उन्होंने इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस का शुभारंभ किया
उन्होंने बाघों की संख्या 3167 होने की घोषणा की
उन्होंने बाघों के संरक्षण से संबंधित स्मारक सिक्का जारी किया और कई प्रकाशित दस्तावेजों का लोकार्पण किया
“प्रोजेक्ट टाइगर की सफलता न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व के लिए गर्व का क्षण है”
“भारत इकोलॉजी और अर्थव्यवस्था के बीच संघर्ष में विश्वास नहीं करता बल्कि वह दोनों के सह-अस्तित्व को समान महत्व देता है”
“भारत एक ऐसा देश है जहां प्रकृति की रक्षा करना संस्कृति का एक हिस्सा है”
“बिग कैट की मौजूदगी ने हर जगह स्थानीय लोगों के जीवन और वहां की इकोलॉजी पर सकारात्मक असर डाला है”
“वन्यजीवों का संरक्षण किसी एक देश का नहीं बल्कि एक सार्वभौमिक मुद्दा है”
“इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस का फोकस दुनिया के सात प्रमुख बिग कैट के संरक्षण पर होगा”
“मानवता का बेहतर भविष्य तभी संभव है जब पर्यावरण सुरक्षित रहे और जैव विविधता का विस्तार होता रहे”

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्री भूपेंद्र यादव जी, श्री अश्विनी कुमार चौबे जी, अन्य देशों से आए श्री मंत्रिगण, राज्यों के मंत्रिगण, अन्य प्रतिनिधि, देवियों और सज्जनों !

सबसे पहले तो मैं आप सबकी क्षमा चाहता हूं कि मैं सुबह 6 बजे चला गया था मैंने सोचा था कि मैं समय पर जंगलों का भ्रमण करके वापस आऊंगा लेकिन मुझे 1 घंटा आने में ही देर हो गई। आप सबको इंतजार करना पड़ा इसके लिए मैं आप सबकी क्षमा चाहता हूं। मेरी बात, पहले ये जो Tiger की संख्या का आंकड़ा हमने छुआ हैं, जो देखा हैं, हमारा ये परिवार का विस्तार हो रहा है, ये गौरवमय पल है। मैं आप सबसे आग्रह करता हूं इन Tiger के सम्मान में अपने स्थान पर खड़े होकर के हम Tiger को standing ovation दें। Thank You!

आज हम सभी एक बहुत ही महत्वपूर्ण पड़ाव के साक्षी बन रहे हैं। Project Tiger को 50 वर्ष हो गए हैं। Project Tiger की सफलता, भारत के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व के लिए गौरव का विषय है। भारत ने Tiger को ना सिर्फ बचाया है बल्कि उसको फलने-फूलने का एक बेहतरीन eco system दिया है। ये हम लोगों के लिए और भी सुखद है कि जिस समय हमने अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे किए हैं, उसी समय दुनिया की करीब-करीब 75 परसेंट Tiger Population भारत में ही है। ये भी संयोग है कि भारत में tiger reserve भी 75 हजार वर्ग किलोमीटर का है और बीते 10-12 वर्षों में Tiger Population भी 75 परसेंट बढ़ी है। ये सभी के प्रयासों से संभव हो सका है और इसके लिए मैं पूरे देश को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

आज विश्व भर के वन्य जीव प्रेमियों के मन में ये सवाल है कि जब अनेक Tiger range देशों में उनकी आबादी स्थिर है या आबादी घट रही है, तो फिर भारत में तेजी से बढ़ क्यों रही है? इसका उत्तर है, भारत की परंपरा, भारत की संस्कृति और भारत के समाज में Bio-diversity को लेकर, पर्यावरण को लेकर, जो हमारा स्वाभाविक आग्रह है और वो ही इस सफलता के अंदर छिपा हुआ है। हम ecology और economy में conflict नहीं मानते, बल्कि दोनों के बीच co-existence को महत्व देते हैं। हमारे यहां Tigers से जुड़ा हज़ारों वर्ष पुराना इतिहास है। मध्य प्रदेश में पाई गई 10 हज़ार साल पुरानी rock arts में Tiger के चित्र पाए गए हैं। Central India में रहने वाले भारिया और महाराष्ट्र में रहने वाले वर्ली, जैसे देश के अनेक समुदाय Tiger को पूजते हैं, worship। हमारे यहां अनेक जनजातियों में Tiger को अपना बंधु माना जाता है, भाई माना जाता है। औऱ,Tiger मां दुर्गा और भगवान अयप्पा का वाहन तो है ही।

