भारत माता की जय !
भारत माता की जय !
नमस्कार ! केम छो ! वणक्कम ! सत श्री अकाल ! जिन दोबरे !
ये नजारा वाकई अद्भुत है और आपका ये उत्साह भी अद्भुत है। मैंने जब से यहां पैर रखा है, आप थकते ही नहीं हैं। आप सभी पोलैंड के अलग-अलग हिस्सों से आए हैं, सबकी अलग-अलग भाषाएं हैं, बोलियां हैं, खान-पान हैं। लेकिन सब भारतीयता के भाव से जुड़े हुए हैं। आपने यहां इतना शानदार स्वागत किया है, मैं आप सभी का, पोलैंड की जनता का इस स्वागत के लिए बहुत आभारी हूं।
साथियों,
पिछले एक हफ्ते से, भारत के मीडिया में आप ही लोग छाए हुए हैं, पोलैंड के लोगों की खूब चर्चा हो रही है, और पोलैंड के विषय में भी बहुत कुछ बताया जा रहा है। और एक हेडलाइन और भी चल रही है, और मीडिया में बताया जा रहा है कि 45 साल बाद भारत का कोई प्रधानमंत्री पोलैंड आया है। बहुत सारे अच्छे काम मेरे नसीब में ही है। कुछ महीने ही पहले मैं ऑस्ट्रिया गया था। वहां भी चार दशक बाद भारत का कोई प्रधानमंत्री वहां पहुंचा था। ऐसे कई देश हैं, जहां दशकों तक भारत का कोई प्रधानमंत्री पहुंचा नहीं है। लेकिन अब परिस्थितियां दूसरी हैं। दशकों तक भारत की नीति थी कि सारे देशों से समान दूरी बनाए रखो। आज के भारत की नीति है, सारे देशों से समान रूप से नजदीकी बनाओ। आज का भारत सबसे जुड़ना चाहता है, आज का भारत सबके विकास की बात करता है, आज का भारत सबके साथ है, सबके हित की सोचता है। हमें गर्व है कि आज दुनिया, भारत को विश्वबंधु के रूप में सम्मान दे रही है। आपको भी यहां यही अनुभव आ रहा है ना, मेरी जानकारी सही है ना।
साथियों,
हमारे लिए ये geo-politics का नहीं है, बल्कि संस्कारों का, वैल्यूज़ का विषय है। जिनको कहीं जगह नहीं मिली, उनको भारत ने अपने दिल और अपनी ज़मीन, दोनों जगह स्थान दिया है। ये हमारी विरासत है, जिस पर हर भारतीय गर्व करता है। पोलैंड तो भारत के इस सनातन भाव का साक्षी रहा है। हमारे जाम साहब को आज भी पोलैंड में हर कोई, दोबरे यानि Good महाराजा के नाम से जानता है। वर्ल्ड वॉर-2 के दौरान, जब पोलैंड मुश्किलों से घिरा हुआ था, जब पोलैंड की हजारों महिलाएं और बच्चे शरण के लिए जगह-जगह भटकते थे, तब जामसाहब, दिग्विजय सिंह रंजीत सिंह जाडेजा जी आगे आए। उन्होंने पोलिश महिलाओं और बच्चों के लिए एक विशेष कैंप बनवाया था। जाम साहब ने कैंप के पोलिश बच्चों को कहा था, जैसे नवानगर के लोग मुझे बापू कहते हैं, वैसे ही मैं आपका भी बापू हूं।
साथियों,
मेरा तो जाम साहब के परिवार से काफी मिलना-जुलना रहा है, मुझ पर उनका अपार स्नेह रहा है। कुछ महीने पहले भी मैं वर्तमान जाम साहब से मिलने गया था। उनके कमरे में पोलैंड से जुड़ी एक तस्वीर आज भी है। औऱ मुझे ये देखकर अच्छा लगता है कि जाम साहब के बनाए रास्ते को पोलैंड ने आज भी जीवंत रखा है। दो दशक पहले जब गुजरात में भीषण भूकंप आया था, तो जामनगर भी उसकी चपेट में आ गया था, तब पोलैंड, सबसे पहले मदद के लिए पहुंचने वाले देशों में से एक था। यहां पोलैंड में भी लोगों ने जाम साहब और उनके परिवार को भरपूर सम्मान दिया है। ये प्यार, वॉरसो में गुड महाराजा स्क्वैयर में साफ-साफ दिखता है। कुछ देर पहले मुझे भी दोबरे महाराजा मेमोरियल और कोल्हापुर मेमोरियल के दर्शन का सौभाग्य मिला है। इस अविस्मरणीय घड़ी में, मैं एक जानकारी भी आपको देना चाहता हूं। भारत, जामसाहब मेमोरियल यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम शुरू करने जा रहा है। इसके तहत भारत, 20 पोलिश युवाओं को हर साल भारत आने के लिए आमंत्रित करेगा। इससे भारत के बारे में पोलैंड के युवाओं को और ज्यादा जानने का मौका मिलेगा।
साथियों,
यहां का कोल्हापुर मेमोरियल भी, कोल्हापुर के महान राजघराने के प्रति पोलैंड की जनता का श्रृद्धाभाव है, एक ट्रिब्यूट है। महाराष्ट्राच्या नागरिकांच्या आणि मराठी संस्कृतीच्या प्रति पोलंडच्या नागरिकांनी व्यक्त केलेला हा सन्मान आहे। मराठी संस्कृतीत मानव धर्म आचरणाला सर्वात अधिक प्राधान्य आहे। छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रेरणा से, कोल्हापुर की रॉयल फैमिली ने वलिवडे में पोलैंड की महिलाओं और बच्चों को शरण दी थी। वहां भी एक बहुत बड़ा कैंप बनाया गया था। पोलैंड की महिलाओं और बच्चों को कोई तकलीफ ना हो, इसके लिए महाराष्ट्र के लोगों ने दिन रात एक कर दिया था।
साथियों,
आज ही मुझे मोन्टे कसीनो मेमोरियल पर भी श्रद्धांजलि देने का अवसर मिला है। ये मेमोरियल, हज़ारों भारतीय सैनिकों के बलिदान को भी, उनकी भी याद दिलाता है। ये इस बात का भी प्रमाण है कि कैसे विश्व के हर कोने में भारतीयों ने अपना कर्तव्य निभाया है।
साथियों,
21वीं सदी का आज का भारत, अपनी पुरानी वैल्यूज, अपनी विरासत पर गर्व करते हुए विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। आज दुनिया, भारत को उन खूबियों के कारण जानती है, जिसे भारतीयों ने सारी दुनिया के सामने साबित करके दिखाया है। हम भारतीयों को efforts, excellence और empathy के लिए जाना जाता है। हम दुनिया में जहां भी जाते हैं, हम भारत के लोग Maximum Efforts करते दिखाई देते हैं। Entrepreneurship हो, Care Givers हों या हमारा सर्विस सेक्टर हो। भारतीय अपने Efforts से अपना और अपने देश का नाम रोशन कर रहे हैं। ये मैं आपकी बात बता रहा हूं। आपको लगता होगा कि मैं किसी तीसरे देश की बात कर रहा हूं। पूरी दुनिया में भारतीय, Excellence के लिए भी पहचाने जाते हैं। आईटी सेक्टर हो या भारत के डॉक्टर्स हों, सभी अपनी excellence से छाए हुए हैं। और कितना बड़ा ग्रुप तो मेरे सामने ही मौजूद है।
साथियों,
हम भारतीयों की एक पहचान empathy भी है। दुनिया के किसी देश में संकट आए, भारत पहला देश होता है जो मदद के लिए हाथ बढ़ाता है। Covid आया, 100 साल की सबसे बड़ी आपदा आई, तो भारत ने कहा- Humanity First. हमने दुनिया के 150 से ज्यादा देशों को दवाइयां और वैक्सीन भेजी। दुनिया में कहीं भी भूकंप आता है, कोई प्राकृतिक आपदा आती है, भारत का एक ही मंत्र है- Humanity First. कहीं युद्ध हो तो भारत कहता है- Humanity First और इसी भाव से भारत दुनियाभर के नागरिकों की मदद करता है। भारत हमेशा first responder के रूप में सामने आता है।
साथियों,
भारत, बुद्ध की विरासत वाली धरती है। और जब बुद्ध की बात आती है तो जो युद्ध नहीं, शांति पर विश्वास करती है। इसलिए, भारत इस रीजन में भी स्थाई शांति का एक बड़ा पैरोकार है। भारत का मत एकदम साफ है- ये युद्ध का युग नहीं है। ये उन चुनौतियों से निपटने के लिए एकजुट होने का समय है, जिनसे मानवता को सबसे बड़े खतरे हैं। इसलिए भारत, diplomacy और dialogue पर बल दे रहा है।
साथियों,
जिस प्रकार आपने यूक्रेन में फंसे हमारे बच्चों की मदद की, वो भी हम सभी ने देखा है। आपने उनकी बहुत सेवा की थी। आपने लंगर लगाए, आपने अपने घर के दरवाज़े खोले, अपने रेस्तरां खोल दिए। पोलैंड की सरकार ने तो वीज़ा जैसे बंधनों को भी हमारे स्टूडेंट्स के लिए हटा दिया था। यानि पोलैंड ने पूरे मन से हमारे बच्चों के लिए दरवाज़े खोल दिए थे। आज भी जब मैं यूक्रेन से लौटे बच्चों से मिलता हूं, तो वे पोलैंड के लोगों की और आपकी खूब प्रशंसा करते हैं। इसलिए आज मैं यहां 140 करोड़ भारतीयों की तरफ से, आप सभी का, पोलैंड के लोगों का अभिनंदन करता हूं, मैं आपको सैल्यूट करता हूं।
साथियों,
भारत और पोलैंड के समाज में अनेक समानताएं हैं। एक बड़ी समानता हमारी डेमोक्रेसी की भी है। भारत, mother of democracy तो है ही, एक participative और vibrant democracy भी है। भारत के लोगों का डेमोक्रेसी पर अटूट भरोसा है। ये भरोसा हमने हाल के चुनावों में भी देखा है। ये इतिहास के सबसे बड़े चुनाव थे। अभी यूरोपियन यूनियन के भी चुनाव हुए हैं। इसमें करीब 180 मिलियन वोटर्स ने वोट डाले। भारत में इससे 3 गुणा से अधिक, करीब 640 मिलियन वोटर्स ने वोटिंग की है। भारत के इन चुनावों में हज़ारों पॉलिटिकल पार्टीज़ ने हिस्सा लिया। करीब 8 हजार कैंडिडेट्स मैदान में थे। 5 मिलियन से ज्यादा वोटिंग मशीन्स, एक मिलियन से ज्यादा पोलिंग स्टेशन्स, 15 मिलियन से ज्यादा कर्मचारी, इस स्केल का मैनेजमेंट, इतनी efficiency, और चुनाव पर इस लेवल का ट्रस्ट, ये भारत की बहुत बड़ी ताकत है। दुनिया के लोग जब ये आंकड़़े सुनते हैं ना तो उनको चक्कर आ जाता है।
साथियों,
हम भारतीय, डायवर्सिटी को जीना भी जानते हैं, सेलिब्रेट करना भी जानते हैं। और इसीलिए, हर सोसायटी में हम आसानी से घुल-मिल जाते हैं। पोलैंड में तो भारत के बारे में जानने, समझने और पढ़ने की एक पुरानी परंपरा रही है। ये हमें यहां की यूनिवर्सिटीज़ में भी देखने को मिलता है। आप में से काफी लोग वॉरसो यूनिवर्सिटी की मेन लाइब्रेरी में गए होंगे। वहां, भगवद्गीता के, उपनिषदों के आदर्श वाक्य हम सबका स्वागत करते हैं। तमिल हो, संस्कृत हो, ऐसी अनेक भारतीय भाषाओं को पढ़ने वाले यहां अनेक लोग हैं। यहां की बेहतरीन यूनिवर्सिटीज़ में India studies से जुड़ी chairs हैं। पोलैंड और भारतीयों का एक कनेक्ट कबड्डी से भी है। आप भी जानते हैं भारत में गांव-गांव में कबड्डी खेली जाती है। भारत से ये खेल पोलैंड पहुंचा है। और पोलैंड के लोगों ने कबड्डी को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। पोलैंड, लगातार 2 सालों तक यूरोपियन कबड्डी चैंपियन रहा है। मुझे बताया गया है कि 24 अगस्त से एक बार फिर कबड्डी की चैंपियनशिप होने जा रही है, और पहली बार पोलैंड इसकी मेजबानी कर रहा है। मैं आज आपके माध्यम से पोलैंड की कबड्डी टीम को अपनी शुभकामनाएं भी देता हूं।
साथियों,
आपने कुछ दिन पहले ही यहां आजादी का उत्सव मनाया है। आजादी के आंदोलन के समय हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने समृद्ध भारत का सपना देखा था। आज हर भारतीय, उस सपने को साकार करने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रहा है। भारत ने लक्ष्य तय किया है कि 2047 तक खुद को भारत, विकसित भारत बनाने का संकल्प लेकर के हमारा देश आगे बढ़ रहा है। इसलिए आज का भारत, अभूतपूर्व scale, speed और solutions पर काम कर रहा है। भारत में किस स्केल और स्पीड पर आज परिवर्तन आ रहा है, ये सुनकर आपको भी गर्व होगा। सुनाऊ...? भारत में पिछले 10 साल में 250 मिलियन लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। और 250 मिलियन मतलब ये संख्या फ्रांस, जर्मनी और यूके की टोटल पॉपुलेशन से भी ज़्यादा है। 10 साल में गरीबों के लिए 40 मिलियन पक्के घर बनाए हैं, और हम 30 मिलियन और घर बनाने वाले हैं। और अगर पोलैंड में आज 14 मिलियन हाउसहोल्ड हैं, तो हमने सिर्फ एक दशक में करीब 3 नए पोलैंड बसाए हैं। Financial inclusion को तो हम next level पर ले गए हैं। 10 साल में भारत में 500 मिलियन जनधन बैंक अकाउंट्स खुलवाए हैं। ये संख्या पूरे यूरोपियन यूनियन की पॉपुलेशन से ज़्यादा है। यूरोपियन यूनियन की पॉपुलेशन के बराबर ही, हर रोज़ भारत में UPI से डिजिटल ट्रांजेक्शन होता है। यूरोपियन यूनियन की कुल आबादी से ज़्यादा भारतीयों को सरकार 5 लाख रुपये का फ्री हेल्थ इंश्योरेंस देती है। पिछले एक दशक में भारत में Broadband users की संख्या भी 60 मिलियन से बढ़कर 940 मिलियन से ज्यादा हो चुकी है। यानि यूरोप और USA की population को मिला दें, करीब उतने लोग आज भारत में Broadband का यूज़ करते हैं। बीते दशक में, करीब 7 लाख किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर बिछाया गया है। ये हमारी पृथ्वी के चारों ओर सत्तर बार चक्कर लगाने जितना है। भारत ने 2 साल के भीतर ही, देश के हर जिले तक 5G नेटवर्क पहुंचाया है। अब हम मेड इन इंडिया 6G नेटवर्क पर काम कर रहे हैं।
साथियों,
भारत की ट्रांसफॉर्मेशन की ये स्केल पब्लिक ट्रांसपोर्ट में भी दिखती है। 2014 में भारत के 5 शहरों में ऑपरेशनल मेट्रो थी। आज 20 शहरों में ऑपरेशनल मेट्रो है। पोलैंड की one third population जितने लोग, आज रोज़ाना मेट्रो ट्रेन से सफर करते हैं।
साथियों,
भारत जो भी करता है, वो नया रिकॉर्ड बन जाता है, इतिहास रच जाता है। आपने देखा है, भारत ने 100 से ज्यादा सैटेलाइट एक साथ लॉन्च किए थे। ये भी अपने आप में एक रिकॉर्ड है। अभी दो दिन बाद 23 अगस्त को ही National Space Day है। आप भी जानते हैं, याद है ना?, क्या याद है? इसी दिन भारत ने चंद्रमा के साउथ पोल में अपना चंद्रयान उतारा। जहां कोई देश नहीं पहुंच पाया, वहां भारत पहुंचा है। और उस स्थान का नाम है- शिवशक्ति। उस स्थान का नाम है- शिवशक्ति। भारत, दुनिया का तीसरा बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है।
साथियों,
