कांग्रेस ने राजस्थान को महिलाओं के खिलाफ अपराध में नंबर 1 बना दिया है: पीएम मोदी
दलितों के खिलाफ अत्याचार करने वालों को देखकर कांग्रेस आंखों पर पट्टी बांध लेती है: पीएम मोदी
कांग्रेस सरकार के लिए भ्रष्टाचार ही सबसे बड़ी प्राथमिकता है: पाली में पीएम मोदी

भारत माता की...

आवाज गुजरात तक पहुंचनी चाहिए...

भारत माता की...

भारत माता की...

सुंधा माता की...

आशापुरा माता की...

सारणेश्वर महादेव की...

भगवान ऋषभदेव की...

आई माता...

पाबूजी महाराज की...

चारभुजा नाथ की...

लिखमी दास जी महाराज की...

भारत माता की...

1857 की क्रांति के समय अंग्रेजों से लोहा लेने वाले योद्धा कुशाल सिंह जी की धरती पर मैं आप सभी का और पूरे राजस्थान को आदरपूर्वक नमन करता हूं अभिनंदन करता हूं। मैं मेरी बात शुरू करने से पहले आज आपका विशेष रूप से धन्यवाद करना चाहता हूं। देखिए, मैं और ये हमारे ओमजी ये हम ऐसे लोग हैं, जो सालों से संगठन का काम करते थे। कंधे पर थैला लटका के बसों में जाना पार्टी का काम करना। और चुनाव प्रबंधन भी देखते थे। लेकिन कभी चुनाव में हमे कहे कि आपको सभा मिलेगी बड़े से बड़े नेता की मिलेगी, तो हम कहते थे कि भाई सभा तो हम करेंगे, लेकिन सुबह 11 बजे मत दो, देना है तो दो बजे, तीन बजे, चार बजे दे दो। 11 बजे संगठन का काम करते समय मैं भी, अरे भाई बड़ा मुश्किल हो जाता है सुबह लोग निकलते नहीं हैं। लेकिन मैं देख रहा हूं ये पाली की ताकत, पाली के लोगों का प्यार, पाली के कार्यकर्ताओं की मेहनत। सुबह-सुबह इतनी बड़ी जनता-जनार्दन एक प्रकार से जनसागर मैं देख रहा हूं। आप इतनी बड़ी तादाद में आप हम सबको आशीर्वाद देने के लिए आए हैं। मैं आप सबका हृदय से बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं। मैं जो पीछे में देख रहा हूं, जितने लोग पांडाल में हैं उससे ज्यादा लोग धूप में तप रहे हैं। आपको जो असुविधा हुई है, हमारी ये जो व्यवस्था छोटी पड़ गई है, और आपकी असुविधा के लिए भाजपा के कार्यकर्ता के नाते मैं सबसे पहले आप सबसे क्षमा मांगता हूं। जो लोग ये ताप में तप रहे हैं और बड़े धैर्य के साथ सभा को सुन रहे हैं, जो इस ताप में तप रहे हैं उनको मैं विश्वास दिलाना चाहता हूं कि ये ताप, ये आपकी तपस्या, कभी भी बेकार नहीं जाने दूंगा। मैं विकास करके उसे लौटाऊंगा। आपके लिए कल्याण योजनाएं लेकर के आऊंगा और आप के इस तपस्या का प्यार से उसकी कीमत चुकाऊंगा ये मैं आपको वादा करता हूं। भाइयों-बहनों ये पाली ऐसा है, जो कभी पाला बदलता ही नहीं है। और पाली की दूसरी भी तकत है। पाली वालों को मालूम है कि नहीं ये मुझे मालूम नहीं है। हिंदुस्तान में कहीं भी जाइए, और खासकर मेरे गुजरात में जाकर के देखिए, कोई जिला ऐसा नहीं मिलेगा जो पालीवाला वहां भाजपा का झंडा लेकर खड़ा ना हो। आप तमिलनाडु में जाकर के किसी को पूछोगे तो बोलेगा पाली का हो...वो यहां तो पाला बदलता नहीं है, लेकिन जहां जाता है वहां नई पारी भी खेल लेता है। ये ताकत है पाली की। और मेरे गुजरात में तो पाली और सिरोही से जो हवा आती है वो गुजरात को भी ताकत देती रहती है। और आज मैं बड़े विश्वास से दो बाते कह रहा हूं। पाली का भाजपा का कार्यकर्ता और सोजद की मेंहदी का रंग ये कभी भी उतरते नहीं हैं। पाली के मेरे भाइयों-बहनों, वाकई आज आपने दिल खुश कर दिया। मैं माताओ-बहनों को विशेष प्रणाम करता हूं, क्योंकि राजस्थान में माताएं-बहनें इस प्रकार से कभी बाहर आती नहीं हैं, आज इतनी बड़ी तादाद में आई हैं। इतना ही नहीं जब खाना पकाने का वक्त है तब वो राजस्थान का भविष्य बनाने के लिए आई हैं, और इसलिए खाना पकाना छोड़कर के राजस्थान का भाग्य बनाना ये जब राजस्थान की हमारी माताएं-बहने करती हैं ना तो राजस्थान का भविष्य उज्ज्वल है ये निश्चित हो जाता है। माताओं और बहनों को मेरा कोटि-कोटि नमन। साथियों पिछले कुछ दिनों से राजस्थान में मैं जहां-जहां गया हूं, राजस्थान के लोगों से जहां-जहां मिला हूं, एक स्वर से एक ही आवाज सुनाई दे रही है, हर कोई कह रहा है...जन-जन की है यही पुकार... जन-जन की है यही पुकार... जन-जन की है यही पुकार... आ रही है भाजपा सरकार।

मेरे परिवारजनों,
आज पूरा देश, विकसित होने के लक्ष्य के लिए दिन-रात मेहनत कर रहा है। भारत 21वीं सदी में जिस ऊंचाई पर होगा, उसमें राजस्थान की भूमिका बहुत बड़ी होगी, अवश्य होगी। और, इसलिए राजस्थान में ऐसी सरकार जरूरी है, जो राजस्थान के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दे। दुर्भाग्य से, पिछले पांच साल राजस्थान में जो कांग्रेस सरकार रही...उसने अपने लोगों को विकास में और पीछे धकेल दिया है। यहां की कांग्रेस सरकार के लिए भ्रष्टाचार से बड़ा कुछ भी नहीं है।
यहां की कांग्रेस सरकार के लिए परिवारवाद ही सब कुछ है। यहां की कांग्रेस सरकार, तुष्टिकरण के अलावा कुछ सोच नहीं सकती। तुष्टिकरण की राजनीति का असर क्या होता है, इसको राजस्थान ने बीते 5 वर्षों में झेला है। कांग्रेस ने राजस्थान को दंगों में झोंक दिया।
दंगों और आतंकी मानसिकता रखने वालों के हौसले बुलंद हो गए। सौहार्द की इस धरा पर ऐसी-ऐसी घटनाएं हुईं, जिनके बारे में कभी कल्पना भी हम नहीं कर सकते थे। ऐसी विकृत मानसिकता वाली कांग्रेस को अच्छे से सबक सिखाना ज़रूरी है। सिखाओगे? सिर्फ पाली में ही सिखाओगे कि औरों को भी बताओगे?

मेरे परिवारजनों,
कांग्रेस और इसके घमंडिया गठबंधन की ये पहली हरकत नहीं है। सनातन को लेकर इन्होंने क्या-क्या कहा है, ये पूरे देश ने देखा है। मेरी माताएं और बहनों ने तो बहुत आक्रोश व्यक्त किया है। कांग्रेस और उसके साथी सनातन को खत्म करने का ऐलान कर रहे हैं। और सनातन को खत्म करने का मतलब है...राजस्थान की संस्कृति को खत्म करना। क्या ये करने देंगे आप? क्या ये करने देंगे? ये कांग्रेस के कारनामें चलने देंगे? ये घमंडिया गठबंधन की करतूत मान्य करेंगे?

साथियों,
हम सब भलीभांति जानते हैं कि यहां जालोर जिले के कानीवाड़ा में हनुमानजी का प्राचीन मंदिर है। उस हनुमान जी के प्राचीन मंदिर में पीढ़ियों से दलित समाज के ही पुजारी होते हैं, भगवान की पूजा करते हैं और सबलोग वहां आके आशीर्वाद लेते हैं और प्रसाद आरोग्य करते हैं। ऐसी प्रेरणादायी भूमि पर कांग्रेस के संरक्षण में दलितों को निशाना बनाया जा रहा है। आप देखिए, महिलाओं और दलितों को लेकर ये कैसी-कैसी भाषा का उपयोग कर रहे हैं। कुछ दिन पहले ही बिहार में घमंडिया गठबंधन के एक नेता, वो वहां के मुख्यमंत्री है, उन्होंने दलित समाज के पूर्व मुख्यमंत्री के लिए कैसी अभद्र भाषा बोली.. ऐसी अभद्र भाषा बोली जो सामान्य नागरिक भी बातचीत में भी ऐसा नहीं बोल सकता, जो वो विधानसभा के फ्लोर पर बोल रहे थे। ये है घमंडिया गठबंधन। क्यों? क्यों गालियां दीं क्योंकि वो पूर्व मुख्यमंत्री अति पिछड़े दलित परिवार से आते हैं, इसलिए उनकी बेइज्जती करने में उनको आनंद आता है। उन्होंने तो पाप किया, लेकिन कांग्रेस के एक भी नेता, उसके मुंह से, ये गलत हुआ है ऐसा नहीं होना चाहिए, ये भी बताने का विवेक नहीं है। दलितों के खिलाफ अत्याचार करने वालों को देखकर कांग्रेस आंखों पर पट्टी बांध लेती है। यहां राजस्थान में 5 वर्ष तक दलित परिवारों के साथ हुए अत्याचार पर कांग्रेस ने यही किया है।

साथियों,
जबसे महिलाओं को आरक्षण देने वाला कानून, नारीशक्ति वंदन अधिनियम पारित हुआ है, तबसे इन्होंने महिलाओं के विरुध अभद्र अभियान छेड़ दिया है। घमंडिया गठबंधन के नेताओं ने कैसी-कैसी आपत्तिजनक टिप्पणियां हमारी माताओं-बहनों के लिए की है। बिहार के मुख्यमंत्री ने तो विधानसभा में, महिलाओं के प्रति घोर अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया है। लेकिन मजाल है कि कांग्रेस के किसी भी नेता ने, कोई आवाज़ उठाई हो। यही कांग्रेस का असली चेहरा है जिसे राजस्थान के लोग पहचान गए हैं। साथियों, महिला विरोधी कांग्रेस, कभी महिलाओं का कल्याण नहीं कर सकती, कभी महिलाओं की सुरक्षा नहीं कर सकती। कांग्रेस ने राजस्थान को महिलाओं के खिलाफ अपराध में नंबर वन बना दिया है। यहां मुख्यमंत्री कहते हैं कि बहनों-बेटियों ने पुलिस थाने में जा करके, उन पर जो अत्याचार हुए, जुल्म हुए, उसकी जो शिकायतें, फरियाद दर्ज की हैं, यहां के मुख्यमंत्री कहते हैं, ये सारी शिकायतें फर्जी हैं। क्या कोई मां-बहन ऐसी फर्जी शिकायत करे, ऐसा हमारे देश में कभी हो सकता है क्या? आप मुझे बताइए हो सकता है क्या? कभी कोई महिला, हमारे देश की माताए-बहने तो ऐसी हैं, थोड़ा सा भी किसी ने उनके साथ बदतमीजी की हो तो वहां से चूपचाप चली जाती हैं, वो सोचती हैं कि वो बुरा आदमी है, वो अपने घर जाए मैं अपने काम पर चली जाती हूं। वो कभी झूठ बोलने का तो सोचती भी नहीं हैं। और पुलिस थाने में जाकर के उस पर अत्याचार की बात लिखबाती है। कुछ तो सच होगा कि नहीं होगा भाई? होगा कि नहीं होगा? अरे मुख्यमंत्री ये कहे कि हम जांच करवाएंगे। ये मुख्यमंत्री तो सर्टिफिकेट देते हैं कि महिलाएं आज-कल फर्जी चीजे लिखवा देती हैं। क्या ये महिलाओं का अपमान है कि नहीं है? ऐसे ही जवाब देते हैं क्या? ये महिलाओं का अपमान है कि नहीं है? ये महिलाओं का अपमान है कि नहीं है? ये महिलाओं का अपमान है कि नहीं है? ये महिलाओं का अपमान करने वाली सरकार जानी चाहिए कि नहीं जानी चाहिए? पूरे राजस्थान से जानी चाहिए कि नहीं जानी चाहिए? इतना ही नहीं ये
मुख्यमंत्री का सबसे करीबी मंत्री विधानसभा में इस अत्याचार को ये कहकर उचित ठहराता है कि ये राजस्था तो मर्दों का प्रदेश है। क्या मर्द इसलिए मर्द कहलाते हैं? इस प्रकार से पाप करते हैं। ये मर्दों का अपमान है कि नहीं है? ये मर्दों का अपमान है कि नहीं है? अरे राजस्थान के मर्द बहन-बेटियों की इज्जत के लिए अपना सर कटवा सकते हैं, ये मर्द होते हैं राजस्थान के...और तुम, तुम्हारे मंत्री खुलेआम कह रहे है कि ये मर्दों का प्रदेश है, तो फिर महिलाओं के साथ...आपको शोभा देता है क्या? और इतना ही नहीं उस मंत्री के पास शायद कई लाल डायरियां छिपी हुई हैं। इसलिए, ऐसे मंत्री को भी टिकट दे दिया, इसका मतलब ये हुआ कि महिलाओं पर अत्याचार और जुल्म करने वालों को कांग्रेस के दिल्ली में कारनामें करने वाले लोग भी कांग्रेस के दिल्ली में बैठे सारे बाजीगर भी ये जादूगर की हर बात मानने लगे हैं। और इसलिए कांग्रेस और उसके घमंडिया साथियों की मानसिकता एक जैसी है, महिला विरोधी है। मैं राजस्थान की हर बहन-बेटी से कहूंगा आपको राजस्थान से कांग्रेस को साफ करने के बाद ही चैन से बैठना है।

साथियों,
कांग्रेस के लोग, सिर्फ एक परिवार के बारे में सोचते हैं, भाजपा के लिए आप सभी हमारा परिवार हैं। भाजपा का निरंतर प्रयास है कि हर परिवार की बचत को कैसे बढ़ाया जाए। आप याद कीजिए, कांग्रेस सरकार जब थी, तब 2 लाख रुपए तक की इनकम पर भी टैक्स लगता था। यहां के लोग तो बराबर व्यापार दुनिया से जुड़े हुए हैं। दो लाख पर टैक्स लगता था कि नहीं लगता था? जवाब दीजिए, जरा याद कीजिए, कांग्रेस के जमाने में दो लाख रुपये पर टैक्स लगता था कि नहीं लगता था? ये मोदी के आने के बाद 7 लाख रुपए तक एक नया पैसा टैक्स नहीं लगता है। मेरे मध्यम वर्ग के पैसे बचते हैं। 2014 में सरकार बनने के बाद भाजपा सरकार ने डायरेक्ट टैक्स में जो कमी की है, उसकी वजह से मध्यम वर्ग की जेब में ढाई लाख करोड़ रुपए बचे हैं। और ये हमारे कर्मचारियों हो, हमारे व्यापारी हो, छोटे दुकानदार हो, इनके लिए बहुत बडी राहत का काम है।

साथियों,
ये केंद्र की भाजपा सरकार की नीतियां हैं जिनकी वजह से आज आपके मोबाइल का बिल भी कम आ रहा है। कभी आपको मालूम है कि मोबाइल का कितना बिल देते थे आप? या भूल गए? अब ये भूल जाओगे तो कैसे चलेगा भाई। जरा पुराना हिसाब किताब निकाल दीजिए। 2014 के पहले आपके पास अगर मोबाइल फोन था, तो मोबाइल का बिल कितना आता था, वो जरा देख लीजिए। कांग्रेस सरकार के समय में आप जितना मोबाइल डेटा खर्च करते थे, आज अगर डेटा की कीमत वही होती, 2014 में जो दाम देने पड़ते थे, आज अगर वही होता ना, तो हर महीने सिर्फ मोबाइल खर्च में आपको 5 हजार रुपए अधिक खर्च करना पड़ता। अभी आपका हर महीने 5 हजार रुपया बचा कि नहीं बचा? जरा जोर से बोलो ना पैसा बचा है यार मारवाड़ी हो। पांच हजार रुपया बचा कि नहीं बचा? आज एक घऱ में तीन या चार मोबाइल होते हैं, तो कितना रुपया बचा? कितना रुपया बचा? ये मोदी का काम करने का तरीका है। अनेक परिवार हैं, अब आप देखिए, कोई मध्यम वर्ग का परिवार हो, कोई गरीबी से लड़कर बाहर आया हुआ नया-नया मध्यम वर्ग में आया है, लेकिन परिवार में बुजुर्ग मां-बाप हो और मान लीजिए डायबिटीज जैसी बीमारी आ गई, तो उसको हर महीने, जो दवाई लेनी पड़ती है ना, हजार, दो हजार रुपये का अतिरिक्त खर्चा होता है। होता है कि नहीं होता है? लेकिन हमने स्थान-स्थान पर प्रधानमंत्री लेकिन जनऔषधि केंद्र खोले, 80 परसेंट डिस्काउंट.. कितना? कितना थोड़ा बोलिए ना भइया? 80 परसेंट डिस्काउंट.. कितना? 80 परसेंट डिस्काउंट, माताओं-बहनों से पूछना कितना होता है? दिवाली पर साढ़ी की दुकान पर जाए और कोई बड़ा सा बोर्ड लगा दे कि 10 परसेंट डिस्काउंट, तो फिर साड़ी वहां खरीदने जाती है। क्योकि डिस्काउंट हमारे देश में बहुत चलता है। लेकिन कोई 10 परसेंट, 20 परसेंट से ज्यादा डिस्काउंट देता नहीं है। ये आपका बेटा दवाइयों में 80 परसेंट डिस्काउंट ताकि मध्यम वर्ग के परिवार में यदि डायबिटीज की दवा लानी पड़े तो जो दवाई उनको दो हजार रुपये में लानी पड़ती थी वो उनको 10 परसेंट, 20 परसेंट में मिल जाती है। उसका 80 परसेंट पैसा बच जाता है।

मेरे परिवारजनों,
कोरोना के ही संकट काल में दुनिया का सबसे बड़ा मुफ्त राशन देने का अभियान हमने शुरू किया। आप जानते हैं कितनी भयंकर बीमारी आई थी। मौत मंडरा रहा था। दुनियाभर से अस्पतालों से खबरें आने का मतलब डेड बॉढ़ी के ढेर दिखाई देते थे। चारों तरफ मौत का आतंक छाया हुआ था कि नहीं छाया था? कोविड ने डरा दिया था कि नहीं डरा दिया था? कब मौत आके दरबाजे को खटखटाएगी, डर लगता था कि नहीं लगता था? बेटा भी मां की सेवा के लिए उनके कमरे में नहीं जा पाता था। मां भी बेटे की सेवा नहीं कर पाती थी। हर किसी को लगता था कहीं कोरोना ना हो जाए। और उस समय बाहर भी सारा काम बंद हो गया था। लोग भी अपने-अपने घर वापस चले आए थे। तब भी आपका बेटा सो नहीं पाता था, ये आपका बेटा दिन-रात जागता था। और तब मैंने तय किया था कि कुछ भी हो जाए, कुछ भी हो जाए, कितनी ही मूसीबत क्यों न आए, खजाना खाली क्यों ना हो जाए लेकिन किसी के घर का चूल्हा बूझने नहीं दूंगा। किसी गरीब मां को आंसू बहाने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा, कोई बेटा भूख से नहीं सोएगा। मुझे बताइये, हम तो राजस्थान के लोग है, पानी के एक प्याऊ भी कर दे ना, तो लोग कहते हैं कि पुण्य का काम किया। कहते हैं कि नहीं कहते हैं? आज भी लाख-बनजारा को याद करते हैं कि नहीं करते हैं? और किसी को थाली भर दें, संकट के समय में भी उन्हें मुफ्त में खाना मिल जाए तो आशीर्वाद देता है कि नहीं देता है? पुण्य मिलता है कि नहीं मिलता है। ये काम पुण्य का किया है कि नहीं किया है? ये पुण्य किसको मिलता है? ये पुण्य किसको मिलता है? ये पुण्य किसको मिलता है? ये पुण्य किसको मिलता है? यही तो गलती हो जाती है। ये पुण्य मोदी को नहीं मिलता है, ये पुण्य आपको मिलता है, क्योंकि आपने एक वोट देकर मोदी को बैठाया है, ये वोट देने का पुण्य आपने किया है, इसलिए आप पुण्य कमा रहे हैं। ये पुण्य जो जमा हो रहा है ना आपका वो एक वोट की ताकत है जिसके कारण पुण्य जमा हो रहा है। आज दिसंवब महीना में ये योजना पूरी होने वाली थी, लेकिन ये पुण्य का काम पवित्र काम है, हर किसी की थाली में रोटी पहुंचाने का काम है, और इसलिए आपके बेटे ने संकल्प किया है, निर्णय किया है, मन बना लिया है कि दिसंबर में ये योजना पूरी नहीं होने दूंगा, उसे पांच साल और आगे बढ़ा दिया है। लेकिन कांग्रेस के भ्रष्ट लोगों ने इसमें भी भ्रष्टाचार का मौका खोज लिया।

मेरे परिवारजनों,
राजस्थान सरकार की लूट का एक और उदाहरण पेट्रोल की कीमते हैं। आप देखिए राजस्थान के आस-परोस के राज्य, राजस्था का परोसी यूपी है, राजस्थान का परोसी हरियाणा है, वहां भाजपा की सरकारें हैं। वहां पेट्रोल 97 रुपये प्रति लीटर मिलता है, 97, लेकिन कांग्रेस की राजस्थान सरकार गुजरात, उत्तर प्रदेश और हरियाणा से 12-13 रुपया पेट्रोल एक-एक लीटर का ज्यादा लेती है। महंगा पेट्रोल बेचती है और कटकी कंपनी चलाती है, और इसके कारण राजस्थान में लगातार कीमतें बढ़ रही है। मैं आज राजस्थान को वादा करता हूं मैं गारंटी देता हूं। 3 दिसंबर के बाद भाजपा सरकार बनेगी, तो उसके बाद पेट्रोल-डीजल की कीमतों की समीक्षा की जाएगी। इससे गरीब और मिडल क्लास परिवारों को बहुत राहत मिलेगी।

मेरे परिवारजनों,
जहां-जहां भाजपा की डबल इंजन सरकार हैं, वहां-वहां केंद्र की हर योजना तेज़ी से ज़मीन पर उतरती है। या फिर भाजपा की राज्य सरकारें, अपना भी कुछ उसमें जोड़कर देती हैं। जहां-जहां भाजपा सरकारें हैं, वहां पीएम किसान सम्मान निधि के 6 हज़ार रुपये के साथ, भाजपा की राज्य सरकार भी अपनी तरफ से 6 हज़ार किसानों को और जोड़कर देती है। अब मैं ऱाजस्थान भाजपा के नेताओं को बधाई देता हूं, उन्होंने भी संकल्प किया है कि यहां तीन दिसंबर के बाद यहां भाजपा की सरकार बनने के बाद किसान को छह हजार रुपये और यानि अब 12 हज़ार रुपए किसानों के बैंक खाते में जमा किए जाएंगे। लेकिन भाइयों-बहनों किसान विरोधी, गरीब विरोधी कांग्रेस सरकार, आपके हित में ऐसा कोई फैसला ले ही नहीं ले सकती है। एक और उदाहरण मैं देता हूं, गरीबों को पक्का आवास देने की योजना, लेकिन राजस्थान में, हम पूरी कोशिश के बाद भी अभी तक लगभग 20 लाख घर ही बना पाए हैं। यहां पाली जिले के गांवों में भी 35 हज़ार से अधिक घर बने हैं। इनकी संख्या बहुत ज्यादा हो सकती थी, लेकिन राजस्थान की गरीब विरोधी कांग्रेस सरकार ने गरीबों के घर बनाने में लगातार अड़चनें लगाईं। आज मुझे अभी हेलीपैड पर कार्यकर्ता मिले तो बता रहे थे कि जब रजिस्ट्री होती थी तो राजस्थान की सरकार ऑनलाइन को सबकुछ बंद कर देती थी, ऑफलाइन कर देती थी और कहती थी कि हमारी रजिस्ट्री नहीं हो रही है ऐसा पाप करते थे। गरीब विरोधी कैसी मानसिकता है।

भाइयों-बहनों,
आप मेरा एक काम करेंगे? करेंगे? आपके गांव में, आपके शहर में, किसी भी मोहल्ले में, कोई फुटपाथ पर रहता है, कोई झुग्गी झोपड़ी में रहता है

कोई कच्चे टूटे फूटे मकान में रहता है। उसको बता देना कि मोदीजी पाली आए थे और मोदी जी ने कहा है, मोदी जी ने कहा है कि 3 दिसंबर को बीजेपी की सरकार बनने के बाद यह गरीबों को पक्का घर देने का काम फिर से चालू होगा और उनका घर भी बन जाएगा। यह काम करोगे? जा करके बताओगे? ये मोदी की गारंटी है बताओगे?

साथियों,
राजस्थान में हर घर नल से जल पहुंचाने के अभियान को भी कांग्रेस ने लूटने का काम किया है। हरियाणा और गुजरात में भाजपा सरकारों ने शत प्रतिशत घरों तक नल से जल पहुंचाया है, लेकिन राजस्थान में अभी तक आधी आबादी तक भी पानी पहुंचा नहीं है। माताओं बहनों से उनकी क्या दुश्मनी है मुझे समझ नहीं आ रहा है। वरना सबसे पहला काम कोई पानी पहुंचाने का करता और तब मेरी माताएं बहनें इतना आशीर्वाद देती, लेकिन उन्होंने नहीं किया। किया तो नहीं होने भी नहीं दिया। मैं दिल्ली से नल के लिए पैसा भेजता हूं, पाइप के लिए पैसा भेजता हूं और यहां कांग्रेसी कागजों पर नल लगाते हैं और पैसे डकार कर जाते हैं। राजस्थान को पानी की समस्याओं से मुक्त करने के लिए कांग्रेस ने भी... अगर आपको पानी चाहिए तो आपको ये काम करना पड़ेगा करोगे? अगर आपको पानी चाहिए तो कांग्रेस से मुक्ति पानी होगी।

मेरे परिवारजनों,
मैंने सुना है कि यहां खुद को जादूगर कहने वाले सीएम अपनी हार से इतना बौखला गए हैं, इतना बौखला गए हैं कि उन्होंने मीडिया को भी धमकाना शुरू कर दिया है। पता नहीं ये डरते है कि नहीं डरते मुझे मालूम नहीं, लेकिन धमकाना शुरू कर दिया है। लेकिन लोग बताते हैं कि लाल डायरी के पन्नों और गणपति प्लाज़ा के लॉकरों से निकलते माल की खबरों पार यहां अघोषित प्रतिबंध लग गया है। छप ही नहीं रहा है, टीवी पे नहीं आ रहा है, अचानक क्या हो गया भाई? मीडिया को दबा कर के इनसे जुड़ी खबरें छापो मत और झूठी खबरें, छापों ये खेल कर रहे हैं गहलोत जी। अरे, जिनकी नैया को जनता ने डुबाने का ठान लिया है वो कांग्रेस पैसे देकर अखबारों में फर्जी लहर चलवा रही है। और जादूगर साहब आप का जादू, आप की काली कमाई के सच को दबा नहीं सकता है। ये पाप से आपको बचा नहीं सकता है। जिन युवाओं का भविष्य पेपर लीक करके बेचा गया है उस पर ये जादू नहीं चलेगा। जिन कर्मचारियों को ट्रांसफर पोस्टिंग के नाम पर लूटा गया है, परेशान किया गया है उन पर ये जादू नहीं चलेगा।

मेरे परिवारजनों,
कांग्रेस सरकार ने पाली समेत पूरे राजस्थान को अपने हाल पर छोड़ दिया है। कांग्रेस सरकार के ढुलमुल रवैये के कारण पाली शहर की स्थिति भी खस्ताहाल है। आप लोगों को आए दिन प्रदर्शन करना पड़ता है, मोर्चे निकालने पड़ते हैं, संघर्ष करना पड़ता है। लेकिन कांग्रेस के नेताओं ने कभी इसकी परवाह नहीं की। अब कांग्रेस के ऐसे नेताओं को सबक सिखाने का समय आ गया है। साथियों, पाली आस्था और अध्यात्म का केंद्र है। यहां हमारी विरासत से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण स्थान है। इसलिए यहां पर्यटन को लेकर अनेक संभावनाएं हैं। आपको याद होगा कि हाल ही में पाली जिलों को राजस्थान की पहली हेरिटेज ट्रेन की सौगात मिली है। मारवाड़ जंक्शन रेलवे स्टेशन से कांबली गार्ड के बीच राजस्थान की पहली हेरिटेज ट्रेन शुरू की गई है। विस्टाडोम एक ऐसी कोच वाली ये ट्रेन देशी विदेशी पर्यटकों को आपके जिले में लेकर आएगी। ये ट्रेन राजस्थान के मिनी कश्मीर कही जाने वाले गोरमघाट के खूबसूरत नजारों को दुनिया के पर्यटन मानचित्र पर ला करके रखेंगे। यहां के रोड और रेल कनेक्टिविटी पर भाजपा सरकार बल दे रही है। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत पाली, मारवाड़, सोजत रोड, सोमेसर और रानी रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है। मारवाड़ दिल्ली-मुंबई डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से जुड़ा है, इससे पूरे क्षेत्र में टूरिज़म और इंडस्ट्री दोनों को बहुत लाभ होगा। मैसाना-भंटिडा-गुरुदासपुर गैस पाइपलाइन ये शुरू होने से घरों में चूल्हे तक गैस की पाइपलाइन आ जाएगी माताएं बहनें, और गैस सस्ता भी हो जाएगा। और इससे यहां के उद्योगों को भी लाभ होगा।

साथियों,
पाली जिले ने तो हमेशा भाजपा को भरपूर प्यार दिया है। और इसलिए, मैं आपके पास वोट मांगने नहीं आया हूं। अप वो लोग हैं जिनसे कुछ मांगना ही नहीं पड़ा। आप ने देने में कभी कमी नहीं रखी है। मैं तो आया हूं मेरे पाली के सभी परिवारजनों को निमंत्रण देने के लिए कि 3 दिसंबर के बाद भाजपा की सरकार का शपथ होगा, उस शपथ समारोह में आने के लिए निमंत्रण देने आया हूं। आच्छा मैं एक संकल्प लूंगा। और आप को दोहराना होगा, दोहराओगे? आपको बोलना होगा कमल चुनेगा राजस्थान... क्या बोलना है? क्या बोलना है? ज़रा दोनों हाथ ऊपर करके मुट्ठी बंद करके बोलते रहना हैं आपको बोलेंगे? पूरी ताकत से बोलेंगे? दोनों हाथ ऊपर करके, पीछे जो खड़े हैं वो भी। तो मैं शुरू करता हूं..
बंद करो तुष्टीकरण की दुकान........ कमल चुनेगा राजस्थान
दंगाइयों का काम तमाम................. कमल चुनेगा राजस्थान।
भ्रष्टाचार पर लगे लगाम................. कमल चुनेगा राजस्थान।
पेपर माफिया की मिटे नामोनिशान.....कमल चुनेगा राजस्थान।
बहन-बेटियों का बढ़ेगा मान............... कमल चुनेगा राजस्थान

आपकी हिम्मत और हौसला देखकर के मुझे पक्का लगता है हर कोने से कांग्रेस गई। अच्छा मेरा एक काम करोगे? मेरा एक काम करोगे? ऐसे नहीं ज़रा ज़ोर से बोलो तो बतऊं मैं। करोगे? चुनाव वाला काम नहीं है, फिर भी करोगे? ये चुनावी क्षेत्र वाला कोई कुछ नहीं है, सीधा सीधा काम है करोगे? मेरा पर्सनल काम है, करोगे? पक्का करोगे? अच्छा तो एक काम करना, घर-घर जाना। हर परिवार को कहना, कि अपने मोदी जी पाली आए थे। और अपने मोदी जी ने आपको राम-राम कहा है। ये मेरा-राम राम पहुंचा दोगे? हर घर में मेरा प्रणाम पहुंचा दोगे? हर घर में मेरा नमस्ते पहुंचा दोगे? जब आप हर परिवार में मेरा राम-राम पहुंचाओगे ना, मेरा प्रणाम पहुंचाओगे ना, मेरा नमस्ते कहोगे ना तो वो पूरा परिवार, वो पूरा परिवार मुझे आशीर्वाद देगा। पूरा परिवार मुझे आशीर्वाद देगा और जब आशीर्वाद मिलते है ना तो मुझे एक नई औषधि मिल जाती है। जब आशीर्वाद मिलते हैं ना तो मुझे नई ऊर्जा मिल जाती है। अगर आशीर्वाद मिलते हैं तो आपकी आकांक्षाएं पूरी करने की ताकत आ जाती है। जब आशीर्वाद मिलते हैं तो दिन-रात दौड़ने का हौसला बुलंद हो जाता है। और इसलिए, हर परिवार में जाना होगा, राम राम कहना होगा। कहेंगे? कहेंगे?
बोलो भारत माता की... भारत माता की... भारत माता की..।
बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!