Quote“2024 के आम चुनाव के नतीजे बाधाओं से परे होंगे”
Quote“स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान जो ज्वार उठा, उसने जनता में जोश एवं सामूहिकता की भावना भर दी और कई बाधाओं को तोड़ दिया”
Quote“चंद्रयान 3 की सफलता ने प्रत्येक नागरिक में गर्व और आत्मविश्वास की भावना पैदा की है और उन्हें हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है”
Quote“आज हर भारतीय आत्मविश्वास से भरा हुआ है”
Quote“जनधन बैंक खाते गरीबों के बीच मानसिक बाधाओं को तोड़ने और उनके गौरव एवं आत्मसम्मान को फिर से मजबूत करने का माध्यम बने”
Quote“सरकार ने न सिर्फ लोगों का जीवन बदला है, बल्कि गरीबों को गरीबी से उबरने में भी मदद की है”
Quote“सामान्य नागरिक अब स्वयं को सशक्त एवं प्रोत्साहित महसूस करने लगा है”
Quote“आज के भारत के विकास की गति और पैमाना इसकी सफलता का प्रतीक है”
Quote“जम्मू एवं कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से प्रगति और शांति का मार्ग प्रशस्त हुआ है”
Quote“भारत ने रिकॉर्ड घोटालों से रिकॉर्ड निर्यात तक एक लंबा रास्ता तय किया है”
Quote“स्टार्टअप हो, खेल हो, अंतरिक्ष हो या प्रौद्योगिकी, भारत की विकास यात्रा में मध्यम वर्ग तेज गति से आगे बढ़ रहा है”
Quote“नव-मध्यम वर्ग देश के उपभोग में वृद्धि को गति दे रहा है”
Quote“आज, गरीब से गरीब व्यक्ति से लेकर दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति तक, यह मानने लगे हैं कि यह भारत का वक्त है”

शोभना भरतिया जी, हिंदुस्तान टाइम्स के, आपकी टीम के सभी सदस्य, यहां उपस्थित सभी Guests, देवियों और सज्जनों।

सबसे पहले तो मैं आप सबसे क्षमा चाहता हूं क्योंकि मैं चुनावी मैदान में था तो वहां से आते-आते थोड़ी देर हो गई। लेकिन सीधा एयरपोर्ट से पहुंचा हूं आपके बीच। शोभना जी बहुत बढ़िया बोल रही थी, यानि मुद्दे अच्छे थे, जरूर कभी ना कभी पढ़ने को भी मिलेगा। चलिए उसमें देर हो गई।

|

साथियों,

आप सबको नमस्कार। हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट में एक बार फिर आपने मुझे यहां निमंत्रित किया, इसके लिए मैं HT ग्रुप का बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं। 2014 में जब हमारी सरकार बनी थी, और हमारा सेवाकाल शुरू हुआ था, उस वक्त इस समिट की थीम थी- Reshaping India यानि HT Group ये मानकर चल रहा था कि आने वाले समय में भारत में बहुत कुछ बदलेगा, Reshape होगा। 2019 में जब हमारी सरकार पहले से भी ज्यादा बहुमत के साथ वापस आई, तो उस समय आपने थीम रखी- Conversations for a Better Tomorrow. आपने HT समिट के माध्यम से दुनिया को संदेश दिया कि भारत एक बेहतर भविष्य के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। अब 2023 में जब देश में अगले वर्ष होने वाले चुनावों की चर्चा हो रही है, तो आपकी थीम है- Beyond Barriers... और मैं जनता के बीच रहने, जीने वाले वाला इंसान हूं, पॉलिटिकल आदमी हूं तो और जनप्रतिनिधि हूं तो मुझे उसमें कुछ एक संदेश दिखता है। आम तौर पर ओपिनियन पोल, चुनावों के कुछ हफ्तों पहले आते हैं और बताते हैं, क्या होने वाला है। लेकिन आपने साफ संकेत दे दिया है कि देश की जनता इस बार सारे बैरियर्स तोड़कर हमारा समर्थन करने वाली है। 2024 Election Results will be beyond barriers.

साथियों,

‘Reshaping India’ से ‘Beyond Barriers’ तक के भारत के इस सफर ने आने वाले उज्ज्वल भविष्य की नींव गढ़ दी है। इसी नींव पर विकसित भारत का निर्माण होगा, भव्य और समृद्ध भारत का निर्माण होगा। लंबे समय तक, भारत और हम भारतीयों को अनेक Barriers का सामना करना पड़ा है। हम पर हुए हमलों और गुलामी के लंबे कालखंड ने भारत को बहुत सारे बंधनों में बांध दिया था। स्वतंत्रता आंदोलन के समय जो एक ज्वार उठा, जो जज्बा पैदा हुआ, सामूहिकता की जो भावना पैदा हुई, उसने ऐसे कई बंधनों को तोड़ दिया था। आजादी के बाद उम्मीद थी कि यही momentum आगे भी जारी रहेगा, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा हो नहीं पाया। अनेक तरह के बंधनों में बंधा हुआ हमारा देश, उस रफ्तार से आगे नहीं बढ़ पाया, जितना उसका सामर्थ्य था। एक बहुत बड़ा Barrier मानसिकता का था, Mental Barriers. कुछ Barriers real थे, असल में थे। कुछ Barriers perceived थे, बनाए गए थे, और कुछ Barriers exaggerated, बढ़ा-चढ़ाकर हमारे सामने हौवे की तरह प्रस्तुत कर दिए गए थे। 2014 के बाद से ही भारत, लगातार इन बंधनों को तोड़ने के लिए मेहनत कर रहा है। मुझे संतोष है कि हमने अनेक बाधाएं पार की हैं और अब हम ‘Beyond Barriers’ की बात कर रहे हैं। आज भारत हर Barrier तोड़ते हुए चांद पर वहां पहुंचा है, जहां कोई नहीं पहुंचा है। आज भारत हर चुनौती को पार करते हुए डिजिटल ट्रांजेक्शन में नंबर वन बना है। आज भारत, हर बाधा से निकलकर, मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग में लीड ले रहा है। आज भारत, स्टार्ट अप्स की दुनिया में टॉप तीन में है। आज भारत, दुनिया का सबसे बड़ा Skilled Pool अपने यहां बना रहा है। आज भारत, जी-20 जैसे आयोजनों में अपना परचम लहरा रहा है। आज भारत अपने को हर बंधन से मुक्त करके आगे बढ़ रहा है। और आपने सुना ही होगा- सितारों के आगे जहां और भी है। भारत, इतने पर ही रुकने वाला नहीं है।

साथियों,

जैसा मैं अभी कह रहा था, सबसे बड़ा बैरियर तो हमारे यहां Mindset का ही था, मेंटल बैरियर्स थे। इसी माइंडसेट की वजह से हमें कैसी-कैसी बातें सुनने को मिलती थीं। इस देश का कुछ हो ही नहीं सकता...इस देश में कुछ बदल ही नहीं सकता...और, अपने यहां सब ऐसे ही चलता है....अगर लेट आए तो भी कहते थे – Indian Time, बड़े गर्व से कहते थे। करप्शन का, अरे उसका तो कुछ हो ही नहीं सकता है साहब, जीना सीख लो...कोई चीज सरकार ने बनाई है तो उसकी क्वालिटी खराब ही होगी ही होगी साहब, ये तो सरकारी है...कुछ घटनाएं ऐसी होती हैं, जो पूरे देश को मेंटल बैरियर तोड़कर बाहर आने के लिए प्रेरित करती हैं। गांधी जी ने दांडी यात्रा में उठाया तो एक चुटकी भर नमक था, लेकिन पूरा देश खड़ा हो गया, हम आजादी प्राप्त कर सकते हैं लोगों का ये विश्वास बढ़ गया था। अभी चंद्रय़ान की सफलता से कोई 140 करोड़ देशवासी अचानक वैज्ञानिक नहीं बन गए हैं, Astronaut नहीं बन गए हैं। लेकिन पूरे देश में एक आत्म विश्वास से भरे हुए माहौल को आज भी हम अनुभव कर रहे हैं। और क्या निकलता है- हम कर सकते हैं, हम हर सेक्टर में आगे जा सकते हैं। आज हर भारतीय बुलंद हौसले से भरा हुआ है। स्वच्छता का विषय याद होगा आपको। कुछ लोग कहते थे कि लाल किले से पीएम का स्वच्छता की बात करना, टॉयलेट की बात करना, इस पद की गरिमा के खिलाफ है। सैनिटरी पैड, ऐसा शब्द था जिसे लोग, खासकर पुरुष सामान्य बोलचाल की भाषा में भी बोलने से बचते थे। मैंने लालकिले से ये विषय उठाए। और वहीं से माइंडसेट बदलने की शुरुआत हुई। आज स्वच्छता एक जन-आंदोलन बन गया है। आप याद करिए, खादी को कोई पूछता तक नहीं था। बहुत, यानि हम जैसे नेताओं का विषय रह गया था, वो भी चुनाव में जरा लंबा कुर्ता पहनकर पहुंच जाना यहीं हो गया था। लेकिन अब पिछले 10 साल में खादी की बिक्री तीन गुना से ज्यादा बढ़ गई है।

|

साथियों,

जनधन बैंक अकाउंट्स की सफलता देशवासी जानते हैं। लेकिन जब हम इस योजना को लेकर आए थे, तो कुछ एक्सपर्ट्स ने कहा था कि ये अकाउंट खोलना संसाधनों की बर्बादी है, गरीब इनमें एक पैसा भी नहीं डालेगा। बात केवल पैसे की नहीं थी। बात थी मेंटल बैरियर तोड़ने की, माइंडसेट बदलने की। ये लोग गरीब के उस अभिमान को, उस स्वाभिमान को, कभी समझ ही नहीं पाए, जो जनधन योजना ने उस गरीब में जगाया। उसे तो बैंकों के दरवाजे तक जाने की हिम्मत नहीं होती थी, वो डरता था। उसके लिए बैंक अकाउंट होना भी अमीरों की चीज थी। जब उसने देखा कि बैंक खुद उसके दरवाजे तक आ रहे हैं, तो उसमें एक विश्वास जगा, एक स्वाभिमान जगा, उसके मन में एक नया बीज पनपा। आज वो बड़े अभिमान से अपनी जेब में से रूपे कार्ड निकालता है, रूपे कार्ड का इस्तेमाल करता है। और हम तो जानते हैं, आज से 5-10 साल पहले स्थिति ये थी कि किसी बड़े होटल में बड़े-बड़े लोग खाना खा रहे हैं तो उनके बीच में भी कंपटीशन रहता था, वो जब बटवा निकालता था तो चाहता था कि वो देखें कि उसके बटवे में 15-20 कार्ड हैं, कार्ड दिखाना भी फैशन था, कार्ड की संख्या status विषय था। मोदी ने उसको गरीब की जेब में डालकर के रख दिया। मेंटल बैरियर कैसे तोड़े जाते हैं।

दोस्तों, आज गरीब को लगता है कि जो अमीर के पास है, वो मेरे पास भी है। इस बीज ने वटवृक्ष बनकर कितने ही फल दिए हैं। AC कमरों की नंबर और नैरेटिव वाली दुनिया में रहने वाले लोग, गरीब के इस मनोवैज्ञानिक सशक्तिकरण को कभी नहीं समझ पाएंगे। लेकिन मैं एक गरीब परिवार से आय़ा हूं, गरीबी को जीकर यहां आया हूं, इसलिए जानता हूं कि सरकार के इन प्रयासों ने कितने सारे बैरियर्स को तोड़ने का काम किया है। माइंडसेट में ये परिवर्तन देश के भीतर ही नहीं, बाहर भी आया है। पहले आतंकी हमला होता था, तो हमारी सरकारें दुनिया से अपील करती थीं कि हमारी मदद करिए, वैश्विक मत बढ़ाने के लिए जाना पड़ता था। आतंकियों को रोकिए। हमारी सरकार में आतंकी हमला हुआ, तो हमले का जिम्मेदार देश दुनिया भर से खुद को बचाने के लिए गुहार लगाता है। भारत के एक्शन ने दुनिया का माइंडसेट बदला। 10 साल पहले दुनिया सोचती थी कि भारत Climate Action के संकल्पों में बाधा है, एक रूकावट है, negative है। लेकिन आज भारत दुनिया के Climate Action के संकल्पों को Lead कर रहा है, अपने Targets को समय से पहले हासिल करके दिखा रहा है। आज माइंडसेट बदलने का प्रभाव हम स्पोर्ट्स की दुनिया में भी देख रहे हैं। लोग खिलाड़ियों को कहते थे, खेल तो रहे हो लेकिन करियर में क्या करोगे, नौकरी का क्या करोगे? सरकारों ने भी खिलाड़ियों को भगवान भरोसे छोड़ दिया था। ना उनकी ज्यादा आर्थिक मदद होती थी और ना ही स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान दिया जाता था। हमारी सरकार ने इस बैरियर को भी हटाया। अब आज एक के बाद एक टूर्नामेंट में, हमारे यहां मेडल्स की बारिश हो रही है।

