"पहले सौ दिनों में ही हमारी प्राथमिकताएं स्पष्ट रूप से परिलक्षित हैं, यह हमारी गति और पैमाने का भी प्रतिबिंब है"
"वैश्विक अनुप्रयोग के लिए भारतीय समाधान"
"भारत 21वीं सदी का सर्वश्रेष्ठ दावेदार है"
"हरित भविष्य और नेट जीरो भारत की प्रतिबद्धता है"
"पेरिस में निर्धारित जलवायु प्रतिबद्धताओं को समय सीमा से 9 वर्ष पूर्व अर्जित करने वाला भारत जी-20 में पहला देश है"
"पीएम सूर्य घर नि:शुल्‍क विद्युत योजना के साथ, भारत का हर घर बिजली उत्पादक बनने के लिए तैयार है"
"सरकार धरा के प्रति समर्पित लोगों के सिद्धांतों के लिए प्रतिबद्ध है"

गुजरात के गवर्नर श्री आचार्य देवव्रत जी, गुजरात के मुख्यमंत्री श्रीमान भूपेंद्र भाई पटेल, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री श्रीमान चंद्रबाबू नायडू जी, राजस्थान के मुख्यमंत्री श्रीमान भजन लाल शर्मा जी, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन यादव जी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री जी भी यहां देख रहा हूं मैं, गोवा के मुख्यमंत्री भी दिखाई दे रहे हैं, और कई राज्यों के ऊर्जा मंत्री भी मुझे नजर आ रहे हैं। उसी प्रकार से विदेश के मेहमान, जर्मनी की Economic Cooperation Minister, Denmark के Industry Business Minister, मंत्रिमंडल के मेरे साथी प्रहलाद जोशी, श्रीपद नाइक जी, और दुनिया के कई देशों से आए हुए सभी delegates, देवियों और सज्जनों !

दुनिया के अनेक देशों से पधारे हुए सभी साथियों का welcome करता हूं, उनका अभिनंदन करता हूं। ये RE-Invest कॉन्फ्रेंस का fourth edition है। मुझे पूरा विश्वास है...आने वाले तीन दिनों तक यहां energy के future, technology और policies पर सीरियस डिस्कशन होगा। यहां हमारे senior most सारे Chief Ministers भी हमारे बीच हैं। उनका अपना भी इस क्षेत्र में बहुत अनुभव है, इन चर्चाओं में हमें उनका भी मूल्यवान मार्गदर्शन मिलने वाला है। इस कॉन्फ्रेंस से हम जो एक दूसरे से सीखेंगे, वो पूरी ह्यूमैनिटी की भलाई के काम आएगा। मेरी शुभकामनाएं आप सबके साथ हैं।

Friends,

आप सभी जानते हैं कि भारत की जनता ने 60 साल बाद लगातार किसी सरकार को, थर्ड टर्म दिया है। हमारी सरकार को मिले third term के पीछे, भारत की बहुत बड़ी aspirations हैं। आज 140 करोड़ भारतवासियों को भरोसा है, भारत के युवाओं को भरोसा है, भारत की महिलाओं को भरोसा है कि उनकी aspirations को पिछले 10 साल में जो पंख लगे हैं, वो इस थर्ड टर्म में एक नई उड़ान भरेंगे। देश के गरीब, दलित-पीड़ित-शोषित वंचित को भरोसा है कि हमारा थर्ड टर्म...उसके गरिमापूर्ण जीवन जीने की गारंटी बनेगा। 140 करोड़ भारतीय, भारत को तेज़ी से टॉप थ्री economies में पहुंचाने का संकल्प लेकर काम कर रहे हैं। इसलिए, आज का ये इवेंट, isolated event नहीं है। ये एक बड़े विजन, एक बड़े मिशन का हिस्सा है। ये 2047 तक भारत को डवलप्ड नेशन बनाने के हमारे action plan का हिस्सा है। और हम ये कैसे कर रहे हैं, इसका ट्रेलर, थर्ड टर्म के हमारे पहले hundred days, 100 दिनों के फैसलों में दिखता है।

Friends,

फर्स्ट Hundred days में, हमारी priorities भी दिखती हैं, हमारी speed और scale का भी एक reflection मिलता है। इस दौरान हमने हर उस सेक्टर और हर उस फैक्टर को एड्रेस किया है जो भारत के तेज़ विकास के लिए ज़रूरी है। इन 100 दिनों में फिज़िकल और सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार के लिए अनेक महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। हमारे विदेशी अतिथियों को ये जानकर हैरानी होगी कि भारत में हम 70 मिलियन यानि 7 करोड़ घर बना रहे हैं, ये दुनिया के कई देशों की आबादी से भी ज्यादा है। सरकार के पिछले दो टर्म में हमने इसमें से 40 मिलियन यानि 4 करोड़ घर बना चुके हैं। और तीसरे टर्म में हमारी सरकार ने 30 मिलियन यानि 3 करोड़ नए घर बनाने का काम शुरु भी कर दिया है। बीते 100 दिनों में भारत में 12 नए इंडस्ट्रियल सिटीज़ बनाने का फैसला किया गया है। बीते 100 दिनों में 8 हाईस्पीड रोड कॉरिडोर प्रोजेक्ट्स अप्रूव किए गए हैं। बीते 100 दिनों में 15 से ज्यादा नई मेड इन इंडिया, सेमी हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेन लॉन्च की गई हैं। हमने research को प्रमोट करने के लिए भी one trillion rupees का रिसर्च फंड बनाया है। हमने electric mobility को बढ़ावा देने के लिए भी अनेक initiatives announce किए हैं। हमारा लक्ष्य हाई परफॉर्मेंस बायोमैन्युफेक्चरिंग को बढ़ावा देने का है, और ये भविष्य इसी से जुड़ा रहने वाला है। इसके लिए बायो-ई-थ्री Policy को भी मंजूरी दी गई है।

साथियों,

बीते hundred days में Green Energy के लिए भी कई बड़े फैसले लिए गए हैं। हमने off-shore Wind Energy Projects के लिए Viability gap funding Scheme की शुरुआत की गई है। इस पर हम seven thousand crore rupees से ज्यादा खर्च करने वाले हैं। भारत, आने वाले समय में thirty one thousand megawatt हाइड्रो पावर जेनरेट करने के लिए भी काम कर रहा है। इसके लिए twelve thousand crore rupees से अधिक अप्रूव किए गए हैं।

साथियों,

भारत की डायवर्सिटी, भारत की स्केल, भारत की कैपेसिटी, भारत का potential, भारत की performance…ये सब यूनीक हैं। इसलिए, मैं कहता हूं- Indian solutions for global application. इस बात को दुनिया भी भलीभांति समझ रही है। आज भारतीयों को ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को लगता है कि भारत 21st century की best bet है। आप देखिए, इस महीने की शुरुआत में ही Global Fintech Fest का आयोजन हुआ। इसके बाद फर्स्ट सोलर इंटरनेशनल फेस्टिवल में दुनियाभर से लोग शामिल हुए। फिर Global Semiconductor समिट में दुनिया के कोने-कोने से लोग भारत आए। इसी दौरान भारत ने Civil Aviation पर Asia-Pacific Ministerial Conference के आयोजन का दायित्व निभाया। और अब आज यहां हम ग्रीन एनर्जी के फ्यूचर पर चर्चा के लिए जुटे हैं।

Friends,

मेरे लिए ये बहुत सुखद संयोग है कि गुजरात की जिस धरती पर श्वेत क्रांति...Milk Revolution का उदय हुआ, जिस धरती पर मधु क्रांति...Sweet Revolution, शहद का काम, उसका उदय हुआ, जिस धरती पर सूर्य क्रांति...Solar Revolution का उदय हुआ...वहां ये भव्य आयोजन हो रहा है। गुजरात, भारत का वो राज्य है, जिसने भारत में सबसे पहले अपनी सोलर पावर पॉलिसी बनाई थी। पहले गुजरात में पॉलिसी बनी...इसके बाद हम नेशनल लेवल पर आगे बढ़े। दुनिया में जैसा अभी भूपेंद्र भाई ने बताया क्लाइमेट के लिए अलग से मिनिस्ट्री बनाने वालों में भी गुजरात बहुत आगे था। जिस समय भारत में सोलर पावर की बहुत चर्चा भी नहीं थी...गुजरात में सैकड़ों मैगावॉट के सोलर प्लांट लग रहे थे। .