दुनिया की आबादी में भारत का हिस्सा करीब 16-17 परसेंट रहा है, लेकिन आबादी के लिहाज से ग्लोबल ग्रोथ में भारत की हिस्सेदारी, पहले उतनी नहीं थी। अब स्थितियां तेजी से बदल रही हैं। साल 2023 में ग्लोबल ग्रोथ में भारत की हिस्सेदारी 16 परसेंट से अधिक रही है। आज दुनिया की हर एजेंसी, हर संस्था, भारत के शानदार फ्यूचर की भविष्यवाणी कर रही है, और ये astrologer नहीं है, ये आंकड़ों के हिसाब से हिसाब लगाते हैं, जमीनी हकीकतों के आधार पर हिसाब लगाते हैं। अब भारत दुनिया की तीसरी बड़ी इकॉनॉमी बनने से ज्यादा दूर नहीं है। मैंने देश की जनता को वादा किया है, मेरे तीसरे टर्म में भारत तीसरे नंबर की इकॉनॉमी बनकर रहेगा। आने वाले वर्षों में दुनिया, भारत का जबरदस्त आर्थिक उभार देखने जा रही है। नैसकॉम का अनुमान है कि अपने डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण भारत इस दशक के अंत तक 8 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनॉमी बन जाएगा। नैस्कॉम और बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप का आकलन है कि आने वाले 3-4 साल तक भारत का AI मार्केट करीब 30-35 परसेंट की स्पीड से ग्रो करेगा। यानि, भारत को लेकर एक अभूतपूर्व पॉजिटिविटी चारों तरफ नजर आ रही है। आज भारत Semi-conductor Mission, Deep Ocean Mission, National Green Hydrogen Mission, National Quantum Mission और AI mission पर इसलिए काम कर रहा है, ताकि आने वाले अनेक दशकों तक भारत बहुत आगे रहे। भारत, आने वाले कुछ वर्षों में अपना स्पेस स्टेशन स्थापित करने की भी तैयारी कर रहा है। औऱ वो दिन दूर नहीं, जब आप भारत के एस्ट्रोनॉट्स को मेड इन इंडिया गगनयान से अंतरिक्ष में जाते हुए देखेंगे।
साथियों,
भारत का पूरा फोकस आज क्वालिटी मैन्युफेक्चरिंग और क्वालिटी मैनपावर पर है। ये दो ऐसी चीजें हैं, जो ग्लोबल सप्लाई चेन के लिए बहुत आवश्यक है। हाल में जो बजट आया है, उसमें हमने अपने यूथ की स्किलिंग और जॉब क्रिएशन पर बहुत जोर दिया है। यहां बहुत बड़ी संख्या में हमारे नौजवान पढ़ाई के लिए आए हैं। हम भारत को भी एजुकेशन, रिसर्च और इनोवेशन का एक बहुत बड़ा सेंटर बनाने में जुटे हैं।
साथियों,
टेक्नॉलॉजी हो, मेडिकल केयर हो, एजुकेशन हो, हर सेक्टर में दुनिया के लिए एक स्किल्ड मैनपावर बनाने का बीड़ा भारत ने उठाया है। मैं आपको हेल्थ सेक्टर का एक उदाहरण दूंगा। पिछले 10 सालों में हमने भारत में 300 से ज्यादा नए मेडिकल कॉलेज बनाए हैं। पिछले 10 साल में भारत में मेडिकल सीट्स बढ़कर अब दोगुनी हो चुकी हैं, 10 साल में डबल। इन 10 सालों में हमने अपने मेडिकल सिस्टम में 75 thousand नई सीटें जोड़ी हैं। अब आने वाले 5 सालों में हम, मेडिकल की 75 thousand नई सीटें और जोड़ने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। इससे क्वालिटी हेल्थ सर्विस प्रोवाइडर के रूप में भारत की भूमिका और मजबूत होगी। और हमारा तो दुनिया को एक ही संदेश है, वो दिन दूर नहीं हम कहेंगे heel in India. अभी हम तैयारी कर रहे हैं।
साथियों,
इनोवेशन और यूथ, भारत और पोलैंड दोनों ही देशों के विकास को ऊर्जा देने वाले हैं। आज मैं एक बड़ी खुशखबरी लेकर आपके बीच आया हूं। भारत और पोलैंड, दोनों देशों ने आपस में एक Social Security Agreement पर सहमति बना ली है। जिसका लाभ आप जैसे सब साथियों को होने वाला है।
साथियों,
भारत का wisdom global है, भारत का vision global है, भारत का culture global है, care और compassion global है। हमारे पूर्वजों ने हमें वसुधैव कुटुंबकम का मंत्र दिया है। हमने पूरी दुनिया को एक परिवार माना है। औऱ यही आज के भारत की नीति और निर्णयों में नजर आता है। जी-20 के समय भारत ने आह्वान किया- One Earth, One Family और One Future, इसी भावना में 21वीं सदी की दुनिया के बेहतर भविष्य की गारंटी है। भारत, One Sun, One World, One Grid, के कॉन्सेप्ट से दुनिया को जोड़ना चाहता है। ये भारत ही है- जो One Earth, One Health को स्वस्थ दुनिया की गारंटी मानता है। One Health यानि holistic well being पर हमारा फोकस होना चाहिए, जिसमें हमारे animals हों, पेड़-पौधे भी हों, सबकी हेल्थ पर ध्यान दिया जाए। आज जिस तरह की स्थितियां हम देख रहे हैं, उसमें One Health का सिद्धांत, और जरूरी हो गया है। भारत ने मिशन LiFE यानि lifestyle for environment का एक मॉडल पूरी दुनिया को दिया है। आपने भारत में चल रहे एक बड़े अभियान के बारे में भी ज़रूर सुना होगा। ये अभियान है- एक पेड़ मां के नाम। करोड़ों भारतवासी आज, अपनी जन्मदाता मां के नाम पर पेड़ लगा रहे हैं और इससे धरती मां की भी रक्षा हो रही है।
साथियों,
Economy और ecology में बैलेंस आज भारत की प्राथमिकता है। ये भारत ही है, जो डेवलप्ड नेशन और Net zero नेशन, ये दोनों संकल्प एक साथ लेकर आगे बढ़ रहा है। भारत, ग्रीन फ्यूचर के लिए 360 डिग्री अप्रोच पर काम कर रहा है। ग्रीन मोबिलिटी इसका एक बड़ा उदाहरण है। हम पेट्रोल में 20 परसेंट इथेनॉल ब्लेंडिंग के बहुत निकट पहुंच चुके हैं। भारत आज तेज गति से इलेक्ट्रिक मोबिलिटी का विस्तार कर रहा है। आज भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल की सेल हर साल तेज़ी से बढ़ रही है। पिछले वर्ष, EVs की बिक्री में 40 परसेंट से ज्यादा की ग्रोथ हुई है। वो दिन दूर नहीं जब भारत, EV मैन्युफेक्चरिंग और इनोवेशन का ग्लोबल सेंटर बनेगा। आने वाले समय में आप भारत को ग्रीन हाइड्रोजन के भी बड़े ग्लोबल हब के रूप में देखने वाले हैं।
साथियों,
मुझे खुशी है कि new technology और clean energy जैसे क्षेत्रों में भारत और पोलैंड के बीच भी पार्टनरशिप लगातार बढ़ रही है। बहुत सी भारतीय कंपनियों ने यहां इन्वेस्ट किया है, जॉब्स क्रिएट की हैं। पोलैंड की अनेक कंपनियों ने भारत में अवसर बनाए हैं। कल मेरी मुलाकात, राष्ट्रपति डूडा जी और प्रधानमंत्री टुस्क जी से भी होने वाली है। इन मुलाकातों से भारत-पोलैंड की शानदार साझेदारी और मज़बूत होने वाली है। प्रधानमंत्री टुस्क तो भारत के बहुत अच्छे मित्र हैं। जब वे यूरोपियन काउंसिल के अध्यक्ष थे, तब भी मेरी कई बार उनसे मुलाकात हो चुकी है।
साथियों,
आज का भारत, एक स्वर, एक भाव से एक विकसित भविष्य लिखने में जुटा है। आज भारत अवसरों की धरती है। आपको भी भारत की ग्रोथ स्टोरी से अधिक से अधिक जुड़ना है। और आपको भारत के टूरिज्म का ब्रैंड एंबेसेडर भी बनना है। मतलब क्या करेंगे? सोशल मीडिया पर खुद की तस्वीर लगाकर के रखेंगे, ताजमहल के सामने बैठेंगे। ब्रैंड एंबेसेडर का मतलब है कि आपको हर वर्ष हर एक को कम से कम पांच पोलिश परिवारों को भारत देखने के लिए भेजना है। करेंगे? इतना तो होमवर्क देना चाहिए ना मुझे। आपका हर प्रयास, आपके भारत को विकसित भारत बनाने में मदद करेगा।
साथियों,
एक बार फिर, यहां आने के लिए, इस शानदार स्वागत के लिए, मैं आप सभी का आभार व्यक्त करता हूं। मेरे साथ बोलिए-
भारत माता की जय !
भारत माता की जय !
भारत माता की जय !
बहुत-बहुत धन्यवाद।