प्रधानमंत्री सामाजिक उत्थान एवं रोजगार आधारित जनकल्याण (पीएम-सूरज) पोर्टल का शुभारंभ किया गया
वंचित वर्गों के 1 लाख उद्यमियों को ऋण सहायता स्वीकृत की गई
नमस्ते योजना के अंतर्गत सफाई मित्रों को आयुष्मान स्वास्थ्य कार्ड और पीपीई किट वितरित की गईं
"आज का अवसर वंचित वर्गों को प्राथमिकता देने की सरकार की प्रतिबद्धता की एक झलक प्रस्तुत करता है"
"वंचित लोगों तक लाभ पहुंचता देखकर मैं भावुक हो जाता हूं क्योंकि मैं उनसे अलग नहीं हूं और आप मेरा परिवार हैं"
"वंचित वर्गों के विकास के बिना वर्ष 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य प्राप्त नहीं किया जा सकता"
“मोदी की यह गारंटी है कि आने वाले 5 वर्षों में वंचित वर्ग के विकास और सम्मान का यह अभियान और तेज़ होगा, आपके विकास से हम विकसित भारत के सपने को साकार करेंगे”

नमस्‍कार,

सामाजिक न्याय मंत्री श्रीमान वीरेंद्र कुमार जी, देश के कोने-कोने से जुड़े सरकार की विभिन्न योजनाओं के लाभार्थी, हमारे सफाई-कर्मचारी भाई-बहन, अन्य सभी महानुभाव, देवियों और सज्जनों, आज इस कार्यक्रम में देश के करीब 470 जिलों के लगभग 3 लाख लोग सीधे जुड़े हुए हैं। मैं सभी का अभिनंदन करता हूं।

साथियों,

आज दलित, पिछड़े और वंचित समाज के कल्याण की दिशा में देश एक और बड़े अवसर का साक्षी बन रहा है। जब वंचितों को वरीयता की भावना हो तो कैसे काम होता है, वो इस आयोजन में दिखाई दे रहा है। आज वंचित वर्ग से जुड़े 1 लाख लाभार्थियों के खाते में 720 करोड़ रुपए की सहायता राशि सीधी-सीधी उनके बैंक एकाउंट में भेजी गई है। ये लाभार्थी 500 से ज्यादा जिलों में उपस्थित हैं।

पहले की सरकारों में ऐसा कोई सोच भी नहीं सकता था कि इधर बटन दबाया और उधर पैसे गरीबों के बैंक खातों में पहुंच गए। लेकिन ये मोदी की सरकार है ! गरीब के हक का पैसा, सीधा उसके बैंक खाते में पहुंचता है ! अभी मैंने सूरज पोर्टल भी लॉन्च किया है। इसके जरिए वंचित समुदाय के लोगों को अब सीधे आर्थिक सहायता दी जा सकती है। यानी, भारत सरकार की दूसरी योजनाओं की तरह ही विभिन्न अन्य योजनाओं का पैसा भी सीधे आपके खाते में पहुंचेगा। न कोई बीच का बिचौलिया, न कट न कमीशन और न ही किसी सिफारिश के लिए चक्‍कर काटने की जरूरत !

कठिन परिस्थितियों में काम करने वाले हमारे सीवर और सेप्टिक टैंक श्रमिकों को आज पीपीई किट्स और आयुष्मान हेल्थ कार्ड भी दिए जा रहे हैं। इन्हें और इनके परिवार को अब 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज सुनिश्चित हो गया है। ये लाभकारी योजनाएं उस सेवा अभियान का ही विस्तार है, जो हमारी सरकार 10 वर्षों से SC-ST और OBC और अन्य वंचित समाज के लिए चला रही है। मैं आप सभी को, और देशभर के सभी लाभार्थियों को इन योजनाओं के लिए बधाई देता हूं।

साथियों,

थोड़ी देर पहले मुझे कुछ लाभार्थियों से बात करने का अवसर भी मिला है। सरकार की योजनाएं किस तरह दलित, वंचित और पिछड़ा समाज तक पहुंच रही हैं, इन योजनाओं से किस तरह इनका जीवन बदल रहा है, ये सकारात्मक बदलाव मन को भी सुकून देता है, और व्यक्तिगत तौर पर मुझे भावुक भी करता है। मैं आप सबसे अलग नहीं हूं, मैं आप में ही अपना परिवार देखता हूं। इसीलिए, जब मुझे विपक्ष के लोग गाली देते हैं, जब ये लोग कहते हैं कि मोदी का कोई परिवार नहीं है, तो मुझे सबसे पहले आपकी ही याद आती है। जिसके पास आप जैसे भाई-बहन हैं, उसे कोई कैसे कह सकता है कि उसका कोई परिवार नहीं है। मेरे पास तो आप सबके रूप में करोड़ों दलितों, वंचितों और देशवासियों का परिवार है। मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं जब आप कहते हैं कि ‘मैं हूं मोदी का परिवार’।

साथियों,

हमने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का जो संकल्‍प किया है, लक्ष्य रखा है। और जो वर्ग दशकों तक वंचित रहा, उसके विकास के बिना भारत विकसित नहीं हो सकता है। कांग्रेस की सरकारों ने देश के विकास में वंचित वर्ग के महत्व को कभी समझा ही नहीं था, उनको परवाह ही नहीं थी। इन लोगों को कांग्रेस ने हमेशा सुविधाओं से वंचित रखा गया। देश के करोड़ों लोगों को उनके भाग्य के भरोसे छोड़ दिया गया। और दुर्भाग्‍य देखिए, ऐसा एक माहौल बन गया कि भई ये योजनाएं ये लाभ, ये जीवन तो उनके लिए है। हमारे लिए तो वही, हमें तो ऐसे ही मुसीबतों में जीना है, ये मानसिकता बन गई और इसके कारण सरकारों के खिलाफ शिकायत भी नहीं रही। मैंने उस मानसिक दीवार को तोड़ दिया है। अगर आज अच्‍छे घरों में गैस का चूल्‍हा होगा तो वंचित के घर में भी गैस का चूल्‍हा होगा। अगर अच्‍छे-अच्‍छे परिवारों के बैंक के खाते होंगे तो गरीब का, दलित का, पिछड़ों का, आदिवासी का, उसका भी बैंक खाता होगा।

साथियो,

इस वर्ग की कई पीढ़ियों ने अपना जीवन मूलभूत सुविधाएं जुटाने में ही गंवा दिया। 2014 में हमारी सरकार ने सबका साथ, सबका विकास के विजन के साथ काम करना शुरू किया। जिन लोगों ने सरकार से उम्मीद छोड़ दी थी, सरकार उनके पास पहुंची और देश के विकास में उन्हें भागीदार बनाया।

आप याद करिए साथियों, कितनी मुश्किल होती थी पहले राशन की दुकान से राशन पाने में। और ये मुसीबत कौन झेल रहा था, वो कौन लोग थे जिन्हें सबसे ज्यादा मुश्किल होती थी? ये मुसीबत झेलने वाले या तो हमारे दलित भाई-बहन होते थे, या हमारे पिछड़े भाई-बहन होते थे, या हमारे ओबीसी भाई-बहन होते थे या हमारे आदिवासी भाई-बहन होते थे। आज जब हम 80 करोड़ जरूरतमंदों को मुफ्त राशन देते हैं, तो उसका सबसे बड़ा लाभ जो हाशिए पर जिंदगी गुजारते थे, जो वंचित समाज है, उन्‍हीं को मिलता है।

आज जब हम 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की गारंटी देते हैं, तो सबसे बड़ी संख्या में इन्हीं भाइयों बहनों का जीवन बचता है, उन्‍हीं को मुसीबत में काम आता है। छप्पर, झोपड़ी और खुले में रहने को मजबूर हमारे दलित, आदिवासी, पिछड़ा परिवारों की संख्या ही सबसे ज्यादा है देश में क्‍योंकि भूतकाल में इन लोगों की किसी ने परवाह नहीं की।

मोदी ने दस वर्षों में करोड़ों पक्के मकान गरीबों को लिए बनाए हैं। मोदी ने करोड़ों घरों में शौचालय बनवाए। वो कौन परिवार थे जिनकी माताओं बहनों को खुले में शौच के लिए जाना पड़ता था? ये ही समाज सबसे ज्यादा ये पीड़ा भुगतता था। जो हमारे दलित, आदिवासी, ओबीसी, वंचित परिवार इनकी महिलाओं को ही सहना पड़ता था। आज उन्हें इज्जतघर मिला है, उन्हें उनका सम्मान मिला है।

