Quoteहमने त्रिपुरा में शांति और कानून का शासन स्थापित किया। चुनाव प्रचार के बीच सभी पार्टियों के झंडे जिस तरह से नजर आ रहे हैं: त्रिपुरा में पीएम मोदी
Quoteत्रिपुरा के लोगों ने 'रेड सिग्नल' हटाकर 'डबल इंजन सरकार' चुनी: त्रिपुरा में पीएम मोदी
Quoteआज भाजपा के पक्ष में माहौल इसलिए है, क्योंकि त्रिपुरा के लोगों को विकास आंखों के सामने दिख रहा है : अगरतला में पीएम मोदी

जय माँ त्रिपुरसुंदरी!


नोमोस्कर त्रिपुरार बोंधुरा,


केमोन आछेन आपनारा?


खुलुमखा !

जब भी मैं त्रिपुरा के लोगों के बीच आता हूं, आपका प्यार, आपका उत्साह और आपका आशीर्वाद लगातार बढ़ता ही जाता है। आज भी मैं रास्ते में आया, कोई रोड शो तो था नहीं, लेकिन इतनी बड़ी मात्रा में लोग थे कि मुझे यहां पहुंचने में ही देर हो गई।


इस बार भी त्रिपुरा के लोगों का, यहां की माताओं-बहनों-बेटियों का, जितना आशीर्वाद मिल रहा है, वो अभूतपूर्व है। जितना अच्छा किसी को अपने परिवार के सदस्यों के बीच आकर लगता है, उतना ही अच्छा मुझे भी आपके बीच आकर के लग रहा है। इस चुनाव में मुझे जहां भी जाने का अवसर मिला है, मैंने देखा है कि फिर एक बार बीजेपी की सरकार बनाने का मन त्रिपुरा के लोगों ने बना लिया है। और डबल इंजन सरकार के लिए आपका समर्थन देखकर मेरी खुशी भी डबल हो गई है। आज पूरा त्रिपुरा एक साथ कह रहा है- चारों तरफ एक ही गूंज सुनाई दे रही है


फिर एक बार डबल इंजन सरकार,


फिर एक बार बीजेपी सरकार।


फिर एक बार बीजेपी सरकार।


साथियों,


त्रिपुरा के युवाओं ने, माताओं-बहनों ने चंदा और झंडा की कंपनी वालों को फिर से रेड कार्ड दिखा दिया है। त्रिपुरा के लोगों ने ऐलान कर दिया है- उन्हें सबका साथ, सबका विकास वाली सरकार चाहिए, पूर्ण बहुमत वाली सरकार चाहिए।

साथियों,


आज भाजपा के पक्ष में, डबल इंजन सरकार के पक्ष में माहौल इसलिए है, क्योंकि त्रिपुरा के लोगों को विकास आंखों के सामने दिख रहा है। त्रिपुरा में आज ऐसा कोई परिवार नहीं है, जिसकी भाजपा सरकार ने आगे बढ़कर के सेवा न की हो। इसलिए आज त्रिपुरा का हर परिवार बदलती परिस्थितियों को अनुभव कर रहा है। महाराज राधा किशोर माणिक्य बहादुर जी और गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर जी ने जो रास्ता दिखाया, उसी आधार पर भाजपा ने त्रिपुरा को सुशासन दिया है। ये लोग ऐसा समाज चाहते थे, जहां भय का, डर का, हिंसा का माहौल ना हो। ये लोग ऐसा समाज चाहते थे, जहां से गरीब से गरीब का भी सम्मान हो, गरीब भी सिर उठाकर के चल सके। इसी प्रेरणा से भाजपा ने त्रिपुरा के लोगों की सेवक बनकर के सेवा करने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है।

साथियों,


विकास की पहली शर्त होती है- कानून-व्यवस्था का राज। वामपंथी शासन ने त्रिपुरा को विनाश के रास्ते पर धकेल दिया था। यहां जो हाल थे, उसे त्रिपुरा के लोग कभी भी भूल नहीं सकते। सरकारी दफ्तरों पर काडर का कब्ज़ा। पुलिस थानों पर काडर का कब्जा। व्यापार-कारोबार पर काडर का कब्जा। वामपंथियों ने त्रिपुरा के लोगों को अपना गुलाम समझ लिया था। वो अपने-आपको बादशाह मानते थे। कमाई हो या फिर सुनवाई, Red signal ही त्रिपुरा का दुर्भाग्य बन गया था। भाजपा सरकार ने त्रिपुरा में शांति और कानून का राज स्थापित किया है। इस चुनाव में ही देखिए। हर दल, हर उम्मीदवार के झंडे चारों तरफ दिखते हैं। क्या ये 5 वर्ष पहले तक संभव था? मुझे तो याद है, 30 साल तक वामपंथी यहां रहे और हर चुनाव में दो-दो, तीन-तीन महीने पहले, इसकी हत्या, उसकी हत्या, उसको मार दिया, उसको फांसी पर लटका दिया। ऐसी खबरें आ रहीं थीं। आप मुझे बताइये, ये चुनाव शांतिपूर्ण चल रहा है कि नहीं चल रहा है। चल रहा है कि नहीं चल रहा है। लोग आत्मविश्वास से भरे हुए हैं कि नहीं हैं।

एक समय था जब एक ही पार्टी के झंडे हर तरफ दिखते थे। और किसी को तो एंट्री ही नहीं थी और किसी ने झंडा लगाया तो शाम को डंडा आया। आपने red signal हटाकर, भाजपा का डबल इंजन लगाया और आज त्रिपुरा विकास की पटरी पर लौट आया है। बीते 25-30 साल में जो खाई त्रिपुरा में खोदी गई थी, उसे भरने के लिए त्रिपुरा की भाजपा सरकार दिन-रात मेहनत कर रही है। मैं त्रिपुरा के लोगों को एक बात का ध्यान रखने को कहूंगा- लेफ्ट और कांग्रेस वाले कभी भी त्रिपुरा का विकास नहीं कर सकते। लेफ्ट और कांग्रेस हमेशा यही चाहेंगे कि त्रिपुरा गरीब से गरीब राज्य बना रहे। लेफ्ट-कांग्रेस और उनके जैसी सोच वाले दल, त्रिपुरा के लोगों को गरीब रखकर अपनी तिजोरी भरना चाहते हैं। ये आपको कभी जाति के नाम पर तोड़ेंगे, कभी समाज के नाम पर बिखेरने की कोशिश करेंगे, लेकिन त्रिपुरा के लोगों को एकजुट रहना है। आपके बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए इनकी बातों में नहीं आना है। आप लोग बंट गए तो ये लोग त्रिपुरा को बर्बाद कर देंगे। आपकी ये जिंदगी तबाह कर देंगे। आपके बच्चों के भविष्य को बर्बाद कर देंगे। त्रिपुरा के विकास के लिए आपको, आपका एक-एक वोट भारतीय जनता पार्टी, भाजपा के और भाजपा के सहयोगियों को पूरी ताकत के साथ वोटिंग करना है। यहां भाजपा की सरकार रहेगी तो दिल्ली से जो पैसा आएगा, वो भी आप लोगों पर ही खर्च होगा। और अगर लेफ्ट और कांग्रेसी मिलकर, पहले क्या करते थे, रूपया, उनके प्रधानमंत्री ने कहा था कि दिल्ली से एक रूपया निकलता है, पंद्रह पैसा पहुंचता है। ये 85 पैसा किसके जेब में जाता था भाई। जो यहां सत्ता में बैठे थे ना, उन्हीं के जेब में जाता था। आज मैं दावे से कहता हूं हम दिल्ली से एक रूपया भेजते हैं तो त्रिपुरा के हमारे लोग नीचे 100 पैसे पूरे के पूरे पहुंचा देते हैं, ये काम हमने भलाई के लिए किया है।

भाइयों और बहनों,


महाराज राधा किशोर माणिक्य बहादुर, त्रिपुरा के विकास के सबसे बड़े पक्षधर थे। उनके दौर का विकास आज भी त्रिपुरा की शान है। त्रिपुरा की पहचान है। त्रिपुरा की इस पहचान को 21वीं सदी का नया आयाम देने के लिए ही हमने HIRA यानि हाईवे, आईवे, रेलवे और एयरवे का संकल्प लिया था। आज त्रिपुरा में चारों तरफ इस हीरे की चमक दिखती है। त्रिपुरा वाले तो अनुभव ही कर ही रहे हैं, बाहर से भी जो त्रिपुरा आता है ना, वो भी साफ-साफ ये परिवर्तन देख रहा है। अगरतला के बीर बिक्रम किशोर माणिक्य एयरपोर्ट पर उतरते ही हर कोई हैरान रह जाता है। नॉर्थ ईस्ट में ऐसा आधुनिक एयरपोर्ट डबल इंजन सरकार के कारण ही संभव हो पाया है। त्रिपुरा में नए हाईवेज का तेजी से निर्माण हो रहा है। आज त्रिपुरा के गांव-गांव में सड़कें बन रही हैं, तेजी से बन रही हैं। रेल कनेक्टिविटी में तो त्रिपुरा अब काफी आगे बढ़ चला है। अगरतला-अखौरा रेल लिंक ये प्रोजेक्ट भी बहुत ही जल्द पूरा होने वाला है। इसमें भारत की तरफ का हिस्सा तो लगभग पूरा हो चुका है। बांग्लादेश की तरफ वाले हिस्से में भी तेजी से काम चल रहा है। फेनी नदी पर मैत्री सेतु बनने से अब अगरतला, इंटरनेशनल पोर्ट से भारत का सबसे नजदीकी शहर बन गया है। इससे बांग्लादेश से लेकर पूरे नॉर्थ ईस्ट और पूर्वी एशिया के लिए व्यापार-कारोबार के लिए त्रिपुरा एक बड़ा केंद्र बन रहा है। इससे एक बहुत बड़ा अवसर त्रिपुरा के लिए बन रहा है, त्रिपुरा के युवाओं के लिए बन रहा है।

भाइयों और बहनों,


त्रिपुरा भाजपा का HIRA मॉडल यहां रोजगार निर्माण के लिए, उद्योग-धंधे के लिए बहुत मजबूत आधार बन रहा है। ये निश्चित रूप से डबल इंजन सरकार के कारण संभव हो रहा है। अगर यहां लेफ्ट की सरकार रहती, तो मैं दिल्ली से कितनी भी कोशिश करता, यहां ये काम इतनी तेजी से ही नहीं हो पाता। इसलिए याद रखिएगा- त्रिपुरा को चाहिए- डबल इंजन सरकार।

साथियों,


जब दिल्ली और यहां दोनों ही जगहों पर भाजपा की सरकार होती है, तो इतने फायदे होते हैं कि गिनाना भी समय कम पड़ जाएगा। आप याद करिए, जब यहां ये चंदा कंपनी, डगर-डगर पर चंदा लेने वाले लोग, उनकी सरकार थी, तब गरीबों को मिलने वाला राशन भी सबको नहीं मिलता था। चंदा वसूलने वाले घर पहुंचने से पहले ही गरीबों का राशन लूट लेते थे। लेकिन डबल इंजन सरकार आज सबको मुफ्त राशन दे रही है। हमने ये भी पक्का किया है कि जो राशन हमने भेजा है, वो पूरा का पूरा गरीब के घर तक पहुंचे।

साथियों,


बीमारी की हालत में इलाज का खर्च, किसी भी गरीब के सबसे बड़ी चिंता होता है। और इसलिए ही केंद्र की भाजपा सरकार आयुष्मान भारत योजना लेकर आई है। और हमने तो हमारे समाज में देखा है कि अगर कोई मां, कोई बहन बीमार हो जाती है। गंभीर से गंभीर बीमारी हो गई हो, तो कभी अपने परिवार के लोगों को पता ही नहीं चलने देती है। वो दर्द सहती है। घर का काम भी करती रहती है। मेहनत करने में कोई कमी नहीं रखती, लेकिन दुख का पता किसी को चलने नहीं देती, क्यों, उस मां-बहन के मन में विचार आता है कि अगर बच्चों को पता चल गया कि मुझे ऐसी गंभीर बीमारी है और अगर अस्पताल में ले गए, पैसे तो हैं नहीं। ये बच्चे कर्ज कर देंगे। ब्याज से पैसा लाएंगे। मैं तो ठीक हो जाउंगी, लेकिन बच्चे जीवनभर कर्जदार रह जाएंगे। मुझे मेरे बच्चो को कर्जदार नहीं बनाना है। और इसलिए मां बीमारी सहती थी, बच्चों को कहती नहीं थी। लेकिन दिल्ली में आपका एक बेटा बैठा है। हर मां का दुख समझता है। हर बहन की पीड़ा समझता है। और इसलिए आयुष्मान भारत योजना से हमने हर परिवार का आयुष्मान योजना से अस्पताल में एक भी रुपया खर्च किए बिना उसकी अच्छे से अच्छी सेवा हो, बीमारी जाए, इसके लिए बेटा काम कर रहा है। आप सोचिए, आप जैसे त्रिपुरा के लगभग 2 लाख साथियों ने अस्पताल में अपना मुफ्त इलाज कराया है। भाजपा सरकार ने जो जन औषधि स्टोर खोला है, उससे भी गरीबों के लाखों रुपए बच रहे हैं। जो दवाई कभी सौ रुपये में मिलती थी, वो 10-15 रुपये में मिल जाती है।

साथियों


गरीबों के घर बनाने में तो त्रिपुरा ने देश के अनेक बड़े-बड़े राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। मैं पूरी टीम को बधाई देता हूं। आपने जो काम किया है, गरीबों का घर बनाने का, आप सब, आप सब अभिनंदन के अधिकारी हैं। ऐसा काम आप लोगों ने किया है। मैं दिल्ली से जब भी यहां की वाम सरकार को, क्योंकि मैं 14 में आया, तो उस समय तो यहां वामपंथियों की सरकार थी और उस समय मैं गरीबों के घर तेजी से बनाने के लिए कहता था, तो वो सुनते ही नहीं थे। उनको परवाह ही नहीं थी। उनकी प्राथमिकता वन पाइंट एजेंडा था। क्या- चंदा उगाही। चंदा इकट्ठा करो बस और लोगों को डराओ, झंडा गाड़ो और झंडा नहीं गाड़ा तो डंडा मारो। यही काम था उनका। जैसे ही आपने यहां डबल इंजन सरकार बनाई, तो देखते ही देखते त्रिपुरा के 3 लाख गरीब परिवारों को अपने घर मिल गए। छोटा-सा त्रिपुरा 3 लाख परिवारों को पक्का घर मिला, ये अपने-आप में आजादी के 75 साल में नहीं हो पाया है। आज त्रिपुरा में हजारों नए घरों पर काम चल रहा है। और मैं मेरे सभी त्रिपुरावासियों को कहना चाहता हूं कि जो इस गरीबों के लिए घर की योजना है, उसके जो लाभार्थी हैं, अगर अब तक उनको घर नहीं मिला है, आपको मैं विश्वास देता हूं 16 तारीख को मतदान के बाद हमारी जब सरकार बनेगी, फिर से गरीबों को घर देने के काम आगे बढ़ेगा। और आप विश्वास कीजिए, ये आपके सेवक, आपके मोदी का आपको वादा है। वादा है। इस वर्ष के केंद्र सरकार के बजट में भी हमने रिकॉर्ड लगभग 80 हजार करोड़ रुपये हमने गरीबों के लिए घर बनाने के लिए खर्च करना तय किया है। इसलिए जब 16 फरवरी को आप वोट डालने जाएं, तो याद रखिएगा, लेफ्ट-कांग्रेस वालों की इस पैसों पर नजर है। ये पैसे लूटना चाहेंगे, आपको पक्का घर कभी नहीं देने देंगे।

भाइयों और बहनों,


हमारी माताओं-बहनों की जिंदगी की बहुत बड़ी चिंता, घर में पानी की भी रहती है। इतने दशकों में भी त्रिपुरा के बहुत ही गिने-चुने परिवारों के पास घर में नल से जल आता था। लेकिन डबल इंजन सरकार के प्रयासों से आज त्रिपुरा के 4 लाख से अधिक परिवारों को पाइप से पानी की सुविधा मिल चुकी है। और बाकी माताओं-बहनों को भी मैं ये कहना चाहता हूं कि आपको सर पर जो पानी उठा के लाना पड़ता है ना, ये आपका बेटा, आपको इससे भी मुक्ति दे देगा और पाइप से पानी लेके आएगा। आप देखिए, घर बनाने की बात हो, पानी पहुंचाने की बात हो, टॉयलेट बनाने की बात हो, धुएं से मुक्ति के लिए गैस का कनेक्शन देना हो, या हमारे हर गरीब परिवार को बीमारी में इलाज की सुविधा देनी है, तो अधिक से अधिक लाभ मेरे गरीब परिवारों को, वंचित परिवारों को और उसमें भी मेरी माताओं-बहनों को, बेटियों को मिला है। इनके अभाव में सबसे अधिक परेशानी अगर किसी को होती है, पानी नहीं है तो परेशान कौन- मां-बहनें, बिजली नहीं है तो परेशान कौन- मां-बहनें, घर में राशन नहीं है परेशान कौन- मां-बहनें, हर मुसीबत माताओं-बहनों को, और ये बेटा आपकी हर मुसीबत को समझता है। उन मुसीबतों से आपको मुक्ति दिलाने के लिए, ये आपका बेटा दिन-रात काम करता है। और इसलिए माताएं-बहनें, मुझे आपसे आशीर्वाद चाहिए। आज गरीब परिवार की बहनों के नाम पर अपने घर हो रहे हैं, तो हमारी माताओं-बहनों का आत्मविश्वास भी बढ़ रहा है। मैं त्रिपुरा बीजेपी को महिलाओं के लिए एक संकल्प पत्र अलग लाने के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। मैं त्रिपुरा बीजेपी को बहुत बधाई देता हूं। आपने बहुत उत्तम काम किया है। ये माताओं-बहनों-बेटियों की सेवा के लिए डबल इंजन सरकार के कमिटमेंट को दर्शाता है।

साथियों,


डबल इंजन सरकार के डबल लाभ का एक और उदाहरण पीएम किसान सम्मान निधि है। अभी तक भाजपा सरकार त्रिपुरा के किसानों के बैंक खाते में सीधे, कोई बिचौलिया नहीं, कोई चंदा नहीं, कोई चंदा चोर नहीं, सीधे 500 करोड़ रुपये से ज्यादा हमारे किसानों के खाते में जमा हो गए हैं। इसका बहुत बड़ा लाभ त्रिपुरा के मेरे छोटे-छोटे किसान भाई-बहनों को हुआ है। अब त्रिपुरा बीजेपी ने ये भी घोषणा की है कि केंद्र सरकार जो पैसे भेजती है, उसमें 2 हजार रुपये अब त्रिपुरा भाजपा सरकार भी जोड़ देगी। और मैं इसके लिए फिर एक बार त्रिपुरा बीजेपी को बधाई देता हूं। लेफ्ट की सरकार के दौरान हजारों धान किसान एमएसपी से वंचित रहे, तरसते रहे। ये भाजपा की सरकार है, जिसने एमएसपी पर धान की खरीदी शुरू की और सैकड़ों करोड़ रुपये का धान, ये धान के बदले में एमएसपी के द्वारा मेरे किसानों के घर में, उसने जो मेहनत की थी, उसका सही पैसा पहुंचा। डबल इंजन सरकार के ही कारण आज पाइन-एपल हो या फिर फल-सब्जी, ये आज विदेश तक में एक्सपोर्ट हो रहे हैं। इससे भी किसानों को बहुत लाभ हो रहा है।

भाइयों और बहनों,


डबल इंजन सरकार गरीबों की सरकार है। वंचितों, आदिवासियों की सरकार है। मध्यम वर्ग, मिडिल क्लास की सरकार है। युवाओं की सरकार है। महिलाओं की सरकार है। पहली बार देश में छोटे किसानों, खेत मजदूरों, घरों में काम करने वालों, छोटे-छोटे दुकानदारों, सभी के लिए पेंशन की सुविधा लेकर हम आए हैं। पहली बार सामान्य से सामान्य परिवार को 2 लाख रुपये तक के बीमा की व्यवस्था हमने की है। पहली बार रेहड़ी-ठेले-पटरी-फुटपाथ पर जो अपना थोड़ा-बहुत कारोबार करते हैं, ऐसे साथियों को भी पीएम स्वनिधि योजना की वजह से बैंकों से मदद मिल रही है। इन गरीबों की कोई सुनता नहीं था। जो फुटपाथ पर बैठ के जूते रिपेयर कर रहा है। जो फुटपाथ पर सब्जी बेच रहा है। जो ठेले में फल-सब्जी बेच रहा है। खिलौने बेच रहा है। उसके लिए बैंक के दरवाजे बंद थे। वो बेचारा ब्याज से पैसे लेने जाता था। और अगर हजार रुपये लेने जाता था तो सुबह वो सौ रूपये पहले ही काट लेता था और नौ सौ देता था और शाम को जाकर के फिर हजार लौटाना होता था। गरीब कर्जदार बनता जाता था। ये आपके बेटे ने ये तय किया कि मुझे गरीबों को इस ब्याज के चक्कर से बाहर लाना है। और हमने रेहड़ी-पटरी वालों के लिए बैंक के दरवाजे खोल दिए और आज वो ब्याज के चक्कर से बाहर आ रहे हैं। इस वर्ष के बजट में पहली बार हमारे जो विश्वकर्मा साथी होते हैं, जो मिस्त्री हैं, कारपेंटर हैं, गहने बनाते हैं, औजार बनाते हैं, मूर्तिकार हैं, ऐसे हर साथी के लिए हम विशेष योजना लाए हैं। त्रिपुरा में बीजेपी सरकार ने सामाजिक भत्ते को भी 500 से बढ़ाकर 2000 रुपये किया है।

भाइयों और बहनों,


आज पूरे देश में भाजपा युवाओं की पहली पसंद है। भाजपा युवाओं की हर जरूरत को, उनकी आकांक्षाओं को सर्वोपरि रखती है। बीते वर्षों में जिस प्रकार देश में शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट पर काम हुआ है उसका भी लाभ त्रिपुरा को मिला है। बीते 5 वर्षों में त्रिपुरा को ट्रिपल आईटी, लॉ यूनिवर्सिटी, नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी, इंटरनेशनल बुद्धिस्ट यूनिवर्सिटी गिनते जाओ, गिनते जाओ ये डबल इंजन की सरकार ने दिया है। इन्हीं वर्षों में त्रिपुरा को अपना पहला, पहला, आजादी के 75 साल के बाद पहला, पहला डेंटल कॉलेज आपको मिला है। अटल बिहारी वाजपेयी रीजनल कैंसर हॉस्पिटल अब नॉर्थ ईस्ट के सबसे अच्छे कैंसर अस्पतालों में से एक है। जनजातीय क्षेत्रों में बड़ी संख्या में एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूल खोले जा रहे हैं।

भाइयों और बहनों,


शिक्षा और कौशल के साथ-साथ युवाओं के लिए रोजगार डबल इंजन सरकार की प्राथमिकता है। टूरिज्म में रोजगार की अभूतपूर्व संभावनाएं है और इसलिए भाजपा सरकार त्रिपुरा में इस पर बहुत जोर दे रही है। आज भाजपा सरकार यहां की सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध कर रही है, इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बना रही है। इसका बड़ा लाभ, लाभार्थी यहां का टूरिज्म सेक्टर है। यहां पवित्र त्रिपुरसुंदरी मंदिर है, चतुर्दश देवता मंदिर है, ब्रह्मकुंड है। आस्था और आध्यात्म से जुड़े ऐसे अनेक पवित्र स्थान त्रिपुरा में हैं, जो देश और दुनिया को आकर्षित कर रहे हैं। यहां त्रिपुरसुंदरी मंदिर के आसपास 51 शक्तिपीठों के रेप्लिका का काम किया जा रहा है। माताबाड़ी रेलवे स्टेशन से त्रिपुरसुंदरी मंदिर को रोपवे से जोड़ा जा रहा है। पुष्पबंता पैलेस को महाराजा बीरेंद्र किशोर माणिक्य संग्रहालय और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। ये काम सिर्फ भाजपा ही कर सकती है। इसलिए त्रिपुरा के गौरव को बढ़ाने के लिए भी आपको, मैं आज आग्रह करने आया हूं कि 16 फरवरी को त्रिपुरा का एक-एक वोट कमल के निशान पर, भाजपा के साथियों के निशान पर पहुंचना चाहिए।

भाइयों और बहनों,


वापमंथी और कांग्रेस, अपनी सत्ता की भूख मिटाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। अब देखिए, इनकी ये कांग्रेस और लेफ्ट केरल में क्या कर रहे हैं, कल ही आपने देखा होगा, मारधाड़ कर दी उन्होंने, दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ। केरल में कांग्रेस और वामपंथ के बीच में कुश्ती चल रही है, लड़ाई चल रही है और त्रिपुरा में दोस्ती कर रहे हैं। केरल में कुश्ती, त्रिपुरा में दोस्ती, लेकिन नेताओं की ये दोस्ती क्या कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और वोटरों के बीच भी हो सकती है क्या? कांग्रेस के वो कार्यकर्ता, कांग्रेस के वो पुराने वोटर, जिनको दशकों तक लेफ्ट वालों ने प्रताड़ित किया, तंग किया, चोट पहुंचाई, उनके जवान बेटों को मार दिया, क्या सारे लोग लेफ्ट की इन करतूतों को भूल जाएंगे क्या? ये नेता लोग सत्ता भूख में उनपर हुए अत्याचारों को भुलाकर करके राजनीतिक स्वार्थ के लिए निकल पड़े हैं। क्या त्रिपुरा की जनता ऐसे लोगों को माफ करेगी। एक झंडा लगाने तक के लिए जिनके अपनों का खून बहाया गया, क्या वो पुरानी बातें भूल जाएंगे? वो भी सिर्फ इसलिए कि कांग्रेस के कुछ नेताओं को सत्ता की भूख है, उन्हें अपनी तिजोरी भरनी है? इनके लिए अपने कार्यकर्ताओं और अपने वोटरों की भावना बिल्कुल मायने नहीं रखती। त्रिपुरा के लोगों को लेफ्ट और कांग्रेस के ऐसे स्वार्थी गठबंधन से बचकर के रहना है।

साथियों,


भाजपा त्रिपुरा की सुरक्षा और विकास की गारंटी है। भाजपा विकास में भेदभाव नहीं करती है। भाजपा झंडे के आधार पर सरकारी लाभ में भेदभाव नहीं करती। क्योंकि भाजपा बदले की नहीं बदलाव की राजनीति करती है। जनहित और राष्ट्रहित की राजनीति करती है। इसलिए पिछली बार की तुलना में इस बार भाजपा ज्यादा वोटों के साथ वापसी कर रही है। आपके आशीर्वाद से कर रही है। और मैं आपको वादा करता हूं कि एक-एक वादा पूरा करूंगा। हर क्षेत्र, हर वर्ग में अभूतपूर्व समर्थन भाजपा को मिल रहा है। मैं त्रिपुरा के हर बहन-भाई को ये भरोसा देने आया हूं कि भाजपा के रहते आपको कोई नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा। भाजपा सरकार में आपके बच्चों के भविष्य से कोई खिलवाड़ नहीं कर पाएगा। जब जनता के हित की बात होती है भाजपा कड़े और बड़े फैसले लेने से पीछे नहीं हटती। इसलिए, आपको मैं फिर एक बार आग्रह करता हूं कि 16 फरवरी को भाजपा और हमारे सहयोगियों साथियों को सुबह से ही मतदान के लिए निकल पड़िए। भारी मतदान करिए। करेंगे ना, करेंगे ना। घर-घर जाएंगे। लोगों को बताएंगे। लोगों को वोटिंग के लिए निकालेंगे। अच्छा मेरा एक काम करेंगे। करेंगे। मेरा निजी काम है। करोगे, ये चुनाव की दौड़ा-धूप में भी कर लोगे। पक्का करोगे। जरा वादा कीजिए हाथ ऊपर उठाकर के। करेंगे। देखिए मेरा एक काम करना है। आज में त्रिपुरा आया, लेकिन सबको तो नहीं मिल पाया। आप हर परिवार में जा करके मेरी तरफ से सबको बता देना कि मोदी जी त्रिपुरा, अगरतला आए थे। और आप सबको प्रणाम भेजा है। नमस्कार भेजा है। इतना कर दोगे आप। घर-घर जाके बता दोगे। मेरा प्रणाम उनको पहुंचेगे ना, तो उनका आशीर्वाद मुझे पहुंचेगा। और मुझे उनकी सेवा करने के लिए नई ताकत मिल जाएगी। इसलिए ये मेरा काम आपको करना है। मैं फिर एक बार आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। 16 तारीख को रिकॉर्ड ब्रेक मतदान कीजिए। शांतिपूर्ण मतदान कीजिए और फिर एक बार त्रिपुरा की विकास यात्रा को आगे बढ़ाइए।


भारत माता की जय


भारत माता की जय


वंदे मातरम


वंदे मातरम


वंदे मातरम


वंदे मातरम


वंदे मातरम


वंदे मातरम


वंदे मातरम


वंदे मातरम

  • krishangopal sharma Bjp February 23, 2025

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  • krishangopal sharma Bjp February 23, 2025

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  • krishangopal sharma Bjp February 23, 2025

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  • krishangopal sharma Bjp February 23, 2025

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  • krishangopal sharma Bjp February 23, 2025

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  • krishangopal sharma Bjp February 23, 2025

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140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

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140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

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"Huge opportunity": Japan delegation meets PM Modi, expressing their eagerness to invest in India
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आज भारत सिर्फ Nation of Dreams नहीं, बल्कि Nation That Delivers भी है: TV9 समिट में पीएम मोदी
March 28, 2025
QuoteToday, the world's eyes are on India: PM
QuoteIndia's youth is rapidly becoming skilled and driving innovation forward: PM
Quote"India First" has become the mantra of India's foreign policy: PM
QuoteToday, India is not just participating in the world order but also contributing to shaping and securing the future: PM
QuoteIndia has given Priority to humanity over monopoly: PM
QuoteToday, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM

श्रीमान रामेश्वर गारु जी, रामू जी, बरुन दास जी, TV9 की पूरी टीम, मैं आपके नेटवर्क के सभी दर्शकों का, यहां उपस्थित सभी महानुभावों का अभिनंदन करता हूं, इस समिट के लिए बधाई देता हूं।

TV9 नेटवर्क का विशाल रीजनल ऑडियंस है। और अब तो TV9 का एक ग्लोबल ऑडियंस भी तैयार हो रहा है। इस समिट में अनेक देशों से इंडियन डायस्पोरा के लोग विशेष तौर पर लाइव जुड़े हुए हैं। कई देशों के लोगों को मैं यहां से देख भी रहा हूं, वे लोग वहां से वेव कर रहे हैं, हो सकता है, मैं सभी को शुभकामनाएं देता हूं। मैं यहां नीचे स्क्रीन पर हिंदुस्तान के अनेक शहरों में बैठे हुए सब दर्शकों को भी उतने ही उत्साह, उमंग से देख रहा हूं, मेरी तरफ से उनका भी स्वागत है।

साथियों,

आज विश्व की दृष्टि भारत पर है, हमारे देश पर है। दुनिया में आप किसी भी देश में जाएं, वहां के लोग भारत को लेकर एक नई जिज्ञासा से भरे हुए हैं। आखिर ऐसा क्या हुआ कि जो देश 70 साल में ग्यारहवें नंबर की इकोनॉमी बना, वो महज 7-8 साल में पांचवे नंबर की इकोनॉमी बन गया? अभी IMF के नए आंकड़े सामने आए हैं। वो आंकड़े कहते हैं कि भारत, दुनिया की एकमात्र मेजर इकोनॉमी है, जिसने 10 वर्षों में अपने GDP को डबल किया है। बीते दशक में भारत ने दो लाख करोड़ डॉलर, अपनी इकोनॉमी में जोड़े हैं। GDP का डबल होना सिर्फ आंकड़ों का बदलना मात्र नहीं है। इसका impact देखिए, 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं, और ये 25 करोड़ लोग एक नियो मिडिल क्लास का हिस्सा बने हैं। ये नियो मिडिल क्लास, एक प्रकार से नई ज़िंदगी शुरु कर रहा है। ये नए सपनों के साथ आगे बढ़ रहा है, हमारी इकोनॉमी में कंट्रीब्यूट कर रहा है, और उसको वाइब्रेंट बना रहा है। आज दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी हमारे भारत में है। ये युवा, तेज़ी से स्किल्ड हो रहा है, इनोवेशन को गति दे रहा है। और इन सबके बीच, भारत की फॉरेन पॉलिसी का मंत्र बन गया है- India First, एक जमाने में भारत की पॉलिसी थी, सबसे समान रूप से दूरी बनाकर चलो, Equi-Distance की पॉलिसी, आज के भारत की पॉलिसी है, सबके समान रूप से करीब होकर चलो, Equi-Closeness की पॉलिसी। दुनिया के देश भारत की ओपिनियन को, भारत के इनोवेशन को, भारत के एफर्ट्स को, जैसा महत्व आज दे रहे हैं, वैसा पहले कभी नहीं हुआ। आज दुनिया की नजर भारत पर है, आज दुनिया जानना चाहती है, What India Thinks Today.

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साथियों,

भारत आज, वर्ल्ड ऑर्डर में सिर्फ पार्टिसिपेट ही नहीं कर रहा, बल्कि फ्यूचर को शेप और सेक्योर करने में योगदान दे रहा है। दुनिया ने ये कोरोना काल में अच्छे से अनुभव किया है। दुनिया को लगता था कि हर भारतीय तक वैक्सीन पहुंचने में ही, कई-कई साल लग जाएंगे। लेकिन भारत ने हर आशंका को गलत साबित किया। हमने अपनी वैक्सीन बनाई, हमने अपने नागरिकों का तेज़ी से वैक्सीनेशन कराया, और दुनिया के 150 से अधिक देशों तक दवाएं और वैक्सीन्स भी पहुंचाईं। आज दुनिया, और जब दुनिया संकट में थी, तब भारत की ये भावना दुनिया के कोने-कोने तक पहुंची कि हमारे संस्कार क्या हैं, हमारा तौर-तरीका क्या है।

साथियों,

अतीत में दुनिया ने देखा है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद जब भी कोई वैश्विक संगठन बना, उसमें कुछ देशों की ही मोनोपोली रही। भारत ने मोनोपोली नहीं बल्कि मानवता को सर्वोपरि रखा। भारत ने, 21वीं सदी के ग्लोबल इंस्टीट्यूशन्स के गठन का रास्ता बनाया, और हमने ये ध्यान रखा कि सबकी भागीदारी हो, सबका योगदान हो। जैसे प्राकृतिक आपदाओं की चुनौती है। देश कोई भी हो, इन आपदाओं से इंफ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान होता है। आज ही म्यांमार में जो भूकंप आया है, आप टीवी पर देखें तो बहुत बड़ी-बड़ी इमारतें ध्वस्त हो रही हैं, ब्रिज टूट रहे हैं। और इसलिए भारत ने Coalition for Disaster Resilient Infrastructure - CDRI नाम से एक वैश्विक नया संगठन बनाने की पहल की। ये सिर्फ एक संगठन नहीं, बल्कि दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं के लिए तैयार करने का संकल्प है। भारत का प्रयास है, प्राकृतिक आपदा से, पुल, सड़कें, बिल्डिंग्स, पावर ग्रिड, ऐसा हर इंफ्रास्ट्रक्चर सुरक्षित रहे, सुरक्षित निर्माण हो।

साथियों,

भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए हर देश का मिलकर काम करना बहुत जरूरी है। ऐसी ही एक चुनौती है, हमारे एनर्जी रिसोर्सेस की। इसलिए पूरी दुनिया की चिंता करते हुए भारत ने International Solar Alliance (ISA) का समाधान दिया है। ताकि छोटे से छोटा देश भी सस्टेनबल एनर्जी का लाभ उठा सके। इससे क्लाइमेट पर तो पॉजिटिव असर होगा ही, ये ग्लोबल साउथ के देशों की एनर्जी नीड्स को भी सिक्योर करेगा। और आप सबको ये जानकर गर्व होगा कि भारत के इस प्रयास के साथ, आज दुनिया के सौ से अधिक देश जुड़ चुके हैं।

साथियों,

बीते कुछ समय से दुनिया, ग्लोबल ट्रेड में असंतुलन और लॉजिस्टिक्स से जुड़ी challenges का सामना कर रही है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए भी भारत ने दुनिया के साथ मिलकर नए प्रयास शुरु किए हैं। India–Middle East–Europe Economic Corridor (IMEC), ऐसा ही एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। ये प्रोजेक्ट, कॉमर्स और कनेक्टिविटी के माध्यम से एशिया, यूरोप और मिडिल ईस्ट को जोड़ेगा। इससे आर्थिक संभावनाएं तो बढ़ेंगी ही, दुनिया को अल्टरनेटिव ट्रेड रूट्स भी मिलेंगे। इससे ग्लोबल सप्लाई चेन भी और मजबूत होगी।

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साथियों,

ग्लोबल सिस्टम्स को, अधिक पार्टिसिपेटिव, अधिक डेमोक्रेटिक बनाने के लिए भी भारत ने अनेक कदम उठाए हैं। और यहीं, यहीं पर ही भारत मंडपम में जी-20 समिट हुई थी। उसमें अफ्रीकन यूनियन को जी-20 का परमानेंट मेंबर बनाया गया है। ये बहुत बड़ा ऐतिहासिक कदम था। इसकी मांग लंबे समय से हो रही थी, जो भारत की प्रेसीडेंसी में पूरी हुई। आज ग्लोबल डिसीजन मेकिंग इंस्टीट्यूशन्स में भारत, ग्लोबल साउथ के देशों की आवाज़ बन रहा है। International Yoga Day, WHO का ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के लिए ग्लोबल फ्रेमवर्क, ऐसे कितने ही क्षेत्रों में भारत के प्रयासों ने नए वर्ल्ड ऑर्डर में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है, और ये तो अभी शुरूआत है, ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर भारत का सामर्थ्य नई ऊंचाई की तरफ बढ़ रहा है।

साथियों,

21वीं सदी के 25 साल बीत चुके हैं। इन 25 सालों में 11 साल हमारी सरकार ने देश की सेवा की है। और जब हम What India Thinks Today उससे जुड़ा सवाल उठाते हैं, तो हमें ये भी देखना होगा कि Past में क्या सवाल थे, क्या जवाब थे। इससे TV9 के विशाल दर्शक समूह को भी अंदाजा होगा कि कैसे हम, निर्भरता से आत्मनिर्भरता तक, Aspirations से Achievement तक, Desperation से Development तक पहुंचे हैं। आप याद करिए, एक दशक पहले, गांव में जब टॉयलेट का सवाल आता था, तो माताओं-बहनों के पास रात ढलने के बाद और भोर होने से पहले का ही जवाब होता था। आज उसी सवाल का जवाब स्वच्छ भारत मिशन से मिलता है। 2013 में जब कोई इलाज की बात करता था, तो महंगे इलाज की चर्चा होती थी। आज उसी सवाल का समाधान आयुष्मान भारत में नजर आता है। 2013 में किसी गरीब की रसोई की बात होती थी, तो धुएं की तस्वीर सामने आती थी। आज उसी समस्या का समाधान उज्ज्वला योजना में दिखता है। 2013 में महिलाओं से बैंक खाते के बारे में पूछा जाता था, तो वो चुप्पी साध लेती थीं। आज जनधन योजना के कारण, 30 करोड़ से ज्यादा बहनों का अपना बैंक अकाउंट है। 2013 में पीने के पानी के लिए कुएं और तालाबों तक जाने की मजबूरी थी। आज उसी मजबूरी का हल हर घर नल से जल योजना में मिल रहा है। यानि सिर्फ दशक नहीं बदला, बल्कि लोगों की ज़िंदगी बदली है। और दुनिया भी इस बात को नोट कर रही है, भारत के डेवलपमेंट मॉडल को स्वीकार रही है। आज भारत सिर्फ Nation of Dreams नहीं, बल्कि Nation That Delivers भी है।

साथियों,

जब कोई देश, अपने नागरिकों की सुविधा और समय को महत्व देता है, तब उस देश का समय भी बदलता है। यही आज हम भारत में अनुभव कर रहे हैं। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। पहले पासपोर्ट बनवाना कितना बड़ा काम था, ये आप जानते हैं। लंबी वेटिंग, बहुत सारे कॉम्प्लेक्स डॉक्यूमेंटेशन का प्रोसेस, अक्सर राज्यों की राजधानी में ही पासपोर्ट केंद्र होते थे, छोटे शहरों के लोगों को पासपोर्ट बनवाना होता था, तो वो एक-दो दिन कहीं ठहरने का इंतजाम करके चलते थे, अब वो हालात पूरी तरह बदल गया है, एक आंकड़े पर आप ध्यान दीजिए, पहले देश में सिर्फ 77 पासपोर्ट सेवा केंद्र थे, आज इनकी संख्या 550 से ज्यादा हो गई है। पहले पासपोर्ट बनवाने में, और मैं 2013 के पहले की बात कर रहा हूं, मैं पिछले शताब्दी की बात नहीं कर रहा हूं, पासपोर्ट बनवाने में जो वेटिंग टाइम 50 दिन तक होता था, वो अब 5-6 दिन तक सिमट गया है।

साथियों,

ऐसा ही ट्रांसफॉर्मेशन हमने बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में भी देखा है। हमारे देश में 50-60 साल पहले बैंकों का नेशनलाइजेशन किया गया, ये कहकर कि इससे लोगों को बैंकिंग सुविधा सुलभ होगी। इस दावे की सच्चाई हम जानते हैं। हालत ये थी कि लाखों गांवों में बैंकिंग की कोई सुविधा ही नहीं थी। हमने इस स्थिति को भी बदला है। ऑनलाइन बैंकिंग तो हर घर में पहुंचाई है, आज देश के हर 5 किलोमीटर के दायरे में कोई न कोई बैंकिंग टच प्वाइंट जरूर है। और हमने सिर्फ बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का ही दायरा नहीं बढ़ाया, बल्कि बैंकिंग सिस्टम को भी मजबूत किया। आज बैंकों का NPA बहुत कम हो गया है। आज बैंकों का प्रॉफिट, एक लाख 40 हज़ार करोड़ रुपए के नए रिकॉर्ड को पार कर चुका है। और इतना ही नहीं, जिन लोगों ने जनता को लूटा है, उनको भी अब लूटा हुआ धन लौटाना पड़ रहा है। जिस ED को दिन-रात गालियां दी जा रही है, ED ने 22 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक वसूले हैं। ये पैसा, कानूनी तरीके से उन पीड़ितों तक वापिस पहुंचाया जा रहा है, जिनसे ये पैसा लूटा गया था।

साथियों,

Efficiency से गवर्नमेंट Effective होती है। कम समय में ज्यादा काम हो, कम रिसोर्सेज़ में अधिक काम हो, फिजूलखर्ची ना हो, रेड टेप के बजाय रेड कार्पेट पर बल हो, जब कोई सरकार ये करती है, तो समझिए कि वो देश के संसाधनों को रिस्पेक्ट दे रही है। और पिछले 11 साल से ये हमारी सरकार की बड़ी प्राथमिकता रहा है। मैं कुछ उदाहरणों के साथ अपनी बात बताऊंगा।

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साथियों,

अतीत में हमने देखा है कि सरकारें कैसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिनिस्ट्रीज में accommodate करने की कोशिश करती थीं। लेकिन हमारी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ही कई मंत्रालयों का विलय कर दिया। आप सोचिए, Urban Development अलग मंत्रालय था और Housing and Urban Poverty Alleviation अलग मंत्रालय था, हमने दोनों को मर्ज करके Housing and Urban Affairs मंत्रालय बना दिया। इसी तरह, मिनिस्ट्री ऑफ ओवरसीज़ अफेयर्स अलग था, विदेश मंत्रालय अलग था, हमने इन दोनों को भी एक साथ जोड़ दिया, पहले जल संसाधन, नदी विकास मंत्रालय अलग था, और पेयजल मंत्रालय अलग था, हमने इन्हें भी जोड़कर जलशक्ति मंत्रालय बना दिया। हमने राजनीतिक मजबूरी के बजाय, देश की priorities और देश के resources को आगे रखा।

साथियों,

हमारी सरकार ने रूल्स और रेगुलेशन्स को भी कम किया, उन्हें आसान बनाया। करीब 1500 ऐसे कानून थे, जो समय के साथ अपना महत्व खो चुके थे। उनको हमारी सरकार ने खत्म किया। करीब 40 हज़ार, compliances को हटाया गया। ऐसे कदमों से दो फायदे हुए, एक तो जनता को harassment से मुक्ति मिली, और दूसरा, सरकारी मशीनरी की एनर्जी भी बची। एक और Example GST का है। 30 से ज्यादा टैक्सेज़ को मिलाकर एक टैक्स बना दिया गया है। इसको process के, documentation के हिसाब से देखें तो कितनी बड़ी बचत हुई है।

साथियों,

सरकारी खरीद में पहले कितनी फिजूलखर्ची होती थी, कितना करप्शन होता था, ये मीडिया के आप लोग आए दिन रिपोर्ट करते थे। हमने, GeM यानि गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म बनाया। अब सरकारी डिपार्टमेंट, इस प्लेटफॉर्म पर अपनी जरूरतें बताते हैं, इसी पर वेंडर बोली लगाते हैं और फिर ऑर्डर दिया जाता है। इसके कारण, भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम हुई है, और सरकार को एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की बचत भी हुई है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर- DBT की जो व्यवस्था भारत ने बनाई है, उसकी तो दुनिया में चर्चा है। DBT की वजह से टैक्स पेयर्स के 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा, गलत हाथों में जाने से बचे हैं। 10 करोड़ से ज्यादा फर्ज़ी लाभार्थी, जिनका जन्म भी नहीं हुआ था, जो सरकारी योजनाओं का फायदा ले रहे थे, ऐसे फर्जी नामों को भी हमने कागजों से हटाया है।

साथियों,

 

हमारी सरकार टैक्स की पाई-पाई का ईमानदारी से उपयोग करती है, और टैक्सपेयर का भी सम्मान करती है, सरकार ने टैक्स सिस्टम को टैक्सपेयर फ्रेंडली बनाया है। आज ITR फाइलिंग का प्रोसेस पहले से कहीं ज्यादा सरल और तेज़ है। पहले सीए की मदद के बिना, ITR फाइल करना मुश्किल होता था। आज आप कुछ ही समय के भीतर खुद ही ऑनलाइन ITR फाइल कर पा रहे हैं। और रिटर्न फाइल करने के कुछ ही दिनों में रिफंड आपके अकाउंट में भी आ जाता है। फेसलेस असेसमेंट स्कीम भी टैक्सपेयर्स को परेशानियों से बचा रही है। गवर्नेंस में efficiency से जुड़े ऐसे अनेक रिफॉर्म्स ने दुनिया को एक नया गवर्नेंस मॉडल दिया है।

साथियों,

पिछले 10-11 साल में भारत हर सेक्टर में बदला है, हर क्षेत्र में आगे बढ़ा है। और एक बड़ा बदलाव सोच का आया है। आज़ादी के बाद के अनेक दशकों तक, भारत में ऐसी सोच को बढ़ावा दिया गया, जिसमें सिर्फ विदेशी को ही बेहतर माना गया। दुकान में भी कुछ खरीदने जाओ, तो दुकानदार के पहले बोल यही होते थे – भाई साहब लीजिए ना, ये तो इंपोर्टेड है ! आज स्थिति बदल गई है। आज लोग सामने से पूछते हैं- भाई, मेड इन इंडिया है या नहीं है?

साथियों,

आज हम भारत की मैन्युफैक्चरिंग एक्सीलेंस का एक नया रूप देख रहे हैं। अभी 3-4 दिन पहले ही एक न्यूज आई है कि भारत ने अपनी पहली MRI मशीन बना ली है। अब सोचिए, इतने दशकों तक हमारे यहां स्वदेशी MRI मशीन ही नहीं थी। अब मेड इन इंडिया MRI मशीन होगी तो जांच की कीमत भी बहुत कम हो जाएगी।

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साथियों,

आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया अभियान ने, देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को एक नई ऊर्जा दी है। पहले दुनिया भारत को ग्लोबल मार्केट कहती थी, आज वही दुनिया, भारत को एक बड़े Manufacturing Hub के रूप में देख रही है। ये सक्सेस कितनी बड़ी है, इसके उदाहरण आपको हर सेक्टर में मिलेंगे। जैसे हमारी मोबाइल फोन इंडस्ट्री है। 2014-15 में हमारा एक्सपोर्ट, वन बिलियन डॉलर तक भी नहीं था। लेकिन एक दशक में, हम ट्वेंटी बिलियन डॉलर के फिगर से भी आगे निकल चुके हैं। आज भारत ग्लोबल टेलिकॉम और नेटवर्किंग इंडस्ट्री का एक पावर सेंटर बनता जा रहा है। Automotive Sector की Success से भी आप अच्छी तरह परिचित हैं। इससे जुड़े Components के एक्सपोर्ट में भी भारत एक नई पहचान बना रहा है। पहले हम बहुत बड़ी मात्रा में मोटर-साइकल पार्ट्स इंपोर्ट करते थे। लेकिन आज भारत में बने पार्ट्स UAE और जर्मनी जैसे अनेक देशों तक पहुंच रहे हैं। सोलर एनर्जी सेक्टर ने भी सफलता के नए आयाम गढ़े हैं। हमारे सोलर सेल्स, सोलर मॉड्यूल का इंपोर्ट कम हो रहा है और एक्सपोर्ट्स 23 गुना तक बढ़ गए हैं। बीते एक दशक में हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट भी 21 गुना बढ़ा है। ये सारी अचीवमेंट्स, देश की मैन्युफैक्चरिंग इकोनॉमी की ताकत को दिखाती है। ये दिखाती है कि भारत में कैसे हर सेक्टर में नई जॉब्स भी क्रिएट हो रही हैं।

साथियों,

TV9 की इस समिट में, विस्तार से चर्चा होगी, अनेक विषयों पर मंथन होगा। आज हम जो भी सोचेंगे, जिस भी विजन पर आगे बढ़ेंगे, वो हमारे आने वाले कल को, देश के भविष्य को डिजाइन करेगा। पिछली शताब्दी के इसी दशक में, भारत ने एक नई ऊर्जा के साथ आजादी के लिए नई यात्रा शुरू की थी। और हमने 1947 में आजादी हासिल करके भी दिखाई। अब इस दशक में हम विकसित भारत के लक्ष्य के लिए चल रहे हैं। और हमें 2047 तक विकसित भारत का सपना जरूर पूरा करना है। और जैसा मैंने लाल किले से कहा है, इसमें सबका प्रयास आवश्यक है। इस समिट का आयोजन कर, TV9 ने भी अपनी तरफ से एक positive initiative लिया है। एक बार फिर आप सभी को इस समिट की सफलता के लिए मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं हैं।

मैं TV9 को विशेष रूप से बधाई दूंगा, क्योंकि पहले भी मीडिया हाउस समिट करते रहे हैं, लेकिन ज्यादातर एक छोटे से फाइव स्टार होटल के कमरे में, वो समिट होती थी और बोलने वाले भी वही, सुनने वाले भी वही, कमरा भी वही। TV9 ने इस परंपरा को तोड़ा और ये जो मॉडल प्लेस किया है, 2 साल के भीतर-भीतर देख लेना, सभी मीडिया हाउस को यही करना पड़ेगा। यानी TV9 Thinks Today वो बाकियों के लिए रास्ता खोल देगा। मैं इस प्रयास के लिए बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं, आपकी पूरी टीम को, और सबसे बड़ी खुशी की बात है कि आपने इस इवेंट को एक मीडिया हाउस की भलाई के लिए नहीं, देश की भलाई के लिए आपने उसकी रचना की। 50,000 से ज्यादा नौजवानों के साथ एक मिशन मोड में बातचीत करना, उनको जोड़ना, उनको मिशन के साथ जोड़ना और उसमें से जो बच्चे सिलेक्ट होकर के आए, उनकी आगे की ट्रेनिंग की चिंता करना, ये अपने आप में बहुत अद्भुत काम है। मैं आपको बहुत बधाई देता हूं। जिन नौजवानों से मुझे यहां फोटो निकलवाने का मौका मिला है, मुझे भी खुशी हुई कि देश के होनहार लोगों के साथ, मैं अपनी फोटो निकलवा पाया। मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं दोस्तों कि आपके साथ मेरी फोटो आज निकली है। और मुझे पक्का विश्वास है कि सारी युवा पीढ़ी, जो मुझे दिख रही है, 2047 में जब देश विकसित भारत बनेगा, सबसे ज्यादा बेनिफिशियरी आप लोग हैं, क्योंकि आप उम्र के उस पड़ाव पर होंगे, जब भारत विकसित होगा, आपके लिए मौज ही मौज है। आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद।