"स्वामी विवेकानन्द ने गुलामी की अवधि के दौरान देश को नई ऊर्जा और उत्साह से भर दिया था"
"राम मंदिर की प्रतिष्ठा के पावन अवसर पर देश के सभी मंदिरों में स्वच्छता अभियान चलाएं"
"दुनिया आज भारत को एक नई कुशल-शक्ति के रूप में देख रही है"
“आज युवाओं के पास मौका है, इतिहास बनाने का, इतिहास में अपना नाम दर्ज कराने का”
“आज देश का मिजाज भी युवा हैं और देश का अंदाज भी युवा हैं”
“अमृत काल का आगमन भारत के लिए गर्व से भरा हुआ है,” 'विकसित भारत' का निर्माण करने के लिए युवाओं को इस अमृत काल में देश को आगे ले जाना चाहिए''
“लोकतंत्र में युवाओं की अधिक से अधिक भागीदारी से देश का भविष्य बेहतर बनेगा''
“पहली बार के मतदाता भारत के लोकतंत्र में नई ऊर्जा और ताकत ला सकते हैं''
'अमृत ​​काल के आगामी 25 वर्ष युवाओं के लिए कर्तव्य निभाने की अवधि है; जब युवा अपने कर्तव्यों को सर्वोपरि रखेंगे, तो समाज भी प्रगति करेगा और देश भी आगे बढ़ेगा''

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

महाराष्ट्र के लोकप्रिय मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे साथी अनुराग ठाकुर, भारती पवार, निसिथ प्रामाणिक, महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार जी, सरकार के अन्य मंत्रीगण, अन्य महानुभाव, और मेरे युवा साथियों,

आज का ये दिन भारत की युवाशक्ति का दिन है। ये दिन उस महापुरुष को समर्पित है, जिसने गुलामी के कालखंड में भारत को नई ऊर्जा से भर दिया था। ये मेरा सौभाग्य है कि स्वामी विवेकानंद की जयंती पर मैं आप सब नौजवानों के बीच नासिक में हूँ। मैं आप सभी को राष्ट्रीय युवा दिवस की शुभकामनाएं देता हूं। आज ही भारत की नारीशक्ति की प्रतीक राजमाता जिजाऊ माँ साहेब की भी जन्मजयंती है। राजमाता जिजाऊ माँ साहेब यांच्या जयंतीदिनी त्यांना वंदन करण्यासाठी, मला महाराष्ट्राच्या वीर भूमीत येण्याची संधी मिळाली, याचा मला अतिशय आनंद आहे. मी त्यांना कोटी कोटी वंदन करतो!

साथियों,

ये केवल एक संयोग नहीं है कि भारत की अनेक महान विभूतियों का संबंध महाराष्ट्र की धरती से रहा है। ये इस पुण्यभूमि का, इस वीरभूमि का और इस तपोभूमि का प्रभाव है। इस धरती पर राजमाता जिजाऊ माँ साहेब जैसी मातृशक्ति ने छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे महानायक को गढ़ा। इसी धरती ने देवी अहिल्या बाई होलकर, रमाबाई आंबेडकर जैसी महान नारियां हमें दीं। इसी धरती ने लोकमान्य तिलक, वीर सावरकर, आनंद कन्हेरे, दादा साहेब पोटनिस, चापेकर बंधु जैसे अनेक सपूत हमें दिए। नासिक-पंचवटी की इस भूमि में प्रभु श्रीराम ने काफी समय बिताया था। मैं आज इस भूमि को भी नमन करता हूं, श्रद्धापूर्वक प्रणाम करता हूं। मैंने आह्वान किया था कि जनवरी तक हम सभी 22 जनवरी तक हम सभी देश के तीर्थस्थानों की, मंदिरों की साफ-सफाई करें, स्वच्छता का अभियान चलाएं। आज मुझे कालाराम मंदिर में दर्शन करने का, मंदिर परिसर में सफाई करने का सौभाग्य मिला है। मैं देशवासियों से फिर अपना आग्रह दोहराऊंगा कि राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के पावन अवसर के निमित्त, देश के सभी मंदिरों में, सभी तीर्थ क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान चलाएं, अपना श्रमदान करें।

मेरे युवा साथियों,

हमारे देश के ऋषियों-मुनियों-संतों से लेकर सामान्य मानवी तक, सभी ने हमेशा युवाशक्ति को सर्वोपरि रखा है। श्री ऑरोबिन्दो कहते थे कि अगर भारत को अपने लक्ष्य पूरे करने हैं, तो भारत के युवाओं को

एक स्वतंत्र सोच के साथ आगे बढ़ना होगा। स्वामी विवेकानंद जी भी कहते थे भारत की उम्मीदें, भारत के युवाओं के चरित्र, उनकी प्रतिबद्धता पर टिकी है, उनकी बौद्धिकता पर टिकी है। श्री ऑरोबिन्दो,

स्वामी विवेकानंद का ये मार्गदर्शन आज 2024 में, भारत के युवा के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है। आज भारत दुनिया की टॉप फाइव इकॉनमी में आया है, तो इसके पीछे भारत के युवाओं की ताकत है। आज भारत, दुनिया के टॉप थ्री स्टार्ट अप इकोसिस्टम में आया है, तो इसके पीछे भारत के युवाओं की ताकत है। आज भारत एक से बढ़कर एक इनोवेशन कर रहा है। आज भारत रिकॉर्ड पेटेंट फाइल कर रहा है। आज भारत दुनिया का बड़ा मैन्यूफैक्चरिंग हब बन रहा है, तो इसका आधार भारत के युवा हैं, भारत के युवाओं का सामर्थ्य है।

साथियों,

समय हर किसी को अपने जीवनकाल में एक सुनहरा मौका जरूर देता है। भारत के युवाओं के लिए समय का वो सुनहरा मौका अभी है, अमृतकाल का ये कालखंड है। आज आपके पास मौका है इतिहास बनाने का, इतिहास में अपना नाम दर्ज कराने का। आप याद करिए...आज भी हम सर एम विश्वेश्वरैया की याद में इंजीनियर्स डे मनाते हैं। उन्होंने 19वीं और 20वीं शताब्दी में अपना जो इंजीनियरिंग कौशल दिखाया, उसका आज भी मुकाबला मुश्किल है। आज भी हम मेजर ध्यानचंद को याद करते हैं। उन्होंने हॉकी की स्टिक से जो जादू दिखाया, वो आज तक लोग भूल नहीं पाए हैं। आज भी हम भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, बटुकेश्वर दत्त जैसे अनगिनत क्रांतिकारियों को याद करते हैं। उन्होंने अपने पराक्रम से अंग्रेजों को पस्त करके रख दिया था। आज हम महाराष्ट्र की वीर भूमि पर हैं। आज भी, हम सभी महात्मा फुले, सावित्रीबाई फुले को इसलिए याद करते हैं क्योंकि उन्होंने शिक्षा को सामाजिक सशक्तीकरण का एक माध्यम बनाया। आजादी के पहले के कालखंड में, ऐसे सभी महान व्यक्तित्वों ने देश के लिए काम किया, वो जिये तो देश के लिए, वो जूझे तो देश के लिए, उन्होंने सपने संजोये तो देश के लिए, उन्होंने संकल्प किए तो देश के लिए और उन्होंने देश को नई दिशा दिखाई। अब अमृतकाल के इस कालखंड में आज वो दायित्व आप सभी मेरे युवा साथियों के कंधों पर है। अब आपको अमृतकाल में भारत को एक नई ऊंचाई पर लेकर जाना है। आप ऐसा काम करिए कि अगली शताब्दी में उस वक्त की पीढ़ी आपको याद करे, आपके पराक्रम को याद करे। आप अपने नाम को भारत और पूरी दुनिया के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिख सकते हैं। इसलिए मैं आपको 21वीं सदी के भारत की सबसे सौभाग्यशाली पीढ़ी मानता हूं। मैं जानता हूं आप ये कर सकते हैं, भारत के युवा ये लक्ष्य हासिल कर सकते हैं। मेरा सबसे ज्यादा भरोसा आप सभी पर है, भारत के युवाओं पर है। मैं मेरा युवा भारत संगठन से जिस तेजी के साथ देश के कोने-कोने में युवा जुड़ रहे हैं, उससे भी बहुत उत्साहित हूं। मेरा युवा भारत MY Bharat संगठन की स्थापना के बाद ये पहला युवा दिवस है। अभी इस संगठन को बने 75 दिन भी पूरे नहीं हुए हैं और 1 करोड़ 10 लाख के आसपास युवा इसमें अपना नाम रजिस्टर करा चुके हैं। मुझे विश्वास है, आपका सामर्थ्य, आपका सेवाभाव, देश को, समाज को नई ऊंचाई पर ले जाएगा। आपका प्रयास, आपका परिश्रम, युवा भारत की शक्ति का पूरी दुनिया में परचम लहराएगा। मैं MY Bharat संगठन में रजिस्टर कराने वाले सभी युवाओं का आज विशेष अभिनंदन करता हूं। और मैं देख रहा हूं MY Bharat में रजिस्ट्रेशन में हमारे युवा और हमारी युवतियां दोनों के बीच में कंपटीशन चलती है, कौन ज्यादा रजिस्ट्री करवाए। कभी युवक आगे निकल जाते हैं, कभी युवतियां आगे निकल जाती हैं। बड़ी जोरो की स्पर्धा चल रही है।

साथियों,

हमारी सरकार को अब 10 साल हो रहे हैं। इन 10 वर्षों में हमने पूरा प्रयास किया है कि युवाओं को खुला आसमान दें, युवाओं के सामने आने वाली हर रुकावट को दूर करें। आज चाहे शिक्षा हो, रोजगार हो, Entrepreneurship या Emerging Sectors हों, स्टार्टअप हों, स्किल्स या स्पोर्ट्स हों, देश के युवाओं को सपोर्ट करने के लिए हर क्षेत्र में एक आधुनिक dynamic Ecosystem तैयार हो रहा है। आपको 21वीं सदी की आधुनिक शिक्षा देने के लिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की गई है। युवाओं के लिए अब देश में आधुनिक Skilling Ecosystem भी तैयार हो रहा है। हाथ के हुनर से कमाल करने वाले नौजवानों की मदद के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना शुरू की गई है। पीएम कौशल विकास योजना की मदद से करोड़ों युवाओं को स्किल्स से जोड़ा गया है। देश में नए IIT , नए NIT लगातार खुलते जा रहे हैं। आज पूरी दुनिया भारत को एक स्किल्ड फोर्स के रूप में देख रही है। विदेश में हमारे युवा अपना कौशल दिखा पाएं इसके लिए सरकार विदेश जाने वाले युवाओं को ट्रेनिंग भी दे रही है। फ्रांस, जर्मनी, यूके, ऑस्ट्रेलिया, इटली, ऑस्ट्रिया जैसे अनेक देशों के साथ सरकार ने जो Mobility समझौते किए हैं, उसका बड़ा लाभ हमारे युवाओं को मिलेगा।

साथियों,

युवाओं के लिए नए अवसरों का आसमान खोला जाए, सरकार इसके लिए हर क्षेत्र में, पूरी शक्ति से काम कर रही है। देश में Drone Sector के लिए नियम सरल बनाए गए हैं। सरकार आज Animation, Visual Effects, Gaming और Comic Sectors को प्रमोट कर रही है। Atomic Sector, Space और Mapping सेक्टर को भी खोला गया है। आज हर क्षेत्र में पिछली सरकारों से दोगुनी-तिगुनी रफ्तार से काम किया जा रहा है। ये जो बड़े-बड़े हाईवे बन रहे हैं, वो किसके लिए हैं? आपके लिए...भारत के युवाओं के लिए। ये जो नई-नई वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं...वो किसकी सहूलियत के लिए हैं? आपके लिए...

भारत के युवाओं के लिए। हमारे लोग विदेश जाते थे, वहां के पोर्ट, वहां के एयरपोर्ट देखकर सोचते थे कि भारत में ऐसा कब होगा। आज भारत के एयरपोर्ट्स, दुनिया के बड़े से बड़े एयरपोर्ट का मुकाबला कर रहे हैं। कोरोना के समय में आपने देखा है, विदेशों में वैक्सीन के सर्टिफिकेट के नाम पर कागज थमाया जाता था। ये भारत है जिसने हर भारतवासी को वैक्सीन लगाने के बाद डिजिटल सर्टिफिकेट दिया। आज दुनिया के कितने ही बड़े देश हैं जहां पर लोग मोबाइल डेटा इस्तेमाल करने से पहले सौ बार सोचते हैं। वहीं आप भारत के युवा हैं, जो इतना सस्ता मोबाइल डेटा इस्तेमाल कर रहे हैं कि दुनिया के लोगों के लिए अजूबा है, ये कल्पना से भी परे है।

साथियों,

आज देश का मिजाज भी युवा है, और देश का अंदाज़ भी युवा है। और जो युवा होता है, वो पीछे नहीं चलता, वो स्वयं लीड करता है। इसलिए आज टेक्नोलॉजी की फील्ड में भी भारत फ्रंट से लीड कर रहा है। चंद्रयान और आदित्य L-1 उसकी सफलता हमारी आंखों के सामने है। मेड इन इंडिया INS विक्रांत जब समंदर की लहरों से टकराता है, तो हम सभी का सीना चौड़ा हो जाता है। जब लाल किले से मेड इन इंडिया तोप गरजती है, तो देश में एक नई चेतना जग जाती है। जब भारत में बना फाइटर प्लेन तेजस आसमान की ऊंचाई नापता है, तो हम गर्व से भर जाते हैं। आज भारत में बड़े-बड़े मॉल्स से लेकर छोटी-छोटी दुकान तक, हर तरफ UPI का इस्तेमाल हो रहा है और दुनिया हैरान है। अमृतकाल का आरंभ गौरव से भरा हुआ है। अब आप युवाओं को इस अमृतकाल में इससे भी आगे लेकर जाना है, विकसित राष्ट्र बनाना है।

साथियों,

आपके लिए ये समय सपनों को विस्तार देने का समय है। अब हमें केवल समस्याओं के समाधान नहीं खोजने हैं। हमें केवल चुनौतियों पर विजय नहीं पानी है। हमें खुद अपने लिए नए challenges तय करने होंगे। हमने 5 ट्रिलियन इकोनॉमी का लक्ष्य सामने रखा है। हमें दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना है। हमें आत्मनिर्भर भारत अभियान के सपने को सिद्धि देनी है। हमें सर्विसेस

और IT सेक्टर की तरह ही भारत को विश्व का manufacturing hub भी बनाना है। इन आकांक्षाओं के साथ-साथ भविष्य के प्रति हमारी जिम्मेदारियाँ भी हैं। जलवायु परिवर्तन की चुनौती हो, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना हो, हमें लक्ष्य बनाकर तय समय में इन्हें प्राप्त करना है।

साथियों,

अमृतकाल की आज की युवा पीढ़ी पर मेरे विश्वास की एक और खास वजह है और वो खास वजह है। इस कालखंड में देश में वो युवा पीढ़ी तैयार हो रही है, जो गुलामी के दबाव और प्रभाव से पूरी तरह मुक्त है। इस पीढ़ी का युवा खुलकर कह रहा है- विकास भी, और विरासत भी। ये लोग आयुर्वेद तो हमारे देश में योग हो या आयुर्वेद हो, हमेशा भारत के लिए एक पहचान के रूप में रहा है। लेकिन आजादी के बाद इन्हें ऐसे ही भुला दिया गया। आज दुनिया इन्हें स्वीकार कर रही है। आज भारत का युवा योग-आयुर्वेद का ब्रैंड एंबेसडर बन रहा है।

साथियों,

आप अपने दादा-दादी, अपने नाना-नानी से पूछिएगा, वो आपको बताएंगे कि उनके दौर में रसोई में बाजरे की रोटी, कोदो-कुटकी, रागी-ज्वार यही तो हुआ करता था। लेकिन गुलामी की मानसिकता में इस अन्न को गरीबी के साथ जोड़ दिया गया। इन्हें रसोई से बाहर कर दिया गया। आज यही अन्न मिलेट्स के रूप में, सुपरफूड के रूप में वापस रसोई में पहुंच रहे हैं। सरकार ने इन मिलेट्स को, मोटे अनाज को श्रीअन्न की नई पहचान दी है। अब आपको इन श्रीअन्न का ब्रैंड एंबेसेडर बनना है। श्रीअन्न से आपकी सेहत भी सुधरेगी और देश के छोटे किसानों का भी भला होगा।

साथियों,

आखिर में मैं एक बात राजनीति के माध्यम से देश की सेवा की भी करूंगा। मैं जब भी Global Leaders या Investors से मिलता हूं, तो इनमें मुझे एक अद्भुत आशा दिखती है। इस आशा की, इस आकांक्षा की एक वजह है- Democracy लोकतंत्र, भारत Mother of Democracy है। लोकतंत्र की जननी है। लोकतंत्र में युवाओं की भागीदारी जितनी अधिक होगी, राष्ट्र का भविष्य उतना ही बेहतर होगा। इस भागीदारी के कई तरीके हैं। अगर आप सक्रिय राजनीति में आते हैं, तो आप परिवारवाद की राजनीति के प्रभाव को उतना ही कम करेंगे। आप जानते हैं कि परिवारवाद की राजनीति ने देश का कितना नुकसान किया है। लोकतंत्र में भागीदारी का एक और महत्वपूर्ण तरीका है कि आप अपनी राय वोट के जरिए जाहिर करें। आप में से बहुत से लोग ऐसे होंगे, जो इस बार जीवन में पहली बार वोट डालेंगे। First Time Voters हमारे लोकतंत्र में नई ऊर्जा और शक्ति ला सकते हैं। इसलिए वोट करने के लिए आपका नाम लिस्ट में आए, इसके लिए जल्दी से जल्दी सारी प्रक्रिया पूरी कर लीजिए। आपके Political Views से ज्यादा जरूरी है कि आप देश के भविष्य के लिए अपना वोट डालते हैं, अपनी भागीदारी कराते हैं।

साथियों,

अगले 25 वर्षों का ये अमृतकाल, आपके लिए कर्तव्य-काल भी है। जब आप अपने कर्तव्यों को सर्वोपरि रखेंगे, तो समाज भी आगे बढ़ेगा, देश भी आगे बढ़ेगा। इसलिए आपको कुछ सूत्र याद रखने होंगे। जितना हो सके आप लोकल को, स्थानीय प्रॉडक्ट्स को प्रमोट करिए, मेड इन इंडिया प्रॉडक्ट्स का ही इस्तेमाल करिए। किसी भी तरह की ड्रग्स और नशे की लत से बिल्कुल दूर रहिए, इन्हें अपने जीवन से दूर रखिए। और माताओं-बहनों-बेटियों के नाम अपशब्दों का, गालियों का इस्तेमाल करने का जो चलन है उसके खिलाफ आवाज उठाइए, इसे बंद करवाईये। मैंने लाल किले से भी इसका आग्रह किया था, आज फिर से दोहरा रहा हूं।

साथियों,

मुझे विश्वास है, आप सब हमारे देश का एक-एक युवा अपने हर दायित्व को पूरी निष्ठा और सामर्थ्य से पूरा करेगा। सशक्त, समर्थ और सक्षम भारत के स्वप्न की सिद्धि का जो दीप हमने जलाया है, वो इसी अमृतकाल में अमर ज्योति बनकर विश्व को प्रदीप्त करेगा। इसी संकल्प के साथ, आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद!

भारत माता की जय। दोनों मुटठी बंद करके पूरी ताकत से आप जिस राज्य से आए हैं, वहां तक आपकी आवाज पहुंचनी चाहिए।

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

वंदे मातरम,

वंदे मातरम,

वंदे मातरम,

वंदे मातरम,

वंदे मातरम,

वंदे मातरम,

वंदे मातरम,

वंदे मातरम,

वंदे मातरम,

धन्यवाद!

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।