साथियों,

आपने भी देखा होगा...ये जो वेन्यू है, इसका नाम महात्मा गांधी के नाम पर है- महात्मा मंदिर। जब दुनिया में climate challenge का विषय उभरा भी नहीं था, तब महात्मा गांधी ने दुनिया को सचेत किया था। और महात्मा गांधी का जीवन देखेंगे तो मिनिमम कार्बन फुटप्रिंट वाला जीवन था, वो प्रकृति के प्रेम को जीते थे और उन्होंने कहा था – धरती के पास हमारी need को पूरा करने के लिए पर्याप्त resources हैं, लेकिन greed को पूरा नहीं किया जा सकता। महात्मा गांधी का ये विजन, भारत की महान परंपरा से निकला है। हमारे लिए Green Future, Net Zero, ये कोई fancy words नहीं हैं। ये भारत की ज़रूरत हैं, ये भारत का कमिटमेंट हैं, भारत की हर राज्य सरकार का कमिटमेंट है। एक developing economy के नाते हमारे पास भी इन कमिटमेंट्स से बाहर रहने का जायज बहाना था। हम दुनिया को कह सकते थे कि विश्व को तबाह करने में हमारी कोई भूमिका नहीं है लेकिन हमने ऐसा कहकर के हाथ ऊपर नहीं किए। हम मानवजात के उज्जवल भविष्य की चिंता करने वाले लोग थे, और इसलिए हमने दुनिया को राह दिखे उस प्रकार से जिम्मेवारी के साथ अनगिनत कदम उठाएं।

आज का भारत, सिर्फ आज का नहीं बल्कि आने वाले एक हज़ार साल का base तैयार कर रहा है। हमारा मकसद सिर्फ top पर पहुंचना ही नहीं है। हमारी तैयारी, top पर sustain करने की है। भारत, इस बात को भली-भांति जानता है...हमारी energy needs क्या हैं। भारत जानता है 2047 तक developed nation बनाने के लिए हमारी requirements क्या हैं। और हम ये भी जानते हैं कि हमारे पास अपने oil और gas के भंडार नहीं हैं। हम energy independent नहीं हैं। और इसलिए, हमने solar power, wind power, nuclear और hydro power के दम पर अपने फ्यूचर को build करने का फैसला लिया है।

Friends,

भारत, G-20 में पहला ऐसा देश है, जिसने पेरिस में तय क्लाइमेट कमिमटेंस को डेडलाइन से 9 साल पहले अचीव किया, 9 साल पहले पूरा कर दिया। और जी-20 देशों के समूह में हम अकेले हैं जिसने करके दिखाया है। जो developed nation नहीं कर पाए, वो एक developing nation ने दुनिया को करके दिखाया है। अब 2030 तक 500 गीगावॉट रीन्युएबल एनर्जी के टारगेट को अचीव करने के लिए, हम एक साथ कई स्तर पर काम कर रहे हैं। हम ग्रीन ट्रांजिशन को peoples movement बना रहे हैं। आप सभी को, अभी आपने वीडियो भी देखा, हमारी PM सूर्यघर मुफ्त बिजली स्कीम को स्टडी करना चाहिए। ये Rooftop Solar की एक unique स्कीम है। इसके तहत हम Rooftop Solar Setup के लिए, हर फैमिली को फंड कर रहे हैं, installation में मदद कर रहे हैं। इस एक योजना से भारत का हर घर एक power producer बनने जा रहा है। अब तक 13 मिलियन यानि 1 करोड़ 30 लाख से ज्यादा families इसमें रजिस्टर कर चुकी हैं। अभी तक सवा 3 लाख घरों में इस योजना के तहत इंस्टॉलेशन का काम पूरा भी हो चुका है।

साथियों,

पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के जो रिजल्ट आने शुरू हुए हैं...ये रिजल्ट अपने आप अद्भुत हैं। एक छोटा परिवार जिसकी महीने में 250 यूनिट बिजली की खपत है, और जो 100 यूनिट बिजली पैदा करके ग्रिड में बेच रहा है, उसे साल में करीब-करीब 25 हजार रुपए की कुल बचत होगी। यानि लोगों का जो बिजली बिल बचेगा और जो वो कमाएंगे...उससे उनको करीब 25 हजार रुपए का फायदा होगा। अगर इस पैसे को वो PPF में डालते हैं, PPF में डाल देते हैं, और घर में मानो बेटी का जन्म हुआ है, एक साल की बेटी है तो 20 साल बाद 10-12 लाख रुपए से ज्यादा उनके पास होंगे। आप कल्पना कर सकते हैं...बच्चों की पढ़ाई-लिखाई से लेकर शादी-ब्याह तक, ये पैसा बहुत काम आएगा।

साथियों,

इस स्कीम से दो और बड़े लाभ हैं। ये स्कीम Electricity के साथ-साथ employment generation और environment protection का भी माध्यम बन रही है। Green job बहुत तेजी से बढ़ने वाले हैं, हजारों vendors जरूरत पड़ेगी, लाखों लोग इसको install करने के लिए लगेंगे। इस योजना से करीब two मिलियन यानि 20 लाख रोजगार पैदा होंगे। पीएम सूर्यघर स्कीम के तहत 3 लाख नौजवानों को skilled manpower के तौर पर तैयार करने का लक्ष्य है। इनमें से एक लाख नौजवान तो Solar PV Technicians भी होंगे। इसके अलावा, हर 3 किलोवॉट सोलर बिजली पैदा करने 50-60 टन कार्बन डायोक्साइड का एमिशन भी रुकेगा। यानि पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से जुड़ने वाला हर परिवार क्लाइमेट चेंज से मुकाबला करने में भी बड़ा योगदान देगा।

साथियों,

जब 21वीं सदी का इतिहास लिखा जाएगा तो उसमें भारत की सोलर क्रांति का चैप्टर, सोलर रिवोल्यूशन का चैप्टर सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा।

साथियों,

जो विदेश के मेहमान आए हैं मैं उनको कहूंगा यहां से 100 किलोमीटर की दूरी पर ही एक बहुत खास गांव है- मोढेरा। वहां सैकड़ों साल पुराना Sun temple है। और ये गांव भारत का पहला solar village भी है...यानि इस गांव की सारी जरूरतें solar power से पूरी होती हैं। आज देश भर में ऐसे अनेक गांवों को सोलर विलेज बनाने का अभियान चल रहा है।

साथियों,

मैं अभी यहां जो एग्जिबिशन लगा है वो देखने गया था, और आप सबसे भी मेरा आग्रह है एग्जिबिशन जरूर देखिए। आप सभी अयोध्या के बारे में तो भरपूर जानते हैं। अयोध्या नगरी, भगवान राम की जन्मस्थली है। और भगवान राम तो सूर्यवंशी थे। और मैं अभी जब प्रदर्शनी देख रहा था तो वहां उत्तर प्रदेश का स्टॉल देखा। क्योंकि मैं काशी का सांसद हूं, उत्तर प्रदेश वाला भी बन गया हूं तो मैं स्वाभाविक है मैं उत्तर प्रदेश का स्टॉल देखने गया। और मेरी जो एक इच्छा थी आज मुझे रिपोर्ट कर रहे थे कि मेरी इच्छा उन्होंने पूरी कर दी है। भगवान राम का भव्य मंदिर तो बना है लेकिन मैं दुनिया को बताना चाहता हूं, अब उस अयोध्या जो सूर्यवंशी भगवान राम की जन्मभूमि है, वो पूरा अयोध्या मॉडल सोलर सिटी बनाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। करीब-करीब काम पूरा होने आया है। हमारा प्रयास है कि अयोध्या का हर घर, हर कार्यालय, हर सेवा, सौर शक्ति से चले, सोलर एनर्जी से चले। और मुझे खुशी है कि अब तक हम अयोध्या के अनेकों सुविधाओं और घरों को सोलर एनर्जी से जोड़ चुके हैं। अयोध्या में बड़ी संख्या में सोलर स्ट्रीट लाइट्स, सोलर चौराहे, सोलर बोट्स, सोलर वाटर एटीएम और सोलर बिल्डिंग देखी जा सकती हैं।

हमने भारत में ऐसे 17 शहरों की पहचान की है जिसे हम, इसी प्रकार सोलर सिटी के तौर पर विकसित करना चाहते है। हम अपनी एग्रीकल्चर फील्ड्स को, हमारे खेतो को भी, हमारे किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए Solar Power Generation का माध्यम बना रहे हैं। आज किसानों को इरीगेशन के लिए सोलर पंप और छोटे सोलर प्लांट लगाने के लिए मदद दी जा रही है। भारत आज रीन्यूएबल एनर्जी से जुड़े हर सेक्टर में बड़ी स्पीड और बड़े स्केल पर काम कर रहा है। बीते दशक में हमने न्यूक्लियर एनर्जी से पहले की तुलना में 35 परसेंट ज्यादा बिजली पैदा की है। भारत, ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में Global Leader बनने का प्रयास कर रहा है। इसके लिए हमने करीब twenty thousand crore रुपए का ग्रीन हाइड्रोजन मिशन लॉन्च किया है। आज भारत में waste to energy का भी एक बहुत बड़ा अभियान चल रहा है। क्रिटिकल मिनरल्स से जुड़े challenges को एड्रेस करने के लिए हम सर्कुलर अप्रोच को प्रमोट कर रहे हैं। Re-use और recycle से जुड़ी बेहतर टेक्नोलॉजी तैयार हों, इसके लिए स्टार्ट अप्स को भी सपोर्ट किया जा रहा है।

साथियों,

Pro-Planet people का सिद्धांत हमारा कमिटमेंट है। इसलिए भारत ने दुनिया को मिशन LiFE, मिशन LiFE यानि life style for environment का विजन दिया है। भारत ने International solar alliance का initiative लेकर दुनिया के सैकड़ों देशों को जोड़ा है। भारत की G-20 Presidency के दौरान भी Green Transition पर भी हमारा बहुत फोकस रहा है। G-20 समिट के दौरान Global Biofuel Alliance भी launch किया गया था। भारत ने अपनी रेलवे को इस दशक के अंत तक नेट ज़ीरो बनाने का भी लक्ष्य रखा है। कुछ लोगों को लगेगा कि भारत की रेलवे नेट ज़ीरो का मतलब क्या है? जरा मैं उनका बता दूं। हमारा रेलवे नेटवर्क इतना बड़ा है कि डेली ट्रेन के डिब्बे में करीब-करीब एक-डेढ़ करोड़ लोग होते हैं, इतनी बड़ी ट्रेन नेटवर्क। और उसको हम नेट ज़ीरो बनाने वाले हैं। हमने ये भी तय किया है कि 2025 तक हम पेट्रोल में twenty percent इथेनॉल ब्लेंडिंग का टारगेट हासिल करेंगे। भारत के लोगों ने गांव-गांव में हजारों अमृत सरोवर भी बनाए हैं, जो water conservation के काम आ रहे हैं। आजकल आप देख रहे होंगे...भारत में लोग अपनी मां के नाम पर एक पेड़ लगा रहे हैं, ‘एक पेड़ मां के नाम’। मैं आपसे भी इस अभियान से जुड़ने का आग्रह करूंगा, दुनिया के हर नागरिक को आग्रह करूंगा।

साथियों,

भारत में रीन्युएबल एनर्जी की डिमांड तेज़ हो रही है। सरकार भी इस डिमांड को मीट करने के लिए नई policies बना रही है, हर तरह से सपोर्ट दे रही है। इसलिए, आपके सामने opportunities सिर्फ energy generation में ही नहीं है। बल्कि manufacturing में भी अद्भुत संभावनाएं हैं। भारत का प्रयास, पूरी तरह से Made in India solutions का है। इससे भी आपके लिए यहां अनेक संभावनाएं बन रही हैं। भारत, सही मायने में आपके लिए expansion की और बेहतर return की गारंटी है। और मैं आशा करता हूं कि आप उसमें जुड़ेंगे। इस क्षेत्र में इन्वेस्टमेंट के लिए इससे बेहतर कोई जगह नहीं हो सकती है, इनोवेशन के लिए बहुत अच्छी जगह और नहीं हो सकती है। और मैं कभी-कभी सोचता हूं, हमारे मीडिया में कभी-कभी गॉसिप कॉलम आती है, बड़ी चटाकेदार होती है, मजेदार होती है कभी-कभी। लेकिन उनका एक बात पर ध्यान नहीं गया और आज के बाद जरूर ध्यान जाएगा। अभी जो यहां भाषण कर रहे थे ना प्रहलाद जोशी वो हमारे रिन्यूएबल एनर्जी के मिनिस्टर है, लेकिन मेरी पिछली सरकार में वो कोयले के मंत्री थे। तो देखिए मेरा मंत्री भी कोयले से रिन्यूएबल एनर्जी की तरफ चला गया।

