अगले 25 वर्ष भारत और उसके युवाओं दोनों के लिए महत्वपूर्ण हैं। 2047 तक भारत को 'विकसित भारत' में बदलना युवाओं की जिम्मेदारी है।
आज, यदि भारत ने व्यापक सुधार, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और एक मजबूत तथा लचीली अर्थव्यवस्था हासिल की है, तो यह वोट की ताकत का प्रमाण है।
अनुच्छेद 370 समाप्ति, जीएसटी का कार्यान्वयन, नारी शक्ति वंदन अधिनियम का पारित होना और बड़े पैमाने पर एफडीआई की आवक; यह सब स्थिर सरकार के कारण संभव हो सका है।
अब करप्शन के बजाय क्रेडिबिलिटी और घोटालों की बजाय अभूतपूर्व उपलब्धियों की बात होती है।
भारतीय युवाओं के पास परंपरा और प्रतिभा के साथ-साथ प्रेरणा और नवीनता भी है।

नमस्कार,
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, हम सबके मार्गदर्शक जेपी नड्डा जी, हमारे युवा मोर्चा के युवा साथी, अन्य पदाधिकारीगण और इस कार्यक्रम से जुड़े, देश भर के हमारे नौजवान साथी,

शायद मेरे जीवन में इतना बड़ा युवाओं के साथ संवाद करने का ये पहला अवसर है। और शायद दुनिया के किसी राजनेता के लिए भी ये पहला अवसर होगा। और मुझे अच्छा लगा कि नव मतदाता को नमन करने का कार्यक्रम है। नवो नव मतदाता, तो मैं सबसे पहले सभी मतदाताओं को भारत का भाग्य निर्माण करने के लिए नमन करता हूं निमंत्रित करता हूं। मैं देख पा रहा हूं कि बड़ी संख्या में बेटियां इस कार्यक्रम से जुड़ी हुई हैं। आज राष्ट्रीय मतदाता दिवस है। इस महत्वपूर्ण दिन देश के सबसे युवा मतदाताओं के बीच आना, अपने आप में ऊर्जा से भर देने वाला है। मैं आप सभी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस की बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,
18 से 25 वर्ष की आयु ऐसी होती है, जब किसी का भी जीवन, बहुत से बदलावों का साक्षी बनता है। इन्हीं बदलावों के बीच, आप सभी को एक और जिम्मेदारी साथ-साथ निभानी है। ये जिम्मेदारी दुनिया की सबसे बड़ी Democracy में भागीदारी की है। मैं जानता हूं, कि आपकी Age में किसी भी नई शुरुआत के लिए सबसे ज्यादा एक्साइटमेंट होता है। लेकिन आपकी ये शुरुआत बहुत अलग है। वोटर लिस्ट में नाम रजिस्टर होते ही, अब आप देश के Democratic Process का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा बन गए हैं।

मेरे युवा साथियों,
आप सभी के लिए ये Time Period, ये कालचक्र दो वजहों से बहुत अहम है। एक, आप सभी ऐसे समय में वोटर बने हैं, जब भारत का अमृतकाल शुरू हुआ है। और दूसरा, कल 26 जनवरी को देश अपना 75वां गणतंत्र दिवस मनाएगा। अगले 25 साल आप के लिए भी और भारत के लिए भी दोनों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। आपको अगले 25 साल अपना और भारत दोनों का भविष्य तय करना है। इन 25 वर्षों में आप कई बार अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। ऐसे में जिले, प्रदेश और देश के स्तर पर होने वाले सारे चुनावों में आपकी जिम्मेदारी सबसे बड़ी होगी। आज जब देश, 2047 तक विकसित भारत बनने के लक्ष्य पर काम कर रहा है, तो आपका वोट ये तय करेगा कि भारत की दिशा क्या होगी। जिस तरह, याद रखिए दोस्तों, जिस तरह 1947 से 25 साल पहले भारत के नौजवानों पर देश को स्वतंत्र कराने का दारोमदार था....उसी तरह 2047 के पहले के इन 25 सालों में आप पर विकसित भारत के निर्माण की जिम्मेदारी है। हमारे बीच जब भी स्वतंत्रता सेनानियों का नाम आता है, तो उनमें से अनेकों लोग ऐसे होते हैं जिनकी उम्र 18 से 25 साल के बीच ही थी।
उनके नाम आज भी इतिहास के पन्नों में स्वर्णाक्षरों में लिखे जाते हैं। आपके सामने भी एक ऐसा ही मौका है। विकसित भारत के अमृतकाल की गाथा में आपका नाम स्वर्णाक्षरों में कैसे लिखा जाए,ये आपको तय करना है। अगले कुछ सालों में हम Space, Defence, Manufacturing, Technology, Innovation और ऐसे कई सेक्टर्स में कहां पहुंचेंगे ये सब आप पर निर्भर होगा। हमारी गति, हमारी दिशा, हमारी अप्रोच कैसी होगी, ये सब आप तय करेंगे। और इसका एक बड़ा माध्यम मतदान ही होगा। भविष्य के भारत में आपके लिए संभावनाएं कैसी होंगी, इसकी जिम्मेदारी उन लोगों पर होगी जो इस कालखंड में देश की व्यवस्था संभालेंगे। ऐसे में उन लोगों का सही चुनाव हो, ये जिम्मेदारी आप नौजवान मतदाताओं पर है। आपके लिए जरूरी है कि अगले भारत का भाग्य उज्जवल बनाने के लिए वोट दें। इसलिए याद रखिएगा, आपका एक वोट और देश के विकास की दिशा दोनों आपस में जुड़े हुए हैं। आपका एक वोट भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाएगा। आपका एक वोट, भारत में एक स्थिर और बड़े बहुमत वाली सरकार लाएगा। आपका एक वोट, भारत में तेज Reforms की गति को और गति देगा। आपका एक वोट, भारत में डिजिटल क्रांति को और ऊर्जा देगा। आपका एक वोट, पहले भारतीय को अपने दम पर अंतरिक्ष में पहुंचाएगा। आपका एक वोट, अंतरिक्ष में भारत का पहला स्पेस स्टेशन स्थापित करवाएगा। आपका एक वोट, भारत में पहला पैसेंजर एयरक्राफ्ट बनवाएगा। आपका एक वोट, दुनिया में भारत की साख और बढ़ाएगा। इसलिए आपके एक वोट में बहुत बड़ी ताकत है।

साथियों,
जब देश में पूर्ण बहुमत वाली सरकार होती है, जब देश में स्थिर सरकार होती है, तो देश बड़े फैसले लेता है, दशकों से लटकी हुई समस्याओं को सुलझाकर आगे बढ़ता है। आप देखिए, ये हमारी पूर्ण बहुमत की सरकार है जिसमें जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाकर दशकों का इंतजार खत्म किया। ये हमारी पूर्ण बहुमत की सरकार है जिसने हमारे देश के जवानों के लिए वन रैंक वन पेंशन लागू कर, देश के पूर्व फौजियों का चार दशक का इंतजार समाप्त किया। ये पूर्ण बहुमत की सरकार है जिसने GST जैसी आधुनिक टैक्स व्यवस्था लागू कर देश का कई दशक पुराना इंतजार समाप्त किया। ये हमारी सरकार है जिसने नारीशक्ति वंदन अधिनियम बनाकर देश की महिलाओं का बरसों पुराना इंतजार खत्म किया। ये हमारी सरकार है जिसने तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाकर मुस्लिम बहन-बेटियों में इंसाफ की उम्मीद बढ़ाई। ये हमारी सरकार है जिसने तीन दशकों के इंतजार के बाद नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की। ये हमारी सरकार है जिसने SC-ST-OBC का हित सुरक्षित रखते हुए भी गरीब युवाओं को भी 10 परसेंट आरक्षण का प्रावधान किया। और, ये हमारी ही सरकार है जिसको अयोध्या में रामलला के विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा का अवसर मिला है। जब देश में पूर्ण बहुमत की सरकार होती है, तो नीति में, निर्णयों में स्पष्टता होती है। इसका सीधा प्रभाव वैश्विक स्तर पर देश की साख पर भी पड़ता है। और साथियों मैं बताता हूं, मैं जब दुनिया के बड़े-बड़े दिग्गजों को मिलता हूं ना, बड़े-बड़े नेताओं को मिलता हूं ना, दुनिये के कोई भी बड़े देश हो, जब मैं उनसे हाथ मिलाता हूं ना, तो अकेला मोदी हाथ नहीं मिलाता है, 140 करोड़ देशवासी मेरे साथ खड़े होते हैं, और ये दुनिया को प्रभावित करता है। ये ताकत होती है पूर्ण बहुमत वाली सरकार की। आज दुनिया में भारत की साख एक नई ऊंचाई पर है। आज भारत के पासपोर्ट को बड़े गर्व के साथ देखा जाता है। ये युवाओं के लिए बहुत बड़ी अपॉर्चुनिटी है। इस वजह से बीते वर्षों में भारत में रिकॉर्ड FDI आया है, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार भी आज रिकॉर्ड स्तर पर है। कभी सोना गिरवी रखना पड़ता था, लेकिन आज दूसरी स्थिति है। ये देश में रोजगार के भी नए मौके लगातार बना रहा है।

साथियों,
आपको याद होगा, लाल किले से मैंने कहा था कि यही समय है, सही समय है। 10-12 साल पहले भारत में जिस तरह की परिस्थितियां थीं, उन्होंने देश के युवाओं का भविष्य अंधकारमय बना दिया था। उस समय आप में से बहुत सारे लोग, कोई आठ साल का होगा, कोई दस साल का होगा, कोई 12 साल का होगा। हो सकता है उस समय की सारी स्थितियां आपको पता भी ना हो। आज स्थितियां बदली है। हम आज जिन Possibilities की बात कर रहे हैं, 2014 से पहले की जेनरेशन ने उनकी उम्मीद तक छोड़ दी थी। आप में से कई न्यूज पेपर्स पढ़ते होंगे। आज हर दिन नई खबर आती है कि देश ने इस सेक्टर में ये बड़ी उपलब्धि हासिल की। लेकिन 2014 से पहले के अखबार खोलिए...आजकल वो सब इंटरनेट पर एवलेबल है। तब आए दिन करप्शन और स्कैम की खबरें छपती थीं, हजारों करोड़ रुपये के घोटाले सामान्य बात थी। उस समय दिन देश के नौजवान सड़कों पर उस समय की सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते थे। मुझे संतोष है कि हम उस अंधकारमय स्थिति से देश को बाहर निकाल पाए हैं। आज Corruption की नहीं, Credibility की बात होती है। आज Scam की नहीं Success Stories की बात होती है। तब भारत फ्रेजाइल फाइव में था, दुनिया सोचती थी कि भारत खुद भी डूबेगा और हमें भी ले डूबेगा। आज भारत पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था है और दुनिया सोचती है कि भारत के विकास से उसका भी विकास होगा। आने वाले कुछ ही वर्षों में भारत दुनिया की टॉप तीन इकॉनॉमी में शामिल हो जाएगा। आने वाले कुछ ही वर्षों में भारत की इकोनॉमी 7 ट्रिलियन डॉलर को पार कर जाएगी। अर्थव्यवस्था के इतने बड़े विस्तार का बहुत बड़ा लाभ भारत के युवाओं को ही होगा। उनके लिए नए-नए सेक्टर्स में रोजगार के बहुत सारे नए मौके बनेंगे। इसलिए ही मैं कहता हूं, यही समय है, सही समय है।

साथियों,
आज का भारत, सबसे युवा है। इसी युवा प्रेरणा से आज का भारत बड़े लक्ष्य तय करता है और उन्हें प्राप्त भी करता है। सोलर एनर्जी से जुड़े कितने ही लक्ष्य, Renewable Energy से जुड़े लक्ष्य भारत ने तय समय से पहले हासिल करके दिखाए हैं। भारत आज दुनिया को दिखा रहा है कि प्रकृति की रक्षा करते हुए भी विकास कैसे किया जा सकता है। आपने देखा है, भारत की रेलवे ने साल 2030 तक जीरो कार्बन एमिशन का लक्ष्य रखा है, भारत ने साल 2070 तक नेट जीरो का भी लक्ष्य रखा है। आज भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी पर अभूतपूर्व जोर दिया जा रहा है। बहुत ही जल्द भारतीय रेलवे का 100 परसेंट इलेक्ट्रिफिकेशन भी होने जा रहा है। इसी 22 जनवरी को सरकार ने सोलर से जुड़ी बड़ी योजना का ऐलान किया है, इस योजना के तहत देश के एक करोड़ घरों में सोलर रूफ टॉप लगाने का लक्ष्य रखा गया है। सरकार का प्रयास है कि हमारे गरीब साथियों का, हमारे मध्यम वर्ग के परिवारों का बिजली बिल तो कम हो ही, कुछ लोगों का तो जीरो भी हो जाएगा। वो सिर्फ बिल नहीं, अपने घर की छत पर जो बिजली पैदा करेंगे, वो बिजली सरकार खरीदेगी और ये परिवार बिजली बेचकर भी पैसे कमा सकें।

साथियों,
आज का भारत आप युवाओं को बड़ी आशाओं से देख रहा है। आप 21वीं सदी के युवा हैं। आपके पास हजारों साल की विरासत है और इंटरनेट एज में फ्यूचर अप्रोच को देखने का सामर्थ्य भी है। दुनिया में ऐसी कोई युवा पीढ़ी नहीं है जिसके पास रामायण और गीता की प्रेरणा और Artificial Intelligence पर काम करने का स्कोप, दोनों हो। आपके पास Tradition की भी ताकत है और Talent की भी ताकत है। आपके पास Inspiration भी है और Innovation भी है। आपके पास संभावनाओं का आसमान है। और साथियों, आपका सामर्थ्य और बढ़े, आपके हर सपने पूरे हों, इसके लिए हमारी सरकार दिन-रात काम कर रही है। और नवजवानों मोदी की गारंटी भी सुन लीजिए, आपके सपने ही मेरे संकल्प है। मेरी प्राथमिकता आप सभी युवा ही हैं। मैंने हमेशा देश के युवाओं पर सबसे अधिक विश्वास किया है। इस विश्वास के कारण सरकार ने ऐसे फैसले किए हैं, जो पहले की सरकारों में असंभव से लगते थे। हमारी सरकार ने आप सभी युवाओं के लिए ड्रोन से लेकर स्पेस सेक्टर तक को खोल दिया है। हमने स्टार्टअप नीति बनाकर आपके लिए बिजनेस के नए रास्ते बनाए हैं। हमने मुद्रा योजना के तहत आपको बिना गारंटी बैंक से लोन लेने की सुविधा दी है। आप लोन लीजिए गारंटी मोदी देगा। यूनिवर्सिटी में दाखिले के लिए कॉमन एडमिशन टेस्ट से लेकर फॉर्म अटेस्ट कराने से मुक्ति तक आपके लिए हर चीज आसान करने का काम हमारी सरकार ने किया है। स्पोर्ट्स सेक्टर में आपका टैलेंट आगे लाने के लिए खेलो इंडिया हो या इंटरनेट रिवॉल्यूशन के लिए डिजिटल इंडिया...सभी आपके लिए है। आज देश में एक से बढ़कर एक Higher Education के संस्थान खोले जा रहे हैं...आज देश में रिसर्च और इनोवशन के लिए युवाओं को सरकार हजारों करोड़ रुपए दे रही है... ये सब इसलिए है, क्योंकि सरकार आप पर विश्वास करती है, आपके लिए नए अवसर बनाना चाहती है। और अभी ये शुरुआत है। आज देश में पहले के मुकाबले दोगुनी-तीन गुनी तेजी से नए हाईवे बन रहे हैं, नए रेलवे रूट्स का निर्माण हो रहा है। आज भारत आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर जितना इंवेस्ट कर रहा है, उतना पहले कभी नहीं किया गया। आज देश में जो चारों तरफ इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट हो रहा है, उसका सबसे बड़ा फायदा भारत के युवाओं को ही मिलेगा। युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर बनेंगे, उनके लिए हर सेक्टर में नई-नई संभावनाएं बनेंगी। आज ये जो आधुनिक एक्सप्रेसवे बन रहे हैं, वो किसके लिए बन रहे हैं? – भारत के युवाओं के लिए। ये जो नई वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं, विस्टा डोम कोचेस शुरू हुए हैं, वो किसके लिए? – मेरे नौजवान साथियों आपके लिए। आपके लिए अगले कुछ वर्षों में भारत में बुलेट ट्रेन चलने जा रही है.....ये किसके लिए है? – भारत के युवाओं के लिए। भारत की कंपनियों ने जो हजार से भी ज्यादा नए एरोप्लेन्स का ऑर्डर दिया है, किसी एक देश ने हजार नये एयरोप्लेन का ऑर्डर, इस खबर से ही दुनिया को आश्चर्य होता है। ये भी रोजगार के नए अवसर..भारत के युवाओं के लिए ला रहा है। आज भारत के रेलवे स्टेशंस को आधुनिक बनाया जा रहा है...आज देश में एक से बढ़कर एक आधुनिक एयरपोर्ट्स बन रहे हैं... रीजनल कनेक्टिविटी से कम्यूनिकेशन कनेक्टिविटी तक, मोबाइल टावर से लेकर ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क तक, सेमीकंडक्टर पर मिशन से लेकर मिशन हाइड्रोजन तक, एविएशन सेक्टर से लेकर टूरिज्म सेक्टर तक, भारत में होता हर बदलाव नौजवान आपके लिए है। इन बदलावों का हर रास्ता, युवाओं के हित से होकर गुजरेगा। आपके लिए भारत में रोजगार के, स्वरोजगार के रिकॉर्ड नए अवसर बनने जा रहे हैं। राष्ट्र निर्माण से जुड़ी भारत के नौजवानों की हर आकांक्षा की पूर्ति के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। मैं देश के युवा वोटर्स को भी ये भरोसा दूंगा...सरकार युवाओं के हित में ऐसे ही फैसले लेती रहेगी और यही तो मोदी की गारंटी है।

साथियों,
मुझे खुशी है कि आज भारत का नौजवान, देश के समक्ष मौजूद चुनौतियों को अच्छी तरह समझ रहा है। इसलिए वो भ्रष्टाचार के खिलाफ है, वो परिवारवाद के खिलाफ है। परिवारवाद एक ऐसी बीमारी है, जो देश के युवाओं को आगे बढ़ने से रोकती है। आपने देखा है कि परिवारवादी पार्टियों में दूसरे युवा कभी आगे नहीं बढ़ पाते। परिवारवादी पार्टी के नेताओं की सोच ही युवा विरोधी होती है। इसलिए आपको अपने वोट की ताकत से ऐसी परिवारवादी पार्टियों को हराना है।

साथियों,
आज इस आयोजन में शामिल युवाओं की मैं इस बात के लिए और सराहना करना चाहता हूं। आपने अमृत महोत्सव के दौरान जनभागीदारी की अद्भुत मिसाल कायम की है। भारत के युवाओं ने जिस बड़ी सख्या में अमृत महोत्सव में हिस्सा लिया, वो अभूतपूर्व है। समाज के हित में कार्य के लिए आप जितना कार्य करेंगे, उतना ही देश का भी भला होगा। युवाओं के लिए देश में एक नया संगठन भी बनाया गया है- उस संगठन का नाम है मेरा युवा भारत, Mybharat। अभी इस युवा संगठन को बने तीन महीने भी नहीं हुए हैं और इससे एक करोड़ से ज्यादा युवा जुड़ चुके हैं। आप भी मेरा युवा भारत माय भारत संगठन से जरूर जुडिए। आप अपनी बात, अपने सुझाव, नमो ऐप के माध्यम से भी मुझ तक पहुंचाते रहिए। नमो ऐप पर आप मुझे, आने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी का घोषणापत्र, बेजेपी का मेनिफेस्टो, या यूं कहे बीजेपी का संकल्प पत्र कैसा होना चाहिए, खासकर युवाओं के लिए उसमें क्या होना चाहिए इससे जुड़े सुझाव भी आप जरूर भेज सकते हैं। मेरे हिसाब से तो आप वोट डालने जाए उससे पहले ही मैं आपकी भागीदारी चाहता हूं। आइए देश को बनाने के लिए आगे आइए..आप भागीदारी कीजिए... मैं चाहता हूं कि लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी के संकल्प पत्र में देश के ज्यादा से ज्यादा युवाओं की भागीदारी हो। भारत के युवा ही बीजेपी के संकल्प पत्र को गाइड करेंगे और आपके सुझावों में जो मुझे बहुत अच्छे लगेंगे, जो संभव लगेंगे, और जो मोदी की गारंटी होती है पूरा करने की, सिर्फ लिखने के लिए मैं नहीं लिखता, वो सुझाव देने वाले युवाओं से मैं मिलकर के भी विस्तार से बात करूंगा। कोई टीम उसको सेलेक्ट करेगी, आपके साथ बैठूंगा, गप्प-शप करूंगा, और अधिक जानने का प्रयास करूंगा।

साथियों,
आपने देखा होगा, देश के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार जी ने देश के युवाओं को बहुत ही अहम संदेश दिया है। उन्होंने कहा है कि हमारी मतदाता सूची एक जीवंत वाइब्रेंट तस्वीर के रूप में हमारे लोकतंत्र की समृद्धि विविधता को रिफ्लेक्ट करती है। उन्होंने विशेषकर शहर के लोगो को, युवाओं को ज्यादा से ज्यादा मतदान कर एक उदाहरण प्रस्तुत करने को कहा है। वाकई, आपका काम समाज को वोट के लिए जागरुक करने का भी है। इस बार आपको Let’s Vote के साथ, Lets make them vote पर भी काम करना है। आप सब सोशल मीडिया की जेनरेशन वाले लोग हैं। यानि, आप सब एक बड़ी Audience से सीधे कनेक्ट हो सकते हैं। जिनका नाम अब तक वोटर लिस्ट से छूटा हुआ है, उनका नाम भी आप लिस्ट में जरूर शामिल कराएं। कोशिश करिए, कोई भी ऐसा वोटर ना हो जो चुनाव में छूट जाए।

साथियों
युवा भारत की अमृत पीढ़ी के सामने तरक्की के जितने अवसर हैं, उतने पहले किसी पीढ़ी के पास नहीं थे। सारा विश्व आज आपकी ओर देख रहा है। जी-20 के सम्मेलन में भारत और भारतीयता की ये शक्ति पूरी दुनिया ने देखी है। हमें इस शक्ति के साथ आगे बढ़ना है और अपनी जिम्मेदारी भी समझनी है। आप आने वाले 25 वर्ष अपने कर्तव्यों के लिए पूरी शक्ति से काम करेंगे। इसी कामना, इसी विश्वास के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं।
आपको मेरी तरफ से, जीवन के एक नए कालखंड में आप प्रवेश कर रहे हैं तब, भारत के भाग्य लिखने वालों में आपकी भागीदारी बन रही है तब जितनी शुभकामनाएं दूं उतना ही कम है।
बहुत बहुत धन्यवाद, साथियों

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!