दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस गलियारे के प्राथमिकता वाले खंड का उद्घाटन
साहिबाबाद से दुहाई डिपो को जोड़ने वाली नमो भारत रैपिडएक्स ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया
बेंगलुरु मेट्रो के पूर्व-पश्चिम गलियारे की दो लाइनें राष्ट्र को समर्पित
"दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस गलियारा क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में व्यापक परिवर्तन लाएगा"
आज भारत की प्रथम रैपिड रेल सेवा नमो भारत ट्रेन का शुभारंभ
"नमो भारत ट्रेन नए भारत के नए सफर और नए संकल्पों को परिभाषित कर रही है"
“मैं नई मेट्रो सुविधा के लिए बेंगलुरु के सभी लोगों को बधाई देता हूं
"नमो भारत ट्रेनें भविष्य के भारत की झलक हैं"
"अमृत भारत, वंदे भारत और नमो भारत की ये त्रिवेणी इस दशक के अंत तक भारतीय रेल के आधुनिकीकरण का प्रतीक बनेगी"
“केंद्र सरकार की कोशिश है कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश हो या कर्नाटक, हर शहर में आधुनिक और हरित सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा मिले”
“आप मेरा परिवार हैं, इसलिए आप मेरी प्राथमिकता हैं, ये काम आपके लिए किया जा रहा है, अगर आप प्रसन्न होंगे, तो मुझे भी खुशी होगी, आप समर्थ होंगे, तो देश समर्थ बनेगा''

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, उत्तर प्रदेश के लोकप्रिय, ऊर्जावान मुख्यमंत्री भाई योगी आदित्यनाथ जी, कर्नाटका के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल में मेरे सहयोगी हरदीप सिंह पुरी जी, वी के सिंह जी, कौशल किशोर जी, अन्य सभी वरिष्ठ महानुभाव और विशाल संख्या में पधारे हुए मेरे परिवारजनों।

आज पूरे देश के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। आज भारत की पहली रैपिड रेल सेवा, नमो भारत ट्रेन, राष्ट्र को समर्पित हो रही है, आरंभ हुई है। लगभग चार साल पहले मैंने दिल्ली - गाज़ियाबाद - मेरठ रीजनल कॉरिडॉर प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी थी। आज साहिबाबाद से दुहाई डिपो तक उस हिस्से पर नमो भारत का संचालन शुरु हो गया है। और मैंने पहले भी कहा है, आज भी कहता हूं जिसका शिलान्यास हम करते हैं, उसका उद्घाटन भी हम ही करते हैं। और ये मेरठ वाला हिस्सा 1 साल, डेढ़ साल के बाद पूरा होगा, उस समय भी मैं आपकी सेवा में मौजूद रहूंगा।

अभी मुझे इस अति आधुनिक ट्रेन से यात्रा का भी अनुभव मिला है। मैंने तो बचपन रेलवे प्लेटफॉर्म पर बिताया है और आज रेलवे का ये नया रूप मुझे सबसे ज्यादा आनंदित करता है। ये अनुभव प्रफुल्लित करने वाला है, आनंद से भर देने वाला है। हमारे यहां नवरात्रि में शुभकार्य की परंपरा है। देश की पहली नमो भारत ट्रेन को भी आज मां कात्यायिनी के आशीर्वाद प्राप्त हुए हैं। और ये भी बहुत विशेष है कि इस नई ट्रेन में ड्राइवर से लेकर तमाम कर्मचारी, महिलाएं हैं, हमारे देश की बेटियां हैं। ये भारत की नारीशक्ति के बढ़ते कदम का प्रतीक है। मैं दिल्ली-एनसीआर और पश्चिमी यूपी के सभी लोगों को नवरात्रि के पावन पर्व पर मिले इस उपहार के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं, बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। नमो भारत ट्रेन में आधुनिकता भी है, गति भी है, अद्भुत स्पीड भी है। ये नमो भारत ट्रेन, नए भारत के नए सफर और नए संकल्पों को परिभाषित कर रही है।

मेरे परिवारजनों,

मेरा हमेशा से मानना है कि भारत का विकास, राज्यों के विकास से ही संभव है। अभी इस समय हमारे साथ कर्नाटका के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया जी भी जुड़े हुए है। आज बेंगलुरू में मेट्रो की 2 लाइनों को भी देश को समर्पित किया गया है। इससे बेंगलुरु के IT hub की कनेक्टिविटी और बेहतर हुई है। अब तो बेंगलुरु में हर रोज लगभग 8 लाख लोग मेट्रो से सफर कर रहे हैं। मैं नई मेट्रो सुविधा के लिए बेंगलुरु के सभी लोगों को भी बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

मेरे परिवारजनों,

21वीं सदी का हमारा भारत, आज हर सेक्टर में, हर क्षेत्र में प्रगति की नई गाथा लिख रहा है। आज का भारत, चंद्रयान पर, चंद्रयान को चंद्रमा पर उतारकर दुनिया में ये हिन्दुस्तान छाया हुआ है। आज का भारत, जी-20 का इतना शानदार आयोजन करके, दुनिया के लिए आकर्षण का, उत्सुकता का और दुनिया का भारत के साथ जुड़ने का एक नया अवसर बन गया है। आज का भारत एशियन गेम्स में 100 से ज्यादा मेडल जीतकर दिखाता है और उसमें मेरा उत्तर प्रदेश भी होता है। आज का भारत, अपने दम पर 5 जी लॉन्च करता है और उसे देश के कोने-कोने में ले जाता है। आज का भारत, दुनिया में सबसे ज्यादा ड़िजिटल लेन-देन करता है।

जब कोरोना संकट आया, तो भारत में बनी वैक्सीन ने, दुनिया के करोड़ों लोगों की जान बचाई। बड़ी-बड़ी कंपनियां आज भारत में मोबाइल और टीवी-लैपटॉप-कंप्यूटर ये बनाने के लिए हिन्दुस्तान आ रही हैं। आज भारत लड़ाकू विमान बनाता है, लड़ाकू विमान के साथ-साथ समंदर में तिरंगा फहराने वाला विक्रांत जहाज भी बनाता है। और ये जो आज तेज रफ्तार नमो भारत शुरू हुई है, वो भी मेड इन इंडिया है, भारत की अपनी ट्रेन है। साथियों ये सुनकर के आपको गर्व होता है कि नहीं होता है? आपका माथा ऊंचा होता है कि नहीं होता है? हर हिन्दुस्तानी को उज्जवल भविष्य दिखता है कि नहीं दिखता है? मेरे नौजवानों को उज्जवल भविष्य दिखता है कि नहीं दिखता है। अभी जो प्लेटफॉर्म पर स्क्रीन डोर के सिस्टम का लोकार्पण हुआ है, वो भी मेड इन इंडिया है।

और मैं एक और बात बताता हूं, हम हेलीकॉप्टर में ट्रेवल करते हैं, ये प्रधानमंत्री का हेलीकॉप्टर है ना, उसके अंदर इतनी आवाज आती है कि जैसे वो हवाई ट्रैक्टर है, हवाई ट्रैक्टर है, ट्रैक्टर से भी ज्यादा आवाज आती है, कान को बंद रखना पड़ता है। हवाई जहाज में जो आवाज आती है, मैंने आज देखा कि नमो भारत ट्रेन में हवाई जहाज से भी आवाज कम है, यानि कितनी सुखद यात्रा रहती है।

साथियों,

नमो भारत, भविष्य के भारत की झलक है। नमो भारत, इस बात का भी प्रमाण है कि जब देश की आर्थिक ताकत बढ़ती है, तो कैसे ये हमारे देश की तस्वीर बदल जाती है। दिल्ली और मेरठ का ये 80 किलोमीटर से ज्यादा का स्ट्रेच तो एक शुरुआत है, सुनिए, ये तो एक शुरूआत है। पहले फेस में दिल्ली, यूपी, हरियाणा और राजस्थान के अनेक क्षेत्र नमो भारत ट्रेन से कनेक्ट होने वाले हैं। अब मैंने राजस्थान बोल दिया तो अशोक गहलोत जी की नींद खराब हो जाएगी। आने वाले समय में देश के और भी हिस्सों में नमो भारत जैसा सिस्टम बनेगा। इससे औद्य़ोगिक विकास भी होगा और मेरे देश की युवा पीढ़ी के लिए, मेरे देश के नौजवान बेटे-बेटियों के लिए रोजगार के भी नए अवसर बनेंगे।

साथियों,

इस शताब्दी का ये तीसरा दशक, भारतीय रेल के कायाकल्प होने का दशक है। आप देख रहे हैं दोस्तों, इस 10 साल में पूरी रेल आपको बदली हुई नजर आएगी और मुझे छोटे सपने देखने की आदत नहीं है और ना ही मुझे मरते-मरते चलने की आदत है। मैं आज की युवा पीढ़ी को विश्वास देना चाहता हूं, मैं आज की युवा पीढ़ी को गारंटी देना चाहता हूं....इस दशक के अंत तक, आप भारत की ट्रेनों को दुनिया में किसी से भी पीछे नहीं पाएंगे। सुरक्षा हो, सुविधा हो, सफाई हो, सामन्जस्य हो, संवेदना हो, सामर्थ्य हो, भारतीय रेल, पूरी दुनिया में एक नया मुकाम हासिल करेगी। भारतीय रेल, सौ प्रतिशत बिजलीकरण के लक्ष्य से बहुत दूर नहीं है। आज नमो भारत शुरु हुई है। इससे पहले वंदे भारत के रूप में आधुनिक ट्रेनें देश को मिली। अमृत भारत स्टेशन अभियान के तहत देश के रेलवे स्टेशनों को आधुनिक बनाने का काम भी तेज़ गति से चल रहा है। अमृत भारत, वंदे भारत और नमो भारत की ये त्रिवेणी, इस दशक के अंत तक भारतीय रेल के आधुनिकीकरण का प्रतीक बन जाएगी।

आज देश में मल्टीमोडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम पर भी बहुत तेजी से काम चल रहा है। यानि यातायात के अलग-अलग माध्यमों को आपस में जोड़ा जा रहा है। ये जो नमो भारत ट्रेन है, इसमें भी मल्टीमोडल कनेक्टिविटी का ध्यान रखा गया है। दिल्ली के सराए काले खां, आनंद विहार, गाज़ियाबाद और मेरठ के स्टेशनों पर कहीं रेल, कहीं मेट्रो, कहीं बस अड्डों को ये आपस में जोड़ती है। अब लोगों को ये चिंता नहीं करनी पड़ेगी कि ट्रेन से उतरने के बाद वहां से घर या दफ्तर के लिए कोई दूसरा साधन खोजना पड़ेगा।

मेरे परिवारजनों,

बदलते हुए भारत में ये बहुत जरूरी है कि सभी देशवासियों का जीवन स्तर सुधरे, क्वालिटी ऑफ लाइफ और अच्छी हो। लोग अच्छी हवा में सांस लें, कूड़े-करकट के ढेर हटें, यातायात के अच्छे साधन हों, पढ़ाई के लिए अच्छे शिक्षा संस्थान हों, इलाज की बेहतर व्यवस्था हो, इन सब पर आज भारत सरकार विशेष जोर दे रही है। और पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर तो आज भारत, पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए जितना खर्च कर रही है, उतना हमारे देश में पहले कभी नहीं हुआ।

साथियों,

यातायात के लिए, ट्रांसपोर्ट के लिए, हम जल, थल, नभ और अंतरिक्ष, हर दिशा में प्रयास कर रहे हैं। आप वॉटर ट्रांसपोर्ट को ही देख लें तो देश में आज की नदियों में 100 से अधिक वॉटरवेज़ बन रहे हैं। इसमें भी सबसे बड़ा वॉटरवे, मां गंगा के जल प्रवाह में बन रहा है। बनारस से लेकर के हल्दिया तक गंगा जी पर जहाज़ों के लिए अनेक वॉटरवे टर्मिनल बनाए गए हैं। इससे किसान, जलमार्ग के माध्यम से भी फल-सब्जियों और अनाज बाहर भेज पा रहा है। हाल ही में दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रूज़, गंगा विलास, ने भी 3200 किलोमीटर की दूरी तय करके रिकॉर्ड बनाया है। आज देश में समुद्री किनारों पर भी नए पोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर का अभूतपूर्व विस्तार हो रहा है, आधुनिकीकरण हो रहा है। इसका लाभ कर्नाटका जैसे राज्यों को भी हो रहा है। थल की बात करें तो, आधुनिक एक्सप्रेसवे का जाल बिछाने के लिए भी भारत सरकार 4 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा, 4 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च कर रही है। नमो भारत जैसी ट्रेनें हो या फिर मेट्रो ट्रेनें, इन पर भी 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए जा रहे हैं।

यहां दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले लोग जानते हैं कि बीते वर्षों में किस तरह यहां मेट्रो रूट्स का विस्तार हुआ है। यूपी में आज नोएडा, गाजियाबाद, लखनऊ, मेरठ, आगरा, कानपुर जैसे शहरों में मेट्रो आगाज दे रही है, कहीं मेट्रो चल रही है, कहीं निकट भविष्य में चलने वाली है। कर्नाटका में भी बैंगलुरू हो, मैसुरू हो, मेट्रो वाले शहरों का विस्तार हो रहा है।

नभ यानि आसमान में भी भारत ने आसमान में भी उतने ही पंख फैला रहा है। हवाई यात्रा को हम हवाई चप्पल पहनने वाले के लिए सुलभ कर रहे हैं। बीते 9 साल में देश में एयरपोर्ट्स की संख्या दोगुनी हो चुकी है। बीते कुछ समय में हमारी एयरलाइन्स, भारत में 1 हजार से अधिक नए विमानों के ऑर्डर दे चुकी हैं। इसी प्रकार हम अंतरिक्ष में भी अपने कदम तेजी से बढ़ा रहे हैं। हाल में हमारे चंद्रयान ने चंद्रमा पर तिरंगा झंडा गाड़ दिया है। हमने 2040 तक का पक्का रोडमैप बना दिया है। कुछ ही समय बाद भारतीयों को लेकर हमारा गगनयान स्पेस में जाएगा। फिर हम अपना स्पेस स्टेशन स्थापित करेंगे। वो दिन दूर नहीं जब हम अपने यान में पहला भारतीय चांद पर उतारेंगे। औऱ ये सब किसके लिए हो रहा है? ये देश के युवाओं के लिए, उनके भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए हो रहा है।

साथियों,

अच्छी हवा के लिए जरूरी है कि शहरों में प्रदूषण कम हो। इसे ध्यान में रखते हुए देश में इलेक्ट्रिक बसों का भी बहुत बड़ा नेटवर्क तैयार किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने राज्यों को 10 हज़ार इलेक्ट्रिक बस देने वाली योजना शुरू की है। भारत सरकार की तैयारी राजधानी दिल्ली में 600 करोड़ रुपए के खर्च से, 1300 से ज्यादा इलेक्ट्रिक बस चलाने का हमारा संकल्प है। इसमें से 850 से ज्यादा इलेक्ट्रिक बसें दिल्ली में चलनी शुरू भी हो गई हैं। इसी तरह बैंगलुरू में भी 1200 से ज्यादा इलेक्ट्रिक बसों को चलाने के लिए भारत सरकार 500 करोड़ रुपए की मदद दे रही है। केंद्र सरकार की कोशिश है कि दिल्ली, यूपी हो या कर्नाटका, हर शहर में आधुनिक और ग्रीन पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा मिले।

साथियों,

आज भारत में जो भी इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो रहा है, उसमें नागरिक सुविधाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। ऑफिस जाने वालों के लिए, मेट्रो या नमो भारत ट्रेन जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर बहुत मायने रखते हैं। जिनके घर में छोटे बच्चे हैं, या बुजुर्ग माता-पिता हैं, उन्हें अपने परिवार के लिए इसके कारण समय बचता है, ज्यादा समय मिलता है। युवाओं के लिए, बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर का होना इस बात की गारंटी है कि बड़ी कंपनियां आएंगी, वहां उद्योग लगाएंगी। एक बिजनेसमैन के लिए, अच्छे एयरवेज और अच्छी सड़कें होने से ग्राहकों तक उनकी पहुंच आसानी से हो जाती है। अच्छे इंफ्रास्ट्रक्चर से कई तरह के बिजनेस एक जगह जुटने लगते हैं, जिससे सबको फायदा होता है। एक कामकाजी महिला के लिए, मेट्रो या RRTS जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर से सुरक्षा की भावना मजबूत होती है। वो ना सिर्फ सुरक्षित अपने ऑफिस तक जाती है, बल्कि उनके पैसे की भी बचत होती है।

जब मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ती है, इलाज की राह देखने वाले मरीजों और डॉक्टर बनने की आकांक्षा रखने वाले युवाओं, दोनों को फायदा होता है। जब डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास होता है, तब सबसे गरीब व्यक्ति को भी उसके हक का पैसा सीधे उसके बैंक अकाउंट में मिलता है। जब नागरिकों को सारी सेवाएं ऑनलाइन मिलने लगती हैं तो उसे ऑफिसों के चक्कर लगाने से मुक्ति मिलती है। अभी जो ये UPI Enabled टिकट वेंडिंग मशीन कुछ देर पहले हमने देखी है, वो भी आपकी सुविधा बढ़ाने वाली है। ऐसी सभी क्षेत्रों में पिछले एक दशक में अभूतपूर्व कार्य हुए हैं। इससे लोगों का जीवन आसान बना है, उनके जीवन से मुश्किलें दूर हुई हैं।

मेरे परिवारजनों,

ये त्यौहारों का समय है। ये खुशियों का समय है। देश का मेरा हर परिवार इन त्योहारों को अच्छे से अच्छे मना सके, इसके लिए भी केंद्र सरकार ने बहुत सारे बड़े फैसले लिए हैं। इन फैसलों का लाभ किसानों को होगा, कर्मचारियों को होगा, पेंशन वाले हमारे भाई-बहनों को होगा। भारत सरकार ने रबी फसलों की MSP पर बड़ी वृद्धि की है। मसूर की दाल के MSP में सवा 4 सौ रुपए प्रति क्विंटल, सरसों के लिए 200 रुपए, तो गेहूं के लिए डेढ़ सौ रुपए प्रति क्विंटल इसकी वृद्धि की गई है। इससे हमारे किसानों के पास अतिरिक्त पैसा आएगा। 2014 में गेहूं का जो MSP 1400 रुपए क्विंटल था, वो अब 2 हज़ार के पार हो गया है। मसूर दाल का MSP तो बीते 9 वर्षों में दोगुने से भी अधिक बढ़ाया गया है। सरसों का MSP भी इस दौरान 2600 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाया जा चुका है। ये किसानों को लागत का डेढ़ गुणा से अधिक समर्थन मूल्य देने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

साथियों,

केंद्र सरकार यूरिया सहित तमाम दूसरी खादों को कम कीमत पर किसानों तक पहुंचा रही है। यूरिया की जो बोरी, दुनिया के अनेक देशों में 3 हज़ार रुपए की है, वही बोरी भारत में 300 रुपए से भी कम में दी जा रही है, ये आंकड़ा याद रहेगा आपको? रहेगा। इसका लाभ यूपी के किसानों को, कर्नाटका के किसानों को, देशभर के किसानों को हो रहा है। इस पर भी भारत सरकार एक साल में ढाई लाख करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च कर रही है। ये सरकार की तिजोरी से ढ़ाई लाख करोड़ इसलिए जाता है ताकि मेरे किसान को यूरिया महंगा न पड़े।

साथियों,

फसल कटने के बाद जो अवशेष बचते हैं, धान की पराली हो, ठूंठ हो, वो बर्बाद ना जाए, उसका भी लाभ हमारे किसानों को मिले, इस पर भी हमारी सरकार काम कर रही है। इसके लिए पूरे देश में बायोफ्यूल और इथेनॉल यूनिट्स लगाई जा रही हैं। 9 वर्ष पहले की तुलना में आज देश में 10 गुणा अधिक इथेनॉल उत्पादन हो रहा है। इथेनॉल के इस उत्पादन से अब तक देश में लगभग 65 हजार करोड़ रुपए हमारे किसानों की जेब में गए हैं। सिर्फ पिछले दस महीनों में ही कुल 18 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का भुगतान देश के किसानों को हुआ है। और उसमें भी अगर मैं मेरठ-गाजियाबाद क्षेत्र के किसानों की बात करूं तो यहां इथेनॉल के लिए इस साल के 10 महीनों में ही 300 करोड़ रुपए से ज्यादा का भुगतान हुआ है। इथेनॉल का इतना उपयोग जिस प्रकार ट्रांसपोर्ट के लिए बढ़ाया जा रहा है, उससे हमारे मेरठ-गाजियाबाद के गन्ना किसानों को विशेष लाभ हो रहा है। इससे गन्ना किसानों के बकाए की समस्या को कम करने में भी मदद मिली है।

साथियों,

त्योहारों के इसी मौसम की शुरूआत, उसी शुरूआत में भारत सरकार बहनों-बेटियों को भी उनका उपहार दे चुकी है। उज्जवला की लाभार्थी बहनों के लिए सिलेंडर 500 रुपए सस्ता किया गया है। देश के 80 करोड़ से अधिक परिवारों को मुफ्त राशन भी लगातार दिया जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशन पाने वालों के लिए 4 प्रतिशत डीए की भी घोषणा की गई है। रेलवे के जो हमारे ग्रुप बी और ग्रुप सी के लाखों नॉन-गेज़ेटेड कर्मचारी हैं, उनको दीवाली बोनस भी दिया गया है। किसानों और कर्मचारियों के पास जो ये अतिरिक्त हज़ारों करोड़ रुपया पहुंचने वाला है, इसका लाभ पूरे समाज को होगा। इस पैसे से जो खरीदारी होगी, उससे मार्केट में रौनक और बढ़ेगी, बिजनेस और बढ़ेगा।

मेरे परिवारजनों,

जब ऐसे संवेदनशील फैसले होते हैं, तो हर परिवार में त्यौहार की खुशी और बढ़ जाती है। और जब देश का हर परिवार खुश होता है, अगर आपके त्यौहार अच्छे जाते हैं तो मुझे सबसे ज्यादा खुशी होती है। मेरा त्यौहार उसी में मन जाता है।

मेरे प्यारे भाइयों-बहनों,

आप ही मेरा परिवार हैं, इसलिए आप ही मेरी प्राथमिकता भी हैं। ये काम आपके लिए हो रहा है। आप सुखी रहेंगे, आप प्रगति करेंगे तो देश प्रगति करेगा, आप सुखी रहेंगे, मुझे सुख मिलेगा। आप समर्थ होंगे, तो देश समर्थ होगा।

और भाइयों-बहनों,

मैं आज आपसे कुछ मांगना चाहता हूं, मैं आपसे कुछ मांगना चाहता हूं, देंगे? ऐसी आवाज धीमी नहीं चलेगी, मैं आपसे कुछ मांगना चाहता हूं, देंगे? हाथ ऊपर करके बताएंगे, पक्का देंगे। अच्छा देखिए भाई, गरीब भी होगा अगर उसके पास अपनी साइकिल होगी तो अपनी साइकिल को ठीक रखता है कि नहीं रखता है, उसकी साफ-सफाई करता है कि नहीं करता है, कहिए ना, करता है कि नहीं करता है? अगर आपके पास स्कूटर है तो सुबह उठते ही स्कूटर को बराबर, ठीकठाक रखते है कि नहीं रखते हैं, सफाई करते हैं कि नहीं करते हैं, आपका स्कूटर अच्छा रहे, अच्छा लगता है ना ? तो ये नई-नई ट्रेनें आ रही हैं, वो किसकी है, किसकी है, किसकी है, तो इसको संभालने की जिम्मदेारी किसकी है, संभालेंगे। एक भी खरोंच नहीं आनी चाहिए, हमारी नई ट्रेनों को एक भी खरोंच नहीं आनी चाहिए, जैसे अपनी गाड़ी है वैसे संभालना चाहिए, संभालोगे, संभालोगे? एक बार फिर आप सभी को नमो भारत ट्रेन के लिए बहुत-बहुत बधाई। बहुत-बहुत धन्यवाद !

मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए-

भारत माता की जय !

भारत माता की जय !

भारत माता की जय !

बहुत-बहुत धन्यवाद।

पूरा भाषण पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए

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PM Modi visits the Indian Arrival Monument
November 21, 2024

Prime Minister visited the Indian Arrival monument at Monument Gardens in Georgetown today. He was accompanied by PM of Guyana Brig (Retd) Mark Phillips. An ensemble of Tassa Drums welcomed Prime Minister as he paid floral tribute at the Arrival Monument. Paying homage at the monument, Prime Minister recalled the struggle and sacrifices of Indian diaspora and their pivotal contribution to preserving and promoting Indian culture and tradition in Guyana. He planted a Bel Patra sapling at the monument.

The monument is a replica of the first ship which arrived in Guyana in 1838 bringing indentured migrants from India. It was gifted by India to the people of Guyana in 1991.