Friends,

India is a country where protecting nature is part of culture. This is why it has many unique achievements in wildlife conservation. With only 2.4 percent of the world’s land area, India contributes about 8 percent of the known global biodiversity. India is the largest tiger range country in the world. With nearly Thirty Thousand elephants, we are the largest Asiatic elephant range country in the world! Our rhino population of nearly Three Thousand makes us the largest single-horn rhino country in the world. We are the only country in the world to have Asiatic lions. The lion population has increased from around 525 in 2015 to around 675 in 2020. Our leopard population went up by over 60 percent in just 4 years. The work being done to clean up rivers such as the Ganga has helped bio-diversity. Some aquatic species that were considered to be in danger have shown improvement. These achievements are all due to people’s participation and a culture of conservation, सबका प्रयास।

For wildlife to thrive, it is important for ecosystems to thrive. This has been happening in India. While celebrating 75 years of independence, India added eleven wetlands to its list of Ramsar sites. This took the total number of Ramsar Sites to 75. Forest and tree cover are also increasing. India added over Two Thousand Two Hundred square kilometers of forest and tree cover by 2021, when compared to 2019. In the last decade, the number of Community Reserves increased from Forty Three to over One Hundred. In a decade, the number of National Parks and sanctuaries around which Eco-sensitive Zones were notified increased from Nine to Four Hundred and Sixty Eight.

साथियों,

Wildlife Conservation के इन सभी प्रयासों में मुझे गुजरात के अपने लंबे अनुभव का भी लाभ मिला है। मैं जब गुजरात का मुख्यमंत्री था, तब हमने Lions पर काम किया था। वहीं मैंने सीखा कि किसी वन्य जीव को बचाने के लिए हम सिर्फ एक भौगेलिक दायरे में सीमित नहीं रह सकते। हमें इसके लिए स्थानीय लोगों और animal के बीच एक रिश्ता बनाना होगा। ये रिश्ता emotion का भी होना चाहिए और economy का भी होना चाहिए। इसलिए गुजरात में हमने वन्य प्राणी मित्र कार्यक्रम चलाया। शिकार जैसी गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए ये व्यवस्था शुरु की गई, इसके लिए cash reward भी रखा गया। हमने गीर के Lions के लिए एक रीहेबीलीटेशन सेंटर भी खोला। गीर क्षेत्र में हमने Forest department में महिला beat guards और foresters की भर्ती भी की। इसने, Lion है तो हम हैं, हम हैं तो Lion है की भावना को निरंतर मजबूत किया। आज आप भी देखते हैं कि गीर में अब Tourism का, Eco-tourism का बहुत बड़ा eco system बन चुका है।

साथियों,

गीर में जो initiatives लिए गए हैं उसी तरह Project Tiger की सफलता के भी कई आयाम हैं। इससे tourist activity बढ़ी और हमने जो जागरूकता कार्यक्रम चलाए उससे Tiger Reserves में Man-Animal conflicts में भी भारी मात्रा में कमी आई। Big Cats की वजह से Tiger reserves में पर्यटकों की संख्या बढ़ी और इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है। Big Cats की मौजूदगी ने हर जगह स्थानीय लोगों के जीवन और वहां की ecology पर सकारात्मक असर डाला है।

साथियों,

कुछ महीने पहले भारत की Bio-diversity को समृद्ध करने के लिए हमने एक और अहम काम किया है। दशकों पहले भारत से चीता विलुप्त हो गया था। हम इस शानदार Big Cat को नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से भारत लेकर आए हैं। ये एक Big Cat का पहला सफल trans-continental translocation है। कुछ दिन पहले ही कूनो नेशनल पार्क में 4 सुंदर शावकों ने जन्म लिया है। भारत की धरती से चीता करीब-करीब 75 साल पहले विलुल्प हो गया था। यानि करीब-करीब 75 साल बाद भारत की धरती पर किसी चीता ने जन्म लिया है। ये एक बहुत ही शुभ शुरुआत है। ये इस बात का भी प्रमाण है कि Bio-diversity की रक्षा और उसकी समृद्धि के लिए International Co-operation कितना महत्वपूर्ण है।

