नवनियुक्तों को लगभग 51 हजार नियुक्ति पत्र वितरित किये
"युवाओं के लिए 'विकसित भारत' का निर्माता बनने का मार्ग प्रशस्त कर रहा रोजगार मेला"
"आपकी सर्वोच्च प्राथमिकता नागरिकों के लिए जीवन सुगम बनाना होना होना चाहिए"
"सरकार उन लोगों के द्वार तक पहुंच रही है, जिन्हें कभी कोई लाभ नहीं मिला"
"भारत बुनियादी ढांचे की क्रांति का साक्षी है"
"अधूरी परियोजनाएं देश के ईमानदार करदाताओं के साथ बहुत बड़ा अन्याय है, हम इसका समाधान कर रहे हैं"
"वैश्विक संस्थान भारत की विकास गाथा को लेकर आशान्वित हैं"

नमस्कार।

देश में लाखों युवाओं को भारत सरकार की नौकरी देने का अभियान लगातार जारी है। आज 50 हजार से ज्यादा युवाओं को सरकारी नौकरी के लिए नियुक्ति पत्र दिए गए हैं। ये नियुक्ति पत्र, आपके परिश्रम और प्रतिभा का नतीजा है। मैं आपको और आपके परिवार को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

अब आप राष्ट्र निर्माण की उस धारा से जुड़ने जा रहे हैं, जिसका सरोकार सीधे जनता-जनार्दन से है। भारत सरकार के कर्मचारी के तौर पर आप सभी को बड़े-बड़े दायित्वों को निभाना है। आप जिस भी पद पर रहें, जिस भी क्षेत्र में काम करें, आपकी सर्वोच्च प्राथमिकता, देशवासियों की Ease of Living ही होनी चाहिए।

साथियों,

कुछ ही दिन पहले, 26 नवंबर को देश ने संविधान दिवस मनाया है। यही वो तारीख है, जब 1949 में देश ने सभी नागरिकों को एक समान अधिकार देने वाले संविधान को अपनाया था। संविधान के मुख्य शिल्पी, बाबा साहेब ने एक ऐसे भारत का सपना देखा था, जहां सबको एक समान अवसर देकर सामाजिक न्याय स्थापित किया जाए। दुर्भाग्य से आजादी के बाद लंबे समय तक देश में समानता के सिद्धांत की अनदेखी की गई।

2014 से पहले, समाज के एक बड़े वर्ग को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा गया था। 2014 में, जब हमें देश ने सेवा करने का मौका दिया, सरकार चलाने की जिम्‍मेदारी दी तो सबसे पहले, हमने वंचितों को वरीयता, इस मंत्र को ले करके आगे बढ़ने की दिशा आरंभ की। सरकार खुद चलकर उन लोगों तक पहुंची, जिन्हें कभी योजनाओं का लाभ नहीं मिला, जिन्हें दशकों तक सरकार की तरफ से कोई सुविधा नहीं मिली थी, हम उनका जीवन बदलने का प्रयास कर रहे हैं।

सरकार की सोच में, सरकार की कार्य संस्कृति में ये जो बदलाव आया है, इसकी वजह से आज देश में अभूतपूर्व परिणाम भी सामने आ रहे हैं। ब्यूरोक्रेसी वही है, लोग वही हैं। फाइलें वही हैं, काम करने वाले भी वही हैं, तरीका भी वही है। लेकिन जब सरकार ने देश के गरीब को, देश के मध्यम वर्ग को प्राथमिकता दी, तो सारी स्थितियां बदलने लगीं। बहुत तेज गति से एक के बाद एक कार्यशैली भी बदलने लगी, कार्य पद्धति बदलने लगी, जिम्‍मेदारियां तय होने लगीं और जन सामान्‍य की भलाई के पॉजिटिव रिजल्ट सामने आने लगे।

एक अध्ययन के मुताबिक 5 वर्षों में देश के 13 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी से बाहर आए हैं। इससे पता चलता है कि सरकार की योजनाओं का गरीब तक पहुंचना कितना बड़ा परिवर्तन लाता है। आज सुबह ही आपने देखा होगा कि विकसित भारत संकल्प यात्रा, किस तरह गांव-गांव में जा रही है। आपकी तरह ही सरकार के कर्मचारी, सरकार की योजनाओं को गरीब के दरवाजे तक ले जा रहे हैं। सरकारी सेवा में आने के बाद आपको भी ऐसी ही नीयत से, नेक नीयत से, ऐसे ही समर्पण भाव से, ऐसी ही निष्ठा से अपने-आपको जनता-जनार्दन की सेवा के लिए खपाना ही है

साथियों,

आज के बदलते हुए भारत में आप सभी एक इंफ्रास्ट्रक्चर क्रांति के भी साक्षी बन रहे हैं। आधुनिक एक्सप्रेसवे हों, आधुनिक रेलवे स्टेशंस हों, एयरपोर्ट्स हों, वॉटर वे हों, आज देश इन पर लाखों करोड़ रुपए खर्च कर रहा है। और जब सरकार इतने बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर पर धन खर्च कर रही है, इंवेस्ट करती है, तो बहुत स्‍वाभाविक है, इसको कोई नकार नहीं सकता है क्योंकि इसके कारण रोजगार के भी लाखों नए अवसर बनते हैं।

2014 के बाद से एक और बहुत बड़ा बदलाव ये भी आया है कि बरसों से अटकी-भटकी-लटकी परियोजनाओं को खोज-खोज करके मिशन मोड पर पूरा कराया जा रहा है। आधी-अधूरी परियोजनाएं ईमानदार जो देश के हमारे टैक्स पेयर्स हैं, उनके पैसे तो बर्बाद करती ही करती हैं, लागत भी बढ़ जाती है, और जो उसका लाभ मिलना चाहिए, वो भी नहीं मिलता है। ये हमारे टैक्‍स पेयर्स के साथ भी बहुत बड़ी नाइंसाफी है।

बीते वर्षों में केंद्र सरकार ने लाखों करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स की समीक्षा करके उन्हें तेजी से पूरा करवाने के लिए लगातार मॉनिटरिंग की है और सफलता पाई है। इससे भी देश के कोने-कोने में रोजगार के अनेक नए अवसर बने हैं। जैसे- बीदर-कलबुर्गी रेलवे लाइन ऐसी ही एक परियोजना थी, जिसे 22-23 साल पहले शुरू किया गया था। लेकिन ये प्रोजेक्ट भी अटका हुआ था, भटका हुआ था। हमने 2014 में इसे पूरा करने का संकल्प लिया और केवल 3 तीन साल में इस परियोजना को पूरा करके दिखाया। सिक्किम के पाक्योंग एयरपोर्ट की परिकल्पना भी 2008 में की गई थी। लेकिन 2014 तक ये सिर्फ कागजों पर ही बनता रहा। 2014 के बाद इस प्रोजेक्ट से जुड़ी सारी बाधाओं को हटाकर इसे 2018 तक पूरा कर लिया गया। इसने भी रोजगार दिए। पारादीप रिफाइनरी की भी चर्चा 20-22 साल पहले शुरू हुई थी, लेकिन 2013 तक कुछ खास हुआ ही नहीं। जब हमारी सरकार आई तो हमने सभी अटके हुए, रुके हुए प्रोजेक्ट्स की तरह पारादीप रिफाइनरी को भी हाथ में लिया, उसको पूरा किया। जब इस तरह के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट पूरा होते हैं, तो इससे प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर तो बनते ही हैं, साथ ही ये रोजगार के कई अप्रत्यक्ष अवसरों को भी तैयार करते हैं।

साथियों,

देश में रोजगार निर्माण करने वाला एक बहुत बड़ा सेक्टर है- रीयल इस्टेट। ये सेक्टर जिस दिशा में जा रहा था, उसमें बिल्डरों के साथ ही मध्यम वर्ग की बर्बादी तय थी। रेरा कानून की वजह से आज रीयल इस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता आई है, इस सेक्टर में इंवेस्टमेंट लगातार बढ़ रहा है। आज देश के एक लाख से ज्यादा रियल इस्टेट प्रोजेक्ट्स रेरा कानून के तहत रजिस्टर्ड हैं। पहले प्रोजेक्ट रूक जाते थे, रोजगार के नए अवसर ठप पड़ जाते थे। देश का बढ़ता हुआ ये रीयल इस्टेट बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर बना रहा है।

साथियों,

भारत सरकार की नीति और निर्णयों ने आज देश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। दुनिया की बड़ी-बड़ी संस्थाएं भारत की विकास दर को लेकर बहुत सकारात्मक हैं। हाल ही में, निवेश रेटिंग के एक ग्लोबल लीडर ने भारत के तेज विकास पर अपनी मुहर लगाई है। उनका अनुमान है कि रोजगार के बढ़ते अवसर, working-age population इसकी बड़ी संख्या और labour productivity में बढ़ोतरी की वजह से भारत में विकास तेज गति से जारी रहेगा। भारत के मैन्युफैक्चरिंग और कंस्ट्रक्शन सेक्टर की मजबूती भी इसकी बड़ी वजह है।

ये सारे तथ्य इस बात के प्रमाण हैं कि आने वाले समय में भी भारत में रोजगार और स्वरोजगार की असीम संभावनाएं इसी तरह बनती रहेंगी। ये देश के युवाओं के लिए अपने आप में बहुत अहम है। एक सरकारी कर्मचारी होने के नाते, आपकी भी इसमें बहुत बड़ी भूमिका है। आपको ये सुनिश्चित करना है कि भारत में हो रहे विकास का लाभ समाज के आखिरी व्यक्ति तक जरूर पहुंचे। कोई क्षेत्र कितना ही दूर क्यों ना हो, वो आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए। कोई व्यक्ति कितने ही दुर्गम स्थान पर क्यों ना हो, आपको उस तक पहुंचना ही होगा। भारत सरकार के कर्मचारी के तौर पर जब आप इस अप्रोच से आगे बढ़ेंगे, तभी विकसित भारत का सपना साकार होगा।

साथियों,

अगले 25 वर्ष आपके और देश के लिए बहुत अहम हैं। बहुत कम पीढ़ियों को इस तरह का अवसर मिला है। इस अवसर का पूरा उपयोग करें। मेरा ये भी आग्रह है कि आप सभी नए learning module ''कर्मयोगी प्रारंभ'' से जरूर जुड़ें। एक भी ऐसा हमारा साथी नहीं होना चाहिए कि जो इसके साथ जुड़ करके अपनी capacity न बढ़ाता हो। सीखने की जो प्रवृत्ति आपको यहां इस मुकाम तक लेकर आई है, कभी भी सीखने की उस प्रवृत्ति को बंद मत होने देना, लगातार सीखते जाइए, लगातार अपने-आपको ऊपर उठाते जाइए। ये तो आपकी जिंदगी का प्रारंभ है, देश भी बढ़ रहा है, आपको भी बढ़ना है। यहां आए हैं अटक नहीं जाना है। और इसके लिए बहुत बड़ी व्‍यवस्‍था की गई है।

कर्मयोगी प्रारंभ को एक वर्ष पहले शुरू किया गया था। तब से लाखों नए सरकारी कर्मचारी इसके द्वारा ट्रेनिंग ले चुके हैं। मेरे साथ प्रधानमंत्री कार्यालय में, पीएमओ में जो काम करते हैं, वे सब भी बड़े सीनियर लोग हैं, देश की महत्वपूर्ण चीजों को वो देखते हैं, लेकिन वे भी इसके साथ जुड़ करके लगातार टेस्‍ट दे रहे हैं, एग्‍जाम दे रहे हैं, कोर्सेज कर रहे हैं, जिससे उनकी capacity, उनका सामर्थ्‍य मेरे पीएमओ को भी मजबूत करता है, देश को भी मजबूत करता है।

हमारे ऑनलाइन ट्रेनिंग प्लेटफॉर्म iGoT Karmayogi पर भी 800 से ज्यादा कोर्सेस उपलब्ध हैं। अपने स्किल को बढ़ाने के लिए इसका उपयोग अवश्‍य करें। और जब आज आपके जीवन की एक नई शुरुआत हो रही है, आपके परिवार के सपने, उसको एक नई ऊंचाई मिल रही है। मेर तरफ से आपके परिवारजनों को भी मैं बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। आप जब सरकार में आए हैं तो अगर हो सके तो एक बात आज ही डायरी पर लिख दीजिए कि एक सामान्‍य नागरिक के नाते आपकी 20, 22, 25 साल की जो भी उम्र बीती होगी, सरकार में आपको कहां-कहां दिक्‍कतें आईं। कभी बस स्टेशन पर दिक्‍कत आई होगी, कभी चौराहे पर पुलिस के कारण कभी दिक्‍कत आई होगी। कहीं पर सरकारी दफ्तर में दिक्‍कत आई होगी।

आप जरा उसको याद कीजिए और तय कीजिए कि मैंने जिंदगी में सरकार से जो कुछ भी दिक्‍कते प्राप्त की हैं, और वो किसी सरकारी मुलाजिम के कारण की हैं, मैं कम से कम जीवन में कभी भी किसी भी नागरिक को ऐसी मुसीबत झेलनी पड़े, ऐसा व्‍यवहार नहीं करूंगा। इतना भी अगर आप निर्णय कर लेते हैं कि मेरे साथ जो हुआ वो मैं किसी के साथ नहीं करूंगा। आप कल्‍पना कर सकते हैं कि जन-सामान्‍य के जीवन में हम कितनी बड़ी सहायता का काम कर सकते हैं। राष्‍ट्र निर्माण की दिशा में आपके उज्‍ज्‍वल भविष्‍य के लिए मेरी तरफ से बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं।

बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Prime Minister condoles passing away of former Prime Minister Dr. Manmohan Singh
December 26, 2024
India mourns the loss of one of its most distinguished leaders, Dr. Manmohan Singh Ji: PM
He served in various government positions as well, including as Finance Minister, leaving a strong imprint on our economic policy over the years: PM
As our Prime Minister, he made extensive efforts to improve people’s lives: PM

The Prime Minister, Shri Narendra Modi has condoled the passing away of former Prime Minister, Dr. Manmohan Singh. "India mourns the loss of one of its most distinguished leaders, Dr. Manmohan Singh Ji," Shri Modi stated. Prime Minister, Shri Narendra Modi remarked that Dr. Manmohan Singh rose from humble origins to become a respected economist. As our Prime Minister, Dr. Manmohan Singh made extensive efforts to improve people’s lives.

The Prime Minister posted on X:

India mourns the loss of one of its most distinguished leaders, Dr. Manmohan Singh Ji. Rising from humble origins, he rose to become a respected economist. He served in various government positions as well, including as Finance Minister, leaving a strong imprint on our economic policy over the years. His interventions in Parliament were also insightful. As our Prime Minister, he made extensive efforts to improve people’s lives.

“Dr. Manmohan Singh Ji and I interacted regularly when he was PM and I was the CM of Gujarat. We would have extensive deliberations on various subjects relating to governance. His wisdom and humility were always visible.

In this hour of grief, my thoughts are with the family of Dr. Manmohan Singh Ji, his friends and countless admirers. Om Shanti."