1.25 लाख से अधिक पीएम किसान समृद्धि केंद्र समर्पित किए
पीएम-किसान के अंतर्गत लगभग 17,000 करोड़ रुपये की 14वीं किस्त राशि जारी की
डिजिटल कॉमर्स के लिए ओपन नेटवर्क (ओएनडीसी) पर 1600 किसान उत्पादक संगठनों को शामिल किया
यूरिया गोल्ड- सल्फर लेपित यूरिया लॉन्च
5 नए मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन और 7 मेडिकल कॉलेजों की आधारशिला रखी
"केंद्र की सरकार किसानों की पीड़ा और आवश्यकताओं को समझती है"
"सरकार यूरिया के मूल्यों से किसानों को परेशान नहीं होने देगी। जब कोई किसान यूरिया खरीदने जाता है, तो उसे विश्वास होता है कि मोदी की गारंटी है"
"भारत केवल विकसित गांवों के साथ ही विकसित हो सकता है"
"राजस्थान में आधुनिक अवसंरचना निर्माण करना हमारी प्राथमिकता है"
"हम सब मिलकर राजस्थान के गौरव और विरासत को पूरे विश्व में एक नई पहचान देंगे"

राजस्थान के राज्यपाल श्रीमान कलराज मिश्र जी, केंद्रीय मंत्री श्री नरेंद्र सिंह जी तोमर, अन्‍य सभी मंत्रिगण, संसद में मेरे साथी गण, विधायक गण और अन्य सभी महानुभाव, और आज इस कार्यक्रम में देश के लाखों स्‍थानों पर करोड़ों किसान हमारे साथ जुड़े हैं। मैं राजस्थान की धरती से देश के उन करोड़ों किसानों को भी नमन करता हूं। और राजस्थान के मेरे प्यारे भाई-बहन भी आज इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम की शोभा बढ़ा रहे हैं।

खाटू श्याम जी की ये धरती देश भर के श्रद्धालुओं को भरोसा देती है, एक उम्मीद देती है। मेरा सौभाग्य है कि आज मुझे वीरों की भूमि शेखावाटी से, देश के लिए अनेक विकास परियोजनाओं को शुरू करने का अवसर मिला है। आज यहाँ से देश के करोड़ों किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि के लगभग 18 हजार करोड़ रुपये भेजे गए हैं। सीधे उनके बैंक खाते में जमा हुए हैं।

आज देश में सवा लाख पीएम किसान समृद्धि केंद्रों की शुरुआत की गई है। गांव और ब्लॉक लेवल पर बने इन पीएम किसान समृद्धि केंद्रों से करोड़ों किसानों को सीधा लाभ होगा। आज डेढ़ हजार से ज्यादा FPO के लिए, हमारे किसानों के लिए ‘ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स’ यानी ONDC का लोकार्पण भी हुआ है। इससे देश के किसी भी कोने में बैठे किसान के लिए अपनी उपज बाजार तक पहुंचाना और आसान हो जाएगा।

आज ही देश के किसानों के लिए एक नया ‘यूरिया गोल्ड’ भी शुरू किया गया है। इनके अलावा राजस्थान के अलग-अलग शहरों को नए मेडिकल कॉलेज और एकलव्य मॉडल स्कूल का उपहार भी मिला है। मैं देश के लोगों को, राजस्थान के लोगों को और खासकर मेरे किसान भाई-बहनों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं, बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

राजस्थान में सीकर और शेखावाटी का ये हिस्सा एक प्रकार से किसानों का गढ़ है। यहां के किसानों ने हमेशा ये साबित किया है कि उनकी मेहनत के आगे कुछ भी मुश्किल नहीं है। पानी की कमी के बावजूद यहां किसानों ने धरती से भरपूर फसल लेकर दिखाई है। किसान का सामर्थ्य, किसान का परिश्रम, मिट्टी से भी सोना निकाल देता है। और इसलिए हमारी सरकार देश के किसान के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।

साथियों,

आजादी के इतने दशक बाद आज देश में ऐसी सरकार आई है जो किसान का दुख-दर्द समझती है, किसान की चिंता समझती है। इसलिए बीते नौ वर्षों में भारत सरकार द्वारा लगातार किसान हित में फैसले लिए गए हैं। हमने बीज से बाजार तक किसानों के लिए नई व्‍यवस्‍थाओं का निर्माण किया है। मुझे याद है, यहां राजस्थान के सूरतगढ़ से ही हमने 2015 में सॉयल हेल्थ कार्ड योजना शुरू की थी। इस योजना के माध्यम से हमने देश के किसानों को करोड़ों सॉयल हेल्थ कार्ड दिए। इन कार्डों की वजह से आज किसानों को मिट्टी की सेहत के बारे में पता चल रहा है, वो उसी हिसाब से खाद का इस्तेमाल कर रहे हैं।

मुझे खुशी है कि आज फिर राजस्थान की धरती से किसानों के लिए एक और बड़ी योजना शुरू की जा रही है। आज देश भर में सवा लाख से ज्यादा प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र राष्ट्र को समर्पित किए गए हैं। ये सभी केंद्र सच्चे अर्थों में किसानों की समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेंगे। ये एक तरह से किसानों के लिए वन स्टॉप सेंटर हैं।

आप किसान भाई-बहनों को अक्सर खेती से जुड़े सामानों के लिए, दूसरी जरूरतों के लिए अलग-अलग जगहों पर जाना पड़ता है। अब आपको ऐसी मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ेगा। अब प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र, किसानों को वहां से बीज भी मिलेगा और खाद भी मिलेगा। इसके अलावा खेती से जुड़े औजारों और दूसरी मशीनें भी इस केंद्र पर मिला करेंगी। ये सेंटर खेती से जुड़ी हर आधुनिक जानकारी किसानों को देंगे। मैंने देखा है कि मेरे किसान भाई-बहनों को कई बार योजना की सही जानकारी न होने की वजह से भी मेरे किसान भाइयों-बहनों को बहुत नुकसान होता है। ये प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र अब किसानों को हर योजना की समय पर जानकारी का भी जरिया बनेंगे।

और साथियों,

ये तो अभी शुरुआत है। और मैं मेरे किसान भाइयों से आग्रह करता हूं आप भी ये आदत डालिए, भले ही आपको किसानी से लेकर कोई चीज खरीदनी नहीं है, लेकिन अगर आप बाजार में गए हैं, उस नगर में अगर किसान समृद्धि केंद्र है, कुछ भी नहीं खरीदना है तो भी वहां चक्कर काटिए। क्‍या चल रहा है जरा देखिए। आपने देखा होगा हमारी माताएं-बहने सब्जी लेने जाती हैं लेकिन अगर कहीं साड़ी की दुकान दिखाई दी, नहीं भी खरीदना होगा लेकिन चक्कर काटेंगी। नया क्या आया है, वैरायटी कौन सी आई है, जरूर देखेंगी। मेरे किसान भाई-बहन भी ऐसे ही थोड़ा सा समय निकाल कर आदत डालें कि जब भी गए हैं नगर में और वहां किसान समृद्धि केंद्र है, जरूर चक्कर काटेंगे, हर वैरायटी पर नजर डालेंगे, क्या नया आया है क्या नहीं, देखते रहेंगे। आप देखिए, बहुत बड़ा लाभ होगा। साथियों, इस साल के अंत तक देश में पौने दो लाख से ज्यादा प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र औऱ बनाए जाएंगे।

साथियों,

आज केंद्र में जो सरकार है, वो किसानों के खर्चे कम करने के लिए, उनके खर्चों में हाथ बंटाने के लिए पूरी ईमानदारी से काम कर रही है। पीएम किसान सम्मान निधि, दुनिया की सबसे बड़ी योजना है जिसमें किसानों के बैंक खातों में सीधे पैसे ट्रांसफर किए जाते हैं। आज की चौदहवीं किश्त को जोड़ दें तो अब तक 2 लाख 60 हजार करोड़ से भी ज्यादा रुपए किसानों के बैंक खातों में सीधे भेजे गए हैं। इन पैसों ने छोटे-छोटे अनेक खर्च निपटाने में किसानों की बड़ी मदद की है।

हमारी सरकार कैसे अपने किसान भाइयों के पैसे बचा रही है, इसका एक उदाहरण यूरिया की कीमतें भी हैं। और देशभर के किसान मुझे सुन रहे हैं, मेरी बात को ध्यान से सुनें। आप जानते हैं कोरोना की कितनी बड़ी भयंकर महामारी आई, उसके बाद रूस और यूक्रेन का युद्ध हो गया और इसके कारण बाजार में बहुत बड़ी उथल-पुथल हो गई। खास करके फर्टिलाइजर के क्षेत्र में तो तूफान मच गया। लेकिन इसका असर हमारी सरकार ने किसानों पर नहीं पड़ने दिया।

मैं देश के अपने हर किसान भाई-बहन को खाद कीमतों की ये सच्चाई बताना चाहता हूं। आज भारत में यूरिया की जो बोरी हम किसानों को दो सौ छियासठ रुपये में देते हैं उतना ही यूरिया हमारे पड़ोस में पाकिस्तान के किसानों को करीब-करीब आठ सौ रुपए में वो बोरा मिलता है। आज भारत में यूरिया की जो बोरी हम किसानों को दो सौ छियासठ रुपये में देते हैं उतना ही यूरिया बांग्लादेश के किसानों को वहां के बाजार में सात सौ बीस रुपए में मिलता है। आज भारत में यूरिया की जो बोरी हम किसानों को दो सौ छियासठ रुपये में देते हैं उतनी ही यूरिया की बोरी चीन में किसानों को 2100 रुपए में मिलती है। और आप जानते हैं, अमेरिका में यूरिया की यही बोरी आजकल कितने रुपए में मिल रही है? यूरिया की जिस बोरी के लिए आप तीन सौ रुपए से भी कम देते हैं उसी बोरी के लिए अमेरिका के किसानों को तीन हजार रुपए से ज्यादा खर्च करने पड़ते हैं। कहां तीन सौ और कहां तीन हजार।

हमारी सरकार, यूरिया की कीमतों की वजह से भारत के किसानों को परेशानी नहीं होने देगी। और इस सच्चाई को देश का किसान देख रहा है, हर दिन अनुभव कर रहा है। जब यूरिया खरीदने जाता है ना तो उसे पक्का विश्वास होता है कि ये मोदी की गारंटी है। गारंटी किसको कहते हैं वो किसान को पूछोगे तो पता चलेगा।

साथियों,

राजस्थान में आप सभी किसान, अपनी मेहनत से बाजरा जैसे मोटे अनाज उगाते हैं। और हमारे देश के अलग-अलग कोने में अलग-अलग प्रकार से मोटे अनाजों की खेती होती रहती है। अब हमारी सरकार ने मोटे अनाजों के लिए श्रीअन्न की उसे पहचान दी है। श्रीअन्‍न के नाम से सारे मोटे अनाज पहचाने जाएं, हमारी सरकार, भारत के मोटे अनाजों-श्रीअन्न को दुनिया के बड़े-बड़े बाजारों में ले जा रही है। सरकार के प्रयासों की वजह से अब देश में श्रीअन्न का उत्पादन, उनकी प्रोसेसिंग, उनका एक्सपोर्ट, सभी कुछ बढ़ रहा है। और मुझे पिछले दिनों अमेरिका में व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति बाइडन के निमंत्रण में भोजन के लिए जाने का अवसर आया। और मुझे खुशी हुई कि उस थाली में भी हमारे मोटे अनाज की डिश थी।

साथियों,

ये जो प्रयास चल रहे हैं इसका बहुत बड़ा लाभ हमारे देश के, हमारे राजस्थान के उन छोटे किसानों को भी हो रहा है जो मोटे अनाज-श्रीअन्न की खेती करते हैं। ऐसे कितने ही काम आज देश में हो रहे हैं जिनसे किसानों के जीवन में बहुत बड़ा बदलाव आ रहा है।

साथियों,

भारत का विकास तभी हो सकता है, जब भारत के गांवों का विकास हो। भारत विकसित भी तभी बन सकता है, जब भारत के गांव विकसित हों। इसलिए आज हमारी सरकार भारत के गावों में हर वो सुविधा पहुंचाने का काम कर रही है, जो शहरों में मिला करती है। आप सब जानते हैं कि एक समय था जब देश की एक बड़ी आबादी स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित रहती थी। यानी, करोड़ों करोड़ लोग हमेशा किस्मत के भरोसे अपना जीवन दांव पर लगाकर जीते थे। ये मान लिया गया था कि अच्छे अस्पताल तो दिल्ली-जयपुर में, या बड़े शहरों में ही होते हैं। हम इस स्थिति को भी बदल रहे हैं। आज देश के हर हिस्से में नए एम्स खुल रहे हैं, नए मेडिकल कॉलेज खुल रहे हैं।

हमारे इन प्रयासों का परिणाम है कि आज देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़कर 700 के पार हो गई है। 8-9 साल पहले राजस्थान में भी केवल 10 मेडिकल कॉलेज होते थे। आज राजस्थान में भी मेडिकल कॉलेजों की संख्या 35 हो गई है। इससे अपने ही जिले के आस-पास अच्छे इलाज की सुविधा तो हो ही रही है, इनसे पढ़ाई करके बड़ी संख्या में डॉक्टर भी निकल रहे हैं। ये डॉक्टर छोटे कस्बों और गाँवों में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था का आधार बन रहे हैं।

जैसे कि आज जो नए मेडिकल कॉलेज मिले हैं, इनसे बारां, बूंदी, टोंक, सवाई माधोपुर, करौली, झुंझनू, जैसलमेर, धौलपुर, चित्तौड़गढ़, सिरोही और सीकर समेत कई इलाकों को लाभ होगा। इलाज के लिए अब लोगों को जयपुर और दिल्ली के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। अब आपके घर के पास अच्छे अस्पताल भी होंगे, और गरीब का बेटा औऱ बेटी इन अस्पतालों में पढ़कर डॉक्टर भी बन पाएंगे। और साथियों, आपको पता है, हमारी सरकार ने मेडिकल की पढ़ाई को भी मातृभाषा में पढ़ाई कराने का रास्ता बना दिया है। अब ये नहीं होगा कि अंग्रेजी ना जानने की वजह से किसी गरीब का बेटा-बेटी डॉक्टर बनने से रुक जाए। और ये भी मोदी की गारंटी है।

भाइयों और बहनों,

दशकों तक हमारे गांव और गरीब इसलिए भी पीछे रह गए क्योंकि गांवों में पढ़ाई के लिए अच्छे स्कूल नहीं थे। पिछड़े और आदिवासी समाज के बच्चे सपने तो देखते थे, लेकिन उनके पास उन्हें पूरा करने का कोई रास्ता नहीं होता था। हमने शिक्षा के लिए बजट बहुत बड़ी मात्रा में बढ़ाया, संसाधनों को बढ़ाया, एकलव्य आदिवासी स्कूल खोले। इसका बहुत बड़ा लाभ हमारे आदिवासी युवाओं को मिला है।

साथियों,

सफलता तभी बड़ी होती है जब सपने बड़े होते हैं। राजस्थान तो देश का वो राज्य है जिसके वैभव ने सदियों तक दुनिया को हैरान किया है। हमें उस विरासत को संरक्षित करना है, और राजस्थान को आधुनिक विकास की ऊंचाई पर भी पहुंचाना है। इसीलिए, राजस्थान में आधुनिक इनफ्रास्ट्रक्चर बनाना ये हमारी प्राथमिकता है। राजस्थान में बीते कुछ महीनों में ही दो-दो हाइटेक एक्सप्रेसवे का लोकार्पण हुआ है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का एक प्रमुख सेक्शन और अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे के जरिए राजस्थान विकास की नई गाथा लिख रहा है। राजस्थान के लोगों को वंदेभारत ट्रेन की सौगात भी मिली है।

भारत सरकार आज जो इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश कर रही है, पर्यटन से जुड़ी हुई सुविधाओं का विकास कर रही है, उससे राजस्थान में भी नए अवसर बढ़ेंगे। जब आप ‘पधारो म्हारे देश’ कहकर पर्यटकों को बुलाएंगे तो एक्सप्रेसवे और अच्छी रेल सुविधाएं उनका स्वागत करेंगी।

हमारी सरकार ने स्वदेश दर्शन योजना के तहत खाटू श्याम जी मंदिर में भी सुविधाओं का विस्तार किया है। मुझे भरोसा है कि श्री खाटू श्याम के आशीर्वाद से राजस्थान के विकास को और भी गति मिलेगी। हम सब राजस्थान के गौरव और विरासत को पूरी दुनिया में नई पहचान देंगे।

साथियो,

राजस्थान के मुख्यमंत्री श्रीमान अशोक गहलोत जी कुछ दिनों से बीमार चल रहे हैं, उनके पैरों में कुछ तकलीफ है। आज इस कार्यक्रम में आने वाले थे लेकिन उस कठिनाई के कारण नहीं आ पाए हैं। मैं उनके उत्तम स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करता हूं और सारे राजस्थान को इन अनेक विद् नई सौगात के लिए देश के किसानों को इस महत्वपूर्ण व्‍यवस्‍थाओं को विकसित करने से उनको समर्पित करने के लिए मैं आज हृदय से बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देते हुए मेरी वाणी को विराम देता हूं।

बहुत-बहुत धन्यवाद !

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प्रधानमंत्री 24 नवंबर को 'ओडिशा पर्व 2024' में हिस्सा लेंगे
November 24, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi will participate in the ‘Odisha Parba 2024’ programme on 24 November at around 5:30 PM at Jawaharlal Nehru Stadium, New Delhi. He will also address the gathering on the occasion.

Odisha Parba is a flagship event conducted by Odia Samaj, a trust in New Delhi. Through it, they have been engaged in providing valuable support towards preservation and promotion of Odia heritage. Continuing with the tradition, this year Odisha Parba is being organised from 22nd to 24th November. It will showcase the rich heritage of Odisha displaying colourful cultural forms and will exhibit the vibrant social, cultural and political ethos of the State. A National Seminar or Conclave led by prominent experts and distinguished professionals across various domains will also be conducted.