साथियों,

Wild life का संरक्षण किसी एक देश का नहीं बल्कि एक Universal issue है। इसके लिए International Alliance समय की ज़रूरत है। साल 2019 में Global Tiger Day पर मैंने एशिया में poaching और illegal Wildlife trade के विरुद्ध alliance का आह्वान किया था। International Big Cat Alliance इसी भावना का विस्तार है। इससे big cat से जुड़े पूरे eco system के लिए Financial और Technical संसाधन जुटाना आसान होगा। इससे भारत सहित तमाम देशों के अनुभवों से निकले conservation और protection agenda को लागू करने में आसानी होगी। International big cat alliance उसका फोकस दुनिया की 7 प्रमुख big cats के संरक्षण पर होगा। यानि जिन देशों में Tiger, Lion, Leopard, Snow Leopard, Puma, Jaguar और Cheetah हैं, ऐसे देश इस alliance का हिस्सा होंगे। इस alliance के तहत सदस्य देश अपने अनुभव शेयर कर पाएंगे, अपने साथी देश की ज्यादा तेजी से मदद कर पाएंगे। ये alliance, Research, Training और Capacity Building पर भी जोर देगा। हम साथ मिलकर इन प्रजातियों को विलुप्त होने से बचाएंगे, एक सुरक्षित और बेहतरीन इको-सिस्टम का निर्माण करेंगे।

साथियों,

मानवता का बेहतर भविष्य तभी संभव है, जब हमारा पर्यावरण सुरक्षित रहेगा, हमारी Bio-diversity का विस्तार होता रहेगा। ये दायित्व हम सभी का है, पूरे विश्व का है। इसी भावना को हम अपनी G-20 अध्यक्षता के दौरान निरंतर प्रोत्साहित भी कर रहे हैं। G20 का motto, One Earth, One Family, One Future, यही संदेश देता है। COP26 में भी हमने अपने लिए बड़े और महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किए हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि आपसी सहयोग से हम पर्यावरण संरक्षण के हर लक्ष्य को प्राप्त करेंगे।

साथियों,

इस कार्यक्रम में जो विदेशी अतिथि आए हैं, जो दूसरे राज्यों से यहां हमारे मेहमान आए हैं, उनसे मैं एक और बात भी कहना चाहता हूं। आप सभी को यहां एक और लाभ ज़रूर उठाना चाहिए। ये जो सहयाद्रि का क्षेत्र है, western घाट का क्षेत्र है, यहां अनेक Tribes रहती हैं। वे सदियों से Tiger सहित हर Bio-diversity को समृद्ध करने में जुटी है। उनका जीवन, उनका कल्चर, पूरी दुनिया के लिए बहुत उत्तम उदाहरण है। प्रकृति से जितना लिया, उतना ही प्रकृति को लौटाया, ये balance कैसे काम करता है, वो हमें यहां सीखने को मिलता है, इस आदिवासी परंपरा में देखने को मिलता है। यहां आने से पहले मेरी ऐसे अनेक साथियों से बातचीत भी हुई है और इसी कारण मुझे आने में भी देर हो गई। जिस The Elephant Whispers Documentary को ऑस्कर मिला है, वो भी Nature और Creature के बीच के अद्भुत संबंधों की हमारी विरासत को दर्शाती है। Mission LiFE यानि Lifestyle for Environment के विजन को समझने में भी आदिवासी समाज की जीवनशैली से बहुत मदद मिलती है। मेरा आग्रह है कि आप हमारे आदिवासी समाज के जीवन और परंपरा से कुछ ना कुछ ज़रूर अपने देश, अपने समाज के लिए लेकर के जाएं। एक बार फिर आप सभी का, इस आयोजन में आने के लिए बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं और आज Tiger का जो नया आंकड़ा हमारे सामने आया है आने वाले दिनों में हम और नए आंकड़े पार करेंगे और नए achievement करेंगे ये मैं पूरे विश्व का विश्वास दिलाता हूं।

बहुत-बहुत धन्यवाद !

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।