Quoteगुरुदेव की धरती पर टीएमसी सरकार ने असामाजिक तत्वों को, लोगों का शोषण करने की खुली छूट दी: बोलपुर में पीएम मोदी
Quoteसौ साल पुरानी सोच पर चलने वाला इंडी गठबंधन, कभी भविष्य की सोच पर नहीं चल सकता: बोलपुर में पीएम मोदी

नमोशकार,

वीर भोम माने लाल माटिर देश बोलपुर एबांग वीरभूम एरांगा माटिर मानुष बालो चिंता.. सबसे पहले पांचों शक्ति पीठों को मेरा सत-सत प्रणाम। यहां इतनी विशाल संख्या में जो हमारी शक्ति स्वरूपा माताएं-बहने आशीर्वाद देने आई है उन सब माताओं-बहनों को सर झुकाकर मेरा प्रणाम।

भाइयों और बहनों,

बोलपुर आकर एक अलग ही सुख मिलता है। ये भूमि विश्व शांति के लिए गुरुदेव रवींद्रनाथ ठाकुर की प्रयोगशाला रही है। यहां ऐतिहासिक विश्व भारती विश्वविद्यालय है और मुझे प्रधानमंत्री दायित्व के नाते इस महान संस्थान का चांसलर होने का सौभाग्य प्राप्त है। इसलिए वीरभूम से, बोलपुर से, मेरा आत्मीय और गहरा रिश्ता हो जाता है।

साथियों,

आज मैं यहां अलग ही मिजाज देख रहा हूं। जितने लोग यहां है ना, उससे चार गुना ज्यादा लोग हेलीपैड पर थे। मैं वहां चारों तरफ जाकर के सबको प्रणाम करके उनका आशीर्वाद लेने का प्रयास किया और अब आप सबका आशीर्वाद लेने के लिए आया हूं। साल 2014 में आपने मोदी को सिर्फ सरकार चलाने के लिए नहीं चुना था। प्रधानमंत्री पद पर रौब जमाने के लिए नहीं चुना था। आपने मुझे देश के लिए बड़े-बड़े लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए चुना था। जरा आप जो फोटो लेकर आई है मैं आपका बहुत आभारी हूं। जरा उनसे वो फोटो ले लीजिए और आप पीछे अपना एड्रेस ले लीजिए, मैं आपको चिट्ठी लिख दूंगा। आपने बढ़िया फोटो लेकर आई है। मैं आपका आभारी हूं। वो दे दीजिए मेरी टीम ले लेगी। आप अपना उस पर एड्रेस लिख लेना ताकि मैं चिट्ठी भेजूंगा आपको। हां ठीक है, धन्यवाद जी धन्यवाद। चलिए परमात्मा के आशीर्वाद बने रहे आप पर जी।

साथियों,

बीते 10 साल, मोदी ने उन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए दिन-रात मेहनत की है। मैंने अपने समय का पल-पल आपकी सेवा में, देश की सेवा में, पूरे कर्तव्य भाव से, पूरी नम्रता से, मैंने समर्पित किया है। इसलिए आज देश ने वो उपलब्धियां भी हासिल की है जो कांग्रेस 60 साल में नहीं कर पाई थी। ये जो छोटा बालक एक तस्वीर लेकर आया है, बेटे थोड़ा आगे आ जाओ वो ले लेगा। वो तस्वीर उनसे ले लीजिए वो छोटे बालक से, आप बैठिए। बड़े बड़े बाबू बैठे जरा ये छोटा बालक इतने प्यार से आशीर्वाद लेकर आया है। हां वो, थैंक यू बेटा बहुत-बहुत धन्यवाद थैंक यू। अब ये कागज ऊपर करने वाले नीचे बैठ जाओ। मेहरबानी करके आप रख दो नीचे। आप रख दो नीचे। हो गया भाई अब मुझे इतने लोग इंतजार कर रहे हैं। आप वो तस्वीर नीचे रखो मैं आपके प्यार के लिए आपका आभारी हूं, नीचे रखो मैं आपको कह रहा हूं, नीचे रखो।

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साथियों,

ये तो युवा सपनों को दिशा देने वाली नगरी है। मोदी ने ठाना है नए भारत की शिक्षा व्यवस्था को आधुनिक बनाना है। मोदी ने ठाना है नए भारत की शिक्षा व्यवस्था, गुणवत्ता युक्त हो। मोदी ने ठाना है देश में ज्यादा से ज्यादा शिक्षा संस्थान खुले। मैं नहीं चाहता हमारे बच्चे उच्च शिक्षा के लिए इधर-उधर भटके, उनके लिए सीटों की कमी हो। मैं आपसे जानना चाहता हूं पिछली शताब्दी की सोच पर चलने वाला इंडी गठबंधन कभी भविष्य के लिए सोच भी सकता है क्या? कभी ऐसा कर भी सकता है क्या? ये लोग तो तीन दशक तक नई एजुकेशन पॉलिसी तक नहीं ला पाए। ये काम आपके सेवक मोदी ने किया। मोदी देश की शिक्षा को आधुनिक बनाने के लिए एक के बाद एक कदम उठा रहा है और आज देश इसके शुभ नतीजे भी देख रहा है। बीते 10 सालों में औसतन हर हफ्ते एवरी वीक एक नया यूनिवर्सिटी खुली है देश में, आपको खुशी होगी एवरी वीक वन न्यू यूनिवर्सिटी। बीते 10 सालों में एवरी डे, हर दिन दो नए कॉलेज खुले हैं। 60 सालों में जितने मेडिकल कॉलेज देश में बने उतने मेडिकल कॉलेज हमने 10 साल में बना कर के आपको दे दिए। 60 साल में कांग्रेस सिर्फ सात एम्स ही बना पाई थी सेवन, आज 22 एम्स 22 एम्स देश में बने। 2014 में देश में सिर्फ नाइन ट्रिपल आईटी थी 9 ट्रिपल आईटी आज 25 है। ये सब मोदी किसके लिए कर रहा है? आपके नौजवान बेटे बेटियों के लिए, आपके भविष्य के लिए, क्यों हमारे बच्चे विदेशों पर आश्रित हो? क्यों आपकी मेहनत की कमाई उसका बड़ा हिस्सा दूसरे देशों में चला जाए?