Friends,

भारत में सामर्थ्य की कमी नहीं है, संसाधनों की कमी नहीं है। हमारे सामने एक बहुत बड़ा और Real Barrier रहा है- गरीबी का। गरीबी को Slogans से नहीं Solutions से ही लड़ा जा सकता है। गरीबी को नारे से नहीं, नीति और नीयत से ही हराया जा सकता है। हमारे यहां पहले की सरकारों की जो सोच रही उसने देश के गरीब को सामाजिक और आर्थिक रूप से आगे नहीं बढ़ने दिया। मैं मानता हूं, गरीब में खुद इतना सामर्थ्य होता है कि वो गरीबी से लड़ सके और उस लड़ाई में जीत सके। हमें उसे सपोर्ट करना होता है, उसे मूलभूत सुविधाएं देनी होती हैं, उसे Empower करना होता है। इसीलिए हमारी सरकार ने इन बाधाओं को तोड़ने के लिए, गरीब को Empower करके, उस काम को हमने सर्वोच्च प्राथमिकता के रूप में लिया। हमने ना सिर्फ लोगों का जीवन बदला, बल्कि गरीबों को गरीबी से उबरने में मदद भी की। इसके परिणाम आज देश स्पष्ट देख रहा है। और अभी शोभना जी बता रही थी सिर्फ 5 वर्षों में 13 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी से बाहर आए हैं। यानि हम कह सकते हैं कि 13 करोड़ लोगों ने अपनी गरीबी के Barrier को तोड़ा और देश के Neo Middle Class में शामिल हुए हैं।

|

साथियों,

भारत के विकास के सामने एक बहुत बड़ा Real Barrier रहा है, परिवारवाद और भाई-भतीजावाद का। वही आदमी आसानी से आगे बढ़ पाता था जो किसी खास परिवार से जुड़ा हो या फिर किसी शक्तिशाली आदमी को जानता हो। देश के सामान्य नागरिक की कहीं कोई पूछ नहीं थी। चाहे खेल हो, विज्ञान हो, राजनीति हो या पद्म सम्मान हों, देश के सामान्य मानवी को लगता था कि अगर वो किसी बड़े परिवार से नहीं जुड़ा है तो उसके लिए सफल होने की संभावना बहुत कम है। लेकिन आपने बीते कुछ सालों में देखा है कि इन सभी क्षेत्रों में देश का सामान्य नागरिक, अब Empowered और Encouraged feel करने लगा है। अब उसे इसकी चिंता नहीं होती कि उसे किसी ताकतवर आदमी के यहां चक्कर लगाने होंगे, उसकी सहायता लेनी होगी। Yesterday's Unsung Heroes are Country's Heroes today!

Friends,

भारत में वर्षों तक आधुनिक Infrastructure की कमी हमारे विकास के रास्ते में एक बड़े और Real Barrier के समान रही है। हमने इसका समाधान निकाला है, भारत में दुनिया की सबसे बड़ी Infrastructure Building Drive शुरू हुई। आज देश में अभूतपूर्व Infrastructure Development हो रहा है। मैं आपको कुछ उदाहरण दूंगा, जिससे आपको भारत की स्पीड और स्केल का अंदाजा लगेगा। साल 2013-14 में हर दिन 12 किलोमीटर हाइवे बनते थे। मेरा सेवाकाल शुरू होने से पहले की बात कर रहा हूं। 2022-23 में हमने लगभग प्रतिदिन 30 किलोमीटर हाइवे हर दिन बनाए हैं। 2014 में देश के 5 शहरों में मेट्रो रेल की कनेक्टिविटी थी। 2023 में देश के 20 शहरों में मेट्रो रेल कनेक्टिविटी है। 2014 में देश में करीब 70 ऑपरेशनल एयरपोर्ट्स थे। 2023 में यह संख्या लगभग 150 तक पहुंच गई है, यानि ये आंकड़ा डबल हो गया है। 2014 में देश में करीब 380 मेडिकल कॉलेज थे। 2023 में हमारे पास 700 से अधिक मेडिकल कॉलेज हैं। 2014 में ग्राम पंचायतों तक सिर्फ 350 किलोमीटर ऑप्टिक फाइबर पहुंचा था। 2023 तक हमने करीब 6 लाख किलोमीटर ऑप्टिक फाइबर बिछाकर ग्राम पंचायतों को जोड़ा है। 2014 में 55 प्रतिशत गांव ही पीएम ग्राम सड़क योजना से जुड़े थे। हमने 4 लाख किलोमीटर से ज्यादा सड़कें बनाकर ये आंकड़ा 99 percent तक पहुंचा दिया है। 2014 तक भारत में करीब 20 हजार किलोमीटर रेल लाइनों का इलेक्ट्रिफिकेशन होता था। ध्यान से सुनिए। 70 साल में 20 thousand किलोमीटर रेल लाइनों का इलेक्ट्रिफिकेशन। जबकि हमारी सरकार ने 10 साल में करीब 40 हजार किलोमीटर रेल लाइनों का इलेक्ट्रिफिकेशन किया है। ये आज के भारत की स्पीड है, स्केल है और भारत की सक्सेस का प्रतीक है।

|

साथियों,

बीते वर्षों में हमारा देश कुछ perceived Barriers से भी बाहर निकला है। एक समस्या हमारे यहां Policymakers, हमारे Political Experts के दिमाग में भी थी। वो ये मानते थे कि Good Economics, Good Politics हो ही नहीं सकती। अनेक सरकारों ने भी इसे ही मान लिया और इसके कारण देश को राजनीतिक और आर्थिक दोनों ही मोर्चे पर मुश्किलें बनने लगी। लेकिन हमने Good Economics और Good Politics को एक साथ लाकर के दिखाया है। आज सब ये स्वीकार कर रहे हैं कि Good Economics, Good Politics भी है। हमारी बेहतर आर्थिक नीतियों ने देश में तरक्की के नए रास्ते खोले हैं। इससे समाज के हर वर्ग का जीवन बदला और इन्हीं लोगों ने हमें इतना बड़ा बहुमत देने के लिए स्थिर सरकार के लिए वोट दिया है। चाहे जीएसटी हो, चाहे बैंकिंग क्राइसिस का समाधान हो, चाहे कोविड संकट से निकलने के लिए बनाई गईं नीतियां हों...हमने हमेशा उन नीतियों को चुना जो देश को Long Term Solution दें, और सिटिजन्स को Long Term फायदे की गारंटी दें।

साथियों,

Perceived Barriers का एक और उदाहरण है, महिला आरक्षण बिल। दशकों तक लटकने के बाद ऐसा लगने लगा था कि ये बिल कभी पास नहीं होगा। लेकिन अब ये बाधा भी हमने पार कर ली है। नारीशक्ति वंदन अधिनियम आज एक सच्चाई है।

Friends,

आपसे बात करने, शुरुआत में मैंने एक और विषय कहा था exaggerated Barriers की भी बात की थी। हमारे देश में कुछ बाधाएं, कुछ समस्याएं ऐसी भी रही जिन्हें पहले की सरकारों द्वारा और पंडितों के द्वारा, विवाद करने वाले लोगों के द्वारा अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए ऐसा बड़ा हौवा खड़ा कर दिया था, ऐसा बड़ा बना दिया था, उदाहरण के लिए, जब भी कोई आर्टिकल 370 को जम्मू-कश्मीर से हटाने की बात करता था तो अनेकों बातें मैदान में आ जाती। एक तरह से मनोवैज्ञानिक दबाव बना दिया था कि अगर ऐसा हुआ तो आसमान जमीन पर आ जाएगा। लेकिन 370 की समाप्ति ने उस पूरे इलाके में समृद्धि और शांति और विकास के नए रास्ते खोल दिए हैं। लाल चौक की तस्वीरें बताती हैं कि कैसे जम्मू-कश्मीर का कायाकल्प हो रहा है। आज वहां Terrorism का अंत हो रहा है, Tourism लगातार बढ़ रहा है। जम्मू-कश्मीर, विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचे, इसके लिए भी हमारा कमिटमेंट है।

साथियों,

यहां मौजूद अनेक लोग मीडिया के क्षेत्र से हैं। हम तक ब्रेकिंग न्यूज पहुंचाने वाले मीडिया की प्रासंगिकता बहुत अधिक रही है। समय-समय पर ब्रेकिंग न्यूज देने की परंपरा तो ठीक है, लेकिन ये Analysis भी जरूरी है कि पहले किस तरह की ब्रेकिंग न्यूज होती थी और अब क्या होती है। 2013 से 2023 के बीच भले ही एक दशक का समय बीता हो, लेकिन इस दौरान आए बदलावों में जमीन और आसमान का अंतर है। जिन लोगों ने 2013 में Economy को कवर किया है, उन्हें याद होगा कि कैसे Rating Agencies, भारत की GDP ग्रोथ फोरकास्ट का Downward Revision करती थीं। लेकिन 2023 में बिल्कुल विपरीत हो रहा है। अंतराष्ट्रीय संस्थाएं और Rating Agencies अब हमारी ग्रोथ फोरकास्ट का Upward Revision कर रही हैं। 2013 में बैंकिंग सेक्टर की खस्ता हालत की News आती थी। लेकिन अब 2023 में हमारे बैंक अपने Best Ever Profits और Performance को दिखा रहे हैं। 2013 में देश में अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर घोटाले की खबर छाई रहती थी। लेकिन 2023 में अखबार और न्यूज चैनल्स में चलता है कि भारत का Defence Export अब Record High पर पहुंच गया है। 2013-14 की तुलना में इसमें 20 गुना से ज्यादा की बढोतरी हुई है। Record Scams से Record Exports तक, हमने एक लंबा रास्ता तय किया है।

|

साथियों,

2013 में आपको ऐसे कई National और International Publications मिल जाएंगे, जो ये Headline देते थे कि कठिन आर्थिक स्थितियों के कारण मीडिल क्लास के सपने तबाह हो गए हैं। लेकिन साथियों, 2023 में बदलाव कौन कर रहा है? चाहे स्पोर्ट्स हो, स्टार्टअप हो, स्पेस हो या टेक्नॉलजी हो, देश का मिडिल क्लास हर विकास यात्रा में सबसे आगे खड़ा नजर आता है। बीते कुछ वर्षों में भारत के Middle Class ने तेजी से प्रगति की है। उनकी Income बढ़ी है, उनका आकार बढ़ा है। 2013-14 में करीब 4 करोड़ लोग इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते थे। 2023-24 में यह संख्या डबल हो गई है और साढ़े 7 करोड़ से अधिक लोगों ने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किए हैं। Tax Information से जुड़ी एक स्टडी बताती है कि 2014 में जो Mean Income साढ़े चार लाख रुपए से भी कम थी, वो 2023 में 13 लाख रुपए तक बढ़ गई है। इसका मतलब है कि भारत में लाखों लोग Lower Income Groups से Higher Income Groups की ओर बढ़े हैं। मुझे याद है, हिंदुस्तान टाइम्स में ही पिछले दिनों एक लेख छपा था जिसमें इनकम टैक्स डेटा से जुड़े अनेक Interesting Facts बताए गए थे। एक बड़ा ही दिलचस्प आंकड़ा सालाना साढ़े 5 लाख रुपए से लेकर 25 लाख रुपये की तनख्वाह पाने वालों का है। साल 2011-12 में इस सैलरी ब्रेकेट में कमाने वालों की टोटल इनकम को जोड़ दें तो ये आंकड़ा था- करीब पौने तीन लाख करोड़ रुपए। यानि तब भारत में साढ़े पांच लाख से पच्चीस लाख सैलरी पाने वालों की कुल सैलरी जोड़ दें तो वो पौने तीन लाख करोड़ रुपए से भी कम थी। 2021 तक ये बढ़कर साढ़े 14 लाख करोड़ हो गई है। मतलब इसमें 5 गुना बढोतरी हुई है। इसकी दो वजहें स्पष्ट हैं। साढ़े पांच लाख से 25 लाख रुपए तक सैलरी पाने वालों की संख्या भी बहुत बढ़ी है और इस ब्रेकेट में लोगों की सैलरी में भी काफी वृद्धि हुई है। और मैं आपको फिर याद दिलाउंगा, ये Analysis सिर्फ Salaried Income पर आधारित है। अगर इसमें Business से हुई इनकम, House Property से हुई कमाई, दूसरी Investments से हुई कमाई और इसको जोड़ दिया जाए तो ये आंकड़ा इससे भी ज्यादा बढ़ जाएगा।

साथियों,

भारत में बढ़ता हुआ मिडिल क्लास और कम होती हुई गरीबी, ये दो फैक्टर्स एक बहुत बड़ी इकॉनॉमिक सायकिल का आधार बन रहे हैं। जो लोग गरीबी से बाहर निकल रहे हैं, जो Neo Middle Class का हिस्सा बन रहे हैं, वो लोग अब देश की Consumption Growth को गति देने वाली बहुत बड़ी force के रूप में उभर रहे हैं। इस डिमांड को पूरा करने की जिम्मेदारी हमारा मिडिल क्लास ही उठा रहा है। अगर एक गरीब को नए जूते खरीदने का मन करता है तो मिडिल क्लास की दुकान से खरीदता है मतलब कि इनकम मिडिल क्लास की बढ़ती है, जीवन गरीब का बदलता है। ये एक बढ़िया cycle के समय में से भारत आज गुजर रहा है। यानि देश में कम हो रही गरीबी, मिडिल क्लास को भी फायदा पहुंचा रही है। गरीब और मिडिल क्लास के ऐसे ही लोगों की आकांक्षा और इच्छाशक्ति, आज देश के विकास को शक्ति दे रही है। इन लोगों की शक्ति ने ही भारत को 10वीं अर्थव्यवस्था से 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना दिया है। औऱ अब यही इच्छाशक्ति हमारे थर्ड टर्म में भारत को दुनिया की टॉप 3 अर्थव्यवस्था में शामिल कराने जा रही है।

