Quoteआज मुझे पीएम-किसान की 19वीं किस्त जारी करने का सौभाग्य मिला, मुझे बेहद संतोष है कि ये योजना देशभर के हमारे छोटे किसानों के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध हो रही है: प्रधानमंत्री
Quoteमखाना विकास बोर्ड बनाने का हमारा कदम इसकी खेती करने वाले बिहार के किसानों के लिए अत्यंत लाभकारी होने वाला है, इससे मखाना के उत्पादन, प्रोसेसिंग, मूल्य संवर्धन और मार्केटिंग में बहुत मदद मिलने वाली है: प्रधानमंत्री
Quoteएनडीए सरकार ना होती, तो बिहार सहित देशभर के मेरे किसान भाई-बहनों को पीएम किसान सम्मान निधि ना मिलती, बीते 6 साल में इसका एक-एक पैसा सीधे हमारे अन्नदाताओं के खाते में पहुंचा है: प्रधानमंत्री
Quoteसुपरफूड मखाना हो या फिर भागलपुर का सिल्क, हमारा फोकस बिहार के ऐसे विशेष उत्पादों को दुनिया भर के बाजारों तक पहुंचाने पर है: प्रधानमंत्री
Quoteपीएम धन-धान्य योजना से न केवल कृषि में पिछड़े क्षेत्रों में फसलों के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि हमारे अन्नदाता भी और सशक्त होंगे: प्रधानमंत्री
Quoteआज बिहार की भूमि आज 10 हजारवें एफपीओ के निर्माण की साक्षी बनी है, इस अवसर पर देशभर के सभी किसान उत्पादक संघ के सदस्यों को बहुत-बहुत बधाई!: प्रधानमंत्री

भारत माता की जय,

अंगराज दानवीर कर्ण के धरती महर्षि मेंहीं के तपस्थली, भगवान वासुपूज्य के पंच कल्याणक भूमी, विश्व प्रसिद्ध विक्रमशिला महाविहार बाबा बूढ़ानाथ के पवित्र भूमी पे सब भाय बहिन सिनि के प्रणाम करै छियै।।

मंच पर विराजमान राज्यपाल, श्रीमान आरिफ मोहम्मद खान जी, बिहार के लोकप्रिय एवं बिहार के विकास के लिए समर्पित हमारे लाडले मुख्यमंत्री, नीतिश कुमार जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल में मेरे सहयोगी शिवराज सिंह चौहान जी, जीतन राम मांझी जी, ललन सिंह जी, गिरिराज सिंह जी, चिराग पासवान जी, राज्यमंत्री श्री रामनाथ ठाकुर जी, बिहार सरकार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी जी, विजय सिन्हा जी, राज्य के अन्य मंत्री एवं जनप्रतिनिधिगण, उपस्थित महानुभाव और बिहार के मेरे प्यारे भाइयों और बहनों।

आज हमारे साथ देश के कोने कोने में कई मुख्यमंत्री, कई मंत्री और करोड़ों – करोड़ों किसान भी आज इस कार्यक्रम में हमारे साथ जुड़े हुए हैं। मैं उन सबको भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

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साथियों,

महाकुंभ के समय में मंद्रांचल की इस धरती पर आना अपने आप में बड़ा सौभाग्य है। इस धरती में आस्था भी है, विरासत भी है और विकसित भारत का सामर्थ्य भी है। ये शहीद तिलका मांझी की धरती है, ये सिल्क सिटी भी है। बाबा अजगैबीनाथ की इस पावन धरा में इस समय महाशिवरात्री की भी खूब तैयारियां चल रही हैं। ऐसे पवित्र समय में मुझे पीएम किसान सम्मान निधि की एक और किस्त देश के करोड़ों किसानों को भेजने का सौभाग्य मिला है। करीब 22 हजार करोड़ रुपये एक क्लिक पर देशभर के किसानों के खाते में पहुंचे हैं। और जैसे ही अभी मैंने क्लिक दबाई, मैं देख रहा था यहां पर भी जो राज्यों के दृश्य दिख रहे थे, यहां भी कुछ लोगों की तरफ मेरी नजर गई, वो फटाफट अपने मोबाइल देख रहे थे, कि पैसा आया कि नहीं आया और तुरंत उनकी आंखों में चमक दिखाई देती थी।

साथियों,

आज जो किसान सम्मान निधि दी गई है, इसमें बिहार के भी 75 लाख से अधिक किसान परिवार हैं। बिहार के किसानों के खाते में आज सीधे करीब 1600 करोड़ रुपये उनके खाते में पहुंच चुके हैं। मैं बिहार और देश के सभी किसान परिवारों को बहुत बहुत शुभकामनाएं देता हूं, बधाई देता हूं।

साथियों,

मैंने लाल किले से कहा है कि विकसित भारत के चार मजबूत स्तंभ हैं। ये स्तंभ हैं- गरीब, हमारे अन्नदाता किसान, हमारे नौजवान, हमारे युवा और हमारे देश की नारीशक्ति। एनडीए सरकार चाहे केंद्र में हो, या फिर यहां नीतीश जी के नेतृत्व में चल रही सरकार हो, किसान कल्यान हमारी प्राथमिकता में है। बीते दशक में हमने किसानों की हर समस्या के समाधान के लिए पूरी शक्ति से काम किया है। किसान को खेती के लिए अच्छे बीज चाहिए, पर्याप्त और सस्ती खाद चाहिए, किसानों को सिंचाई की सुविधा चाहिए, पशुओं का बीमारी से बचाव चाहिए और आपदा के समय नुकसान से सुरक्षा चाहिए। पहले इन सभी पहलुओं को लेकर किसान संकट से घिरा रहता था। जो लोग पशुओं का चारा खा सकते हैं, वो इन स्थितियों को कभी भी नहीं बदल सकते। NDA सरकार ने इस स्थिति को बदला है। बीते वर्षों में हमने सैकड़ों आधुनिक किस्म के बीज किसानों को दिए। पहले यूरिया के लिए किसान लाठी खाता था और यूरिया की कालाबाजारी होती थी। आज देखिए, किसानों को पर्याप्त खाद मिलती है। हमने तो कोरोना के महासंकट में भी किसानों को खाद की कमी नहीं होने दी। आप कल्पना कर सकते हैं कि अगर NDA सरकार ना होती, क्या होता।

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साथियों,

अगर NDA सरकार ना होती तो, आज भी हमारे किसान भाई बहनों को खाद के लिए लाठियां खानी पड़ती। आज भी बरौनी खाद कारखाना बंद पड़ा होता। दुनिया के अनेक देशों में खाद की बोरी, जो 3 हज़ार रुपए की मिल रही है, वो आज हम किसानों को 300 रुपए से भी कम में देते हैं। NDA सरकार ना होती तो यूरिया की एक बोरी भी आपको 3 हजार रुपए की मिलती। हमारी सरकार किसानों के बारे में सोचती है, उनकी भलाई के लिए काम करती है, इसलिए यूरिया और DAP का जो पैसा किसानों को खर्च करना था, वो केंद्र सरकार खुद खर्च कर रही है। बीते 10 साल में करीब 12 लाख करोड़ रुपए, जो खाद खरीदने के लिए आपकी जेब से जाने थे, वो बच गए, वो केंद्र सरकार ने बजट में से दिए हैं। यानी, इतना सारा पैसा, 12 लाख करोड़ रुपया देश के करोड़ों किसानों की जेब में बचा है।

साथियों,

NDA सरकार ना होती, तो आपको पीएम किसान सम्मान निधि, ये भी नहीं मिलती। इस योजना को शुरु हुए अभी करीब 6 साल हुए हैं। अभी तक लगभग 3 लाख 70 हज़ार करोड़ रुपए सीधे किसानों के खातों में पहुंच चुके हैं। बीच में कोई बिचौलिया नहीं, कोई कटकी कंपनी नहीं, एक रुपया दिल्ली से निकले 100 पैसा सीधा पहुंचता है। ये आप जैसे छोटे किसान हैं, जिनको पहले सरकार की योजनाओं का पूरा लाभ नहीं मिल पाता था। छोटे किसानों का हक भी बिचौलिए हड़प कर लेते थे। लेकिन ये मोदी है, ये नीतीश जी हैं, जो किसानों के हक का किसी को नहीं खाने देंगे। जब ये कांग्रेस वाले, जंगलराज वाले सरकार में थे, तो इन लोगों ने खेती का कुल जितना बजट रखा था, उससे कई गुना ज्यादा पैसा तो हम सीधे आप किसानों के बैंक खातों में भेज चुके हैं। ये काम कोई भ्रष्टाचारी नहीं कर सकता है। ये काम वही सरकार कर सकती है, जो किसान कल्याण के लिए समर्पित है।

साथियों,

कांग्रेस हो, जंगलराज वाले हों, इनके लिए आप किसानों की तकलीफ भी कोई मायने नहीं रखती। पहले जब बाढ़ आती थी, सूखा पड़ता था, ओला पड़ता था, तो ये लोग किसानों को अपने हाल पर छोड़ देते थे। 2014 में जब आपने NDA को आशीर्वाद दिया, तो मैंने कहा, ऐसे नहीं चलेगा। NDA सरकार ने पीएम फसल बीमा योजना बनाई। इस योजना के तहत पौने 2 लाख करोड़ रुपए का क्लेम किसानों को आपदा के समय मिल चुका है।

साथियों,

जो भूमिहीन हैं, जो छोटे किसान हैं, उनकी आय को बढ़ाने में NDA सरकार पशुपालन को बढ़ावा दे रही है। पशुपालन, गांव में हमारी बहनों को लखपति दीदी बनाने में भी बहुत काम आ रहा है। देश में अभी तक करीब सवा करोड़ लखपति दीदी बन चुकी हैं। इनमें बिहार की भी हज़ारों जीविका दीदियां शामिल हैं। बीते दशक में भारत में दूध उत्पादन, 14 करोड़ टन से बढ़कर, ये याद रखिये, 10 साल में 14 करोड़ टन दूध उत्पादन से बढ़कर के 24 करोड़ टन दूध उत्पादन हो रहा है। यानी भारत ने दुनिया के नंबर वन दूध उत्पादक के रूप में अपनी भूमिका को और सशक्त किया है। इसमें बिहार की भी बहुत बड़ी भागीदारी रही है। आज बिहार में सहकारी दूध संघ, प्रति दिन 30 लाख लीटर दूध खरीदता है। इसके कारण हर साल, तीन हज़ार करोड़ रुपए से अधिक बिहार के पशुपालकों, हमारी माताओं-बहनों के खातों में पहुंच रहे हैं।

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साथियों,

मुझे खुशी है कि डेयरी सेक्टर को बढ़ावा देने के हमारे प्रयासों को राजीव रंजन जी, हमारे ललन सिंह जी बहुत ही कुशलता के साथ आगे बढ़ा रहे हैं। इनके प्रयासों से यहां बिहार में, दो परियोजनाएं तेज़ी से पूरी हो रही हैं। मोतिहारी का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, बेहतरीन देसी नस्ल की गायों के विकास में मदद करेगा। दूसरा, बरौनी का मिल्क प्लांट है। इससे क्षेत्र के 3 लाख किसानों को फायदा होगा, नौजवानों को रोजगार मिलेगा।

साथियों,

हमारे जो नाविक साथी हैं, जो मछुआरे साथी हैं, इनको पहले की सरकारों ने कोई फायदा नहीं दिया। हमने पहली बार मछली पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी है। ऐसे ही प्रयासों से आज मछली उत्पादन में बिहार शानदार प्रदर्शन कर रहा है। और अभी जैसे मुख्यमंत्री जी ने बताया, पहले मछली हम बाहर से लाते थे और आज मछली में बिहार आत्मनिर्भर बन गया है। और मुझे याद है, 2014 के पहले 2013 में जब मैं चुनाव अभियान के लिए आया था, तब मैंने कहा था कि मुझे आश्चर्य हो रहा है, कि बिहार में इतना पानी है, मछली हम बाहर से क्यों लाते हैं। आज मुझे संतोष है कि बिहार के लोगों की मछली की जरूरत, बिहार में ही पूरी हो रही है। 10 साल पहले बिहार मछली उत्पादन में देश के 10 राज्यों में से एक था। आज बिहार, देश के टॉप-5 बड़े मछली उत्पादक राज्यों में से एक बन चुका है। फिशरीज़ सेक्टर पर हमारे फोकस का बहुत बड़ा फायदा हमारे छोटे किसानों को हुआ है, मछुआरे साथियों को हुआ है। भागलपुर की पहचान तो गंगा जी में रहने वाली डॉल्फिन से भी होती रही है। ये नमामि गंगे अभियान की भी बहुत बड़ी सफलता है।

साथियों,

बीते वर्षों में सरकार के प्रयासों से भारत का कृषि निर्यात बहुत अधिक बढ़ा है। इससे किसानों को उनकी उपज की ज्यादा कीमत मिलने लगी है। कई कृषि उत्पाद ऐसे हैं, जिनका पहली बार निर्यात शुरु हुआ है, एक्सपोर्ट हो रहा है। अब बारी बिहार के मखाना की है। मखाना आज देश के शहरों में सुबह के नाश्ते का प्रमुख अंग हो चुका है। मैं भी 365 दिन में से 300 दिन तो ऐसे होंगे, कि मैं मखाना जरूर खाता हूं। ये एक सुपरफूड है, जिसे अब दुनिया के बाज़ारों तक पहुंचाना है। इसलिए, इस वर्ष के बजट में मखाना किसानों के लिए मखाना बोर्ड बनाने का ऐलान किया गया है। ये मखाना बोर्ड, मखाना उत्पादन, प्रोसेसिंग,वैल्यू एडिशन, और मार्केटिंग, ऐसे हर पहलू में बिहार के मेरे किसानों की मदद करेगा।

साथियों,

बजट में बिहार के किसानों और नौजवानों के लिए एक और बड़ी घोषणा भी की गई है। पूर्वी भारत में फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए बिहार एक बड़े केंद्र के रूप में उभरने वाला है। बिहार में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फूड टेक्नॉलॉजी एंड आंत्रप्रन्योरशिप की स्थापना की जाएगी। यहां बिहार में कृषि के क्षेत्र में तीन नए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस भी स्थापित किए जाएंगे। इनमें से एक हमारे भागलपुर में ही स्थापित होगा। यह सेंटर, आम की जर्दालू किस्म पर फोकस करेगा। दो और केंद्र, मुंगेर और बक्सर में बनाए जाएंगे। जो टमाटर,प्याज और आलू किसानों को मदद देंगे। यानी किसान हित के निर्णय लेने में हम कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहे।

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साथियों,

आज भारत, कपड़े का भी बहुत बड़ा निर्यातक बन रहा है। देश में कपड़ा उद्योग को बल देने के लिए अनेक कदम उठाए जा रहे हैं। भागलपुर में तो कहा जाता है कि यहां पेड़ भी सोना उगलते हैं। भागलपुरी सिल्क, टसर सिल्क, पूरे हिंदुस्तान में मशहूर है। दुनिया के दूसरे देशों में भी टसर सिल्क की डिमांड लगातार बढ़ रही है। केंद्र सरकार, रेशम उद्योग को बढ़ावा देने के लिए, फेब्रिक और यार्न डाइंग यूनिट, फेब्रिक प्रिंटिंग यूनिट, फेब्रिक प्रोसेसिंग यूनिट, ऐसे इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण पर बहुत जोर दे रही है। इससे भागलपुर के बुनकर साथियों को आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी और उनके उत्पाद दुनिया के कोने-कोने में पहुंच पाएंगे।

साथियों,

बिहार की एक और बहुत बड़ी समस्या का समाधान NDA सरकार कर रही है। नदियों पर पर्याप्त पुल ना होने के कारण बिहार को अनेक समस्याएं होती हैं। आपको आने-जाने में दिक्कत ना हो, इसके लिए हम तेजी से काम कर रहे हैं, अनेकों पुल बनवा रहे हैं। यहां गंगा जी पर चार लेन के पुल के निर्माण का भी तेजी से काम चल रहा है। इस पर 1100 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए जा रहे हैं।

साथियों,

बिहार में बाढ़ से भी बहुत नुकसान होता है। इसके लिए भी हमारी सरकार ने हजारों करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स स्वीकृत किए हैं। इस वर्ष के बजट में तो पश्चिमी कोशी नहर ईआरएम परियोजना के लिए मदद देने की घोषणा की गई है। इस परियोजना से मिथिलांचल क्षेत्र में 50 हज़ार हेक्टेयर भूमि सिंचाई के दायरे में आएगी। इससे लाखों किसान परिवारों को लाभ होगा।

साथियों,

NDA सरकार, किसानों की आय बढ़ाने के लिए अलग-अलग स्तर पर काम कर रही है। भारत में उत्पादन बढ़े, दलहन और तिलहन में हम आत्मनिर्भर हों, यहां ज्यादा से ज्यादा फूड प्रोसेसिंग उद्योग लगें, और हमारे किसानों के उत्पाद दुनिया भर तक पहुंचें, इसके लिए सरकार एक के बाद एक नए कदम उठा रही है। मेरा तो सपना है कि दुनिया की हर रसोई में भारत के किसान का उगाया कोई ना कोई उत्पाद होना ही चाहिए। इस वर्ष के बजट ने भी इसी विजन को आगे बढ़ाया है। बजट में एक बहुत ही बड़ी पीएम धन धान्य योजना की घोषणा की गई है। इसके तहत देश के 100 ऐसे जिलों की पहचान की जाएगी, जहां सबसे कम फसल उत्पादन होती है। फिर ऐसे जिलों में खेती को बढ़ावा देने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। दलहन में आत्मनिर्भरता के लिए भी मिशन मोड पर काम किया जाएगा। किसान ज्यादा से ज्यादा दालें उगाएं, इसके लिए किसानों को प्रोत्साहन मिलेगा। दालों की MSP पर खरीद को और अधिक बढ़ाया जाएगा।

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साथियों,

आज का दिन, एक और वजह से बहुत खास है। हमारी सरकार ने देश में 10 हजार FPO’s- किसान उत्पादक संघ बनाने का बड़ा लक्ष्य रखा था। आज मुझे ये बताते हुए खुशी है कि देश ने इस लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है। आज बिहार की भूमि 10 हजारवें FPO के निर्माण की साक्षी बन रही है। मक्का, केला और धान पर काम करने वाला ये FPO खगड़िया जिला में रजिस्टर हुआ है। FPO सिर्फ एक संगठन नहीं होता, ये किसानों की आय बढ़ाने वाली अभूतपूर्व शक्ति है। FPO की ये शक्ति छोटे-छोटे किसानों को बाजार के बड़े लाभ सीधे उपलब्ध कराती है। FPO के जरिए आज तमाम ऐसे अवसर हमारे किसान भाइयों-बहनों को सीधे मिल रहे हैं, जो पहले उपलब्ध नहीं थे। आज देश के करीब 30 लाख किसान FPO’s-से जुड़े हैं। और बड़ी बात ये कि इसमें करीब 40 प्रतिशत हमारी बहनें हैं। ये FPO’s- आज कृषि क्षेत्र में हजारों करोड़ रुपए का कारोबार करने लगे हैं। मैं सभी 10 हजार FPO’s के सदस्यों को भी बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

NDA सरकार, बिहार के औद्योगिक विकास पर भी उतना ही बल दे रही है। बिहार सरकार भागलपुर में जो बहुत बड़ा बिजली कारखाना लगा रही है, उसको कोयले की भरपूर आपूर्ति की जाएगी। इसके लिए केंद्र सरकार ने coal linkage को स्वीकृति दे दी है। मुझे पूरा भरोसा है कि यहां पैदा होने वाली बिजली, बिहार के विकास को नई ऊर्जा देगी। इससे बिहार के नौजवानों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।

साथियों,

पूर्वोदय से ही विकसित भारत का उदय होगा। और हमारा बिहार पूर्वी भारत का सबसे अहम स्तंभ है। बिहार, भारत की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। कांग्रेस-RJD के लंबे कुशासन ने बिहार को बर्बाद किया, बिहार को बदनाम किया। लेकिन अब विकसित भारत में बिहार का वही स्थान होगा, जो प्राचीन समृद्ध भारत में पाटलिपुत्र का था। इसके लिए हम सभी मिलकर निरंतर प्रयास कर रहे हैं। बिहार में आधुनिक कनेक्टिविटी के लिए, सड़कों के नेटवर्क के लिए, जन कल्याण की योजनाओं के लिए, NDA सरकार प्रतिबद्ध होकर काम कर रही है। मुंगेर से भागलपुर होते हुए मिर्जा चौकी तक करीब 5 हजार करोड़ रुपए की लागत से नया हाईवे भी बनाने का काम शुरू हो रहा है। भागलपुर से अंशडीहा तक फोर लेन सड़क को चौड़ा करने का काम भी शुरू होने जा रहा है। भारत सरकार ने विक्रमशिला से कटारिया तक नई रेल लाइन और रेल पुल को भी स्वीकृति दे दी है।

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साथियों,

हमारा ये भागलपुर, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण रहा है। विक्रमशिला विश्वविद्यालय के कालखंड में ये वैश्विक ज्ञान का केंद्र हुआ करता था। हम नालंदा विश्वविद्यालय के प्राचीन गौरव को आधुनिक भारत से जोड़ने का काम शुरु कर चुके हैं। नालंदा विश्वविद्यालय के बाद अब विक्रमशिला में भी सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनाई जा रही है। जल्द ही केंद्र सरकार इस पर काम शुरु करने वाली है। मैं नीतीश जी, विजय जी, सम्राट जी सहित बिहार सरकार की पूरी टीम को बधाई देता हूं। आप इस प्रोजेक्ट से जुड़ी ज़रूरतों को पूरा करने में तेज़ी से जुटे हैं।

साथियों,

NDA सरकार, भारत की गौरवशाली विरासत के संरक्षण और वैभवशाली भविष्य के निर्माण के लिए एक साथ काम कर रही है। लेकिन ये जो जंगलराज वाले हैं, इनको हमारी धरोहर से, हमारी आस्था से नफरत है। इस समय, प्रयागराज में एकता का महाकुंभ चल रहा है। ये भारत की आस्था का, भारत की एकता और समरसता का, सबसे बड़ा महोत्सव है। पूरे यूरोप की जितनी जनसंख्या है, उससे भी बहुत ज्यादा लोग अब तक एकता के इस महाकुंभ में डूबकी लगा चुके हैं, स्नान कर चुके हैं। बिहार से भी गांव-गांव से श्रद्धालु एकता के इस महाकुंभ से होकर आ रहे हैं। लेकिन ये जंगलराज वाले महाकुंभ को ही गाली दे रहे हैं, महाकुंभ को लेकर भद्दी-भद्दी बातें कर रहे हैं। राम मंदिर से चिढ़ने वाले ये लोग महाकुंभ को भी कोसने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। मैं जानता हूं, महाकुंभ को गाली देने वाले ऐसे लोगों को बिहार कभी भी माफ नहीं करेगा।

साथियों,

बिहार को समृद्धि के नए पथ पर ले जाने के लिए हम दिन रात ऐसे ही मेहनत करते रहेंगे। एक बार फिर, देश के किसानों को और बिहार वासियों को बहुत-बहुत बधाई। मेरे साथ बोले–

भारत माता की जय !

भारत माता की जय !

बहुत-बहुत धन्यवाद।

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प्रधानमंत्री मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन
May 12, 2025
QuoteToday, every terrorist knows the consequences of wiping Sindoor from the foreheads of our sisters and daughters: PM
QuoteOperation Sindoor is an unwavering pledge for justice: PM
QuoteTerrorists dared to wipe the Sindoor from the foreheads of our sisters; that's why India destroyed the very headquarters of terror: PM
QuotePakistan had prepared to strike at our borders,but India hit them right at their core: PM
QuoteOperation Sindoor has redefined the fight against terror, setting a new benchmark, a new normal: PM
QuoteThis is not an era of war, but it is not an era of terrorism either: PM
QuoteZero tolerance against terrorism is the guarantee of a better world: PM
QuoteAny talks with Pakistan will focus on terrorism and PoK: PM

प्रिय देशवासियों,

नमस्कार!

हम सभी ने बीते दिनों में देश का सामर्थ्य और उसका संयम दोनों देखा है। मैं सबसे पहले भारत की पराक्रमी सेनाओं को, सशस्त्र बलों को, हमारी खुफिया एजेंसियों को, हमारे वैज्ञानिकों को, हर भारतवासी की तरफ से सैल्यूट करता हूं। हमारे वीर सैनिकों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए असीम शौर्य का प्रदर्शन किया। मैं उनकी वीरता को, उनके साहस को, उनके पराक्रम को, आज समर्पित करता हूं- हमारे देश की हर माता को, देश की हर बहन को, और देश की हर बेटी को, ये पराक्रम समर्पित करता हूं।

साथियों,

22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादियों ने जो बर्बरता दिखाई थी, उसने देश और दुनिया को झकझोर दिया था। छुट्टियां मना रहे निर्दोष-मासूम नागरिकों को धर्म पूछकर, उनके परिवार के सामने, उनके बच्चों के सामने, बेरहमी से मार डालना, ये आतंक का बहुत विभत्स चेहरा था, क्रूरता थी। ये देश के सद्भाव को तोड़ने की घिनौनी कोशिश भी थी। मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से ये पीड़ा बहुत बड़ी थी। इस आतंकी हमले के बाद सारा राष्ट्र, हर नागरिक, हर समाज, हर वर्ग, हर राजनीतिक दल, एक स्वर में, आतंक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए उठ खड़ा हुआ। हमने आतंकवादियों को मिट्टी में मिलाने के लिए भारत की सेनाओं को पूरी छूट दे दी। और आज हर आतंकी, आतंक का हर संगठन जान चुका है कि हमारी बहनों-बेटियों के माथे से सिंदूर हटाने का अंजाम क्या होता है।

साथियों,

‘ऑपरेशन सिंदूर’ ये सिर्फ नाम नहीं है, ये देश के कोटि-कोटि लोगों की भावनाओं का प्रतिबिंब है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ न्याय की अखंड प्रतिज्ञा है। 6 मई की देर रात, 7 मई की सुबह, पूरी दुनिया ने इस प्रतिज्ञा को परिणाम में बदलते देखा है। भारत की सेनाओं ने पाकिस्तान में आतंक के ठिकानों पर, उनके ट्रेनिंग सेंटर्स पर सटीक प्रहार किया। आतंकियों ने सपने में भी नहीं सोचा था कि भारत इतना बड़ा फैसला ले सकता है। लेकिन जब देश एकजुट होता है, Nation First की भावना से भरा होता है, राष्ट्र सर्वोपरि होता है, तो फौलादी फैसले लिए जाते हैं, परिणाम लाकर दिखाए जाते हैं।

जब पाकिस्तान में आतंक के अड्डों पर भारत की मिसाइलों ने हमला बोला, भारत के ड्रोन्स ने हमला बोला, तो आतंकी संगठनों की इमारतें ही नहीं, बल्कि उनका हौसला भी थर्रा गया। बहावलपुर और मुरीदके जैसे आतंकी ठिकाने, एक प्रकार से ग्लोबल टैररिज्म की यूनिवर्सटीज रही हैं। दुनिया में कहीं पर भी जो बड़े आतंकी हमले हुए हैं, चाहे नाइन इलेवन हो, चाहे लंदन ट्यूब बॉम्बिंग्स हो, या फिर भारत में दशकों में जो बड़े-बड़े आतंकी हमले हुए हैं, उनके तार कहीं ना कहीं आतंक के इन्हीं ठिकानों से जुड़ते रहे हैं। आतंकियों ने हमारी बहनों का सिंदूर उजाड़ा था, इसलिए भारत ने आतंक के ये हेडक्वार्ट्स उजाड़ दिए। भारत के इन हमलों में 100 से अधिक खूंखार आतंकवादियों को मौत के घाट उतारा गया है। आतंक के बहुत सारे आका, बीते ढाई-तीन दशकों से खुलेआम पाकिस्तान में घूम रहे थे, जो भारत के खिलाफ साजिशें करते थे, उन्हें भारत ने एक झटके में खत्म कर दिया।

साथियों,

भारत की इस कार्रवाई से पाकिस्तान घोर निराशा में घिर गया था, हताशा में घिर गया था, बौखला गया था, और इसी बौखलाहट में उसने एक और दुस्साहस किया। आतंक पर भारत की कार्रवाई का साथ देने के बजाय पाकिस्तान ने भारत पर ही हमला करना शुरू कर दिया। पाकिस्तान ने हमारे स्कूलों-कॉलेजों को, गुरुद्वारों को, मंदिरों को, सामान्य नागरिकों के घरों को निशाना बनाया, पाकिस्तान ने हमारे सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया, लेकिन इसमें भी पाकिस्तान खुद बेनकाब हो गया।

दुनिया ने देखा कि कैसे पाकिस्तान के ड्रोन्स और पाकिस्तान की मिसाइलें, भारत के सामने तिनके की तरह बिखर गईं। भारत के सशक्त एयर डिफेंस सिस्टम ने, उन्हें आसमान में ही नष्ट कर दिया। पाकिस्तान की तैयारी सीमा पर वार की थी, लेकिन भारत ने पाकिस्तान के सीने पर वार कर दिया। भारत के ड्रोन्स, भारत की मिसाइलों ने सटीकता के साथ हमला किया। पाकिस्तानी वायुसेना के उन एयरबेस को नुकसान पहुंचाया, जिस पर पाकिस्तान को बहुत घमंड था। भारत ने पहले तीन दिनों में ही पाकिस्तान को इतना तबाह कर दिया, जिसका उसे अंदाजा भी नहीं था।

इसलिए, भारत की आक्रामक कार्रवाई के बाद, पाकिस्तान बचने के रास्ते खोजने लगा। पाकिस्तान, दुनिया भर में तनाव कम करने की गुहार लगा रहा था। और बुरी तरह पिटने के बाद इसी मजबूरी में 10 मई की दोपहर को पाकिस्तानी सेना ने हमारे DGMO को संपर्क किया। तब तक हम आतंकवाद के इंफ्रास्ट्रक्चर को बड़े पैमाने पर तबाह कर चुके थे, आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया गया था, पाकिस्तान के सीने में बसाए गए आतंक के अड्डों को हमने खंडहर बना दिया था, इसलिए, जब पाकिस्तान की तरफ से गुहार लगाई गई, पाकिस्तान की तरफ से जब ये कहा गया, कि उसकी ओर से आगे कोई आतंकी गतिविधि और सैन्य दुस्साहस नहीं दिखाया जाएगा। तो भारत ने भी उस पर विचार किया। और मैं फिर दोहरा रहा हूं, हमने पाकिस्तान के आतंकी और सैन्य ठिकानों पर अपनी जवाबी कार्रवाई को अभी सिर्फ स्थगित किया है। आने वाले दिनों में, हम पाकिस्तान के हर कदम को इस कसौटी पर मापेंगे, कि वो क्या रवैया अपनाता है।

साथियों,

भारत की तीनों सेनाएं, हमारी एयरफोर्स, हमारी आर्मी, और हमारी नेवी, हमारी बॉर्डर सेक्योरिटी फोर्स- BSF, भारत के अर्धसैनिक बल, लगातार अलर्ट पर हैं। सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक के बाद, अब ऑपरेशन सिंदूर आतंक के खिलाफ भारत की नीति है। ऑपरेशन सिंदूर ने आतंक के खिलाफ लड़ाई में एक नई लकीर खींच दी है, एक नया पैमाना, न्यू नॉर्मल तय कर दिया है।

पहला- भारत पर आतंकी हमला हुआ तो मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। हम अपने तरीके से, अपनी शर्तों पर जवाब देकर रहेंगे। हर उस जगह जाकर कठोर कार्यवाही करेंगे, जहां से आतंक की जड़ें निकलती हैं। दूसरा- कोई भी न्यूक्लियर ब्लैकमेल भारत नहीं सहेगा। न्यूक्लियर ब्लैकमेल की आड़ में पनप रहे आतंकी ठिकानों पर भारत सटीक और निर्णायक प्रहार करेगा।

तीसरा- हम आतंक की सरपरस्त सरकार और आतंक के आकाओं को अलग-अलग नहीं देखेंगे। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, दुनिया ने, पाकिस्तान का वो घिनौना सच फिर देखा है, जब मारे गए आतंकियों को विदाई देने, पाकिस्तानी सेना के बड़े-बड़े अफसर उमड़ पड़े। स्टेट स्पॉन्सरड टेरेरिज्म का ये बहुत बड़ा सबूत है। हम भारत और अपने नागरिकों को किसी भी खतरे से बचाने के लिए लगातार निर्णायक कदम उठाते रहेंगे।

साथियों,

युद्ध के मैदान पर हमने हर बार पाकिस्तान को धूल चटाई है। और इस बार ऑपरेशन सिंदूर ने नया आयाम जोड़ा है। हमने रेगिस्तानों और पहाड़ों में अपनी क्षमता का शानदार प्रदर्शन किया, और साथ ही, न्यू एज वॉरफेयर में भी अपनी श्रेष्ठता सिद्ध की। इस ऑपरेशन के दौरान, हमारे मेड इन इंडिया हथियारों की प्रमाणिकता सिद्ध हुई। आज दुनिया देख रही है, 21वीं सदी के वॉरफेयर में मेड इन इंडिया डिफेंस इक्विपमेंट्स, इसका समय आ चुका है।

साथियों,

हर प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ हम सभी का एकजुट रहना, हमारी एकता, हमारी सबसे बड़ी शक्ति है। निश्चित तौर पर ये युग युद्ध का नहीं है, लेकिन ये युग आतंकवाद का भी नहीं है। टैररिज्म के खिलाफ जीरो टॉलरेंस, ये एक बेहतर दुनिया की गारंटी है।

साथियों,

पाकिस्तानी फौज, पाकिस्तान की सरकार, जिस तरह आतंकवाद को खाद-पानी दे रहे है, वो एक दिन पाकिस्तान को ही समाप्त कर देगा। पाकिस्तान को अगर बचना है तो उसे अपने टैरर इंफ्रास्ट्रक्चर का सफाया करना ही होगा। इसके अलावा शांति का कोई रास्ता नहीं है। भारत का मत एकदम स्पष्ट है, टैरर और टॉक, एक साथ नहीं हो सकते, टैरर और ट्रेड, एक साथ नहीं चल सकते। और, पानी और खून भी एक साथ नहीं बह सकता।

मैं आज विश्व समुदाय को भी कहूंगा, हमारी घोषित नीति रही है, अगर पाकिस्तान से बात होगी, तो टेरेरिज्म पर ही होगी, अगर पाकिस्तान से बात होगी, तो पाकिस्तान ऑक्यूपाइड कश्मीर, PoK उस पर ही होगी।

प्रिय देशवासियों,

आज बुद्ध पूर्णिमा है। भगवान बुद्ध ने हमें शांति का रास्ता दिखाया है। शांति का मार्ग भी शक्ति से होकर जाता है। मानवता, शांति और समृद्धि की तरफ बढ़े, हर भारतीय शांति से जी सके, विकसित भारत के सपने को पूरा कर सके, इसके लिए भारत का शक्तिशाली होना बहुत जरूरी है, और आवश्यकता पड़ने पर इस शक्ति का इस्तेमाल भी जरूरी है। और पिछले कुछ दिनों में, भारत ने यही किया है।

मैं एक बार फिर भारत की सेना और सशस्त्र बलों को सैल्यूट करता हूं। हम भारतवासी के हौसले, हर भारतवासी की एकजुटता का शपथ, संकल्प, मैं उसे नमन करता हूं।

बहुत-बहुत धन्यवाद।

भारत माता की जय !!!

भारत माता की जय !!!

भारत माता की जय !!!