9 वर्षों में केंद्र की भाजपा सरकार ने राजस्थान को सड़कों और हाईवेज से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण में अग्रणी बनाया है: पीएम मोदी
कांग्रेस ने राजस्थान में सरकार चलाने के नाम पर सिर्फ लूट की दुकान चलाई है, झूठ का बाजार सजाया है: पीएम मोदी
राजस्थान में सत्ताधारी लोगों ने सरकार का हर दिन, आपसी खींचतान में, वर्चस्व की लड़ाई में बर्बाद किया है: पीएम मोदी
वंचितों, विशेषकर महिलाओं और दलितों के साथ अत्याचार चरम पर है, उनमें से कई कांग्रेस शासन के तहत व्यवस्थागत शोषण के शिकार हो रहे हैं: पीएम मोदी
'INDIA' नामकरण के जरिए कांग्रेस पार्टी एक बार फिर अपने सहयोगियों के साथ देश को लूटने की योजना बना रही है: पीएम मोदी

श्याम बाबा की… श्याम बाबा की… शाकंभरी माता की… जीण माता की.. सालासर बालाजी की.. लोहार्गल तीर्थ और हर्षनाथ धाम की… वीरों की धरती शेखावाटी को मेरा शत-शत प्रणाम। यहाँ के बारे में कहा जाता है-
बोली जाणी मीठी मिसरी, घमी सुहावै म्हाटी।
धनवानां विद्वानां की, या महापुरसां की थाती।
घम अनमोल रतन निपजावै, वाह भाई शेखावाटी।।
यहाँ आने पर आध्यात्मिक अनुभूति भी मिलती है, और दिव्य आशीर्वाद भी मिलता है। शेखावटी की धरती शिक्षा संत स्वामी केशवानंद जी की जन्म भूमि है। ये श्रद्धानंद जी महाराज, अमृतानाथ जी महाराज, बुद्धगिरी जी महाराज और रतिनाथ जी महाराज की तपोभूमि है। इसी धरती ने हमें भैरोसिंह शेखावत, जगदीश प्रसाद माथुर और मदन लाल सैनी जैसे नेता दिए हैं। इसी शेखावाटी से निकले जगदीप धनखड़ जी आज देश के उपराष्ट्रपति हैं। इसलिए, आज जब मैं सीकर आया हूँ, तो मेरे मन में एक अलग उमंग है उत्साह है, ऊर्जा है। आप इतनी बड़ी संख्या में हमें आशीर्वाद देने आए हैं। जहां-जहां भी नजर पहुंचती है लोग ही लोग है। वहां तो पीछे बिल्डिंग के ऊपर भी लोग दिखते हैं। ये जनसैलाब बता रहा है कि आने वाले चुनाव में ऊंट किस करवट बैठेगा। अब राजस्थान की करवट भी बदलेगी और मेरी गारंटी है राजस्थान की किस्मत भी बदलेगी। इसलिए आज राजस्थान में चारों तरफ एक ही गूंज है, एक ही स्वर है, एक ही नारा है- जीतेगा कमल, खिलेगा कमल!

साथियों,
भाजपा की सरकार, राजस्थान की दिन-रात सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध है। अभी कुछ देर पहले, आपने शायद यहां टीवी पर कार्यक्रम देखा होगा, किसानों के बैंक खातों में पीएम किसान सम्मान निधि के लगभग 18 हजार करोड़ रुपए भेजे गए गए है। राजस्थान के भी 55 लाख से ज्यादा किसानों को आज 1200 करोड़ रुपए से ज्यादा सीधे उनके खाते में पहुंच गए हैं। आज मुझे राजस्थान के अलग-अलग जिलों में 7 मेडिकल कॉलेजों के शिलान्यास उसका अवसर भी मिला है। सीकर, चित्तौड़गढ़, धौलपुर, सिरोही, और श्रीगंगानगर के मेडिकल कॉलेजों का लोकार्पण भी आज हुआ है। युवाओं के भविष्य के लिए नए एकलव्य स्कूल भी मैंने राजस्थान के लोगों को समर्पित किए हैं।

साथियों,
केंद्र सरकार की तरफ से राजस्थान की सेवा का ये सिलसिला लगातार चल रहा है। इससे पहले कुछ सप्ताह पहले मैं बीकानेर आया था। तब भी मुझे अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे और 24 हजार करोड़ रुपयों की परियोजनाओं के लोकार्पण-शिलान्यास का सौभाग्य मिला था। राजस्थान में अच्छी सड़कों के लिए, अच्छे हाईवे के लिए, राज्य के विकास के लिए भाजपा सरकार लगातार केंद्र से पैसा दे रही है।
जब केंद्र में, साथियों ये याद रखना... याद रखोगे..? याद रखोगे..? जरा हाथ ऊपर करके बताओ याद रखोगे..? पक्का याद रखोगे..? केंद्र में जब कांग्रेस की सरकार थी तो 10 साल में राजस्थान को टैक्स की हिस्सेदारी के रूप में एक लाख करोड़ रुपए ही दिए गए थे। बीते 9 वर्षो में भाजपा की सरकार ने टैक्स की हिस्सेदारी के रूप में राजस्थान को 4 लाख करोड़ रुपए से भी ज्यादा पहुंचाए हैं। कहां एक लाख करोड़ और कहां चार लाख करोड़। जब केंद्र में 10 साल कांग्रेस की सरकार थी, तो राजस्थान को सेंट्रल ग्रांट के रूप में भी करीब 50 हजार करोड़ रुपए ही दिए गए थे। हमारी सरकार ने बीते 9 वर्षों में सेंट्रल ग्रांट के तौर पर राजस्थान को डेढ़ लाख करोड़ रुपए से ज्यादा दिए हैं। लेकिन जबसे यहां कांग्रेस की सरकार बनी है, तबसे यहां विकास के काम में सिर्फ रोड़े अटकाने का ही काम चल रहा है। मैंने राजस्थान सहित पूरे देश की बहनों से वादा किया था कि उनके घर तक पाइप से पानी पहुंचाऊंगा। और जब इतनी बड़ी मात्रा में माताएं-बहने आशीर्वाद देने आई हैं हमने इसके लिए जल जीवन मिशन शुरु किया। आज देशभर में, आंकड़ा सुनिए दोस्तों... आज देश भर में 9 करोड़ से अधिक नए परिवारों तक पानी के कनेक्शन पहुंच चुके हैं। अनेक राज्यों में शत-प्रतिशत नल से जल देने का काम पूरा हो गया है। लेकिन राजस्थान के लोगों को कांग्रेस की सरकार पानी के लिए भी तरसा कर रखना चाहती है। राजस्थान, हर घर जल योजना में बहुत पीछे चल रहा है। यहां शेखावाटी के लोग जानते हैं कि कुंभाराम लिफ्ट पेयजल योजना के साथ इन्होंने क्या किया। जब यहां भाजपा सरकार थी, तब इस पर 5 हजार करोड रुपए का खर्च होने का अनुमान था। कांग्रेस की सरकार बनी तो उन्होंने परियोजना को तो लटका दिया। आज इसकी लागत भी करीब-करीब दोगुनी हो गई है। यानि कांग्रेस ने पानी का भी नुकसान किया और पैसे का भी नुकसान किया।

भाइयों और बहनों,
कांग्रेस ने राजस्थान में सरकार चलाने के नाम पर सिर्फ लूट की दुकान चलाई है, झूठ का बाजार सजाया है। कांग्रेस का मतलब ही है- लूट की दुकान, झूठ का बाज़ार! और लूट की इस दुकान का सबसे ताजा प्रॉडक्ट है- राजस्थान की लाल डायरी। आपने लाल डायरी के बारे में सुना है ना? कहते हैं इस लाल डायरी में कांग्रेस सरकार के काले कारनामे दर्ज हैं। लोग कह रहे हैं कि लाल डायरी के पन्ने खुले तो अच्छे-अच्छे निपट जाएंगे। कांग्रेस के बड़े से बड़े नेताओं की इस लाल डायरी का नाम सुनते ही बोलती बंद हो रही है। ये लोग भले ही मुंह पर ताला लगा लें, लेकिन ये लाल डायरी इस चुनाव में पूरी कांग्रेस का डिब्बा गोल करने जा रही है।

साथियों,
लोकतंत्र में हर सरकार को अपने काम का हिसाब देना होता है। लेकिन क्या राजस्थान में कांग्रेस आपको अपने काम का हिसाब देती है क्या? जरा जोर से बताइए ना अपने काम का हिसाब देती है क्या?
जो चार साल सिर्फ सोएगा, वो अपने काम का हिसाब कैसे देगा? इन लोगों ने सरकार का हर दिन, आपसी खींचतान में, वर्चस्व की लड़ाई में बर्बाद किया है। साथियों, आज केंद्र की भाजपा सरकार, आपके सुख-दुख की साथी बनकर, आपके जीवन से मुश्किलें कम करने के लिए काम कर रही है। देश के करोड़ों लोगों को पक्का घर बनाकर लखपति बनाने की गारंटी दी है। साथियों पक्का घर बनाकर लखपति बनाने की गारंटी किसने दी है?.. ये गारंटी किसने दी है? इस गारंटी को किसने पूरा किया है? - भाजपा सरकार ने। देश के करोड़ों गरीबों को मुफ्त राशन की गारंटी किसने दी?... किसने दी?..- भाजपा सरकार ने दी। कोरोना के काल में करोड़ों गरीबों को मुफ्त वैक्सीन की गारंटी किसने दी?- भाजपा सरकार ने दी। देश के करोड़ों गरीबों को अस्पताल में 5 लाख तक के मुफ्त इलाज की गारंटी किसने दी?.. किसने दी? जनऔषधि केंद्र में गरीबों को सस्ती दवाइयों की गारंटी किसने दी?... किसने दी?... गरीब का बच्चा भी ईंजीनियर-डॉक्टर बन सके, अंग्रेजी न आने की वजह से पीछे न रह जाए, इसके लिए मातृभाषा में पढ़ाई की गारंटी किसने दी?... पूरी ताकत से बोलिए किसने दी?...गरीब के कल्याण के लिए दिल्ली में बैठा आपका ये सेवक पूरे समर्पित भाव से काम कर रहा है।

