अगली महामारी के लिए हमारे ग्रह को तैयार करने की जरूरत पर जोर दिया
महामारी के दौरान डिजिटल तकनीक से मुकाबला करने, जुड़ने, सहज होने और दिलासा देने में सहायता मिली : प्रधानमंत्री
व्यवधान का मतलब निराशा नहीं है, हमें मरम्मत और तैयारी की जुड़वां नींव पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए : प्रधानमंत्री
हमारी धरती के सामने आने वाली चुनौतियों से सामूहिकता की भावना और मानव केंद्रित दृष्टिकोण से ही पार पाया जा सकता है : प्रधानमंत्री
यह महामारी न सिर्फ हमारे लचीलेपन, बल्कि हमारी कल्पना के लिए भी परीक्षा की घड़ी है। यह सभी के लिए ज्यादा समावेशी, देखभाल पूर्ण और टिकाऊ भविष्य के निर्माण का अवसर है : प्रधानमंत्री
भारत दुनिया के सबसे बड़े स्टार्ट-अप इकोसिस्टम में से एक है, भारत ऐसी सब पेशकश करता है जिनकी नवाचारकर्ताओं और निवेशकों को जरूरत है : प्रधानमंत्री
मैं पांच स्तंभों- प्रतिभा, बाजार, पूंजी, इकोसिस्टम और खुलेपन की संस्कृति पर आधारित भारत में निवेश के लिए दुनिया को आमंत्रित करता हूं : प्रधानमंत्री
फ्रांस और यूरोप हमारे प्रमुख साझेदार हैं, हमारी भागीदारी को मानवता की सेवा में एक बड़े उद्देश्य की पूर्ति करनी चाहिए: प्रधानमंत्री
महामहिम, मेरे अच्छे मित्र राष्ट्रपति मैक्रों,
पब्लिसिस समूह के अध्यक्ष श्री मौरिस लेवी,
दुनिया भर से शामिल हुए प्रतिभागियों,
नमस्ते!
इस कठिन समय में वीवाटेक के सफल आयोजन के लिए आयोजकों को बधाई।
यह मंच फ्रांस के प्रौद्योगिकीयदृष्टिकोण को दर्शाता है। भारत और फ्रांस व्यापक विषयों पर साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इनमें प्रौद्योगिकी और डिजिटल क्षेत्र से जुड़े विषयसहयोग के उभरते क्षेत्र हैं। यह समय की मांग है कि इस तरह का सहयोग और आगे बढ़ता रहे। यह न केवल हमारे दोनों देशों बल्कि दुनिया को भी बड़े पैमाने पर मदद करेगा।
कई युवाओं ने फ्रेंच ओपन को बड़े उत्साह के साथ देखा। भारत की प्रौद्योगिकी कंपनियों में से एक, इंफोसिस, ने इस खेल प्रतियोगिता के लिए तकनीकी सहायता प्रदान की। इसी तरहफ्रांस की कंपनी, एटोस, भारत में सबसे तेज सुपर कंप्यूटर बनाने की परियोजना में शामिल है। चाहे फ्रांस की कैपजेमिनी हो या भारत की टीसीएस और विप्रो, सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़ी हमारी प्रतिभाएं पूरी दुनिया में कंपनियों और नागरिकों की सेवा कर रही हैं।
मित्रों,
मेरा मानना है कि जहां परिपाटी विफल हो जाती है, वहां नवाचार मददगारसाबित हो सकता है। इसेकोविड-19 वैश्विक महामारी,जोकि हमारे युग का सबसे बड़ा व्यवधान है, के दौरान देखा गया है। सभी देशों को नुकसान हुआ है और सभी ने भविष्य को लेकर चिंता महसूस की है। कोविड-19 ने हमारे कई पारंपरिक तरीकों की परीक्षा ली। हालांकि, यह नवाचार ही था जो हमारे बचाव में आया। नवाचार से मेरा आशय है:
महामारी से पहले नवाचार।
महामारी के दौरान नवाचार।
जब मैं महामारी से पहले के नवाचार के बारे में बात करता हूं, तो मैं पहले से मौजूद उन प्रगति का उल्लेख करता हूं जिन्होंने इस महामारी के दौरान हमारी मदद की। डिजिटल तकनीक ने हमें इस स्थिति का सामना करने, एक-दूसरे से जोड़ने, आराम पहुंचाने और सांत्वना देने में मदद की। डिजिटल मीडिया के माध्यम से हम काम कर सके, अपने प्रियजनों के साथ बात कर सके और दूसरों की मदद कर सके। भारत की सार्वभौमिक और अनूठी बायोमेट्रिक डिजिटल पहचान प्रणाली-आधार- ने हमें गरीबों को समय पर वित्तीय सहायता प्रदान करने में मदद की। हम 800 मिलियन लोगों को मुफ्त भोजन की आपूर्ति कर सकेऔर कई परिवारों को खाना पकाने के ईंधन की सब्सिडी वितरित कर सके। भारत में हम छात्रों की मदद करने के लिए दो सार्वजनिक डिजिटल शिक्षा कार्यक्रमों -स्वयं और दीक्षा- को शीघ्रता से संचालित करने में सक्षम हुए।
दूसरे भाग में, महामारी के लिए नवाचार से हमारा आशय इस बात सेहै कि कैसे मानवता इस अवसर पर उठ खड़ी हुई और इस महामारी के खिलाफ लड़ाई को और अधिक प्रभावी बना दिया। इसमें हमारे स्टार्ट-अप सेक्टर की भूमिका सबसे ऊपर रही है। मैं आपको भारत का उदाहरण देता हूं। जब यह महामारी हमारे यहांपहुंची, तो हमारे पास जांच करने की क्षमतापर्याप्त नहीं थी और मास्क, पीपीई, वेंटिलेटर एवं ऐसे अन्य उपकरणों की कमी थी। हमारे निजी क्षेत्र ने इस कमी को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हमारे डॉक्टरों ने टेली-मेडिसिन को बड़े पैमाने पर अपनाया ताकि कोविडऔर अन्य गैर-कोविडवाली कुछ समस्याओं को आभासी माध्यम से हल किया जा सके। भारत में दो टीके बनाए जा रहे हैं तथाकई और टीके विकास या परीक्षण के चरण में हैं। सरकार के स्तर पर, हमारे स्वदेशी आईटी प्लेटफॉर्म, आरोग्य-सेतु, ने कारगर कांटेक्ट ट्रेसिंग को संभवबनाया। हमारे कोविन डिजिटल प्लेटफॉर्म ने पहले ही लाखों लोगों को टीका सुनिश्चित करने में मदद की है। अगर हम नवाचारको नहीं अपनाते, तो कोविड-19 के खिलाफ हमारी लड़ाई बहुत कमजोर होती। हमें इस अभिनव उत्साह को नहीं छोड़ना चाहिए ताकि अगली चुनौती आने पर हम और भी बेहतर तरीके से तैयार हो सकें।
मित्रों,
तकनीक और स्टार्ट-अप की दुनिया में भारत की प्रगति जगजाहिर है। हमारा देश दुनिया के सबसे बड़े स्टार्ट-अप इकोसिस्टमों में से एक है। हाल के वर्षों में कई मजबूत प्रतिष्ठान सामने आए हैं। नवाचार में जुटे अनुसंधानकर्ताओं और निवेशकों को जो चाहिए, भारत उसे मुहैया कराता है। मैं दुनिया को भारत में निवेश करने के लिए पांच स्तंभों के आधार पर आमंत्रित करता हूं: प्रतिभा, बाजार, पूंजी, इकोसिस्टम और खुलेपन की संस्कृति।
तकनीक के क्षेत्र से जुड़ी भारतीय प्रतिभाओं का पूल दुनिया भर में मशहूर है। भारतीय युवाओं ने दुनिया की कुछ सबसे गंभीर समस्याओं का तकनीकी समाधान दिया है। आज, भारत में एक दशमलवएक आठ बिलियन मोबाइल फोन और सात सौ पचहत्तर मिलियन इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं। यहसंख्या कई देशों की आबादी से भी ज्यादा है। भारत में डेटा की खपत दुनिया में सबसे ज्यादा और सबसे सस्ती है। भारत के लोग सोशल मीडिया के सबसे बड़े उपयोगकर्ता हैं। यहां एक विविध और व्यापक बाजार है, जो आपकी प्रतीक्षा कर रहा है।
मित्रों,
इस डिजिटल प्रसार को एक अत्याधुनिक सार्वजनिक डिजिटल अवसंरचना बनाकर संचालित किया जा रहा है। पांच सौ तेईस हजार किलोमीटर लंबा फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क पहले से ही हमारे एक सौ छप्पन हजार ग्राम परिषदों को जोड़ चुका है। आने वाले समय में और भी बहुत से लोगों को जोड़ा जाएगा। देशभर में सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क आ रहे हैं। इसी तरह, भारत नवाचार की संस्कृति को पोषित करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है। अटल इनोवेशन मिशन के तहत सात हजार पांच सौ स्कूलों में अत्याधुनिक इनोवेशन लैब हैं। हमारे छात्र विदेश के छात्रों सहित कई हैकथॉन में भाग ले रहे हैं। इससे उन्हें वैश्विक प्रतिभा और सर्वोत्तम प्रथाओं के बारे में बहुत जरूरी अनुभवप्राप्त हो रहा है।
मित्रों,
पिछले एक साल में, हमने विभिन्न क्षेत्रों में बहुत अधिक व्यवधान देखा है। इसमें से अधिकांश अभी भी जारी है। फिर भी, व्यवधान का मतलब हताशा नहीं होना चाहिए। इसके बजाय, हमें सुधार और तैयारी के जुड़वां आधार पर ध्यान देना चाहिए। पिछले साल इस समय दुनिया एक टीके की तलाश मेंथी। लेकिन आज हमारे पास काफी कुछ है। इसी तरह, हमें स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे और अपनी अर्थव्यवस्थाओं को दुरूस्त करने का काम जारी रखना होगा। हमने भारत में, खनन, अंतरिक्ष, बैंकिंग, परमाणु ऊर्जा और अन्य क्षेत्रों में बड़े सुधारों को लागू किया है। इससे पता चलता है कि एक राष्ट्र के रूप में भारत महामारी के बीच भी अनुकूलन करने में सक्षम और चुस्त है। और, जब मैं कहता हूं कि तैयारी, तो मेरा आशय होता है: हमारे ग्रह को अगली महामारी से बचाना। यह सुनिश्चित करना कि हम अपना ध्यान ऐसी स्थायी जीवन-शैलियों की ओर केन्द्रित करें, जो इकोलॉजिकल क्षरण को रोकें। यानी नवाचार के साथ-साथ अनुसंधान को आगे बढ़ाने में सहयोग को मजबूत करना।
मित्रों,
हमारे ग्रह के सामने आने वाली चुनौतियों को सामूहिक भावना और एक मानव-केन्द्रित दृष्टिकोण के जरिए ही दूर किया जा सकता है। इसके लिए मैं स्टार्ट-अप समुदाय से आगे आकर नेतृत्व करने का आह्वान करता हूं। स्टार्ट-अप के क्षेत्र में युवाओं का दबदबा है। ये अतीत के बोझ से मुक्त लोग हैं। वे वैश्विक परिवर्तन को ताकत देने के लिए सबसे उपयुक्त हैं। हमारे स्टार्ट-अप कोस्वास्थ्य संबंधी देखभाल, अपशिष्ट पदार्थों के पुनर्चक्रणसहित पर्यावरण के अनुकूल प्रौद्योगिकी, कृषि, सीखने के आधुनिक उपकरणों जैसे क्षेत्रों में संभावनाओं का पता लगाना चाहिए।
मित्रों,
एक खुले समाज और अर्थव्यवस्था के रूप में, अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के प्रति वचनबद्धएक राष्ट्र के रूप में, भारत के लिए भागीदारी मायने रखती है। फ्रांस और यूरोप हमारे प्रमुख साझेदारों में से हैं। राष्ट्रपति मैक्रों के साथ मेरी बातचीत में, मई में पोर्टो में यूरोपीय संघ के नेताओं के साथ मेरे शिखर सम्मेलन के दौरान, डिजिटल साझेदारी, स्टार्ट-अप से लेकर क्वांटम कंप्यूटिंग तक, एक प्रमुख प्राथमिकता के रूप में उभरी। इतिहास ने दिखाया है कि नई तकनीक में नेतृत्व से आर्थिक मजबूती, रोजगार और समृद्धि आती है। लेकिन, हमारी साझेदारी को मानवता की सेवा में एक बड़े उद्देश्य की पूर्ति भी करनी चाहिए। यह महामारी न केवल हमारे लचीलेपन की, बल्कि हमारी कल्पना की भी परीक्षा है। यह सभी के लिए अधिक समावेशी, देखभाल करने वाला और टिकाऊ भविष्य बनाने का मौका है। राष्ट्रपति मैक्रों की तरह, मुझे उस भविष्य को प्राप्त करने में मदद करने के लिए विज्ञान की शक्ति और नवाचार की संभावनाओं पर विश्वास है।
Text Of Prime Minister Narendra Modi addresses BJP Karyakartas at Party Headquarters
November 23, 2024
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आज महाराष्ट्र ने विकास, सुशासन और सच्चे सामाजिक न्याय की जीत देखी है: पीएम मोदी
महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा को कांग्रेस और उसके सहयोगियों की कुल सीटों से कहीं ज़्यादा सीटें दी हैं: पीएम मोदी
महाराष्ट्र ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। यह पिछले 50 सालों में किसी भी पार्टी या चुनाव-पूर्व गठबंधन की सबसे बड़ी जीत है: पीएम मोदी
‘एक हैं तो सेफ हैं’ देश का ‘महामंत्र’ बन गया है: पार्टी मुख्यालय में भाजपा कार्यकर्ताओं से पीएम मोदी
महाराष्ट्र देश का छठा राज्य बन गया है जिसने लगातार तीसरी बार भाजपा को जनादेश दिया है: पीएम मोदी
जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।
जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...
आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।
साथियों,
आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।
साथियों,
मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।
साथियों,
छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।
साथियों,
ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।
साथियों,
मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।
साथियों,
हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।
साथियों,
महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।
साथियों,
लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।
साथियों,
इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।
साथियों,
देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।
साथियों,
आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।
साथियों,
महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।
साथियों,
भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।
साथियों,
सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।
साथियों,
कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।
साथियों,
एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।
साथियों,
कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।
साथियों,
जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।
साथियों,
आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।
साथियों,
मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।