प्रधानमंत्री ने दुनिया के पहले सीएनजी टर्मिनल की आधारशिला रखी
प्रधानमंत्री ने भावनगर में क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र का भी उद्घाटन किया
प्रधानमंत्री ने सौनी योजना लिंक 2 के पैकेज 7, 25 मेगावाट पालिताना सौर पीवी परियोजना, एपीपीएल कंटेनर परियोजना सहित कई अन्य परियोजनाओं का उद्घाटन किया
प्रधानमंत्री ने सौनी योजना लिंक 2 के पैकेज 9, चोरवडला जोन जलापूर्ति परियोजना सहित अन्य परियोजनाओं की आधारशिला रखी
"300 वर्षों की अपनी इस यात्रा में भावनगर ने सतत विकास की, सौराष्ट्र की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में अपनी पहचान बनाई है"
"बीते 2 दशकों में गुजरात की कोस्टलाइन को भारत की समृद्धि का द्वार बनाने के लिए हमने ईमानदारी से प्रयास किया है"
"भावनगर पोर्ट से जुड़े विकास के एक शानदार उदाहरण के रूप में उभर रहा है"
"लोथल दुनिया का सबसे पुराना बंदरगाह है और लोथल समुद्री संग्रहालय के निर्माण से इस स्थान को एक नई पहचान मिलेगी"
"किसानों के सशक्तिकरण की तर्ज पर, मछुआरों को क्रेडिट कार्ड जारी किए गए"
"पीछे छूट गए लोगों की मदद करना डबल इंजन वाली सरकार की प्रतिबद्धता है"
"गरीबों के सपने और उनकी आकांक्षाएं मुझे निरंतर काम करने की ऊर्जा देती हैं"

भावनगर के सभी स्वजनों को नवरात्रि की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। सबसे पहले तो मुझे भावनगर से माफी मांगनी है, मैं भूतकाल में कभी भी इतने ज्यादा समय के बाद भावनगर आया हूँ, ऐसी यह पहली घटना है। बीच में आ नहीं सका, इसलिए क्षमा मांगता हूँ। और फिर भी आज आपने जो आशीर्वाद बरसाएं हैं, जो प्यार दिया है, यह मैं कभी भी नहीं भूलूंगा। दूर-दूर तक मेरी नजर जा रही है, इतनी बड़ी संख्या में और वह भी इतनी गर्मी में, आप सभी को शत-शत नमन करता हूँ।

आज मेरी भावनगर की मुलाकात विशेष है। एक तरफ देश जहां आज़ादी के 75 वर्ष पूरे कर चुका है, वहीं इस साल भावनगर अपनी स्थापना के 300 वर्ष पूरे करने जा रहा है। 300 वर्षों की अपनी इस यात्रा में भावनगर ने सतत विकास की, सौराष्ट्र की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में अपनी एक पहचान बनाई है। इस विकास यात्रा को नए आयाम देने के लिए आज यहां करोड़ों रुपयों के अनेक प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है। ये प्रोजेक्ट भावनगर की पहचान को सशक्त करेंगे, सौराष्ट्र के किसानों को सिंचाई की नई सौगात देंगे, आत्मनिर्भर भारत अभियान को और मज़बूती देंगे। रीजनल साइंस सेंटर के बनने से शिक्षा और संस्कृति के शहर के रूप में भावनगर की पहचान और समृद्ध होगी। इन सभी प्रोजेक्ट्स के लिए आप सभी को बहुत-बहुत बधाई।

भाइयों और बहनों,

जब भी मैं भावनगर आया हूं तो एक बात ज़रूर कहता रहा हूं। बीते ढाई-तीन दशकों में जो गूंज सूरत, वडोदरा और अहमदाबाद की रही है, अब वही गूंज राजकोट, जामनगर, भावनगर की होने वाली है। सौराष्ट्र की समृद्धि को लेकर मेरा विश्वास इसलिए प्रगाढ़ रहा है, क्योंकि यहां उद्योग, खेती, पर्यटन, इन तीनों के लिए ही अभूतपूर्व संभावनाएं हैं। आज का ये कार्यक्रम इसी दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ते डबल इंजन सरकार के प्रयासों का एक जीता जागता सबूत है। भावनगर समंदर के किनारे बसा जिला है। गुजरात के पास देश की सबसे लंबी कोस्टलाइन है। लेकिन आजादी के बाद कई दशकों में तटीय विकास पर उतना ध्यान ना दिए जाने की वजह से, ये विशाल कोस्टलाइन एक तरह से लोगों के लिए बड़ी चुनौती बन गई थी। समंदर का खारा पानी,

यहां के लिए अभिशाप बना हुआ था। समंदर के किनारे बसे गांव के गांव खाली हो गए थे। लोग यहां-वहां पलायन करने लगे थे। कितने ही नौजवान सूरत जाते थे, वहां एक ही कमरे में 10-10, 15-15, 20-20 लोग जैसे-तैसे गुज़ारा करते थे। ये स्थिति बहुत दुखद थी।

साथियों,

बीते 2 दशकों में गुजरात की कोस्टलाइन को भारत की समृद्धि का द्वार बनाने के लिए हमने ईमानदारी से प्रयास किया है। रोजगार के अनेक नए अवसर खड़े किये हैं। गुजरात में हमने अनेकों पोर्ट्स विकसित किए, बहुत से पोर्ट्स का आधुनिकीकरण कराया, गुजरात में आज तीन बड़े LNG टर्मिनल हैं, पेट्रोकेमिकल हब्स हैं और देश में गुजरता पहला राज्य था, जहां पहला LNG टर्मिनल बना था। राज्य के तटीय इलाकों में हमने सैकड़ों कोस्टल इंडस्ट्रीज डेवलप की, छोटे-बड़े अनेक उद्योग विकसित किए। उद्योगों की ऊर्जा की मांग को पूरा करने के लिए हमने कोल-टर्मिनल्स का नेटवर्क भी तैयार किया है। आज गुजरात के तटीय इलाकों में अनेक पॉवर प्लांट्स जो केवल गुजरात ही नहीं पूरे देश को ऊर्जा देते हैं। हमारे मछुवारे भाई-बहनों की मदद के लिए हमने फिशिंग हार्बर्स बनवाए, फिश लेंडिंग सेंटर्स और फिश प्रोसेसिंग को भी बढ़ावा दिया। फिशिंग हार्बर का जो मजबूत नेटवर्क हमने तैयार किया है, उसका भी निरंतर विस्तार किया जा रहा है, उसका आधुनिकीकरण किया जा रहा है। गुजरात के तटीय क्षेत्र में मैंग्रूव के जंगलों का विकास करके हमने कोस्टल इकोसिस्टम को और सुरक्षित बनाया है, और मजबूत बनाया है, और उस समय भारत सरकार में जो मंत्री हुआ करते थे। उन्होंने एक बार कहा था। कि हिन्दुस्तान के तटीय राज्यों को गुजरात से मैंग्रूव का विकास कैसे हो सकता है, ये सीखना चाहिए। ये काम आप सबके सहयोग से गुजरात में हुआ है।

हमने Aquaculture को भी निरंतर बढ़ावा दिया। गुजरात देश के उन अग्रणी राज्यों में है, जहां Sea-Weed की खेती को लेकर बड़े प्रयास हुए हैं। आज गुजरात की कोस्ट लाइन, देश के आयात-निर्यात में बहुत बड़ी भूमिका निभाने के साथ ही लाखों लोगों को रोजगार का माध्यम भी बनी है। आज गुजरात की कोस्टलाइन, री-न्यूएबल एनर्जी और हाइड्रोजन इकोसिस्टम उसका पर्याय बनकर उभर रही है। हमने सौराष्ट्र को भी ऊर्जा का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनाने का प्रयास किया है। गुजरात और देश की ऊर्जा उसकी जो जरूरतें हैं। उसके लिए जो कुछ भी चाहिए, आज ये क्षेत्र उसका बड़ा हब बन रहा है। अब तो सौर ऊर्जा के भी अनेक प्रोजेक्ट इस क्षेत्र में लग रहे हैं। पालिताना में आज जिस सोलर पावर प्रोजेक्ट का उद्घाटन हुआ है, उससे क्षेत्र के अनेक परिवारों को सस्ती और पर्याप्त बिजली मिल पाएगी। एक समय था, जो आज 20-22 साल के होंगे ना उनको तो इन बातों को पता भी नहीं होगा, यही हमारे गुजरात में एक समय था, जब शाम को खाना खाने के समय अगर बिजली आ गई तो खुशी का दिन होता था। और मुझे याद है, मैं मुख्यमंत्री बना पहले ही दिन से लोग कहते थे कि कम से कम शाम को खाना खाते समय बिजली मिले ऐसा तो करो। वो सारे दुख वाले दिन चले गए दोस्तों।

आज यहां पर्याप्त बिजली के कारण बिजनेस के नए अवसर यहां बन रहे हैं, उद्योग-धंधे फल-फूल रहे हैं। धोलेरा में री-न्यूएबल एनर्जी, स्पेस और सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री को लेकर जो निवेश होने जा रहा है, उसका लाभ भी भावनगर को मिलने वाला है। क्योंकि एक प्रकार से वो भावनगर का पड़ोसी इलाका डेवलप हो रहा है और वो दिन दूर नहीं होगा अहमदाबाद से धोलेरा, भावनगर ये पूरा क्षेत्र विकास की नई–नई ऊंचाईयों को प्राप्त करने वाला है।

भाइयों और बहनों,

भावनगर आज Port-led Development के एक अहम सेंटर के रूप में विकसित हो रहा है। इस पोर्ट की देशभर के अलग-अलग औद्योगिक क्षेत्रों के साथ मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी सुनिश्चित होगी। मालगाड़ियों के लिए अलग से जो ट्रैक बिछाया जा रहा है, उससे भी ये पोर्ट जुड़ेगा और दूसरे हाईवे, रेलवे नेटवर्क से भी बेहतर कनेक्टिविटी होगी। पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान ये कनेक्टिविटी की परियोजनाओं को और नया बल देने वाली है। यानि भावनगर का ये पोर्ट आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में बड़ी भूमिका निभाएगा और रोज़गार के सैकड़ों नए अवसर यहां बनेंगे। यहां भंडारण, ट्रांसपोर्टेशन और लॉजिस्टिक्स से जुड़े व्यापार-कारोबार का विस्तार होने वाला है। ये बंदरगाह गाड़ियों की स्क्रैपिंग, कंटेनर उत्पादन और धोलेरा स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स की भी ज़रूरतों को पूरा करेगा। इससे यहां नए रोज़गार बनेंगे, स्वरोजगार की संभावनाएं बनेंगी।

साथियों,

अलंग को दुनिया के बड़े शिप ब्रेकिंग यार्ड में से एक के लिए जाना जाता है। शायद ही कोई ऐसा हो, जिसको अलंग का पता ना हो। केंद्र सरकार ने जो नई व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी यानि पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप करने के लिए जो नीति बनाई। वो जब लागू होगी, मैं साथियों दावे से कहता हूं। पूरे हिन्दुस्तान में ये व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी का सबसे पहले और सबसे ज्यादा लाभ किसी को मिलने वाला है, तो आप लोगों को मिलने वाला है। इसका कारण है, अलंग के पास तो स्क्रैपिंग से जुड़ी विशेषज्ञता है। बड़े-बड़े जहाजों को कैसे स्क्रैप किया जाता है, उसकी उनको जानकारी है। ऐसे में जहाजों के साथ-साथ दूसरे छोटे वाहनों की स्क्रैपिंग का भी देश का ये बड़ा सेंटर बन सकता है। भावनगर के मेरे होनहार उद्यमियों को मुझे ये याद दिलाने की जरूरत नहीं है कि वो विदेशों से भी ये छोटी-छोटी गाड़ियां लाकर, उन्हें यहां स्क्रैप करने का काम भी शुरू कर देंगे।

साथियों,

यहां जहाज़ों को तोड़कर जो लोहा निकलता है, अभी तक कंस्ट्रक्शन सेक्टर में उसका बड़ा उपयोग होता है। हाल ही में हमने देखा है कि कंटेनरों के लिए किसी एक ही देश पर अति-निर्भरता से कितना बड़ा संकट खड़ा हो सकता है। भावनगर के लिए ये भी एक नया अवसर है और बड़ा अवसर है। एक तरफ वैश्विक व्यापार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ रही है और दूसरी तरफ दुनिया भी कंटेनर्स के मामले में भरोसेमंद सप्लायर की तलाश में है। पूरी दुनिया को लाखों कंटेनर की जरूरत है। भावनगर में बनने वाले कंटेनर, आत्मनिर्भर भारत को भी ऊर्जा देंगे और यहां रोज़गार के अनेक अवसर भी बनाएंगे।

साथियों,

जब मन में लोगों की सेवा का भाव हो, परिवर्तन लाने की इच्छाशक्ति हो, तो बड़े से बड़े लक्ष्य को पाना संभव होता है। सूरत से भावनगर आने-जाने वाली गाड़ियों की क्या स्थिति होती थी, ये आप लोग अच्छी तरह जानते हैं। घंटों का सफर, सड़क हादसे, पेट्रोल-डीजल का खर्चा, कितनी सारी मुश्किलें थीं। अब जीवन पर संकट भी कम हुआ है, किराए-भाड़े का पैसा और समय भी बच रहा है। तमाम अड़चनों के बावजूद हमने घोघा-दहेज फ़ेरी शुरू करके दिखाई, इस सपने को पूरा किया। घोघा-हज़ीरा रो-रो फेरी सर्विस से सौराष्ट्र और सूरत की दूरी लगभग 400 किलोमीटर से घटकर के 100 किलोमीटर से भी कम हो गई है। बहुत ही कम समय में इस सेवा से लगभग 3 लाख यात्री सफर कर चुके हैं। 80 हज़ार से अधिक गाड़ियों को यहां से वहां पहुंचाया गया है और इसी साल अब तक 40 लाख लीटर से अधिक पेट्रोल-डीज़ल की बचत हुई है, मतलब उतने पैसे आप लोगों की जेब में बचे हैं। आज से तो इस रूट पर बड़े जहाजों के लिए भी रास्ता साफ हुआ है।

साथियों,

आप समझ सकते हैं ये कितनी बड़ी सेवा इस क्षेत्र के सामान्य जनों, किसानों और व्यापारियों की हुई है। लेकिन इतना सब कुछ बिना किसी शोर-शराबे के, बड़े-बड़े विज्ञापन के पीछे पैसे बर्बाद किए बिना ये सारे काम हो रहे हैं, साथियों। क्योंकि हमारी प्रेरणा और लक्ष्य कभी भी सत्ता सुख नहीं रहा है। हम तो हमेशा सत्ता को सेवा का माध्यम मानते हैं। ये हमारा सेवा का यज्ञ चल रहा है। इसी सेवाभाव के कारण ही इतना प्यार, इतना आशीर्वाद निरंतर बढ़ता ही चला जा रहा है, बढ़ता ही चला जा रहा है।

साथियों,

हमारे प्रयासों से इस क्षेत्र में सिर्फ आना-जाना, ट्रांसपोर्टेशन ही नहीं, इतनी ही सुविधा हुई है ऐसा नहीं है, लेकिन टूरिज्म को भी बढ़ावा मिला है। अपनी समुद्री विरासत को सहेजकर उसको पर्यटन की ताकत बनाने पर गुजरात के तटीय क्षेत्रों में अभूतपूर्व काम हो रहा है। लोथल में बनने वाला मेरीटाइम म्यूज़ियम, शायद आपमें से बहुत कम लोगों को मालूम होगा। लोथल में दुनिया में नाम कमा सके, ऐसा मेरीटाइम म्यूज़ियम बन रहा है। जैसे Statue of Unity उसने एक पहचान बनाई है। ये लोथल का मेरीटाइम म्यूज़ियम भी बनाएगा। क्योंकि हमारे लिए गर्व की बात है। दुनिया का सबसे पुराना बंदरगाह लोथल ये हमारी गुजरात की धरती पर है, ये हमारे भावनगर के किनारे पर है। लोथल हमारी विरासत का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है, जिसको पूरी दुनिया के पर्यटन नक्शे पर लाने के लिए बहुत परिश्रम किया जा रहा है। लोथल के साथ वेलावदर नेशनल पार्क में इको टूरिज्म से जुड़े सर्किट का लाभ भी भावनगर को होने वाला है, विशेष रूप से छोटे–छोटे जो बिजनेसमेन हैं, छोटे-छोटे कारोबारी हैं, व्यापारी हैं, उनको विशेष होने वाला है।

भाइयों और बहनों,

सौराष्ट्र में किसानों और मछुआरों, दोनों के जीवन में पिछले 2 दशकों में बहुत बड़ा बदलाव आया है। एक समय था, जब जानकारी के अभाव में अक्सर मछुआरों का जीवन खतरे में पड़ जाता था। जब मैं यहां मुख्यमंत्री था, तब मछुआरों को एक लाल रंग की बास्केट दी गई थी, जिसमें अलग अलग बटन लगे थे। दुर्घटना की स्थिति में बटन दबाने पर कोस्ट गार्ड के ऑफिस में सीधा अलर्ट पहुंच जाता था। जिससे तुरंत सहायता पहुंचाना संभव हो पाता था। इसी भावना का 2014 के बाद पूरे देश के लिए हमने विस्तार किया है। मछुआरों की नावों को आधुनिक बनाने के लिए सब्सिडी दी, किसानों की तरह ही मछुआरों को किसान क्रेडिट कार्ड दिए।

साथियों,

आज मुझे बहुत संतोष होता है, जब सौनी योजना से हो रहे बदलाव को मैं देखता हूं। मुझे याद है मैंने जब सौनी योना की बात कही थी तो हमारे सौराष्ट्र में मैंने राजकोट में आकर के इसकी शुरूआत की थी। सारे मीडिया वालों ने लिखा था कि देखो चुनाव आया, इसलिए मोदी जी ने घोषणा कर दी है। चुनाव जाएगा, भूल जाएंगे। लेकिन मैंने सबको गलत सिद्ध कर दिया। आज सौनी योजना नर्मदा मैया को लेकर के उसे जहां-जहां पहुंचाने का संकल्प किया था, तेज गति से पहुंच रही है भाइयों। हम वचन के पक्के लोग हैं, हम समाज के लिए जीने वाले लोग हैं।

साथियों,

इस सौनी परियोजना के इसके एक हिस्से का लोकार्पण आज होता है और दूसरे हिस्से पर काम शुरु होता है। हम काम रूकने नहीं देते। आज भी जिस हिस्से का लोकार्पण हुआ है, उससे भावनगर और अमरेली जिले के अनेक डैम तक पानी पहुंच रहा है। इससे भावनगर के गारीयाधार, जेसर और महुवा तालुका और अमरेली जिले के राजुला और खांभा तालुका अनेक गांवों के किसानों को लाभ होने वाला है। भावनगर, गिर सोमनाथ, अमरेली, बोटाद, जूनागढ़, राजकोट, पोरबंदर इन जिलों के सैकड़ों गांवों और दर्जनों शहरों तक पानी पहुंचाने के लिए भी आज काम नए सिरे से जोड़ा गया है।

भाइयों और बहनों,

अभाव को दूर करना और जो विकास में पीछे छूट गया, उसका हाथ पकड़कर आगे ले जाना, ये डबल इंजन सरकार की प्रतिबद्धता है। गरीब से गरीब को जब साधन मिलते हैं, जब सरकार उनको संसाधन देती है तो वो अपनी तकदीर बदलने में जुट जाता है। वो दिन रात मेहनत करता है और गरीबी से लड़ाई लड़कर गरीबी को परास्त करता है। गुजरात में हम अक्सर गरीब कल्याण मेले का आयोजन करते थे। ऐसे ही एक कार्यक्रम के दौरान यहां भावनगर में एक बहन को मैंने तीन पहियें वाली साइकिल दी थी। दिव्यांग बहन थी, तो उसने मुझे क्या कहा। आप देखिए, मिजाज देखिए भावनगर के लोगों का, गुजरातियों का स्प्रिट देखिए, मुझे बराबर याद है। उस बहन ने कहा कि मुझे तो साइकिल चलाना आता नहीं है। मुझे तो इलेक्ट्रिकल ट्राइसिकल दीजिए। ये मिजाज है मेरे गुजरात का, ये मिजाज है मेरे भावनगर का और ये जो विश्वास था, उस बहन के मन में जो भरोसा था, वो भरोसा मेरी सबसे बड़ी पूंजी है भाइयों। गरीबों के यही सपने, यही आकांक्षाएं मुझे निरंतर काम करने की ऊर्जा देते हैं। आपके आशीर्वाद से ये ऊर्जा बनी रहे, और निरंतर आपका प्यार बढ़ता चला जा रहा है। और मैं आज ये जरूर कहुंगा कि मुझे आने में कुछ साल लग गए, मैं देर से आया, लेकिन खाली हाथ नहीं आया हूं। पिछले सालों का जो बकाया था, वो भी लेकर के आ गया हूं। और वैसे भी भावनगर का मेरे ऊपर अधिकार है भाई, आप भावनगर आओ और नरसीबापा का गांठीया, दास के पेड़े और जब गांठीया याद करूं, तब मुझे मेरे हरिसिंह दादा याद आते हैं। कई सालों पहले मैं छोटे कार्यकर्ता के रुप में तब तो मैं राजनीति में भी नहीं था। मुझे गांठीया खाना खाना किसी ने सिखाया है, तो हरिसिंह दादा ने सिखाया। जब अहमदाबाद आए, तब गांठीया लेकर आए, वह हमारी चिंता करते थे। आज जब भावनगर आया हूँ, तब अभी नवरात्रि का व्रत चल रहा है, तो अभी सब किसी काम का नहीं है। फिर भी भावनगर का गांठीया देश और दुनिया में प्रसिद्ध है, यह छोटी-मोटी बात नहीं है दोस्तों। यह भावनगर की ताकत है। साथियों आज विकास के अनेक प्रकल्प लेकर मैं आया हूँ। अनेक परियोजना लेकर आया हूँ। यह भावनगर की युवा पीढ़ी के भविष्य को निश्चित करने वाली योजनाएं हैं। भावनगर के भविष्य को चार चांद लगाने वाली योजनाएं हैं। कोई कल्पना नहीं कर सकेगा, तेज गति से भावनगर का विकास हो, इसके लिए यह योजनाएं हैं। और उसका लाभ समग्र सौराष्ट्र को मिलेगा, सारे गुजरात को मिलेगा और देश को भी उसके फल चखने को मिलेगा। भाइयों-बहनों आपने जो प्यार बरसाया है, जो आशीर्वाद बरसाया है। इतनी विराट संख्या में आप आए हैं, मैं अंतःकरणपूर्वक आपका आभारी हूँ। मेरे साथ दोनों हाथ ऊपर करके पूरी ताकत से बोलिए,

भारत माता की-जय,

भारत माता की-जय,

भारत माता की-जय।

बहुत-बहुत धन्यवाद।

 

डिस्क्लेमर: प्रधानमंत्री के भाषण का कुछ अंश गुजराती भाषा में भी है, जिसका भावानुवाद यहाँ किया गया है।

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November 23, 2024
आज महाराष्ट्र ने विकास, सुशासन और सच्चे सामाजिक न्याय की जीत देखी है: पीएम मोदी
महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा को कांग्रेस और उसके सहयोगियों की कुल सीटों से कहीं ज़्यादा सीटें दी हैं: पीएम मोदी
महाराष्ट्र ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। यह पिछले 50 सालों में किसी भी पार्टी या चुनाव-पूर्व गठबंधन की सबसे बड़ी जीत है: पीएम मोदी
‘एक हैं तो सेफ हैं’ देश का ‘महामंत्र’ बन गया है: पार्टी मुख्यालय में भाजपा कार्यकर्ताओं से पीएम मोदी
महाराष्ट्र देश का छठा राज्य बन गया है जिसने लगातार तीसरी बार भाजपा को जनादेश दिया है: पीएम मोदी

जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।

जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...

आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

साथियों,

आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

साथियों,

ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।



साथियों,

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।

साथियों,

महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।

साथियों,

लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों,

इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।

साथियों,

देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।



साथियों,

महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।

साथियों,

भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।

साथियों,

सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।

साथियों,

कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।

साथियों,

एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।

साथियों,

कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।

साथियों,

जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।

साथियों,

आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।


साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।