Quoteकांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा के बीच लूट और भ्रष्टाचार की बहुत बड़ी रेस चल रही है: पीएम मोदी
Quoteभाजपा के लिए आदिवासियों का विकास पहली प्राथमिकता है: सिंहभूम में पीएम मोदी
Quoteये भाजपा की ताकत थी, अटल जी की दीर्घ-दृष्टि थी कि झारखंड बना: सिंहभूम में पीएम मोदी
Quoteइंडी गठबंधन ने एक आदिवासी महिला को भारत के राष्ट्रपति बनाने का घोर विरोध किया: सिंहभूम में पीएम मोदी

जोहार..ये महान आदिवासी क्रांतिकारियों की धरती है। ये भगवान बिरसा मुंडा की भूमि है। इस धरती को, सिंहभूम को मेरा प्रणाम..मेरा शत्-शत् नमन। आज आप इतनी बड़ी संख्या में हम सबको आशीर्वाद देने आए हैं, आपका ये प्यार, आपका ये आशीर्वाद, ये ही मोदी की ताकत है।

साथियों,

भाजपा और झारखंड का ये जो रिश्ता है ना वो रिश्ता दिल का है। झारखंड को, यहां के लोगों की भावनाओं को अगर कोई समझता है और अगर सुलझाता है वो सिर्फ और सिर्फ भाजपा ही है। हमें हमेशा पता होता है कि आपके मन में क्या है? यहां के लोग क्या चाहते थे? अलग झारखंड बने, किसने बनाया, अटल बिहारी वाजपेयी ने बनाया भाजपा ने बनाया। कांग्रेस ने क्या किया? झारखंड का घोर-विरोध किया और बिहार के कुछ नेता तो चिल्ला-चिल्लाकर कहते थे कि मेरे डेडबॉडी पर झारखंड बनेगा। वो आजकल इंडी अलायंस में बैठे हुए हैं। ये भाजपा की ताकत थी, अटल बिहारी वाजपेयी की दीर्घ दृष्टि थी कि झारखंड बना। यहां के विकास पर ब्रेक लगा देने वाली कौन कांग्रेस, कांग्रेस को मंजूर नहीं था कि यहां के संसाधन आपके काम आए। वो दिल्ली के एयर कंडीशनर कमरों में बैठकर यहां की योजनाएं बनाते थे, एक रुपया देते थे उसमें से 85 पैसा मार लेते थे। मोदी ने कहा पूरा अगर एक रुपया भेजता हूं तो पूरा 100 पैसा सीधा आपके अकाउंट में जाएगा। मोदी ने कहा योजना सिर्फ दिल्ली से ही क्यों शुरू हो? क्या सब कुछ दिल्ली से ही होगा क्या? क्या मेरा झारखंड दिल्ली से कम है क्या? देश के हर कोने से शुरू हो, हमने बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती पर आयुष्मान भारत योजना लॉन्च की, कहां से की झारखंड की भूमि से की और आज इस योजना से करोड़ों गरीबों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिल रहा है। मुद्रा योजना शुरू की नौजवानों के हाथ को मजबूत करने वाली, नौजवानों को अवसर देने वाली, मुद्रा योजना देश के युवाओं का भाग्य बदलने वाली इतनी बड़ी योजना कहां से शुरू हुई हमने झारखंड के दुमका से उसका प्रारंभ किया। मुद्रा योजना ने करोड़ों नौजवानों को अपने मन का काम करने के लिए पैसे दिए। पीएम जनमन योजना कहां से शुरू हुई झारखंड से, भगवान बिरसा मुंडा के गांव से 24000 करोड़ रुपए की ये योजना अति पिछड़े आदिवासी भाई-बहनों की जिंदगी बदल रही है। विकसित भारत वाली मोदी की गारंटी की गाड़ी कहां से शुरू हुई यहां झारखंड के खूंटी से और इसलिए तो मैं कहता हूं झारखंड और भाजपा का दिल का नाता है दिल का। और मेरे लिए दिल्ली से बढ़कर ये दिल का नाता है झारखंड का। और इसलिए आज झारखंड हर कोने में विश्वास के साथ उमंग के साथ उस उत्साह के साथ एक ही बात कह रहा है फिर एक बार.. फिर एक बार.. फिर एक बार.. फिर एक बार... फिर एक बार..।

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साथियों,

सिंहभूम और झारखंड की धरती आदिवासी क्रांतिकारियों की धरती है, लेकिन कांग्रेस ने आदिवासियों के बलिदान को कभी सम्मान नहीं दिया। कांग्रेस आजादी का पूरा श्रेय केवल एक परिवार को देना चाहती है। ये भाजपा है जिसने भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिन को एक और पहचान दी। हमने इस दिन को जनजातीय गौरव दिवस मनाने की शुरुआत की है। देश के कोने-कोने में भगवान बिरसा मुंडा का जय गान शुरू किया है। मैंने खुद रांची में भगवान बिरसा मुंडा के बलिदान स्थल पर म्यूजियम का लोकार्पण किया है। हम देशभर में आदिवासी गौरव के लिए जनजातीय म्यूजियम बना रहे हैं, लेकिन साथियों, कांग्रेस और उसके साथी क्या कहते हैं ये भी आपके लिए जानना जरूरी है, कांग्रेस को आदिवासी इतिहास का सम्मान पसंद नहीं है वो आप जनजातीय समाज के लोगों को आगे नहीं बढ़ने देना चाहते। साथियों, देश की माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु जी पहले झारखंड की ही राज्यपाल थी। याद है ना, कांग्रेस और इंडी गठबंधन ने एक आदिवासी महिला को भारत के राष्ट्रपति बनाने का घोर विरोध किया। आदिवासी महिला भी देश के सर्वोच्च पद पर बैठ सकती है इस बात को पचा नहीं पा रहे थे।

साथियों,

झारखंड के जल, जंगल, जमीन पर हमारे आदिवासी भाई-बहनों का अधिकार है लेकिन जेएमएम और कांग्रेस इसे अपनी जागीर समझते हैं तभी तो झारखंड के हर संसाधन की खुली लूट चल रही है। इतना बड़ा शराब घोटाला यहां की झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार ने किया, पूरे राज्य के खान खनिज को, बालू को अवैध खनन कर लूटा जा रहा है और पार्टी के छुटभैया नेता से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री तक सबके सब इसमें जुटे हैं। उनके इलाके में ही सैकड़ों करोड़ रुपयों के अवैध खनन घोटाला हुआ है और ये लोग इतने पर ही नहीं रुके इन्होंने आदिवासी की जमीनें लूटने के बाद हमारे देश की सेना, सेना की जमीन पर भी आंख गड़ा कर रखी है, इतना बड़ा जमीन घोटाला जेएमएम के लोगों ने किया है। कांग्रेस झारखंड मुक्ति मोर्चा ने मिलकर झारखंड के मान-सम्मान को चोट पहुंचाई है। मैं आपसे पूछना चाहता हूं, यहां नौजवानों से पूछना चाहता हूं, मैं मेरी माताओं-बहनों से पूछना चाहता हूं क्या झारखंड को लूटने वाले को आप इन्हें माफ कर देंगे क्या? माफ करेंगे क्या? माफ करेंगे क्या? साथियों, कांग्रेस और जेएमएम में बहुत बड़ी रेस चल रही है लूट करने की रेस, भ्रष्टाचार करने की रेस, यहां कांग्रेसी सांसद के ठिकाने से 300 करोड़ रुपए नगद बरामद हुए। 300 करोड़ से ज्यादा केवल कैश नगद और आपने देखा होगा बैंकों से नोटें गिनने के लिए मशीनें लानी पड़ीं और मशीनें हांफती थी, नोटे गिनते-गिनते, थक जाती थी। झारखंड को लूटने की रेस कहां-कहां तक पहुंच गई है? भाइयों-बहनों, आप मुझे जवाब दीजिए ये जो लूट का पैसा निकल रहा है मैं आपसे पूछना चाहता हूं ये पैसा किसका है? ये पैसा किसका है? ये पैसा किसका है? ये पैसा ये संपत्ति ये मेरे झारखंड के गांव, गरीब, मजदूर, किसान, दलित, आदिवासी ये आपका पैसा है। ये आपके पैसे की लूट है कि नहीं है.. ये आपके पैसे की लूट है कि नहीं है।

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भाइयों और बहनों,

कांग्रेस और जेएमएम आपसे किस मुंह से वोट मांगने आते हैं। ये कितने बेशर्म हैं, लूट में पकड़े जाते हैं पर परवाह नहीं है, अब उनको दिल्ली में सरकार क्यों बनानी है? क्या आपका भला करने के लिए सरकार बनानी है क्या? क्या देश के नौजवानों का भविष्य बनाने के लिए सरकार बनानी है क्या? क्या ये दिल्ली में सरकार बनाकर ये पूरे देश में बेलगाम लूट नहीं करेंगे तो क्या करेंगे? 2014 के पहले भी इस देश को लूटने के सिवाय इन्होंने कुछ भी नहीं किया है। साथियों, इंडी गठबंधन ने झारखंड के साथ सबसे बड़ा धोखा किया है, जिस आरजेडी ने अलग झारखंड का सबसे ज्यादा विरोध किया, जिस नेता ने यहां सबसे ज्यादा अत्याचार किए, आज झारखंड मुक्ति मोर्चा उन्हीं की गोद में जाकर के बैठ गया है उनके साथ गठबंधन किया है जो इंडी गठबंधन बिहार में जंगल राज लाया था, वही जंगल राज ये लोग झारखंड में और ज्यादा फैलाने में लगे हुए हैं। अब तो आए दिन यहां व्यापारियों को फिरौती के लिए फोन आते हैं, अपराधियों को सीधे सरकार से संरक्षण मिल रहा है। इनकी सरकार में आदिवासियों की सरेआम हत्या होती है, ये आदिवासी समाज में अपराधियों का डर कायम रखना चाहते हैं, आप मुझे बताइए झारखंड को भ्रष्टाचार और जंगल राज की आग में झोंकने वाले को सजा मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए? सजा मिलनी चाहिए कि नहीं..सजा मिलनी चाहिए कि नहीं? आपका हक लूटने वालों को सजा देने के लिए देश को आपके आशीर्वाद की जरूरत है।

साथियों,

एक ओर आदिवासी विरोधी मानसिकता वाली कांग्रेस है, दूसरी ओर हमारे लिए आदिवासियों का विकास पहली प्राथमिकता है। आदिवासी समाज के विकास के लिए सबसे पहले अलग जनजातीय मंत्रालय किसने बनाया? बीजेपी ने, अटल बिहारी वाजपेयी जी ने पहली बार जनजातीय समाज के लिए अलग मंत्रालय बनाया, अलग बजट बनाया तब जाकर के हमारे जनजातीय क्षेत्रों में आज विकास प्रारंभ हुआ। जनजातीय समाज के युवाओं के लिए आज बड़ी संख्या में एकलव्य आवासीय स्कूल कौन बनवा रहा है, बीजेपी। यहां भी एकलव्य विद्यालय का निर्माण तेजी से हो रहा है, आपने देखा होगा राष्ट्रीय शिक्षा नीति आई इसमें स्थानीय भाषाओं, जनजातीय भाषाओं में शिक्षा देने का फैसला किया तो बीजेपी ने किया। आप मुझे बताइए भाई, क्या हमारे जनजातीय बेटे-बेटी डॉक्टर बनने चाहिए कि नहीं बनने चाहिए। जरा पूरी ताकत से जवाब दो हमारे जनजातीय परिवारों के बेटे डॉक्टर बनने चाहिए कि नहीं बनना चाहिए। हमारी बेटियां डॉक्टर बननी चाहिए कि नहीं बननी चाहिए वो इंजीनियर बननी चाहिए कि नहीं बननी चाहिए, वो वैज्ञानिक बननी चाहिए कि नहीं बननी चाहिए। इन्होंने तो हालत ऐसी रखी थी कि अगर आपको अंग्रेजी नहीं आता है तो आप पढ़ाई भी नहीं कर सकते हो, डॉक्टर की बात छोड़ दो गरीब का बेटा गरीब की बेटी अंग्रेजी पढ़ने के लिए शहर में कहां जाएंगे? खर्चा कहां से लाएंगे? लेकिन ये आपका भाई ये आपका बेटा दिल्ली में बैठा है वो आपका दर्द जानता है और इसलिए मैंने कहा अरे डॉक्टर हो, इंजीनियर हो, वैज्ञानिक हो वो अपनी मातृभाषा में पढ़ेगा तो भी डॉक्टर बनेगा, इंजीनियर बनेगा, वैज्ञानिक बनेगा। जनजातीय युवाओं को खेलों में आगे बढ़ाने का काम आज भारतीय जनता पार्टी कर रही है और उसका सबसे बड़ा लाभ मेरे वीर बेटे-बेटी जो जनजातीय समाज से आते हैं वो आज देश का नाम रोशन कर रहे हैं। कांग्रेस ने तो आदिवासी इलाकों को अपने हाल पर छोड़ दिया था, आकांक्षी जिला योजना से एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट से आदिवासी जिलों का विकास आज भारतीय जनता पार्टी कर रही है। बीते 10 वर्षों में बीजेपी सरकार ने वो काम करके दिए हैं जिनका जनजातीय समाज को छह दशकों से इंतजार था। भाइयों और बहनों, हमारे आदिवासी समाज में सिकल सेल एनीमिया, ये बहुत बड़ी खतरनाक बीमारी होती है पहले किसी भी सरकार ने इसकी चिंता नहीं की। हमारी सरकार ने सिकल सेल एनीमिया के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर अभियान चलाया है। चाईबासा में हमारी सरकार मेडिकल कॉलेज का निर्माण भी करा रही है, अब यहां के लोगों को इलाज के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा और यहीं के बच्चे यहीं से डॉक्टर बनकर निकलेंगे।

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साथियों,

10 वर्षों ने मोदी ने आदिवासी भाई-बहनों के लिए मकान, बिजली, पानी और सिलेंडर जैसी सुविधाएं दी हैं। हमारे प्रयासों से झारखंड में 18 लाख परिवारों को पक्के मकान मिले हैं, ढाई करोड़ से ज्यादा लोगों को हर महीने मुफ्त राशन मिल रहा है ताकि गरीब के घर का चूल्हा कभी बुझना नहीं चाहिए, गरीब का बच्चा कभी भूखा सोने के लिए मजबूर नहीं होना चाहिए। करीब 33 लाख घरों को पानी का कनेक्शन दिया गया है। मोदी का प्रयास है कि गरीब, आदिवासी हमारी महिलाओं का सामर्थ्य बढ़े वो आगे बढ़े लेकिन दूसरी ओर कांग्रेस आपकी संपत्ति पर डाका डालना चाहती है। कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि वो सरकार में आएगी तो देश में सबकी संपत्ति की जांच कराएगी। चोरों की संपत्ति की जांच कराने का विरोध करते हैं और नागरिकों की संपत्ति की जांच करवाएंगे आपके पास चांदी कितनी है? सोना कितना है? शादी के समय आपको स्त्री धन कितना मिला था? सबकी जांच, खेत कितना है, कहां है? बेटा कहां रहता है? सबकी जांच करने की घोषणा की है और ये क्यों करना चाहते मालूम है। वो कहेंगे इससे ज्यादा तुम नहीं रख सकते हो, अगर 10 एकड़ भूमि है तो पांच एकड़ भूमि कांग्रेस की सरकार को दे दो, अगर एक ट्रैक्टर है तो तुम ट्रैक्टर नहीं रख सकते हो किसी के साथ भागीदारी करनी पड़ेगी आपकी संपत्ति छीनकर कांग्रेस अपनी वोट बैंक में जिन्होंने वोट जिहाद की घोषणा की है उनको देने का उन्होंने एक प्लान बनाया हुआ है। कांग्रेस के नेता कहते हैं कि देश की संपत्ति पर पहला हक माइनॉरिटी का मतलब मुसलमान का है, मोदी कहता है देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मेरे दलित, मेरे आदिवासी, मेरे गरीब भाई-बहनों का माताओं, बेटे, बेटियों का है।

साथियों,

अब कांग्रेस की नजर ये मैं गंभीर बात बता रहा हूं आपको अब कांग्रेस की नजर दलितों, पिछड़ों, आदिवासी, ओबीसी इनके आरक्षण पर डाका डालने का इरादा है। उनको गुस्सा है कि आज देश भर में सबसे ज्यादा आदिवासी एमएलए किसके बीजेपी के, देशभर में सबसे आदिवासी एमपी किसके बीजेपी के, देशभर में दलित एमपी किसके ज्यादा बीजेपी के, राज्यों में दलित एमएलए किसके ज्यादा बीजेपी के, कांग्रेस को गुस्सा है कि आदिवासी, ये दलित, ये ओबीसी बीजेपी का समर्थन करते हैं अब उनको शिक्षा करने का उनका मन है और वो इतने गुस्से में है कि आपको जो आरक्षण बाबा साहेब अंबेडकर ने दिया है आपको जो संविधान बाबा साहेब अंबेडकर ने दिया है उनकी पीठ में छुरा भोंककर आपको जो रिजर्वेशन मिला है आरक्षण मिला है उसमें वो लूट करके मुसलमानों को धर्म के आधार पर डाका डालके उनको देना चाहते हैं। क्या हम ऐसा करने देंगे क्या? इनको संविधान के ऊपर खिलवाड़ करने देंगे क्या? ये बिहार के आरजेडी के नेता, ये कांग्रेस के नेता माथे पर संविधान की किताब रख के नाच रहे हैं और संविधान के साथ धोखा कर रहे हैं। मैं बताता हूं कैसे करते हैं अभी कर्नाटक में उन्होंने रातों-रात एक फतवा निकाला, एक ऑर्डर निकाला रातों-रात ठप्पा मार दिया ऑर्डर क्या कि कर्नाटक में (एक मिनट एक मिनट सुनिए, सुनिए भाई पहले जरा सुनिए बाद में मोदी-मोदी करिए पहला ढंग से सुनिए ये काम में आने वाली बात है समझने वाली बात है) कर्नाटक में रातों- रात उन्होंने एक फतवा निकाला और फतवा क्या निकाला कर्नाटक में जितने मुसलमान हैं जितने, कितना ही पढ़ा लिखा क्यों ना हो, कितना ही अमीर क्यों ना हो, कितना ही बड़े घराने का क्यों न बस वो मुसलमान है तो उन्होंने फतवा निकाला कि कर्नाटक के सारे मुसलमान ओबीसी हैं, रातों-रात ओबीसी हो गए और ओबीसी को जो 27 परसेंट आरक्षण मिलता था रातों-रात उसकी लूट उनके खाते में चली गई। देश देखता रह गया और ये पूरा मॉडल देश में लागू करना चाहते हैं क्या ये करने देंगे क्या? ये हम करने देंगे क्या? और कांग्रेस वाले, जेएमएम वाले, आरजेडी वाले कान खोल के सुन लो जब तक मोदी जिंदा है, जब तक मोदी जिंदा है तुम संविधान को हाथ नहीं लगा पाओगे, जब तक मोदी जिंदा है तुम आदिवासियों का आरक्षण नहीं लूट पाओगे, जब तक मोदी जिंदा है तुम दलितों के आरक्षण को लूट नहीं पाओगे, जब तक मोदी जिंदा है तुम ओबीसी के आरक्षण को लूट नहीं पाओगे।

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भाइयों-बहनों,

मेरी आप सबको गारंटी है, भारतीय जनता पार्टी की गारंटी है दुनिया की कोई ताकत हमारे संविधान को हाथ नहीं लगा सकती। बाबा साहेब अंबेडकर ने जो आरक्षण दिया है उसको कोई हाथ नहीं लगा सकता है ये मोदी की गारंटी है। साथियों, मैं पिछले 10 दिन से कांग्रेस को तीन चुनौतियां देता हूं और मैं उनको कहता हूं तुम लिखित में देश को कहो, मैं तो खुलेआम आरोप करता हूं तुम लिखित में देश को बताओ, कांग्रेस लिखकर के दे कि वो एससी, एसटी, ओबीसी का आरक्षण काटकर धर्म के आधार पर मुस्लिमों को नहीं देंगे लिख करके दो, नहीं देते हैं। कांग्रेस का कोई नेता इसका जवाब देने को तैयार नहीं है। आप मुझे बताइए, बाबा साहेब ने आरक्षण का जो अधिकार आपको दिया है क्या हम कांग्रेस को छीनने देंगे क्या? अगर मोदी आपके लिए लड़ना चाहता है मरना चाहता है तो मोदी को आशीर्वाद मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए।

भाइयों और बहनों,

कांग्रेस, जेएमएम और उन सहयोगी अपने वोट बैंक के लिए कुछ भी कर रहे हैं। ये लोग झारखंड में घुसपैठियों को ठिकाना दे रहे हैं, ये घुसपैठिए हमारे आदिवासी भाई-बहनों की जमीन पर कब्जा कर रहे हैं। संथाल परगना जैसी जगहों पर इस घुसपैठ के कारण आदिवासियों की संख्या घट रही है, हमारी बहन- बेटियों की इज्जत सुरक्षित नहीं है। ये ही खेल इन लोगों ने बंगाल में खेला था, बंगाल के आदिवासी इलाकों में लोग घुसपैठियों के आतंक से जूझ रहे हैं, लोगों का जीवन सुरक्षित नहीं है, ऐसा ही ये हाल यहां झारखंड में बनाना चाहते हैं लेकिन जेएमएम सरकार वोट बैंक की भूख में वोट पाने के लिए आंख मूंदकर ये पाप कर रही है।

साथियों,

13 मई को आपका वोट झारखंड के विकास और सुरक्षा की गारंटी बनने वाला है। आपका जो भरोसा मोदी पर है उसे आपको कमल का बटन दबाकर ये वोट मुझ तक पहुंचाना है, मोदी के खाते में जमा करवाना है। सिंहभूम से भाजपा प्रत्याशी बहन गीता कोड़ा और खूंटी से मेरे साथी अर्जुन मुंडा उनको दिया आपका वोट मोदी को मजबूत करेगा, इनको मिला आपका वोट सीधा-सीधा मोदी तक जाएगा। तो आप घर-घर जाएंगे, घर-घर जाएंगे, ज्यादा मतदान कराएंगे। मुझे सबसे जवाब चाहिए घर-घर जाएंगे, ज्यादा मतदान कराएंगे। सबसे ज्यादा वोटों से जिताएंगे, सब पोलिंग बूथ जिताएंगे तो एक काम कीजिए अपना मोबाइल फोन निकालिए और उसका फ्लैशलाइट चालू कीजिए, सबके सब अपना मोबाइल फोन की फ्लैशलाइट चालू कीजिए सबके सब अपने मोबाइल फोन की फ्लैशलाइट चालू कीजिए सबके मोबाइल की फ्लैशलाइट चले। मेरा एक काम करेंगे.. मेरा एक काम करेंगे देखिए यहां से जाकर के परिवारों में जाना और कहना मोदी जी आए थे और मोदी जी ने आपको जोहार कहा है। मोदी का जोहार पहुंचाओगे घर-घर में, हर घर में मेरा जोहार पहुंचाओगे।
बोलिए भारत माता की..भारत माता की..भारत माता की।
बहुत-बहुत धन्यवाद।

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नमस्कार!