मैं एक बार फिर आप सभी को भारत की ग्रीन ट्रांजिशन में इन्वेस्ट करने के लिए आमंत्रित करता हूं। और आप इतनी बड़ी तादाद में यहां आए मैं आपका फिर से एक बार, इस धरती में, मैं पैदा हुआ, गुजरात ने मुझे बहुत कुछ सिखाया तो मेरा भी मन करता है कि गुजरात के मुख्यमंत्री के साथ-साथ मैं भी आप सबके स्वागत में अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए, आप सबका धन्यवाद करते हुए सभी राज्यों की भागीदारी के लिए, मैं सभी राज्य सरकारों का भी आभार व्यक्त करता हूं। जो मुख्यमंत्री यहां पधारे हैं, उनका भी मैं विशेष रूप से आभार व्यक्त करता हूं। और मैं पूरे विश्वास से कहता हूं कि ये हमारी समिट, इस समिट में होने वाला संवाद ये हम सबको जोड़ेगा भी और हमें अपनी भावी पीढ़ी के उज्जवल भविष्य के लिए जोड़ेगा।

मुझे याद है एक बार राष्ट्रपति ओबामा यहां पर टूर, भारत में उनका प्रवास था bilateral visit के लिए आए थे। तो हमारी प्रेस कॉन्फ्रेस थी, दिल्ली में तो किसी पत्रकार महोदय ने पूछा क्योंकि उस समय चल रहा था लोग भांति-भांति के सारे आंकड़े घोषित करते रहते थे, ये करेंगे, वो करेंगे तो उन्होंने मुझे पूछा कि दुनिया में भांति-भांति के देश बड़े-बड़े टारगेट तय कर रहे हैं क्या इसका दबाव है क्या आपके मन पर। और मैंने उस दिन जवाब दिया था मीडिया को कि मोदी है...। यहां किसी का दबाव, वबाव नहीं चलता है। फिर मैंने कहा था कि हां मुझ पर दबाव है और वो दबाव है हमारी भावी पीढ़ी के संतानों का, जो जन्मे भी नहीं हैं लेकिन उनके उज्जवल भविष्य की चिंता मुझे सताती रही है। और इसलिए आने वाली पीढ़ियों के कल्याण के लिए काम मैं कर रहा हूं और आज भी ये समिट हमारे बाद दूसरी-तीसरी-चौथी पीढ़ी के उज्जवल भविष्य की गारंटी बनने वाली है। उतना बड़ा काम करने के लिए आप यहां आए हैं, महात्मा गांधी के नाम पर बने इस महात्मा मंदिर में आए हैं। मैं फिर एक बार आप सबका ह्दय से बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं।

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PM Modi addresses the Parliament of Guyana
November 21, 2024


Prime Minister Shri Narendra Modi addressed the National Assembly of the Parliament of Guyana today. He is the first Indian Prime Minister to do so. A special session of the Parliament was convened by Hon’ble Speaker Mr. Manzoor Nadir for the address.

In his address, Prime Minister recalled the longstanding historical ties between India and Guyana. He thanked the Guyanese people for the highest Honor of the country bestowed on him. He noted that in spite of the geographical distance between India and Guyana, shared heritage and democracy brought the two nations close together. Underlining the shared democratic ethos and common human-centric approach of the two countries, he noted that these values helped them to progress on an inclusive path.

Prime Minister noted that India’s mantra of ‘Humanity First’ inspires it to amplify the voice of the Global South, including at the recent G-20 Summit in Brazil. India, he further noted, wants to serve humanity as VIshwabandhu, a friend to the world, and this seminal thought has shaped its approach towards the global community where it gives equal importance to all nations-big or small.

Prime Minister called for giving primacy to women-led development to bring greater global progress and prosperity. He urged for greater exchanges between the two countries in the field of education and innovation so that the potential of the youth could be fully realized. Conveying India’s steadfast support to the Caribbean region, he thanked President Ali for hosting the 2nd India-CARICOM Summit. Underscoring India’s deep commitment to further strengthening India-Guyana historical ties, he stated that Guyana could become the bridge of opportunities between India and the Latin American continent. He concluded his address by quoting the great son of Guyana Mr. Chhedi Jagan who had said, "We have to learn from the past and improve our present and prepare a strong foundation for the future.” He invited Guyanese Parliamentarians to visit India.

Full address of Prime Minister may be seen here.