते ही हमने भगवान जगन्नाथ मंदिर परिसर के बंद द्वार खुलवा दिये। जैसा हमने कहा था, मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया। भाजपा सरकार दिन रात जनता-जनार्दन की सेवा के लिए काम कर रही है। हमारे मोहन जी, के. वी. सिंह देव जी, बहन प्रभाती परीडा जी, और सभी मंत्रियों के नेतृत्व में सरकार खुद जनता के पास जा रही है, उनकी समस्याओं के समाधान का प्रयास कर रही है। और मैं इसके लिए यहां की मेरी पूरी टीम की, मेरे सभी साथियों की भरपूर प्रशंसा करता हूं, मैं उनकी सराहना करता हूं।

भाइयों-बहनों,

आज का ये दिन एक और वजह से भी विशेष है। आज केंद्र की एनडीए सरकार के 100 दिन भी हो रहे हैं। इस दौरान, गरीब, किसान, नौजवान और नारीशक्ति के सशक्तिकरण के लिए बड़े-बड़े फैसले लिए गए हैं। बीते 100 दिन में तय हुआ कि गरीबों के लिए 3 करोड़ पक्के घर बनाएंगे। बीते 100 दिनों में नौजवानों के लिए 2 लाख करोड़ रुपए का पीएम पैकेज घोषित किया गया है। युवा साथियों को इसका बहुत लाभ होगा। इसके तहत प्राइवेट कंपनियों में नौजवानों की पहली नौकरी की पहली सैलरी सरकार देने वाली है। ओडिशा सहित पूरे देश में 75 हज़ार नई मेडिकल सीटें जोड़ने का भी फैसला किया गया है। कुछ दिन पहले ही 25 हज़ार गांवों को पक्की सड़क से जोड़ने की योजना को भी स्वीकृति दी गई है। इसका फायदा मेरे ओडिशा के गांवों को भी होगा। बजट में जनजातीय मंत्रालय के बजट में करीब दोगुनी बढ़ोतरी की गई है। देशभर में करीब 60 हज़ार आदिवासी गांवों के विकास के लिए विशेष योजना की घोषणा की गई है। बीते 100 दिनों में ही सरकारी कर्मचारियों के लिए एक शानदार पेंशन योजना की भी घोषणा की गई है। जो कर्मचारी हैं, जो दुकानदार हैं, मध्यम वर्ग के उद्यमी हैं, उनके इनकम टैक्स में भी कमी की गई है।

साथियों,

बीते 100 दिन में ही ओडिशा सहित पूरे देश में 11 लाख नई लखपति दीदी बनी हैं। हाल में ही धान किसानों, तिलहन और प्याज किसानों के लिए बड़ा निर्णय लिया गया है। विदेशी तेल के आयात पर शुल्क बढ़ाया गया है, ताकि देश के किसानों से ज्यादा कीमत पर खरीद हो। इसके अलावा बासमती के निर्यात पर लगने वाला शुल्क घटाया गया है। इससे चावल के निर्यात को बल मिलेगा और बासमती उगाने वाले किसानों को ज्यादा फायदा होगा। खरीफ की फसलों पर MSP बढ़ाया गया है। इससे देश के करोड़ों किसानों को करीब 2 लाख करोड़ रुपए का फायदा होगा। बीते 100 दिन में सबके हित में ऐसे कई बड़े कदम उठाए गए हैं।

साथियों,

कोई भी देश, कोई भी राज्य तभी आगे बढ़ता है, जब उसके विकास में उसकी आधी आबादी यानि हमारी नारीशक्ति की बराबर भागीदारी होती है। इसलिए, महिलाओं की उन्नति, महिलाओं का बढ़ता सामर्थ्य, ये ओडिशा के विकास का मूलमंत्र होने वाला है। यहाँ तो भगवान जगन्नाथ जी के साथ देवी सुभद्रा की मौजूदगी भी हमें यही बताती है, यही सिखाती है। मैं यहां देवी सुभद्रा स्वरूपा सभी माताओं-बहनों-बेटियों को आदरपूर्वक नमन करता हूं। मुझे खुशी है कि भाजपा की नई सरकार ने अपने सबसे शुरुआती फैसलों में ही सुभद्रा योजना की सौगात हमारी माताओं-बहनों को दी है। इसका लाभ ओडिशा की 1 करोड़ से ज्यादा महिलाओं को मिलेगा। इस योजना के तहत महिलाओं को कुल 50 हजार रुपए की राशि दी जाएगी। ये पैसा समय-समय पर आपको मिलता रहेगा। ये राशि सीधे माताओं-बहनों के बैंक खातों में भेजी जाएगी, बीच में कोई बिचौलिया नहीं, सीधा आपके पास। RBI की डिजिटल करेंसी के पायलट प्रोजेक्ट से भी इस योजना को जोड़ा गया है। इस डिजिटल करेंसी को आप सभी बहनें, जब मन आए डिजिटल तरीके से खर्च भी कर पाएंगी। देश में डिजिटल करेंसी की अपनी तरह की इस पहली योजना से जुड़ने के लिए मैं ओडिशा की माताओं, बहनों, बेटियां सभी महिलाओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। सुभद्रा जोजोना मा ओ भौउणी मानंकु सशक्त करू, मा सुभद्रांक निकट-रे एहा मोर प्रार्थना।

भाइयों-बहनों,

मुझे बताया गया है, सुभद्रा योजना को ओडिशा की हर माता-बहन-बेटी तक पहुंचाने के लिए पूरे प्रदेश में कई यात्राएं भी निकाली जा रही हैं। इसके लिए माताओं-बहनों को जागरूक किया जा रहा है। योजना से जुड़ी सारी जानकारी दी जा रही है। भारतीय जनता पार्टी के, भाजपा के लाखों कार्यकर्ता भी इस सेवा अभियान में पूरे जोर-शोर से जुटे हैं। मैं इस जनजागरण के लिए सरकार, प्रशासन के साथ-साथ भाजपा के विधायक, भाजपा के सांसद और भाजपा के लाखों पार्टी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ।

साथियों,

भारत में महिला सशक्तिकरण का एक और प्रतिबिंब है- प्रधानमंत्री आवास योजना। इस योजना के कारण छोटे से छोटे गाँव में भी अब संपत्ति महिलाओं के नाम होने लगी है। आज ही यहाँ देश भर के लगभग 30 लाख परिवारों का गृहप्रवेश करवाया गया है। अभी तीसरे कार्यकाल में हमारी सरकार के कुछ महीने ही हुए हैं, इतने कम समय में ही 15 लाख नए लाभार्थियों को आज स्वीकृति पत्र भी दे दिए गए हैं। 10 लाख से ज्यादा लाभार्थियों के बैंक खातों में पैसे भेजे गए हैं, ये शुभ काम भी हमने ओडिशा की, महाप्रभु की इस पवित्र धरती से किया है, और इसमें बड़ी संख्या में मेरे ओडिशा के गरीब परिवार भी शामिल हैं। जिन लाखों परिवारों को आज पक्का घर मिला है, या पक्का घर मिलना पक्का हुआ है, उनके लिए ये जीवन की नई शुरुआत है और पक्की शुरूआत है।

भाइयों-बहनों,

यहाँ आने से पहले मैं हमारे एक आदिवासी परिवार के गृहप्रवेश के कार्यक्रम में उनके घर भी गया था। उस परिवार को भी अपना नया पीएम आवास मिला है। उस परिवार की खुशी, उनके चेहरों का संतोष, मैं कभी नहीं भूल सकता। उस आदिवासी परिवार ने मुझे मेरी बहन ने खुशी से खीरी भी खिलाई! और जब मैं खीरी खा रहा था तो स्वाभाविक था कि मुझे मेरी मां की याद आना, क्योंकि जब मेरी मां जीवित थी तो मैं जन्मदिन पर हमेशा मां के आशीर्वाद लेने जाता था, और मां मेरे मुंह में गुड़ खिलाती थी। लेकिन मां तो नहीं है आज एक आदिवासी मां ने खीर खिलाकर मुझे जन्मदिन का आशीर्वाद दिया। ये अनुभव, ये अहसास मेरे पूरे जीवन की पूंजी है। गाँव-गरीब, दलित, वंचित, आदिवासी समाज के जीवन में आ रहा ये बदलाव, उनकी ये खुशियाँ ही मुझे और मेहनत करने की ऊर्जा देती हैं।

साथियों,

ओडिशा के पास वो सब कुछ है, जो एक विकसित राज्य के लिए जरूरी होता है। यहाँ के युवाओं की प्रतिभा, महिलाओं का सामर्थ्य, प्राकृतिक संसाधन, उद्योगों के लिए अवसर, पर्यटन की अपार संभावनाएं, क्या कुछ यहाँ नहीं है? पिछले 10 वर्षों में केवल केंद्र में रहते हुये ही हमने ये साबित किया है कि ओडिशा हमारे लिए कितनी बड़ी प्राथमिकता है। 10 वर्ष पहले केंद्र की तरफ से ओडिशा को जितना पैसा मिलता था, आज उससे तीन गुना ज्यादा पैसा मिलता है। मुझे खुशी है कि अब ओडिशा में वो योजनाएं भी लागू हो रही हैं, जो पहले लागू नहीं थीं। आयुष्मान योजना के तहत 5 लाख रुपए तक मुफ्त इलाज का लाभ अब ओडिशा के लोगों को भी मिलेगा। और इतना ही नहीं, अब तो केंद्र सरकार ने 70 साल के ऊपर के बुजुर्ग के लिए भी 5 लाख रुपए का इलाज मुफ्त कर दिया है। आपकी आय चाहे कितनी ही हो, आपके घर में अगर 70 साल के ऊपर के बुजुर्ग हैं, उनकी उम्र 70 साल से ऊपर है तो उनके इलाज की चिंता मोदी करेगा। लोकसभा चुनाव के समय मोदी ने आपसे ये वायदा किया था और मोदी ने अपनी गारंटी पूरी करके दिखाई है।

साथियों,

गरीबी के खिलाफ भाजपा के अभियान का सबसे बड़ा लाभ ओडिशा में रहने वाले दलित, वंचित और आदिवासी समाज को मिला है। आदिवासी समाज के कल्याण के लिए अलग मंत्रालय बनाना हो, आदिवासी समाज को जड़-जंगल-जमीन के अधिकार देने की बात हो, आदिवासी युवाओं को शिक्षा और रोजगार के अवसर देना हो या ओडिशा की आदिवासी महिला को देश की माननीय राष्ट्रपति बनाना हो, ये काम पहली बार हमने किए हैं।

साथियों,

ओडिशा में कितने ही ऐसे आदिवासी इलाके, कितने ऐसे जनजातीय समूह थे, जो कई-कई पीढ़ियों तक विकास से वंचित थे। केंद्र सरकार ने जनजातियों में भी सबसे पिछड़ी जनजातियों के लिए पीएम जनमन योजना शुरू की है। ओडिशा में ऐसी 13 जनजातियों की पहचान की गई है। जनमन योजना के तहत सरकार इन सभी समाजों तक विकास योजनाओं का लाभ पहुंचा रही है। आदिवासी क्षेत्रों को सिकल सेल एनीमिया से मुक्त करने के लिए भी अभियान चलाया जा रहा है। पिछले 3 महीने में इस अभियान के तहत 13 लाख से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग की गई है।

भाइयों और बहनों,

आज हमारा देश पारंपरिक कौशल के संरक्षण पर भी अभूतपूर्व रूप से फोकस कर रहा है। हमारे यहां सैकड़ों-हजारों वर्षों से लोहार, कुम्हार, सुनार, मूर्तिकार जैसे काम करने वाले लोग रहे हैं। ऐसे 18 अलग-अलग पेशों को ध्यान में रखते हुए पिछले साल विश्वकर्मा दिवस पर विश्वकर्मा योजना शुरू की गई थी। इस योजना पर सरकार 13 हजार करोड़ रुपए खर्च कर रही है। अभी तक 20 लाख लोग इसमें रजिस्टर हो चुके हैं। इसके तहत विश्वकर्मा साथियों को ट्रेनिंग दी जा रही। आधुनिक औज़ार खरीदने के लिए हज़ारों रुपए दिए जा रहे हैं। साथ ही बिना गारंटी का सस्ता लोन बैंकों से दिया जा रहा है। गरीब के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा से लेकर सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा तक की ये गारंटी, उनके जीवन में आ रहे ये बदलाव, यही विकसित भारत की असली ताकत बनेंगे।

साथियों,

ओडिशा के पास इतना बड़ा समुद्री तट है। यहाँ इतनी खनिज सम्पदा है, इतनी प्राकृतिक सम्पदा है। हमें इन संसाधनों को ओडिशा का सामर्थ्य बनाना है। अगले 5 साल में हम ओडिशा को रोड और रेलवे की कनेक्टिविटी को नई ऊंचाई पर लेकर जाना है। आज भी, यहाँ रेल और रोड से जुड़ी कई परियोजनाओं का लोकार्पण किया गया है। आज मुझे लांजीगढ़ रोड-अंबोदला-डोइकालू रेल लाइन देश को समर्पित करने का सौभाग्य मिला है। लक्ष्मीपुर रोड-सिंगाराम-टिकरी रेल लाइन भी आज देश को समर्पित की जा रही है। इसके साथ ही ढेंकनाल-सदाशिवपुर-हिंडोल रोड रेल लाइन भी राष्ट्र को समर्पित किया जा रहा है। पारादीप से कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए भी आज काफी काम शुरू हुए हैं। मुझे जयपुर-नवरंगपुर नई रेलवे लाइन की आधारशिला रखने का सौभाग्य भी मिला है। इन प्रोजेक्ट्स से ओडिशा के युवाओं के लिए बड़ी संख्या में रोजगार के नए अवसर तैयार होंगे। वो दिन दूर नहीं जब पुरी से कोणार्क रेलवे लाइन पर भी तेजी से काम शुरू होगा। हाइटेक ‘नमो भारत रैपिड रेल’ भी बहुत जल्द ही ओडिशा को मिलने वाली है। ये आधुनिक इनफ्रास्ट्रक्चर ओडिशा के लिए संभावनाओं के नए द्वार खोलेगा।

साथियों,

आज 17 सितंबर को देश हैदराबाद मुक्ति दिवस भी मना रहा है। आज़ादी के बाद हमारा देश जिन हालातों में था, विदेशी ताक़तें जिस तरह देश को कई टुकड़ों में तोड़ना चाहती थीं। अवसरवादी लोग जिस तरह सत्ता के लिए देश के टुकड़े-टुकड़े करने के लिए तैयार हो गए थे। उन हालातों में सरदार पटेल सामने आए। उन्होंने असाधारण इच्छाशक्ति दिखाकर देश को एक किया। हैदराबाद में भारत-विरोधी कट्टरपंथी ताकतों पर नकेल कसकर 17 सिंतबर को हैदराबाद को मुक्त कराया गया। इसलिए हैदराबाद मुक्ति दिवस, ये केवल एक तारीख नहीं है। ये देश की अखंडता के लिए, राष्ट्र के प्रति हमारे दायित्वों के लिए एक प्रेरणा भी है।

साथियों,

आज के इस अहम दिन हमें उन चुनौतियों पर भी ध्यान देना है जो देश को पीछे धकेलने में जुटी हैं। आज जब हम गणपति बप्पा को विदाई दे रहे हैं तो मैं एक विषय इसी से जुड़ा उठा रहा हूं। गणेश उत्सव, हमारे देश के लिए केवल एक आस्था का पर्व ही नहीं है। गणेश उत्सव ने हमारे देश की आज़ादी में भी बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी। जब सत्ता की भूख में अंग्रेज़ देश को बांटने में लगे थे। देश को जातियों के नाम पर लड़वाना, समाज में जहर घोलना, ‘बांटो और राज करो’, ये अंग्रेजों का हथियार बन गया था, तब लोकमान्य तिलक ने गणेश उत्सव के सार्वजनिक आयोजनों के जरिए भारत की आत्मा को जगाया था। ऊंच-नीच, भेदभाव, जात-पात, इन सबसे ऊपर उठकर हमारा धर्म हमें जोड़ना सिखाता है, गणेश उत्सव इसका प्रतीक बन गया था। आज भी, जब गणेश उत्सव होता है, हर कोई उसमें शामिल होता है। कोई भेद नहीं, कोई फर्क नहीं, पूरा समाज एक शक्ति बनकर के, एक सामर्थ्यवान बनकर के खड़ा होता है।

भाइयों और बहनों,

‘बांटो और राज करो’ की नीति पर चलने वाले अंग्रेजों की नज़रों में उस समय भी ‘गणेश उत्सव’ खटकता था। आज भी, समाज को बांटने और तोड़ने में लगे सत्ता के भूखे लोगों को गणेश पूजा से परेशानी हो रही है। आपने देखा होगा काँग्रेस और उसके ecosystem के लोग पिछले कुछ दिनों से इसलिए भड़के हुए हैं, क्योंकि मैंने गणपति पूजन में हिस्सा लिया था। और तो और कर्नाटक में, जहां इनकी सरकार है, वहाँ तो इन लोगों ने और भी बड़ा अपराध किया। इन लोगों ने भगवान गणेश की प्रतिमा को ही सलाखों के पीछे डाल दिया। पूरा देश उन तस्वीरों से विचलित हो गया। ये नफरत भरी सोच, समाज में जहर घोलने की ये मानसिकता, ये हमारे देश के लिए बहुत खतरनाक है। इसलिए ऐसी नफरती ताकतों को हमें आगे नहीं बढ़ने देना है।

साथियों,

हमें साथ मिलकर अभी कई बड़े मुकाम हासिल करने हैं। हमें ओडिशा को, अपने देश को, सफलता की नई ऊंचाइयों पर लेकर जाना है। ओड़िसा बासींकरो समर्थनो पाँईं मूँ चीरअ रुणी, मोदी-रो आस्सा, सारा भारत कोहिबो, सुन्ना-रो ओड़िसा। मुझे विश्वास है, विकास की ये रफ्तार आने वाले समय में और तेज होगी। मैं एक बार फिर आप सबको बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। मेरे साथ बोलिए-

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text Of Prime Minister Narendra Modi addresses BJP Karyakartas at Party Headquarters
November 23, 2024
आज महाराष्ट्र ने विकास, सुशासन और सच्चे सामाजिक न्याय की जीत देखी है: पीएम मोदी
महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा को कांग्रेस और उसके सहयोगियों की कुल सीटों से कहीं ज़्यादा सीटें दी हैं: पीएम मोदी
महाराष्ट्र ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। यह पिछले 50 सालों में किसी भी पार्टी या चुनाव-पूर्व गठबंधन की सबसे बड़ी जीत है: पीएम मोदी
‘एक हैं तो सेफ हैं’ देश का ‘महामंत्र’ बन गया है: पार्टी मुख्यालय में भाजपा कार्यकर्ताओं से पीएम मोदी
महाराष्ट्र देश का छठा राज्य बन गया है जिसने लगातार तीसरी बार भाजपा को जनादेश दिया है: पीएम मोदी

जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।

जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...

आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

साथियों,

आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

साथियों,

ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।



साथियों,

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।

साथियों,

महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।

साथियों,

लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों,

इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।

साथियों,

देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।



साथियों,

महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।

साथियों,

भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।

साथियों,

सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।

साथियों,

कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।

साथियों,

एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।

साथियों,

कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।

साथियों,

जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।

साथियों,

आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।


साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।