कांग्रेस पार्टी केवल झूठ और फर्जी गारंटियों में लिप्त है और राजस्थान के लोगों की वास्तविक चिंताओं की परवाह नहीं करती: पीएम मोदी
हमने महिला सशक्तिकरण को प्राथमिकता दी है और उन्हें जनभागीदारी में बराबर का भागीदार माना है: पीएम मोदी
नए संसद भवन के उद्घाटन के दौरान कांग्रेस के नेतृत्व वाली विपक्षी पार्टियों ने इसके निर्माण से जुड़े 60,000 श्रमिकों का अपमान किया: पीएम मोदी
कांग्रेस के शासन का मॉडल, 85 प्रतिशत कमीशन पर आधारित है: पीएम मोदी
2014 से पहले प्रधानमंत्री के ऊपर सुपरपावर थी, कांग्रेस सरकार, रिमोट कंट्रोल से चला करती थी: पीएम मोदी

भारत माता की...


मंच पर विराजमान भारतीय जनता पार्टी के सभी वरिष्ठ नेतागन और इतनी बड़ी संख्या में हम सबको आशीर्वाद देने आए हुए इस वीर भूमि के मेरे भाइयों और बहनों। इस धरती पर वीर तेजाजी महाराज, भगवान देवनारायण, डिग्गी कल्याण जी, देवधाम जोधपुरिया, खोड़ा गणेश जी और माता शाकम्भरी की कृपा है। ये भूमि अनेक ऋषियों, मनीषियों की तपोस्थली है, कार्यस्थली रही है। यहीं पर ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह है। मैं अजमेर की इस पावन भूमि से सम्राट पृथ्वीराज चौहान के शौर्य, मां मीरा की भक्ति और विजय सिंह पथिक जैसे क्रांतिवीरों की शक्ति को भी नमन करता हूं। मैं राजस्थान की प्रत्येक माता-बहन-बेटी को नमन करता हूं, जिन्होंने इस धरती को वीरों की धरती बनाया है। आज ही देवी अहिल्या बाई होल्कर जी की जन्म जयंती भी है। राष्ट्र निर्माण के कार्यों के लिए, देश के लोगों को कर्तव्य पथ की दिशा दिखाने के लिए देवी अहिल्या जी को देश हमेशा याद रखेगा। मैं देवी अहिल्या बाई होलकर जी को श्रद्धांजलि देता हूं। मैं आज राजस्थान बीजेपी की भी सराहना करूंगा। राजस्थान बीजेपी पूरे उत्साह के साथ हम सभी के श्रद्धेय, स्वर्गीय भैरों सिंह शेखावत जी का जन्मशती वर्ष मना रही है। कुछ दिन पहले 15 मई को ही उनकी पुण्यतिथि भी थी। मैं भैरों सिंह शेखावत जी को भी अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

भाइयो और बहनो,


आज यहां अजमेर आने से पहले मुझे तीर्थराज पुष्कर जाने का सौभाग्य मिला। हमारे शास्त्रों में ब्रह्मा जी को सृष्टि का रचयिता कहा गया है। ब्रह्मा जी के आशीर्वाद से आज भारत में नव-निर्माण का दौर चल रहा है। केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली NDA सरकार के 9 साल भी पूरे हो गए हैं। भाजपा सरकार के 9 साल देशवासियों की सेवा के रहे हैं। भाजपा सरकार के 9 साल, सुशासन के रहे हैं। भाजपा सरकार के 9 साल, गरीब कल्याण के लिए समर्पित रहे हैं।

साथियो,


देश ने 2014 में सबका साथ-सबका विकास के नए संकल्प का आह्वान किया था। इस संकल्प में राजस्थान ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। आप याद कीजिए, 2014 से पहले देश में क्या स्थिति थी? पूरे देश में जनता भ्रष्टाचार के विरुद्ध सड़क पर उतरी हुई थी।
बड़े-बड़े शहरों में आए दिन आतंकी हमले होते थे। कांग्रेस सरकार सीमा पर सड़कें बनाने से भी डरती थी। महिलाओं के विरुद्ध अपराध चरम पर थे। प्रधानमंत्री के ऊपर सुपरपावर थी, कांग्रेस सरकार रिमोट कंट्रोल से चला करती थी। निर्णय होते नहीं थे, नीतियां चौपट थीं।
निवेशक निराश थे, युवाओं के सामने अंधकार था। जनता से वोट लेकर, कांग्रेस, जनता को ही कोस रही थी।

भाइयों और बहनों,


घोर निराशा के इसी माहौल को 2014 में आपने एक वोट से विकास के विश्वास में बदल दिया। आज देखिए, पूरी दुनिया में भारत का यशगान हो रहा है। आज दुनिया के बड़े एक्सपर्ट्स ये बोल रहे हैं कि भारत अति गरीबी को समाप्त करने के बहुत निकट है। साथियों आखिर ये बदलाव आया कैसे? इसका जवाब है- सबका साथ,सबका विकास। इसका जवाब है- वंचितों को वरीयता।

साथियों,


कांग्रेस ने 50 साल पहले, देखिए कांग्रेस की गारंटी देने वाली आदत आज की नहीं है पुरानी है, 50 साल पहले कांग्रेस ने इस देश को गरीबी हटाने की गारंटी दी थी। ये गरीबों के साथ किया गया कांग्रेस का सबसे बड़ा विश्वासघात है। कांग्रेस की रणनीति रही है कि, गरीबों को भरमाओ, गरीबों को तरसाओ। यहां राजस्थान के आप लोगों ने भी इसका बहुत नुकसान उठाया है।

साथियों,


कांग्रेस ने किस तरह देश की करोड़ों महिलाओं और बच्चों के जीवन से खिलवाड़ किया, इसका उदाहरण कांग्रेस के समय चला टीकाकरण अभियान है। जब कांग्रेस की सरकार थी तो देश में टीकाकरण का दायरा सिर्फ 60 प्रतिशत के आसपास ही पहुंच पाया था। उस समय कांग्रेस के शासनकाल में 100 में से चालीस गर्भवती महिलाएं और बच्चे ऐसे होते थे, जिन्हें जीवन रक्षक टीके नहीं लग पाते थे। अगर कांग्रेस सरकार होती तो देश में टीकाकरण की कवरेज 100 प्रतिशत होने में 40 साल और लग जाते। और कितनी पीढ़ियां बीत जाती। आप कल्पना कर सकते हैं कि जीवन रक्षक टीकों के ना लगने से देश में कितनी बड़ी संख्या में गरीब महिलाओं और बच्चों को अपने जीवन से हाथ धोना पडता। राजस्थान के भी ऐसे लाखों बच्चों और महिलाओं को बचाने का काम बीजेपी सरकार ने किया है।

साथियो,


हम सभी ने अपने बचपन में अपनी मां को लकड़ी पर खाना बनाते देखा है। लकड़ी पर खाना बनाने की वजह से जो धुआं निकलता था, वो हर महिला के जीवन पर संकट लाता था। देश की महिलाओं की ये परेशानी भी कांग्रेस को कभी नजर नहीं आई। कांग्रेस शासन में एक गैस कनेक्शन पाने तक के लिए इधर-उधर दौड़ना पड़ता था, सिफारिशें लगवानी पड़ती थीं। इसलिए 2014 तक सिर्फ 14 करोड़ लोगों के पास ही गैस कनेक्शन था। हम अगर कांग्रेस सरकार की स्पीड से चले होते तो देश के कोने-कोने में गैस कनेक्शन पहुंचने में 20 साल और लग जाते। यानि बिना गैस कनेक्शन के एक पीढ़ी और गुजर जाती। मुझे ये स्थिति स्वीकार नहीं थी। इसलिए ही पिछले 9 साल में बीजेपी सरकार ने देश के 19 करोड़ से अधिक लोगों को गैस कनेक्शन दिया है। इस गैस कनेक्शन ने महिलाओं को स्वास्थ्य भी दिया है और सुविधा भी दी है।

साथियों,


पानी की एक-एक बूंद की कीमत, राजस्थान के मेरे भाई-बहन अच्छी तरह जानते हैं। हमारे देश में 2014 तक 18 करोड़ से ज्यादा ऐसे परिवार थे जहां नल से जल नहीं आता था, पाइप से पानी का कनेक्शन ही नहीं था। बीजेपी सरकार ने बीते 3 साल में 9 करोड़ लोगों को पाइप से पानी के कनेक्शन से जोड़ा है। अगर कांग्रेस की सरकार होती तो उसे यही काम करने में 20 साल और लग जाते। जल संकट हल करने में, पानी से जुड़ी चुनौतियों को समाप्त करने में कांग्रेस सरकार कभी आगे बढ़कर काम नहीं करती। कांग्रेस को सिर्फ झूठ बोलना आता है और आज भी कांग्रेस यही कर रही है।

साथियों,


कांग्रेस ने वीरों की इस धरती और यहां के वीरों के साथ भी हमेशा धोखा किया है। ये कांग्रेस ही है जो चार दशक तक वन रैंक वन पेंशन के नाम पर हमारे पूर्व सैनिकों से विश्वासघात करती रही। कागजों पर सिर्फ 500 करोड़ रुपए रखकर कांग्रेस कहती थी कि वो वन रैंक वन पेंशन लागू करेगी। जबकि इसके लिए हजारों करोड़ रुपए चाहिए थे। भाजपा सरकार ने ना सिर्फ वन रैंक वन पेंशन को लागू किया बल्कि पूर्व सैनिकों को एरियर भी दिया। वन रैंक वन पेंशन लागू होने के बाद, 18 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि एरियर के तौर पर, पूर्व सैनिकों को मिली है। इसका लाभ राजस्थान के भी करीब-करीब 2 लाख पूर्व सैनिकों को मिला है। वन रैंक वन पेंशन लागू होने की वजह से देश के पूर्व सैनिकों की जेब में अब तक करीब-करीब 65 हजार करोड़ रुपए गए हैं, 65 हजार करोड़ रुपया दोस्तों। आप कल्पना कर सकते हैं, कहां कांग्रेस के 500 करोड़ रुपये औऱ कहां बीजेपी सरकार के 65 हजार करोड़ रुपये। अगर बीजेपी सरकार ना होती, तो पूर्व फौजियों को आज भी वन रैंक वन पेंशन का इंतजार ही करना पड़ता।


साथियों,


कांग्रेस की गलत नीतियों का सबसे ज्यादा नुकसान अगर किसी को उठाना पड़ा तो वो देश के छोटे किसान हैं। छोटे किसानों की जरूरतों पर, छोटे किसानों की मदद करने पर कांग्रेस ने कभी ध्यान नहीं दिया। ये भारतीय जनता पार्टी है जिसने पहली बार छोटे किसानों की मुश्किलों को समझा, उनकी परेशानी दूर करने की कोशिश की।


हमने छोटे किसानों के हितों को ध्यान में रखकर पिछले 9 वर्ष में कृषि बजट में लगभग 6 गुणा वृद्धि की है, छह गुणा वृद्धि...


भाजपा सरकार में....
पहली बार किसानों को लागत का डेढ़ गुणा समर्थन मूल्य तय हुआ।
पहली बार किसानों को बैंक खाते में उनकी उपज का पैसा मिलना सुनिश्चित हुआ।
पहली बार किसानों को e-NAM के रूप में राष्ट्रीय मंडी मिली है।
पहली बार किसी फसल बीमा योजना से किसानों को सवा लाख करोड़ रुपए से अधिक का मुआवजा मिला है।
पहली बार अभियान चलाकर किसानों को बीजों की 2 हज़ार नई वैरायटी दी गई है।
पहली बार पशुपालकों को, मछली पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा मिली है।
पहली बार यूरिया की कालाबाजारी रुकी है, नीम कोटिंग होने का फायदा किसानों को मिला है।
पहली बार किसानों को लिक्विड नैनो यूरिया जैसा मेड इन इंडिया उत्पाद मिला है।
पहली बार अभियान चलाकर देश के 11 करोड़ किसानों को 11 करोड़ से अधिक सॉयल हेल्थ कार्ड दिए गए हैं।
पहली बार किसानों के लिए पीएम किसान सम्मान निधि जैसी योजना शुरु हुई है।
इसके तहत अभी तक 11 करोड़ किसानों को करीब ढाई लाख करोड़ रुपए मिल चुके हैं।

साथियो,


ये बीजेपी की ही सरकार है जिसने गेहूं औऱ धान की खेती के अलावा भी किसानों को आय के दूसरे साधनों पर और ज्यादा काम किया है।
पहली बार देश में दालों का उत्पादन बढ़ाने और MSP पर दलहन की खरीद के लिए इतना बड़ा अभियान चलाया गया।
पहली बार अन्नदाता को ऊर्जादाता बनाने के लिए हमने अभियान चलाया, लाखों किसानों को सोलर पंप भी दिए।
पहली बार देश में प्राकृतिक खेती-नैचुरल फार्मिंग के लिए भी इतना बड़ा अभियान शुरू किया गया।
पहली बार शहद का उत्पादन बढ़ाने और उसके निर्यात के लिए भी बीजेपी सरकार ने विशेष मिशन चलाया।
पहली बार ज्वार-बाजरा जैसे भारत के श्री-अन्न को वैश्विक पहचान देने का प्रयास हुआ।
पहली बार, किसी सरकार ने मोटे अनाज उगाने वाले देश के ढाई करोड़ किसानों की चिंता की है।
भारत के प्रयास से ही संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को मोटे अनाज का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष घोषित किया है। इन सबका फायदा यहां राजस्थान के किसानों को हुआ है, इस क्षेत्र के किसानों को हुआ है।

भाइयो और बहनो,


आजकल बहुत से लोग ये पूछते हैं कि देश में जो विकास के बड़े-बड़े काम हो रहे हैं, उसके लिए पैसा कहां से आ रहा है? हमारे देश में विकास के काम के लिए मोदी इतने पैसे लाता कहां से है। चारों तरफ विकास का काम चल रहा है इतने पैसे मोदी लाता कहां से है। मैं बताता हुं मोदी पैसे लाता कहां से है। पहले पैसे कहां जाते थे और आज कहां जाते हैं वो भी बताता हूं। हमारे देश में विकास के काम के लिए पैसे की कमी कभी भी नहीं रही है। ये बहुत जरूरी होता है कि जो पैसा सरकार भेजे, वो पूरा का पूरा विकास के कार्यों में लगे। लेकिन कांग्रेस ने अपने शासन में देश का खून चूसने वाली ऐसी भ्रष्ट व्यवस्था बना दी थी, जो देश के विकास को खाए जा रही थी, खोखला कर रही थी। कांग्रेस के नेता पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने सार्वजनिक रूप से माना था कि कांग्रेस सरकार 100 पैसे भेजती है, एक रुपया अगर भेजती है तो सौ पैसे में से पिच्यासी पैसे भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाते हैं। कांग्रेस, हर योजना में पिच्यासी परसेंट कमीशन खाने वाली पार्टी है।

साथियो,


बीजेपी सरकार ने बीते 9 वर्षों में जो देश का इतना विकास किया है, वो इसलिए संभव हो पाया क्योंकि बीजेपी कांग्रेस की लूट के रास्तों को बंद कर रही है। बीते 9 वर्षों में बीजेपी सरकार ने आधुनिक हाईवे और रेलवे पर करीब चौबीस लाख करोड़ रुपए खर्च किए हैं। हाईवे और रेलवे- 24 लाख करोड़... अगर कांग्रेस की सरकार होती और राजीव गांधी ने जो कहा था अगर उसपर विचार करें तो 24 लाख करोड़ में से 20 लाख करोड़ रुपए बीच में ही लुट जाते। न रेल बनती न रोड बनता। बीते 9 वर्षों में बीजेपी सरकार ने उनतीस लाख करोड़ रुपए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर DBT के माध्यम से सीधे गरीबों के बैंक खाते में जमा किए हैं। अगर कांग्रेस सरकार होती तो इसमें से चौबीस लाख करोड़ रुपए पीच्यासी पैसों के हिसाब से 24 लाख करोड़ रुपये बीच में ही लुट जाते।

साथियो,


जब लूट की बात होती है, तो कांग्रेस किसी में भेदभाव नहीं करती।
कांग्रेस, देश के हर नागरिक को, गरीब हो, दलित हो, पीड़ित हो शोषित हो, वंचित हो, आदिवासी हो अल्पसंख्यक हो, दिव्यांग हो, महिला हो, सबको समान भाव से लूटती है। बीते 9 वर्षों में बीजेपी सरकार ने आदिवासी बच्चों को 22 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा पढाई के लिए भेजे हैं। अगर कांग्रेस सरकार होती तो इसमें से उन्नीस हजार करोड़ रुपए बीच में ही लुट जाते। बीते 9 वर्षों में बीजेपी सरकार ने पानी की सुविधाओं के लिए पौने चार लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किए हैं। अगर कांग्रेस सरकार होती तो इसमें से भी सवा तीन लाख करोड़ रुपए बीच में ही लुट जाते। आप कल्पना कर सकते हैं, इसका कितना बड़ा नुकसान हमारी राजस्थान की माताओं-बहनों-बेटियों को भी उठाना पड़ता।

साथियो,


गरीब का सबसे बड़ा सपना, उसका अपना घर होता है। कांग्रेस सरकार के समय गरीबों को जो घर मिलते थे, वो चार दीवारों के खंडहर बनकर रह जाते थे इससे ज्यादा कुछ नहीं होते थे। ऐसा इसलिए होता था क्योंकि कांग्रेस, गरीब के घरों को भी लूट लेती थी।
बीते 9 वर्षों में बीजेपी सरकार ने दो लाख 25 हजार करोड़ रुपए गरीबों को घर बनाने के लिए दिए हैं। अगर कांग्रेस सरकार होती तो इसमें से दो लाख करोड़ रुपए बीच में ही लुट जाते। बाकी बचे 25 हजार करोड़ रुपए में खंडहर ही बनते, घर का सपना कभी पूरा नहीं होता।

साथियो,


बीते 9 वर्षों में बीजेपी सरकार ने मुद्रा योजना के तहत करीब 24 लाख करोड़ रुपए की मदद युवाओं को दी है। ये पैसा भी पूरा का पूरा, युवाओं के बैंक खातों में गया है। साथियों, जब देश का पैसा देश के विकास में लगता है, तो विकास दिखता भी है और विकास महसूस भी होता है। ये हम राजस्थान में भी होते हुए देख रहे हैं। राजस्थान में बहुत बड़े रेल नेटवर्क का बिजलीकरण हो चुका है। कुछ समय पहले ही मुझे दिल्ली-अजमेर वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाने का भी अवसर मिला। इस ट्रेन से पुष्कर आने वाले लोगों को, ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह आने वाले लोगों को बहुत मदद मिली है। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का लाभ मिलना भी राजस्थान को शुरु हो चुका है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से भी राजस्थान के अनेक जिलों को लाभ हो रहा है। बॉर्डर के क्षेत्रों तक पहुंचना भी अब और आसान हुआ है। इन सभी ने राजस्थान में टूरिज्म को बढ़ाने में, रोजगार के अवसर बढ़ाने में बहुत बड़ी मदद की है।

साथियो,


पिछले 9 वर्षों में भारत के लोगों ने अपने जिस सामर्थ्य का प्रदर्शन किया है, उसकी जितनी प्रशंसा की जाए, वो कम होगी। देश की हर सफलता के पीछे भारत के लोगों की मेहनत है, भारत के लोगों का पसीना है। देश को आगे ले जाने के लिए हर भारतवासी ने जो संकल्प दिखाया है, वो अद्वितीय है। ये भारत के लोग ही हैं जिन्होंने महामारी के बाद देश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाई पर पहुंचाया है। ये भारत के लोग ही हैं, जिनकी वजह से आज दुनिया कह रही है कि ये दशक भारत का दशक है, ये सदी भारत की सदी है। लेकिन भाइयों और बहनों, भारत की ये उपलब्धियां, भारत के लोगों की ये कामयाबी, कुछ लोगों को पच नहीं रही। तीन दिन पहले आपने ये देखा है। भारत को नया संसद भवन मिला है। आपने टीवी पर देखा, मैं आपसे पूछता हूं कि ये नया संसद भवन पर आपको गर्व हुआ कि नहीं हुआ? आपका माथा ऊंचा हुआ कि नहीं हुआ? हमारे देश की शान बढ़ने का आनंद हुआ कि नहीं हुआ? लेकिन कांग्रेस और इसके जैसे कुछ दलों ने इस पर भी राजनीति का कीचड़ उछाला। कई-कई पीढ़ियों के जीवन में ऐसे अवसर एक बार ही आते हैं। लेकिन कांग्रेस ने भारत के गौरव के इस क्षण को भी अपने स्वार्थी विरोध की भेंट चढ़ा दिया। कांग्रेस ने 60 हज़ार श्रमिकों के परिश्रम का, देश की भावनाओं और आकांक्षाओं का अपमान किया है। 60 हजार मजदूरों के पसीनों को उन्होंने लात मारी है। इनको गुस्सा इस बात का है कि एक गरीब का बेटा, इनके अहंकार के आगे अड़ा कैसे हुआ है। इनको गुस्सा इस बात का है कि एक गरीब का बेटा, इनकी मनमानी चलने क्यों नहीं दे रहा। इनको गुस्सा इस बात का है कि एक गरीब का बेटा, इनके भ्रष्टाचार पर, इनके परिवारवाद पर सवाल क्यों खड़े कर रहा है।

साथियो,


2014 में आप लोगों ने कई दशकों बाद केंद्र में एक स्थिर सरकार बनाई थी। भाजपा ने आपके हर आदेश की मर्यादा रखी है। लेकिन आपने 5 वर्ष पहले राजस्थान में भी एक जनादेश दिया था। और बदले में राजस्थान को क्या मिला? क्या मिला? अस्थिरता और अराजकता। यहां पांच साल से विधायक, मंत्री, मुख्यमंत्री आपस में लड़ने में ही बिजी है। राजस्थान की जनता की कांग्रेस को कोई चिंता नहीं हैं। राजस्थान में अपराध चरम पर है। लोग अपने तीज-त्यौहार तक शांति से नहीं मना पाते। कब कहां दंगा हो जाए, इसकी कोई गारंटी नहीं। और कांग्रेस सरकार आतंकियों पर मेहरबान है। कांग्रेस की सरकार आकंठ तुष्टिकरण में डूब गई है।

साथियो,


यहां बेटियों के खिलाफ साजिश करने वालों को राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने खुली छूट दे रखी है। कांग्रेस सरकार को बेटियों की सुरक्षा की, बेटियों के हितों की परवाह नहीं है। साथियों आपका ये प्यार और आशीर्वाद मेरी बहुत बड़ी ऊर्जा है। मैं बड़े संतोष के साथ कह सकता हूं कि बीते 9 वर्षों में बीजेपी सरकार ने माताओं-बहनों-बेटियों के जीवन चक्र से जुड़ी हर समस्या पर ध्यान दिया है। गर्भावस्था के दौरान शिशु को पौष्टिक खाना मिले इसके लिए हमने मातृवंदना योजना चलाई, महिलाओं के बैंक खाते में पैसे भेजने शुरू किए। शिशु का जन्म अस्पताल में हो, हमने इसके लिए भी अभियान चलाया। बेटी को कोख में ही ना समाप्त कर दिया जाए, इसके लिए बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसे जनआंदोलन शुरू किए। बेटी जब बड़ी होकर स्कूल जाने लगे, तो शौचालय ना होने की वजह से स्कूल ना छोड़े, इसके लिए करोड़ों शौचालय बनाए। बेटी की शिक्षा जारी रहे, इसके लिए सुकन्या समृद्धि योजना में इतना ज्यादा ब्याज देने का काम किया। बेटी बड़ी होकर कुछ अपना काम कर सके इसके लिए बिना गारंटी मांगे लोन देने वाली मुद्रा योजना शुरू कर दी। मां बनने के बाद भी अपनी नौकरी जारी रख सके इसके लिए मातृत्व अवकाश में वृद्धि की। बेटी अगर सैनिक स्कूल जाना चाहे, तो उसके लिए भी हमने सैनिक स्कूल के द्वार खोल दिए। बेटी अगर सेना में अफसर बनना चाहे तो तीनों सेनाओं में हमने बेटियों के लिए नए रास्ते बना दिए। आज बड़ी संख्या में हमारी वीर बेटियां अग्नीवीर भर्ती हुई हैं, नौसेना में नाविक भर्ती हुई हैं। गांव की बहनों को कमाई के अवसर बढ़ें, इसके लिए 9 करोड़ बहनों तक सेल्फ हेल्प ग्रुप का विस्तार किया और सहायता को भी दोगुना कर दिया। बेटी को रसोई में लकड़ी का धुआं ना सहना पड़े, इसके लिए उज्ज्वला का गैस कनेक्शन दिया। बेटी को पानी के इंतजाम में परेशान ना होना पड़े, इसके लिए हमने हर घर पाइप से पानी देने की योजना शुरू की। बेटी को अंधेरे में ना रहना पड़े, इसके लिए हमने सौभाग्य योजना से मुफ्त बिजली कनेक्शन दिया। बेटी पैसे की कमी की वजह से अपनी बीमारी छिपाए नहीं, इसलिए हमने उसे आयुष्मान कार्ड की ताकत दे दी। बेटी का घर की संपत्ति पर भी अधिकार हो, इसके लिए पीएम आवास के घरों में उसे संयुक्त भागीदारी दी। गृहणी को अपनी बचत अनाज के डिब्बों में ना रखनी पड़े, इसके लिए जनधन योजना के तहत बड़ी संख्या में बैंक खाते खोले। और इन सब प्रयासों का जो परिणाम रहा है, जो अभूतपूर्व है।

साथियों,


सच ये है कि कांग्रेस के पास राजस्थान के लिए, देश के लिए कोई काम करने का मंगल कल्पना नहीं है, शुभ विचार नहीं है, उनके पास कोई एजेंडा नहीं है। अपने कुशासन को ढकने के लिए कांग्रेस ने एक और नया फॉर्मूला खोज लिया है। ये फॉर्मूला है झूठी गारंटियों का। राजस्थान के किसान और नौजवान तो इसके भुक्तभोगी हैं। ये लोग 10 दिन में गारंटी पूरी करने वाले थे। याद है न? ये गारंटी याद है न इन लोगों ने पिछली बार दी थी। 10 दिन में पूरे करने वाले थे, आप मुझे बताइए, जो कांग्रेस ने कहा था, जो वादा किया था वो निभाया क्या? वो पूरा किया क्या? जो कहा वो किया क्या?

भाइयों और बहनों,


ये ऐसी गारंटियां देते हैं, जिनको अगर अमल में लाया जाए तो राज्य और देश दिवालिया हो जाएगा। दुनिया में आज जो देश दिवालिया हो रहे हैं, उनकी स्थिति आप देख रहे हैं। लेकिन कांग्रेस का यही विजन है, यही नीति है। इसलिए कांग्रेस से, राजस्थान के लोगों को बहुत सावधान रहना है।

साथियो,


विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए विकसित राजस्थान बहुत जरूरी है। इस दशक के अगले सात साल बहुत अहम हैं। इन सात सालों में देश के लोग भारत का कायाकल्प होते हुए देखेंगे। भारत का आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, आधुनिक हाईवे, आधुनिक रेलवे, आधुनिक एयरपोर्ट, दुनिया में किसी देश से कम नहीं होंगे। भारत के लोगों के पास, दुनिया के किसी देश से कम सुविधाएं नहीं होंगी। भारत के लोगों पास, शिक्षा के, स्वास्थ्य के बेहतरीन संसाधन होंगे। भारत दुनिया की सबसे बड़ी मैन्यूफैक्चरिंग फैक्ट्री के रूप में उभर कर आने वाला है। भारत दुनिया में सबसे बड़े निर्यातक देशों में से एक बनेगा। भारत दुनिया में सबसे बड़े टूरिस्ट डेस्टिनेशन में से एक बनेगा। इन सभी में राजस्थान के लोगों को बहुत बड़ी भूमिका निभानी है। पराक्रम और परिश्रम की ये पुण्य भूमि, नवनिर्माण का आह्वान कर रही है। इन नवनिर्माण को आशीर्वाद देने के लिए आप सभी इतनी बड़ी संख्या में आए, आपका बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं। और मैं देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं.. आपने नौ साल मुझे काम करते देखा, बिना थके, बिना रुके सिर्फ और सिर्फ 140 करोड़ देशवासी यही मेरा परिवार, यही मेरा परमात्मा। और अभी भी आपके उज्ज्वल भविष्य के लिए जी-जान से जुटा रहूंगा। ये आपका आशीर्वाद, ये आपके आशीर्वाद ही मेरी ताकत है, वही मुझे काम करने की प्रेरणा देता है। मेरे साथ दोनो हाथ ऊपर करके बोलिए भारत माता जय!

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!