“कोरोना-काल के दौरान, भारत ने अपनी परिकल्पना ‘एक विश्व, एक स्वास्थ्य’ का पालन करते हुये आवश्यक दवाओं और वैक्सीनों की आपूर्ति करके कई जिंदगियां बचाईं”
“विश्व आपूर्ति श्रृंखला में भारत विश्व का भरोसेमंद साझीदार बनने के लिये प्रतिबद्ध है”
“भारत में निवेश करने का यह सबसे अच्छा समय है”
“आत्मनिर्भरता के रास्ते पर चलते हुये भारत का ध्यान सिर्फ प्रक्रियाओं को आसान बनाने पर ही नहीं है, बल्कि निवेश और उत्पादन को प्रोत्साहित करने पर भी है”
“भारत वर्तमान के साथ अगले 25 वर्षों के लक्ष्य को लेकर नीतियां बना रहा है। इस समय अवधि में भारत ने उच्च वृद्धि, कल्याण और आरोग्य को उच्चतम स्तर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। विकास का यह अवधि हरित, स्वच्छ, सतत होने के साथ-साथ भरोसेमंद भी होगी”
“हमारी ‘इस्तेमाल करो और फेंक दो’ की संस्कृति और उपभोक्तावाद ने जलवायु चुनौतियों को और गंभीर बना दिया है। आज की ‘लो-बनाओ-इस्तेमाल करो-फेंक दो’ वाली अर्थव्यवस्था को तेजी से सतत अर्थव्यवस्था की तरफ बढ़ाना बहुत जरूरी है ”
“एल.आई.एफ.ई. जैसी जनभागीदारी के अभियान को पी-3, यानी ‘प्रो प्लैनेट पीपुल’ का एक बड़ा आधार भी बना सकते हैं”
“हर लोकतांत्रिक देश का यह दायित्व है कि वह बहुमुखी संस्थाओं में सुधारों पर बल दे, ताकि उन्हें वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों से निपटने में सक्षम बनाया जा सके”

नमस्कार।

World Economic Forum में जुटे दुनिया भर के दिग्गजों का , 130 करोड़ भारतीयों की तरफ से अभिनंदन करता हूं। आज जब मैं आपसे बात कर रहा हूं, तो भारत, कोरोना की एक और वेव से सावधानी और सतर्कता के साथ मुकाबला कर रहा है। साथ ही, भारत आर्थिक क्षेत्र में भी कई आशावान Results के साथ आगे बढ़ रहा है। भारत में आज अपनी आजादी के 75 वर्ष होने का उत्साह भी है और भारत आज सिर्फ एक साल में ही 160 करोड़ कोरोना वैक्सीन डोज देने के आत्मविश्वास से भी भरा हुआ है।

साथियों,

भारत जैसी मजबूत डेमोक्रेसी ने पूरे विश्व को एक खूबसूरत उपहार दिया है, एक bouquet of hope दिया है। इस bouquet में है, हम भारतीयों का डेमोक्रेसी पर अटूट Trust, इस bouquet में है, 21 वीं सदी को Empower करने वाली Technology, इस bouquet में है, हम भारतीयों का Temperament, हम भारतीयों का Talent. जिस Multi-Lingual, Multi-Cultural माहौल में हम भारतीय रहते हैं, वो भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व की बहुत बड़ी ताकत है। ये ताकत, संकट की घड़ी में सिर्फ अपने लिए सोचना नहीं बल्कि, मानवता के हित में काम करना सिखाती है। कोरोना के इस समय में हमने देखा है कि कैसे भारत ‘One Earth, One Health’, इस विजन पर चलते हुए, अनेकों देशों को जरूरी दवाइयां देकर, वैक्सीन देकर, करोड़ों जीवन बचा रहा है। आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा pharma producer है, pharmacy to the world है। आज भारत दुनिया के उन देशों में है जहां के हेल्थ प्रोफेशनल्स, जहां के डॉक्टर्स, अपनी संवेदनशीलता और एक्सपर्टीज से सबका भरोसा जीत रहे हैं।

साथियों,

संवेदनशीलता, संकट के समय में परखी जाती है लेकिन भारत का सामर्थ्य इस समय पूरी दुनिया के लिए उदाहरण है। इसी संकट के दौरान भारत के IT sector ने 24 घंटे काम करके दुनिया के तमाम देशों को बहुत बड़ी मुश्किल से बचाया है। आज भारत, दुनिया में रिकॉर्ड software engineers भेज रहा है। 50 लाख से ज्यादा software developers भारत में काम कर रहे हैं। आज भारत में दुनिया में तीसरे नंबर के सबसे ज्यादा Unicorns हैं। 10 हजार से ज्यादा स्टार्ट-अप्स पिछले 6 महीने में रजिस्टर हुए हैं। आज भारत के पास विश्व का बड़ा, सुरक्षित और सफल digital payments platform है। सिर्फ पिछले महीने की ही बात करूं तो भारत में Unified Payments Interface, इस माध्यम से 4.4 बिलियन transaction हुए हैं।

Friends,

बीते सालों में जो डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर भारत ने develop और adopt किया है, वो आज भारत की बहुत बड़ी ताकत बना है। कोरोना Infections की tracking के लिए Arogya-SetuApp और Vaccination के लिए CoWinPortal जैसे Technological solutions, भारत के लिए गर्व का विषय हैं। भारत के Co-Win पोर्टल में slot booking से लेकर certificate generation की जो online व्यवस्था है, उसने बड़े-बड़े देशों के लोगों का भी ध्यान खींचा है।

साथियों,

एक समय था जब भारत की पहचान लाइसेंस राज से होती थी, ज्यादातर चीजों पर सरकार का नियंत्रण था। भारत में बिजनेस के लिए जो भी चुनौतियां रही हैं, वो मैं समझता हूं। हम लगातार प्रयास कर रहे हैं कि हर चुनौती को दूर करें। आज भारत Ease of Doing Business को बढ़ावा दे रहा है, सरकार के दखल को कम कर रहा है। भारत ने अपने corporate tax rates को simplify करके, कम करके, उसे दुनिया में most competitive बनाया है। बीते साल ही हमने 25 हज़ार से ज्यादा compliances कम किए हैं। भारत ने retrospective taxes जैसे कदमों में सुधार करके, बिजनेस कम्यूनिटी का विश्वास लौटाया है। भारत ने Drones, Space, Geo-spatial mapping जैसे कई सेक्टर्स को भी Deregulate कर दिया है। भारत ने IT सेक्टर और BPO से जुड़े outdated telecom regulations में बड़े Reforms किए हैं।

 

साथियों,

भारत global supply-chains में विश्व का एक भरोसेमंद पार्टनर बनने के लिए प्रतिबद्ध है। हम अनेक देशों के साथ free-trade agreement के रास्ते बना रहे हैं। भारतीयों में Innovation की, नई Technology को Adopt करने की जो क्षमता है, entrepreneurship की जो स्पिरिट है, वो हमारे हर ग्लोबल पार्टनर को नई ऊर्जा दे सकती है। इसलिए भारत में इन्वेस्टमेंट का ये सबसे best time है। भारतीय युवाओं में आज entrepreneurship, एक नई ऊंचाई पर है। 2014 में जहां भारत में कुछ सौ रजिस्टर्ड स्टार्ट अप थे। वहीं आज इनकी संख्या 60 हजार के पार हो चुकी है। इसमें भी 80 से ज्यादा यूनिकॉर्न्स हैं, जिसमें से 40 से ज्यादा तो 2021 में ही बने हैं। जिस तरह ex-pat Indians global stage पर अपनी स्किल्स दिखा रहे हैं, उसी तरह भारतीय युवा आप सभी साथियों के बिजनेस को भारत में नई बुलंदी देने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं, तत्पर हैं।

Friends,

Deep economic reforms को लेकर भारत का कमिटमेंट, एक और बड़ा कारण है जो आज भारत को investment के लिए सबसे attractive destination बना रहा है। कोरोना काल में जब दुनिया Quantitative Easing Program जैसे इंटरवेंशन्स पर फोकस कर रही थी, तब भारत ने reforms का रास्ता सशक्त किया। डिजिटल और फिज़िकल इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने के सबसे बड़े प्रोजेक्ट्स को कोरोना काल में ही अभूतपूर्व गति दी गई। देश के 6 लाख से ज्यादा गांवों को ऑप्टिकल फाइबर से कनेक्ट किया जा रहा है। विशेष रूप से कनेक्टिविटी से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर पर 1.3 trillion डॉलर का इन्वेस्टमेंट किया जा रहा है। Asset monetization जैसे इनोवेटिव फाइनेंसिंग टूल्स से 80 बिलियन डॉलर generate करने का लक्ष्य रखा गया है। डेवलपमेंट के लिए हर स्टेकहोल्डर को एक ही प्लेटफॉर्म पर लाने के लिए भारत ने गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान भी शुरू किया है। इस नेशनल मास्टर प्लान के तहत इंटीग्रेटेड तरीके से इंफ्रास्ट्रक्चर की प्लानिंग, डवलपमेंट और इंप्लिमेन्टेशन पर काम होगा। इससे Goods, People और Services की सीमलेस कनेक्टिविटी और मूवमेंट में एक नई गति आएगी।

Friends,

आत्मनिर्भरता के रास्ते पर चलते हुए भारत का फोकस सिर्फ Processes को आसान करने पर ही नहीं है, बल्कि Investment और Production को इन्सेन्टीवाइज करने पर भी है। इसी अप्रोच के साथ आज 14 सेक्टर्स में 26 बिलियन डॉलर की Production Linked Incentive schemes लागू की गई हैं। Fab, chip and display industry के निर्माण के लिए 10 बिलियन डॉलर का इंसेंटिव प्लान इस बात का प्रमाण है कि ग्लोबल सप्लाई चेन को smooth बनाने के लिए हम कितने प्रतिबद्ध हैं। हम मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड की भावना से आगे बढ़ रहे हैं। टेलिकॉम, इंश्योरेंस, डिफेंस, एयरोस्पेस के साथ-साथ अब सेमीकंडक्टर्स के क्षेत्र में भी भारत में असीम संभावनाएं हैं।

Friends,

आज भारत, वर्तमान के साथ ही अगले 25 वर्षों के लक्ष्य को लेकर नीतियां बना रहा है, निर्णय ले रहा है। इस कालखंड में भारत ने high growth के, welfare और wellness की saturation के लक्ष्य रखे हैं। ग्रोथ का ये कालखंड green भी होगा, clean भी होगा, sustainable भी होगा, reliable भी होगा। Global good के लिए बड़े कमिटमेंट्स करने और उन पर खरा उतरने की परंपरा को जारी रखते हुए, हमने 2070 तक net zero का टारगेट भी रखा है। दुनिया की 17 प्रतिशत आबादी वाला भारत भले ही Global Carbon Emission में 5 परसेंट, only 5 परसेंट कंट्रीब्यूट करता हो, लेकिन Climate Challenge से निपटने के लिए हमारी प्रतिबद्धता 100 परसेंट है। International Solar Alliance और Coalition for Disaster-Resilient Infrastructure for Climate Adaptation जैसे initiative इसका प्रमाण हैं। बीते वर्षों के प्रयासों का नतीजा है कि आज हमारे Energy Mix का 40 प्रतिशत हिस्सा non-fossil sources से आ रहा है। भारत ने पेरिस में जो ऐलान किया था, वो हम टारगेट से 9 साल पहले ही प्राप्त कर चुके हैं।

Friends,

इन प्रयासों के बीच, हमें ये भी मानना होगा कि हमारी Lifestyle भी Climate के लिए बड़ी चुनौती है। ‘Throw away’ Culture और Consumerism ने Climate Challenge को और गंभीर बना दिया है। आज की जो ‘take-make-use-dispose’, यह जो economy है, उसको तेज़ी से circular economy की तरफ बढ़ाना बहुत ज़रूरी है। COP26 में मिशन LIFE के जिस Idea की चर्चा मैंने की थी, उसके मूल में भी यही भावना है। LIFE – यानि Lifestyle for Environment, ऐसी Resilient और Sustainable Lifestyle का विजन जो Climate Crisis के साथ-साथ भविष्य के Unpredictable Challenge से निपटने में भी काम आएगा। इसलिए, मिशन LIFE का global mass movement बनना ज़रूरी है। LIFE जैसे जनभागीदारी के अभियान को हम पी-थ्री, और जब मैं पी-थ्री कहता हूँ, ‘Pro Planet People’ का बड़ा आधार भी बना सकते हैं।

Friends,

आज 2022 की शुरुआत में जब हम दावोस में ये मंथन कर रहे हैं, तब कुछ और चुनौतियों के प्रति सचेत करना भी भारत अपना दायित्व समझता है। आज global order में बदलाव के साथ ही एक वैश्विक परिवार के तौर पर हम जिन चुनौतियों का सामना करते रहे हैं, वो भी बढ़ रही हैं। इनसे मुकाबला करने के लिए हर देश, हर वैश्विक एजेंसी द्वारा collective और synchronized action की जरूरत है। ये supply chain के disruptions, inflation और Climate Change इन्हीं के उदाहरण हैं। एक और उदाहरण है- cryptocurrency का। जिस तरह की टेक्नोलॉजी इससे जुड़ी है, उसमें किसी एक देश द्वारा लिए गए फैसले, इसकी चुनौतियों से निपटने में अपर्याप्त होंगे। हमें एक समान सोच रखनी होगी। लेकिन आज वैश्विक परिदृष्य को देखते हुए, सवाल ये भी है कि multilateral organizations, नए वर्ल्ड ऑर्डर और नई चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हैं क्या, वह सामर्थ्य बचा है क्या? जब ये संस्थाएं बनी थीं, तो स्थितियां कुछ और थीं। आज परिस्थितियां कुछ और हैं। इसलिए हर लोकतांत्रित देश का ये दायित्व है कि इन संस्थाओं में Reforms पर बल दे ताकि इन्हें वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों से निपटने में सक्षम बनाया जा सके। मुझे विश्वास है, दावोस में हो रही चर्चाओं में इस दिशा में भी सकारात्मक संवाद होगा।

Friends,

नई चुनौतियों के बीच आज दुनिया को नए रास्तों की ज़रूरत है, नए संकल्पों की ज़रूरत है। आज दुनिया के हर देश को एक-दूसरे से सहयोग की पहले से कहीं अधिक ज़रूरत है। यही बेहतर भविष्य का रास्ता है। मुझे विश्वास है कि डावोस में हो रही ये चर्चा, इस भावना को विस्तार देगी। फिर से एक बार, आप सब से virtually भी आपसे मिलने का मौका मिला, आप सब का बहुत-बहुत धन्यवाद !

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PM Modi visits the Indian Arrival Monument
November 21, 2024

Prime Minister visited the Indian Arrival monument at Monument Gardens in Georgetown today. He was accompanied by PM of Guyana Brig (Retd) Mark Phillips. An ensemble of Tassa Drums welcomed Prime Minister as he paid floral tribute at the Arrival Monument. Paying homage at the monument, Prime Minister recalled the struggle and sacrifices of Indian diaspora and their pivotal contribution to preserving and promoting Indian culture and tradition in Guyana. He planted a Bel Patra sapling at the monument.

The monument is a replica of the first ship which arrived in Guyana in 1838 bringing indentured migrants from India. It was gifted by India to the people of Guyana in 1991.