बीना रिफाइनरी में 'पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स' की आधारशिला रखी
नर्मदापुरम में 'पावर एंड रिन्यूएबल एनर्जी मैन्युफैक्चरिंग जोन' तथा रतलाम में मेगा इंडस्ट्रियल पार्क का शिलान्यास किया
इंदौर में दो आईटी पार्क और राज्य भर में छह नए औद्योगिक पार्कों की आधारशिला रखी
“आज की परियोजनाएं मध्य प्रदेश के लिए हमारे संकल्पों की विशालता का संकेत देती हैं”
"किसी भी देश या किसी भी राज्य के विकास के लिए शासन का पारदर्शी होना और भ्रष्टाचार की समाप्ति आवश्यक है"
"भारत ने गुलामी की मानसिकता को पीछे छोड़ दिया है और अब स्वतंत्र होने के विश्वास के साथ आगे बढ़ना शुरू कर दिया है"
“लोगों को भारत को एकजुट रखने वाले सनातन को तोड़ने वालों से सचेत रहना चाहिए”
"जी 20 की शानदार सफलता 140 करोड़ भारतीयों की सफलता है"
"भारत विश्व को एक साथ लाने और विश्वामित्र के रूप में उभरने में अपनी विशेषज्ञता दिखा रहा है"
"वंचितों को प्राथमिकता देना सरकार का मूल मंत्र है"
"आपके समक्ष मोदी की गारंटी का ट्रैक रिकॉर्ड है"
"रानी दुर्गावती की 500वीं जयंती 5 अक्टूबर 2023 को बहुत धूम-धाम से मनाई जाएगी"
'सबका साथ सबका विकास' का मॉडल आज विश्व को रास्ता दिखा रहा है।'

भारत माता की–जय,

भारत माता की–जय,

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भाई शिवराज जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे साथी हरदीप सिंह पुरी, एमपी के अन्य मंत्रिगण, सांसद, विधायक और मेरे प्यारे परिवारजनों!

बुंदेलखंड की ये धरती वीरों की धरती है, शूरवीरों की धरती है। इस भूमि को बीना और बेतवा, दोनों का आशीर्वाद मिला हुआ है। और मुझे तो महीने भर में दूसरी बार, सागर आकर आप सभी के दर्शन करने का सौभाग्य मिला है। और मैं शिवराज जी की सरकार का भी अभिनंदन और धन्यवाद करता हूं कि आज मुझे आप सबके बीच जाकर के आप सबके दर्शन करने का अवसर भी दिया। पिछली बार मैं संत रविदास जी की उस भव्य स्मारक के भूमिपूजन के अवसर पर आपके बीच आया था। आज मुझे मध्य प्रदेश के विकास, उस विकास को नई गति देने वाली अनेक परियोजनाओं का भूमिपूजन करने का अवसर मिला है। ये परियोजनाएं, इस क्षेत्र के औद्योगिक विकास को नई ऊर्जा देगी। इन परियोजनाओं पर केंद्र सरकार 50 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करने वाली है। आप कल्पना कर सकते हैं, पचास हजार करोड़ क्या होता है? हमारे देश के बहुत सारे राज्यों का पूरे साल का बजट भी इतना नहीं होता है जितना आज एक ही कार्यक्रम के लिए भारत सरकार लगा रही है। ये दिखाता है कि मध्य प्रदेश के लिए हमारे संकल्प कितने बड़े हैं। ये सारे प्रोजेक्टस आने वाले समय में मध्य प्रदेश में हज़ारों-हज़ार युवाओं को रोज़गार देंगे। ये परियोजनाएं, गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के सपनों को सच करने वाली हैं। मैं बीना रिफाइनरी के विस्तारीकरण और अनेक नई सुविधाओं के शिलान्यास के लिए मध्य प्रदेश के कोटि-कोटि जनों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