साथियों,

2014 में ग्लोबल यूनिवर्सिटी रैंकिंग में भारत के सिर्फ चार पांच इंस्टिट्यूट्स ही आते थे। इस वर्ष करीब 70 संस्थान टॉप 400 में है, 70 इन 400 और कई तो टॉप 50 में भी आ गए। इंस्टिट्यूट ऑफ नेशनल इंपॉर्टेंस की संख्या भी 75 से बढ़कर 150 के आसपास हो गई है। साथियो, ये काम मोदी ने सिर्फ 10 साल में करके दिखाए हैं और ये तो अभी ट्रेलर है। ये तो अभी ट्रेलर है। अभी तो मुझे बहुत काम करना है। एका तो शुदु ट्रेलर एखन तो अनेकी छु कोरा बाकी। इसलिए ही मैं आपसे तीसरे कार्यकाल के लिए आशीर्वाद मांगने आया हूं। साथियों, मैंने लाल किले से कहा था यही समय है, सही समय है और इसलिए हर समय देश को आगे बढ़ाने में जुटा हूं। देश के लोगों ने 2004 में इंडी गठबंधन को भी मौका दिया था लेकिन इन लोगों ने क्या किया? इंडी गठबंधन ने अपने 10 साल में लाखों करोड़ रुपए घोटाला, घोटाला और घोटाला। करप्शन, करप्शन, करप्शन। जब देश को टेलीकॉम नेटवर्क बढ़ाना था इन लोगों ने 2जी घोटाला कर दिया। जब देश को अपनी सेनाएं मजबूत करनी थी, इन लोगों ने पनडुब्बी, सबमरीन घोटाला और हेलीकॉप्टर घोटाला कर दिया। जब देश को स्पोर्ट्स की दुनिया में छा जाना था, इन लोगों ने कॉमनवेल्थ घोटाला कर दिया। यहां टीएमसी भी यही कर रही है। टीएमसी के नेताओं ने यहां हर तरह के घोटाले करने का रिकॉर्ड बना दिया है। ऐसे- ऐसे घोटाले जो कोई सोच भी नहीं सकता, और आपने देखा नोटों के ढेर, चोरी का माल और बैंक के मशीन, नोटों के ढेर गिनते- गिनते थक जाते हैं। पोंजी स्कीम घोटाला, राशन घोटाला, भरती घोटाला, कोयला घोटाला, पशु तस्करी घोटाला और हर घोटाला, मामूली नहीं सैकड़ों करोड़ रुपए का घोटाला। इन लोगों ने हर तरह से आपको लूटा है। आपके जेब काटे हैं। आपके बच्चों के भविष्य के सामने खाई बना दी है, खाई।

साथियों,

बंगाल का टीचर भर्ती घोटाला तो टीएमसी नेताओं के चरित्र को उजागर करता है। मैं जरा एक उदाहरण देना चाहता हूं। मैंने कश्मीर के कुछ नेताओं को एक बार बुलाया था। घाटी के 100 के करीब गांवों के लोगों को बुलाया था। दिल्ली में प्रधानमंत्री के घर पर बुलाया था। मैंने कहा मैं एक काम के लिए आपकी मदद चाहता हूं। आतंकवाद जोरों पर था। गांव- गांव में स्कूलें जलाते थे। मैंने उनको बुला कर के कहा मुझे एक मदद चाहिए। बोले क्या? मैंने कहा मैं आतंकवाद से लड़ लूंगा, मैं आतंकवाद को जमीन पर से उखाड़ दूंगा लेकिन अभी मुझे एक मदद चाहिए। बोले क्या? मैंने कहा गांव में ये आतंकवादी स्कूल जलाते हैं, मुझे मदद कीजिए अब एक भी स्कूल जलना नहीं चाहिए। मैंने कहा जब वो स्कूल जलाते हैं तब एक इमारत नहीं जलाते, एक मकान नहीं जलाते, वो आपके गांव के बच्चों का भविष्य जला देते हैं। और आप भाई-बहन मुझे आशीर्वाद देंगे, कश्मीर के वो लोग और ये बात मैं करीब सात-आठ साल पहले की करता हूं तब तो मेरे सामने सवालिया निशान थे। लेकिन उन सभी नेताओं ने मुझे कहा कि साहब, काम कठिन है। लेकिन हम आपकी भावना को समझते हैं। हम इसके लिए कोशिश करेंगे और आज मैं गर्व से कह सकता हूं कि कश्मीर के गांवों में स्कूलों को जलाना बंद हो गया। बच्चों के भविष्य को वो समझे लेकिन ये टीएमसी देखिए बच्चों के भविष्य को दांव पर लगा रही है और शिक्षक भर्ती में घोटाला करके आपके बच्चों के भविष्य को दांव पर लगा दिया। 25000 शिक्षक, आज अदालत ने उनको घर भेज दिया। वो शिक्षक तो गए सो गए आपके बच्चों के भविष्य पर ये भ्रष्टाचारियों ने ताला लगा दिया है। जो आपके बच्चों के भविष्य के साथ खेलते हैं, क्या ऐसे टीएमसी को माफ कर सकते हैं क्या? कर सकते हैं क्या? उनको सजा दोगे? इस बार कमल को वोट देकर के उनको सजा दीजिए।

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भाइयो बहनों,

टीएमसी भ्रष्टाचार की दुकान खोल कर के बैठी है यहां हाईकोर्ट के आदेश पर एजेंसियां कारवाई कर रही है। कारवाई शुरू होते ही टीएमसी के नेताओं के घरों से करोड़ों रुपये मिलने लगे हैं। ये टीएमसी वालों के यहां से जो पैसे मिलते हैं वो पैसे किसके हैं भाई? किसके पैसे हैं? ये आपके है कि नहीं है? आपके मालिक के है कि नहीं? कि आपके घर में कोई चोरी कर जाए आप चोर को माफ करोगे क्या? करोगे क्या? आपके बंगाल में चोरी कर ले माफ करोगे क्या? ये पैसे बंगाल की जनता के हैं। चर्चा है एक एक पद के लिए चार चार, पांच पांच, छ-छ लाख रुपए की रिश्वत ली है। पैसे लेकर के ओएमआर सीट तक बदल रहे थे। टीएमसी ने बंगाल के युवाओं को खून के आंसू रोने पर मजबूर किया है। आप मुझे बताइए इनको सजा मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए? सब के सब मुझे बताइए सजा मिलनी चाहिए कि नहीं? कौन सजा दिलवा सकता है? इनको सजा कौन दिलवा सकता है? इनको सजा कौन दिलवा सकता है? मोदी तब दिलवा सकता है जब आपके सब के वोट मिलेंगे तब मुझे ताकत मिलेगी।

साथियों,

मैंने बंगाल बीजेपी के लोगों से कहा है, एक लीगल सेल और एक सोशल मीडिया प्लेटफार्म बनाइए। मैंने बंगाल बीजेपी को कहा है एक लीगल सेल और एक सोशल मीडिया प्लेटफार्म बताइए। इससे उन युवाओं की मदद होगी जो इस घोटाले के शिकार हुए हैं, निर्दोष है। वो अपने मेरिट पे शिक्षक बने हैं। मैं आज बंगाल के युवाओं को गारंटी देता हूं। जिसने हमारे बंगाल के युवाओं को रुलाया है, उन्हें मोदी चैन से नहीं बैठने देगा। बेटी, बेटी आप थक जाओगी, मुझे तुम पर दया आ रही है। भाई ये बेटी एक फोटो लेकर आई है और कब से, आप मेहरबानी करके बंद कीजिए मुझे परेशान मत कीजिए। इस बच्ची को, उनकी फोटो ले लीजिए बेचारी आधे घंटे से खड़ी है। थैंक यू बेटा, थैंक यू। खुश? खुश? आर यू हैप्पी? शाबाश बैठिए अब बैठिए।

साथियों,

ये, जिन्होनें आपको लूटा है ना मोदी उनको छोड़ेगा नहीं। भ्रष्टाचारी देर के छोरबोनाश ये छा मोदी गारंटी।
भाइयो और बहनों टीएमसी हो या कांग्रेस इन्हें आपके भविष्य की चिंता नहीं है। इन्हें सिर्फ अपने वोट बैंक से मतलब है आप भी जानते हैं कि कांग्रेस ने धर्म के आधार पर देश का बंटवारा किया तब बहुत सारे हिंदू, सिख, बुद्ध, जैन, पारसी दूसरी तरफ रह गए थे। उनके साथ वायदा किया गया था कि भारत उनकी रक्षा करेगा लेकिन ये वादा करके कांग्रेस उन लोगों को भूल गई। उनके साथ सीमा पार अत्याचार होता रहा। वो खत्म होने की कगार पर आ गए, आज सीएए के माध्यम से मोदी कांग्रेस सरकारों को उस गलती को सुधार रहा है और ये लोग अपनी गलती मानने के बजाय झूठ फैला रहे हैं। मैं हर शरणार्थी परिवार को कहूंगा, टीएमसी के झूठ पर बिल्कुल ध्यान मत दीजिए।


साथियों,

टीएमसी, लेफ्ट और इंडी एलायंस की नियत देश को तबाह करने की है। बीते तीन-चार महीने में कितने उदाहरण सामने आए हैं, कांग्रेस के अध्यक्ष राम भक्तों और शिव भक्तों को लड़ाने में जूटे हैं। कांग्रेस के शहजादे शक्ति का विनाश करने में जुटे हैं। ये सारे मिलकर संविधान की भावना को तार-तार करने में जुटे हैं। बाबा साहेब आंबेडकर की पीठ में छुरा भोंक रहे हैं। ये लोग संविधान को बदलना चाहते हैं ताकि एससी, एसटी, ओबीसी के हक का आरक्षण धर्म के आधार पर बांट दें। कांग्रेस का घोषणा पत्र तो ये तक कहता है कि सरकारी टेंडर में भी माइनॉरिटी को कोटा देंगे और मैं उनको घेर रहा हूं, सवाल पूछ रहा हूं, 10 दिन हो गए मुंह पे ताला लगा के बैठ गए हैं। मैंने कांग्रेस को, इंडी गठबंधन को तीन चुनौतियां दी है। मैंने कहा है कि कांग्रेस लिख कर के दें वो संविधान नहीं बदलेगी। धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं देंगी। ओबीसी कोटा कम नहीं करेंगी। लेकिन इन चुनौतियों का आज तक जवाब नहीं आया। मैं जवाब नहीं देने और मुझे मालूम है वो जवाब नहीं देंगें इनकी नियत में खोट है।

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साथियों,

यहां बंगाल में कांग्रेस का कोई वजूद नहीं है। लेकिन आपको कांग्रेस के इरादों से जरूर परिचित रहना है। कांग्रेस के शहजादे एक्सरे मशीन लेकर के आए हैं। कहते हैं, आपके पास घर, दुकान, खेत, सोना, चांदी, मंगलसूत्र जो भी है उसकी जांच कराएंगे। और जांच के बाद ज्यादा है ले लेंगे और उसका एक हिस्सा अपने वोट बैंक को बांट देंगे। क्या आप आपकी संपत्ति जाने देंगे क्या? आपका सोना- चांदी जाने देंगे क्या? आपका घर जाने देंगे क्या? आपका खेत जाने देंगे क्या? इसलिए कांग्रेस से सावधान रहो। टीएमसी से सावधान रहो। लेफ्ट वालों से सावधान रहो।

साथियों,

कुछ ही दिनों में कोची से बैशाख के दिन गुरुदेव रवींद्रनाथ ठाकुर की जन्मजयंती है और आज से जब मैं पहली बार प्रधानमंत्री बना था, तो उस समय रवींद्रनाथ टागोर जी की जन्मजयंती पर यहां आया था और बंगाल में आकर के मैंने सामाजिक सुरक्षा की योजना लॉन्च की थी। 90 पैसे में इंश्योरेंस, ये योजना लॉन्च की थी मैंने। और आज देश के करोड़ों गरीबों को इसका लाभ हो रहा है। मैं बोलपुर के इस मंच से गुरुदेव के चरणों में प्रणाम करता हूं। उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं। मैं जब भी बंगाल आता हूं, कई सवाल मेरे मन में चलते हैं। आज जो पश्चिम बंगाल की स्थिति है, क्या ऐसी ही बंगाल की कल्पना हमारे पूर्वजों ने की थी? बीते अनेक दशकों में जैसी खूनी राजनीति, भ्रष्ट राजनीति यहां चली है वो देखकर हमारे पूर्वज क्या सोचते होंगे। गुरुदेव की इस धरती पर टीएमसी ने असामाजिक तत्वों को लोगों का शोषण करने की खुली छूट दे रखी है। गांवों पर टीएमसी का कब्जा, अस्पतालों पर टीएमसी का कब्जा, थानों पर टीएमसी का कब्जा, खदानों पर टीएमसी का कब्जा, ऐसे कोई पोलिटिकल पार्टी जो ऐसे गिरोह की तरह काम करती है क्या? माफिया चलाती है क्या? ये संदेश खाली में बहनों के साथ जो कुछ भी हुआ वो ऐसे ही माफिया राज का परिणाम है। ऐसे न जाने कितने संदेशखाली यहां अभी भी दबे पड़े हैं। जब जांच एजेंसी अपना काम करने आती है तो उन पर हमले किये जाते हैं और सरकार के लोग हमलावरों का साथ देते है। बंगाल में टीएमसी भीड़ तंत्र चला रही है गणतंत्र की उसने कब्र खोद ली है। आए दिन कोर्ट को छोटी-छोटी बातों के लिए यहां सरकार को फटकार लगानी पड़ती है। देश को लोकतंत्र और संविधान के विरुद्ध चलने वाले ऐसे कारनामों पर लगाम लगानी जरूरी है और इसके लिए आपको मोदी को मजबूत करना है।

भाइयो और बहनों,

बीजेपी को दिया गया हर एक वोट टीएमसी के शोषण के खिलाफ दिया वोट होने वाला है। बीजेपी को दिया हर एक वोट बंगाल की शांति के लिए दिया वोट होगा। आपको बोलपुर से हमारी छोटी बहन पिया साह को और वीरभूम से बायदेव तनु भट्टाचार्य जी को संसद में भेजना है। मेरे साथी के रूप में भेजना है। आपका एक-एक वोट जब आप इनको वोट देंगे ना वो सीधा-सीधा मोदी को पहुंचेगा। मोदी की ताकत बढ़ाएगा। अब मेरा एक और काम है करेंगे? मेरा एक और काम करेंगे? सब के सब करेंगे? घर- घर जाइएगा और सबको कहिएगा, अपने मोदी जी आए थे आप सबको नमस्कार कहा है। मेरा नमस्कार पहुंचाएंगे?

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March 28, 2025
QuoteToday, the world's eyes are on India: PM
QuoteIndia's youth is rapidly becoming skilled and driving innovation forward: PM
Quote"India First" has become the mantra of India's foreign policy: PM
QuoteToday, India is not just participating in the world order but also contributing to shaping and securing the future: PM
QuoteIndia has given Priority to humanity over monopoly: PM
QuoteToday, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM

श्रीमान रामेश्वर गारु जी, रामू जी, बरुन दास जी, TV9 की पूरी टीम, मैं आपके नेटवर्क के सभी दर्शकों का, यहां उपस्थित सभी महानुभावों का अभिनंदन करता हूं, इस समिट के लिए बधाई देता हूं।

TV9 नेटवर्क का विशाल रीजनल ऑडियंस है। और अब तो TV9 का एक ग्लोबल ऑडियंस भी तैयार हो रहा है। इस समिट में अनेक देशों से इंडियन डायस्पोरा के लोग विशेष तौर पर लाइव जुड़े हुए हैं। कई देशों के लोगों को मैं यहां से देख भी रहा हूं, वे लोग वहां से वेव कर रहे हैं, हो सकता है, मैं सभी को शुभकामनाएं देता हूं। मैं यहां नीचे स्क्रीन पर हिंदुस्तान के अनेक शहरों में बैठे हुए सब दर्शकों को भी उतने ही उत्साह, उमंग से देख रहा हूं, मेरी तरफ से उनका भी स्वागत है।

साथियों,

आज विश्व की दृष्टि भारत पर है, हमारे देश पर है। दुनिया में आप किसी भी देश में जाएं, वहां के लोग भारत को लेकर एक नई जिज्ञासा से भरे हुए हैं। आखिर ऐसा क्या हुआ कि जो देश 70 साल में ग्यारहवें नंबर की इकोनॉमी बना, वो महज 7-8 साल में पांचवे नंबर की इकोनॉमी बन गया? अभी IMF के नए आंकड़े सामने आए हैं। वो आंकड़े कहते हैं कि भारत, दुनिया की एकमात्र मेजर इकोनॉमी है, जिसने 10 वर्षों में अपने GDP को डबल किया है। बीते दशक में भारत ने दो लाख करोड़ डॉलर, अपनी इकोनॉमी में जोड़े हैं। GDP का डबल होना सिर्फ आंकड़ों का बदलना मात्र नहीं है। इसका impact देखिए, 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं, और ये 25 करोड़ लोग एक नियो मिडिल क्लास का हिस्सा बने हैं। ये नियो मिडिल क्लास, एक प्रकार से नई ज़िंदगी शुरु कर रहा है। ये नए सपनों के साथ आगे बढ़ रहा है, हमारी इकोनॉमी में कंट्रीब्यूट कर रहा है, और उसको वाइब्रेंट बना रहा है। आज दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी हमारे भारत में है। ये युवा, तेज़ी से स्किल्ड हो रहा है, इनोवेशन को गति दे रहा है। और इन सबके बीच, भारत की फॉरेन पॉलिसी का मंत्र बन गया है- India First, एक जमाने में भारत की पॉलिसी थी, सबसे समान रूप से दूरी बनाकर चलो, Equi-Distance की पॉलिसी, आज के भारत की पॉलिसी है, सबके समान रूप से करीब होकर चलो, Equi-Closeness की पॉलिसी। दुनिया के देश भारत की ओपिनियन को, भारत के इनोवेशन को, भारत के एफर्ट्स को, जैसा महत्व आज दे रहे हैं, वैसा पहले कभी नहीं हुआ। आज दुनिया की नजर भारत पर है, आज दुनिया जानना चाहती है, What India Thinks Today.

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साथियों,

भारत आज, वर्ल्ड ऑर्डर में सिर्फ पार्टिसिपेट ही नहीं कर रहा, बल्कि फ्यूचर को शेप और सेक्योर करने में योगदान दे रहा है। दुनिया ने ये कोरोना काल में अच्छे से अनुभव किया है। दुनिया को लगता था कि हर भारतीय तक वैक्सीन पहुंचने में ही, कई-कई साल लग जाएंगे। लेकिन भारत ने हर आशंका को गलत साबित किया। हमने अपनी वैक्सीन बनाई, हमने अपने नागरिकों का तेज़ी से वैक्सीनेशन कराया, और दुनिया के 150 से अधिक देशों तक दवाएं और वैक्सीन्स भी पहुंचाईं। आज दुनिया, और जब दुनिया संकट में थी, तब भारत की ये भावना दुनिया के कोने-कोने तक पहुंची कि हमारे संस्कार क्या हैं, हमारा तौर-तरीका क्या है।

साथियों,

अतीत में दुनिया ने देखा है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद जब भी कोई वैश्विक संगठन बना, उसमें कुछ देशों की ही मोनोपोली रही। भारत ने मोनोपोली नहीं बल्कि मानवता को सर्वोपरि रखा। भारत ने, 21वीं सदी के ग्लोबल इंस्टीट्यूशन्स के गठन का रास्ता बनाया, और हमने ये ध्यान रखा कि सबकी भागीदारी हो, सबका योगदान हो। जैसे प्राकृतिक आपदाओं की चुनौती है। देश कोई भी हो, इन आपदाओं से इंफ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान होता है। आज ही म्यांमार में जो भूकंप आया है, आप टीवी पर देखें तो बहुत बड़ी-बड़ी इमारतें ध्वस्त हो रही हैं, ब्रिज टूट रहे हैं। और इसलिए भारत ने Coalition for Disaster Resilient Infrastructure - CDRI नाम से एक वैश्विक नया संगठन बनाने की पहल की। ये सिर्फ एक संगठन नहीं, बल्कि दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं के लिए तैयार करने का संकल्प है। भारत का प्रयास है, प्राकृतिक आपदा से, पुल, सड़कें, बिल्डिंग्स, पावर ग्रिड, ऐसा हर इंफ्रास्ट्रक्चर सुरक्षित रहे, सुरक्षित निर्माण हो।

साथियों,

भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए हर देश का मिलकर काम करना बहुत जरूरी है। ऐसी ही एक चुनौती है, हमारे एनर्जी रिसोर्सेस की। इसलिए पूरी दुनिया की चिंता करते हुए भारत ने International Solar Alliance (ISA) का समाधान दिया है। ताकि छोटे से छोटा देश भी सस्टेनबल एनर्जी का लाभ उठा सके। इससे क्लाइमेट पर तो पॉजिटिव असर होगा ही, ये ग्लोबल साउथ के देशों की एनर्जी नीड्स को भी सिक्योर करेगा। और आप सबको ये जानकर गर्व होगा कि भारत के इस प्रयास के साथ, आज दुनिया के सौ से अधिक देश जुड़ चुके हैं।

साथियों,

बीते कुछ समय से दुनिया, ग्लोबल ट्रेड में असंतुलन और लॉजिस्टिक्स से जुड़ी challenges का सामना कर रही है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए भी भारत ने दुनिया के साथ मिलकर नए प्रयास शुरु किए हैं। India–Middle East–Europe Economic Corridor (IMEC), ऐसा ही एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। ये प्रोजेक्ट, कॉमर्स और कनेक्टिविटी के माध्यम से एशिया, यूरोप और मिडिल ईस्ट को जोड़ेगा। इससे आर्थिक संभावनाएं तो बढ़ेंगी ही, दुनिया को अल्टरनेटिव ट्रेड रूट्स भी मिलेंगे। इससे ग्लोबल सप्लाई चेन भी और मजबूत होगी।

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साथियों,

ग्लोबल सिस्टम्स को, अधिक पार्टिसिपेटिव, अधिक डेमोक्रेटिक बनाने के लिए भी भारत ने अनेक कदम उठाए हैं। और यहीं, यहीं पर ही भारत मंडपम में जी-20 समिट हुई थी। उसमें अफ्रीकन यूनियन को जी-20 का परमानेंट मेंबर बनाया गया है। ये बहुत बड़ा ऐतिहासिक कदम था। इसकी मांग लंबे समय से हो रही थी, जो भारत की प्रेसीडेंसी में पूरी हुई। आज ग्लोबल डिसीजन मेकिंग इंस्टीट्यूशन्स में भारत, ग्लोबल साउथ के देशों की आवाज़ बन रहा है। International Yoga Day, WHO का ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के लिए ग्लोबल फ्रेमवर्क, ऐसे कितने ही क्षेत्रों में भारत के प्रयासों ने नए वर्ल्ड ऑर्डर में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है, और ये तो अभी शुरूआत है, ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर भारत का सामर्थ्य नई ऊंचाई की तरफ बढ़ रहा है।

साथियों,

21वीं सदी के 25 साल बीत चुके हैं। इन 25 सालों में 11 साल हमारी सरकार ने देश की सेवा की है। और जब हम What India Thinks Today उससे जुड़ा सवाल उठाते हैं, तो हमें ये भी देखना होगा कि Past में क्या सवाल थे, क्या जवाब थे। इससे TV9 के विशाल दर्शक समूह को भी अंदाजा होगा कि कैसे हम, निर्भरता से आत्मनिर्भरता तक, Aspirations से Achievement तक, Desperation से Development तक पहुंचे हैं। आप याद करिए, एक दशक पहले, गांव में जब टॉयलेट का सवाल आता था, तो माताओं-बहनों के पास रात ढलने के बाद और भोर होने से पहले का ही जवाब होता था। आज उसी सवाल का जवाब स्वच्छ भारत मिशन से मिलता है। 2013 में जब कोई इलाज की बात करता था, तो महंगे इलाज की चर्चा होती थी। आज उसी सवाल का समाधान आयुष्मान भारत में नजर आता है। 2013 में किसी गरीब की रसोई की बात होती थी, तो धुएं की तस्वीर सामने आती थी। आज उसी समस्या का समाधान उज्ज्वला योजना में दिखता है। 2013 में महिलाओं से बैंक खाते के बारे में पूछा जाता था, तो वो चुप्पी साध लेती थीं। आज जनधन योजना के कारण, 30 करोड़ से ज्यादा बहनों का अपना बैंक अकाउंट है। 2013 में पीने के पानी के लिए कुएं और तालाबों तक जाने की मजबूरी थी। आज उसी मजबूरी का हल हर घर नल से जल योजना में मिल रहा है। यानि सिर्फ दशक नहीं बदला, बल्कि लोगों की ज़िंदगी बदली है। और दुनिया भी इस बात को नोट कर रही है, भारत के डेवलपमेंट मॉडल को स्वीकार रही है। आज भारत सिर्फ Nation of Dreams नहीं, बल्कि Nation That Delivers भी है।

साथियों,

जब कोई देश, अपने नागरिकों की सुविधा और समय को महत्व देता है, तब उस देश का समय भी बदलता है। यही आज हम भारत में अनुभव कर रहे हैं। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। पहले पासपोर्ट बनवाना कितना बड़ा काम था, ये आप जानते हैं। लंबी वेटिंग, बहुत सारे कॉम्प्लेक्स डॉक्यूमेंटेशन का प्रोसेस, अक्सर राज्यों की राजधानी में ही पासपोर्ट केंद्र होते थे, छोटे शहरों के लोगों को पासपोर्ट बनवाना होता था, तो वो एक-दो दिन कहीं ठहरने का इंतजाम करके चलते थे, अब वो हालात पूरी तरह बदल गया है, एक आंकड़े पर आप ध्यान दीजिए, पहले देश में सिर्फ 77 पासपोर्ट सेवा केंद्र थे, आज इनकी संख्या 550 से ज्यादा हो गई है। पहले पासपोर्ट बनवाने में, और मैं 2013 के पहले की बात कर रहा हूं, मैं पिछले शताब्दी की बात नहीं कर रहा हूं, पासपोर्ट बनवाने में जो वेटिंग टाइम 50 दिन तक होता था, वो अब 5-6 दिन तक सिमट गया है।

साथियों,

ऐसा ही ट्रांसफॉर्मेशन हमने बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में भी देखा है। हमारे देश में 50-60 साल पहले बैंकों का नेशनलाइजेशन किया गया, ये कहकर कि इससे लोगों को बैंकिंग सुविधा सुलभ होगी। इस दावे की सच्चाई हम जानते हैं। हालत ये थी कि लाखों गांवों में बैंकिंग की कोई सुविधा ही नहीं थी। हमने इस स्थिति को भी बदला है। ऑनलाइन बैंकिंग तो हर घर में पहुंचाई है, आज देश के हर 5 किलोमीटर के दायरे में कोई न कोई बैंकिंग टच प्वाइंट जरूर है। और हमने सिर्फ बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का ही दायरा नहीं बढ़ाया, बल्कि बैंकिंग सिस्टम को भी मजबूत किया। आज बैंकों का NPA बहुत कम हो गया है। आज बैंकों का प्रॉफिट, एक लाख 40 हज़ार करोड़ रुपए के नए रिकॉर्ड को पार कर चुका है। और इतना ही नहीं, जिन लोगों ने जनता को लूटा है, उनको भी अब लूटा हुआ धन लौटाना पड़ रहा है। जिस ED को दिन-रात गालियां दी जा रही है, ED ने 22 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक वसूले हैं। ये पैसा, कानूनी तरीके से उन पीड़ितों तक वापिस पहुंचाया जा रहा है, जिनसे ये पैसा लूटा गया था।

साथियों,

Efficiency से गवर्नमेंट Effective होती है। कम समय में ज्यादा काम हो, कम रिसोर्सेज़ में अधिक काम हो, फिजूलखर्ची ना हो, रेड टेप के बजाय रेड कार्पेट पर बल हो, जब कोई सरकार ये करती है, तो समझिए कि वो देश के संसाधनों को रिस्पेक्ट दे रही है। और पिछले 11 साल से ये हमारी सरकार की बड़ी प्राथमिकता रहा है। मैं कुछ उदाहरणों के साथ अपनी बात बताऊंगा।

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साथियों,

अतीत में हमने देखा है कि सरकारें कैसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिनिस्ट्रीज में accommodate करने की कोशिश करती थीं। लेकिन हमारी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ही कई मंत्रालयों का विलय कर दिया। आप सोचिए, Urban Development अलग मंत्रालय था और Housing and Urban Poverty Alleviation अलग मंत्रालय था, हमने दोनों को मर्ज करके Housing and Urban Affairs मंत्रालय बना दिया। इसी तरह, मिनिस्ट्री ऑफ ओवरसीज़ अफेयर्स अलग था, विदेश मंत्रालय अलग था, हमने इन दोनों को भी एक साथ जोड़ दिया, पहले जल संसाधन, नदी विकास मंत्रालय अलग था, और पेयजल मंत्रालय अलग था, हमने इन्हें भी जोड़कर जलशक्ति मंत्रालय बना दिया। हमने राजनीतिक मजबूरी के बजाय, देश की priorities और देश के resources को आगे रखा।

साथियों,

हमारी सरकार ने रूल्स और रेगुलेशन्स को भी कम किया, उन्हें आसान बनाया। करीब 1500 ऐसे कानून थे, जो समय के साथ अपना महत्व खो चुके थे। उनको हमारी सरकार ने खत्म किया। करीब 40 हज़ार, compliances को हटाया गया। ऐसे कदमों से दो फायदे हुए, एक तो जनता को harassment से मुक्ति मिली, और दूसरा, सरकारी मशीनरी की एनर्जी भी बची। एक और Example GST का है। 30 से ज्यादा टैक्सेज़ को मिलाकर एक टैक्स बना दिया गया है। इसको process के, documentation के हिसाब से देखें तो कितनी बड़ी बचत हुई है।

साथियों,

सरकारी खरीद में पहले कितनी फिजूलखर्ची होती थी, कितना करप्शन होता था, ये मीडिया के आप लोग आए दिन रिपोर्ट करते थे। हमने, GeM यानि गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म बनाया। अब सरकारी डिपार्टमेंट, इस प्लेटफॉर्म पर अपनी जरूरतें बताते हैं, इसी पर वेंडर बोली लगाते हैं और फिर ऑर्डर दिया जाता है। इसके कारण, भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम हुई है, और सरकार को एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की बचत भी हुई है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर- DBT की जो व्यवस्था भारत ने बनाई है, उसकी तो दुनिया में चर्चा है। DBT की वजह से टैक्स पेयर्स के 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा, गलत हाथों में जाने से बचे हैं। 10 करोड़ से ज्यादा फर्ज़ी लाभार्थी, जिनका जन्म भी नहीं हुआ था, जो सरकारी योजनाओं का फायदा ले रहे थे, ऐसे फर्जी नामों को भी हमने कागजों से हटाया है।

साथियों,

 

हमारी सरकार टैक्स की पाई-पाई का ईमानदारी से उपयोग करती है, और टैक्सपेयर का भी सम्मान करती है, सरकार ने टैक्स सिस्टम को टैक्सपेयर फ्रेंडली बनाया है। आज ITR फाइलिंग का प्रोसेस पहले से कहीं ज्यादा सरल और तेज़ है। पहले सीए की मदद के बिना, ITR फाइल करना मुश्किल होता था। आज आप कुछ ही समय के भीतर खुद ही ऑनलाइन ITR फाइल कर पा रहे हैं। और रिटर्न फाइल करने के कुछ ही दिनों में रिफंड आपके अकाउंट में भी आ जाता है। फेसलेस असेसमेंट स्कीम भी टैक्सपेयर्स को परेशानियों से बचा रही है। गवर्नेंस में efficiency से जुड़े ऐसे अनेक रिफॉर्म्स ने दुनिया को एक नया गवर्नेंस मॉडल दिया है।

साथियों,

पिछले 10-11 साल में भारत हर सेक्टर में बदला है, हर क्षेत्र में आगे बढ़ा है। और एक बड़ा बदलाव सोच का आया है। आज़ादी के बाद के अनेक दशकों तक, भारत में ऐसी सोच को बढ़ावा दिया गया, जिसमें सिर्फ विदेशी को ही बेहतर माना गया। दुकान में भी कुछ खरीदने जाओ, तो दुकानदार के पहले बोल यही होते थे – भाई साहब लीजिए ना, ये तो इंपोर्टेड है ! आज स्थिति बदल गई है। आज लोग सामने से पूछते हैं- भाई, मेड इन इंडिया है या नहीं है?

साथियों,

आज हम भारत की मैन्युफैक्चरिंग एक्सीलेंस का एक नया रूप देख रहे हैं। अभी 3-4 दिन पहले ही एक न्यूज आई है कि भारत ने अपनी पहली MRI मशीन बना ली है। अब सोचिए, इतने दशकों तक हमारे यहां स्वदेशी MRI मशीन ही नहीं थी। अब मेड इन इंडिया MRI मशीन होगी तो जांच की कीमत भी बहुत कम हो जाएगी।

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साथियों,

आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया अभियान ने, देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को एक नई ऊर्जा दी है। पहले दुनिया भारत को ग्लोबल मार्केट कहती थी, आज वही दुनिया, भारत को एक बड़े Manufacturing Hub के रूप में देख रही है। ये सक्सेस कितनी बड़ी है, इसके उदाहरण आपको हर सेक्टर में मिलेंगे। जैसे हमारी मोबाइल फोन इंडस्ट्री है। 2014-15 में हमारा एक्सपोर्ट, वन बिलियन डॉलर तक भी नहीं था। लेकिन एक दशक में, हम ट्वेंटी बिलियन डॉलर के फिगर से भी आगे निकल चुके हैं। आज भारत ग्लोबल टेलिकॉम और नेटवर्किंग इंडस्ट्री का एक पावर सेंटर बनता जा रहा है। Automotive Sector की Success से भी आप अच्छी तरह परिचित हैं। इससे जुड़े Components के एक्सपोर्ट में भी भारत एक नई पहचान बना रहा है। पहले हम बहुत बड़ी मात्रा में मोटर-साइकल पार्ट्स इंपोर्ट करते थे। लेकिन आज भारत में बने पार्ट्स UAE और जर्मनी जैसे अनेक देशों तक पहुंच रहे हैं। सोलर एनर्जी सेक्टर ने भी सफलता के नए आयाम गढ़े हैं। हमारे सोलर सेल्स, सोलर मॉड्यूल का इंपोर्ट कम हो रहा है और एक्सपोर्ट्स 23 गुना तक बढ़ गए हैं। बीते एक दशक में हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट भी 21 गुना बढ़ा है। ये सारी अचीवमेंट्स, देश की मैन्युफैक्चरिंग इकोनॉमी की ताकत को दिखाती है। ये दिखाती है कि भारत में कैसे हर सेक्टर में नई जॉब्स भी क्रिएट हो रही हैं।

साथियों,

TV9 की इस समिट में, विस्तार से चर्चा होगी, अनेक विषयों पर मंथन होगा। आज हम जो भी सोचेंगे, जिस भी विजन पर आगे बढ़ेंगे, वो हमारे आने वाले कल को, देश के भविष्य को डिजाइन करेगा। पिछली शताब्दी के इसी दशक में, भारत ने एक नई ऊर्जा के साथ आजादी के लिए नई यात्रा शुरू की थी। और हमने 1947 में आजादी हासिल करके भी दिखाई। अब इस दशक में हम विकसित भारत के लक्ष्य के लिए चल रहे हैं। और हमें 2047 तक विकसित भारत का सपना जरूर पूरा करना है। और जैसा मैंने लाल किले से कहा है, इसमें सबका प्रयास आवश्यक है। इस समिट का आयोजन कर, TV9 ने भी अपनी तरफ से एक positive initiative लिया है। एक बार फिर आप सभी को इस समिट की सफलता के लिए मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं हैं।

मैं TV9 को विशेष रूप से बधाई दूंगा, क्योंकि पहले भी मीडिया हाउस समिट करते रहे हैं, लेकिन ज्यादातर एक छोटे से फाइव स्टार होटल के कमरे में, वो समिट होती थी और बोलने वाले भी वही, सुनने वाले भी वही, कमरा भी वही। TV9 ने इस परंपरा को तोड़ा और ये जो मॉडल प्लेस किया है, 2 साल के भीतर-भीतर देख लेना, सभी मीडिया हाउस को यही करना पड़ेगा। यानी TV9 Thinks Today वो बाकियों के लिए रास्ता खोल देगा। मैं इस प्रयास के लिए बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं, आपकी पूरी टीम को, और सबसे बड़ी खुशी की बात है कि आपने इस इवेंट को एक मीडिया हाउस की भलाई के लिए नहीं, देश की भलाई के लिए आपने उसकी रचना की। 50,000 से ज्यादा नौजवानों के साथ एक मिशन मोड में बातचीत करना, उनको जोड़ना, उनको मिशन के साथ जोड़ना और उसमें से जो बच्चे सिलेक्ट होकर के आए, उनकी आगे की ट्रेनिंग की चिंता करना, ये अपने आप में बहुत अद्भुत काम है। मैं आपको बहुत बधाई देता हूं। जिन नौजवानों से मुझे यहां फोटो निकलवाने का मौका मिला है, मुझे भी खुशी हुई कि देश के होनहार लोगों के साथ, मैं अपनी फोटो निकलवा पाया। मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं दोस्तों कि आपके साथ मेरी फोटो आज निकली है। और मुझे पक्का विश्वास है कि सारी युवा पीढ़ी, जो मुझे दिख रही है, 2047 में जब देश विकसित भारत बनेगा, सबसे ज्यादा बेनिफिशियरी आप लोग हैं, क्योंकि आप उम्र के उस पड़ाव पर होंगे, जब भारत विकसित होगा, आपके लिए मौज ही मौज है। आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद।