केंद्र की परियोजनाओं से तेलंगाना की इंडस्ट्री, टूरिज्म और युवाओं को फायदा हो रहा है वारंगल में पीएम मोदी
2021 के नगर निगम चुनाव में बीजेपी ने अपना ट्रेलर दिखा दिया, अब बीजेपी तेलंगाना में आगामी विधानसभा चुनाव में BRS और कांग्रेस का सफाया करने जा रही है: पीएम
तेलंगाना में ऐसी कोई परियोजना नहीं है जिसमें भ्रष्टाचार के आरोप न हों। केसीआर सरकार यानि सबसे भ्रष्ट सरकार: पीएम मोदी
वारंगल में पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव पर साधा निशाना, कहा- करोड़ों के घोटालों में डूबा है केसीआर परिवार

भारत माता की.. भारत माता की...
जय मां भद्रकाली, भद्रकालि अम्मवारि महत्यानिकि...
सम्मक्का, सारलम्मा पौरुषानिकि...राणि रुद्रमा पराक्रमानिकि,
प्रख्याति गांचिना वरंगल कु रावडम्, संतोषंगा उंदि...
आज मैं एक बीजेपी कार्यकर्ता के रूप में वारंगल में आप सबके बीच आया हूं। ये क्षेत्र जनसंघ के ज़माने से ही हमारी विचारधारा का मजबूत किला हुआ करता है। जब संसद में बीजेपी की सिर्फ 2 सीटें थीं, तब हनुमकोंडा से सी जंगा रेड्डी जी सांसद हुआ करते थे। आज बीजेपी दुनिया का सबसे बड़ा राजनीतिक दल है, तो इसमें तेलंगाना की इस धरती की बहुत बड़ी भूमिका है। मुझे खुशी है कि अब यहां बीजेपी का निरंतर विस्तार हो रहा है। 2021 में यहां के म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन के चुनाव में बीजेपी अपने प्रभाव का ट्रेलर दिखा चुकी है। इतनी बड़ी संख्या में आप यहां पहुंचे हैं। इसका संदेश साफ है। अब विधानसभा चुनावों में बीजेपी यहां BRS औऱ कांग्रेस, दोनों का पत्ता साफ करने जा रही है।


साथियो,
यहां आने से पहले मुझे तेलंगाना के विकास से जुड़े हज़ारों करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास करने का अवसर मिला है। इनसे इस क्षेत्र में सुविधा तो बढ़ेगी ही, रोज़गार के भी नए अनेक अवसर बनेंगे। पिछले 9 वर्षों में केंद्र की बीजेपी सरकार ने तेलंगाना के विकास के लिए पूरी शक्ति से काम किया है। आज तेलंगाना में करीब 36 हजार करोड़ रुपए के नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है। 2014 में तेलंगाना के लिए जो रेल बजट था, आज उसका 17 गुणा अधिक रेल बजट तेलंगाना के पास है। भाजपा का लक्ष्य यही है- तेलंगाना विकसित बने, तेलंगाना भारत को विकसित बनाए। साथियों, भारत की आत्मनिर्भरता में भी तेलंगाना की भूमिका बहुत बड़ी है। जब भारत ने तय किया कि हम कोरोना की अपनी वैक्सीन बनाएंगे तो तेलंगाना के लोगों ने आगे बढ़कर अपना दायित्व निभाया। जब भारत ने तय किया कि हम दवाइयों के लिए कच्चा माल बनाएंगे, तो तेलंगाना के लोग नई ऊर्जा के साथ जुट गए। जब भारत ने तय किया कि हम मेड इन इंडिया पर बल देंगे, तो तेलंगाना के मैन्यूफैक्चरर्स ने पूरी ताकत लगा दी। जब भारत ने तय किया कि हम यूरिया में आत्मनिर्भर होंगे, तो बरसों से बंद रहा रामागुंडम खाद कारखाना फिर सजीव हो उठा। औऱ साथियों, जब भारत ने अपनी रेल को आधुनिक बनाने का फैसला किया, तो भी इसमें तेलंगाना ही अपनी बड़ी भूमिका निभा रहा है। अब काजीपेट में वैगन बनाने की नई फैक्ट्री बन रही है। यहां बनने वाले सैकड़ों वैगन भारतीय रेल के विस्तार और एक्सपोर्ट, दोनों को बल देंगे।

भाइयों और बहनों,
बीते 9 वर्षों में पूरी दुनिया में देश का इतना गौरव बढ़ा है, भारत को लेकर आकर्षण बढ़ा है। इसका भी फायदा तेलंगाना को हुआ है। यहां पहले के मुकाबले अब ज्यादा इन्वेस्टमेंट आ रहा है। औऱ इस ज्यादा इंवेस्टमेंट का फायदा तेलंगाना के युवाओं को हो रहा है, उसे नौकरी मिल रही है। भाजपा सरकार ने दुनिया में भारत की जो साख बढ़ाई है, ये उसी का नतीजा है। लेकिन सवाल ये है कि यहां तेलंगाना में जो सरकार है, उसने क्या किया? साथियों, यहां की राज्य सरकार ने सिर्फ चार काम किए हैं। पहला- सुबह-शाम मोदी को, केंद्र सरकार को Regularly, गाली देने का काम किया है। पूरी डिक्शनरी इसी काम में लगाई है। दूसरा काम क्या किया है? एक परिवार को ही सत्ता का केंद्र बनाने का और खुद को तेलंगाना का मालिक साबित करने का काम किया है। तीसरा काम क्या किया है? इन्होंने तेलंगाना के आर्थिक विकास को चौपट कर दिया। चौथा काम क्या किया? चौथा- इन लोगों ने तेलंगाना को भ्रष्टाचार में डुबो दिया। आज तेलंगाना में ऐसा कोई प्रोजेक्ट नहीं है, जिसमें भ्रष्टाचार के आरोप नहीं हैं। KCR सरकार यानि सबसे भ्रष्ट सरकार। और देखिए खेल, अब तो दिल्ली तक इनके भ्रष्टाचार के तार फैल गए हैं। हम पहले दो देशों या दो राज्यों की सरकारों के बीच विकास से जुड़े समझौतों की खबरें सुन करते थे। कि भाई विकास के लिए दो राज्यों ने समझौता किया, पानी के लिए दो राज्यों ने समझौता किया, ऐसी खबरें आती थीं। लेकिन ये पहली बार हुआ है, जब दो राजनीतिक दलों औऱ दो राज्य सरकारों के बीच भ्रष्टाचार की डील के आरोप लगे हैं। ये दुर्भाग्य है कि जिस तेलंगाना के लिए जनता ने इतना संघर्ष किया, इतने बलिदान दिए, उस जनता को ऐसे दिन देखने की नौबत आई है।

साथियों,
मैं एक और बात कहूंगा। यहां सत्ता में जो परिवार बैठा है, जो करोड़ों को घोटालों मे लिप्त है, जिस पर जांच एजेंसियों का शिकंजा लगातार कस रहा है, जिसकी पोल, तेलंगाना के लोगों के सामने खुल चुकी है, वो परिवार अब तेलंगाना की जनता को गुमराह करने के लिए, माइंड डायवर्ट करने के लिए नए-नए हथकंडे अपना रहे है। आपको इनके हथकंडों से, इनकी चालबाजियों से सावधान रहना है।
साथियों, मैं जब भी तेलंगाना आता हूं, आप सभी लोगों की एक और छटपटाहट समझ आती है। आप लोगों ने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन इस तरह परिवारवादी राजनीति के शिकंजे में हमारा तेलंगाना फंस जाएगा। परिवारवादियों को सिर्फ अपने बच्चों, अपने बेटे-बेटियों के भविष्य की चिंता होती है। उन्हें देश के, तेलंगाना के, दूसरे बच्चों का भविष्य बर्बाद होने से कोई फर्क नहीं पड़ता। औऱ देश के लोगों को, तेलंगाना के लोगों को एक और बात भी नोट करनी होगी। ये जितनी भी परिवारवादी पार्टियां हैं, उनकी नींव भ्रष्टाचार पर खड़ी होती है। परिवारवादी कांग्रेस का भ्रष्टाचार पूरे देश ने देखा है। परिवारवादी BRS का भ्रष्टाचार, पूरा तेलंगाना देख रहा है। कांग्रेस हो या BRS, दोनों ही तेलंगाना के लोगों के लिए घातक हैं। इन दोनों से ही तेलंगाना के लोगों को बच कर रहना है।

साथियों,
किसी भी जनप्रतिनिधि के लिए सबसे बड़ा पाप होता है अपनी जनता का भरोसा तोड़ना। और यहां की राज्य सरकार ने तेलंगाना के लोगों का भरोसा चकनाचूर करने का पाप किया है। कितनी सारी उम्मीदें लगाई थीं आप लोगों ने। लेकिन हर उम्मीद को तेलंगाना सरकार ने तोड़कर रख दिया। यहां की सरकार अच्छी तरह जानती है कि पिछले 9 साल में उसने तेलंगाना के लोगों को सिर्फ और सिर्फ धोखा दिया है। उसने राज्य में एक के बाद एक भर्ती घोटाले करके, यहां के युवाओं के साथ विश्वासघात किया है। तेलंगाना आंदोलन के वो दिन मैं कभी भूल नहीं सकता। कितनी बड़ी-बड़ी बातें कहीं गई थीं कि हम यहां लाखों भर्तियां करेंगे, युवाओं को सरकारी नौकरी देंगे। लेकिन आपको इन लोगों ने सिर्फ और सिर्फ झूठ ही दिया है। तेलंगाना में भ्रष्टाचार का जो खुला खेल चल रहा है, इसका सबसे बड़ा नुकसान यहां के युवाओं को, उठाना पड़ रहा है। तेलंगाना स्टेट पब्लिक सर्विस कमीशन स्कैम के बारे में कौन नहीं जानता? पिछले 9 वर्षों से तेलंगाना के लाखों नौजवान सरकारी भर्तियों का इंतज़ार कर रहे हैं। लेकिन यहां की सरकार ने सरकारी नौकरियों को अपने नेताओं की तिजोरी भरने का माध्यम बना लिया है।

साथियों,
तेलंगाना की 12 यूनिवर्सिटीज में higher education को तबाह करके यहां की सरकार ने लाखों नौजवानों का भविष्य बर्बाद कर दिया है। आज भी तेलंगाना की यूनिवर्सिटीज में 3 हजार से ज्यादा टीचर्स के पद खाली पड़े हैं। आज भी तेलंगाना के सरकारी स्कूलों में टीचर्स की 15 हजार से ज्यादा पोस्ट खाली पड़ी हैं।
क्या ये इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के साथ विश्वासघात नहीं है क्या, धोखा नहीं है क्या? इन लोगों ने आपसे वायदा किया था कि हर बेरोजगार को 3 हजार रुपए का भत्ता देंगे। ये वायदा करके भी तेलंगाना सरकार ने नौजवानों को सिर्फ धोखा दिया विश्वासघात किया। इन लोगों ने आपसे वायदा किया था कि गरीबों को 2 बेड रूम वाले 7 लाख फ्लैट बनाकर देंगे। ये वायदा भी यहां की सरकार पूरा नहीं कर पाई है। ये लोग किसानों के एक लाख रुपए तक के कर्ज को माफ करने की बात भी कहा करते थे। लेकिन इस वायदे पर भी इनकी सरकार ने तेलंगाना के लोगों को सिर्फ विश्वासघात ही दिया है।

साथियों,
मुझे पता है कि तेलंगाना की ग्रामीण पंचायतें, यहां के सरपंच, यहां की सरकार से कितने गुस्से में है कितने नाराज हैं। ये बीजेपी की केंद्र सरकार है जिसने तेलंगाना की ग्राम पंचायतों को 12 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा सीधा देने का सुनिश्चित किया है। यहां की ग्राम पंचायतें ज्यादातर काम सेंट्रल फंड से ही करा रही हैं। KCR सरकार यहां ग्राम पंचायतों के सामने लगातार मुश्किलें खड़ी कर रही है। इसलिए तेलंगाना की हजारों पंचायतें भी अब, यहां की परिवारवादी सरकार को पटखनी देने का इरादा कर चुकी हैं।

साथियों,
बीजेपी सरकार, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए गांवों में ज्यादा से ज्यादा खर्च कर रही है। Paddy procurement के माध्यम से यहां के धान किसानों को पिछले 9 साल में एक लाख 30 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा दिए गए हैं। मनरेगा के तहत तेलंगाना के गांवों में करीब-करीब 25 हजार करोड़ रुपए का काम कराया गया है। पीएम किसान सम्मान निधि के जरिए भी तेलंगाना के करीब 40 लाख किसानों के बैंक खाते में 9 हजार करोड़ रुपए सीधे भेजे गए हैं। पीएम आवास योजना के तहत जो करोड़ों घर बनाए गए हैं, उनसे भी हजारों करोड़ रुपए ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पहुंचे हैं। साथियों, बीजेपी ने निरंतर प्रयास किया है कि किसानों को सशक्त करे, उनके खर्च कम करे, उनकी आय बढ़ाए। हमने लागत का डेढ़ गुणा एमएसपी देने का वादा किया था, हमने वो गारंटी को पूरा करके दिखाया। हमने दाल की MSP पर रिकॉर्ड खरीदी कर के हमने गारंटी पूरी की। हमने सिंचाई के नेटवर्क को सशक्त करने का वादा किया था, वो गारंटी भी हमने पूरी की। किसानों को कोल्ड स्टोरेज की दिक्कत ना हो, इसके लिए दुनिया की सबसे बड़ी भंडारण योजना पर काम हो रहा है। आप जानते हैं कि जो 7 मेगा-टेक्सटाइल पार्क देश में बनने वाले हैं, उनमें से भी एक यहां तेलंगाना में बनने जा रहा है। इन सभी प्रयासों का लाभ यहां के किसानों को होगा, हमारे कॉटन ग्रोअर किसानों को होगा।

भाइयों और बहनों,
तेलंगाना की सरकार ने गरीब, दलित, पिछड़े, आदिवासियों को सिर्फ झूठे वादे दिए, झूठी घोषणाएं दीं। लेकिन केंद्र की बीजेपी सरकार ने सही मायने में इन वर्गों को सशक्त किया है। वारंगल सहित इस पूरे क्षेत्र में बड़ी संख्या में आदिवासी और पिछड़े समाज के लोग रहते हैं। पहले की सरकारों में हमारे आदिवासी भाई-बहनों के साथ सौतेला व्यवहार किया जाता था। सड़कें हों, पीने का पानी हो, स्कूल हो, अस्पताल हो, हमारे ट्राइबल भाई-बहन का नंबर सबसे अंत में आता था। आदिवासी क्षेत्रों के विकास के लिए बीजेपी ने पहले की सरकारों की सोच और अप्रोच दोनों को बदल दिया। हमने आदिवासी क्षेत्रों में सैकड़ों नए एकलव्य मॉडल स्कूल खोले। हमने वन-उपज के सही दाम देने के लिए MSP का दायरा बढ़ाया। हमने वनधन केंद्रों के माध्यम से रोज़गार के नए साधन तैयार किए। आज आप देख रहे हैं कि इन आदिवासी क्षेत्रों में सिक्स लेन के, फोर लेन के हाईवे बन रहे हैं, इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बन रहे हैं। मिशन मोड पर 4G नेटवर्क की सुविधाएं तैयार की जा रही हैं। आदिवासी परिवारों में सिकल सेल एनीमिया की भी बहुत बड़ी दिक्कत थी। अब बीजेपी सरकार ने सिकल सेल अनीमिया को जड़ से हटाने के लिए भी अभियान शुरु किया है।

साथियों,
आजकल कुछ लोग चुनाव से पहले, जनता को गुमराह करने के लिए झूठी गारंटी लेकर आ रहे हैं। बीजेपी चुनाव के लिए झूठी बातें या झूठे गारंटी कार्ड नहीं बांटती। अगर बीजेपी हर गरीब परिवार को मुफ्त राशन देने की बात करती है, तो पूरा राशन गरीब के किचन तक पहुंचता है। बीजेपी अगर आयुष्मान भारत कार्ड देती है, तो 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज हर गरीब परिवार को मिलने लगता है। अगर बीजेपी घर-घर टॉयलेट बनाने का अभियान शुरु करती है, तो हर गरीब, दलित, पिछड़े, आदिवासी के घर तक सुविधा पहुंचती है। अगर बीजेपी गरीब परिवारों की बहनों को नल से जल देने का भरोसा देती है, तो ये काम पूरा करके भी दिखाती है। तेलंगाना की जनता ये सबकुछ अनुभव कर रही है। इसलिए आज तेलंगाना की आकांक्षा है, आशा-अपेक्षा है- अबकी बार, बीजेपी सरकार ! यही भाव मैं यहां वारंगल में देख रहा हूं, तेलंगाना में देख रहा हूं। भाइयों-बहनों ये बड़ी संख्या में आपकी मौजूदगी हैदराबाद में उस परिवार की नींद हराम कर रही है। और मैं देख रहा हूं कि अब तेलंगाना के लोगों ने भाजपा की सरकार बनाने का फैसला कर लिया है। मैं फिर एक बार आप सब को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। बहुत-बहुत धन्यवाद!
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प्रधानमंत्री ने 45वें प्रगति संवाद की अध्यक्षता की
December 26, 2024
प्रधानमंत्री ने एक लाख करोड़ रुपये से अधिक लागत की नौ प्रमुख परियोजनाओं की समीक्षा की
परियोजनाओं में देरी से न केवल लागत बढ़ती है, बल्कि जनता भी परियोजना के अपेक्षित लाभों से वंचित हो जाती है: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने परियोजनाओं के कार्यान्वयन के दौरान प्रभावित परिवारों के समय पर पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन के महत्व पर जोर दिया
प्रधानमंत्री ने ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ की समीक्षा की और राज्यों को चरणबद्ध तरीके से गांवों, कस्बों और शहरों के लिए संतृप्ति का दृष्टिकोण अपनाने का निर्देश दिया
प्रधानमंत्री ने उन शहरों में अनुभव साझा करने हेतु कार्यशालाएं आयोजित करने की सलाह दी जहां मेट्रो परियोजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं या पाइपलाइन में हैं ताकि सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों एवं महत्वपूर्ण सीखों को समझा जा सके
प्रधानमंत्री ने बैंकिंग एवं बीमा क्षेत्र से संबंधित लोक शिकायतों की समीक्षा की और शिकायतों के निपटान की गुणवत्ता पर जोर दिया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज प्रगति, जो केन्द्र एवं राज्य सरकारों को शामिल करते हुए सक्रिय शासन और समय पर कार्यान्वयन से संबंधित आईसीटी-आधारित बहु-स्तरीय प्लेटफॉर्म है, के 45वें संस्करण की बैठक की अध्यक्षता की।

