QuoteInaugurate New Terminal Building at Tiruchirappalli International Airport
QuoteDedicates to nation multiple projects related to rail, road, oil and gas and shipping sectors in Tamil Nadu
QuoteDedicates to nation indigenously developed Demonstration Fast Reactor Fuel Reprocessing Plant (DFRP) at IGCAR, Kalpakkam
QuoteDedicates to nation the General Cargo Berth-II (Automobile Export/Import Terminal-II & Capital Dredging Phase-V) of Kamarajar Port
QuotePays tributes to Thiru Vijyakanth and Dr M S Swaminathan
QuoteCondoles the loss of lives due heavy rain in recent times
Quote“The new airport terminal building and other connectivity projects being launched in Tiruchirappalli will positively impact the economic landscape of the region”
Quote“The next 25 years are about making India a developed nation, that includes both economic and cultural dimensions”
Quote“India is proud of the vibrant culture and heritage of Tamil Nadu”
Quote“Our endeavour is to consistently expand the cultural inspiration derived from Tamil Nadu in the development of the country”
Quote“Tamil Nadu is becoming a prime brand ambassador for Make in India”
Quote“Our government follows the mantra that development of states reflects in the development of the nation”
Quote“40 Union Ministers from the Central Government have toured Tamil Nadu more than 400 times in the past year”
Quote“I can see the rise of a new hope in the youth of Tamil Nadu. This hope will become the energy of Viksit Bharat”

भारत माता की जय !

भारत माता की जय !

भारत माता की जय !

तमिलनाडु के राज्यपाल श्री आर एन रवि जी, मुख्यमंत्री एम के स्टालिन जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी ज्योतिरादित्य सिंधिया जी, और इसी धरती के संतान मेरे साथी एल. मुरूगन जी, तमिलनाडु सरकार के मंत्रिगण, सांसद और विधायकगण और तमिलनाडु के मेरे परिवारजनों !

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वणक्कम !

येनद तमिल कुड़ुम्बमे, मुदलिल उन्गल अणै वरक्कुम 2024 पुत्तांड नल वाल्थ-क्कल

I wish that the year 2024 is peaceful and prosperous for everyone. It is a privilege that my first public programme in 2024 is happening in Tamil Nadu. Today’s development projects worth nearly Rs 20 thousand crore will strengthen Tamil Nadu’s progress. I congratulate you for these projects spanning roadways, railways, ports, airports, energy and a petroleum pipeline. Many of these projects will boost Ease of Travel and also create thousands of employment opportunities.

Friends,

The last few weeks of 2023 were difficult for many people in Tamil Nadu. We lost many of our fellow citizens due to heavy rains. There has also been significant loss of property. I was deeply moved at the condition of the affected families. The central government stands with the people of Tamil Nadu in this time of crisis. We are providing every possible support to the state government. Further, just a few days ago, we lost Thiru Vijayakanth Ji. He was a Captain not only in the world of cinema but also in politics. He won the hearts of the people through his work in films. As a politician, he always put national interest above everything. I pay my tributes to him. I also express my condolences to his family and admirers.

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Friends,

Today, when I am here, I also remember another son of Tamil Nadu, Dr MS Swaminathan Ji. He played an important role in ensuring food security for our country. We lost him last year as well.

येनद तमिल कुड़ुम्बमे,

आज़ादी का अमृतकाल, यानि आने वाले 25 साल भारत को डेवलप्ड नेशन बनाने के हैं। जब मैं विकसित भारत की बात करता हूं, तो इसमें आर्थिक और सांस्कृतिक, दोनों पहलू शामिल हैं। इसलिए मैं इसमें तमिलनाडु की विशेष भूमिका देखता हूं। तमिलनाडु, भारत की समृद्धि और सांस्कृतिक विरासत का प्रतिबिंब है। तमिलनाडु के पास तमिल भाषा और ज्ञान का प्राचीन खज़ाना है। संत तिरुवल्लुवर से लेकर सुब्रह्मण्य भारती तक अनेक संतों, ज्ञानियों ने अद्भुत साहित्य की रचना की है। सीवी रमन से लेकर आज तक अनेकों, अद्भुत साइंटिफिक और टेक्नॉलॉजिकल ब्रेन इस मिट्टी ने पैदा किए हैं। इसलिए मैं जब भी तमिलनाडु आता हूं, एक नई ऊर्जा से भर जाता हूं।