साथियों,

आप भी जानते हैं कि गैस का चूल्हा पहले किन घरों में होता था। गैस का चूल्हा किसके पास नहीं होता था, सबको पता है। मोदी ने उज्ज्वला योजना चलाकर मुफ्त गैस कनेक्शन दिया। ये मुफ्त गैस कनेक्शन मोदी जो लाया वो किसको मिला? आप सभी मेरे वंचित भाई-बहनों को मिला है। आज मेरे वंचित वर्ग की माताओं बहनों को भी लकड़ी के धुएं से आज़ादी मिली है। अब हम इन योजनाओं में सैचुरेशन के लक्ष्य पर काम कर रहे हैं मतलब शत-प्रतिशत। अगर सौ लोगों को लाभ मिलना चाहिए तो सौ के सौ को मिलना ही चाहिए।

देश में बड़ी संख्या में घुमंतू और अर्ध-घुमंतू समुदाय के लोग भी हैं, उनके कल्याण के लिए भी तो कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। नमस्ते योजना के जरिए सफाई कर्मचारी भाई-बहनों का जीवन बेहतर हो रहा है। हम मैला ढोने की अमानवीय प्रथा को खत्म करने में भी सफल हो रहे हैं। हम इस दंश को झेलने वाले लोगों के लिए सम्मानजनक जीवन जीने की व्यवस्था भी बना रहे हैं। इस प्रयास के तहत लगभग 60 हजार लोगों को आर्थिक सहायता दी गई है।

साथियों,

SC-ST, OBC वंचित वर्ग को आगे लाने के लिए हमारी सरकार, हर तरह से प्रयास कर रही है। विभिन्न संस्थाओं से वंचित वर्ग को जो मदद मिलती है, इन 10 वर्षों में हमने उसे दोगुना किया है। अकेले इसी साल सरकार ने SC समाज के कल्याण के लिए करीब 1 लाख 60 हजार करोड़ रुपए दिये हैं। पिछली सरकार में लाखों करोड़ रुपए केवल घोटालों के नाम से सुनने में आते थे। हमारी सरकार ये पैसा दलित, वंचित के कल्याण के लिए, और देश के निर्माण के लिए खर्च कर रही है।

SC-ST और OBC समाज के युवाओं को मिलने वाली छात्रवृत्ति, यानी स्कॉलरशिप को भी बढ़ाया गया है। हमारी सरकार ने मेडिकल की सीटों में ऑल इंडिया कोटा में ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण को लागू किया। हमने NEET की परीक्षा में भी ओबीसी के लिए रास्ता बनाया। वंचित समुदाय के जो बच्चे विदेश जाकर मास्टर और पीएचडी डिग्री हासिल करना चाहते हैं, उन्हें नेशनल ओवरसीज स्कॉलरशिप से मदद मिल रही है।

साइंस से जुड़े विषयों में पीएचडी करने वाले छात्रों को आगे बढ़ाने के लिए नेशनल फेलोशिप की राशि भी बढ़ाई गई है। हमें इस बात का संतोष है कि हमारे प्रयासों से नेशनल कमीशन ऑफ बैकवर्ड क्लास को संवैधानिक दर्जा मिला है। हम इसे भी अपना सौभाग्य समझते हैं कि हमें बाबासाहेब आंबेडकर के जीवन से जुड़े पंच तीर्थों के विकास का अवसर मिला है।

साथियों,

वंचित वर्गो के युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार को भी भाजपा सरकार प्राथमिकता दे रही है। हमारी सरकार की मुद्रा योजना के तहत गरीबों को करीब 30 लाख करोड़ रुपए की मदद दी गई है। ये मदद पाने वाले ज्यादातर युवा एससी, एसटी और ओबीसी कैटेगरी के ही हैं। स्टैंडअप इंडिया योजना से SC और ST वर्ग में entrepreneurship को बढ़ावा मिला है। इस वर्ग को हमारे Venture Capital Fund Scheme से भी मदद मिली है। दलितों में Entrepreneurship को ध्यान में रखकर हमारी सरकार ने अंबेडकर सोशल इनोवेशन और इन्क्यूबेशन मिशन भी लॉन्च किया है।

साथियों,

हमारी सरकार की गरीब कल्याण की योजनाओं का सबसे बड़ा लाभ दलित, आदिवासी, ओबीसी या हमारे यहां हाशिए पर हैं, वंचित समाज है, उनको ही मिला है। लेकिन मोदी जब दलित, वंचित समाज की सेवा के लिए कुछ भी करता है, तो ये इंडी गठबंधन वाले लोग सबसे ज्यादा चिढ़ जाते हैं। कांग्रेस वाले कभी नहीं चाहते कि दलितों-पिछड़ों-आदिवासियों का जीवन आसान बने। वो तो आपको बस तरसाकर ही रखना चाहते हैं।

आप किसी भी योजना को देखिए, इन्होंने आपके लिए शौचालय बनवाने का मज़ाक उड़ाया। इन्होंने जनधन योजना और उज्ज्वला योजना का विरोध किया। जहां राज्यों में इनकी सरकारें हैं, कई योजनाओं को इन्होंने आज तक लागू नहीं होने दिया। ये जानते हैं कि दलित, वंचित पिछड़ा ये सारे समाज और वहां के युवा अगर आगे आएंगे तो इनकी परिवारवादी राजनीति की दुकान बंद हो जाएगी।

ये लोग सामाजिक न्याय का नारा देकर समाज को जातियों में तोड़ने का काम तो करते हैं, लेकिन असली सामाजिक न्याय का विरोध करते हैं। आप इनका ट्रैक रिकॉर्ड उठाकर देखिए, इसी कांग्रेस ने बाबा साहब अंबेडकर का विरोध किया था। इन्होंने लोहिया और बीपी मंडल का भी विरोध किया था। कर्पूरी ठाकुर जी का भी इन लोगों ने हमेशा निरादर किया। और जब हमने उन्हें भारत रत्न दिया, तो इंडी गठबंधन के लोगों ने उसका भी विरोध किया। अपने परिवार के लोगों को तो ये लोग खुद भारत रत्न देते थे। लेकिन, बाबा साहब को इन्होंने कई दशक तक भारत रत्न नहीं मिलने दिया था। उन्हें ये सम्मान भाजपा के समर्थन वाली सरकार ने दिया।

ये लोग कभी नहीं चाहते थे कि दलित समाज से आने वाले रामनाथ कोविंद जी और आदिवासी समाज से आने वाली महिला, बहन द्रौपदी मुर्मू जी राष्ट्रपति बनें। इन्हें चुनाव हरवाने के लिए इंडी गठबंधन के लोगों ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था। शीर्ष पदों पर वंचित वर्ग के लोग पहुंचे, इसके लिए भाजपा का प्रयास जारी रहेगा। ये वंचितों को सम्मान और न्याय दिलाने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

मोदी आपको ये गारंटी देता है, आने वाले 5 वर्षों में वंचित वर्ग के विकास और सम्मान का ये अभियान और तेज होगा। आपके विकास से हम विकसित भारत का सपना पूरा करेंगे। मैं फिर एक बार इतनी बड़ी तादाद में इतने स्‍थानों पर आ सबका इकट्ठा होना और वीडियो कांफ्रेंस के माध्‍यम से मुझे आपके दर्शन करने का अवसर मिला, ये अपने-आप में मेरे लिए सौभाग्‍य है। मैं आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

बहुत बहुत धन्यवाद॥

Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
Modi blends diplomacy with India’s cultural showcase

Media Coverage

Modi blends diplomacy with India’s cultural showcase
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
Text Of Prime Minister Narendra Modi addresses BJP Karyakartas at Party Headquarters
November 23, 2024
आज महाराष्ट्र ने विकास, सुशासन और सच्चे सामाजिक न्याय की जीत देखी है: पीएम मोदी
महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा को कांग्रेस और उसके सहयोगियों की कुल सीटों से कहीं ज़्यादा सीटें दी हैं: पीएम मोदी
महाराष्ट्र ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। यह पिछले 50 सालों में किसी भी पार्टी या चुनाव-पूर्व गठबंधन की सबसे बड़ी जीत है: पीएम मोदी
‘एक हैं तो सेफ हैं’ देश का ‘महामंत्र’ बन गया है: पार्टी मुख्यालय में भाजपा कार्यकर्ताओं से पीएम मोदी
महाराष्ट्र देश का छठा राज्य बन गया है जिसने लगातार तीसरी बार भाजपा को जनादेश दिया है: पीएम मोदी

जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।

जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...

आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

साथियों,

आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

साथियों,

ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।



साथियों,

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।

साथियों,

महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।

साथियों,

लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों,

इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।

साथियों,

देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।



साथियों,

महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।

साथियों,

भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।

साथियों,

सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।

साथियों,

कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।

साथियों,

एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।

साथियों,

कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।

साथियों,

जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।

साथियों,

आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।


साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।