भारतीय समुद्री नीली अर्थव्यवस्था की मूल योजना 'अमृत काल विज़न 2047' का अनावरण
23,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की आधारशिला रखी और राष्ट्र को समर्पित किया
गुजरात के दीनदयाल बंदरगाह प्राधिकरण में टूना टेकरा डीप ड्राफ्ट टर्मिनल की आधारशिला रखी
समुद्री क्षेत्र में वैश्विक और राष्ट्रीय भागीदारी के लिए 300 से अधिक समझौता ज्ञापन समर्पित किए
"बदलती विश्व व्यवस्था में दुनिया नई उम्मीदों के साथ भारत की ओर देख रही है"
सरकार का 'समृद्धि के लिए बंदरगाह और प्रगति के लिए बंदरगाह' का विज़न जमीनी स्तर पर क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है"
"हमारा मंत्र है मेक इन इंडिया - मेक फॉर द वर्ल्ड''
''हम ऐसे भविष्य की ओर अग्रसर हैं जहां हरित धरती का माध्यम नीली अर्थव्यवस्था होगी''
''भारत अपने अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे के माध्यम से वैश्विक क्रूज केंद्र बनने की ओर अग्रसर है"
"निवेशकों के लिए विकास, जनसांख्यिकी, लोकतंत्र और मांग का संयोजन एक अच्छा अवसर है"

नमस्कार, विश्व भर से आए सभी अतिथिगण, केंद्रीय कैबिनेट के मेरे सहयोगी, महाराष्ट्र, गोवा के मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों,

Global Maritime India Summit के तीसरे संस्करण में, मैं आप सभी का अभिनंदन करता हूं। इससे पहले जब हम 2021 में मिले थे, तब पूरी दुनिया Corona की अनिश्चितता से घिरी हुई थी। कोई नहीं जानता था, कि Corona के बाद का विश्व कैसा होगा। लेकिन आज दुनिया में एक नया world order आकार ले रहा है और इस बदलते हुए world order में पूरा विश्व भारत की ओर नई आकांक्षाओं से देख रहा है। आर्थिक संकट से घिरी दुनिया में भारत की अर्थव्यवस्था लगातार मजबूत हो रही है। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की top 3 economic powers में से एक होगा। हम सब जानते हैं कि दुनिया का maximum trade, sea routes से ही होता है। Post-Corona world में आज दुनिया को भी reliable और resilient supply chains की जरूरत है। इसीलिए Global Maritime India Summit का ये edition बहुत महत्वपूर्ण हो गया है।

साथियों,

इतिहास साक्षी है कि जब भी भारत की maritime capability मजबूत रही है, देश और दुनिया को इससे बहुत लाभ हुआ है। इसी सोच के साथ बीते 9-10 वर्षों से हम इस sector को सशक्त करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम कर रहे हैं। हाल ही में, भारत की पहल पर एक ऐसा कदम उठाया गया है, जो 21वीं सदी में दुनिया भर की maritime industry के कायाकल्प का सामर्थ्य रखता है। G-20 Summit के दौरान India-Middle East-Europe Economic Corridor पर ऐतिहासिक सहमति बनी है। सैकड़ों वर्ष पहले Silk Route ने वैश्विक व्यापार को गति दी थी, ये route दुनिया के कई देशों के विकास का आधार बना था। अब ये ऐतिहासिक Corridor भी regional और global trade की तस्वीर बदल देगा। Next Generation Mega Ports और International Container Transshipment Port, इसका निर्माण, island development, inland waterways, multi-model hubs का विस्तार, ऐसे कई बड़े काम इस योजना के तहत किए जाने हैं। इस Corridor से business cost कम होगी, logistical efficiency बढ़ेगी, पर्यावरण का नुकसान कम होगा और बड़ी संख्या में jobs का भी निर्माण होगा। Investors के पास ये एक बड़ा अवसर है कि वो भारत के साथ जुड़कर इस अभियान का हिस्सा बनें।

Friends,

आज का भारत, अगले 25 वर्षों में विकसित होने के लक्ष्य पर काम कर रहा है। हम हर sector में क्रांतिकारी परिवर्तन ला रहे हैं। हमने maritime infrastructure के पूरे eco-system को मजबूत करने के लिए लगातार काम किया है। बीते एक दशक में, भारत के major ports की capacity double हो चुकी है। Container vessels का जो turn around time आज से 9-10 साल पहले 2014 में करीब 42 घंटे था, वो 2023 में 24 घंटे से कम रह गया है। Port connectivity को मजबूत करने के लिए हमने हजारों किलोमीटर की नई roads बनाई हैं। सागरमाला प्रोजेक्ट से भी हमारे coastal area का infrastructure मजबूत किया जा रहा है। ये सारे प्रयास, employment generation और ease of living को कई गुना बढ़ा रहे हैं।

Friends,

Ports for Prosperity औऱ Ports for Progress का हमारा विजन धरातल पर लगातार बदलाव ला रहा है। लेकिन हमारे काम ने Ports For Productivity के मंत्र को भी आगे बढ़ाया है। Economy की Productivity को बढ़ाने के लिए हमारी सरकार logistics sector को भी effective और efficient बना रही है। भारत अपने Coastal Shipping Mode का भी आधुनिकीकरण कर रहा है। बीते एक दशक में coastal cargo का traffic दोगुना हो गया है और इससे लोगों को एक cost effective logistic option भी मिल रहा है। भारत में inland waterways के विकास से भी बड़ा बदलाव आ रहा है। पिछले दशक में national waterways की cargo handling, उसमें करीब 4 गुना growth देखने को मिली है। हमारे प्रयासों से बीते 9 वर्षों में Logistics Performance Index में भी भारत की ratings बेहतर हुई हैं।

साथियों,

Ship-building और repair sector पर भी हमारा बड़ा focus है। हमारा स्वदेशी aircraft carrier INS Vikrant भारत की क्षमता और भारत के सामर्थ्य का प्रमाण है। अगले दशकों में भारत दुनिया के top five ship-building nations में से एक होने जा रहा है। हमारा मंत्र है: Make in India, Make For World Maritime Clusters के विकास के जरिए हम shipbuilding stakeholders को एक साथ लाने के integrated approach पर काम कर रहे हैं। हम आने वाले वक्त में देश में कई स्थानों पर shipbuilding और repair centres विकसित करने वाले हैं। Ship recycling के क्षेत्र में भारत पहले ही globally दूसरे स्थान पर हैं। अपने major ports को carbon neutral बनाने के लिए भारत maritime sector में net zero strategy पर भी काम कर रहा है। हम एक ऐसे भविष्य की ओर से बढ़ रहे हैं, जहां blue economy, green planet बनने का माध्यम होगी।

Friends,

दुनिया के बड़े-बड़े maritime operators भारत आएं, भारत से ही operate करें, इसके लिए भी भारत में तेजी से काम हो रहा है। गुजरात के आधुनिक GIFT सिटी ने ship leasing को एक प्रमुख financial service के तौर पर लॉन्च किया है। GIFT IFSC द्वारा ship leasing कंपनियों को अनेक तरह की छूट भी दी जा रही है। मुझे खुशी है कि दुनिया की 4 global ship leasing companies GIFT IFSC के साथ register भी करा चुकी हैं। मैं इस summit में आईं अन्य ship leasing companies से भी GIFT IFSC के साथ जुड़ने का आह्वान करूंगा।

साथियों,

भारत के पास विशाल coastline है, मजबूत riverine eco-system और rich cultural heritage है। ये एक साथ मिलकर maritime tourism की एक नई संभावना पैदा करते हैं। भारत में मौजूद करीब 5 हजार साल पुराना Lothal Dockyard, एक विश्व विरासत है। एक तरह से लोथल, Cradle of Shipping है। इस world heritage को संरक्षित करने के लिए Lotahl में National Maritime Heritage Complex भी बनाया जा रहा है। मुंबई से लोथल बहुत दूर नहीं है। मेरा आपसे आग्रह है कि आप एक बार लोथल भी visit करने जरूर जाएं।

Friends,

Maritime tourism को बढ़ाने के लिए हमने विश्व की सबसे बड़ी river cruise service की शुरुआत भी की है। भारत अपने अलग-अलग ports पर इससे जुड़े कई projects पर काम कर रहा है। मुंबई में नया international cruise terminal बनाया जा रहा है। इसी साल हमने विशाखापत्तनम और चेन्नई में भी ऐसे modern cruise terminal बनाए हैं। भारत अपने state of the art infrastructure के जरिए global cruise hub बनने की ओर कदम बढ़ा रहा है।

साथियों,

भारत उन चुनिंदा देशों में से एक है जिनके पास development, demography, democracy और demand का ऐसा combination है। ऐसे वक्त में जब भारत 2047 तक विकसित भारत होने के लक्ष्य पर आगे बढ़ रहा है, आपके लिए ये सुनहरा मौका है। मैं विश्वभर के आप सभी निवेशकों को फिर आमंत्रित करता हूं कि आप भारत आएं, और विकास के रास्ते पर हमारे साथ मिलकर चलें। हम साथ चलेंगे, हम साथ साथ मिलकर के नया भविष्य भी बनाएंगे, बहुत-बहुत धन्यवाद !

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PM Modi addresses the Parliament of Guyana
November 21, 2024


Prime Minister Shri Narendra Modi addressed the National Assembly of the Parliament of Guyana today. He is the first Indian Prime Minister to do so. A special session of the Parliament was convened by Hon’ble Speaker Mr. Manzoor Nadir for the address.

In his address, Prime Minister recalled the longstanding historical ties between India and Guyana. He thanked the Guyanese people for the highest Honor of the country bestowed on him. He noted that in spite of the geographical distance between India and Guyana, shared heritage and democracy brought the two nations close together. Underlining the shared democratic ethos and common human-centric approach of the two countries, he noted that these values helped them to progress on an inclusive path.

Prime Minister noted that India’s mantra of ‘Humanity First’ inspires it to amplify the voice of the Global South, including at the recent G-20 Summit in Brazil. India, he further noted, wants to serve humanity as VIshwabandhu, a friend to the world, and this seminal thought has shaped its approach towards the global community where it gives equal importance to all nations-big or small.

Prime Minister called for giving primacy to women-led development to bring greater global progress and prosperity. He urged for greater exchanges between the two countries in the field of education and innovation so that the potential of the youth could be fully realized. Conveying India’s steadfast support to the Caribbean region, he thanked President Ali for hosting the 2nd India-CARICOM Summit. Underscoring India’s deep commitment to further strengthening India-Guyana historical ties, he stated that Guyana could become the bridge of opportunities between India and the Latin American continent. He concluded his address by quoting the great son of Guyana Mr. Chhedi Jagan who had said, "We have to learn from the past and improve our present and prepare a strong foundation for the future.” He invited Guyanese Parliamentarians to visit India.

Full address of Prime Minister may be seen here.