Quoteलगभग 1800 करोड़ रुपये की तीन महत्वपूर्ण अंतरिक्ष अवसंरचना परियोजनाओं का उद्घाटन किया
Quoteगगनयान की प्रगति की समीक्षा की और नामित अंतरिक्ष यात्रियों को 'एस्ट्रोनॉट विंग्स' प्रदान किए
Quote"नए काल चक्र में ग्लोबल ऑर्डर में भारत अपना स्पेस लगातार बड़ा बना रहा है, और यह हमारे स्पेस प्रोग्राम में भी साफ दिखाई दे रहा है"
Quote"चार नामित अंतरिक्ष यात्री सिर्फ चार नाम या व्यक्ति नहीं हैं, वे 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं को अंतरिक्ष में ले जाने वाली चार 'शक्तियां' हैं"
Quote"नामित चार अंतरिक्ष यात्री आज के भारत के विश्वास, साहस, वीरता और अनुशासन का प्रतीक हैं"
Quote“40 वर्ष बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष में जा रहा है लेकिन इस बार टाइम भी हमारा है, काउंट-डाउन भी हमारा है और रॉकेट भी हमारा है”
Quote"भारत दुनिया की टॉप-3 अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार है, साथ ही देश का गगनयान भी हमारे अंतरिक्ष क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाला है"
Quote"भारत की नारी शक्ति अंतरिक्ष क्षेत्र में अहम भूमिका निभा रही है"
Quote"अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की सफलता देश की युवा पीढ़ी में वैज्ञानिक स्वभाव का बीजारोपण कर रही है"
Quote"इस अमृत काल में, भारतीय अंतरिक्ष यात्री भारतीय रॉकेट से चंद्रमा पर उतरेगा"
Quote"अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से समाज को सबसे अधिक लाभ होता है"

केरल के राज्यपाल श्री आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री श्रीमान पिनाराई विजयन जी, राज्य मंत्री मेरे साथी श्री वी. मुरलीधरन जी, इसरो परिवार के सभी सदस्यगण, नमस्कार!

साहसिक साथियों के सम्मान में हम सब standing ovation दे करके तालियों से उनको सम्मानित करें। भारत माता की – जय !

भारत माता की–जय!

भारत माता की-जय!

भारत माता की-जय!

बहुत-बहुत धन्‍यवाद!

हर राष्ट्र की विकास यात्रा में कुछ क्षण ऐसे आते हैं, जो वर्तमान के साथ ही आने वाली पीढ़ियों को भी परिभाषित करते हैं। आज भारत के लिए ये ऐसा ही क्षण है। हमारी आज की जनरेशन बहुत सौभाग्यशाली है, जिसको जल, थल, नभ और अंतरिक्ष में, ऐतिहासिक कामों का यश मिल रहा है। कुछ समय पहले मैंने अयोध्या में कहा था कि ये नए कालचक्र की शुरुआत है। इस नए कालचक्र में, Global order में भारत अपना space लगातार बड़ा बना रहा है। और ये हमारे space program में भी साफ-साफ दिखाई दे रहा है।

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साथियों,

पिछले वर्ष, भारत वो पहला देश बना जिसने चंद्रमा के साउथ पोल पर तिरंगा फहराया। आज शिवशक्ति प्वाइंट, पूरी दुनिया को भारत के सामर्थ्य से परिचित करा रहा है। अब, विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर में हम सभी एक और ऐतिहासिक सफर के साक्षी बन रहे हैं। अब से कुछ देर पहले देश पहली बार अपने चार गगनयान यात्रियों से परिचित हुआ है। ये सिर्फ चार नाम और चार इंसान नहीं हैं, ये 140 करोड़ aspirations को space में ले जाने वाली चार शक्तियां हैं। 40 वर्ष के बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष में जाने वाला है। लेकिन इस बार Time भी हमारा है, countdown भी हमारा है और Rocket भी हमारा है। मुझे ख़ुशी है कि आज इन astronauts से मिलने, उनसे बातचीत करने और उन्हें देश के सामने प्रस्‍तुत करने का सौभाग्य मुझे मिला। मैं इन साथियों को पूरे देश की तरफ से बहुत-बहुत बधाई देता हूं, बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। 21वीं सदी के भारत की सफलता में आज आपका नाम भी जुड़ गया है।