साथियों,

इस अमृत काल में देश 2047 तक विकसित भारत बनने के लिए काम कर रहा है। मुझे विश्वास है कि हर बाधा पार करते हुए हम अपने लक्ष्य तक पहुंचने में सफल होंगे। आज गरीब से गरीब व्यक्ति से लेकर दुनिया के सबसे अमीर इनवेस्टर्स तक ये मानने लगे हैं कि ये भारत का वक्त है- This is Bharat’s Time. हर भारतीय का आत्मविश्वास ही हमारी सबसे बड़ी शक्ति है। इसके बल पर हम किसी भी बैरियर, के पार जा सकते हैं। और मुझे विश्वास है कि 2047 में यहां से कौन, कितने होंगे मुझे मालूम नहीं है, लेकिन मैं विश्वास से कहता हूं, 2047 में जब हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट होगी, तो उसकी थीम होगी- Developed Nation, What Next? एक बार फिर, इस समिट के लिए आप सभी को मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं। बहुत बहुत धन्यवाद।

  • Shamayita Ray January 14, 2025

    मेरे पिता जी पि के दत्ता की खेलाघर मुकुंदपूर, कलकत्ता में १७ रा फरवरी २०२५ की पिकनिक अच्छा हो उनके इंजीनियरिंग कालेज के दोस्तों के साथ, जो कि अभी जीवन में बहुत साधन-संपन्न हैं। मेरे बेटे की कल अपार आईडी हेतु दस्तावेज की सॉफ्ट कॉपी और हार्ड कॉपी सही तरह जमा हो जाए यही कामना करती हुँ। जय भारत🇮🇳 जय भाजपा🚩
  • कृष्ण सिंह राजपुरोहित भाजपा विधान सभा गुड़ामा लानी November 21, 2024

    जय श्री राम
  • कृष्ण सिंह राजपुरोहित भाजपा विधान सभा गुड़ामा लानी November 21, 2024

    जय श्री राम 🚩 वन्दे मातरम् जय भाजपा विजय भाजपा
  • Devendra Kunwar October 08, 2024

    BJP
  • दिग्विजय सिंह राना September 20, 2024

    हर हर महादेव
  • JBL SRIVASTAVA May 27, 2024

    मोदी जी 400 पार
  • Vaishali Tangsale February 12, 2024

    🙏🏻🙏🏻🙏🏻
  • ज्योती चंद्रकांत मारकडे February 11, 2024

    जय हो
  • KRISHNA DEV SINGH February 09, 2024

    jai shree ram
  • Uma tyagi bjp January 27, 2024

    जय श्री राम
Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
Prachand LCH: The game-changing indigenous attack helicopter that puts India ahead in high-altitude warfare at 21,000 feet

Media Coverage

Prachand LCH: The game-changing indigenous attack helicopter that puts India ahead in high-altitude warfare at 21,000 feet
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
आज भारत सिर्फ Nation of Dreams नहीं, बल्कि Nation That Delivers भी है: TV9 समिट में पीएम मोदी
March 28, 2025
QuoteToday, the world's eyes are on India: PM
QuoteIndia's youth is rapidly becoming skilled and driving innovation forward: PM
Quote"India First" has become the mantra of India's foreign policy: PM
QuoteToday, India is not just participating in the world order but also contributing to shaping and securing the future: PM
QuoteIndia has given Priority to humanity over monopoly: PM
QuoteToday, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM

श्रीमान रामेश्वर गारु जी, रामू जी, बरुन दास जी, TV9 की पूरी टीम, मैं आपके नेटवर्क के सभी दर्शकों का, यहां उपस्थित सभी महानुभावों का अभिनंदन करता हूं, इस समिट के लिए बधाई देता हूं।

TV9 नेटवर्क का विशाल रीजनल ऑडियंस है। और अब तो TV9 का एक ग्लोबल ऑडियंस भी तैयार हो रहा है। इस समिट में अनेक देशों से इंडियन डायस्पोरा के लोग विशेष तौर पर लाइव जुड़े हुए हैं। कई देशों के लोगों को मैं यहां से देख भी रहा हूं, वे लोग वहां से वेव कर रहे हैं, हो सकता है, मैं सभी को शुभकामनाएं देता हूं। मैं यहां नीचे स्क्रीन पर हिंदुस्तान के अनेक शहरों में बैठे हुए सब दर्शकों को भी उतने ही उत्साह, उमंग से देख रहा हूं, मेरी तरफ से उनका भी स्वागत है।

साथियों,

आज विश्व की दृष्टि भारत पर है, हमारे देश पर है। दुनिया में आप किसी भी देश में जाएं, वहां के लोग भारत को लेकर एक नई जिज्ञासा से भरे हुए हैं। आखिर ऐसा क्या हुआ कि जो देश 70 साल में ग्यारहवें नंबर की इकोनॉमी बना, वो महज 7-8 साल में पांचवे नंबर की इकोनॉमी बन गया? अभी IMF के नए आंकड़े सामने आए हैं। वो आंकड़े कहते हैं कि भारत, दुनिया की एकमात्र मेजर इकोनॉमी है, जिसने 10 वर्षों में अपने GDP को डबल किया है। बीते दशक में भारत ने दो लाख करोड़ डॉलर, अपनी इकोनॉमी में जोड़े हैं। GDP का डबल होना सिर्फ आंकड़ों का बदलना मात्र नहीं है। इसका impact देखिए, 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं, और ये 25 करोड़ लोग एक नियो मिडिल क्लास का हिस्सा बने हैं। ये नियो मिडिल क्लास, एक प्रकार से नई ज़िंदगी शुरु कर रहा है। ये नए सपनों के साथ आगे बढ़ रहा है, हमारी इकोनॉमी में कंट्रीब्यूट कर रहा है, और उसको वाइब्रेंट बना रहा है। आज दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी हमारे भारत में है। ये युवा, तेज़ी से स्किल्ड हो रहा है, इनोवेशन को गति दे रहा है। और इन सबके बीच, भारत की फॉरेन पॉलिसी का मंत्र बन गया है- India First, एक जमाने में भारत की पॉलिसी थी, सबसे समान रूप से दूरी बनाकर चलो, Equi-Distance की पॉलिसी, आज के भारत की पॉलिसी है, सबके समान रूप से करीब होकर चलो, Equi-Closeness की पॉलिसी। दुनिया के देश भारत की ओपिनियन को, भारत के इनोवेशन को, भारत के एफर्ट्स को, जैसा महत्व आज दे रहे हैं, वैसा पहले कभी नहीं हुआ। आज दुनिया की नजर भारत पर है, आज दुनिया जानना चाहती है, What India Thinks Today.

