देश में अराजकता और अस्थिरता फैलाना ही इंडी अलायंस का एकमात्र मकसद: साबरकांठा में पीएम मोदी

भारत माता की जय,

हेमनगर वासिओ कैसे हो? ये भाई मीडिया वाले खड़े रहेंगे, आप कहा इनको बिठा रहे हो? अब तो मुझे साबरकांठा कहाँ देखना बाकि है, आप मुझे देख ही चुके हैं, साबरकांठा से मेरा कई दशकों से गहरा रिश्ता है। पीढ़ियाँ बदल गईं, रंग बदल गए, लेकिन साबरकांठा का प्यार मुझ पर वैसा ही रहा और आपके प्यार, आपके आशीर्वाद के कारण मुझे आप सब पर बहुत भरोसा है।

साथियो,

हो सकता है दुनिया के लोग मोदी को देश के प्रधानमंत्री के तौर पर जानते हों लेकिन देश के लिए मैं सिर्फ एक सेवक हूं । देशवासियों की सेवा का व्रत लेकर, आपके लिए महेनत करने वाला और सदैव आपका साथी। मैं यहां कई लोगों को नाम लेकर बुला सकता हूं और कई लोग यहां तक ​​कह सकते हैं, "अरे नरेंद्र भाई, रुको और देखो"। हमारा रिश्ता ऐसा है और हम उस शक्ति के साथ आगे बढ़ रहे हैं। मैं कई बार आया हूं, लेकिन आज मैं आपसे कुछ मांगने आया हूं।' सरकारी कामों में जब में आता हूँ तो कुछ देने के लिए आता हूँ, सरकारी योजना होती है, शिलान्यास होता है, उद्घाटन होता है, लेकिन कुछ मांगने तो आना ही चाहिए! और मुझे आपका आशीर्वाद चाहिए । देश के 140 करोड़ नागरिक सपनों के साथ जी सकें, इसके लिए मैं अथाग परिश्रम करूँगा, मुझसे कहीं भी कोई कमी ना रहे और इसके लिए मुझे मजबूत समर्थन की जरूरत है। मुझे गुजरात के मेरे सभी साथियों की आवश्यकता है। मैं चाहता हूं कि साबरकांठा और मेहसाणा भी चाहिए । मुझे पूरा विश्वास है कि भारतीय जनता पार्टी 7 तारीख को हर पोलिंग बूथ पर अभूतपूर्व मतदान करके विजय हासिल करने के संकल्प के साथ विजय हासिल करेगी ।

भाईओ और बहनो,

2014 में जब आपने मुझे दिल्ली भेजा तो वहाँ कुछ छोटे-बड़े काम करने के लिए थोड़ी मुझे दिल्ली भेजा गया। आपने मुझे चुनौतियों को चुनौती देने के लिए भेजा है, चुनौतियों को नजरअंदाज करने के लिए नहीं। चुनौतियों का सामना करने के लिए भेजा गया है और इस मिट्टी में वह ताकत है। दुनिया ने महात्मा गांधी में वह ताकत देखी। देश ने सरदार वल्लभभाई पटेल में वह क्षमता देखी। इस मिट्टी में वह ताकत है जिसने मुझे बड़ा किया और मैं आपके द्वारा दिए गए संस्कारों के माध्यम से, आपकी दी गई शिक्षा के माध्यम से देश की सेवा में दिन-रात समर्पित हूं। आज मैं संतोष के साथ कह सकता हूं कि मैंने कोई कसर नहीं छोड़ी। ये कांग्रेस के लोग देश को डराते थे कि अगर राम मंदिर बना तो देश में आग लग जायेगी, राम मंदिर बन गया ना? शान ने बनाया या नहीं बनाया? प्रभु राम की प्राण प्रतिष्ठित हुई या नहीं हुई? कहीं आग लगी? कहां हुई तूतू-मैंमैं? क्या देश के सभी लोगों ने इसे उत्सव के रूप में मनाया या नहीं? यह इस बात का सटीक उदाहरण है कि कांग्रेस के लोग जमीनी हकीकत से कितने अनभिज्ञ हैं और अपनी वोट बैंक की राजनीति के लिए किस तरह लोगों को डराते और धमकाते रहते हैं। देश में कहीं भी आग नहीं लगी, लेकिन कांग्रेस के दिलों में जो आग लगी है उसे कोई बुझा नहीं सकता । आप कल्पना कर सकते हैं कि देश आजाद होने के दूसरे दिन ही भगवान राम के मंदिर का निर्माण शुरू हो जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, देश को संघर्ष करना पड़ा। कांग्रेस ने 70-75 साल तक इसे रोकने की कोशिश की । वे थके नहीं, उन्होंने कोशिश की, उन्होंने बाहर से भी कोशिश की, उन्होंने कानून भी बनाया ताकि राम मंदिर न बने। लेकिन आख़िरकार कोर्ट ने फैसला किया...

बेटा, मैंने तुम्हारी फोटो देखी है, बैठ जाओ, पीछे बैठे लोगों को परेशानी होगी।

जो राम मंदिर के ट्रस्टी है उन लोगों ने सब कुछ माफ कर दिया, जिन्होंने राम मंदिर का विरोध किया था, उन्हें माफ कर दिया और प्राणप्रतिष्ठा में बुलाया। आइए नए सिरे से आगे बढ़ें, फिर भी इन लोगों ने भगवान राम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण ठुकरा दिया । सिर्फ अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए. ये लोग वोट बैंक की राजनीति में इतने डूब गए हैं कि अपना संतुलन खो बैठे हैं।

साथियो,

ये लोग कह रहे थे कि अगर जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटा दी गई तो देश टूट जाएगा, देश में खून की नदियाँ बहेंगी। मुझे नहीं पता कि वे क्या कह रहे थे, अब तक तो वे यही कह रहे थे कि जम्मू-कश्मीर में तिरंगा फहराने वाला कोई नहीं मिलेगा। वे नहीं जानते, यह मोदी है, डराने वाले सारे खेल बंद करो। आप बताओ धारा 370 हटाई गई या नहीं हटाई गई? अरे तक गए हो तो फिर से जग जाओ और जवाब दो, धारा 370 हटी या नहीं? तुम्हें गर्व है या नहीं? क्या देश में कहीं खून की नदियाँ बहीं? और आज लाल चौक पर देश का तिरंगा शान से लहराएगा या नहीं?

साथियो,

10 साल पहले देश आतंकवाद की आग में जल रहा था और कांग्रेस को पता था कि पड़ोसी देश आतंकवादियों को आयात कर रहा है। और उनका एकमात्र काम आतंकवाद को आयात करना है और जब आतंकवादी आ रहे थे, तो वे मुंबई में 26/11 जैसी एक बहुत बड़ी घटना को आकार दे रहे थे। भारत के अलग-अलग कोनों में बम धमाके हुए, जिनमें कई लोग मारे गए। कश्मीर में आम दिनों में हमारे वीर जवान शहीद हो जाते थे और उस समय की कमजोर सरकार क्या कर रही थी? डोजियर भेज रही थी और सारी तस्वीरें, सूचनाएं और ये सब आपके यहां से आए वगैरह और कांग्रेस पाकिस्तान से कह रही थी कि हम पर बमबारी क्यों की? एक समय वह भी था जब वे डोजियर भेजते थे, जबकि आज का भारत आतंक के आकाओं को डोजियर नहीं बल्कि जवाब देता है और उन्हें उनके घर में घुसकर मारता है।

साथियो,

हमारे देश में वोटबैंक की राजनीति का शिकार अगर कोई हुआ है तो वो हैं हमारी मुस्लिम बहनें। सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही फैसला दे दिया था, आज शहजादा संविधान लेकर घूम रहा हैं, अगर उनके मन में संविधान के प्रति उतना ही सम्मान है तो भारत का संविधान बनाने वाले सुप्रीम कोर्ट ने शाहबानो केस में कहा,लेकिन उन लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का अपमान कर अलग कानून बना दिया और मुस्लिम बहनों को सुरक्षा नहीं दी । और तीन तलाक खत्म होने से सिर्फ मुस्लिम बहनों को ही सुरक्षा नहीं मिली है, पूरे परिवार को सुरक्षा मिली है । क्योंकि जब बेटी की शादी होती है तो पूरा परिवार बड़े अरमानों के साथ बेटी को ससुराल भेजता था, लेकिन माता-पिता को चिंता थी कि कहीं दामाद तलाक देकर बेटी को वापस घर न भेज दे! भाई परेशान रहता है, बाप परेशान रहता है, मां परेशान रहती है और कितनी बेटियां तीन तलाक सुनकर घर आ जाती थीं । परिवार बर्बाद हो गए लेकिन वोटबैंक की राजनीति के लिए इन लोगों ने तीन तलाक के कानून और परंपरा को रोकने का साहस नहीं दिखाया। मुझे वोट बैंक की परवाह नहीं थी, मैं चुनाव जीतकर और हारकर देश नहीं चलाता, मैं अपनी मुस्लिम बहनों को तीन तलाक से मुक्ति दिलाना चाहता था और मैंने इस देश से तीन तलाक ख़त्म कर दिया। लाखों बहनों का जीवन बचाया है, लाखों परिवारों का जीवन बचाया है।

भाईओ और बहनो,

आपके आशीर्वाद से जब मोदी ने ये सब किया तो कांग्रेस के शहजादा को बुखार आ गया, परेशानी हो गई और जब बुखार आता है तो आदमी कुछ भी बोलता है। शाहज़ादा कह रहे हैं, अगर तीसरी बार मोदी आए तो देश में आग लग जाएगी, पता नहीं लोगों के दिमाग में कहां से आ जाती है ये बात! लेकिन कांग्रेस के सपनों पर पानी फिर गया, इस देश की जनता कांग्रेस की हर मंशा को जान चुकी है । कांग्रेस निराशा के गर्त में डूबी हुई, जो अपनी ही पार्टी को बचा नहीं सकती, जो अपनी ही पार्टी में एक भी चिंगारी नहीं भर सकती, देश में सत्ता हासिल करने के लिए निकल पड़ी है? कांग्रेस 60 साल तक सत्ता में रही, लेकिन आज कर्ज में डूबी है. ये लोग खुलेआम कौन सी भाषा बोलते हैं! देश का बंटवारा? अरे भाई, 1947 में विभाजन देखकर देश बर्बाद हो गया और अभी भी देश के बड़े-बड़े नेता देश के विभाजन की बात कर रहे हैं! कांग्रेस और इंडी एलायंस की रणनीति देश में अराजकता फैलाना, अस्थिरता फैलाना, देश को संकट में डालना और किसी भी तरह से मोदी को बदनाम करना है। उन्होंने आज के खेल कोरोना के समय में खेले, जो 100 साल की सबसे बड़ी समस्या थी । भारत के कोविड मिशन, टीकाकरण मिशन को निष्प्रभावी करने के लिए कई खतरनाक प्रयास किए गए। जब CAA कानून आया तो देश में नकारात्मकता फैलाकर अराजकता का माहौल पैदा करने का प्रयास किया गया। आप मुझे बताएं कि विभाजन के दौरान सिख, हिंदू, ईसाई पाकिस्तान में रह गए, क्या उनके प्रति भारत की कोई जिम्मेदारी नहीं है? धर्म के नाम पर किया गया बंटवारा! तो जो लोग पीछे रह गए उनका क्या दोष था? अगर भारत ऐसे पीड़ितों को नागरिकता देता है तो कांग्रेस को परेशानी होती है। साथियों, आज भी कांग्रेस उनके कृत्यों से ऊपर नहीं उठ रही है। ये लोग हर बार चुनाव हारने पर बहाने ढूंढते हैं, EVM के कारण, EVM के कारण और जहां जीत जाते हैं वहां चुप रह जाते हैं। EVM के खिलाफ देश को भड़काने की कोशिश की जा रही है। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने उन पर ऐसा सबक सिखाया है कि वो लोग अब कभी नहीं इस बारे में बोल नहीं पाएंगे । इन लोगों ने अब ऐसा काम किया है कि संविधान खतरे में है, आरक्षण खत्म हो जाएगा, ये जो लोग संविधान और आरक्षण की बात करते हैं और कांग्रेस के लोग, बाबा साहेब अंबेडकर का संविधान है, इन लोगों ने 60-70 साल तक राज किया लेकिन पूरे देश में लागू नहीं कर पाए। यह संविधान कश्मीर में लागू नहीं हो सका, कश्मीर में दलितों, आदिवासियों, पिछड़े वर्गों को आरक्षण नहीं मिला। लोग सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, जबकि मोदी ही हैं जिन्होंने आकर 370 हटाया और कश्मीर में संविधान लागू किया। 70 साल बाद कश्मीर में दलितों को अधिकार मिला, आदिवासियों को अधिकार मिला, महिलाओं को अधिकार मिला, ओबीसी को अधिकार मिला। मोदी देश के हर कोने में संविधान की पवित्रता को बनाए रखने के लिए काम करते हैं। क्योंकि मोदी संविधान के प्रति समर्पित हैं ।

भइओ और बहनो,

जबकि देश के दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग ने कांग्रेस को नकार दिया है । इनके पास सब कुछ ख़त्म हो गया है इसलिए इन लोगों ने नकली वीडियो का धंधा शुरू कर दिया है, सब कुछ नकली दिखाना शुरू किया है। उनकी बात कोई नहीं सुनता, इसलिए वह चीजों को दिखाने के लिए अपने मुंह और मोदी के चेहरे का इस्तेमाल करते हैं। अरे हिम्मत है तो मुँह दिखा कर दिखाओ! यह पर्याप्त नहीं है और ये लोग जानते हैं कि देश न तो उन्हें देखना चाहता है, न उन्हें सुनना चाहता है और न ही उन्हें देखना चाहता है और आज कांग्रेस पार्टी और उसका पूरा स्वतंत्र गठबंधन एक नकली फैक्ट्री बन गया है। वे लोग बातें करते हैं, बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, महोब्बत की दुकान आदि कहते हैं, लेकिन उनकी महोब्बत की दुकान ऐसी है कि वे नकली सामान, नकली नारे, नकली वादे बेच रहे हैं। मोदी को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है । लेकिन, मुझे पूरा विश्वास है, मैं भारत में जहां भी रहा हूं, देश उनकी इन झूठी, थोपी हुई बातों को स्वीकार नहीं कर रहा है। पहले और दूसरे चरण के मतदान ने लोगों को विक्षुब्ध बना दिया है और वे बहाने ढूंढने लगे हैं तथा पूरी हार में भी मनोवैज्ञानिक जीत देखने लगे हैं। देश की जनता उन लोगों को कभी स्वीकार नहीं करेगी और मुझे विश्वास है कि मेरा गुजरात इस विजय यात्रा में सबसे आगे रहेगा। गुजरात सबसे ज्यादा वोट देगा, गुजरात सबसे ज्यादा बूथ जीतकर देगा और सभी सीटें गुजरात को मिलेंगी। साबरकांठा से एक प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका मैदान में हैं। समाज के छोटे से छोटे व्यक्ति को सम्मान देना समर्पण भाव से भारतीय जनता पार्टी की मंशा है और इसके लिए हम अपनी छोटी सी बेन शोभना को उम्मीदवार बनाकर लाए हैं। मेहसाणा से हमारे मित्र हरिभाई पटेल और यहां बीजापुर में भी विधानसभा चुनाव हैं, हमारे चावड़ाजी, सी.जे. चावड़ा, बहुत पुराने लेकिन चतुर खिलाड़ी हैं। लेकिन मैं कहूंगा कि जब वे कांग्रेस में थे तब भी उन्होंने मेरी एक भी बात नहीं टाली. आज मैं सार्वजनिक रूप से कहता हूं और मुझे खुशी है कि आज वह हमारा भागीदार बनकर गुजरात का भाग्य बदलने में योगदान देगा।

साथियों, हम सबकी जिम्मेदारी है कि हमें हर बूथ पर कमल खिलाना है और आप ये भी जान लें कि अगर आप उन्हें वोट देंगे तो वोट सीधे मोदी के खाते में जाएगा। आपका एक-एक वोट मोदी को मजबूत करेगा और आज पूरा देश एक विश्वास से कहता है
फ़िर एकबार .....मोदी सरकार
फ़िर एकबार .....मोदी सरकार
फ़िर एकबार .....मोदी सरकार

और एक और बात जो आपको नहीं भूलनी चाहिए. ये हैं हमारे भूपेन्द्र भाई जो विनम्रता और सौम्यता के साथ गुजरात के विकास के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। ये जीत गुजरात की विकास यात्रा को भी मजबूत करेगी और उसके लिए भी भाइयों-बहनों, मुझे गुजरात का भविष्य उज्ज्वल दिख रहा है और मैं उन लोगों से बात करना चाहता हूं जो पहली बार वोट कर रहे हैं। जो लोग पहली बार वोट करने जा रहे हैं। क्योंकि, जो लोग अब पहली बार वोट देने जा रहे हैं, उन्हें नहीं पता कि उनके माता-पिता कैसे परेशानी में जी रहे थे। कच्ची सड़क है तो अस्पताल नहीं, अस्पताल है तो डॉक्टर नहीं, अस्पताल है तो दवा नहीं। ये 18-20 साल के युवा हैं जिन्हें नहीं पता कि उनके माता-पिता पुरानी सरकारों में कैसे रह रहे थे। जो 18-20 साल के वोटर हैं उन्हें नहीं पता कि इस मोदी को दिल्ली भेजने से पहले देश की हालत क्या थी! आपने देखा होगा कि हर पब्लिक जगह में एक सुचना आती रहती थी । सारे पुराने समय के लोगो को यद् होगा । यदि आपको कोई गैर-विरासत वाली वस्तु दिखे तो हाथ मत लगाना । बिना विरासत का सामान दिखे तो दूर रहें, बिना विरासत का बैग दिखे तो पुलिस को सूचना दें, बिना विरासत का टिफिन दिखे तो देश इस डर में रहता था कि देश में कहीं भी विस्फोट हो जाएगा। मोदी साहब के आने के बाद यह बंध हुआ या नहीं हुआ? इसका मतलब है कि ये प्रवृत्ति के लोग हैं, उनकी प्रवृत्ति भले ही न गई हो लेकिन वो जानते हैं कि जब तक मोदी साहब हैं तब तक ऐसा नहीं करना चाहिए और इसलिए इन 18 साल के युवाओं को ये देखना चाहिए ।

पहले समाचार पढ़ते थे तो भ्रष्टाचार की खबरें आती थीं, इतने लूट गए...

आज क्या खबर है? वो पकड़ा गया, नोट गिनते-गिनते मशीन थक गई । आ रहा है या नहीं आ रहा है? अब अगर मैं ये सब पकड़ लूंगा तो उन लोगो को मुसीबत हो जाएगी या नहीं भाई! फिर मोदी को हटाने के लिए कोई योजना बनाएंगे या नहीं! मेरी रक्षा कौन करेगा? अरे मेरे देश के हर एक नागरिक करेगा । यह गुजरात का हर एक भाई और बहन करेगा ।

भइओ बहनो,

एक समय की बात है, उमरगाम से अम्बाजी तक, पूरे क्षेत्र में कोई विज्ञान विद्यालय नहीं था! ये सब लोग बातें करते हैं आरक्षण की पर इस विस्तार में कोई साइंस स्कूल नहीं थी । तो ये मेरा आदिवासी बच्चा साइंस स्कूल में नहीं पढ़ेगा तो इंजीनियर या डॉक्टर कहां बनेगा भाई? गुजरात में, मोदी के मुख्यमंत्री बनने के बाद, आदिवासी विस्तार में विज्ञान विद्यालय शुरू किए गए और आज मेडिकल कॉलेज आदिवासी विस्तार में हैं, आज विश्वविद्यालय आदिवासी विस्तार में हैं। विकास क्यों करना चाहिए, आप सोचिए , हमने 4 करोड़ घर बनाए हैं। जिन गरीबों ने चार-चार पीढ़ियों से अपना घर नहीं देखा, जिन परिवारों को घर बनकर तैयार हो गया, जिन-जिन परिवारों को यहां घर मिल गया, उन सभी बहनों ने अब जाकर मुझे आशीर्वाद दिया है। यह पक्का घर पाकर उसके सपने साकार हो जायेंगे, वह जीवन में कुछ करना चाहेगा, उसका लड़कों को पढ़ाने का मन होगा, उसका जीवन बदल जायेगा। मेरी आपसे एक विनती है, मैं एक बात कहता हूं, क्या आप ऐसा करेंगे? थके नहीं हो ना! क्या आप इस चुनाव में एक काम कीजिए, आप गांव-गांव घूमिए, गांव में एक-दो लोग ऐसे हैं जिनको घर नहीं मिला है, क्योंकि कोई काम पर गया हो तो किसी को मकान मिलना रह गया हो और अगर लड़का अलग रहने चला गया है और मकान नहीं मिला है तो उनको कहना कि हमारे मोदी भाई आए थे और मोदी भाई ने कहा था कि अगर तीसरी बार भी मोदी सरकार बनेगी तो आपका घर भी बनेगा और ये मेरी गारंटी है । कोई आपसे कहेंगे अगर घर में गैस कनेक्शन नहीं है तो आप कह सकते हैं कि मैंने आपको ब्लैंक चेक दे दिया है, मेरे लिए आप मोदी हैं। अगर किसी को नल से पानी का कनेक्शन नहीं मिला है तो कहें कि तीसरे टर्म में कनेक्शन हो गया है । आप सोचिए, मैं दो-तीन कामों के लिए आपका ध्यान खींचना चाहता हूं। हमने एक योजना बनाई है, आपके घर में किसी भी समुदाय का कोई भी व्यक्ति, गुजरात का कोई भी व्यक्ति, गुजरात में रहने वाला कोई भी व्यक्ति, पिता, माता, चाचा, मामा, मौसी, फोई, 70 साल से ऊपर का कोई भी व्यक्ति, लेकिन होना चाहिए खाने-पीने में कोई दिक्कत न हो, मां-बाप को खिलाओ - पिलाओ लेकिन अगर कोई असली बीमारी आ जाए तो लड़का कितनी भी मेहनत कर ले, उसकी कमर खर्चे से टूट जाती हैं। क्योंकि एक तरफ तो उसके खुद के लड़के का पालन-पोषण करना है, उसका भविष्य देखना है, दूसरी तरफ अगर माता-पिता बीमार पड़ जाएं तो क्या करें? तो पूरी जवाबदारी 35, 40, 55 साल के भाइयों पर पड़ता है और इसलिए मोदी ने तय किया है कि 70 साल से ऊपर के नागरिक की बीमारी ठीक करने की जिम्मेदारी इस बेटे की है। अब इसका ख़र्च आपको नहीं उठाना पड़ेगा, ये मोदी की ज़िम्मेदारी है । अब आप ये चीज घर-घर पहुंचाएं, उन्हें बताएं, मैं एक और काम करना चाहता हूं, मैं आपका बिजली बिल जीरो करना चाहता हूं। मैं आपका पेट्रोल बिल शून्य करना चाहता हूं। आज क्या हुआ आपको पता चल जाएगा, लेकिन बात हवा में नहीं है, हमारे पास प्लान है । हमने पीएम सूर्यघर योजना तय की है और इस पीएम सूर्यघर योजना के तहत सरकार जरूरत के हिसाब से 50-60-70 हजार की रकम देती है, आप अपने घर पर सोलर सिस्टम लगवाएं और जो बिजली पैदा करेंगे उसे आप फ्री में इस्तेमाल कर सकते हैं, जीरो बिल और सरकार सरप्लस बिजली खरीदेगी और आप पैसा कमाओगे । आज आप जो बिजली का बिल भरते हैं, मोदी ऐसे दिन लाएंगे जब आप बिजली से भी कमाई करेंगे। मुझे बताओ तुम्हें और क्या चाहिए! आप मेरी बात समझे! उन्हें समझ नहीं आ रहा है । तो आज आप बहुत विचारमग्न हो गए हैं, आपको बिजली बिल फ्री मिलती है, दूसरा, आपका पेट्रोल बिल, अब इलेक्ट्रिक वाहन का जमाना आ रहा है, तो चाहे आपके पास स्कूटी हो, कार हो या स्कूटर हो। आज आप घर से निकलें तो 100-200 रुपये का पेट्रोल भरवाना पड़ता है ।

आज विश्व की सबसे बड़ी मूर्ति कहाँ है?

विश्व में सबसे बड़ा कार्यालय क्षेत्र किसका है? सूरत में.

विश्व का सबसे बड़ा स्टेडियम कहाँ है?

ये गुजरात की ताकत है भाई और अब इलेक्ट्रिक वाहन बनाने का काम गुजरात में होगा, हवाई जहाज बनाने का काम गुजरात में होगा , सेमीकंडक्टर का बड़ा काम जो दुनिया के 4 से 5 देशों में है वो गुजरात में किया जायेगा, आप गुजरात वालों को तो आनंद ही आनंद है । तो फिर मोदी को मजबूत करना है या नहीं? तो मेरा आप सभी भाइयों से निवेदन है चाहे कितनी भी गर्मी हो लेकिन पहले वोट करें फिर जलपान ठीक है? पक्का?

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।