"बीते 8 साल में भारत की बायो-इकॉनॉमी 8 गुना बढ़ गई है। 10 अरब डॉलर से बढ़कर हम 80 अरब डॉलर तक पहुंच चुके हैं। भारत, बायोटेक के ग्लोबल इको-सिस्टम में टॉप-10 देशों की लीग में पहुंचने से भी ज्यादा दूर नहीं हैं”
"दुनिया में हमारे आईटी प्रोफेशनल्स की स्किल और इनोवेशन को लेकर ट्रस्ट नई ऊंचाई पर है। यही ट्रस्ट, यही रेपुटेशन, इस दशक में भारत के बायोटिक फैक्टर, भारत के बायो प्रोफेशनल्स के लिए होते हम देख रहे हैं"
“सबका साथ-सबका विकास का मंत्र भारत के विभिन्न क्षेत्रों पर लागू है। अब सभी क्षेत्रों को ‘संपूर्ण सरकार’ की पहुंच के रूप में बढ़ावा दिया जा रहा है”
“आज लगभग 60 विभिन्न उद्योगों में 70 हजार स्टार्ट-अप पंजीकृत हैं। 5 हजार से ज्यादा स्टार्टअप बायोटेक से जुड़े हैं’
“पिछले साल में ही 1100 बायोटेक स्टार्टअप उभरे”
“सबका प्रयास की भावना को विकसित करते हुए, सरकार एकीकृत प्लेटफार्मों पर उद्योग के सर्वश्रेष्ठ दिमागों को एक साथ ला रही है”
"बायोटेक सेक्टर सबसे अधिक डिमांड ड्राइवेन सेक्टर्स में से एक है। बीते वर्षों में भारत में ईज आफ लिविंग के लिए जो अभियान चले हैं, उन्होंने बायोटेक सेक्टर के लिए नई संभावनाएं बना दी हैं”

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सभी सहयोगी, बायोटेक सेक्टर से जुड़े सभी महानुभाव, देश-विदेश से आए अतिथिगण, एक्सपर्ट्स, निवेशक, SMEs और स्टार्टअप्स सहित इंडस्ट्री के सभी साथी, देवियों और सज्जनों !

देश की पहली Biotech Start-Up Expo इस आयोजन के लिए, इसमें हिस्सा लेने के लिए और भारत की इस शक्ति का दुनिया को परिचय कराने के लिए मैं आप सबको बहुत-बहुत बधाई देता हूं। ये Expo, भारत के बायोटेक सेक्टर की Exponential ग्रोथ का प्रतिबिंब है। बीते 8 साल में भारत की बायो-इकोनॉमी 8 गुना बढ़ गई है। 10 अरब डॉलर से 80 अरब डॉलर तक हम पहुंच चुके हैं। भारत, Biotech के Global Ecosystem में Top-10 देशों की लीग में पहुंचने से भी ज्यादा दूर नहीं हैं। नए भारत की इस नई छलांग में Biotechnology Industry Research Assistance Council यानी ‘BIRAC’ की बड़ी भूमिका रही है। बीते वर्षों में भारत में Bio-economy का, रिसर्च और इनोवेशन का जो अभूतपूर्व विस्तार हुआ है, उसमें ‘BIRAC’ का अहम contribution रहा है। मैं आप सभी को ‘BIRAC’ के 10 वर्ष की सफल यात्रा के लिए इस महत्वपूर्ण पड़ाव पर अनेक-अनेक बधाई देता हूं। यहां जो exhibition लगी है, उसमें भारत के युवा टैलेंट, भारत के बायोटेक स्टार्टअप्स, इनका सामर्थ्य और बायोटेक सेक्टर के लिए भविष्य का रोडमैप, बहुत बखूबी, सुंदरतापूर्वक वहां प्रस्तुत किया गया है। ऐसे समय में जब भारत, अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, अगले 25 वर्षों के लिए नए लक्ष्य तय कर रहा है, तब बायोटेक सेक्टर, देश के विकास को नई गति देने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। Exhibition में show-case किए गए Biotech Startups और Biotech Investors और Incubation centers, नए भारत की Aspirations के साथ चल रहे हैं। आज यहां जो थोड़ी देर पहले जो e-portal लॉन्च किया गया है, उसमें हमारे साढ़े सात सौ Biotech Product Listed हैं। ये भारत की Bio-economy के सामर्थ्य और उसके विस्तार को भी और उसकी विविधता को दिखाता है।

साथियों,

इस हॉल में बायोटेक सेक्टर से जुड़ा करीब-करीब हर सेक्टर मौजूद है। हमारे साथ बड़ी संख्या में ऑनलाइन भी बायोटेक प्रोफेशनल्स जुड़े हुए हैं। आने वाले 2 दिनों में आप इस expo में biotech sector के सामने अवसरों और चुनौतियों पर चर्चा करने वाले हैं। बीते दशकों में हमने दुनिया में अपने डॉक्टरों, हेल्थ प्रोफेशनल्स की Reputation को बढ़ते हुए देखा है। दुनिया में हमारे IT professionals की स्किल और इनोवेशन को लेकर Trust का जो माहौल है, वो एक नई ऊंचाई पर पहुंचा है। यही Trust, यही Reputation, इस दशक में भारत के Biotech sector, भारत के बायोप्रोफेशनल्स के लिए होते हुए हम सब देख रहे हैं। ये मेरा आप पर विश्वास है, भारत के बायोटेक सेक्टर पर विश्वास है। ये विश्वास क्यों है, इसकी वजह पर भी मैं विस्तार से बात करना चाहूंगा।

साथियों,

आज अगर भारत को biotech के क्षेत्र में अवसरों की भूमि माना जा रहा है, तो उसके अनेक कारणों में पांच बड़े कारण मैं देखता हूं। पहला-Diverse Population, Diverse Climatic Zones, दूसरा- भारत का टैलेंटेड Human Capital Pool, तीसरा- भारत में Ease of Doing Business के लिए बढ़ रहे प्रयास चौथा- भारत में लगातार बढ़ रही Bio-Products की डिमांड और पांचवा- भारत के बायोटेक सेक्टर यानि आपकी सफलताओं का Track Record. ये पांचों Factors मिलकर भारत की शक्ति को कई गुना बढ़ा देते हैं।

साथियों,

बीते 8 साल में सरकार ने देश की इस ताकत को बढ़ाने के लिए निरंतर काम किया है। हमने Holistic और Whole of Government Approach पर बल दिया है। जब मैं कहता हूं, सबका साथ- सबका विकास, तो ये भारत के अलग-अलग सेक्टर्स पर भी लागू होता है। एक समय था जब देश में ये सोच हावी हो गई थी कि कुछ ही सेक्टर्स को मजबूत किया जाता था, बाकी को अपने हाल पर छोड़ दिया जाता था। हमने इस सोच को बदल दिया है, इस अप्रोच को बदल दिया है। आज के नए भारत में हर सेक्टर में उसके विकास से ही देश के विकास को गति मिलेगी। इसलिए हर सेक्टर का साथ, हर सेक्टर का विकास, ये आज देश की जरूरत है। इसलिए, हम हर उस रास्ते को Explore कर रहे हैं जो हमारी Growth को momentum दे सकता है। सोच और अप्रोच में ये जो महत्वपूर्ण बदलाव आया है वो देश को नतीजे भी दे रहा है। हमने अपने मज़बूत सर्विस सेक्टर पर फोकस किया तो, Service Export में 250 बिलियन डॉलर का रिकॉर्ड बनाया। हमने Goods Exports पर फोकस किया तो 420 बिलियन डॉलर के Products के Export का भी रिकॉर्ड बना दिया। इन सबके साथ ही, हमारे प्रयास, अन्य सेक्टर्स के लिए भी उतनी ही गंभीरता से चल रहे हैं। इसलिए ही हम अगर Textiles के सेक्टर में PLI स्कीम को लागू करते हैं, तो Drones, Semi-conductors और High-Efficiency Solar PV Modules इसके लिए भी इस स्कीम को आगे बढ़ाते हैं। बायोटेक सेक्टर के विकास के लिए भी भारत आज जितने कदम उठा रहा है, वो अभूतपूर्व है।

साथियों,

सरकार के प्रयासों का आप हमारे स्टार्टअप इकोसिस्टम में भलीभांति उन बातों को बहुत विस्तार से देख सकते हैं। बीते 8 वर्षों में हमारे देश में स्टार्टअप्स की संख्या, कुछ सौ से बढ़कर 70 हजार तक पहुंच गई है। ये 70 हजार स्टार्ट-अप्स लगभग 60 अलग-अलग इंडस्ट्रीज़ में बने हैं। इसमें भी 5 हज़ार से अधिक स्टार्ट अप्स, बायोटेक से जुड़े हैं। यानि भारत में हर 14वां स्टार्ट-अप बायोटेक्नॉलॉजी सेक्टर में बन रहा है। इनमें भी 11 सौ से अधिक तो पिछले साल ही जुड़े हैं। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि देश का कितना बड़ा टैलेंट तेजी से बायोटेक सेक्टर की तरफ बढ़ रहा है।

साथियों,

बीते सालों में हमने अटल इनोवेशन मिशन, मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत जो भी कदम उठाए हैं, उनका भी लाभ बायोटेक सेक्टर को मिला है। स्टार्ट अप इंडिया की शुरुआत के बाद हमारे बायोटेक स्टार्ट अप्स में निवेश करने वालों की संख्या में 9 गुना वृद्धि हुई है। बायोटेक Incubators की संख्या और टोटल फंडिंग में भी लगभग 7 गुना बढ़ोतरी हुई है। 2014 में हमारे देश में जहां सिर्फ 6 bio-incubators थे, वही आज इनकी संख्या बढ़कर 75 हो गई है। 8 साल पहले हमारे देश में 10 बायोटेक प्रोडक्ट्स थे। आज इनकी संख्या 700 से अधिक हो गई है। भारत जो अपने फिज़िकल इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में अभूतपूर्व Invest कर रहा है, उसका लाभ भी बायोटेक्नॉलॉजी सेक्टर को हो रहा है।

साथियों,

हमारे युवाओं में ये नया जोश, ये नया उत्साह, आने की एक और बड़ी वजह है। ये Positivity इसलिए है, क्योंकि देश में अब Innovation का, R&D का एक आधुनिक Support System उन्हें उपलब्ध हो रहा है। देश में Policy से लेकर Infrastructure तक, इसके लिए हर ज़रूरी reforms किए जा रहे हैं। सरकार ही सब कुछ जानती है, सरकार ही अकेले सब कुछ करेगी, इस कार्य-संस्कृति को पीछे छोड़कर अब देश ‘सबका प्रयास’ की भावना से आगे बढ़ रहा है। इसलिए भारत में आज अनेक नए interface तैयार किए जा रहे हैं, BIRAC जैसे प्लेटफॉर्म्स को सशक्त किया जा रहा है। Start-ups के लिए Startup India अभियान हो, Space sector के लिए IN-SPACe हो, Defence start-ups के लिए iDEX हो, Semi-conductors के लिए Indian Semi-conductor Mission हो, युवाओं में इनोवेशन को प्रोत्साहित करने के लिए Smart India Hackathon हो, ये Biotech Start-Up Expo हो, सबसे प्रयास की भावना को बढ़ाते हुए नए संस्थानों के माध्यम से सरकार इंडस्ट्री के Best Minds को एक साथ, एक प्लेटफॉर्म पर ला रही है। इसका देश को एक और बड़ा फायदा हो रहा है। Research और Academia से देश को नए break throughs मिलते हैं, जो Real World View होता है उसमें Industry सहायता करती है, और सरकार ज़रूरी Policy Environment और ज़रूरी इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराती है।

साथियों,

हमने कोविड के पूरे कालखंड में देखा है कि जब ये तीनों मिलकर काम करते हैं तो कैसे कम समय में अप्रत्याशित परिणाम आते हैं। आवश्यक मेडिकल डिवाइस, मेडिकल इंफ्रा से लेकर वैक्सीन रिसर्च, मैन्युफेक्चरिंग और वैक्सीनेशन तक, भारत ने वो कर दिखाया जिसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी। तब देश में भांति-भांति के सवाल उठ रहे थे। टेस्टिंग लैब्स नहीं है तो जांच कैसे होगी? अलग-अलग डिपार्टमेंट्स और प्राइवेट सेक्टर के बीच coordination कैसे होगा? भारत को कब वैक्सीन मिलेगी? वैक्सीन मिल भी गई तो इतने बड़े देश में सबको वैक्सीन लगाने में कितने साल लग जाएंगे? ऐसे अनेक सवाल हमारे सामने बार-बार आए। लेकिन आज सबका प्रयास की ताकत से भारत ने सारी आशंकाओं का उत्तर दे दिया है। हम लगभग 200 करोड़ वैक्सीन डोज़ देशवासियों को लगा चुके हैं। बायोटेक से लेकर तमाम दूसरे सेक्टर्स का तालमेल, सरकार, इंडस्ट्री और एकेडमिया का तालमेल, भारत को बड़े संकट से बाहर निकाल लाया है।

साथियों,

बायोटेक सेक्टर सबसे अधिक Demand Driven Sectors में से एक है। बीते वर्षों में भारत में Ease of Living के लिए जो अभियान चले हैं, उन्होंने बायोटेक सेक्टर के लिए नई संभावनाएं बना दी हैं। आयुष्मान भारत योजना के तहत गांव और गरीब के लिए जिस प्रकार इलाज को सस्ता और सुलभ किया गया है, उससे हेल्थकेयर सेक्टर की डिमांड बहुत अधिक बढ़ रही है। बायो-फार्मा के लिए भी नए अवसर बने हैं। इन अवसरों को हम टेलिमेडिसिन, डिजिटल हेल्थ आईडी और ड्रोन टेक्नॉलॉजी के माध्यम से और व्यापक बना रहे हैं। आने वाले सालों में बायोटेक के लिए देश में बहुत बड़ा कंज्यूमर बेस तैयार होने वाला है।

साथियों,

फार्मा के साथ ही Agriculture और Energy सेक्टर में भारत जो बड़े परिवर्तन ला रहा है, वो भी बायोटेक सेक्टर के लिए नई उम्मीद जगा रही है। कैमिकल फ्री खेती को बढ़ावा देने के लिए भारत में आज Biofertilizers और Organic fertilizers को अभूतपूर्व प्रोत्साहन मिल रहा है। खेती पर Climate Change के असर को कम करने के लिए, कुपोषण को दूर करने के लिए Bio-Fortified Seeds को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। बायोफ्यूल के क्षेत्र में जो डिमांड बढ़ रही है, जो R&D इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार हो रहा है, वो बायोटेक से जुड़े SMEs के लिए, स्टार्ट अप्स के लिए एक बहुत बड़ा अवसर है। हाल में ही हमने पेट्रोल में इथेनॉल की 10 प्रतिशत ब्लेंडिंग का टारगेट हासिल कर लिया। भारत ने पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल ब्लेंडिंग का टारगेट भी 2030 से 5 साल कम करके अब इसे 2025 कर लिया है। ये सारे प्रयास, बायोटेक के क्षेत्र में रोजगार के भी नए अवसर बनाएंगे, बायोटेक प्रोफेशनल्स के लिए नए मौके बनाएंगे। सरकार ने अभी हाल में जो लाभार्थियों के सैचुरेशन, गरीब के शत-प्रतिशत सशक्तिकरण का अभियान शुरू किया है, वो भी बायोटेक सेक्टर को नई ताकत दे सकता है। यानि बायोटेक सेक्टर की ग्रोथ के लिए अवसर ही अवसर हैं। भारत की Generic दवाओं, भारत की वैक्सीन्स ने जो Trust दुनिया में बनाया है, जितने बड़े लेवल पर हम काम कर सकते हैं, वो बायेटेक सेक्टर के लिए एक और बड़ा advantage है। मुझे विश्वास है, आने वाले 2 दिनों में आप बायोटेक सेक्टर से जुड़ी हर संभावना पर विस्तार से चर्चा करेंगे। अभी ‘BIRAC’ ने अपने 10 साल पूरे किए हैं। मेरा ये भी आग्रह है कि जब BIRAC अपने 25 साल पूरे करेगा, तो बायोटेक सेक्टर किस ऊंचाई पर होगा, उसके लिए अपने लक्ष्यों और Actionable Points पर अभी से काम करना चाहिए। इस शानदार आयोजन के लिए देश की युवा पीढ़ियों को इस क्षेत्र में आकर्षित करने के लिए और देश के कौशल को दुनिया के सामने पूरे सामर्थ्य के साथ प्रस्‍तुत करने के‍ लिए मैं आप सबको बहुत-बहुत बधाई देता हूं। बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं !

बहुत-बहुत धन्यवाद !

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।