|

साथियों,

भारत आज, वर्ल्ड ऑर्डर में सिर्फ पार्टिसिपेट ही नहीं कर रहा, बल्कि फ्यूचर को शेप और सेक्योर करने में योगदान दे रहा है। दुनिया ने ये कोरोना काल में अच्छे से अनुभव किया है। दुनिया को लगता था कि हर भारतीय तक वैक्सीन पहुंचने में ही, कई-कई साल लग जाएंगे। लेकिन भारत ने हर आशंका को गलत साबित किया। हमने अपनी वैक्सीन बनाई, हमने अपने नागरिकों का तेज़ी से वैक्सीनेशन कराया, और दुनिया के 150 से अधिक देशों तक दवाएं और वैक्सीन्स भी पहुंचाईं। आज दुनिया, और जब दुनिया संकट में थी, तब भारत की ये भावना दुनिया के कोने-कोने तक पहुंची कि हमारे संस्कार क्या हैं, हमारा तौर-तरीका क्या है।

साथियों,

अतीत में दुनिया ने देखा है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद जब भी कोई वैश्विक संगठन बना, उसमें कुछ देशों की ही मोनोपोली रही। भारत ने मोनोपोली नहीं बल्कि मानवता को सर्वोपरि रखा। भारत ने, 21वीं सदी के ग्लोबल इंस्टीट्यूशन्स के गठन का रास्ता बनाया, और हमने ये ध्यान रखा कि सबकी भागीदारी हो, सबका योगदान हो। जैसे प्राकृतिक आपदाओं की चुनौती है। देश कोई भी हो, इन आपदाओं से इंफ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान होता है। आज ही म्यांमार में जो भूकंप आया है, आप टीवी पर देखें तो बहुत बड़ी-बड़ी इमारतें ध्वस्त हो रही हैं, ब्रिज टूट रहे हैं। और इसलिए भारत ने Coalition for Disaster Resilient Infrastructure - CDRI नाम से एक वैश्विक नया संगठन बनाने की पहल की। ये सिर्फ एक संगठन नहीं, बल्कि दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं के लिए तैयार करने का संकल्प है। भारत का प्रयास है, प्राकृतिक आपदा से, पुल, सड़कें, बिल्डिंग्स, पावर ग्रिड, ऐसा हर इंफ्रास्ट्रक्चर सुरक्षित रहे, सुरक्षित निर्माण हो।

साथियों,

भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए हर देश का मिलकर काम करना बहुत जरूरी है। ऐसी ही एक चुनौती है, हमारे एनर्जी रिसोर्सेस की। इसलिए पूरी दुनिया की चिंता करते हुए भारत ने International Solar Alliance (ISA) का समाधान दिया है। ताकि छोटे से छोटा देश भी सस्टेनबल एनर्जी का लाभ उठा सके। इससे क्लाइमेट पर तो पॉजिटिव असर होगा ही, ये ग्लोबल साउथ के देशों की एनर्जी नीड्स को भी सिक्योर करेगा। और आप सबको ये जानकर गर्व होगा कि भारत के इस प्रयास के साथ, आज दुनिया के सौ से अधिक देश जुड़ चुके हैं।

साथियों,

बीते कुछ समय से दुनिया, ग्लोबल ट्रेड में असंतुलन और लॉजिस्टिक्स से जुड़ी challenges का सामना कर रही है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए भी भारत ने दुनिया के साथ मिलकर नए प्रयास शुरु किए हैं। India–Middle East–Europe Economic Corridor (IMEC), ऐसा ही एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। ये प्रोजेक्ट, कॉमर्स और कनेक्टिविटी के माध्यम से एशिया, यूरोप और मिडिल ईस्ट को जोड़ेगा। इससे आर्थिक संभावनाएं तो बढ़ेंगी ही, दुनिया को अल्टरनेटिव ट्रेड रूट्स भी मिलेंगे। इससे ग्लोबल सप्लाई चेन भी और मजबूत होगी।

|

साथियों,

ग्लोबल सिस्टम्स को, अधिक पार्टिसिपेटिव, अधिक डेमोक्रेटिक बनाने के लिए भी भारत ने अनेक कदम उठाए हैं। और यहीं, यहीं पर ही भारत मंडपम में जी-20 समिट हुई थी। उसमें अफ्रीकन यूनियन को जी-20 का परमानेंट मेंबर बनाया गया है। ये बहुत बड़ा ऐतिहासिक कदम था। इसकी मांग लंबे समय से हो रही थी, जो भारत की प्रेसीडेंसी में पूरी हुई। आज ग्लोबल डिसीजन मेकिंग इंस्टीट्यूशन्स में भारत, ग्लोबल साउथ के देशों की आवाज़ बन रहा है। International Yoga Day, WHO का ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के लिए ग्लोबल फ्रेमवर्क, ऐसे कितने ही क्षेत्रों में भारत के प्रयासों ने नए वर्ल्ड ऑर्डर में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है, और ये तो अभी शुरूआत है, ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर भारत का सामर्थ्य नई ऊंचाई की तरफ बढ़ रहा है।

साथियों,

21वीं सदी के 25 साल बीत चुके हैं। इन 25 सालों में 11 साल हमारी सरकार ने देश की सेवा की है। और जब हम What India Thinks Today उससे जुड़ा सवाल उठाते हैं, तो हमें ये भी देखना होगा कि Past में क्या सवाल थे, क्या जवाब थे। इससे TV9 के विशाल दर्शक समूह को भी अंदाजा होगा कि कैसे हम, निर्भरता से आत्मनिर्भरता तक, Aspirations से Achievement तक, Desperation से Development तक पहुंचे हैं। आप याद करिए, एक दशक पहले, गांव में जब टॉयलेट का सवाल आता था, तो माताओं-बहनों के पास रात ढलने के बाद और भोर होने से पहले का ही जवाब होता था। आज उसी सवाल का जवाब स्वच्छ भारत मिशन से मिलता है। 2013 में जब कोई इलाज की बात करता था, तो महंगे इलाज की चर्चा होती थी। आज उसी सवाल का समाधान आयुष्मान भारत में नजर आता है। 2013 में किसी गरीब की रसोई की बात होती थी, तो धुएं की तस्वीर सामने आती थी। आज उसी समस्या का समाधान उज्ज्वला योजना में दिखता है। 2013 में महिलाओं से बैंक खाते के बारे में पूछा जाता था, तो वो चुप्पी साध लेती थीं। आज जनधन योजना के कारण, 30 करोड़ से ज्यादा बहनों का अपना बैंक अकाउंट है। 2013 में पीने के पानी के लिए कुएं और तालाबों तक जाने की मजबूरी थी। आज उसी मजबूरी का हल हर घर नल से जल योजना में मिल रहा है। यानि सिर्फ दशक नहीं बदला, बल्कि लोगों की ज़िंदगी बदली है। और दुनिया भी इस बात को नोट कर रही है, भारत के डेवलपमेंट मॉडल को स्वीकार रही है। आज भारत सिर्फ Nation of Dreams नहीं, बल्कि Nation That Delivers भी है।

साथियों,

जब कोई देश, अपने नागरिकों की सुविधा और समय को महत्व देता है, तब उस देश का समय भी बदलता है। यही आज हम भारत में अनुभव कर रहे हैं। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। पहले पासपोर्ट बनवाना कितना बड़ा काम था, ये आप जानते हैं। लंबी वेटिंग, बहुत सारे कॉम्प्लेक्स डॉक्यूमेंटेशन का प्रोसेस, अक्सर राज्यों की राजधानी में ही पासपोर्ट केंद्र होते थे, छोटे शहरों के लोगों को पासपोर्ट बनवाना होता था, तो वो एक-दो दिन कहीं ठहरने का इंतजाम करके चलते थे, अब वो हालात पूरी तरह बदल गया है, एक आंकड़े पर आप ध्यान दीजिए, पहले देश में सिर्फ 77 पासपोर्ट सेवा केंद्र थे, आज इनकी संख्या 550 से ज्यादा हो गई है। पहले पासपोर्ट बनवाने में, और मैं 2013 के पहले की बात कर रहा हूं, मैं पिछले शताब्दी की बात नहीं कर रहा हूं, पासपोर्ट बनवाने में जो वेटिंग टाइम 50 दिन तक होता था, वो अब 5-6 दिन तक सिमट गया है।

साथियों,

ऐसा ही ट्रांसफॉर्मेशन हमने बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में भी देखा है। हमारे देश में 50-60 साल पहले बैंकों का नेशनलाइजेशन किया गया, ये कहकर कि इससे लोगों को बैंकिंग सुविधा सुलभ होगी। इस दावे की सच्चाई हम जानते हैं। हालत ये थी कि लाखों गांवों में बैंकिंग की कोई सुविधा ही नहीं थी। हमने इस स्थिति को भी बदला है। ऑनलाइन बैंकिंग तो हर घर में पहुंचाई है, आज देश के हर 5 किलोमीटर के दायरे में कोई न कोई बैंकिंग टच प्वाइंट जरूर है। और हमने सिर्फ बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का ही दायरा नहीं बढ़ाया, बल्कि बैंकिंग सिस्टम को भी मजबूत किया। आज बैंकों का NPA बहुत कम हो गया है। आज बैंकों का प्रॉफिट, एक लाख 40 हज़ार करोड़ रुपए के नए रिकॉर्ड को पार कर चुका है। और इतना ही नहीं, जिन लोगों ने जनता को लूटा है, उनको भी अब लूटा हुआ धन लौटाना पड़ रहा है। जिस ED को दिन-रात गालियां दी जा रही है, ED ने 22 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक वसूले हैं। ये पैसा, कानूनी तरीके से उन पीड़ितों तक वापिस पहुंचाया जा रहा है, जिनसे ये पैसा लूटा गया था।

साथियों,

Efficiency से गवर्नमेंट Effective होती है। कम समय में ज्यादा काम हो, कम रिसोर्सेज़ में अधिक काम हो, फिजूलखर्ची ना हो, रेड टेप के बजाय रेड कार्पेट पर बल हो, जब कोई सरकार ये करती है, तो समझिए कि वो देश के संसाधनों को रिस्पेक्ट दे रही है। और पिछले 11 साल से ये हमारी सरकार की बड़ी प्राथमिकता रहा है। मैं कुछ उदाहरणों के साथ अपनी बात बताऊंगा।

|

साथियों,

अतीत में हमने देखा है कि सरकारें कैसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिनिस्ट्रीज में accommodate करने की कोशिश करती थीं। लेकिन हमारी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ही कई मंत्रालयों का विलय कर दिया। आप सोचिए, Urban Development अलग मंत्रालय था और Housing and Urban Poverty Alleviation अलग मंत्रालय था, हमने दोनों को मर्ज करके Housing and Urban Affairs मंत्रालय बना दिया। इसी तरह, मिनिस्ट्री ऑफ ओवरसीज़ अफेयर्स अलग था, विदेश मंत्रालय अलग था, हमने इन दोनों को भी एक साथ जोड़ दिया, पहले जल संसाधन, नदी विकास मंत्रालय अलग था, और पेयजल मंत्रालय अलग था, हमने इन्हें भी जोड़कर जलशक्ति मंत्रालय बना दिया। हमने राजनीतिक मजबूरी के बजाय, देश की priorities और देश के resources को आगे रखा।

साथियों,

हमारी सरकार ने रूल्स और रेगुलेशन्स को भी कम किया, उन्हें आसान बनाया। करीब 1500 ऐसे कानून थे, जो समय के साथ अपना महत्व खो चुके थे। उनको हमारी सरकार ने खत्म किया। करीब 40 हज़ार, compliances को हटाया गया। ऐसे कदमों से दो फायदे हुए, एक तो जनता को harassment से मुक्ति मिली, और दूसरा, सरकारी मशीनरी की एनर्जी भी बची। एक और Example GST का है। 30 से ज्यादा टैक्सेज़ को मिलाकर एक टैक्स बना दिया गया है। इसको process के, documentation के हिसाब से देखें तो कितनी बड़ी बचत हुई है।

साथियों,

सरकारी खरीद में पहले कितनी फिजूलखर्ची होती थी, कितना करप्शन होता था, ये मीडिया के आप लोग आए दिन रिपोर्ट करते थे। हमने, GeM यानि गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म बनाया। अब सरकारी डिपार्टमेंट, इस प्लेटफॉर्म पर अपनी जरूरतें बताते हैं, इसी पर वेंडर बोली लगाते हैं और फिर ऑर्डर दिया जाता है। इसके कारण, भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम हुई है, और सरकार को एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की बचत भी हुई है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर- DBT की जो व्यवस्था भारत ने बनाई है, उसकी तो दुनिया में चर्चा है। DBT की वजह से टैक्स पेयर्स के 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा, गलत हाथों में जाने से बचे हैं। 10 करोड़ से ज्यादा फर्ज़ी लाभार्थी, जिनका जन्म भी नहीं हुआ था, जो सरकारी योजनाओं का फायदा ले रहे थे, ऐसे फर्जी नामों को भी हमने कागजों से हटाया है।

साथियों,

 

हमारी सरकार टैक्स की पाई-पाई का ईमानदारी से उपयोग करती है, और टैक्सपेयर का भी सम्मान करती है, सरकार ने टैक्स सिस्टम को टैक्सपेयर फ्रेंडली बनाया है। आज ITR फाइलिंग का प्रोसेस पहले से कहीं ज्यादा सरल और तेज़ है। पहले सीए की मदद के बिना, ITR फाइल करना मुश्किल होता था। आज आप कुछ ही समय के भीतर खुद ही ऑनलाइन ITR फाइल कर पा रहे हैं। और रिटर्न फाइल करने के कुछ ही दिनों में रिफंड आपके अकाउंट में भी आ जाता है। फेसलेस असेसमेंट स्कीम भी टैक्सपेयर्स को परेशानियों से बचा रही है। गवर्नेंस में efficiency से जुड़े ऐसे अनेक रिफॉर्म्स ने दुनिया को एक नया गवर्नेंस मॉडल दिया है।

साथियों,

पिछले 10-11 साल में भारत हर सेक्टर में बदला है, हर क्षेत्र में आगे बढ़ा है। और एक बड़ा बदलाव सोच का आया है। आज़ादी के बाद के अनेक दशकों तक, भारत में ऐसी सोच को बढ़ावा दिया गया, जिसमें सिर्फ विदेशी को ही बेहतर माना गया। दुकान में भी कुछ खरीदने जाओ, तो दुकानदार के पहले बोल यही होते थे – भाई साहब लीजिए ना, ये तो इंपोर्टेड है ! आज स्थिति बदल गई है। आज लोग सामने से पूछते हैं- भाई, मेड इन इंडिया है या नहीं है?

साथियों,

आज हम भारत की मैन्युफैक्चरिंग एक्सीलेंस का एक नया रूप देख रहे हैं। अभी 3-4 दिन पहले ही एक न्यूज आई है कि भारत ने अपनी पहली MRI मशीन बना ली है। अब सोचिए, इतने दशकों तक हमारे यहां स्वदेशी MRI मशीन ही नहीं थी। अब मेड इन इंडिया MRI मशीन होगी तो जांच की कीमत भी बहुत कम हो जाएगी।

|

साथियों,

आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया अभियान ने, देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को एक नई ऊर्जा दी है। पहले दुनिया भारत को ग्लोबल मार्केट कहती थी, आज वही दुनिया, भारत को एक बड़े Manufacturing Hub के रूप में देख रही है। ये सक्सेस कितनी बड़ी है, इसके उदाहरण आपको हर सेक्टर में मिलेंगे। जैसे हमारी मोबाइल फोन इंडस्ट्री है। 2014-15 में हमारा एक्सपोर्ट, वन बिलियन डॉलर तक भी नहीं था। लेकिन एक दशक में, हम ट्वेंटी बिलियन डॉलर के फिगर से भी आगे निकल चुके हैं। आज भारत ग्लोबल टेलिकॉम और नेटवर्किंग इंडस्ट्री का एक पावर सेंटर बनता जा रहा है। Automotive Sector की Success से भी आप अच्छी तरह परिचित हैं। इससे जुड़े Components के एक्सपोर्ट में भी भारत एक नई पहचान बना रहा है। पहले हम बहुत बड़ी मात्रा में मोटर-साइकल पार्ट्स इंपोर्ट करते थे। लेकिन आज भारत में बने पार्ट्स UAE और जर्मनी जैसे अनेक देशों तक पहुंच रहे हैं। सोलर एनर्जी सेक्टर ने भी सफलता के नए आयाम गढ़े हैं। हमारे सोलर सेल्स, सोलर मॉड्यूल का इंपोर्ट कम हो रहा है और एक्सपोर्ट्स 23 गुना तक बढ़ गए हैं। बीते एक दशक में हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट भी 21 गुना बढ़ा है। ये सारी अचीवमेंट्स, देश की मैन्युफैक्चरिंग इकोनॉमी की ताकत को दिखाती है। ये दिखाती है कि भारत में कैसे हर सेक्टर में नई जॉब्स भी क्रिएट हो रही हैं।

साथियों,

TV9 की इस समिट में, विस्तार से चर्चा होगी, अनेक विषयों पर मंथन होगा। आज हम जो भी सोचेंगे, जिस भी विजन पर आगे बढ़ेंगे, वो हमारे आने वाले कल को, देश के भविष्य को डिजाइन करेगा। पिछली शताब्दी के इसी दशक में, भारत ने एक नई ऊर्जा के साथ आजादी के लिए नई यात्रा शुरू की थी। और हमने 1947 में आजादी हासिल करके भी दिखाई। अब इस दशक में हम विकसित भारत के लक्ष्य के लिए चल रहे हैं। और हमें 2047 तक विकसित भारत का सपना जरूर पूरा करना है। और जैसा मैंने लाल किले से कहा है, इसमें सबका प्रयास आवश्यक है। इस समिट का आयोजन कर, TV9 ने भी अपनी तरफ से एक positive initiative लिया है। एक बार फिर आप सभी को इस समिट की सफलता के लिए मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं हैं।

मैं TV9 को विशेष रूप से बधाई दूंगा, क्योंकि पहले भी मीडिया हाउस समिट करते रहे हैं, लेकिन ज्यादातर एक छोटे से फाइव स्टार होटल के कमरे में, वो समिट होती थी और बोलने वाले भी वही, सुनने वाले भी वही, कमरा भी वही। TV9 ने इस परंपरा को तोड़ा और ये जो मॉडल प्लेस किया है, 2 साल के भीतर-भीतर देख लेना, सभी मीडिया हाउस को यही करना पड़ेगा। यानी TV9 Thinks Today वो बाकियों के लिए रास्ता खोल देगा। मैं इस प्रयास के लिए बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं, आपकी पूरी टीम को, और सबसे बड़ी खुशी की बात है कि आपने इस इवेंट को एक मीडिया हाउस की भलाई के लिए नहीं, देश की भलाई के लिए आपने उसकी रचना की। 50,000 से ज्यादा नौजवानों के साथ एक मिशन मोड में बातचीत करना, उनको जोड़ना, उनको मिशन के साथ जोड़ना और उसमें से जो बच्चे सिलेक्ट होकर के आए, उनकी आगे की ट्रेनिंग की चिंता करना, ये अपने आप में बहुत अद्भुत काम है। मैं आपको बहुत बधाई देता हूं। जिन नौजवानों से मुझे यहां फोटो निकलवाने का मौका मिला है, मुझे भी खुशी हुई कि देश के होनहार लोगों के साथ, मैं अपनी फोटो निकलवा पाया। मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं दोस्तों कि आपके साथ मेरी फोटो आज निकली है। और मुझे पक्का विश्वास है कि सारी युवा पीढ़ी, जो मुझे दिख रही है, 2047 में जब देश विकसित भारत बनेगा, सबसे ज्यादा बेनिफिशियरी आप लोग हैं, क्योंकि आप उम्र के उस पड़ाव पर होंगे, जब भारत विकसित होगा, आपके लिए मौज ही मौज है। आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद।