Quoteप्रधानमंत्री ने झारखंड, मणिपुर, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, मेघालय और अन्य राज्यों के अंतर्गत टीकाकरण के कम कवरेज वाले 40 से अधिक जिलों के जिलाधिकारियों के साथ बातचीत की
Quoteसभी अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित किया कि देश, वर्ष के अंत तक अपने टीकाकरण कवरेज का विस्तार करे और नए आत्मविश्वास व निश्चय के साथ नए साल में प्रवेश करे
Quote“अब हम टीकाकरण अभियान को प्रत्येक घर तक ले जाने की तैयारी कर रहे हैं; 'हर घर दस्तक' के मंत्र के साथ ऐसे हर दरवाजे, हर घर पर दस्तक दें, जो वैक्सीन की दो खुराकों के सुरक्षा कवच से वंचित हैं"
Quote"अब तक के अनुभव को ध्यान में रखते हुए सूक्ष्म रणनीति विकसित करें, स्थानीय स्तर पर कमियों को दूर करके टीकाकरण के संभावित उच्च स्तर को हासिल करें"
Quote"आपको अपने जिलों को राष्ट्रीय औसत के करीब ले जाने की पूरी कोशिश करनी होगी"
Quote“आप स्थानीय धर्म गुरुओं से भी मदद ले सकते हैं, मैंने पाया है कि सभी धर्मों के गुरु हमेशा से टीकाकरण के महान समर्थक रहे हैं"
Quote"आपको उन लोगों से प्राथमिकता के आधार पर संपर्क करना होगा, जिन्होंने निर्धारित समय के बावजूद दूसरी खुराक नहीं ली है"

आप सभी साथियों ने जो बातें रखीं, जो अनुभव बताए, वो बहुत अहम हैं। मैं देख रहा हूं कि आपके भी दिल में वो ही भावना है कि भई आपका राज्‍य, आपका जिला, आपका इलाका इस संकट से जल्‍द से जल्‍द मुक्‍त हो जाए। ये दिवाली का त्‍योहार है मैं मुख्‍यमंत्रियों की व्यस्तता समझ सकता हूं। और फिर भी मैं सभी आदरणीय मुख्‍यमंत्रियों का बहुत आभारी हूं कि वे समय निकालकर हमारे साथ बैठे हैं। ये बात सही है कि मैं डिस्ट्रिक्‍ट के लोगों से बात करना चाहता था, मैं मुख्‍यमंत्रियों को परेशान करना नहीं चाहता था। लेकिन ये कमिटमेंट है, मुख्‍मंत्रियों के दिल में भी अपने राज्‍य को 100% वैक्‍सीनेशन का जो उनका लक्ष्‍य है इसीलिए वो मुख्‍यमंत्री भी आज हमारे साथ बैठे और उनकी मौजूदगी हमारे डिस्ट्रिक्‍ट के जो अधिकारी हैं, उनको एक नया विश्‍वास देगी, नई ताकत देगी। और मेरे लिए बहुत खुशी की बात है और इसलिए मै मुख्‍यम‍ंत्रियों का विशेष रूप से आभार व्‍यक्‍त करता हूं...उन्‍होंने इसको इतना महत्‍व दिया और समय निकाल करके वो आज त्‍योहारों के दिन में भी बैठे हैं।

मैं हृदय से सभी मुख्‍यमंत्रियों का धन्‍यवाद करता हूं और मुझे विश्‍वास है कि आज जो बातें हुई हैं, अब मुख्‍यमंत्री जी के आशीर्वाद के बाद तो ये बहुत तेजी से आगे बढ़ जाएंगी और हमें परिणाम मिलेगा। और मैं बताता हूं कि आज तक जितनी प्रगति हमने की है वो आप सबकी मेहनत से हुई है। आज डिस्ट्रिक्‍ट का, गांव का, छोटा-मोटा हर मुलाजिम, हमारी आशा वर्कर, कितनी मेहनत की है। कितने दूर-दूर इलाकों मे पैदल चल-चल करके लोगों ने वैक्‍सीनेशन पहुंचाया है। लेकिन 1 बिलियन के बाद अगर हम थोड़े से भी ढीले पड़ गए तो नया संकट आ सकता है। और इसलिए हमारे यहां तो कहा जाता है कि बीमारी और दुश्‍मन को कभी कम नहीं आंकना चाहिए। उसको आखिरी अंत तक लड़ाई लड़नी पड़ती है। और इसलिए मैं चाहूंगा कि हमें थोड़ा सा भी ढीलापन लाने नहीं देना है।       

साथियों,

100 साल की इस सबसे बड़ी महामारी में देश ने अनेक चुनौतियों का सामना किया है। कोरोना से देश की लड़ाई में एक खास बात ये भी रही कि हमने नए-नए समाधान खोजे, Innovative तरीके आजमाए। हर इलाके में लोगों ने अपने दिमाग से नई नई चीजें की हैं, आपको भी अपने-अपने जिलों में वैक्सीनेशन बढ़ाने के लिए नए-नए Innovative तरीकों पर और ज्यादा काम करना होगा। नया तरीका नया उत्साह नई तकनीक ये इसमें जान भरती रहेगी। आपको ये भी याद रखना होगा कि देश के जिन राज्यों ने शत-प्रतिशत पहली डोज़ का पड़ाव पूरा किया है, उनमें भी कई जगहों पर अलग-अलग तरह की चुनौतियां रही हैं। कहीं भौगोलिक परिस्थितियों की वजह से मुश्किल हुई, तो कहीं साधनों-संसाधनों की चुनौती रही। लेकिन ये जिले, इन चुनौतियों को पार करके ही आगे निकले हैं। वैक्सीनेशन से जुड़ा कई महीने का Experience हम सबके पास है। हमने बहुत कुछ सीखा है और एक unknown enemy से कैसे लड़ा जा सकता है यह हमारी छोटे-छोटे आशा वर्कर्स ने भी सीख लिया है। अब आपको Micro-Strategy बनाते हुए आगे चलना है। अब हम राज्य का हिसाब, जिले का हिसाब उसको भूल जाएं, हम हर गाँव, गाँव में भी मोहल्ला, उसमें भी चार घर बाकी रह गए हों तो वो चार घर, बारीकी की तरफ हम जितना जाएंगे हम परिणाम प्राप्त करेंगे। और जहां कहीं भी, जो भी कमियां हैं, उन्हें जल्द से जल्द दूर करके ही रहना है। जैसा अभी आपसे बातचीत में भी स्पेशल कैंप लगाने की बात उठी। ये विचार अच्छा है। अपने जिलों में एक-एक गांव, एक-एक कस्बे के लिए अगर अलग-अलग रणनीति बनानी हो तो वो भी बनाइए। आप क्षेत्र के हिसाब से 20-25 लोगों की टीम बनाकर भी ऐसा कर सकते हैं। जो टीमें आपने बनाई हों, उनमें एक Healthy Competition हो, इसका भी प्रयास हम कर सकते हैं। हमारे जो NCC-NSS के युवा साथी हैं, आप उनकी भी ज्यादा से ज्यादा मदद लीजिए। आप अपने-अपने जिलों का क्षेत्रवार टाइम-टेबल भी बना सकते हैं, अपने स्थानीय लक्ष्य तय कर सकते हैं। मैं ग्रास रूट लेवल के सरकार के हमारे साथियों से बात करता रहता हूं मैंने देखा है कि महिला अधिकारी जो कि वैक्सीनेशन के काम से जुड़ी है वो बड़ी जी जान से जुट गई हैं, उन्होंने अच्छे परिणाम दिए हैं । हमारे जो सरकार में महिला वर्कर्स है, even पुलिस में भी हमारी जो महिलायें हैं, उनको कभी-कभी 5 दिन 7 दिन के लिए इस काम के लिए साथ में ले चलिए। आप देखिए परिणाम बहुत तेजी से मिलेगा। आपके जिले जल्द से जल्द राष्ट्रीय औसत के पास पहुंचे, मैं तो चाहता हूँ उससे भी आगे निकल जाए, इसके लिए आपको पूरी ताकत लगा देनी होगी। मुझे पता है कि आपके सामने एक चुनौती अफवाह और लोगों में भ्रम की स्थिति भी है। और जैसे जैसे हम आगे बढ़ेंगे शायद शायद यह समस्याएं हमें concentrated areas में सामने आएंगी। अभी बातचीत के दौरान भी आपमें से कइयों ने इसका जिक्र किया है। इसका एक बड़ा समाधान है कि लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक किया जाए। आप इसमें स्थानीय धर्मगुरुओं को भी जोड़े,  उनकी  मदद लें, उनके छोटे-छोटे वीडियो बनाएं 2-2,3-3 मिनट के और उनके वीडियो पॉपुलर करें, हर घर में उन धर्मगुरुओं की वीडियो पहुंचाएं धर्मगुरु उनको समझाएं इसके लिए आप प्रयास करें। मैं तो अक्सर अलग-अलग पंथों के गुरुओं से लगातार मिलता रहता हूं। मैंने बहुत प्रारंभ में सभी धर्म गुरुओं से बात कर कर के इस काम में मदद के लिए उनको अपील की थी। सभी वैक्सीनेशन के बहुत हिमायती हैं कोई विरोध नहीं करते हैं। अभी 2 दिन पहले मेरी वेटिकन में पोप फ्रांसिस जी से भी मुलाकात हुई थी। वैक्सीन पर धर्मगुरुओं के संदेश को भी हमें जनता तक पहुंचाने पर विशेष जोर देना होगा। 

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साथियों,

आपके जिलों में रहने वाले लोगों की सहायता के लिए, उन्हें प्रेरित करने के लिए, वैक्सीनेशन अभियान को अब हर घर तक ले जाने की तैयारी है। हर घर दस्तक इसी मंत्र के साथ हर उस घर में दस्तक दी जाएगी, जहां अभी तक दोनों टीके का संपूर्ण सुरक्षा कवच नहीं मिला है। अभी तक आप सभी ने लोगों को वैक्सीनेशन सेंटर तक पहुंचाने और वहां सुरक्षित टीकाकरण के लिए प्रबंध किए। अब हर घर टीका, घर-घर टीका, इस जज्बे के साथ हम सबको हर घर पहुंचना है।

साथियों,

इस अभियान की सफलता के लिए हमें कम्यूनिकेशन के लिए टेक्नॉलॉजी से लेकर अपने सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर का भरपूर उपयोग करना है। हमारे पास देश के अनेक राज्यों, अनेक जिलों में ऐसे मॉडल हैं, जो दूर-सदूर गांवों से लेकर शहरों तक शत-प्रतिशत टीकाकरण के लिए अपनाए गए हैं। सामाजिक या भौगोलिक परिस्थितियों के हिसाब से जो भी मॉडल आपके लिए, या किसी क्षेत्र विशेष के लिए अनुकूल हो उसको ज़रूर अपनाना चाहिए। एक काम आप लोग और कर सकते हैं। आपके ही सहयोगियों ने, आपके ही साथियों ने अन्य जिलों में तेजी के साथ टीकाकरण किया है। संभव: है, आप जिन चुनौतियां का सामना कर रहे हैं, वैसी ही चुनौतियों से वो भी गुजरे हों। आप उनसे भी जानिए कि उन्होंने कैसे वैक्सीनेशन की गति बढ़ाई, समस्याओं का समाधान कैसे किया। कौन से नए तौर तरीके अपनाएं, उनको की गई आपकी एक फोन कॉल भी आपके जिले में बदलाव ला सकती है। अगर उन्होंने अपने जिलों में कुछ Innovative किया है, कुछ अच्छी Practice अपनाई है, तो वो आप अपने जिलों में भी दोहरा सकते हैं। जो हमारे आदिवासी, वनवासी साथी हैं, उनको वैक्सीन लगाने के लिए भी हमें अपने प्रयासों को और बढ़ाना होगा। अभी तक के हमारे अनुभव बताते हैं कि स्थानीय नेतृत्व, समाज के दूसरे सम्मानित साथियों का साथ और सहयोग एक बहुत बड़ा फैक्टर है। हमने कुछ दिन भी तय करने हैं, जैसे बिरसा मुंडा जी की अब जयंती आएगी। बिरसा मुंडा जी की जयंती से पहले पूरा आदिवासी क्षेत्र में माहौल बना दें, और एक प्रकार से बिरसा मुंडा जी को हमारी श्रद्धांजलि के रूप में इस बार हम वैक्सीन लगवाएंगे। ऐसी कुछ इमोशनल चीजें हम जोड़ें और मैं चाहूंगा कि इस आदिवासी समुदाय के संपूर्ण टीकाकरण में भी ये अप्रोच बहुत काम आएगी। टीकाकरण से जुड़े कम्यूनिकेशन को जितना हम सरल रूप में करेंगे, स्थानीय भाषा-बोलियों में करेंगे, मैंने देखा है कि कुछ लोगों ने तो गीत बनाए हैं ग्रामीण भाषा में गीत गाते गाते वैक्सीनेशन की बात कर रहें हैं। इसके बेहतर परिणाम आएंगे। 

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साथियों,

हर घर पर दस्तक देते समय, पहली डोज़ के साथ-साथ आप सभी को दूसरी डोज़ पर भी उतना ही ध्यान देना होगा। क्योंकि जब भी संक्रमण के केस कम होने लगते हैं, तो कई बार Urgency वाली भावना कम हो जाती है। लोगों को लगने लगता है कि, इतनी भी क्या जल्दी है, लगा लेंगे। मुझे याद है जब हम 1 बिलियन पार कर गए तो मैं अस्पताल गया था वहां मुझे एक सज्जन मिले मैंने उनसे बात की इतने दिन क्यों नहीं लगवाई। तो कहने लगे नहीं-नहीं मैं तो पहलवान हूं तो मेरा मन करता था कि क्या जरूरत है लेकिन अब जब 1 बिलियन हो गए तो मुझे लगता है कि मैं अछूत माना जाऊंगा, लोग मुझे पूछेंगे और मेरी मुंडी नीची हो जाएगी। तो मेरा मन कर गया कि चलो अब मैं भी लगवा लूं, इसलिए वह आ गए और इसलिए मैं कहता हूं कि हमें किसी भी हालत में लोगों की सोच को धीमा नहीं होने देना है इस सोच की वजह से दुनिया के अनेक देशों में, आप देखिए अच्छे-अच्छे समृद्ध देशों में भी फिर से कोरोना की खबरें चिंता पैदा कर रही हैं। हमारे जैसे देश को तो ये जरा भी, हम इसको स्वीकार नहीं कर सकते, हम सहन नहीं कर सकेंगे । इसलिए टीके की दोनों डोज़ तय समय पर लगना बहुत ज़रूरी है। आपके क्षेत्र के जिन लोगों को अभी तक तय समय पूरा होने के बावजूद दूसरी डोज नहीं लगी है, उनसे भी आपको प्राथमिकता के आधार पर संपर्क करना होगा, उन्हें दूसरी डोज लगवानी ही होगी। 

साथियों,

सबको वैक्सीन, मुफ्त वैक्सीन अभियान के तहत हम एक दिन में करीब-करीब ढाई करोड़ वैक्सीन डोज लगाकर दिखा चुके हैं, हमारी ताकत का हमने एहसास कर लिया है। ये दिखाता है कि हमारी कैपेबिलिटी क्या है, हमारा सामर्थ्य क्या है। टीके को घर-घर पहुंचाने के लिए जो भी ज़रूरी सप्लाई चेन नेटवर्क है, वो तैयार है। इस महीने कितनी वैक्सीन उपलब्ध होगी इसकी विस्तृत जानकारी भी हर राज्य को एडवांस में दी जा चुकी है। इसलिए आप अपनी-अपनी सुविधा के हिसाब से इस महीने के लिए अपने टारगेट्स एडवांस में प्लान कर सकते हैं। मैं फिर एक बार कहता हूँ, इस बार 1 बिलियन डोज के बाद दिवाली मनाने का उमंग आया है हम नए लक्ष्य पार करके क्रिसमस को उमंग से मनाएंगे इस मिजाज के साथ आगे बढ़ना है। 

आखिरी में, मैं आप साथियों को एक बात और याद दिलाना चाहता हूं। आप वो दिन याद कीजिए, जब आपकी सरकारी सेवा का पहला दिन था। मैं सभी डिस्ट्रिक्ट के अधिकारियों से, उनके साथ बैठी हुई टीम को मैं बड़ी हृदय से अपील करना चाहता हूं आप कल्पना कीजिए जिस दिन पहला दिन था ड्यूटी का, जिस दिन आप मसूरी से ट्रेनिंग से निकले थे आप कौन सी भावनाओं से भरे हुए थे, आप का जज्बा कौन सा था, कौन से सपने थे, मुझे पक्का विश्वास है आपके मन में यही इरादा होगा कि आप कुछ अच्छा करेंगे कुछ नया करेंगे समाज के लिए जी जान से जुटेंगे फिर एक बार उन सपनों को याद कीजिए, उन संकल्पों को याद कीजियें, और हम तय करें कि समाज में जो पीछे हैं, जो वंचित हैं, उनके लिए अपना जीवन समर्पित करने का इससे बड़ा कोई अवसर नहीं हो सकता है। उसी भाव को याद करते हुए जुट जाइए। मुझे विश्वास है, आपके साझा प्रयास से, बहुत जल्द आपके जिलों में वैक्सीनेशन की स्थिति में सुधार आएगा। आइए, हर घर दस्तक, घर घर जाकर के टीका अभियान को हम सफल बनाएं। आज देश के जो लोग मुझे सुन रहे हैं। मैं आप से कहता हूं आप भी आगे आइए, आपने टीका लगवाया अच्छी बात है लेकिन आप औरों को टीका लगवाने के लिए मेहनत कीजिए तय कीजिए हर दिन 5 लोगों, 10 लोगों को 2 लोगों को इस काम से जोड़ेंगे। ये मानवता का काम है, मां भारती की सेवा का काम है, 130 करोड़ देशवासियों के कल्याण का काम है, हम कोई कोताही ना बरतें हमारी दिवाली उन संकल्पों की दिवाली बने। आजादी के 75 साल हम मनाने जा रहे हैं। यह आजादी के 75 साल खुशियों से भरे हो, आत्मविश्वास से भरे हो, एक नई उमंग और उत्साह से भरे हो, इसके लिए अब बहुत कम समय में मेहनत करना है, मेरा आप सब पर भरोसा है आप जैसी यंग टीम पर मेरा भरोसा है और इसलिए मैंने जानबूझकर विदेश से आते ही मेरे देश के इन साथियों से मिलने का विचार किया। सारे मुख्यमंत्री जी भी मौजूद रहे, इसकी गंभीरता कितनी है यह आज मुख्यमंत्रियों ने भी दिखा दिया है। मैं सभी आदरणीय मुख्यमंत्रियों का भी आभारी हूं। मैं फिर एक बार आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूँ। नमस्कार!

  • MLA Devyani Pharande February 17, 2024

    जय श्रीराम
  • Babla sengupta December 28, 2023

    Babla sengupta
  • rashikbhai jadav December 27, 2023

    Jay ho modi ji
  • kiran devi November 12, 2023

    diwali ki hardik shubhkamnaayein 🙏
  • చెచర్ల ఉమాపతి November 10, 2022

    🙏🚩🌹🌹🌹👍👍👍🌹🌹🌹🚩🙏
  • చెచర్ల ఉమాపతి November 09, 2022

    🙏🚩🚩🚩🌹🌹🕉🌹🌹🚩🚩🚩🙏
  • Dr Chanda patel February 04, 2022

    Jay Hind Jay Bharat🇮🇳
  • SHRI NIVAS MISHRA January 22, 2022

    यही सच्चाई है, भले कुछलोग इससे आंखे मुद ले। यदि आंखे खुली नही रखेंगे तो सही में हवाई जहाज का पहिया पकड़ कर भागना पड़ेगा।
  • शिवकुमार गुप्ता January 19, 2022

    नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो
  • शिवकुमार गुप्ता January 19, 2022

    नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमोनमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो
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पीएम 26 और 27 मई को गुजरात का दौरा करेंगे
May 25, 2025
Quoteप्रधानमंत्री दाहोद में करीब 24,000 करोड़ रुपये की लागत की कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे
Quoteप्रधानमंत्री भुज में 53,400 करोड़ रुपये से अधिक की लागत की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे
Quoteप्रधानमंत्री गुजरात शहरी विकास की 20वीं वर्षगांठ के समारोह में भाग लेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 26 और 27 मई को गुजरात का दौरा करेंगे। वे दाहोद जाएंगे और करीब 11:15 बजे लोकोमोटिव विनिर्माण संयंत्र राष्ट्र को समर्पित करेंगे और इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव को हरी झंडी भी दिखाएंगे। इसके बाद वे दाहोद में करीब 24,000 करोड़ रुपये की लागत की कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे। वे एक सार्वजनिक समारोह को भी संबोधित करेंगे।

प्रधानमंत्री भुज जाएंगे और शाम करीब 4 बजे भुज में 53,400 करोड़ रुपये से अधिक की लागत की कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे। वह एक सार्वजनिक समारोह को भी संबोधित करेंगे।

इसके अलावा, प्रधानमंत्री गांधीनगर जाएंगे और 27 मई को सुबह करीब 11 बजे गुजरात शहरी विकास की 20वीं वर्षगांठ के समारोह में भाग लेंगे और शहरी विकास वर्ष 2025 का शुभारंभ करेंगे। इस अवसर पर वे उपस्थित लोगों को संबोधित भी करेंगे।

कनेक्टिविटी बढ़ाने और विश्व स्तरीय यात्रा अवसंरचना के निर्माण की प्रतिबद्धता के अनुरूप, प्रधानमंत्री दाहोद में भारतीय रेलवे के लोकोमोटिव विनिर्माण संयंत्र का उद्घाटन करेंगे। इस संयंत्र में घरेलू उद्देश्यों और निर्यात के लिए 9000 एचपी के इलेक्ट्रिक इंजनों का निर्माण किया जाएगा। श्री मोदी संयंत्र से निर्मित पहले इलेक्ट्रिक इंजन को भी हरी झंडी दिखाएंगे। ये इंजन भारतीय रेल की माल ढुलाई क्षमता बढ़ाने में मदद करेंगे। ये इंजन पुनर्योजी ब्रेकिंग सिस्टम से लैस होंगे और इन्हें ऊर्जा की खपत को कम करने के लिए डिजाइन किया जा रहा है, जो पर्यावरणीय स्थिरता में योगदान देता है।

इसके बाद, प्रधानमंत्री दाहोद में 24,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत की कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे। इन परियोजनाओं में रेल परियोजनाएं और गुजरात सरकार की विभिन्न परियोजनाएं शामिल हैं। वह वेरावल और अहमदाबाद के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस और वलसाड और दाहोद स्टेशनों के बीच एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। प्रधानमंत्री आमान परिवर्तित कटोसन-कलोल खंड का भी उद्घाटन करेंगे और इस पर एक मालगाड़ी को हरी झंडी दिखाएंगे।

प्रधानमंत्री भुज में 53,400 करोड़ रुपये से अधिक की लागत की कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे। बिजली क्षेत्र की परियोजनाओं में खावड़ा अक्षय ऊर्जा पार्क में उत्पन्न अक्षय ऊर्जा की निकासी के लिए ट्रांसमिशन परियोजनाएं, ट्रांसमिशन नेटवर्क विस्तार, तापी में अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट इकाई आदि शामिल हैं। इनमें कांडला बंदरगाह की परियोजनाएं और गुजरात सरकार की कई सड़क, जल और सौर परियोजनाएं भी शामिल हैं।

गुजरात में "शहरी विकास वर्ष 2005" तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई प्रमुख पहल थी। इसका उद्देश्य योजनाबद्ध बुनियादी ढांचे, बेहतर शासन और शहरी निवासियों के लिए बेहतर जीवन स्तर के माध्यम से गुजरात के शहरी परिदृश्य का कायाकल्प करना था। "शहरी विकास वर्ष 2005" के 20 वर्ष पूरे होने के अवसर पर, प्रधानमंत्री गांधीनगर में शहरी विकास वर्ष 2025, गुजरात की शहरी विकास योजना और राज्य स्वच्छ वायु कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे। वे शहरी विकास, स्वास्थ्य और जल आपूर्ति से संबंधित कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी करेंगे। श्री मोदी पीएमएवाई के तहत 22,000 से अधिक आवास इकाइयों को भी समर्पित करेंगे। वे स्वर्णिम जयंती मुख्यमंत्री शहरी विकास योजना के तहत गुजरात में शहरी स्थानीय निकायों को 3,300 करोड़ रुपये की धनराशि भी जारी करेंगे।