बैठक में, आठ महत्वपूर्ण परियोजनाओं की समीक्षा की गई, जिनमें शहरी परिवहन की छह मेट्रो परियोजनाएं और सड़क कनेक्टिविटी तथा थर्मल पावर से संबंधित एक-एक परियोजना शामिल है। विभिन्न राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों में फैली इन परियोजनाओं की संयुक्त लागत एक लाख करोड़ रुपये से अधिक है।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि केन्द्र और राज्य, दोनों स्तरों पर सभी सरकारी अधिकारियों को यह समझना चाहिए कि परियोजना में देरी से न केवल लागत बढ़ती है बल्कि जनता को भी अपेक्षित लाभ प्राप्त करने में बाधा आती है।

संवाद के दौरान, प्रधानमंत्री ने बैंकिंग एवं बीमा क्षेत्र से संबंधित लोक शिकायतों की भी समीक्षा की। प्रधानमंत्री ने जहां निपटान में लगने वाले समय में कमी लाने का उल्लेख किया, वहीं उन्होंने शिकायतों के निपटान की गुणवत्ता पर भी जोर दिया।

यह देखते हुए कि अधिक से अधिक शहरों में पसंदीदा सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों में से एक के रूप में मेट्रो परियोजनाओं की शुरुआत की जा रही है, प्रधानमंत्री ने उन शहरों के लिए अनुभव साझा करने हेतु कार्यशालाएं आयोजित करने की सलाह दी जहां ऐसी परियोजनाएं कार्यान्वित की जा रहीं हैं या पाइपलाइन में हैं, ताकि सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों एवं अनुभवों से सीख ली जा सके।

समीक्षा के दौरान, प्रधानमंत्री ने परियोजनाओं के कार्यान्वयन के दौरान परियोजना से प्रभावित होने वाले परिवारों के समय पर पुनर्वास और पुनर्स्थापन के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने नई जगह पर गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं प्रदान करके ऐसे परिवारों के लिए जीवनयापन में आसानी को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

प्रधानमंत्री ने ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ की भी समीक्षा की। उन्होंने एक गुणवत्तापूर्ण विक्रेता इकोसिस्टम विकसित करके राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों में रूफटॉप की स्थापना की क्षमता बढ़ाने का निर्देश दिया। उन्होंने मांग के सृजन से लेकर रूफटॉप सोलर के संचालन तक की प्रक्रिया में लगने वाले समय को कम करने का भी निर्देश दिया। उन्होंने राज्यों को चरणबद्ध तरीके से गांवों, कस्बों और शहरों के लिए संतृप्ति का दृष्टिकोण अपनाने का निर्देश दिया।

प्रगति बैठकों के 45वें संस्करण तक, लगभग 19.12 लाख करोड़ रुपये की कुल लागत की 363 परियोजनाओं की समीक्षा की गई है।