आप आज के भारत का विश्वास हैं। आप आज के भारत का शौर्य हैं, साहस हैं, अनुशासन हैं। आप भारत का गौरव बढ़ाने के लिए, अंतरिक्ष में तिरंगा लहराने के लिए पिछले कई वर्षों से दिन रात परिश्रम कर रहे हैं। आप भारत की उस अमृत पीढ़ी के प्रतिनिधि हैं, जो चुनौतियों को चुनौती देने का जज्बा रखती है। आपके कड़े training module में योग का एक बड़ा रोल है। इस मिशन में healthy mind और healthy body और इन दोनों का तालमेल होना बहुत ज़रूरी है! आप ऐसे ही जुटे रहिए, डटे रहिए। देश का आशीर्वाद आपके साथ है, देश की शुभकामनाएं आपके साथ है। आपको ट्रेनिंग देने में जुटे, ISRO के, गगनयान प्रोजेक्ट से जुड़े सभी साथियों को भी मैं अनेकों शुभकामनाएं देता हूं।

लेकिन इसके साथ-साथ कुछ चिंता भी बताना चाहता हूं। और हो सकता है वो बातें कुछ लोगों को कड़वी भी लग जाएं। मेरी देश की जनता को और देश के खास करके मीडिया को मेरी करबद्ध प्रार्थना है, ये जो चार साथी हैं, उन्‍होंने लगातार पिछले कुछ वर्षों से तपस्‍या की है, साधना की है; और दुनिया के सामने चेहरा दिखाए बिना की है। लेकिन अभी और भी बहुत कुछ करना बाकी है। और उनको बहुत कठिन कसौटियों से गुजरना है। उनको अभी और अपने शरीर को, मन को कसना है। लेकिन हमारे देश के हम लोगों का जैसा स्‍वभाव है, अब ये चार celebrity बन चुके हैं। अब वो कहीं जाते होंगे, कोई ऑटोग्राफ लेने के लिए दौड़ेगा, और उसको सेल्फी भी चाहिए, फोटो भी चाहिए, ऑटोग्राफ भी चाहिए। अब जरा मीडिया वाले भी डंडा ले करके खड़े हो जाएंगे। उनके परिवारजनों के बाल नोच लेंगे। बचपन में क्या करते थे, यहां कैसे गए। टीचर के पास चले जाएंगे, स्‍कूल में चले जाएंगे। यानी कि ऐसा वातावरण बन जाएगा कि इनके लिए वो साधना के कालखंड में रुकावट आ सकती है।

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और इसलिए मेरी करबद्ध प्रार्थना है कि अब रियल स्टोरी शुरू हो रही है। हम जितना उनको सहयोग देंगे, उनके परिवार को सहयोग देंगे, ऐसी कुछ चीजों में न उलझ जाएं। उनका ध्‍यान एक ही रहे, हाथ में तिरंगा है, अंतरिक्ष है, 140 करोड़ देशवासियों का सपना है, वहीं हम सबका संकल्‍प है। यही भाव है, इसलिए हम जितनी अनुकूलता करेंगे। मैं समझता हूं देश का सहयोग बहुत जरूरी है। मेरे मीडिया के साथियों का सहयोग बहुत जरूरी है। अब तक ये नाम बाहर नहीं गए तो हमारा काम ठीक से चलता रहा। लेकिन अब थोड़ी कठिनाई उनके लिए भी बढ़ जाएगी। और हो सकता है उनको भी कभी मन कर जाए-चलो यार एक सेल्फी ले लेते हैं तो क्या जाता है। लेकिन इन सब चीजों से हमें बचकर रहना होगा।

साथियों,

यहां इस कार्यक्रम से पहले मुझे गगनयान के बारे में भी विस्तार से जानकारियां दी गईं। अलग-अलग equipment के विषय में जानकारी दी गई। उनके ऑपरेशंस के विषय में बताया गया। मुझे जानकर बहुत अच्छा लगा कि गगनयान में यूज़ होने वाले ज्यादातर उपकरण, Made in India हैं। ये कितना बड़ा संयोग है कि जब भारत दुनिया की top-3 economy बनने के लिए उड़ान भर रहा है, उसी समय भारत का गगनयान भी हमारे space sector को एक नई बुलंदी पर ले जाने वाला है। आज यहां अनेक प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण भी किया गया है। इनसे देश का world class technology के क्षेत्र में सामर्थ्य तो बढ़ेगा ही, साथ ही रोज़गार के भी नए अवसर बनेंगे।