आजादी के इस अमृतकाल में हर देशवासी ने अपने भारत को विकसित बनाने का संकल्प लिया है। इस संकल्प की सिद्धि के लिए ये जरूरी है कि भारत आत्मनिर्भर हो, हमें विदेशों से कम से कम चीजें बाहर से मंगानी पड़ें। आज भारत पेट्रोल-डीजल तो बाहर से मंगाता ही है, हमें पेट्रो-केमिकल प्रॉडक्ट्स के लिए भी दूसरे देशों पर निर्भर रहना पड़ता है। आज जो बीना रिफाइनरी में पेट्रो-केमिकल कॉम्प्लेक्स का शिलान्यास हुआ है, वो भारत को ऐसी चीजों के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने का काम करेगा। बहुत से लोगों को ये पता ही नहीं होता कि ये जो प्लास्टिक पाइप बनते हैं, बाथरूम में इस्तेमाल होने वाली प्लास्टिक की बाल्टी और मग होते हैं, प्लास्टिक के नल होते हैं, प्लास्टिक की कुर्सी-टेबल होती है, घरों का पेंट होता है, कार का बंपर होता है, कार का डैश-बोर्ड होता है, पैकिंग मैटेरियल होता है, मेडिकल उपकरण होते हैं, ग्लूकोज की बोतल होती है, मेडिकल सीरिंज होती है, अलग-अलग तरह के कृषि उपकरण होते हैं, इन सभी में पेट्रोकेमिकल की बहुत बड़ी भूमिका होती है। अब बीना में बनने वाला ये आधुनिक पेट्रो-केमिकल कॉम्प्लेक्स इस पूरे क्षेत्र को विकास की नई ऊंचाई पर ला देगा, ये मैं आपको गारंटी देने आया हूं। इससे यहां नई-नई इंडस्ट्री आएंगी, यहां के किसानों, यहां के छोटे उद्यमियों को तो मदद मिलेगी ही, सबसे बड़ी बात है, मेरे नौजवानों को रोजगार के भी हजारों मौके मिलने वाले हैं।

आज के नए भारत में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर का भी कायाकल्प हो रहा है। जैसे-जैसे देश की जरूरतें बढ़ रही हैं, देश की जरूरतें बदल रही हैं, मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर को भी आधुनिक बनाना उतना ही जरूरी है। इसी सोच के साथ आज यहां इस कार्यक्रम में एमपी के 10 नए इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट्स पर भी काम शुरू किया गया है। नर्मदापुरम में रीन्यूएबल एनर्जी से जुड़ी मैन्यूफैक्चरिंग जोन हो, इंदौर में दो नए आई-टी पार्क्स हों, रतलाम में मेगा इंडस्ट्रियल पार्क हो, ये सभी मध्य प्रदेश की औद्योगिक ताकत को और ज्यादा बढ़ाएंगे। और जब मध्य प्रदेश की औद्योगिक ताकत बढ़ेगी, तो इसका लाभ सबको होने वाला है। यहां के नौजवान, यहां के किसान, यहां के छोटे-छोटे उद्यमी सभी की कमाई बढ़ेगी, सभी को ज्यादा से ज्यादा नए अवसर मिलेंगे।

मेरे परिवारजनों,

किसी भी देश या फिर किसी भी राज्य के विकास के लिए जरूरी है कि पूरी पारदर्शिता से शासन चले, भ्रष्टाचार पर लगाम कसी रहे। यहां मध्य प्रदेश में आज की पीढ़ी को बहुत याद नहीं होगा, लेकिन एक वो भी दिन था, जब मध्य प्रदेश की पहचान देश के सबसे खस्ताहाल राज्यों में हुआ करती थी। आजादी के बाद जिन्होंने लंबे समय तक एमपी में राज किया, उन्होंने भ्रष्टाचार और अपराध के सिवाय एमपी को कुछ भी नहीं दिया दोस्तों, कुछ भी नहीं दिया। वो जमाना था, एमपी में अपराधियों का ही बोलबाला था। कानून व्यवस्था पर लोगों को भरोसा ही नहीं था। ऐसी स्थिति में आखिर मध्य प्रदेश में उद्योग कैसे लगते? कोई व्यापारी यहां पर आने की हिम्मत कैसे करता? आपने जब हम लोगों को सेवा का मौका दिया, हमारे साथियों को सेवा का मौका दिया तो हमने पूरी ईमानदारी से मध्य प्रदेश का भाग्य बदलने का भरसक प्रयास किया है। हमने मध्य प्रदेश को भय से मुक्ति दिलाई, यहां कानून-व्यवस्था को स्थापित किया। पुरानी पीढ़ी के लोगों को याद होगा कि कैसे कांग्रेस ने इसी बुंदेलखंड को सड़क, बिजली और पानी जैसी सुविधाओं से तरसा कर रख दिया था। आज भाजपा सरकार में हर गांव तक सड़क पहुंच रही है, हर घर तक बिजली पहुंच रही है। जब यहां कनेक्टिविटी सुधरी है, तो उद्योग-धंधों के लिए भी एक सानुकूल, पॉजिटिव माहौल बना है। आज बड़े-बड़े निवेशक मध्य प्रदेश आना चाहते हैं, यहां नई-नई फैक्ट्रियां लगाना चाहते हैं। मुझे विश्वास है, अगले कुछ वर्षों में मध्य प्रदेश, औद्योगिक विकास की नई ऊंचाई छूने जा रहा है।

मेरे परिवारजनों,

आज का नया भारत, बहुत तेजी से बदल रहा है। आपको याद होगा, लाल किले से मैंने गुलामी की मानसिकता से मुक्ति और सबका प्रयास के संबंध में विस्तार से चर्चा की थी। मुझे आज ये देखकर बहुत गर्व होता है कि भारत ने, गुलामी की मानसिकता को पीछे छोड़कर अब स्वतंत्र होने के स्वाभिमान के साथ आगे बढ़ना शुरू कर दिया है। और कोई भी देश, जब ऐसा ठान लेता है, तो उसका कायाकल्प होना शुरू हो जाता है। अभी-अभी आपने इसकी एक तस्वीर जी-20 समिट के दौरान भी देखी है। गांव-गांव के बच्चे की जुबान पर जी-20 शब्द आत्मविश्वास से गूंज रहा है दोस्तो। आप सभी ने देखा है कि भारत ने किस तरह G20 का सफल आयोजन किया है। आप मुझे बताइये मेरे दोस्तों, बताएंगे ना, मुझे जवाब देंगे, हाथ ऊपर करके जवाब देंगे, वो पीछे वाले भी जवाब देंगे, सब के सब बोलेंगे, आप मुझे बताइये जी-20 की सफलता से आपको गर्व हुआ या नहीं? आपको गर्व हुआ या नहीं?, देश को गर्व हुआ की नहीं हुआ? आपका माथा ऊंचा हुआ की नहीं? आपका सीना चौड़ा हुआ की नहीं हुआ?

मेरे प्यारे परिवारजनों,

जो आपकी भावना है, वो आज पूरे देश की भावना है। ये जो सफल G20 हुआ है, इतनी बड़ी सफलता मिली है, इसका श्रेय किसको जाता है? इसका श्रेय किसको जाता है? इसका श्रेय किसको जाता है? ये किसने कर दिखाया? ये किसने कर दिखाया? जी नहीं, ये मोदी ने नहीं, ये आप सबने किया है। ये आपका सामर्थ्य है। ये 140 करोड़ भारतवासियों की सफलता है दोस्तों। ये भारत की सामूहिक शक्ति का प्रमाण है। और इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दुनिया भर से विदेशी मेहमान भारत आए थे, वो भी कह रहे थे कि ऐसा आयोजन इसके पहले उन्होंने कभी नहीं देखा। देश के अलग-अलग शहरों में भारत ने विदेशी मेहमानों का स्वागत किया, भारत दर्शन कराए, ये विविधताएं देखकर के, भारत की विरासत को देखकर के, भारत की समृद्धि को देखकर के वे बहुत ही प्रभावित थे। हमारे यहां मध्यप्रदेश में भी भोपाल, इंदौर और खजुराहो में भी जी-20 की बैठकें हुईं और उसमें शामिल होकर के जो लोग गए ना वो आपके गुणगान कर रहे हैं, आपके गीत गा रहे हैं। मैं G20 के सफल आयोजन के लिए, यहां जो काम करने का अवसर मिला, इसके लिए आप लोगों का भी हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। आप मध्यप्रदेश के सांस्कृतिक, पर्यटन, कृषि और औद्योगिक सामर्थ्य को दुनिया के सामने लाए हैं। इससे पूरे विश्व में मध्यप्रदेश की भी नई छवि निखर कर आई है। मैं शिवराज जी और उनकी पूरी टीम की भी G20 का सफल आयोजन सुनिश्चित करने के लिए प्रशंसा करुंगा।

मेरे परिवारजनों,

एक तरफ आज का भारत दुनिया को जोड़ने का सामर्थ्य दिखा रहा है। दुनिया के मंचों पर ये हमारा भारत विश्व-मित्र के रूप में सामने आ रहा है। वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे दल भी हैं, जो देश को, समाज को विभाजित करने में जुटे हैं। इन्होंने मिलकर के एक इंडी-अलायंस बनाया है। इस इंडी-अलायंस को कुछ लोग घमंडिया गठबंधन भी कहते हैं। इनका नेता तय नहीं है, नेतृत्व पर भ्रम है। लेकिन इन्होंने पिछले दिनों जो मुंबई में उनकी मीटिंग हुई थी। मुझे लगता है, उस मीटिंग में उन्होंने आगे ये घमंडिया गठबंधन कैसे काम करेगा, उसकी नीति और रणनीति बना दी है। उन्होंने अपना एक hidden agenda भी तैयार कर लिया है और ये नीति रणनीति क्या है? ये इंडी अलायंस की नीति है, ये घमंडिया गठबंधन की नीति है भारत की संस्कृति पर हमला करने की। इंडी अलायंस का निर्णय है, भारतीयों की आस्था पर हमला करो। इंडी अलायंस घमंडिया गठबंधन की नीयत है- भारत को जिस विचारों ने, जिस संस्कारों ने, जिस परंपराओं ने हज़ारों वर्ष से जोड़ा है, उसे तबाह कर दो। जिस सनातन से प्रेरित होकर देवी अहिल्याबाई होल्कर ने देश के कोने-कोने में सामाजिक कार्य किए, नारी उत्थान का अभियान चलाया, देश की आस्था की रक्षा की, ये घमंडिया गठबंधन, ये इंडी-अलायंस उस सनातन संस्कारों को, परंपरा को समाप्त करने का संकल्प लेकर के आए हैं।

ये सनातन की ताकत थी कि झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, अंग्रेजों को ये कहते हुए ललकार पाईं कि मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी। जिस सनातन को गांधी जी ने जीवन पर्यंत माना, जिन भगवान श्री राम ने उनको जीवन भर प्रेरणा दी, उनके आखिरी शब्द बने हे राम! जिस सनातन ने उन्हें अस्पृश्यता के खिलाफ आंदोलन चलाने के लिए प्रेरित किया, ये इंडी गठबंधन के लोग, ये घमंडिया गठबंधन उस सनातन परंपरा को समाप्त करना चाहते हैं। जिस सनातन से प्रेरित होकर स्वामी विवेकानंद ने समाज की विभिन्न बुराइयों के प्रति लोगों को जागरूक किया, इंडी गठबंधन के लोग उस सनातन को समाप्त करना चाहते हैं। जिस सनातन से प्रेरित होकर लोकमान्य तिलक ने मां भारती की स्वतंत्रता का बीड़ा उठाया, गणेश पूजा को स्वतंत्रता आंदोलन से जोड़ा, सार्वजनिक गणेश उत्सव की परंपरा बनाई, आज उसी सनातन को ये इंडी गठबंधन तहस-नहस करना चाहता है।

साथियों,

ये सनातन की ताकत थी, कि स्वतंत्रता आंदोलन में फांसी पाने वाले वीर कहते थे कि अगला जन्म मुझे फिर ये भारत मां की गोद में देना। जो सनातन संस्कृति संत रविदास का प्रतिबिंब है, जो सनातन संस्कृति माता शबरी की पहचान है, जो सनातन संस्कृति महर्षि वाल्मीकि का आधार है, जिस सनातन ने हज़ारों वर्षों से भारत को जोड़े रखा है, ये लोग मिलकर अब उस सनातन को खंड-खंड करना चाहते हैं। आज इन लोगों ने खुलकर के बोलना शुरू किया है, खुलकर के हमला करना शुरू कर दिया है। कल ये लोग हम पर होने वाले हमले और बढ़ाने वाले हैं। देश के कोने-कोने में हर सनातनी को, इस देश को प्यार करने वाले को, इस देश की मिट्टी को प्यार करने वाले को, इस देश के कोटि-कोटि जनों को प्यार करने वालों को, हर किसी को सतर्क रहने की जरूरत है। सनातन को मिटाकर ये देश को फिर एक हजार साल की गुलामी में धकेलना चाहते हैं। लेकिन हमें मिलकर ऐसी ताकतों को रोकना है, हमारे संगठन की शक्ति से, हमारी एकजुटता से उनके मंसूबों को नाकाम करना है।

मेरे परिवारजनों,

भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रभक्ति की, जनशक्ति की भक्ति की और जनसेवा की राजनीति के लिए समर्पित है।

वंचितों को वरीयता यही भाजपा के सुशासन का मूल मंत्र है। भाजपा की सरकार एक संवेदनशील सरकार है। दिल्ली हो या भोपाल, आज सरकार आपके घर तक पहुंच कर आपकी सेवा करने का प्रयास करती है। जब कोविड का इतना भयंकर संकट आया तो सरकार ने करोड़ों देशवासियों का मुफ्त टीकाकरण कराया। हम आपके सुख-दुख के साथी हैं। हमारी सरकार ने 80 करोड़ से अधिक देशवासियों को मुफ्त राशन दिया, गरीब के घर का चूल्हा जलते रहना चाहिए, गरीब का पेट भूखा नहीं रहना चाहिए। हमारी कोशिश यही थी कि कोई गरीब, दलित, पिछड़े, आदिवासी परिवार की मां को अपना पेट बांधकर सोना ना पड़े। वो मां इस बात से ना तड़पे कि मेरा बच्चा भूखा है। इसलिए गरीब के इस बेटे ने गरीब के घर के राशन की चिंता की, गरीब मां की परेशानी की चिंता की। और ये दायित्व आप सबके आशीर्वाद से आज भी मैं निभा रहा हूं।

मेरे परिवारजनों,

हमारा ये निरंतर प्रयास है कि मध्य प्रदेश विकास की नई बुलंदियों को छुए, मध्य प्रदेश के हर परिवार का जीवन आसान हो, घऱ-घर समृद्धि आए। मोदी की गारंटी का ट्रैक रिकॉर्ड आपके सामने है। उनका ट्रैक रिकॉर्ड याद करिये, मेरा ट्रैक रिकॉर्ड देखा करिए। मोदी ने गरीबों को पक्के घर की गारंटी दी थी। आज मध्य प्रदेश में ही 40 लाख से ज्यादा परिवारों को पक्के घर मिल चुके हैं। हमने घर-घर टॉयलेट की गारंटी दी थी- ये गारंटी भी हमने पूरी करके दिखाई। हमने गरीब से गरीब को मुफ्त इलाज की गारंटी दी थी। हमने हर घर बैंक अकाउंट खुलवाने की गारंटी दी थी। हमने माताओं-बहनों को धुएं से मुक्त रसोई की गारंटी दी थी। ये हर गारंटी आपका सेवक, ये मोदी आज पूरी कर रहा है। हमने बहनों के हितों को ध्यान में रखते हुए इस रक्षाबंधन पर गैस सिलेंडर की कीमतों में भी बड़ी कमी कर दी। इससे उज्ज्वला की लाभार्थी बहनों को अब सिलेंडर 400 रुपए और सस्ता मिल रहा है। उज्ज्वला की योजना, कैसे हमारी बहनों-बेटियां का जीवन बचा रही है, ये हम सभी जानते हैं। हमारा प्रयास है, एक भी बहन-बेटी को धुएं में खाना ना बनाना पड़े। और इसलिए कल ही केंद्र सरकार ने एक और बड़ा निर्णय लिया है। अब देश में 75 लाख और बहनों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया जाएगा। कोई भी बहन गैस कनेक्शन से छूटे नहीं, ये हमारा मकसद है। एक बार तो हमने काम पूरा कर दिया, लेकिन कुछ परिवारों में विस्तार हुआ, परिवार में दो हिस्से हुए तो दूसरे परिवार को गैस चाहिए। उसमें जो कुछ नाम आए हैं उनके लिए ये नई योजना लेकर के हम आए हैं।

साथियों,

हम अपनी हर गारंटी को पूरा करने के लिए पूरी ईमानदारी से काम कर रहे हैं। हमने बिचौलिए को खत्म कर हर लाभार्थी को पूरा लाभ देने की गारंटी दी थी। इसका एक उदाहरण प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि भी है। इस योजना के लाभार्थी हर किसान को 28 हजार रुपए सीधे उनके बैंक खाते में भेजे गए। इस योजना पर सरकार 2 लाख साठ हजार करोड़ रुपए से अधिक खर्च कर चुकी है।

साथियों,

बीते 9 वर्षों में केंद्र सरकार का ये भी प्रयास रहा है कि किसानों की लागत कम हो, उन्हें सस्ती खाद मिले। इसके लिए हमारी सरकार ने 9 वर्ष में 10 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा सरकारी तिजोरी में से खर्च किया हैं। आज यूरिया की बोरी, आप जो खेत में यूरिया लेकर जाते हो ना, मेरे किसान भाइयों-बहनों ये यूरिया की थैली अमेरिका में 3000 रुपए में बिकती है, लेकिन वही बोरी मेरे देश के किसानों को हम सिर्फ 300 रुपये में पहुंचाते हैं, और इसके लिए दस लाख करोड़ रुपया सरकारी खजाने से खर्च किया है। आप याद करिए, जिस यूरिया के नाम पर पहले हजारों करोड़ रुपए के घोटाले हो जाते थे, जिस यूरिया के लिए किसानों को दिन-रात लाठियां खानी पड़ती थीं, अब वही यूरिया, कितनी आसानी से हर जगह उपलब्ध हो रहा है।

मेरे परिवारजनों,

सिंचाई का महत्व क्या होता है, ये बुंदेलखंड से बेहतर कौन जानता है। भाजपा की डबल इंजन सरकार ने बुंदेलखंड में अनेक सिंचाई परियोजनाओं पर काम किया है। केन-बेतवा लिंक नहर से बुंदेलखंड सहित इस क्षेत्र के लाखों किसानों को बहुत लाभ होने वाला है और जीवन भर होने वाला है, आने वाली पीढ़ियों के लिए भी होने वाला है। देश की हर बहन को उसके घर में पाइप से पानी पहुंचाने के लिए भी हमारी सरकार निरंतर परिश्रम कर रही है। सिर्फ 4 वर्षों में ही देशभर में लगभग 10 करोड़ नए परिवारों तक नल से जल पहुंचाया गया है। मध्य प्रदेश में भी 65 लाख परिवारों तक पाइप से पानी पहुंचाया जा चुका है। इसका बहुत अधिक लाभ मेरे बुंदेलखंड की माताओं-बहनों को हो रहा है। बुंदेलखंड में अटल भूजल योजना के तहत पानी के स्रोत बनाने पर भी बड़े स्तर पर काम हो रहा है।

साथियों,

हमारी सरकार इस क्षेत्र के विकास के लिए, इस क्षेत्र के गौरव को बढ़ाने के लिए भी पूरी तरह से प्रतिबद्ध है, पूरी तरह से आप के प्रति समर्पित है। इस साल 5 अक्टूबर को रानी दुर्गावती जी की 500 वीं जन्मजयंती है। डबल इंजन की सरकार, इस पुण्य अवसर को भी बहुत धूमधाम से मनाने जा रही है।

साथियों,

हमारी सरकार के प्रयासों का सबसे अधिक लाभ गरीब को हुआ है, दलित, पिछड़े, आदिवासी को हुआ है। वंचितों को वरीयता का, सबका साथ, सबका विकास का यही मॉडल आज विश्व को भी राह दिखा रहा है। अब भारत दुनिया की टॉप-3 अर्थव्यवस्था में आने का लक्ष्य लेकर के काम कर रहा है। भारत को टॉप-3 बनाने में मध्य प्रदेश की बड़ी भूमिका है और मध्य प्रदेश उसको निभाएगा। इससे यहां के किसानों, यहां के उद्योगों, यहां के नौजवानों उनके लिए नए-नए अवसर तैयार होने वाले हैं। आने वाले 5 साल मध्य प्रदेश के विकास को नई बुलंदी देने के हैं। आज जिन प्रोजेक्ट्स की नींव हमने रखी हैं, ये मध्य प्रदेश के तेज़ विकास को और तेजी देंगे। इतनी बड़ी तादाद में आप विकास के इस उत्सव को मनाने के लिए आए, विकास के उत्सव में भागीदार हुए और आपने आशीर्वाद दिया, इसके लिए मैं आप सबको बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं, अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं।

मेरे साथ बोलिए-

भारत माता की – जय,

भारत माता की – जय,

भारत माता की – जय,

धन्यवाद!

 

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प्रधानमंत्री ने 45वें प्रगति संवाद की अध्यक्षता की
December 26, 2024
प्रधानमंत्री ने एक लाख करोड़ रुपये से अधिक लागत की नौ प्रमुख परियोजनाओं की समीक्षा की
परियोजनाओं में देरी से न केवल लागत बढ़ती है, बल्कि जनता भी परियोजना के अपेक्षित लाभों से वंचित हो जाती है: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने परियोजनाओं के कार्यान्वयन के दौरान प्रभावित परिवारों के समय पर पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन के महत्व पर जोर दिया
प्रधानमंत्री ने ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ की समीक्षा की और राज्यों को चरणबद्ध तरीके से गांवों, कस्बों और शहरों के लिए संतृप्ति का दृष्टिकोण अपनाने का निर्देश दिया
प्रधानमंत्री ने उन शहरों में अनुभव साझा करने हेतु कार्यशालाएं आयोजित करने की सलाह दी जहां मेट्रो परियोजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं या पाइपलाइन में हैं ताकि सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों एवं महत्वपूर्ण सीखों को समझा जा सके
प्रधानमंत्री ने बैंकिंग एवं बीमा क्षेत्र से संबंधित लोक शिकायतों की समीक्षा की और शिकायतों के निपटान की गुणवत्ता पर जोर दिया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज प्रगति, जो केन्द्र एवं राज्य सरकारों को शामिल करते हुए सक्रिय शासन और समय पर कार्यान्वयन से संबंधित आईसीटी-आधारित बहु-स्तरीय प्लेटफॉर्म है, के 45वें संस्करण की बैठक की अध्यक्षता की।

बैठक में, आठ महत्वपूर्ण परियोजनाओं की समीक्षा की गई, जिनमें शहरी परिवहन की छह मेट्रो परियोजनाएं और सड़क कनेक्टिविटी तथा थर्मल पावर से संबंधित एक-एक परियोजना शामिल है। विभिन्न राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों में फैली इन परियोजनाओं की संयुक्त लागत एक लाख करोड़ रुपये से अधिक है।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि केन्द्र और राज्य, दोनों स्तरों पर सभी सरकारी अधिकारियों को यह समझना चाहिए कि परियोजना में देरी से न केवल लागत बढ़ती है बल्कि जनता को भी अपेक्षित लाभ प्राप्त करने में बाधा आती है।

संवाद के दौरान, प्रधानमंत्री ने बैंकिंग एवं बीमा क्षेत्र से संबंधित लोक शिकायतों की भी समीक्षा की। प्रधानमंत्री ने जहां निपटान में लगने वाले समय में कमी लाने का उल्लेख किया, वहीं उन्होंने शिकायतों के निपटान की गुणवत्ता पर भी जोर दिया।

यह देखते हुए कि अधिक से अधिक शहरों में पसंदीदा सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों में से एक के रूप में मेट्रो परियोजनाओं की शुरुआत की जा रही है, प्रधानमंत्री ने उन शहरों के लिए अनुभव साझा करने हेतु कार्यशालाएं आयोजित करने की सलाह दी जहां ऐसी परियोजनाएं कार्यान्वित की जा रहीं हैं या पाइपलाइन में हैं, ताकि सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों एवं अनुभवों से सीख ली जा सके।

समीक्षा के दौरान, प्रधानमंत्री ने परियोजनाओं के कार्यान्वयन के दौरान परियोजना से प्रभावित होने वाले परिवारों के समय पर पुनर्वास और पुनर्स्थापन के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने नई जगह पर गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं प्रदान करके ऐसे परिवारों के लिए जीवनयापन में आसानी को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

प्रधानमंत्री ने ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ की भी समीक्षा की। उन्होंने एक गुणवत्तापूर्ण विक्रेता इकोसिस्टम विकसित करके राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों में रूफटॉप की स्थापना की क्षमता बढ़ाने का निर्देश दिया। उन्होंने मांग के सृजन से लेकर रूफटॉप सोलर के संचालन तक की प्रक्रिया में लगने वाले समय को कम करने का भी निर्देश दिया। उन्होंने राज्यों को चरणबद्ध तरीके से गांवों, कस्बों और शहरों के लिए संतृप्ति का दृष्टिकोण अपनाने का निर्देश दिया।

प्रगति बैठकों के 45वें संस्करण तक, लगभग 19.12 लाख करोड़ रुपये की कुल लागत की 363 परियोजनाओं की समीक्षा की गई है।