येनद कुड़ुम्बमे,

तिरुचिरापल्ली शहर में तो समृद्ध इतिहास के प्रमाण कदम-कदम पर दिखते हैं। यहां हमें पल्लव, चोल, पांड्य और नायक जैसे विभिन्न राजवंशों के सुशासन का मॉडल दिखता है। मेरे बहुत सारे तमिल मित्र रहे हैं, मेरी उनसे बहुत आत्मीयता रही है और मुझे उनसे तमिल कल्चर के बारे में बहुत कुछ सीखने को भी मिला है। मैं दुनिया में कहीं भी जाता हूं तो तमिलनाडु की चर्चा किए बिना रह नहीं पाता।

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साथियों,

मेरा प्रयास है कि देश के विकास और विरासत में तमिलनाडु से मिली सांस्कृतिक प्रेरणा का लगातार विस्तार हो। आपने देखा है कि दिल्ली में संसद की नई इमारत में पवित्र सेंगोल की स्थापना की गई है। ये गुड गवर्नेंस के उस मॉडल से प्रेरणा लेने का प्रयास है, जो तमिल परंपरा ने पूरे देश को दिया है। काशी-तमिल संगमम्, सौराष्ट्र-तमिल संगमम् जैसे अभियानों का मकसद भी यही है। जब से ये अभियान शुरु हुए हैं, तब से पूरे देश में तमिल भाषा, तमिल कल्चर को लेकर उत्साह और बढ़ा है।

येनद कुड़ुम्बमे,

पिछले 10 वर्षों में भारत ने आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर बहुत बड़ा निवेश किया है। रोड-रेल, पोर्ट-एयरपोर्ट, गरीबों के घर हो या अस्पताल, आज भारत फिजिकल और सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर पर अभूतपूर्व निवेश कर रहा है। आज भारत दुनिया की टॉप फाइव इकॉनॉमी में है। आज भारत पूरी दुनिया में, एक नई उम्मीद बनकर उभरा है। बड़े-बड़े इन्वेस्टर्स भारत में निवेश कर रहे हैं। और इसका सीधा लाभ तमिलनाडु को, तमिलनाडु के लोगों को भी मिल रहा है। तमिलनाडु, मेक इन इंडिया का बहुत बड़ा ब्रैंड एंबेसेडर बन रहा है।

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येनद कुड़ुम्बमे,

हमारी सरकार, राज्य के विकास से, देश के विकास के मंत्र पर चलती है। पिछले एक साल में केंद्र सरकार के 40 से भी ज्यादा अलग-अलग मंत्रियों ने 400 से ज्यादा बार तमिलनाडु का दौरा किया है। जब तमिलनाडु का तेज विकास होगा, तो भारत का भी विकास तेज होगा। डेवलपमेंट का एक बहुत बड़ा माध्यम कनेक्टिविटी भी है। इससे व्यापार, कारोबार भी बढ़ता है, लोगों को भी सुविधा होती है। विकास की यही भावना आज हम यहां तिरुचिरापल्ली में भी देख रहे हैं। त्रिची इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नए टर्मिनल से यहां की कैपेसिटी 3 गुणा बढ़ जाएगी। इससे ईस्ट एशिया, मिडिल ईस्ट और देश-दुनिया के दूसरे हिस्सों तक त्रिची की कनेक्टिविटी, और सशक्त होगी। इससे त्रिची सहित आसपास के बहुत बड़े क्षेत्र में निवेश के, नए बिजनेस के नए अवसर भी बनेंगे। यहां एजुकेशन, हेल्थ और टूरिज्म के सेक्टर को बहुत बल मिलेगा। यहां एयरपोर्ट की कैपेसिटी तो बढ़ी ही है, इसको नेशनल हाईवे से कनेक्ट करने वाले एलिवेटेड रोड से भी बहुत सुविधा होगी। मुझे खुशी है कि त्रिची एयरपोर्ट, लोकल कला-संस्कृति से, तमिल परंपरा से पूरी दुनिया को परिचित कराएगा।

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येनद कुड़ुम्बमे,

आज तमिलनाडु की रेल कनेक्टिविटी को सशक्त करने के लिए 5 नए प्रोजेक्ट शुरू हो रहे हैं। इनसे ट्रैवल और ट्रांसपोर्टेशन तो आसान होगी ही, इस क्षेत्र में इंडस्ट्री को, बिजली उत्पादन को भी बल मिलेगा। आज जिन रोड प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण हुआ है, वो श्रीरंगम, चिदंबरम, मदुरै, रामेश्वरम, वेल्लोर, जैसे महत्वपूर्ण स्थानों को जोड़ते हैं। ये हमारी आस्था, आध्यात्म और पर्यटन के बड़े केंद्र हैं। इससे सामान्य जन के साथ-साथ, तीर्थयात्रियों को भी बहुत सुविधा होगी।

येनद कुड़ुम्बमे,

बीते 10 वर्षों में सेंट्रल गवर्नमेंट का बहुत अधिक फोकस पोर्ट लेड डेवलपमेंट पर रहा है। हमने समुद्री किनारों के इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास और मछुआरे साथियों के जीवन को बदलने के लिए अनेक काम किए हैं। पहली बार फिशरीज के लिए अलग मिनिस्ट्री, अलग बजट हमने बनाया है। पहली बार, मछुआरों के लिए भी किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी गई है। मछुआरों के लिए डीप सी फिशिंग के लिए बोट्स के आधुनिकीकरण के लिए भी सरकार मदद दे रही है। पीएम मत्स्य संपदा योजना से मछली के कारोबार से जुड़े साथियों के लिए बहुत बड़ी मदद मिल रही है।

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येनद कुड़ुम्बमे,

सागरमाला योजना से आज तमिलनाडु सहित देश के अलग-अलग पोर्ट्स को अच्छी सड़कों से कनेक्ट किया जा रहा है। सेंट्रल गवर्नमेंट के प्रयासों से आज भारत की पोर्ट कैपेसिटी और जहाज़ों के टर्नअराउंड टाइम में बहुत सुधार हुआ है। कामराजार पोर्ट भी आज देश के सबसे तेज़ी से विकसित होने वाले पोर्ट्स में से एक है। इस पोर्ट की कैपेसिटी को हमारी सरकार लगभग दो गुना कर चुकी है। अब जनरल कार्गो बर्थ-टू और कैपिटल ड्रेजिंग फेज-फाइव के उद्घाटन से तमिलनाडु से होने वाले इंपोर्ट-एक्सपोर्ट को नई ताकत मिलेगी। विशेष रूप से ये ऑटोमोबाइल सेक्टर में तमिलनाडु की क्षमताओं का विस्तार करेगा। न्यूक्लियर रिएक्टर और गैस पाइपलाइन्स से भी तमिलनाडु में इंडस्ट्री को, रोजगार निर्माण को बल मिलेगा।

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येनद कुड़ुम्बमे,

आज केंद्र सरकार, तमिलनाडु के विकास के लिए राज्य पर रिकॉर्ड राशि खर्च कर रही है। 2014 से पहले के 10 सालों में केंद्र सरकार की तरफ से राज्यों को 30 लाख करोड़ रुपए के आसपास ही दिए गए थे। जबकी हमारी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में राज्यों को 120 लाख करोड़ रुपए दिए हैं। 2014 से पहले के 10 साल में तमिलनाडु को जितनी राशि केंद्र सरकार से मिली थी, उससे ढाई गुना ज्यादा राशि हमारी सरकार ने दी है। पहले के मुकाबले हमारी सरकार ने तमिलनाडु में नेशनल हाईवे बनाने के लिए 3 गुना ज्यादा राशि खर्च की है। रेलवे को आधुनिक बनाने के लिए भी हमारी सरकार, पहले के मुकाबले तमिलनाडु में ढाई गुना ज्यादा खर्च कर रही है। आज तमिलनाडु के लाखों गरीब परिवारों को केंद्र सरकार से मुफ्त राशन मिल रहा है, मुफ्त इलाज मिल रहा है। हमारी सरकार ने पक्का घर, टॉयलेट, नल कनेक्शन, गैस कनेक्शन, जैसी अनेक सुविधाएं यहां लोगों को दी हैं।

येनद कुड़ुम्बमे,

विकसित भारत के निर्माण के लिए सबका प्रयास आवश्यक है। मुझे तमिलनाडु की जनता के, यहां की युवाशक्ति के सामर्थ्य पर अटूट विश्वास है। मैं तमिलनाडु के युवा में एक नई सोच, नई उमंग का उदय होते देख रहा हूं। यही उमंग विकसित भारत की ऊर्जा बनेगी। एक बार फिर आप सभी को विकास कार्यों की बहुत-बहुत बधाई।

भारत माता की जय !

भारत माता की जय !

भारत माता की जय !

वणक्कम !

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ये दशक उत्तराखंड का दशक बन रहा है: हर्षिल में पीएम मोदी
March 06, 2025
Quoteएक बार फिर देवभूमि उत्तराखंड में आकर धन्य हो गया: प्रधानमंत्री
Quoteयह दशक उत्तराखंड का दशक बन रहा है: प्रधानमंत्री
Quoteहमारे पर्यटन क्षेत्र में विविधता लाना, इसे बारहमासी बनाना, उत्तराखंड के लिए बहुत महत्वपूर्ण है: प्रधानमंत्री
Quoteउत्तराखंड में कोई ऑफ सीजन नहीं होना चाहिए, हर मौसम में पर्यटन चालू रहना चाहिए: प्रधानमंत्री
Quoteकेंद्र और राज्य की हमारी सरकारें उत्तराखंड को एक विकसित राज्य बनाने के लिए मिलकर काम कर रही हैं: प्रधानमंत्री

गंगा मैया की जय।

गंगा मैया की जय।

गंगा मैया की जय।

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

भारत माता की जय!

उत्तराखंड का म्यारा प्यारा भै-वैण्यों, आप सबी तैं मेरी सेवा-सौंली, नमस्कार!

यहां के ऊर्जावान मुख्यमंत्री, मेरे छोटे भाई पुष्कर सिंह धामी जी, केंद्रीय मंत्री श्री अजय टम्टा जी, राज्य के मंत्री सतपाल महाराज जी, संसद में मेरे साथी और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट जी, संसद में मेरे साथी माला राज्य लक्ष्मी जी, विधायक सुरेश चौहान जी, सभी गणमान्य लोग, भाइयों और बहनों।

सबसे पहले मैं माणा गांव में कुछ दिन पहले जो हादसा हुआ है, उस पर अपना दु:ख व्यक्त करता हूं। मैं हादसे में जान गंवाने वाले साथियों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करता हूं। संकट की घड़ी में देश के लोगों ने जो एकजुटता दिखाई है, उससे पीड़ित परिवारों को बहुत हौसला मिला है।

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साथियों,

उत्तराखंड की ये भूमि, हमारी ये देवभूमि, आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत है। चार धाम और अनंत तीर्थों का आशीर्वाद, जीवनदायिनी मां गंगा का ये शीतकालीन गद्दी स्थल, आज एक बार फिर यहाँ आकर, आप सब अपने परिवारजनों से मिलकर, मैं धन्य हो गया हूं। माँ गंगा की कृपा से ही मुझे दशकों तक उत्तराखंड की सेवा का सौभाग्य मिला है। मैं मानता हूँ, उन्हीं के आशीर्वाद से मैं काशी तक पहुंचा, और अब सांसद के रूप में काशी की सेवा कर रहा हूँ। और इसलिए, मैंने काशी में कहा भी था- मुझे माँ गंगा ने बुलाया है। और कुछ महीने पहले मुझे ये भी अनुभूति हुई कि जैसे मां गंगा ने मुझे अब गोद ले लिया है। ये माँ गंगा की ही दुलार है। अपने इस बच्चे के प्रति उनका स्नेह है कि आज मैं उनके मायके मुखवा गांव आया हूँ। यहाँ मुझे मुखीमठ-मुखवा में दर्शन पूजन का भी सौभाग्य प्राप्त हुआ है।

साथियों,

आज हर्षिल की इस धरती पर आया हूं तो मैं अपनी दीदी-भुलियों के स्नेह को भी याद कर रहा हूं। वो मुझे हर्षिल का राजमा और दूसरे लोकल प्रोडक्ट्स भेजती रहती हैं। आपके इस लगाव और उपहार के लिए मैं आपका आभारी हूं।

साथियों,

कुछ साल पहले जब मैं बाबा केदारनाथ के दर्शन के लिए, बाबा के चरणों में गया था, तो बाबा के दर्शन-अर्चन के बाद मेरे मुंह से अचानक कुछ भाव प्रकट हुए थे, और मैं बोल पड़ा था- ये दशक उत्तराखंड का दशक होगा। वो शब्द मेरे थे, भाव मेरे थे, लेकिन उनके पीछे सामर्थ्य देने की शक्ति स्वयं बाबा केदारनाथ ने दी थी। मैं देख रहा हूँ, बाबा केदार के आशीर्वाद से धीरे-धीरे वो शब्द, वो भाव सच्चाई में, हकीकत में बदल रहे हैं। ये दशक उत्तराखंड का बन रहा है। यहां उत्तराखंड की प्रगति के लिए नए-नए रास्ते खुल रहे हैं। जिन आकांक्षाओं को लेकर उत्तराखंड का जन्म हुआ था, उत्तराखंड के विकास के लिए जो संकल्प हमने लिए थे, नित नई सफलताओं और नए लक्ष्यों की ओर बढ़ते हुए वो संकल्प आज पूरे हो रहे हैं। इसी दिशा में, शीतकालीन पर्यटन एक और बड़ा महत्वपूर्ण कदम है। इसके माध्यम से उत्तराखंड के आर्थिक सामर्थ्य को साकार करने में बहुत बड़ी मदद मिलेगी। मैं इस अभिनव प्रयास के लिए धामी जी को, उत्तराखंड सरकार को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ, और उत्तराखंड की प्रगति के लिए कामना करता हूँ।

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साथियों,

अपने टूरिज्म सेक्टर को diversify करना, बारहमासी बनाना, 365 दिन, ये उत्तराखंड के लिए बहुत जरूरी है। मैं चाहता हूं कि उत्तराखंड में कोई भी सीजन हो, कोई भी सीजन ऑफ सीजन ना हो, हर सीजन में टूरिज्म ऑन रहे। अब ऑफ नहीं ऑन का जमाना। अभी पहाड़ों पर पर्यटन सीजन के हिसाब से चलता है। आप सब जानते हैं, मार्च, अप्रैल, मई, जून के महीने में बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं, लेकिन इसके बाद उनकी गिनती बहुत कम हो जाती है। सर्दियों में अधिकतर होटल्स, resorts और होमस्टे खाली पड़े रहते हैं। ये असंतुलन उत्तराखंड में, साल के एक बड़े हिस्से में आर्थिक सुस्ती ला देता है, इससे पर्यावरण के लिए भी चुनौती पैदा होती है।

साथियों,

सच्चाई ये है कि अगर देश-विदेश के लोग सर्दियों के मौसम में यहाँ आएं, तो उन्हें सच्चे अर्थ में देवभूमि की आभा का वास्तविक परिचय मिलेगा। विंटर टूरिज्म में यहां लोगों को ट्रैकिंग, स्कीइंग जैसी Activities का रोमांच, सचमुच में रोमांचित कर देगा। धार्मिक यात्रा के लिए भी उत्तराखंड में सर्दियों का समय बेहद खास होता है। कई तीर्थ स्थलों पर इसी समय विशेष अनुष्ठान भी होते हैं। यहां मुखवा गांव में ही देखिए, यहाँ जो धार्मिक अनुष्ठान किया जाता है, वो हमारी प्राचीन और अद्भुत परंपरा का हिस्सा है। इसलिए, उत्तराखंड सरकार का बारहमासी पर्यटन का विजन, 365 दिन के पर्यटन का विजन लोगों को दिव्य अनुभूतियों से जुड़ने का अवसर देगा। इससे यहां साल भर उपलब्ध रहने वाले रोजगार के अवसर विकसित होंगे, इसका बड़ा फायदा उत्तराखंड के स्थानीय लोगों को होगा, यहां के युवाओं को होगा।

साथियों,

उत्तराखंड को विकसित राज्य बनाने के लिए हमारी डबल इंजन सरकार मिलकर काम कर रही हैं। चारधाम-ऑल वेदर रोड, आधुनिक एक्सप्रेस-वे, राज्य में रेलवे, विमान औऱ हेलीकॉप्टर सेवाओं का विस्तार, 10 वर्षों में उत्तराखंड में तेजी से विकास हुआ है। अभी कल ही उत्तराखंड के लिए केंद्र सरकार ने बहुत बड़े निर्णय लिए हैं। कल केंद्रीय कैबिनेट ने केदारनाथ रोपवे प्रोजेक्ट और हेमकुंड रोपवे प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। केदारनाथ रोपवे बनने के बाद जो यात्रा 8 से 9 घंटे में पूरी होती है, अब उसे लगभग 30 मिनट में पूरा किया जाएगा। इससे बुजुर्गों, बच्चों, महिलाओं के लिए केदारनाथ यात्रा और सुगम हो जाएगी। इन रोप-वे प्रोजेक्ट्स पर हजारों करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। मैं उत्तराखंड समेत पूरे देश को इन प्रोजेक्ट्स की बधाई देता हूं।

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साथियों,

आज पहाड़ों पर इको लॉग हट्स, कन्वेंशन सेंटर, हेलीपैड इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस भी किया जा रहा है। उत्तराखंड के टिम्मर-सैण महादेव, माणा गांव, जादुंग गांव में टूरिज्म इंफ्रास्ट्रक्चर नए सिरे से विकसित हो रहा है, और देशवासियों को पता होगा, शायद नहीं होगा, 1962 में जब चीन ने भारत पर आक्रमण किया, तब ये हमारा जादुंग गांव को खाली करवा दिया गया था, ये हमारे दो गांव खाली कर दिए गए थे। 60-70 साल हो गए, लोग भूल गए, हम नहीं भूल सकते, हमने उन दो गांवों को फिर से बसाने का अभियान चलाया है, और बहुत बड़ा टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने की दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं। और इसी का परिणाम है कि उत्तराखंड में पर्यटकों की संख्या इस एक दशक में तेजी से बढ़ी है। 2014 से पहले चारधाम यात्रा पर हर साल औसतन 18 लाख यात्री आते थे। अब हर साल लगभग 50 लाख तीर्थयात्री आने लगे हैं। इस साल के बजट में 50 Tourist destinations को विकसित करने का प्रावधान किया गया है। इन destinations पर होटलों को इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा दिया जाएगा। इससे पर्यटकों के लिए सुविधाएं बढ़ेंगी और स्थानीय रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा।

साथियों,

हमारा प्रयास है, उत्तराखंड के बॉर्डर वाले इलाकों को भी पर्यटन का विशेष लाभ मिले। पहले सीमावर्ती गांवों को आखिरी गाँव कहा जाता था। हमने ये सोच बदल दी, हमने कहा ये आखिरी गांव नहीं है, ये हमारे प्रथम गाँव कहा। उनके विकास के लिए वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम शुरू किया। इस क्षेत्र के भी 10 गांव इस योजना में शमिल किए गए हैं, और मुझे बताया गया, उस गांव से भी कुछ बंधु आज यहां हमारे सामने मौजूद हैं। नेलांग और जादुंग गांव, जिसका मैंने वर्णन किया, 1962 में क्या हुआ था, फिर से बसाने का काम शुरू किया गया है। आज यहां से जादुंग के लिए मैंने अभी-अभी बाइक रैली को रवाना किया। हमने होमस्टे बनाने वालों को मुद्रा योजना का लाभ देने का ऐलान किया है। उत्तराखंड सरकार भी राज्य में होमस्टे को बढ़ावा देने में जुटी है। जो गांव इतने दशकों तक इंफ्रास्ट्रक्चर से वंचित रहें, वहाँ नए होमस्टे खुलने से पर्यटन बढ़ रहा है, लोगों की आय बढ़ रही है।

साथियों,

आज मैं देवभूमि से, देश के पूरब-पश्चिम-उत्तर-दक्षिण, और मध्य भी, हर कोने के लोगों से, खासकर युवा पीढ़ी से, और मां गंगा के मायके से, इस पवित्र भूमि से, देश की नौज़वान पीढ़ी को विशेष रूप से आह्वान कर रहा हूं, आग्रह कर रहा हूं।

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साथियों,

सर्दियों में देश के बड़े हिस्से में जब कोहरा होता है, सूर्यदेव के दर्शन नहीं होते, तब पहाड़ों पर धूप का आनंद मिल रहा होता है। ये एक स्पेशल इवेंट बन सकता है। और गढ़वाली में इसे क्या कहेंगे? 'घाम तापो पर्यटन', सही है ना? 'घाम तापो पर्यटन'। इसके लिए देश के कोने-कोने से लोग उत्तराखंड जरूर आयें। खासकर, हमारे कॉरपोरेट वर्ल्ड के साथी, वे विंटर टूरिज्म का हिस्सा बनें। Meetings करनी हों, conferences करनी हों, exhibitions करने हों, तो विंटर का समय और देवभूमि, इससे होनहार कोई जगह नहीं हो सकती है। मैं कॉरपोरेट वर्ल्ड के बड़े महानुभावों से भी आग्रह करूंगा, वो अपने बड़े-बड़े सेमिनार्स के लिए उत्तराखंड आएं, माइस सेक्टर को explore करें। यहाँ आकर लोग योग और आयुर्वेद के जरिए recharge और re-energise भी हो सकते हैं। देश की यूनिवर्सिटीज, प्राइवेट स्कूल्स और कॉलेज में, मैं उन सब नौज़वान साथियों से भी कहूंगा कि students के विंटर ट्रिप्स के लिए आप उत्तराखंड को पसंद कीजिए।

साथियों,

हमारे यहाँ हजारों करोड़ की इकोनॉमी, वेडिंग इकोनॉमी है, शादियों में हजारों करोड़ रूपये का खर्च होता है, बहुत बड़ी इकोनॉमी है। आपको याद होगा, मैंने देश के लोगों से आग्रह किया था- Wed in India, हिन्दुस्तान में शादी करों, आजकल लोग दुनिया के देशों में चले जाते हैं, यहां क्या कमी है भई? पैसे यहां खर्च करो ना, और उत्तराखंड से बढ़िया क्या हो सकता है। मैं चाहूँगा कि सर्दियों में destination वेडिंग के लिए भी उत्तराखंड को देशवासी प्राथमिकता दें। इसी तरह भारत की फिल्म इंडस्ट्री से भी मेरी अपेक्षाएं हैं। उत्तराखंड को मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट का पुरस्कार मिला हुआ है। यहां तेजी के साथ आधुनिक सुविधाएं डेवलप हो रही हैं। इसलिए सर्दियों के दिनों में फिल्म की शूटिंग्स के लिए भी उत्तराखंड, पूरे भारत का फेवरेट डेस्टिनेशन बन सकता है।

साथियों,

दुनिया के कई देशों में विंटर टूरिज़्म काफी पॉपुलर है। उत्तराखंड में विंटर टूरिज़्म को बढ़ावा देने के, और इसके लिए हम ऐसे देशों से बहुत कुछ सीख सकते हैं। मैं चाहूँगा, उत्तराखंड के टूरिज़्म सेक्टर से जुड़े सभी स्टेकहोल्डर्स, होटल और resorts उन देशों की जरूर स्टडी करें। अभी मैं यहां, एक छोटी सी प्रदर्शनी लगी है, उसको मैंने देखा, बहुत प्रभावित करने वाला मुझे लगा, जो कल्पना की गई है, जो लोकेशंस तय किए गए हैं, जो आधुनिक रचनाएं खड़ी की जा रही हैं, एक-एक लोकेशन का, एक-एक चित्र इतना प्रभावित करने वाला था, जैसे मन कर रहा था, मेरे 50 साल पुरानी वो जिंदगी के दिन, मैं फिर एक बार यहां आपके बीच आकर के बिताऊ, और हर डेस्टिनेशन पर कभी जाने का मौका तलाशू, इतने बढ़िया बना रहे हैं। मैं उत्तराखंड सरकार से कहूंगा कि जो विदशों से स्टडी हो, और स्टडी से निकले एक्शनेबल प्वाइंट्स पर सक्रिय रूप से काम करे। हमें स्थानीय परंपराओं, म्यूजिक, डांस और कुजीन को बढ़ावा देना होगा। यहां कई हॉट स्प्रिंग्स हैं, सिर्फ बद्रीनाथ जी में ही है, ऐसा नहीं है, और भी है, उन क्षेत्रों को वेलनेस स्पा के रूप में भी विकसित किया जा सकता है। शांत और बर्फीले क्षेत्रों में विंटर योगा रिट्रीट का आयोजन किया जा सकता है। मैं सभी बड़े-बड़े साधु-महात्माओं को, मठ-मंदिर के मठाधिपतियों को, सभी योगाचार्यों को, उनसे भी आग्रह करूंगा कि वे साल में एक योगा कैंप अपने शिष्यों का, विंटर में उत्तराखंड में लगाए। विंटर सीजन के लिए स्पेशल वाइल्ड लाइफ सफारी का आकर्षण उत्तराखंड की विशेष पहचान बन सकता है। यानि हमें 360 डिग्री अप्रोच के साथ आगे बढ़ना होगा, हर स्तर पर काम करना होगा।

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साथियों,

सुविधाओं के विकास के अलावा, लोगों तक जानकारी पहुंचाना भी उतना ही अहम होता है। इसके लिए मैं देश के युवा content creators, आजकल सोशल मीडिया में, बहुत बड़ी संख्या में influencers हैं, content creators हैं, वे अपने यहाँ बैठे-बैठे भी मेरे उत्तराखंड की, मेरी देवभूमि की सेवा कर सकते हैं, वे भी पुण्य कमा सकते हैं। आप देश के पर्यटन सेक्टर को गति देने में, लोगों तक जानकारी पहुंचाने में बहुत बड़ी भूमिका निभा सकते हैं, जो भूमिका निभाई है, उसका और विस्तार करने की जरूरत है। आप उत्तराखंड की विंटर टूरिज़्म की इस मुहिम का भी हिस्सा बनिए, और मैं तो चाहूंगा कि उत्तराखंड सरकार एक बड़ा कंपटीशन आयोजित करें, ये जो content creators हैं, influencers हैं, वे 5 मिनट की, विंटर टूरिज्म की प्रमोशन की फिल्म बनाएं, उनकी कंपटीशन हो और जो अच्छी से अच्छी बनाएं, उसको बढ़िया से बढ़िया इनाम दिया जाए, देशभर के लोगों को कहा जाए, आइए मैदान में, बहुत बड़ा प्रचार-प्रसार होना शुरू हो जाएगा। और मुझे विश्वास है जब ऐसे कंपटीशन करेंगे, तो नई-नई जगहों को एक्सप्लोर करके, नई-नई फिल्में बनाएंगे, लोगों को बताएंगे।

साथियों,

मुझे विश्वास है, आने वाले वर्षों में हम इस सेक्टर में तेज गति से विकास के साक्षी बनेंगे। एक बार फिर 365 दिन का, बारहमासी टूरिज्म अभियान, इसके लिए मैं उत्तराखंड के सभी भाई-बहनों को शुभकामनाएं देता हूं, बधाई देता हूं और राज्य सरकार का अभिनदंन करता हूं। आप सब मेरे साथ बोलिए-

गंगा मैया की जय।

गंगा मैया की जय।

गंगा मैया की जय।

बहुत-बहुत धन्यवाद।