भाइयों और बहनों,
हमारे सीकर की पहचान तो शिक्षा नगरी के रूप में भी होती है। यहां के गांव-ढाणी डॉक्टर-इंजीनियर बनाते आए हैं। केंद्र की भाजपा सरकार युवाओं को शिक्षा और रोज़गार के नए अवसर देने में जुटी है। लेकिन राजस्थान में क्या हो रहा है? राजस्थान में युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है, पेपरलीक उद्योग चल रहा है, पेपरलीक उद्योग। ...राजस्थान के युवा काबिल हैं, समर्थ हैं, लेकिन यहां की सरकार उनके भविष्य को बर्बाद कर रही है। यहां सत्ताधारी दल के लोगों पर ही पेपरलीक माफिया होने का आरोप लग रहा है। लग रहा है ना... लग रहा है ना..राजस्थान के युवाओं को पेपरलीक माफिया से बचाने के लिए क्या करना पड़ेगा? कांग्रेस को हटाना ही होगा। क्या करना होगा? भाइयों और बहनों, राज्य सरकारों की एक और सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है, नागरिकों की सुरक्षा की, कानून-व्यवस्था की। लेकिन कांग्रेस सरकार ये भी नहीं कर पा रही। आए दिन गैंगवॉर की खबरों ने राजस्थान जैसे शांतिप्रिय प्रदेश को उसकी साख की साख को बिगाड़ दिया है। राजस्थान में दलितों पर अत्याचार चरम पर है। राजस्थान में नशे की तस्करी, नशे का कारोबार फल-फूल रहा है। हमारे तीज-त्यौहारों पर खतरा मंडराता रहा है। कब पत्थर चलने लगें, कब गोलियां चले, कब कर्फ्यू लग जाए, कोई नहीं जानता। भाइयों और बहनों, राजस्थान के लोग कुछ भी बर्दाश्त कर सकते हैं, लेकिन राजस्थान के लोग बहन-बेटियों के सम्मान से खिलवाड़ कभी भी बर्दाश्त नहीं कर सकते। मां पद्मावती और पन्ना धाय की इस धरती की बेटियों के साथ जो हो रहा है, वो आक्रोश से भर देता है। किसी दलित बेटी के साथ दुष्कर्म होता है, और फिर उस पर एसिड डाल दिया जाता है। किसी दलित बहन के साथ उसके पति के सामने गैंगरेप होता है, आरोपी उसका वीडियो बनाते हैं। पुलिस में रिपोर्ट नहीं लिखी जाती, बेखौफ़ आरोपी वीडियो वायरल कर देते हैं। छोटी-छोटी बच्चियां, स्कूलों में पढ़ाने वाली टीचर्स तक यहां सुरक्षित नहीं हैं। और साथियों, कार्रवाई करने के बजाय कांग्रेस के नेता पीड़ित महिलाओं पर ही झूठ बोलने का आरोप लगा रहे हैं। वाकई, बहुत हो गया। भाइयों-बहनों राजस्थान की धरती है, ये वीरों की धरती है, ये पराक्रमियों की धरती है, ये याचना करने वाले लोग नहीं है, ये हुंकार करने वाले लोग हैं। और इसलिए इस बार चारो ओर एक ही हुंकार है, एक ही नारा है... हर राजस्थानी का एक ही संकल्प है... बहन बेटियों पर अत्याचार, नहीं सहेगा राजस्थान! बहन बेटियों पर अत्याचार... बहन बेटियों पर अत्याचार.. बहन बेटियों पर अत्याचार... दलित पर अत्याचार... दलित पर अत्याचार... कर्ज़ से मरता किसान... कर्ज़ से मरता किसान...! अपराध बेलगाम- नहीं सहेगा राजस्थान !

पेपर लीक से युवा परेशान- नहीं सहेगा राजस्थान! भ्रष्टाचार- नहीं सहेगा राजस्थान !

साथियों,
कांग्रेस आज देश की सबसे बड़ी दिशाविहीन पार्टी बनकर रह गई है। इन दिनों कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने एक नया पैंतरा चला है। ये पैंतरा है, नाम बदलने का। पहले के जमाने में, राजस्थान के लोग व्यापारियों की दुनिया को बराबर जानते हैं, पहले के जमाने में कोई पीढ़ी, कोई कंपनी अगर बदनाम हो जाए तो फ्रॉड करने वाली कंपनी का चिट्ठा लिकल जाए तो तुरंत वो कंपनी वाले नया बोर्ड लगाकर के अपना कारोबार शुरू कर के लोगों को भ्रमित करने का काम करते थे। नाम बदल करके लोगों को मूरख बना कर के अपना धंधा पानी चलाने की कोशिश करते थे। कांग्रेस और उसके साथियों की जमात, ऐसी फ्रॉड कंपनियों की नकल कर रही है। UPA के कुकर्म लोगों को याद ना आएं, इसलिए, इन्होंने अपना नाम यूपीए से बदलकर आईएनडीआईए कर दिया और इतना लंबा कर दिया कि लोग भूल जाएं। UPA ने नाम बदला है ताकि ये आतंकवाद के सामने घुटने टेकने का अपना पाप छिपा सकें। इन्होंने नाम बदला है ताकि ये कर्जमाफी के नाम पर किसानों से विश्वासघात को छिपा सकें। UPA नाम बदला है ताकि ये गरीबों के साथ किए गए छल-कपट को छिपा सकें। और मैं आज राजस्थान की धरती से देश के लोगों को एक और बात बताना चाहता हूं। इनका तरीका वही है, जो हमेशा देश के दुश्मनों ने अपनाया है। पहले भी, ये तो आईएनडीआईए के नाम से आए हैं, लेकिन पहले इंडिया के नाम के पीछे अपने पाप को छुपाने का प्रयास किया गया है। इंडिया नाम तो ईस्ट इंडिया कंपनी में भी था। ईस्ट इंडिया कंपनी में था कि नहीं था? लेकिन इंडिया नाम, अपनी भारतभक्ति दिखाने के लिए नहीं बल्कि भारत को लूटने के इरादे से लगाया गया था। आपको याद होगा कि कांग्रेस के शासनकाल में SIMI यानि स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया बना था। नाम में इंडिया था, लेकिन मिशन, इंडिया को आतंकी हमलों से बर्बाद करने का था। जब इसके कुकर्म सामने आए तो सीमी भी बैन किया गया। और ये बैन हुआ तो फिर ये नया नाम लेकर आए- उन्होंने भी नाम बदला... SIMI बन गया PFI यानि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया। नाम नया, नाम में फिर इंडिया, लेकिन काम वही पुराना।

साथियों,
आईएनडीआईए के नाम के लेबल से ये अपने पुराने कारनामों को छुपाना चाहते हैं। यूपीए के कारनामों को छुपाना चाहते हैं। अगर इनको वाकई इंडिया की परवाह होती तो, क्या ये विदेश में जाकर के विदेशियों से भारत में दखल देने के लिए बात करते क्या? अगर इन्हें इंडिया की चिंता होती तो, क्या ये सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक पर सवाल उठाते क्या? इनको इंडिया की चिंता होती, तो क्या ये गलवान में भारत की सेना के शौर्य को कठघरे में रखते क्या? साथियों, ये वही चेहरे हैं जो आतंकी हमला होने पर दुनिया के आगे रोते थे, खुद कुछ नहीं करते थे। इन्हें देश के सुरक्षाबलों के सामर्थ्य पर भरोसा नहीं है। ये वही चेहरे हैं, जिन्होंने हमारे सैनिकों का हक मारा है। दशकों तक हमारे सैनिक वन रैंक वन पेंशन मांगते रहे, लेकिन इन्होंने नहीं दिया। जो लोग टुकड़े-टुकड़े गैंग को गले लगाते हैं, जो लोग भारत में भाषा के आधार पर बंटवारा करते हैं, जो लोग विदेशों से संबंध भी इस आधार पर बनाते हैं, कि उनका वोट बैंक नाराज़ ना हो जाए, इनके लिए राष्ट्रहित नहीं बल्कि वोटबैंक सर्वोपरि है, वो लोग जब आईएनडीआईओ की बात करते हैं, तो दिखावा लगता है, छलावा लगता है, झूठ लगता है। भाइयों और बहनों, इन लोगों में अहंकार कूट-कूट कर भरा हुआ है। एक बार इन्होंने नारा दिया था इंदिरा Is India, India इज इंदिरा। और तब देश की जनता ने इनका हिसाब चुकता किया था, चुन-चुन कर के साफ कर दिया था.. इन्हें उखाड़ फेंका था उनलोगों को। अहंकार से भरे इन लोगों ने फिर वही पाप दोहराया है। ये सुधरने को तैयार नहीं है... ये लोग कह रहे हैं UPA is India, India is UPA. इनका जनता फिर से एक बार वही हाल करेगी जो पहले किया था।

साथियों,
हम जानते हैं कि आजादी का आंदोलन जब पूरी प्रखरता पर था तो महात्मा गांधी ने एक नारा दिया था। ये नारा देश के लोगों की प्रेरणा बन गया था। और आजादी के आंदोलन में इस नारे ने ऊर्जा भर दी थी। नौजवान स्कूल-कॉलेज में अपनी किताबें छोड़ कर के महात्मा गांधी के आदेश पर आजादी के लिए चल पड़े थे, जेलें भर दी थी, क्योंकि गोलियां कम पड़ गई थी। वो दिन थे और तब महात्मा गांधी ने जो नारा दिया था। आज फिर से देश के कल्याण के लिए, देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए उस नारे की फिर से जरूरत है दोस्तों। इस नारे को फिर से गांव-गांव और घर-घर पहुंचाने की जरूरत है। क्या नारा था ? महात्मा गांधी ने नारा दिया था क्विट इंडिया- अंग्रेजों इंडिया छोड़ो... अंग्रेजों इंडिया छोड़ो...और अंग्रेजों को देश छोड़कर जाना पड़ा था। वैसे ही आज हम समृद्ध भारत बनाने का संकल्प लेकर चल रहे हैं। जैसे गांधी जी ने क्विट इंडिया का मंत्र दिया था, वैसे ही आज का मंत्र है- भ्रष्टाचार- क्विट इंडिया... भ्रष्टाचार- छोड़ो इंडिया..। परिवारवाद- क्विट इंडिया... परिवारवाद छोड़ो इंडिया। तुष्टिकरण- क्विट इंडिया- तुष्ट्रिकरण छोड़ो इंडिया..। क्विट इंडिया ही देश को बचाएगा और देश को विकसित भारत बनाएगा।

भाइयों और बहनों,
राजस्थान के लिए भी भाजपा का रोडमैप स्पष्ट है, नीति साफ है। आने वाले 5 साल में जब भारत दुनिया की तीसरी बड़ी इकोनॉमी होगा, तो उसमें राजस्थान की बहुत बड़ी हिस्सेदारी होगी। भाजपा सरकार बनते ही, यहां भ्रष्टाचारियों पर, अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। भाजपा सरकार राजस्थान के नौजवान की आकांक्षा को सम्मान देगी। भाजपा की डबल इंजन सरकार बिना रुके, बिना थके काम करेगी। राजस्थान के पास सामर्थ्य की कमी नहीं है। राजस्थान के विकास के लिए जैसे पूरा राजस्थान आज मेरा साथ दे रहा है मेरा शेखावाटी भी पीछे नहीं रहेगा, ये मुझे पूरा भरेसा है। साथियों हाथ ऊपर करके जवाब दीजिए शेखावटी की हर सीट, हर विधानसभा सीट पर, हर बूथ पर कमल खिला कर के रहेंगे। ये संकल्प है? ये वादा है? साथियों ये ऊर्जा पूरे राजस्थान के हर बूथ पर कमल खिलाएगी। इसी विश्वास के साथ घर-घर ये मंत्र लेकर चले जाइए... भ्रष्टाचारी क्विट इंडिया... परिवारवादी- क्विट इंडिया.. इस मंत्र को लेकर के आगे बढ़ें
बहुत-बहुत धन्यवाद !
मेरे साथ बोलिए भारत माता की... भारत माता की... भारत माता की... जय..

 

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प्रधानमंत्री ने 45वें प्रगति संवाद की अध्यक्षता की
December 26, 2024
प्रधानमंत्री ने एक लाख करोड़ रुपये से अधिक लागत की नौ प्रमुख परियोजनाओं की समीक्षा की
परियोजनाओं में देरी से न केवल लागत बढ़ती है, बल्कि जनता भी परियोजना के अपेक्षित लाभों से वंचित हो जाती है: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने परियोजनाओं के कार्यान्वयन के दौरान प्रभावित परिवारों के समय पर पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन के महत्व पर जोर दिया
प्रधानमंत्री ने ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ की समीक्षा की और राज्यों को चरणबद्ध तरीके से गांवों, कस्बों और शहरों के लिए संतृप्ति का दृष्टिकोण अपनाने का निर्देश दिया
प्रधानमंत्री ने उन शहरों में अनुभव साझा करने हेतु कार्यशालाएं आयोजित करने की सलाह दी जहां मेट्रो परियोजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं या पाइपलाइन में हैं ताकि सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों एवं महत्वपूर्ण सीखों को समझा जा सके
प्रधानमंत्री ने बैंकिंग एवं बीमा क्षेत्र से संबंधित लोक शिकायतों की समीक्षा की और शिकायतों के निपटान की गुणवत्ता पर जोर दिया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज प्रगति, जो केन्द्र एवं राज्य सरकारों को शामिल करते हुए सक्रिय शासन और समय पर कार्यान्वयन से संबंधित आईसीटी-आधारित बहु-स्तरीय प्लेटफॉर्म है, के 45वें संस्करण की बैठक की अध्यक्षता की।

बैठक में, आठ महत्वपूर्ण परियोजनाओं की समीक्षा की गई, जिनमें शहरी परिवहन की छह मेट्रो परियोजनाएं और सड़क कनेक्टिविटी तथा थर्मल पावर से संबंधित एक-एक परियोजना शामिल है। विभिन्न राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों में फैली इन परियोजनाओं की संयुक्त लागत एक लाख करोड़ रुपये से अधिक है।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि केन्द्र और राज्य, दोनों स्तरों पर सभी सरकारी अधिकारियों को यह समझना चाहिए कि परियोजना में देरी से न केवल लागत बढ़ती है बल्कि जनता को भी अपेक्षित लाभ प्राप्त करने में बाधा आती है।

संवाद के दौरान, प्रधानमंत्री ने बैंकिंग एवं बीमा क्षेत्र से संबंधित लोक शिकायतों की भी समीक्षा की। प्रधानमंत्री ने जहां निपटान में लगने वाले समय में कमी लाने का उल्लेख किया, वहीं उन्होंने शिकायतों के निपटान की गुणवत्ता पर भी जोर दिया।

यह देखते हुए कि अधिक से अधिक शहरों में पसंदीदा सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों में से एक के रूप में मेट्रो परियोजनाओं की शुरुआत की जा रही है, प्रधानमंत्री ने उन शहरों के लिए अनुभव साझा करने हेतु कार्यशालाएं आयोजित करने की सलाह दी जहां ऐसी परियोजनाएं कार्यान्वित की जा रहीं हैं या पाइपलाइन में हैं, ताकि सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों एवं अनुभवों से सीख ली जा सके।

समीक्षा के दौरान, प्रधानमंत्री ने परियोजनाओं के कार्यान्वयन के दौरान परियोजना से प्रभावित होने वाले परिवारों के समय पर पुनर्वास और पुनर्स्थापन के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने नई जगह पर गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं प्रदान करके ऐसे परिवारों के लिए जीवनयापन में आसानी को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

प्रधानमंत्री ने ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ की भी समीक्षा की। उन्होंने एक गुणवत्तापूर्ण विक्रेता इकोसिस्टम विकसित करके राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों में रूफटॉप की स्थापना की क्षमता बढ़ाने का निर्देश दिया। उन्होंने मांग के सृजन से लेकर रूफटॉप सोलर के संचालन तक की प्रक्रिया में लगने वाले समय को कम करने का भी निर्देश दिया। उन्होंने राज्यों को चरणबद्ध तरीके से गांवों, कस्बों और शहरों के लिए संतृप्ति का दृष्टिकोण अपनाने का निर्देश दिया।

प्रगति बैठकों के 45वें संस्करण तक, लगभग 19.12 लाख करोड़ रुपये की कुल लागत की 363 परियोजनाओं की समीक्षा की गई है।