आप लोग सब थक गए होंगे, अर्णब की ऊंची आवाज से कान तो जरूर थक गए होंगे, बैठिये अर्णब, अभी चुनाव का मौसम नहीं है। सबसे पहले तो मैं रिपब्लिक टीवी को उसके इस अभिनव प्रयोग के लिए बहुत बधाई देता हूं। आप लोग युवाओं को ग्रासरूट लेवल पर इन्वॉल्व करके, इतना बड़ा कंपटीशन कराकर यहां लाए हैं। जब देश का युवा नेशनल डिस्कोर्स में इन्वॉल्व होता है, तो विचारों में नवीनता आती है, वो पूरे वातावरण में एक नई ऊर्जा भर देता है और यही ऊर्जा इस समय हम यहां महसूस भी कर रहे हैं। एक तरह से युवाओं के इन्वॉल्वमेंट से हम हर बंधन को तोड़ पाते हैं, सीमाओं के परे जा पाते हैं, फिर भी कोई भी लक्ष्य ऐसा नहीं रहता, जिसे पाया ना जा सके। कोई मंजिल ऐसी नहीं रहती जिस तक पहुंचा ना जा सके। रिपब्लिक टीवी ने इस समिट के लिए एक नए कॉन्सेप्ट पर काम किया है। मैं इस समिट की सफलता के लिए आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, आपका अभिनंदन करता हूं। अच्छा मेरा भी इसमें थोड़ा स्वार्थ है, एक तो मैं पिछले दिनों से लगा हूं, कि मुझे एक लाख नौजवानों को राजनीति में लाना है और वो एक लाख ऐसे, जो उनकी फैमिली में फर्स्ट टाइमर हो, तो एक प्रकार से ऐसे इवेंट मेरा जो यह मेरा मकसद है उसका ग्राउंड बना रहे हैं। दूसरा मेरा व्यक्तिगत लाभ है, व्यक्तिगत लाभ यह है कि 2029 में जो वोट करने जाएंगे उनको पता ही नहीं है कि 2014 के पहले अखबारों की हेडलाइन क्या हुआ करती थी, उसे पता नहीं है, 10-10, 12-12 लाख करोड़ के घोटाले होते थे, उसे पता नहीं है और वो जब 2029 में वोट करने जाएगा, तो उसके सामने कंपैरिजन के लिए कुछ नहीं होगा और इसलिए मुझे उस कसौटी से पार होना है और मुझे पक्का विश्वास है, यह जो ग्राउंड बन रहा है ना, वो उस काम को पक्का कर देगा।

साथियों,

आज पूरी दुनिया कह रही है कि ये भारत की सदी है, ये आपने नहीं सुना है। भारत की उपलब्धियों ने, भारत की सफलताओं ने पूरे विश्व में एक नई उम्मीद जगाई है। जिस भारत के बारे में कहा जाता था, ये खुद भी डूबेगा और हमें भी ले डूबेगा, वो भारत आज दुनिया की ग्रोथ को ड्राइव कर रहा है। मैं भारत के फ्यूचर की दिशा क्या है, ये हमें आज के हमारे काम और सिद्धियों से पता चलता है। आज़ादी के 65 साल बाद भी भारत दुनिया की ग्यारहवें नंबर की इकॉनॉमी था। बीते दशक में हम दुनिया की पांचवें नंबर की इकॉनॉमी बने, और अब उतनी ही तेजी से दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहे हैं।

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साथियों,

मैं आपको 18 साल पहले की भी बात याद दिलाता हूं। ये 18 साल का खास कारण है, क्योंकि जो लोग 18 साल की उम्र के हुए हैं, जो पहली बार वोटर बन रहे हैं, उनको 18 साल के पहले का पता नहीं है, इसलिए मैंने वो आंकड़ा लिया है। 18 साल पहले यानि 2007 में भारत की annual GDP, एक लाख करोड़ डॉलर तक पहुंची थी। यानि आसान शब्दों में कहें तो ये वो समय था, जब एक साल में भारत में एक लाख करोड़ डॉलर की इकॉनॉमिक एक्टिविटी होती थी। अब आज देखिए क्या हो रहा है? अब एक क्वार्टर में ही लगभग एक लाख करोड़ डॉलर की इकॉनॉमिक एक्टिविटी हो रही है। इसका क्या मतलब हुआ? 18 साल पहले के भारत में साल भर में जितनी इकॉनॉमिक एक्टिविटी हो रही थी, उतनी अब सिर्फ तीन महीने में होने लगी है। ये दिखाता है कि आज का भारत कितनी तेजी से आगे बढ़ रहा है। मैं आपको कुछ उदाहरण दूंगा, जो दिखाते हैं कि बीते एक दशक में कैसे बड़े बदलाव भी आए और नतीजे भी आए। बीते 10 सालों में, हम 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में सफल हुए हैं। ये संख्या कई देशों की कुल जनसंख्या से भी ज्यादा है। आप वो दौर भी याद करिए, जब सरकार खुद स्वीकार करती थी, प्रधानमंत्री खुद कहते थे, कि एक रूपया भेजते थे, तो 15 पैसा गरीब तक पहुंचता था, वो 85 पैसा कौन पंजा खा जाता था और एक आज का दौर है। बीते दशक में गरीबों के खाते में, DBT के जरिए, Direct Benefit Transfer, DBT के जरिए 42 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा ट्रांसफर किए गए हैं, 42 लाख करोड़ रुपए। अगर आप वो हिसाब लगा दें, रुपये में से 15 पैसे वाला, तो 42 लाख करोड़ का क्या हिसाब निकलेगा? साथियों, आज दिल्ली से एक रुपया निकलता है, तो 100 पैसे आखिरी जगह तक पहुंचते हैं।

साथियों,

10 साल पहले सोलर एनर्जी के मामले में भारत दुनिया में कहीं गिनती नहीं होती थी। लेकिन आज भारत सोलर एनर्जी कैपेसिटी के मामले में दुनिया के टॉप-5 countries में से है। हमने सोलर एनर्जी कैपेसिटी को 30 गुना बढ़ाया है। Solar module manufacturing में भी 30 गुना वृद्धि हुई है। 10 साल पहले तो हम होली की पिचकारी भी, बच्चों के खिलौने भी विदेशों से मंगाते थे। आज हमारे Toys Exports तीन गुना हो चुके हैं। 10 साल पहले तक हम अपनी सेना के लिए राइफल तक विदेशों से इंपोर्ट करते थे और बीते 10 वर्षों में हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट 20 गुना बढ़ गया है।

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साथियों,

इन 10 वर्षों में, हम दुनिया के दूसरे सबसे बड़े स्टील प्रोड्यूसर हैं, दुनिया के दूसरे सबसे बड़े मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरर हैं और दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बने हैं। इन्हीं 10 सालों में हमने इंफ्रास्ट्रक्चर पर अपने Capital Expenditure को, पांच गुना बढ़ाया है। देश में एयरपोर्ट्स की संख्या दोगुनी हो गई है। इन दस सालों में ही, देश में ऑपरेशनल एम्स की संख्या तीन गुना हो गई है। और इन्हीं 10 सालों में मेडिकल कॉलेजों और मेडिकल सीट्स की संख्या भी करीब-करीब दोगुनी हो गई है।

साथियों,

आज के भारत का मिजाज़ कुछ और ही है। आज का भारत बड़ा सोचता है, बड़े टार्गेट तय करता है और आज का भारत बड़े नतीजे लाकर के दिखाता है। और ये इसलिए हो रहा है, क्योंकि देश की सोच बदल गई है, भारत बड़ी Aspirations के साथ आगे बढ़ रहा है। पहले हमारी सोच ये बन गई थी, चलता है, होता है, अरे चलने दो यार, जो करेगा करेगा, अपन अपना चला लो। पहले सोच कितनी छोटी हो गई थी, मैं इसका एक उदाहरण देता हूं। एक समय था, अगर कहीं सूखा हो जाए, सूखाग्रस्त इलाका हो, तो लोग उस समय कांग्रेस का शासन हुआ करता था, तो मेमोरेंडम देते थे गांव के लोग और क्या मांग करते थे, कि साहब अकाल होता रहता है, तो इस समय अकाल के समय अकाल के राहत के काम रिलीफ के वर्क शुरू हो जाए, गड्ढे खोदेंगे, मिट्टी उठाएंगे, दूसरे गड्डे में भर देंगे, यही मांग किया करते थे लोग, कोई कहता था क्या मांग करता था, कि साहब मेरे इलाके में एक हैंड पंप लगवा दो ना, पानी के लिए हैंड पंप की मांग करते थे, कभी कभी सांसद क्या मांग करते थे, गैस सिलेंडर इसको जरा जल्दी देना, सांसद ये काम करते थे, उनको 25 कूपन मिला करती थी और उस 25 कूपन को पार्लियामेंट का मेंबर अपने पूरे क्षेत्र में गैस सिलेंडर के लिए oblige करने के लिए उपयोग करता था। एक साल में एक एमपी 25 सिलेंडर और यह सारा 2014 तक था। एमपी क्या मांग करते थे, साहब ये जो ट्रेन जा रही है ना, मेरे इलाके में एक स्टॉपेज दे देना, स्टॉपेज की मांग हो रही थी। यह सारी बातें मैं 2014 के पहले की कर रहा हूं, बहुत पुरानी नहीं कर रहा हूं। कांग्रेस ने देश के लोगों की Aspirations को कुचल दिया था। इसलिए देश के लोगों ने उम्मीद लगानी भी छोड़ दी थी, मान लिया था यार इनसे कुछ होना नहीं है, क्या कर रहा है।। लोग कहते थे कि भई ठीक है तुम इतना ही कर सकते हो तो इतना ही कर दो। और आज आप देखिए, हालात और सोच कितनी तेजी से बदल रही है। अब लोग जानते हैं कि कौन काम कर सकता है, कौन नतीजे ला सकता है, और यह सामान्य नागरिक नहीं, आप सदन के भाषण सुनोगे, तो विपक्ष भी यही भाषण करता है, मोदी जी ये क्यों नहीं कर रहे हो, इसका मतलब उनको लगता है कि यही करेगा।

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साथियों,

आज जो एस्पिरेशन है, उसका प्रतिबिंब उनकी बातों में झलकता है, कहने का तरीका बदल गया , अब लोगों की डिमांड क्या आती है? लोग पहले स्टॉपेज मांगते थे, अब आकर के कहते जी, मेरे यहां भी तो एक वंदे भारत शुरू कर दो। अभी मैं कुछ समय पहले कुवैत गया था, तो मैं वहां लेबर कैंप में नॉर्मली मैं बाहर जाता हूं तो अपने देशवासी जहां काम करते हैं तो उनके पास जाने का प्रयास करता हूं। तो मैं वहां लेबर कॉलोनी में गया था, तो हमारे जो श्रमिक भाई बहन हैं, जो वहां कुवैत में काम करते हैं, उनसे कोई 10 साल से कोई 15 साल से काम, मैं उनसे बात कर रहा था, अब देखिए एक श्रमिक बिहार के गांव का जो 9 साल से कुवैत में काम कर रहा है, बीच-बीच में आता है, मैं जब उससे बातें कर रहा था, तो उसने कहा साहब मुझे एक सवाल पूछना है, मैंने कहा पूछिए, उसने कहा साहब मेरे गांव के पास डिस्ट्रिक्ट हेड क्वार्टर पर इंटरनेशनल एयरपोर्ट बना दीजिए ना, जी मैं इतना प्रसन्न हो गया, कि मेरे देश के बिहार के गांव का श्रमिक जो 9 साल से कुवैत में मजदूरी करता है, वह भी सोचता है, अब मेरे डिस्ट्रिक्ट में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनेगा। ये है, आज भारत के एक सामान्य नागरिक की एस्पिरेशन, जो विकसित भारत के लक्ष्य की ओर पूरे देश को ड्राइव कर रही है।

साथियों,

किसी भी समाज की, राष्ट्र की ताकत तभी बढ़ती है, जब उसके नागरिकों के सामने से बंदिशें हटती हैं, बाधाएं हटती हैं, रुकावटों की दीवारें गिरती है। तभी उस देश के नागरिकों का सामर्थ्य बढ़ता है, आसमान की ऊंचाई भी उनके लिए छोटी पड़ जाती है। इसलिए, हम निरंतर उन रुकावटों को हटा रहे हैं, जो पहले की सरकारों ने नागरिकों के सामने लगा रखी थी। अब मैं उदाहरण देता हूं स्पेस सेक्टर। स्पेस सेक्टर में पहले सबकुछ ISRO के ही जिम्मे था। ISRO ने निश्चित तौर पर शानदार काम किया, लेकिन स्पेस साइंस और आंत्रप्रन्योरशिप को लेकर देश में जो बाकी सामर्थ्य था, उसका उपयोग नहीं हो पा रहा था, सब कुछ इसरो में सिमट गया था। हमने हिम्मत करके स्पेस सेक्टर को युवा इनोवेटर्स के लिए खोल दिया। और जब मैंने निर्णय किया था, किसी अखबार की हेडलाइन नहीं बना था, क्योंकि समझ भी नहीं है। रिपब्लिक टीवी के दर्शकों को जानकर खुशी होगी, कि आज ढाई सौ से ज्यादा स्पेस स्टार्टअप्स देश में बन गए हैं, ये मेरे देश के युवाओं का कमाल है। यही स्टार्टअप्स आज, विक्रम-एस और अग्निबाण जैसे रॉकेट्स बना रहे हैं। ऐसे ही mapping के सेक्टर में हुआ, इतने बंधन थे, आप एक एटलस नहीं बना सकते थे, टेक्नॉलाजी बदल चुकी है। पहले अगर भारत में कोई मैप बनाना होता था, तो उसके लिए सरकारी दरवाजों पर सालों तक आपको चक्कर काटने पड़ते थे। हमने इस बंदिश को भी हटाया। आज Geo-spatial mapping से जुडा डेटा, नए स्टार्टअप्स का रास्ता बना रहा है।

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साथियों,

न्यूक्लियर एनर्जी, न्यूक्लियर एनर्जी से जुड़े सेक्टर को भी पहले सरकारी कंट्रोल में रखा गया था। बंदिशें थीं, बंधन थे, दीवारें खड़ी कर दी गई थीं। अब इस साल के बजट में सरकार ने इसको भी प्राइवेट सेक्टर के लिए ओपन करने की घोषणा की है। और इससे 2047 तक 100 गीगावॉट न्यूक्लियर एनर्जी कैपेसिटी जोड़ने का रास्ता मजबूत हुआ है।

साथियों,

आप हैरान रह जाएंगे, कि हमारे गांवों में 100 लाख करोड़ रुपए, Hundred lakh crore rupees, उससे भी ज्यादा untapped आर्थिक सामर्थ्य पड़ा हुआ है। मैं आपके सामने फिर ये आंकड़ा दोहरा रहा हूं- 100 लाख करोड़ रुपए, ये छोटा आंकड़ा नहीं है, ये आर्थिक सामर्थ्य, गांव में जो घर होते हैं, उनके रूप में उपस्थित है। मैं आपको और आसान तरीके से समझाता हूं। अब जैसे यहां दिल्ली जैसे शहर में आपके घर 50 लाख, एक करोड़, 2 करोड़ के होते हैं, आपकी प्रॉपर्टी की वैल्यू पर आपको बैंक लोन भी मिल जाता है। अगर आपका दिल्ली में घर है, तो आप बैंक से करोड़ों रुपये का लोन ले सकते हैं। अब सवाल यह है, कि घर दिल्ली में थोड़े है, गांव में भी तो घर है, वहां भी तो घरों का मालिक है, वहां ऐसा क्यों नहीं होता? गांवों में घरों पर लोन इसलिए नहीं मिलता, क्योंकि भारत में गांव के घरों के लीगल डॉक्यूमेंट्स नहीं होते थे, प्रॉपर मैपिंग ही नहीं हो पाई थी। इसलिए गांव की इस ताकत का उचित लाभ देश को, देशवासियों को नहीं मिल पाया। और ये सिर्फ भारत की समस्या है ऐसा नहीं है, दुनिया के बड़े-बड़े देशों में लोगों के पास प्रॉपर्टी के राइट्स नहीं हैं। बड़ी-बड़ी अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं कहती हैं, कि जो देश अपने यहां लोगों को प्रॉपर्टी राइट्स देता है, वहां की GDP में उछाल आ जाता है।

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साथियों,

भारत में गांव के घरों के प्रॉपर्टी राइट्स देने के लिए हमने एक स्वामित्व स्कीम शुरु की। इसके लिए हम गांव-गांव में ड्रोन से सर्वे करा रहे हैं, गांव के एक-एक घर की मैपिंग करा रहे हैं। आज देशभर में गांव के घरों के प्रॉपर्टी कार्ड लोगों को दिए जा रहे हैं। दो करोड़ से अधिक प्रॉपर्टी कार्ड सरकार ने बांटे हैं और ये काम लगातार चल रहा है। प्रॉपर्टी कार्ड ना होने के कारण पहले गांवों में बहुत सारे विवाद भी होते थे, लोगों को अदालतों के चक्कर लगाने पड़ते थे, ये सब भी अब खत्म हुआ है। इन प्रॉपर्टी कार्ड्स पर अब गांव के लोगों को बैंकों से लोन मिल रहे हैं, इससे गांव के लोग अपना व्यवसाय शुरू कर रहे हैं, स्वरोजगार कर रहे हैं। अभी मैं एक दिन ये स्वामित्व योजना के तहत वीडियो कॉन्फ्रेंस पर उसके लाभार्थियों से बात कर रहा था, मुझे राजस्थान की एक बहन मिली, उसने कहा कि मैंने मेरा प्रॉपर्टी कार्ड मिलने के बाद मैंने 9 लाख रुपये का लोन लिया गांव में और बोली मैंने बिजनेस शुरू किया और मैं आधा लोन वापस कर चुकी हूं और अब मुझे पूरा लोन वापस करने में समय नहीं लगेगा और मुझे अधिक लोन की संभावना बन गई है कितना कॉन्फिडेंस लेवल है।

साथियों,

ये जितने भी उदाहरण मैंने दिए हैं, इनका सबसे बड़ा बेनिफिशरी मेरे देश का नौजवान है। वो यूथ, जो विकसित भारत का सबसे बड़ा स्टेकहोल्डर है। जो यूथ, आज के भारत का X-Factor है। इस X का अर्थ है, Experimentation Excellence और Expansion, Experimentation यानि हमारे युवाओं ने पुराने तौर तरीकों से आगे बढ़कर नए रास्ते बनाए हैं। Excellence यानी नौजवानों ने Global Benchmark सेट किए हैं। और Expansion यानी इनोवेशन को हमारे य़ुवाओं ने 140 करोड़ देशवासियों के लिए स्केल-अप किया है। हमारा यूथ, देश की बड़ी समस्याओं का समाधान दे सकता है, लेकिन इस सामर्थ्य का सदुपयोग भी पहले नहीं किया गया। हैकाथॉन के ज़रिए युवा, देश की समस्याओं का समाधान भी दे सकते हैं, इसको लेकर पहले सरकारों ने सोचा तक नहीं। आज हम हर वर्ष स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन आयोजित करते हैं। अभी तक 10 लाख युवा इसका हिस्सा बन चुके हैं, सरकार की अनेकों मिनिस्ट्रीज और डिपार्टमेंट ने गवर्नेंस से जुड़े कई प्रॉब्लम और उनके सामने रखें, समस्याएं बताई कि भई बताइये आप खोजिये क्या सॉल्यूशन हो सकता है। हैकाथॉन में हमारे युवाओं ने लगभग ढाई हज़ार सोल्यूशन डेवलप करके देश को दिए हैं। मुझे खुशी है कि आपने भी हैकाथॉन के इस कल्चर को आगे बढ़ाया है। और जिन नौजवानों ने विजय प्राप्त की है, मैं उन नौजवानों को बधाई देता हूं और मुझे खुशी है कि मुझे उन नौजवानों से मिलने का मौका मिला।

