“21वीं सदी के दौरान भारत में तेजी से बदलते वातावरण में सुनियोजित शहर समय की जरूरत बनेंगे”
“नये शहरों का विकास और मौजूदा सेवाओं के आधुनिकीकरण, शहरी विकास के दो मुख्य पक्ष हैं”
“शहरी योजना अमृतकाल में हमारे शहरों का भविष्य तय करेगी और केवल सुनियोजित शहर ही भारत का भविष्य तय करेंगे”
“मेट्रो कनेक्टिविटी के मामले में भारत ने अनेक देशों को पीछे छोड़ दिया है”
“वर्ष 2014 में अपशिष्ट का प्रसंस्करण केवल 14-15 प्रतिशत था, जिसकी तुलना में आज 75 प्रतिशत अपशिष्ट का प्रसंस्करण किया जा रहा है”
“हमारे नये शहरों को कचरा-मुक्त, जल संरक्षित और जलवायु-अनुकूल होना चाहिए”
“सरकार द्वारा बनाई जा रही योजनाओं और नीतियों से न केवल शहरवासियों का जीवन आसान होना चाहिए, बल्कि उन्हें खुद के विकास में भी सहायक होना चाहिए”

नमस्कार।

आप सभी का अर्बन डेवलपमेंट जैसे इस महत्वपूर्ण विषय पर बजट वेबिनार में स्वागत है।

साथियों,

ये दुर्भाग्य रहा कि आजादी के बाद हमारे देश में इक्का-दुक्का ही planned city बने। आजादी के 75 वर्षों में देश में 75 नए औऱ बड़े planned city बने होते तो आज भारत की तस्वीर कुछ और ही होती। लेकिन अब 21वीं सदी में जिस तरह भारत तेज गति से विकास कर रहा है, आने वाले समय में अनेकों नए शहर ये भारत की अनिवार्यता होने वाले हैं।

ऐसे में भारत में अर्बन डेवलपमेंट के दो प्रमुख पक्ष हैं। नए शहरों का विकास और पुराने शहरों में पुरानी व्यवस्थाओं का आधुनिकीकरण। इसी विज़न को सामने रखते हुए हमारी सरकार ने हर बजट में urban development को बहुत महत्व दिया है। इस बजट में अर्बन प्लानिंग के मानकों के लिए 15 हजार करोड़ रुपए का incentive भी तय किया गया है। मुझे विश्वास है, इससे देश में planned और व्यवस्थित शहरीकरण की नई शुरुआत होगी, इसे गति मिलेगी।

साथियों,

आप सभी एक्सपर्ट्स जानते हैं कि urban development में, urban planning औऱ urban governance, दोनों की बहुत बड़ी भूमिका होती है। शहरों की खराब प्लानिंग या प्लान बनने के बाद उसका सही implementation न होना, हमारी विकास यात्रा के सामने बड़ी चुनौतियां पैदा कर सकता है। urban planning के तहत आने वाली special planning हो, transport planning हो, urban infrastructure planning हो, वाटर मैनेजमेंट हो, इन सभी areas में बहुत focused way में काम करना जरूरी है।

इस वेबिनार के अलग-अलग sessions में आप तीन सवालों पर जरूर फोकस करें। पहला- राज्यों में urban planning ecosystem को कैसे strengthen किया जाए। दूसरा- private sector में उपलब्ध expertise का urban planning में कैसे सही इस्तेमाल हो। तीसरा- ऐसे Centre of Excellence कैसे develop किए जाएं जो urban planning को एक नए level पर लेकर जाएं।

सभी राज्य सरकारों को और urban local bodies को एक बात हमेशा याद रखनी होगी। वे देश को विकसित बनाने में तब ही अपना योगदान दे पाएंगे, जब वो planned urban areas को तैयार करेंगी। हमें ये बात भी बड़ी भली भांति समझनी होगी कि अमृतकाल में urban planning ही हमारे शहरों का भाग्य निर्धारित करेगी और भारत के well planned शहर ही भारत के भाग्य को निर्धारित करेंगेI जब प्लानिंग बेहतर होगी तभी हमारे शहर climate resilient और water secure भी बनेंगे।

साथियों,

इस वेबिनार में urban planning और urban governance के जो एक्सपर्ट्स हैं, उनसे मेरा एक विशेष आग्रह है। आपको ज्यादा से ज्यादा innovative ideas के बारे में सोचना चाहिए। GIS based master planning हो, अलग-अलग तरह के planning tools का विकास हो, Efficient human resources हो, capacity building हो, हर area में आपकी बड़ी भूमिका हो सकती है। आज urban local bodies को आपके expertise की जरूरत है। और यही जरूरत आपके लिए अनेक अवसर पैदा करने वाली है।

साथियों,

शहरों के विकास का एक important pillar होता है transport planning. हमारे शहरों की mobility uninterrupted होनी चाहिए। 2014 से पहले देश में मेट्रो कनेक्टिविटी की क्या स्थिति थी, आप अच्छी तरह जानते हैं। हमारी सरकार ने कई शहरों में मेट्रो रेल पर काम किया है। आज हम मेट्रो नेटवर्क के मामले में कई देशों से आगे निकल चुके हैं। अब जरूरत है इस नेटवर्क को मजबूत करने की और fast और Last mile कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने की। और इसके लिए जरूरी है efficient transport planning की। शहरों में सड़कों का चौड़ीकरण हो, green mobility हो, elevated roads हों, junction improvement हो, इन सभी components को transport planning का हिस्सा बनाना ही होगा।

साथियों,

आज भारत, circular economy को अर्बन डेवलपमेंट का बड़ा आधार बना रहा है। हमारे देश में हर दिन हजारों टन municipal waste पैदा होता है। इसमें battery waste, electrical waste, automobile waste और tyres जैसी चीजों से लेकर कम्पोस्ट बनाने तक की चीजें होतीं हैं। 2014 में जहां देश में केवल 14-15 प्रतिशत waste processing होती थी, वहीं आज 75 प्रतिशत waste process हो रहा है। अगर ये पहले ही हो गया होता तो हमारे शहरों के किनारे कूड़े के पहाड़ों से ना भरे होते।

आज waste की processing करके इन कूड़े के पहाड़ों से भी शहरों को मुक्त करने का काम किया जा रहा है। इसमें कई इंडस्ट्रीज़ के लिए रिसाइक्लिंग और circularity के ढेर सारे अवसर हैं। इस क्षेत्र में कई स्टार्टअप्स काफी अच्छा काम भी कर रहे हैं। हमें इन्हें सपोर्ट करने की जरूरत है। इंडस्ट्री को waste management के पूरे potential को इस्तेमाल करना चाहिए।

हमने अमृत योजना की सफलता के बाद शहरों में पीने के साफ पानी के लिए ‘अमृत-2.0’ उसको लॉन्च किया था। इस योजना के साथ अब हमें पानी और सीवेज़ के traditional मॉडल के आगे की प्लानिंग करनी ही होगी। आज कुछ शहरों में used water का treatment करके उसे इंडस्ट्रियल यूज़ के लिए भेजा जा रहा है। Waste management के इस क्षेत्र में भी प्राइवेट सेक्टर के लिए अपार संभावनाएं बन रही हैं।

साथियों,

हमारे नए शहर कचरा मुक्त होने चाहिए, वॉटर secure होने चाहिए, और climate resilient होने चाहिए। इसके लिए हमें टियर-2 और टियर-3 शहरों में अर्बन इनफ्रास्ट्रक्चर और प्लानिंग में निवेश बढ़ाना होगा। आर्किटैक्चर हो, ज़ीरो डिस्चार्ज मॉडल हो, एनर्जी की net positivity हो, जमीन के इस्तेमाल में efficiency हो, ट्रांज़िट कॉरिडोर्स हों या पब्लिक सेवाओं में AI का इस्तेमाल हो, आज समय है कि हम हमारी future cities के लिए नई परिभाषा तय करें, नए पैरामीटर्स सेट करें। हमें ये देखना होगा कि Urban Planning में बच्चों का ध्यान रखा जा रहा है या नहीं। बच्चों के खेलने-कूदने की जगहों से लेकर साइकिल तक चलाने के लिए, उनके पास अब पर्याप्त जगह है ही नहीं। Urban Planning में हमें इसका भी ध्यान रखना है।

साथियों,

शहरों के विकास के समय इस बात का भी ध्यान रखा जाना आवश्यक है कि इसमें शहरी लोगों के विकास की भी संभावनाएं समाहित हों। यानि हम जो योजनाएं बना रहे हैं, नीतियां बना रहे हैं वो शहरों के लोगों का जीवन तो आसान बनाएं, उनके खुद के विकास में भी मदद करें। इस साल के बजट में पीएम-आवास योजना के लिए करीब-करीब 80 हजार करोड़ रुपये खर्च करने का कमिटमेंट किया गया है।

जब भी कोई घर बनता है, तो उसके साथ सीमेंट, स्टील, पेंट, फ़र्निचर जैसे कई उद्योगों के व्यवसायों को गति मिलती है। आप कल्पना कर सकते हैं, इससे कितने उद्योगों को कितना बड़ा बूस्ट मिलेगा। आज शहरी विकास के क्षेत्र में futuristic technology की भूमिका बहुत बढ़ गई है। हमारे स्टार्टअप्स को, इंडस्ट्री को इस दिशा में सोचने और तेजी से काम करने की आवश्यकता है। जो संभावनाएं मौजूद हैं, हमें उनका भी लाभ लेना है, और नई संभावनाओं को जन्म भी देना है। Sustainable House Technology से ले करके sustainable cities तक, हमें नए solutions खोजने हैं।

साथियों,

मैं आशा करता हूँ कि आप सब इन विषयों पर, इसके सिवाय भी बहुत सारे विषय हो सकते हैं, गंभीर विचार विमर्श करेंगे, इस विचार को आगे बढ़ाएँगे, संभावनाओं को साकार करने का परफेक्ट रोडमैप रास्ता बताएंगे।

इसी भावना के साथ, आप सभी को एक बार फिर बहुत-बहुत शुभकामनाएं, बहुत बहुत धन्यवाद!

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Prime Minister Shri Narendra Modi paid homage today to Mahatma Gandhi at his statue in the historic Promenade Gardens in Georgetown, Guyana. He recalled Bapu’s eternal values of peace and non-violence which continue to guide humanity. The statue was installed in commemoration of Gandhiji’s 100th birth anniversary in 1969.

Prime Minister also paid floral tribute at the Arya Samaj monument located close by. This monument was unveiled in 2011 in commemoration of 100 years of the Arya Samaj movement in Guyana.