संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, डब्ल्यूटीओ, आईएमएफ और डब्ल्यूएचओ जैसे संस्थानों में सुधार की आवश्यकता है : 12वें ब्रिक्स वर्चुअल शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी
आतंकवाद आज विश्व के सामने सबसे बड़ी समस्या है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि आतंकवादियों को समर्थन और सहायता देने वाले देशों को भी दोषी ठहराया जाए : पीएम मोदी
आत्मनिर्भर और लचीला भारत कोविड-19 महामारी के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए फोर्स मल्टीपल्यार हो सकता है और ग्लोबल वैल्यू चेन में मजबूत योगदान दे सकता है : प्रधानमंत्री

Your Excellency राष्ट्रपति पुतिन,
Your Excellency राष्ट्रपति शी,
Your Excellency राष्ट्रपति रामाफोसा,
Your Excellency राष्ट्रपति बोल्सोनारो,

सबसे पहले मैं ब्रिक्स के सफल संचालन के लिए राष्ट्रपति पुतिन को बधाई देता हूं। हूँ। आपके guidance और initiative की वजह से वैश्विक महामारी के समय में भी BRICS अपनी गति को बरकरार रख पाया है। अपनी बात आगे रखने से पहले में प्रेजिडेंट रामाफोसा को जन्मदिवस की शुभकामनाएं देता हूँ।

Excellencies,

इस साल के समिट का theme – ‘BRICS Partnership for Global Stability, Shared Security and Innovative Growth’ प्रासंगिक तो है ही, किन्तु दूरदर्शी भी है। विश्व में महत्वपूर्ण geo-strategic बदलाव आ रहे हैं, जिनका प्रभाव stability, security और growth पर पड़ता रहेगा, और इन तीनों क्षेत्रों में ब्रिक्स की भूमिका अहम होगी।

Excellencies,

इस वर्ष दूसरे विश्व युद्ध की 75वीं वर्षगांठ पर हम वीरगति पाए सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हैं। भारत से भी 2.5 मिलियन से अधिक वीर इस युद्ध में यूरोप, अफ्रीका, और South East Asia जैसे कई fronts पर सक्रिय थे। इस वर्ष United Nations की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ भी हैं।

UN के एक संस्थापक सदस्य के रूप में भारत multilateralism का दृढ़ समर्थक रहा है। भारतीय संस्कृति में भी पूरे विश्व को एक परिवार की तरह माना गया है, अत: हमारे लिए UN जैसी संस्था का समर्थन स्वाभाविक था। UN के मूल्यों प्रति हमारा commitment अडिग रहा है - peacekeeping operations में सबसे अधिक वीर सैनिक भारत ने ही खोए हैं।किन्तु आज multilateral system एक संकट के दौर से गुजर रहा है।

Global governance के संस्थानों की credibility और effectiveness दोनों पर ही सवाल उठ रहे हैं। इसका प्रमुख कारण यह है कि इन में समय के साथ उचित बदलाव नहीं आया। ये अभी भी 75 साल पुराने विश्व की मानसिकता और वास्तविकता पर आधारित हैं।

भारत का मानना है कि UN Security Council में reforms बहुत अनिवार्य हैं। इस विषय पर हमें अपने BRICS partners के समर्थन की अपेक्षा है। UN के अतिरिक्त, कई अन्य अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएं भी वर्तमान वास्तविकताओं के अनुसार काम नहीं कर रहे हैं। WTO, IMF, WHO जैसे institutions में भी सुधार होना चाहिए।

Excellencies,

आतंकवाद आज विश्व के सामने सबसे बड़ी समस्या है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि आतंकवादियों को समर्थन और सहायता देने वाले देशों को भी दोषी ठहराया जाए, और इस समस्या का संगठित तरीके से मुकाबला किया जाए। हमें ख़ुशी है कि रूस की अध्यक्षता के दौरान BRICS Counter-Terrorism Strategy को अंतिम रूप दे दिया गया है। यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। और भारत इस कार्य को अपनी अध्यक्षता के दौरान और आगे बढ़ाएगा।

Excellencies,

COVID के बाद की वैश्विक recovery में BRICS economies की अहम भूमिका होगी। हमारे बीच विश्व की 42 प्रतिशत से अधिक आबादी बसती है और हमारे देश global economy के मुख्य engines में से हैं। BRICS देशों के बीच आपसी व्यापर बढ़ाने का बहुत scope है।

हमारी आपसी संस्थाएं और systems - जैसे BRICS Inter-Bank Cooperation Mechanism, New Development Bank, Contingent Reserve Arrangement और Customs Cooperation - आदि भी वैश्विक recovery में हमारे योगदान को effective बना सकते हैं।

भारत में, हमने ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत एक व्यापक reform process शुरू किया है। यह campaign इस विषय पर आधारित है कि एक self-reliant और resilient भारत post-COVID अर्थव्यवस्था के लिए Force Multiplier हो सकता है। और global value chains में एक मजबूत योगदान दे सकता है।इसका उदहारण हमने COVID के दौरान भी देखा, जब भारतीय फार्मा उद्योग की क्षमता के कारण हम 150 से अधिक देशों को आवश्यक दवाइयां भेज पाए।

जैसा मैंने पहले भी कहा है, हमारी वैक्सीन उत्पादन और डिलीवरी क्षमता भी इस तरह मानवता के हित में काम आएगी।भारत और दक्षिण अफ्रीका ने COVID-19 वैक्सीन, उपचार तथा जांच संबंधी Intellectual Property agreements में छूट दिए जाने का प्रस्ताव रखा है। हमें आशा है कि BRICS के अन्य देश भी इस का समर्थन करेंगे।

अपनी BRICS अध्यक्षता के दौरान भारत डिजिटल हेल्थ और traditional medicine में BRICS सहयोग बढ़ाने पर कार्य करेगा।इस मुश्किल वर्ष में भी रूसी अध्यक्षता में People-to-people रिश्तों को बढ़ाने के लिए कई initiatives लिए गए। जैसे कि BRICS फिल्म फेस्टिवल, और युवा वैज्ञानिकों और युवा राजनयिकों की बैठकें। इसके लिए मैं राष्ट्रपति पुतिन का हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ।

Excellencies,

2021 में BRICS के 15 वर्ष पूरे हो जाएंगे। पिछले सालों में हमारे बीच लिए गए विभिन्न निर्णयों का मूल्यांकन करने के लिए हमारे शेरपा एक रिपोर्ट बना सकते हैं।2021 में अपनी अध्यक्षता के दौरान हम BRICS के तीनों स्तंभों में intra-BRICS सहयोग को मजबूत करने का प्रयत्न करेंगे। हम intra-BRICS एकजुटता को बढ़ाने और इस उद्देश्य के लिए ठोस संस्थागत फ्रेमवर्क develop करने का प्रयास करेंगे।मैं फिर एक बार राष्ट्रपति पुतिन के सभी प्रयासों का अभिनन्दन करते हुए मेरी बात को समाप्त करता हू।

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