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और साथियों,

मुझे खुशी है कि हमारे space sector में Women Power, इस Women Power को बहुत महत्व दिया जा रहा है। चंद्रयान हो या गगनयान, महिला वैज्ञानिकों के बिना ऐसे किसी भी मिशन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। आज 500 से अधिक महिलाएं इसरो में leadership positions पर हैं। मैं यहां मौजूद सभी महिला वैज्ञानिकों, technicians, engineers की हृदय से सराहना करता हूं। लेकिन इसके कारण पुरुष वर्ग नाराज न हो जाए, उनको तो मिलता ही रहता है अभिनंदन।

साथियों,

भारत के स्पेस सेक्टर का एक बहुत बड़ा योगदान है, जिसकी उतनी चर्चा नहीं हो पाती। ये योगदान है, युवा पीढ़ी में साइंटिफिक टेम्परामेंट के बीज बोने का। इसरो की सफलता देखकर कितने ही बच्चों के मन में ये बात आती है कि बड़ा होकर मैं भी साइंटिस्ट बनूंगा। वो रॉकेट का काउंटडाउन...उसकी उल्टी गिनती...लाखों लाख बच्चों को प्रेरित करती है। हर घर में कागज के हवाई जहाज उड़ाने वाला जो एयरोनॉटिकल इंजीनियर है, वो बड़ा होकर आप जैसा इंजीनियर बनना चाहता है, साइंटिस्ट बनना चाहता है। और किसी भी देश के लिए उसकी युवा पीढ़ी की ये इच्छाशक्ति, बहुत बड़ी पूंजी होती है। मुझे याद है, जब चंद्रयान-2 की लैंडिंग का समय था। पूरे देश के बच्चे, उस पल को देख रहे थे। उस पल में बच्चों ने बहुत कुछ सीखा। फिर आया पिछले साल 23 अगस्त का दिन। चंद्रयान की सफल लैंडिंग ने युवा पीढ़ी को एक नए जोश से भर दिया। इस दिन को हमने Space-Day के तौर पर मान्यता दी है। आप सभी ने देश को अपनी space journey में भारत को उपलब्धियों के ऐसे एक से बढ़कर एक पल दिए हैं। स्पेस सेक्टर में हमने कई रिकॉर्ड बनाए हैं। पहले ही प्रयास में मंगल ग्रह तक पहुंचने की सफलता भारत को मिली। एक ही मिशन में सौ से अधिक satellite लॉन्च करने वाला देश, हमारा भारत है। चंद्रयान की सफलता के बाद भी आपने कई उपलब्धियां हासिल की। आपने आदित्य-L1 को पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर सुरक्षित रूप से अपने orbit तक पहुंचाया है। दुनिया के कुछ ही देश ऐसा कर पाए हैं। 2024 को शुरू हुए अभी कुछ हफ्ते ही हुए हैं, इतने कम समय में ही आपने एक्सपोसैट और INSAT-3 DS जैसी सफलता हासिल की है।

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साथियों,

आप सभी मिलकर भविष्य के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोल रहे हैं। अनुमान है कि आने वाले दस वर्षों में भारत की space economy पांच गुना बढ़कर 44 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी। Space के क्षेत्र में भारत, एक बहुत बड़ा global commercial hub बनने जा रहा है। आने वाले कुछ वर्षों में हम चंद्रमा पर एक बार फिर जाएंगे। और इस सफलता के बाद हमने अपने लक्ष्य और ऊंचे कर लिए हैं। अब हमारे मिशन टेक्नॉलॉजी की दृष्टि से और अधिक challenging होंगे। हम चंद्रमा की सतह से सैंपल जुटाएंगे और उन्हें पृथ्वी पर वापस ले करके आएंगे। इससे चांद के बारे में हमारी जानकारी और समझ और बेहतर होगी। इसके बाद शुक्र भी इसरो के लक्ष्यों में से एक है। 2035 तक अंतरिक्ष में भारत का अपना space station होगा, जो हमें space के अज्ञात विस्तार को जानने में मदद करेगा। इतना ही नहीं, इसी अमृतकाल में भारत का astronaut, भारत के अपने रॉकेट से चंद्रमा पर भी उतरकर दिखाएगा।

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साथियों,

21वीं सदी का भारत, विकसित होता हुआ भारत, आज दुनिया को अपने सामर्थ्य से चौंका रहा है। पिछले दस वर्षों में हमने लगभग 400 satellites को लॉन्च किया है। जबकि इससे पहले के दस वर्षों में मात्र 33 satellites लॉन्च किए गए थे। दस वर्ष पहले पूरे देश में मुश्किल से एक या दो startup थे। आज इनकी संख्या दो सौ पार कर चुकी है। इनमें से अधिकांश startups युवाओं द्वारा शुरू किए गए हैं। आज इनमें से कुछ लोग हमारे बीच भी मौजूद हैं। मैं उनके vision, उनके टैलेंट और उनकी उद्यमिता की सराहना करता हूं। हाल ही में हुए Space reforms ने इस सेक्टर को नई गति दी है। पिछले हफ्ते ही हमने space में FDI Policy भी जारी की है। इसके तहत स्पेस सेक्टर में 100 परसेंट foreign investment को भी मंजूरी दे दी गई है। इस reform से दुनिया के बड़े-बड़े स्पेस संस्थान भारत आ पाएंगे और यहां के युवाओं को पूरी दुनिया के सामने अपना टैलेंट दिखाने का मौका मिलेगा।

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साथियों,

हम सब ने मिलकर 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया है। इस संकल्प को सिद्धि तक पहुंचाने में space sector की भूमिका बहुत बड़ी है। और स्पेस साइंस सिर्फ rocket science नहीं है, बल्कि ये सबसे बड़ी social science भी है। स्पेस टेक्नोलॉजी से सोसायटी को सबसे अधिक लाभ होता है, सबको लाभ होता है। आज हमारी डेली लाइफ में जो भी टेक्नोलॉजी यूज़ होती है, उसमें स्पेस टेक्नोलॉजी का बहुत बड़ा रोल है। खेती में फसल की देखरेख हो, मौसम की जानकारी हो, साइक्लोन और दूसरी आपदाएं हों, सिंचाई के साधन हों, गाड़ी चलाने में मदद करने वाले मैप हों, ऐसे अनेक काम सैटेलाइट डेटा से ही होते हैं। भारत के लाखों मछुआरों को NAVIC द्वारा सटीक जानकारी मिलने के पीछे भी space की ताकत है। हमारे सैटेलाइट्स, हमारे बॉर्डर को सेफ रखने में भी मदद करते हैं, तो दूर-सुदूर के इलाकों में education, communication और health services पहुंचाने में भी वो भरसक मदद करते हैं। इसलिए, विकसित भारत के निर्माण में आप सभी की, ISRO की, पूरे space sector की बहुत बड़ी भूमिका है। मैं एक बार फिर आप सभी को अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं। टीम गगनयान को विशेष रूप से 140 करोड़ देशवासियों की तरफ से शुभकामनाएं देता हूं! फिर एक बार आप सबको शुभकामनाएं देते हुए, बहुत-बहुत धन्यवाद!

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PM Modi goes on Lion Safari at Gir National Park
March 03, 2025
QuoteThis morning, on #WorldWildlifeDay, I went on a Safari in Gir, which, as we all know, is home to the majestic Asiatic Lion: PM Modi
QuoteComing to Gir also brings back many memories of the work we collectively did when I was serving as Gujarat CM: PM Modi
QuoteIn the last many years, collective efforts have ensured that the population of Asiatic Lions is rising steadily: PM Modi

The Prime Minister Shri Narendra Modi today went on a safari in Gir, well known as home to the majestic Asiatic Lion.

In separate posts on X, he wrote:

“This morning, on #WorldWildlifeDay, I went on a Safari in Gir, which, as we all know, is home to the majestic Asiatic Lion. Coming to Gir also brings back many memories of the work we collectively did when I was serving as Gujarat CM. In the last many years, collective efforts have ensured that the population of Asiatic Lions is rising steadily. Equally commendable is the role of tribal communities and women from surrounding areas in preserving the habitat of the Asiatic Lion.”

“Here are some more glimpses from Gir. I urge you all to come and visit Gir in the future.”

“Lions and lionesses in Gir! Tried my hand at some photography this morning.”