Quoteयूपीसीडा एग्रो पार्क करखियांव में बनास काशी संकुल दूध प्रसंस्करण यूनिट का उद्घाटन किया
Quoteएचपीसीएल के एलपीजी बॉटलिंग प्लांट, यूपीसीडा एग्रो पार्क में विभिन्न आधारभूत अवसंरचना कार्य और सिल्क फैब्रिक प्रिंटिंग कॉमन फैसिलिटी का उद्घाटन किया
Quoteअनेक सड़क परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया
Quoteवाराणसी में अनेक शहरी विकास, पर्यटन और आध्यात्मिक पर्यटन परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया
Quoteवाराणसी में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (निफ्ट) की आधारशिला रखी
Quoteबीएचयू में नए मेडिकल कॉलेज और नेशनल सेंटर ऑफ एजिंग की आधारशिला रखी
Quoteसिगरा स्पोर्ट्स स्टेडियम फेज-1 और डिस्ट्रिक्ट राइफल शूटिंग रेंज का उद्घाटन किया
Quote"दस वर्ष में बनारस ने मुझे बनारसी बना दिया है"
Quote"किसान और पशुपालक सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता"
Quote"बनास काशी संकुल 3 लाख से अधिक किसानों की आय को बढ़ावा देगा"
Quote"पशुपालन महिलाओं की आत्म-निर्भरता का एक बड़ा साधन है"
Quote"हमारी सरकार, खाद्य प्रदाता को ऊर्जा प्रदाता बनाने के साथ-साथ उर्वरक प्रदाता बनाने पर भी काम कर रही है"
Quote"आत्मनिर्भर भारत बनेगा विकसित भारत का आधार"

हर हर महादेव!

मंच पर विराजमान उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री श्रीमान योगी आदित्यनाथ जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी महेंद्र नाथ पांडेय जी, उपमुख्यमंत्री श्रीमान ब्रजेश पाठक जी, बनास डेयरी के चेयरमैन शंकरभाई चौधरी, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्रीमान भूपेंद्र चौधरी जी, राज्य के अन्य मंत्रीगण, जनप्रतिनिधिगण और काशी के मेरे परिवार से आए भाइयों और बहनों।

काशी के धरती पर आज एक बार फिर आप लोगन के बीच आवे का मौका मिलल है। जब तक बनारस नाहीं आइत, तब तक हमार मन नाहीं मानेला। दस साल पहले आप लोग हमके बनारस क सांसद बनइला। अब दस साल में बनारस हमके बनारसी बना देलेस।

भाइयों और बहनों,

आप सभी इतनी बड़ी संख्या में आए हैं, हमें आशीर्वाद दे रहे हैं। ये दृश्य हमें गदगद कर देता है। आप लोगों के परिश्रम से आज काशी को नित्य नूतन बनाने का अभियान लगातार जारी है। आज भी यहां 13 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया गया है। ये प्रोजेक्ट, काशी के साथ-साथ पूर्वांचल के, पूर्वी भारत के विकास को गति देंगे। इसमें रेल, रोड, एयरपोर्ट से जुड़े प्रोजेक्ट हैं, इसमें पशुपालन, उद्योग, स्पोर्ट्स, कौशल विकास इससे जुड़े कई प्रोजेक्ट्स हैं, इसमें स्वास्थ्य, स्वच्छता, आध्यात्म, पर्यटन, एलपीजी गैस, अनेक क्षेत्रों से जुड़े अनेकविद् काम हैं। इससे बनारस समेत पूरे पूर्वांचल के लिए नौकरी के बहुत सारे नए अवसर बनेंगे। आज संत रविदास जी की जन्मस्थली से जुड़े अनेक प्रोजेक्ट्स का भी यहां से लोकार्पण हुआ है। मैं इन सारी परियोजनाओं के लिए आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

काशी और पूर्वांचल में कुछ भी अच्छा होता है, तो मुझे आनंद होना बहुत स्वाभाविक है। आज बड़ी संख्या में मेरे नौजवान साथी भी आए हैं। कल रात को मैं सड़क के रास्ते बाबतपुर से BLW गेस्ट हाउस आया हूं। कुछ महीने पहले जब मैं बनारस आया था, तो फुलवरिया फ्लाईओवर का लोकार्पण करके गया था। बनारस में ये फ्लाईओवर कितना बड़ा वरदान बना है, ये साफ दिखाई देता है। पहले अगर किसी को BLW से बाबतपुर जाना होता था, तो लोग लगभग 2-3 घंटा पहले घर से निकल जाते थे। पहले मंडुवाडीह पर जाम, फिर महमूरगंज पर जाम, कैंट पर जाम, चौकाघाट पर जाम, नदेसर पर जाम, यानी जितना समय फ्लाइट से दिल्ली जाने में नहीं लगता था, उससे ज्यादा फ्लाइट पकड़ने में लग जाता था। लेकिन एक फ्लाईओवर ने ये समय आधा कर दिया है।

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और कल रात तो मैं खास वहां जा करके हर चीज को देख कर आया हूं, उसकी व्यवस्था को समझ करके आया हूं। पैदल चल करके देर रात गया था। ऐसे ही बीते 10 साल में बनारस के विकास की स्पीड भी कई गुना बढ़ी है। अभी थोड़ी देर पहले यहां सिगरा स्टेडियम के पहले चरण के काम का लोकार्पण भी किया गया है। बनारस के युवा खिलाड़ियों के लिए आधुनिक शूटिंग रेंज का भी लोकार्पण किया गया है। इनसे बनारस औऱ इस क्षेत्र के युवा खिलाड़ियों को बहुत मदद मिलेगी।

साथियों,

यहां आने से पहले मैं बनास डेयरी के प्लांट में गया था। वहां मुझे अनेक पशुपालक बहनों से बातचीत करने का मौका मिला। किसान परिवारों की इन बहनों को 2-3 साल पहले हमने स्वेदशी नस्ल की गीर गाय दी थीं। मकसद ये था कि पूर्वांचल में बेहतर नस्ल की स्वदेशी गायों को लेकर जानकारी और बढ़े, किसान को-पशुपालकों को इससे फायदा हो। मुझे बताया गया है कि आज यहां गीर गायों की संख्या लगभग साढ़े तीन सौ के करीब तक पहुंच चुकी है। संवाद के दौरान हमारी बहनों ने मुझे ये भी बताया कि पहले जहां सामान्य गाय से 5 लीटर दूध मिलता था, अब गीर गाय 15 लीटर तक दूध देती है। मुझे ये भी बताया गया- एक परिवार में तो ऐसा मामला सामने आया है कि एक गाय तो 20 लीटर तक दूध देने लग गई है। इससे इन बहनों को हर महीने हजारों रुपयों की अतिरिक्त कमाई हो रही है। इसके कारण हमारी ये बहनें ये भी लखपति दीदी भी बन रही हैं। और ये स्वयं सहायता समूह से जुड़ी देश की 10 करोड़ बहनों के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है।

साथियों,

बनास डेयरी प्लांट का शिलान्यास मैंने 2 वर्ष पहले किया था। तब मैंने वाराणसी सहित पूर्वांचल के तमाम पशुपालकों को, गोपालकों को इस प्रोजेक्ट को तेज़ी से पूरा करने की गारंटी दी थी। आज मोदी की गारंटी आपके सामने है। और इसलिए तो लोग कहते हैं- मोदी की गारंटी यानी गारंटी पूरा होने की गारंटी। सही निवेश से रोजगार के अवसर कैसे पैदा होते हैं, बनास डेयरी इसका उत्तम उदाहरण है। अभी बनास डेयरी वाराणसी, मिर्ज़ापुर, गाज़ीपुर, रायबरेली, इन जिलों के पशुपालकों से लगभग 2 लाख लीटर दूध इकट्ठा कर रही है।

इस प्लांट के चालू होने से अब बलिया, चंदौली, प्रयागराज, जौनपुर और दूसरे जिलों के लाखों पशुपालकों को भी लाभ होगा। इस परियोजना से वाराणसी, जौनपुर, चंदौली, गाजीपुर, आजमगढ़ ज़िलों के 1000 से ज्यादा गांवों में दुग्ध मंडियां बनेंगी। पशुपालकों का ज्यादा दूध, ज्यादा कीमत पर बिकेगा, तो हर किसान-पशुपालक परिवार को ज्यादा कमाई होना तय है। ये प्लांट किसानों-पशुपालकों को बेहतर पशुओं की नस्ल और बेहतर चारे को लेकर भी जागरूक करेगा, प्रशिक्षित करेगा।

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साथियों,

इतना ही नहीं, ये बनास काशी संकुल रोजगार के भी हज़ारों नए अवसर बनाएगा। अलग-अलग कामों में रोजगार बनाएगा। एक अनुमान है कि इस संकुल से पूरे इलाके में 3 लाख से ज्यादा किसानों की आय बढ़ेगी। यहां दूध के अलावा, छाछ, दही, लस्सी, आइसक्रीम, पनीर और अनेक प्रकार की स्‍थानीय मिठाइयां बनेंगी। इतना कुछ बनेगा तो इन्हें बेचने वालों को भी तो रोजगार मिलने वाला है। यह प्लांट बनारस की प्रसिद्ध मिठाइयों को देश के कोने कोने तक पहुंचाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा। दूध के ट्रांसपोर्टेशन से जुड़े कारोबार में भी अनेक लोगों को रोजगार मिलेगा। इससे पशु आहार से जुड़े दुकानदार, स्थानीय वितरकों का दायरा भी बढ़ेगा। इसमें भी अनेक रोजगार बनेंगे।

साथियों,

इन प्रयासों के बीच, मेरा बनास डेयरी के कामकाज से जुड़े वरिष्ठ साथियों से भी एक आग्रह है। मैं चाहूंगा कि आप दूध का पैसा सीधे बहनों के अकाउंट में, डिजिटल तरीके से भेजिए, किसी पुरुष के हाथ में पैसे मत देना। मेरा अनुभव है, इसके बहुत ही शानदार परिणाम आते हैं। पशुपालन तो एक ऐसा सेक्टर है, जिसमें सबसे अधिक हमारी बहनें जुड़ी हैं। ये बहनों को आत्मनिर्भर बनाने का बहुत बड़ा माध्यम है। पशुपालन छोटे किसानों और भूमिहीन परिवारों का भी बहुत बड़ा सहारा है। इसलिए डबल इंजन सरकार पशुपालन और डेयरी सेक्टर को इतना बढ़ावा दे रही है।

साथियों,

हमारी सरकार, अन्नदाता को ऊर्जादाता बनाने के साथ ही अब अन्नदाता को उर्वरक दाता बनाने पर भी काम कर रही है। उर्वरक दाता बनें, हम पशुपालकों को दूध के अलावा गोबर से भी कमाई के अवसर दे रहे हैं। हमारे जो ये डेयरी प्लांट हैं, इनमें गोबर से बायो-सीएनजी बने और इस प्रक्रिया में जो जैविक खाद है, वो कम दाम पर किसानों को मिले, इस पर काम हो रहा है। इससे प्राकृतिक खेती को और बल मिलेगा। गंगा जी के किनारे प्राकृतिक खेती करने का चलन वैसे भी अब बढ़ रहा है। आज गोबरधन योजना के तहत, गोबर हो, दूसरा कचरा हो, उससे बायोगैस, बायो सीएनजी बनाई जा रही है। इससे साफ-सफाई भी रहती है और कचरे का पैसा भी मिलता है।

साथियों,

ये हमारे यहां काशी तो कचरे से कंचन बनाने के मामले में भी एक मॉडल के रूप में देश में सामने आ रही है। आज ऐसे एक और प्लांट का लोकार्पण यहां हुआ है। ये प्लांट प्रतिदिन शहर से निकलने वाले 600 टन कचरे को 200 टन चारकोल में बदलेगा। सोचिए, यही कचरा अगर कहीं किसी मैदान में फेंकते रहते तो कूड़े का कितना बड़ा पहाड़ बन जाता। काशी में सीवरेज की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए अनेक काम हुए हैं।

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साथियों,

किसान और पशुपालक हमेशा से भाजपा सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता रहे हैं। दो दिन पहले ही सरकार ने गन्ने के न्यूनतम मूल्य को बढ़ाकर 340 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया है। पशुपालकों के हित को ध्यान में रखते हुए, पशुधन बीमा कार्यक्रम को भी और आसान किया गया है। आप पूर्वांचल क उ समय याद करा, गन्ना के भुगतान के लिए पहिले वाला सरकार कितना मिन्नत करावत रहे। लेकिन अब ये भाजपा की सरकार है। किसानों के बकाये का भुगतान तो हो ही रहा है, फसलों के दाम भी बढ़ाए जा रहे हैं।

भाइयों और बहनों,

विकसित भारत का निर्माण, आत्मनिर्भर भारत के बल पर होगा। अपनी ज़रूरत का हर सामान बाहर से आयात करने से विकसित भारत नहीं बन सकता। पहले की सरकारों और हमारी सरकार की सोच में यही सबसे बड़ा अंतर है। आत्मनिर्भर भारत तभी होगा, जब देश की हर छोटी-छोटी शक्ति को जगाया जाए। जब छोटे किसानों, पशुपालकों, कारीगरों, शिल्पकारों, लघु उद्यमियों को मदद दी जाए। इसलिए, मैं लोकल के लिए वोकल रहता ही हूं। और मैं जब वोकल फॉर लोकल कहता हूं, तो ये उन बुनकरों, उन छोटे उद्यमियों का प्रचार है, जो लाखों रुपए खर्च करके अखबारों और टीवी पर विज्ञापन नहीं दे सकते। स्थानीय उत्पाद बनाने वाले ऐसे हर साथी का प्रचार मोदी खुद करता है।

देश के हर छोटे किसान, हर छोटे उद्यमी का एंबेसडर आज मोदी है। जब मैं खादी खरीदो, खादी पहनो का आग्रह करता हूं, तो गांव-गांव में खादी से जुड़ी बहनें, दलित, पिछड़े, उनके श्रम को बाजार से जोड़ता हूं। जब मैं देश में बने खिलौने खरीदने की बात करता हूं, तो इससे पीढ़ियों से खिलौने बनाने वाले परिवारों का जीवन सुधरता है। जब मैं मेक इन इंडिया कहता हूं, तो मैं इन छोटे और कुटीर उद्योगों, हमारे MSMEs के सामर्थ्य को नई बुलंदी देने का प्रयास करता हूं। जब मैं, देखो अपना देश कहता हूं, तो मैं अपने ही देश में टूरिज्म को बढ़ावा देता हूं।

इससे स्थानीय लोगों का रोजगार-स्वरोजगार कैसे बढ़ता है, ये हम काशी में अनुभव कर रहे हैं। जब से विश्वनाथ धाम का पुनर्निर्माण हुआ है, तब से करीब-करीब 12 करोड़ से अधिक लोग काशी आ चुके हैं। इससे यहां के दुकानदार, ढाबे वाले, रेहड़ी-ठेले वाले, रिक्शे वाले, फूल वाले, नाव वाले, सबका रोजगार बढ़ा है।

आज तो एक और नई शुरुआत हुई है। आज काशी और अयोध्या के लिए छोटे-छोटे इलेक्ट्रिक जहाज की योजना शुरू हुई है। इससे काशी और अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं का अनुभव और भी बेहतर होने वाला है।

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भाइयों और बहनों,

दशकों-दशक के परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण ने यूपी को विकास में पीछे रखा। पहले की सरकारों ने यूपी को बीमारू राज्य बनाया, यहां के नौजवानों से उनका भविष्य छीना। लेकिन आज जब यूपी बदल रहा है, जब यूपी के नौजवान अपना नया भविष्य लिख रहे हैं, तब ये परिवारवादी क्या कर रहे हैं? मैं तो इनकी बातें सुनकर हैरान हूं। कांग्रेस के शाही परिवार के युवराज का कहना है और चौंक जाएंगे आप, कांग्रेस के युवराज परिवार ने क्‍या कहा- वो कह रहे हैं और काशी की धरती पर आ करके कह रहे हैं,–काशी के नौजवान, यूपी के नौजवान नशेड़ी हैं। ये कैसी भाषा है भई।

मोदी को गाली देते-देते तो इन्होंने 2 दशक बिता दिए। लेकिन अब ईश्वर रूपी जनता जनार्दन पर, यूपी के नौजवानों पर ही ये लोग अपनी फ्रस्ट्रेशन निकाल रहे हैं। जिनके अपने होश ठिकाने नहीं हैं, वो यूपी के, मेरी काशी के बच्चों को नशेड़ी कह रहे हैं। अरे घोर परिवारवादियों, काशी का, यूपी का नौजवान तो, विकसित यूपी बनाने में जुटा है, अपना समृद्ध भविष्य लिखने के लिए परिश्रम की पराकाष्ठा कर रहा है। इंडी गठबंधन द्वारा यूपी के नौजवानों का अपमान, कोई नहीं भूलेगा।

साथियों,

घोर परिवारवादियों की यही असलियत होती है। हमेशा परिवारवादी युवा-शक्ति से डरते हैं, युवा टैलेंट से डरते हैं। उनको लगता है कि सामान्य युवा को अवसर मिला तो वो हर जगह चुनौती देगा। इनको वही लोग पसंद आते हैं, जो उनकी दिन रात जय-जयकार करते रहते हैं। आजकल तो इनके गुस्से का, इनकी बौखलाहट का एक और भी कारण है। इनको काशी और अयोध्या का नया स्वरूप बिल्कुल पसंद नहीं आ रहा। आप देखिए, अपने भाषणों में राम मंदिर को लेकर कैसी-कैसी बातें करते हैं। कैसी-कैसी बातों से हमले करते हैं। मैं ये नहीं जानता था कि कांग्रेस को प्रभु श्रीराम से इतनी नफरत है।

भाइयों और बहनों,

ये अपने परिवार और अपने वोट बैंक से बाहर देख ही नहीं सकते, सोच ही नहीं सकते। तभी तो हर चुनाव के दौरान साथ आते हैं और जब परिणाम ‘निल बटा सन्नाटा’ आता है तो ये एक-दूसरे को गाली देते हुए अलग हो जाते हैं। लेकिन ये लोग जानते नहीं- इ बनारस हौ, इहां सब गुरू हौ। इहां इंडी गठबंधन के पैंतरा ना चली। बनारस नाहीं.....पूरे यूपी के पता हौ। माल वही है, पैकिंग नई है। इस बार तो इनको जमानत बचाने के लिए ही बहुत संघर्ष करना पड़ेगा।

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साथियों,

आज पूरे देश का एक ही मूड है- अबकी बार, NDA 400 पार। मोदी की गारंटी है- हर लाभार्थी को शत-प्रतिशत लाभ। मोदी लाभार्थियों के सैचुरेशन की गारंटी दे रहा है, तो यूपी ने भी सारी सीटें मोदी को देने का निर्णय किया है। यानी इस बार यूपी शत-प्रतिशत सीटें NDA के नाम करने वाला है।

भाइयों और बहनों,

मोदी का तीसरा कार्यकाल पूरी दुनिया में भारत के सामर्थ्य का सबसे प्रखर कालखंड होने वाला है। इसमें भारत का आर्थिक, सामाजिक, सामरिक, सांस्कृतिक, हर क्षेत्र नई बुलंदी पर होगा। बीते 10 वर्षों में भारत 11वें नंबर से ऊपर उठकर 5वें नंबर की आर्थिक ताकत बना। आने वाले 5 वर्षों में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति बनेगा।

बीते 10 वर्षों में आप देश में देख रहे हैं कि सब कुछ डिजिटल हो गया है। आज आप चारों तरफ चार लेन, छह लेन, आठ लेन, की चौड़ी-चौड़ी सड़कें देख रहे हैं, रेलवे स्टेशनों को आधुनिक होते देख रहे हैं। वंदे भारत, अमृत भारत, नमो भारत, ऐसी तेज़ और आधुनिक ट्रेनें चलती देख रहे हैं, और यही तो नया भारत है। आने वाले 5 वर्षों में ऐसे विकास कार्यों में और तेजी होने वाली है, देश का कायाकल्प होने वाला है।

मोदी ने तो गारंटी दी है कि जिस पूर्वी भारत को विकास से वंचित रखा गया, उसको विकसित भारत का ग्रोथ इंजन बनाऊंगा। वाराणसी से औरंगाबाद के सिक्स-लेन हाईवे का पहला फेस पूरा हुआ है। आने वाले 5 वर्ष में ये पूरा होगा तो यूपी और बिहार को बहुत फायदा होगा। वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेस वे इससे बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल की दूरी और सिमटने वाली है। भविष्य में बनारस से कोलकाता के सफर का समय करीब-करीब आधा होने जा रहा है।

साथियों,

आने वाले 5 वर्षों में यूपी के, काशी के विकास में भी नए आयाम जुड़ेंगे। तब काशी रोपवे जैसे आधुनिक यातायात में सफर करेगी। एयरपोर्ट की क्षमता कई गुणा अधिक होगी। काशी यूपी ही नहीं, देश की भी एक महत्वपूर्ण खेल नगरी बनेगी। आने वाले 5 वर्षों में मेरी काशी, मेड इन इंडिया, आत्मनिर्भर भारत के अभियान को और गति देगी। आने वाले 5 वर्षों में निवेश और नौकरी, कौशल और रोजगार इसके हब के रूप में काशी की भूमिका और सशक्त होगी।

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आने वाले 5 वर्षों में काशी का नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी परिसर तैयार हो जाएगा। इससे यूपी के नौजवानों के लिए स्किल और रोजगार के अनेक अवसर मिलेंगे। इससे हमारे बुनकर साथियों, हमारे कारीगरों को भी नई टेक्नॉलॉजी और नई स्किल देना सरल होगा।

साथियों,

बीते दशक में काशी को हमने हेल्थ और एजुकेशन के हब के रूप में एक नई पहचान दी है। अब एक नया मेडिकल कॉलेज भी इसमें जुड़ने वाला है। बीएचयू में नेशनल सेंटर ऑफ एजिंग के साथ-साथ आज 35 करोड़ रुपए की लागत के कई डायग्नोस्टिक मशीन और उपकरण का भी लोकार्पण किया जा रहा है। इससे सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में आने वाले मरीजों का वहीं परिसर में ही डायग्नोसिस करना आसान हो जाएगा। काशी में, अस्पतालों से निकले बायो कचरे को निपटाने के लिए नई सुविधा भी जल्द तैयार होने वाली है।

साथियों,

काशी के, यूपी के, देश के तेज विकास को अब थमने नहीं देना है। हर काशी वासी को अब जुट जाना है। मोदी की गारंटी पर अगर देश और दुनिया को इतना भरोसा है, तो इसके पीछे आपका अपनापन और बाबा का आशीर्वाद है। एक बार फिर आप सब को नए प्रोजेक्ट्स के लिए बधाई। मेरे साथ बोलिए-

भारत माता की जय !

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हर-हर महादेव!

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प्रधानमंत्री 31 मई को मध्य प्रदेश का दौरा करेंगे
May 30, 2025
QuoteOn the occasion of 300th birth anniversary of Lokmata Devi Ahilya Bai Holkar, PM to participate in Lokmata Devi Ahilyabai Mahila Sashaktikaran Mahasammelan in Bhopal
QuotePM to lay the foundation stone of ghat construction works worth over Rs 860 crore on Kshipra River
QuoteIn a boost to last mile air connectivity in the region, PM to inaugurate Datia and Satna airports
QuotePM to also inaugurate passenger services on Super Priority Corridor of the Yellow Line of Indore Metro

On the occasion of 300th birth anniversary of Lokmata Devi Ahilya Bai Holkar, Prime Minister Shri Narendra Modi will visit Madhya Pradesh on 31st May. He will participate in Lokmata Devi Ahilyabai Mahila Sashaktikaran Mahasammelan at around 11:15 AM in Bhopal. He will inaugurate and lay the foundation stone of multiple development projects in Bhopal and address a public function.

Prime Minister will participate in Lokmata Devi Ahilyabai Mahila Sashaktikaran Mahasammelan. He will also release a commemorative postage stamp and a special coin dedicated to Lokmata Devi Ahilyabai. The Rs 300 coin will feature a portrait of Ahilyabai Holkar. Prime Minister will also present the National Devi Ahilyabai Award to a woman artist for contribution in tribal, folk, and traditional arts.

Prime Minister will lay the foundation stone for ghat construction works worth over Rs 860 crore on the Kshipra River, related to the upcoming Simhastha Mahakumbh 2028 in Ujjain. Various structures like barrage, stop dam, and vented causeway to regulate the water flow of the rivers will also be built.

In a major boost to last mile air connectivity, Prime Minister will inaugurate Datia and Satna airports, opening new opportunities for industry, tourism, education, and healthcare in the Vindhya region.

In line with his commitment to improve travel infrastructure in the cities, Prime Minister will inaugurate passenger services on the Super Priority Corridor of the Yellow Line of Indore Metro. It is expected to reduce traffic and pollution while offering a comfortable commute to passengers.

Prime Minister will transfer the first installment for the construction of 1,271 Atal Gram Sushasan Bhawans worth over Rs 480 crore. These buildings will provide permanent infrastructure to gram panchayats, helping them manage administrative functions, conduct meetings, and maintain records more efficiently.