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साथियों,

बीते 10 वर्षों में देश ने एक new age governance को फील किया है। बीते दशक में हमने, impact less administration को Impactful Governance में बदला है। आप जब फील्ड में जाते हैं, तो अक्सर लोग कहते हैं, कि हमें फलां सरकारी स्कीम का बेनिफिट पहली बार मिला। ऐसा नहीं है कि वो सरकारी स्कीम्स पहले नहीं थीं। स्कीम्स पहले भी थीं, लेकिन इस लेवल की last mile delivery पहली बार सुनिश्चित हो रही है। आप अक्सर पीएम आवास स्कीम के बेनिफिशरीज़ के इंटरव्यूज़ चलाते हैं। पहले कागज़ पर गरीबों के मकान सेंक्शन होते थे। आज हम जमीन पर गरीबों के घर बनाते हैं। पहले मकान बनाने की पूरी प्रक्रिया, govt driven होती थी। कैसा मकान बनेगा, कौन सा सामान लगेगा, ये सरकार ही तय करती थी। हमने इसको owner driven बनाया। सरकार, लाभार्थी के अकाउंट में पैसा डालती है, बाकी कैसा घर बनेगा, ये लाभार्थी खुद डिसाइड करता है। और घर के डिजाइन के लिए भी हमने देशभर में कंपीटिशन किया, घरों के मॉडल सामने रखे, डिजाइन के लिए भी लोगों को जोड़ा, जनभागीदारी से चीज़ें तय कीं। इससे घरों की क्वालिटी भी अच्छी हुई है और घर तेज़ गति से कंप्लीट भी होने लगे हैं। पहले ईंट-पत्थर जोड़कर आधे-अधूरे मकान बनाकर दिए जाते थे, हमने गरीब को उसके सपनों का घर बनाकर दिया है। इन घरों में नल से जल आता है, उज्ज्वला योजना का गैस कनेक्शन होता है, सौभाग्य योजना का बिजली कनेक्शन होता है, हमने सिर्फ चार दीवारें खड़ी नहीं कीं है, हमने उन घरों में ज़िंदगी खड़ी की है।

साथियों,

किसी भी देश के विकास के लिए बहुत जरूरी पक्ष है उस देश की सुरक्षा, नेशनल सिक्योरिटी। बीते दशक में हमने सिक्योरिटी पर भी बहुत अधिक काम किया है। आप याद करिए, पहले टीवी पर अक्सर, सीरियल बम ब्लास्ट की ब्रेकिंग न्यूज चला करती थी, स्लीपर सेल्स के नेटवर्क पर स्पेशल प्रोग्राम हुआ करते थे। आज ये सब, टीवी स्क्रीन और भारत की ज़मीन दोनों जगह से गायब हो चुका है। वरना पहले आप ट्रेन में जाते थे, हवाई अड्डे पर जाते थे, लावारिस कोई बैग पड़ा है तो छूना मत ऐसी सूचनाएं आती थी, आज वो जो 18-20 साल के नौजवान हैं, उन्होंने वो सूचना सुनी नहीं होगी। आज देश में नक्सलवाद भी अंतिम सांसें गिन रहा है। पहले जहां सौ से अधिक जिले, नक्सलवाद की चपेट में थे, आज ये दो दर्जन से भी कम जिलों में ही सीमित रह गया है। ये तभी संभव हुआ, जब हमने nation first की भावना से काम किया। हमने इन क्षेत्रों में Governance को Grassroot Level तक पहुंचाया। देखते ही देखते इन जिलों मे हज़ारों किलोमीटर लंबी सड़कें बनीं, स्कूल-अस्पताल बने, 4G मोबाइल नेटवर्क पहुंचा और परिणाम आज देश देख रहा है।

साथियों,

सरकार के निर्णायक फैसलों से आज नक्सलवाद जंगल से तो साफ हो रहा है, लेकिन अब वो Urban सेंटर्स में पैर पसार रहा है। Urban नक्सलियों ने अपना जाल इतनी तेज़ी से फैलाया है कि जो राजनीतिक दल, अर्बन नक्सल के विरोधी थे, जिनकी विचारधारा कभी गांधी जी से प्रेरित थी, जो भारत की ज़ड़ों से जुड़ी थी, ऐसे राजनीतिक दलों में आज Urban नक्सल पैठ जमा चुके हैं। आज वहां Urban नक्सलियों की आवाज, उनकी ही भाषा सुनाई देती है। इसी से हम समझ सकते हैं कि इनकी जड़ें कितनी गहरी हैं। हमें याद रखना है कि Urban नक्सली, भारत के विकास और हमारी विरासत, इन दोनों के घोर विरोधी हैं। वैसे अर्नब ने भी Urban नक्सलियों को एक्सपोज करने का जिम्मा उठाया हुआ है। विकसित भारत के लिए विकास भी ज़रूरी है और विरासत को मज़बूत करना भी आवश्यक है। और इसलिए हमें Urban नक्सलियों से सावधान रहना है।

साथियों,

आज का भारत, हर चुनौती से टकराते हुए नई ऊंचाइयों को छू रहा है। मुझे भरोसा है कि रिपब्लिक टीवी नेटवर्क के आप सभी लोग हमेशा नेशन फर्स्ट के भाव से पत्रकारिता को नया आयाम देते रहेंगे। आप विकसित भारत की एस्पिरेशन को अपनी पत्रकारिता से catalyse करते रहें, इसी विश्वास के साथ, आप सभी का बहुत-बहुत आभार, बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद!