Quoteआर्थिक प्रगति, टीकाकरण की गति और स्वदेशी विकसित टीकों ने भारत के प्रति वैश्विक स्तर पर विश्वास पैदा हुआ है : पीएम मोदी
Quoteपीएम मोदी ने बजट सत्र को और अधिक फलदायी बनाने का आग्रह किया ताकि देश की आर्थिक प्रगति के लिए अवसर प्राप्त हों।
Quoteसभी संसद सदस्य सत्र के दौरान सदन में चर्चा में भाग जरूर लें : पीएम मोदी

नमस्‍कार साथियों,

आज बजट सत्र का प्रारंभ हो रहा है। मैं आप सभी का और देशभर के सभी आदरणीय सांसदों का इस बजट सत्र में स्‍वागत करता हूँ। आज की वैश्विक परिस्थिति में भारत के लिए बहुत अवसर मौजूद हैं। ये बजट सत्र विश्‍व में सिर्फ भारत की आर्थिक प्रगति, भारत में वैक्‍सीनेशन का अभियान, भारत की अपनी खोजी हुई वैक्‍सीन पूरी दुनिया में एक विश्‍वास पैदा कर रही है।

इस बजट सत्र में भी हम सांसदों की बातचीतें, हम सांसदों के चर्चा के मुद्दे, खुले मन से की गई चर्चा, वैश्विक प्रभाव का एक महत्‍वपूर्ण अवसर बन सकती है।

मैं आशा करता हूँ कि सभी आदरणीय सांसद, सभी राजनीतिक दल खुले मन से उत्तम चर्चा करके देश को प्रगति के रास्‍ते पर ले जाने में, उसमें गति लाने में अवश्‍य मदद रूप होंगे।

ये बात सही है कि बार-बार चुनाव के कारण सत्र भी प्रभावित होते हैं, चर्चाएं भी प्रभावित होती हैं। लेकिन मैं सभी आदरणीय सांसदों से प्रार्थना करूंगा कि चुनाव अपनी जगह पर हैं, वो चलते रहेंगे, लेकिन हम सदन में...ये बजट सत्र एक प्रकार से पूरे वर्षभर का खाका खींचता है और इसलिए बहुत महत्‍वपूर्ण होता है। हम पूरी प्रतिबद्धता के साथ इस बजट सत्र को जितना ज्यादा फलदायी बनायेंगे, आने वाला पूरा वर्ष नई आर्थिक ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए भी एक बहुत बड़ा अवसर बनेगा।

मुक्त चर्चा हो, मननीय चर्चा हो, मानवीय संवेदनाओं से भरी हुई चर्चा हो, अच्‍छे मकसद से चर्चा हो, इसी अपेक्षा के साथ आप सबका बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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2025-26 सीजन के लिए कच्चे जूट के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)
January 22, 2025

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने विपणन सीजन 2025-26 के लिए कच्चे जूट के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को मंजूरी दी है।

2025-26 सीज़न के लिए कच्चे जूट (टीडी-3 श्रेणी) का एमएसपी, 5,650/- रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। यह अखिल भारतीय स्तर पर उत्पादन की भारित औसत लागत से 66.8 प्रतिशत अधिक की वापसी सुनिश्चित करेगा। विपणन सीजन 2025-26 के लिए कच्चे जूट का अनुशंसित एमएसपी, अखिल भारतीय स्तर पर उत्पादन की भारित औसत लागत से एमएसपी को कम से कम 1.5 गुना निर्धारित करने के सिद्धांत के अनुरूप है, जिसकी घोषणा सरकार द्वारा 2018-19 के बजट में की गयी थी।

विपणन सीजन 2025-26 के लिए कच्चे जूट का एमएसपी, पिछले विपणन सीजन 2024-25 की तुलना में 315/- रुपये प्रति क्विंटल अधिक है। भारत सरकार ने कच्चे जूट के एमएसपी को 2014-15 के 2400 /-रुपये क्विंटल से बढ़ाकर 2025-26 के लिए 5,650 /- रुपये प्रति क्विंटल किया है, इस प्रकार कच्चे जूट के एमएसपी में 3250/- रुपये प्रति क्विंटल (2.35 गुनी) की वृद्धि दर्ज की गयी है।

2014-15 से 2024-25 की अवधि के दौरान जूट उगाने वाले किसानों को भुगतान की गई एमएसपी राशि 1300 करोड़ रुपये रही, जबकि 2004-05 से 2013-14 की अवधि के दौरान, भुगतान की गई राशि 441 करोड़ रुपये थी।

40 लाख कृषक परिवारों की आजीविका प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जूट उद्योग पर निर्भर है। लगभग 4 लाख श्रमिकों को जूट मिलों में और जूट में व्यापार में प्रत्यक्ष रोजगार मिलता है। पिछले साल जूट की खरीद 1 लाख 70 हजार किसानों से की गई थी। जूट के 82% किसान पश्चिम बंगाल के हैं, जबकि शेष जूट उत्पादन में असम और बिहार की हिस्सेदारी 9% (प्रत्येक) है।

भारतीय पटसन निगम (जेसीआई) केंद्र सरकार के नोडल एजेंसी के रूप में मूल्य समर्थन संचालन करना जारी रखेगा और इस तरह के संचालन में, यदि कोई हानि होती है, तो हानि की पूरी प्रतिपूर्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाएगी।