Quoteआने वाले 27 साल, भारत के ग्लोबल रोल को ही तय नहीं करेंगे, बल्कि ये हम भारतीयों के सपनों और डेडिकेशन, दोनों को टेस्ट करेंगे: पीएम मोदी
Quoteअब जो रिफॉर्म्स देश में हुए हैं, उनका जो प्रभाव दिखा है, उसके बाद कहा जा रहा है- ‘Why not India’ : प्रधानमंत्री मोदी
Quoteहमारा चैलेंज सिर्फ आत्मनिर्भरता ही नहीं है, बल्कि हम इस लक्ष्य को कितनी जल्दी हासिल करते हैं, ये भी उतना ही महत्वपूर्ण है : प्रधानमंत्री
Quoteभारत की सफलता को लेकर आज दुनिया में जितनी पॉजिटिविटी है, शायद उतनी पहले कभी नहीं रही: पीएम मोदी

नमस्कार जी,

ASSOCHAM के अध्यक्ष श्रीमान निरंजन हीरानंदानी जी, इस देश के वरिष्ठ उद्योग जगत के प्रेरणा पुरूष श्रीमान रतन टाटा जी, देश के उद्योग जगत को लीडरशिप देने वाले सभी साथियों, देवियों और सज्जनों!

हमारे यहां कहा जाता है कि कुर्वन्नेह कर्माणि जिजी-विषेत् शतं समा:! यानि कर्म करते हुए सौ वर्ष तक जीने की इच्छा रखो। ये बात ASSOCHAM के लिए बिल्कुल फिट बैठती है। बीते 100 सालों में आप सभी देश की Economy को, करोड़ों भारतीयों के जीवन को बेहतर बनाने में जुटे हैं। यही बात श्रीमान रतन टाटा जी के लिए, पूरे टाटा समूह के लिए भी उतनी ही सही है। भारत के विकास में टाटा परिवार का, टाटा समूह का उनके योगदान के लिए उन्हें आज यहां सम्मानित भी किया गया है। टाटा ग्रुप की देश के विकास में बड़ी भूमिका रही है।

साथियों,

बीते 100 सालों में आप आज़ादी की लड़ाई से लेकर देश के विकास की यात्रा के हर उतार-चढ़ाव में भागीदार रहे हैं। ASSOCHAM की स्थापना के पहले 27 साल गुलामी के कालखंड में बीते। उस समय देश की आजादी, सबसे बड़ा लक्ष्य था। उस समय आपके सपनों की उड़ान बेड़ियों में जकड़ी हुई थी। अब ASSOCHAM के जीवन में जो अगले 27 साल आ रहे हैं, वो बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। 27 वर्ष के बाद 2047 में देश अपनी आज़ादी के 100 साल पूरा करेगा। आपके पास बेड़ियां नहीं, आसमान छूने की पूरी आजादी है और आपको इसका पूरा लाभ उठाना है। अब आने वाले वर्षों में आत्मनिर्भर भारत के लिए आपको पूरी ताकत लगा देनी चाहिए। इस समय दुनिया चौथी औद्योगिक क्रांति की तरफ तेज़ी से आगे बढ़ रही है। नई टेक्नॉलॉजी के रूप में Challenges भी आएंगे और अनेक नए सरल Solutions भी आएंगे और इसलिए आज वो समय है, जब हमें प्लान भी करना है और एक्ट भी करना है। हमें हर साल के, हर लक्ष्य को Nation Building के एक Larger Goal के साथ जोड़ना है।

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साथियों,

आने वाले 27 साल भारत के Global Role को ही तय करने वाले इतने नहीं हैं, बल्कि ये हम भारतीयों के Dreams और Dedication, दोनों को टेस्ट करने वाले हैं। ये समय भारतीय इंडस्ट्री के रूप में आपकी Capability, Commitment और Courage को दुनिया भर को हमे एक बार विश्वास के साथ दिखा देना है। और हमारा चैलेंज सिर्फ आत्मनिर्भरता ही नहीं है। बल्कि हम इस लक्ष्य को कितनी जल्दी हासिल करते हैं, ये भी उतना ही महत्वपूर्ण है।

साथियों,

भारत की सफलता को लेकर आज दुनिया में जितनी Positivity है, शायद उतनी पहले कभी नहीं रही। ये Positivity आई है 130 करोड़ से ज्यादा भारतीयों के अभूतपूर्व आत्मविश्वास से। अब आगे बढ़ने के लिए भारत नए रास्ते बना रहा है, नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रहा है।

साथियों,

हर सेक्टर के लिए सरकार की नीति क्या है, रणनीति क्या है, पहले और अभी में क्या बदलाव आया है, इसको लेकर बीते सेशंस में सरकार के मंत्रियों और दूसरे साथियों ने आप सब के साथ विस्तार से चर्चा की है। एक जमाने में हमारे यहां जो परिस्थितियां थीं, उसके बाद कहा जाने लगा था- Why India. अब जो Reforms देश में हुए हैं, उनका जो प्रभाव दिखा है, उसके बाद कहा जा रहा है- 'Why not India' अब जैसे पहले कहा जाता था कि जब टैक्स रेट इतने ऊंचे हैं, तो Why India? आज वही लोग कहते हैं कि जहां सबसे अधिक competitive tax rates हैं, तो Why not India? पहले रेगुलेशंस और रूल्स का जाल था तो स्वाभाविक रूप से चिंता के साथ निवेशक पूछते थे, Why India? आज वही कह रहे हैं कि लेबर लॉ में ease of compliance है, तो Why not India? पहले सवाल होता था कि इतना Red Tape है तो, Why India? अब वही लोग जब Red Carpet बिछा हुआ देखते हैं तो कहते हैं, Why not India? पहले शिकायत होती थी कि Innovation का कल्चर उतना नहीं है तो Why India? आज भारत के start-up ecosystems की ताकत देखकर दुनिया विश्वास से कह रही है, Why not India? पहले पूछा जाता था कि हर काम में इतना सरकारी दखल है, तो Why India? आज जब प्राइवेट पार्टिसिपेशन पर भरोसा किया जा रहा है, विदेशी निवेशकों को encourage किया जा रहा है, तो वही लोग पूछ रहे हैं, Why not India? पहले शिकायत थी कि डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के अभाव में काम संभव नहीं, तो Why India? आज जब इतना आधुनिक digital ecosystem हमारे यहां है तो सेंटिमेंट है, Why not India?

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साथियों,

नया भारत, अपने सामर्थ्य पर भरोसा करते हुए, अपने संसाधनों पर भरोसा करते हुए आत्मनिर्भर भारत को आगे बढ़ा रहा है। और इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मैन्युफेक्चरिंग पर हमारा विशेष फोकस है। मैन्युफेक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए हम निरंतर Reforms कर रहे हैं। Reforms के साथ-साथ Rewards को आज देश की नीति का अहम माध्यम बनाया गया है। पहली बार 10 से ज्यादा सेक्टर्स को efficiency और productivity आधारित incentives के दायरे में लाया गया है। मुझे खुशी है कि बहुत कम समय में ही इसके पॉजिटिव रिजल्ट भी देखने को मिल रहे हैं। इसी तरह बेहतर कनेक्टिविटी, बेहतर सुविधाएं और Logistics को Competitive बनाने के लिए चल रहे सब प्रयास भी इंडस्ट्री के लिए Reward ही हैं। हमारे लाखों MSMEs के लिए, चाहे उसकी परिभाषा को बदलना हो, Criteria में बदलना हो, सरकारी Contracts में Priority हो या फिर Liquidity से जुड़ी समस्याओं का हल करना हो, ये भी बहुत बड़ा प्रोत्साहन ही है।

साथियों,

देश आज करोड़ों युवाओं को अवसर देने वाले Enterprise और Wealth Creators के साथ है। आज भारत के युवा Innovation के, Startups दुनिया में अपना नाम बना रहे हैं। सरकार की एक Efficient और Friendly Ecosystem बनाने के लिए निरंतर कोशिश जारी है। अब ASSOCHAM जैसी सोसिएशन को, आपके हर मेंबर को भी ये सुनिश्चित करना है कि इसका लाभ Last Mile तक पहुंचे। इसके लिए Industry के भीतर भी आपको Reforms को Encourage करना होगा। जो बदलाव हम अपने लिए देखना चाहते हैं, वही बदलाव हमें अपने संस्थानों में भी करने होंगे। जितनी Liberty, जितना Inclusion, जितनी Hand-holding, जितनी Transparency, आप सरकार से, सोसायटी से चाहते हैं, उतना ही इंड्स्ट्री के भीतर Women के लिए, युवा टैलेंट के लिए, छोटे उद्योगों के लिए हम सबको सुनिश्चित करना ही है। हमें Corporate Governance से लेकर Profit sharing तक, दुनिया की Best Practices को जल्द से जल्द अपनाना होगा। Profit Centric Approach के साथ ही हम उसे Purpose Oriented भी बनाएंगे तो, सोसायटी के साथ ज्यादा Integration संभव हो पाएगा।

साथियों,

आपसे बेहतर ये कौन समझ सकता है कि Honest opinion का बेहतर decision making में कितना बड़ा रोल होता है। कई बार हमें लोग मिलते हैं, कहते हैं कि ये शेयर बढ़िया हैं, ये सेक्टर बढ़िया है, इसमें इन्वेस्ट कर दो। लेकिन हम पहले ये देखते हैं कि वो सलाह देने वाला, तारीफ करने वाला खुद भी उसमें invest कर रहा है या नहीं कर रहा? यही बात economies पर भी लागू होती है। आज Indian economy पर दुनिया को भरोसा है, इसके प्रमाण हैं। Pandemic के दौरान जब पूरी दुनिया investment के लिए परेशान है, तब भारत में रिकॉर्ड FDI और PFI आया है। दुनिया का ये confidence नए स्तर पर पहुंचे, इसके लिए domestically भी हमें अपने investment को कई गुना बढ़ाना है।आज आपके पास हर सेक्टर में इन्वेस्टमेंट के लिए संभावनाएं भी हैं और नए अवसर भी हैं।

साथियों,

निवेश का एक और पक्ष है जिसकी चर्चा आवश्यक है। ये है रिसर्च एंड टेवलपमेंट-R&D, पर होने वाला निवेश। भारत में R&D पर निवेश बढ़ाए जाने की बहुत जरूरत है। अमेरिका जैसे देश में जहां R&D पर 70% निवेश प्राइवेट सेक्टर का होता है, हमारे यहां इतना ही पब्लिक सेक्टर द्वारा किया जाता है। इसमें भी एक बड़ा हिस्सा

IT, pharma और transport सेक्टर में है। यानि आज ज़रूरत ये है कि R&D में प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी बढ़े। कृषि, डिफेंस, स्पेस, एनर्जी, कंस्ट्रक्शन, यानि हर सेक्टर में, हर छोटी-बड़ी कंपनी को R&D के लिए एक निश्चित अमाउंट तय करना चाहिए।

साथियों,

आज जब Local को Global बनाने के लिए हम मिशन मोड पर आगे बढ़ रहे हैं, तो हमें हर Geopolitical Development पर तेज़ी से रिएक्ट करना होगा। ग्लोबल सप्लाई चेन में आने वाले किसी भी अचानक आई डिमांड को भारत कैसे पूरा करेगा, इसके लिए एक प्रभावी मैकेनिज्म होना जरूरी है। इसमें आप विदेश मंत्रालय की भी मदद ले सकते हैं। कोविड के इस संकट काल में हमने देखा है कि विदेश मंत्रालय के पूरे नेटवर्क का बेहतर उपयोग होने से किस तरह हम तेज़ी से अपने लक्ष्य हासिल कर सकते हैं। विदेश मंत्रालय, Commerce & Trade और ASSOCHAM जैसे इंडस्ट्री के संगठनों के बीच बेहतर तालमेल आज समय की मांग है। मैं आपसे आग्रह करुंगा कि Global Transformations पर तेज़ी से रिएक्ट करने के लिए, तेजी से response करने के लिए मैकेनिज्म बेहतर कैसे हो, इसके लिए आप हमे अवश्य अपने सुझाव दें। आपके सूझाव मेरे लिए बहुत मूल्यवान हैं।

साथियों,

भारत अपनी ज़रूरतों को पूरा करते हुए दुनिया की मदद करने में भी सक्षम है। Farmer से लेकर Pharma तक, भारत ने ये कर दिखाया है। कोरोना काल में भी तमाम मुश्किलों के बावजूद भारत ने Pharmacy of the world की जिम्मेदारी निभाते हुए दुनिया भर में जरूरी दवाईयां पहुंचाई हैं। अब वेक्सीन के मामले में भी भारत अपनी ज़रूरतें तो पूरी करेगा ही, दुनिया के अनेक देशों की उम्मीदों पर भी खरा उतरेगा।

साथियों,

Rural और Urban divide को कम करने के लिए जो प्रयास सरकार बीते 6 सालों से कर रही है, Industry उन प्रयासों को Multiply कर सकती है। ASSOCHAM के मेंबर्स, हमारे गांव के Products को ग्लोबल प्लेटफॉर्म देने में बहुत मदद कर सकते हैं। आजकल आप देखते सुनते होंगे कि कोई स्टडी आ गई की इस चीज में बहुत प्रोटीन है, ये बहुत प्रोटीन रिच है, तो लोग उसे खाना शुरू कर देते हैं। हम उसे इम्पोर्ट करना शुरु कर देते हैं। हमे पता तक नही होता है कि हमारे घर में हमारे टेबल पे हमारी थाली में किस प्रकार से विदेशी चीजे घुस जाती है। हमारे यहां देश में ऐसी ही चीजों का कितना बढ़ा भंडार है। और ये भंडार, देश के किसानों के पास है, देश के गांवों में है। हमारी ऑर्गैनिक फार्मिंग, हर्बल प्रॉडक्ट्स, ऐसी बहुत सी चीजें हैं जिन्हें ASSOCHAM द्वारा प्रमोट किया जाना चाहिए, दुनिया के बाजार में भारत की पैदावारों का डंका बजना चाहिए। इनसे जुड़े कंपटीशंस और उसके लिए लगातार स्‍पर्धा होती रहें competition कराकर, इनका प्रचार-प्रसार करके, इनके स्टार्ट अप्स को बढ़ावा देकर, आप ये कर सकते हैं। भारत सरकार हो, राज्य सरकारें हों, फार्म ऑर्गनाइजेशंस हों, सभी को मिलकर इस दिशा में काम करने की आवश्यकता हैं। अगर हमारे Farm Sector को बेहतर प्रमोशन मिले,बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर मिले, बेहतर मार्केट मिले, तो हमारी पूरी ग्रामीण अर्थव्यवस्था बुलंदी पर पहुंच सकती है।

साथियों,

21वीं सदी की शुरुआत में अटल जी ने भारत को highways से connect करने का लक्ष्य रखा था। आज देश में Physical और Digital Infrastructure पर विशेष फोकस किया जा रहा है। गांव के किसान की Reach भी Digitally Global Markets तक हो, इसके लिए देश के हर गांव तक ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी पहुंचाने में हम जुटे हैं। इसी तरह हमारे IT सेक्टर को और ताकत देने के लिए IT और BPO सेक्टर की बाधाएं भी हटाई गई हैं। Digital Space की सिक्योरिटी के लिए एक के बाद एक कदम उठाए जा रहे हैं।

साथियों,

बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए Funding से जुड़े हर Avenue का उपयोग किया जा सकता है। पब्लिक सेक्टर बैंकों को मज़बूत करना, Bond Markets की संभावनाओं को बढ़ाना, ये उसी दिशा के प्रयास हैं। इसी तरह Sovereign Wealth Funds और Pension Funds को टैक्स में रियायत दी जा रही है, REITs और INVITs को प्रमोट किया जा रहा है। इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े assets को भी Monetize किया जा रहा है।

साथियों,

ज़रूरी सुविधाएं देना, सही माहौल बनाना ये सरकार कर सकती है। सरकार प्रोत्साहन दे सकती है, सरकार नीतियों में बदलाव कर सकती है। लेकिन ये आप जैसे इंडस्ट्री से जुड़े साथी हैं, जो इस सपोर्ट को सक्सेस में बदलेंगे। आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार करेंगे इसके लिए नियम-कायदों में ज़रूरी बदलाव के लिए देश मन बना चुका है, देश प्रतिबद्ध है। बीते 6 वर्षों में हम 1500 से ज्यादा पुराने कानून खत्म कर चुके हैं। देश की जरूरत को देखते हुए नए कानून बनाने का काम भी निरंतर जारी है। 6 महीना पहले जो कृषि सुधार किए गए, उनके लाभ भी अब किसानों को मिलना शुरू हो गए हैं। हम सभी को आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में एकनिष्ठ होकर, संकल्पित होकर आगे बढ़ना है। ASSOCHAM के आप सभी साथियों को आने वाले वर्षों के लिए मेरी तरफ से बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं, श्रीमान रतन टाटा जी को भी मेरी तरफ से बहुत बहुत शुभकामनाएं हैं और ASSOCHAM नई ऊंचाइयों को पार करे और 2047 आजादी के सो साल आपके लिए next 27 years उस लक्ष्‍य को लेकर के आज का ये आपका शताब्‍दी समारोह संपन्‍न होगा ऐसा मुझे पूरा विश्‍वास है। फिर एक बार आपको बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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विकसित भारत के लिए विकसित हरियाणा, यह हमारा संकल्प है: यमुनानगर, हरियाणा में पीएम मोदी
April 14, 2025
QuoteViksit Haryana for Viksit Bharat, this is our resolve: PM
QuoteOur effort is to increase the production of electricity in the country, lack of electricity should not become an obstacle in nation building: PM
QuotePM Suryagarh Muft Bijli Yojana started by us can reduce electricity bill to zero by installation of solar panels : PM
QuoteOur effort is to increase the potential of the farmers of Haryana: PM

हरियाणा के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्रीमान नायब सिंह सैनी जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी मनोहर लाल जी, राव इंद्रजीत सिंह जी, कृष्णपाल जी, हरियाणा सरकार के मंत्रिगण, सांसद और विधायकगण और मेरे प्यारे भाईयों और बहनों। हरियाणा के मेरे भाई-बेहणा ने मोदी की राम-राम।

साथियों,

आज मैं उस धरती को प्रणाम करता हूं, जहां मां सरस्वती का उद्गम हुआ। जहां मंत्रा देवी विराजती हैं, जहां पंचमुखी हनुमान जी हैं, जहां कपालमोचन साहब का आशीर्वाद है, जहां संस्कृति, श्रद्धा और समर्पण की त्रिवेणी बहती है। आज बाबा साहेब अंबेडकर जी की एक सौ पैंतीसवीं जयंती भी है। मैं सभी देशवासियों को अंबेडकर जयंती की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। बाबा साहेब का विजन, उनकी प्रेरणा, निरंतर विकसित भारत की यात्रा में हमें दिशा दिखा रही है।

साथियों,

यमुनानगर सिर्फ एक शहर नहीं, ये भारत के औद्योगिक नक्शे का भी अहम हिस्सा है। प्लाईवुड से लेकर पीतल और स्टील तक, ये पूरा क्षेत्र भारत की अर्थव्यवस्था को मज़बूती देता है। कपाल मोचन मेला, ऋषि वेदव्यास की तपोभूमि और गुरु गोविंद सिंह जी की एक प्रकार से शस्त्र भूमि।

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साथियों,

ये आपने आप में एक गरिमा बढ़ाने वाली बात है। और यमुनानगर के साथ तो, जैसे अभी मनोहर लाल जी बता रहे थे, सैनी जी बता रहे थे, मेरी कई पुरानी यादें जुड़ी हुई हैं। जब मैं हरियाणा का प्रभारी था, तो पंचकूला से यहां आना-जाना लगा रहता था। यहां काफी सारे पुराने कार्यकर्ताओं के साथ मुझे काम करने का अवसर मिला है। ऐसे कर्मठ कार्यकर्ताओं की ये परंपरा आज भी चल रही है।

साथियों,

हरियाणा लगातार तीसरी बार, डबल इंजन सरकार के विकास की डबल रफ्तार को देख रहा है। और अब तो सैनी जी कह रहे हैं ट्रिपल सरकार। विकसित भारत के लिए विकसित हरियाणा, ये हमारा संकल्प है। इस संकल्प की सिद्धि के लिए, हरियाणा के लोगों की सेवा के लिए, यहां के युवाओं के सपनों को पूरा करने के लिए, हम ज्यादा स्पीड से, ज्यादा बड़े स्केल पर काम करते रहते हैं। आज यहां शुरू हुई विकास परियोजनाएं, ये भी इसी का जीता जागता उदाहरण हैं। मैं हरियाणा के लोगों को इन विकास परियोजनाओं के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

मुझे गर्व है कि हमारी सरकार बाबा साहेब के विचारों को आगे बढ़ाते हुए चल रही है। बाबा साहेब अंबेडकर ने उद्योगों के विकास को सामाजिक न्याय का मार्ग बताया था। बाबा साहेब ने भारत में छोटी जोतों की समस्या को पहचाना था। बाबा साहेब कहते थे कि, दलितों के पास खेती के लिए पर्याप्त जमीन नहीं है, इसलिए दलितों को उद्योगों से सबसे अधिक फायदा होगा। बाबा साहेब का विजन था कि, उद्योगों से दलितों को ज्यादा रोजगार मिलेंगे और उनका जीवन स्तर ऊपर उठेगा। भारत में औद्योगीकरण की दिशा में बाबा साहेब ने देश के पहले उद्योग मंत्री डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के साथ मिलकर काम किया था।

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साथियों,

औद्योगीकरण और मैन्यूफैक्चरिंग के इस तालमेल को दीनबंधु चौधरी छोटू राम जी ने भी गांव की समृद्धि का आधार माना था। वो कहते थे- गाँवों में सच्ची समृद्धि तब आएगी, जब किसान खेती के साथ-साथ छोटे उद्योगों के माध्यम से भी अपनी आय बढ़ाएगा। गांव और किसान के लिए जीवन खपाने वाले चौधरी चरण सिंह जी की सोच भी इससे अलग नहीं थी। चौधरी साहब कहते थे- औद्योगिक विकास को कृषि का पूरक होना चाहिए, दोनों हमारी अर्थव्यवस्था के स्तंभ हैं।

साथियों,

मेक इन इंडिया के, आत्मनिर्भर भारत के, मूल में भी यही भावना है, यही विचार है, यही प्रेरणा है। इसलिए, हमारी सरकार भारत में मैन्युफेक्चरिंग पर इतना बल दे रही है। इस वर्ष के बजट में हमने, मिशन मैन्युफेक्चरिंग की घोषणा की है। इसका मकसद है कि, दलित-पिछड़े-शोषित-वंचित नौजवानों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिले, नौजवानों को ज़रूरी ट्रेनिंग मिले, व्यापार-कारोबार का खर्चा कम हो, MSME सेक्टर को मजबूती मिले, उद्योगों को टेक्नॉलॉजी का लाभ मिले और हमारे उत्पाद दुनिया में सबसे बेहतरीन हों। इन सारे लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए बहुत जरूरी है कि, देश में बिजली की कोई कमी ना हो। हमें एनर्जी में भी आत्मनिर्भर होना ही होगा। इसलिए आज का ये कार्यक्रम बहुत अहम है। आज दीनबंधु चौधरी छोटूराम थर्मल पावर प्लांट की तीसरी इकाई का काम शुरू हुआ है। इसका फायदा यमुनानगर को होगा, उद्योगों को होगा भारत में जितना औद्योगिक विकास, जैसे प्लाईवुड बनता है, उसका आधा तो यमुनानगर में होता है। यहां एल्युमिनियम, कॉपर और पीतल के बर्तनों की मैन्युफैक्चरिंग बड़े पैमाने पर होती है। यहीं से पेट्रो-केमिकल प्लांट के उपकरण दुनिया के कई देशों में भेजे जाते हैं। बिजली का उत्पादन बढ़ने से इन सभी को फायदा होगा, यहां मिशन मैन्यूफैक्चरिंग को मदद मिलेगी।

साथियों,

विकसित भारत के निर्माण में बिजली की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। और हमारी सरकार बिजली की उपलब्धता बढ़ाने के लिए चौ-तरफा काम कर रही है। चाहे वन नेशन-वन ग्रिड हो, नए कोल पावर प्लांट हों, सोलर एनर्जी हो, न्यूक्लियर सेक्टर का विस्तार हो, हमारा प्रयास है कि, देश में बिजली का उत्पादन बढ़े, राष्ट्र निर्माण में बिजली की कमी बाधा ना बने।

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लेकिन साथियों,

हमें कांग्रेस के दिनों को भी भूलना नहीं चाहिए। हमने 2014 से पहले जब कांग्रेस की सरकार थी, वो दिन भी देखे हैं, जब पूरे देश में ब्लैकआउट होते थे, बिजली गुल हो जाती थी। कांग्रेस की सरकार रहती तो देश को आज भी ऐसे ही ब्लैकआउट से गुजरना पड़ता। ना कारखाने चल पाते, ना रेल चल पाती, ना खेतों में पानी पहुंच पाता। यानि कांग्रेस की सरकार रहती तो, ऐसे ही संकट बना रहता, बटा रहता। अब इतने वर्षों के प्रयासों के बाद आज हालात बदल रहा है। बीते एक दशक में भारत ने बिजली उत्पादन की क्षमता को करीब-करीब दोगुना किया है। आज भारत अपनी ज़रूरत को पूरी करने के साथ-साथ पड़ोसी देशों को बिजली निर्यात भी करता है। बिजली उत्पादन इस पर भाजपा सरकार के फोकस का लाभ हमारे हरियाणा को भी मिला है। आज हरियाणा में 16 हजार मेगावॉट बिजली का उत्पादन होता है। हम आने वाले कुछ सालों में ये क्षमता, 24 हजार मेगावॉट तक पहुंचाने का लक्ष्य लेकर के काम कर रहे हैं।

साथियों,

एक तरफ हम थर्मल पावर प्लांट में निवेश कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ देश के लोगों को पावर जेनरेटर बना रहे हैं। हमने पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली स्कीम शुरू की है। अपने छत पर सोलर पैनल लगाकर आप अपना बिजली का बिल जीरो कर सकते हैं। इतना ही नहीं, जो अतिरिक्त बिजली का उत्पादन होगा, उसे बेचकर कमाई भी कर सकते हैं। अब तक देश के सवा करोड़ से ज्यादा लोग इस योजना के तहत रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। मुझे खुशी है कि, हरियाणा के भी लाखों लोगों ने इससे जुड़ने के लिए अप्लाई किया है। और जैसे-जैसे इस योजना का विस्तार हो रहा है, इससे जुड़ा सर्विस इकोसिस्टम भी बड़ा हो रहा है। सोलर सेक्टर में नई स्किल्स बन रही है। MSME के लिए नए मौके बन रहे हैं और युवाओं के लिए अनेक अवसर तैयार हो रहे हैं।

साथियों,

हमारे छोटे-छोटे शहरों में छोटे उद्योगों को पर्याप्त बिजली देने के साथ ही सरकार इस तरफ भी ध्यान दे रही है कि, उनके पास पर्याप्त पैसे रहें। कोरोना काल में MSME को बचाने के लिए लाखों करोड़ रुपए की सहायता सरकार ने दी है। छोटे उद्योग भी अपना विस्तार कर सकें, इसके लिए हमने MSME की परिभाषा बदली है। अब छोटे उद्योगों को ये डर नहीं सताता कि, जैसे ही वो आगे बढ़े, सरकारी मदद छिन जाएगी। अब सरकार, छोटे उद्योगों के लिए स्पेशल क्रेडिट कार्ड की सुविधा देने जा रही है। क्रेडिट गारंटी कवरेज को भी बढ़ाया जा रहा है। अभी कुछ दिन पहले ही मुद्रा योजना को 10 साल पूरे हुए हैं। आपको जानकर के खुशी भी होगी और सुखद आश्चर्य भी होगा। मुद्रा योजना में पिछले 10 साल में, देश के सामान्य लोग जो पहली बार उद्योग के क्षेत्र में आ रहे, कारोबार के क्षेत्र में आ रहे थे, उनको बिना गारंटी तैंतीस लाख करोड़ रुपए, आप कल्पना कीजिए, तैंतीस लाख करोड़ रुपए बिना गारंटी के लोन के रूप में दिए जा चुके हैं। इस योजना के 50 परसेंट से भी ज्यादा लाभार्थी SC/ST/OBC परिवार के ही साथी हैं। कोशिश यही है कि, ये छोटे उद्योग, हमारे नौजवानों के बड़े सपनों को पूरा करें।

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साथियों,

हरियाणा के हमारे किसान भाई-बहनों की मेहनत, हर भारतीय की थाली में नजर आती है। भाजपा की डबल इंजन की सरकार किसानों के दुख-सुख की सबसे बड़ी साथी है। हमारा प्रयास है कि हरियाणा के किसानों का सामर्थ्य बढ़े। हरियाणा की भाजपा सरकार, अब राज्य की 24 फसलों को MSP पर खरीदती है। हरियाणा के लाखों किसानों को पीएम फसल बीमा योजना का लाभ भी मिला है। इस योजना के तहत, लगभग नौ हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के क्लेम दिए गए हैं। इसी तरह पीएम किसान सम्मान निधि से, साढ़े 6 हजार करोड़ रुपए हरियाणा के किसानों की जेब में गए हैं।

साथियों,

हरियाणा सरकार ने अंग्रेज़ों के जमाने से चले आ रहे आबियाना को भी खत्म कर दिया है। अब आपको नहर के पानी पर टैक्स भी नहीं देना पड़ेगा और आबियाने का जो 130 करोड़ रुपए से ज्यादा का बकाया था, वो भी माफ हो गया है।

साथियों,

डबल इंजन सरकार के प्रयासों से किसानों को, पशुपालकों को, आय के नए साधन मिल रहे हैं। गोबरधन योजना, इससे किसानों के कचरे के निपटारे और उससे आय का अवसर मिल रहा है। गोबर से, खेती के अवशेष से, दूसरे जैविक कचरे से बायोगैस बनाई जा रही है। इस वर्ष के बजट में, देशभर में 500 गोबरधन प्लांट बनाने की घोषणा की गई है। आज यमुनानगर में भी नए गोबरधन प्लांट की आधारशिला रखी गई है। इससे नगर निगम के भी हर साल 3 करोड़ रुपए बचेंगे। गोबरधन योजना, स्वच्छ भारत अभियान में भी मदद कर रही है।

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साथियों,

हरियाणा की गाड़ी अब विकास के पथ पर दौड़ रही है। यहां आने से पहले मुझे हिसार में लोगों के बीच जाने का अवसर मिला। वहां से अयोध्या धाम के लिए सीधी हवाई सेवा शुरु हुई है। आज रेवाड़ी के लोगों को बाइपास की सौगात भी मिली है। अब रेवाड़ी के बाजार, चौराहों, रेलवे फाटकों पर लगने वाले ट्रैफिक जाम से लोगों को छुटकारा मिल जाएगा। ये चार लेन का बाइपास गाड़ियों को बड़ी आसानी से शहर से बाहर निकाल देगा। दिल्ली से नारनौल की यात्रा में एक घंटा कम समय लगेगा। मैं आपको इसकी बधाई देता हूं।

साथियों,

हमारे लिए राजनीति सत्ता सुख का नहीं, सेवा का माध्यम है, जनता की भी सेवा का माध्यम और देश की सेवा का भी माध्यम। इसलिए भाजपा जो कहती है, उसे डंके की चोट पर करती भी है। हरियाणा में तीसरी बार सरकार बनने के बाद हम लगातार आपसे किए वायदे पूरे कर रहे हैं। लेकिन, कांग्रेस-शासित राज्यों में क्या हो रहा है? जनता से पूरा विश्वासघात। पड़ोस में देखिए हिमाचल में, जनता कितनी परेशान है। विकास के, जनकल्याण के सारे काम ठप पड़े हैं। कर्नाटका में बिजली से लेकर दूध तक, बस किराए से लेकर बीज तक- हर चीज़ महंगी हो रही है। मैं सोशल मीडिया पर देख रहा था, कर्नाटका में कांग्रेस सरकार ने जो महंगाई बढ़ाई है., भांति-भांति के टैक्स लगाए हैं। सोशल मीडिया में इन लोगों ने बड़ा articulate किया है और उन्होंने कहा है और A टू Z, पूरी ABCD, और हर अक्षर के साथ कैसे –कैसे उन्होंने टैक्स बढ़ाए, उसका A टू Z पूरा लिस्ट बनाकर के ये कर्नाटक की कांग्रेस सरकार की पोल खोलकर रखी है। खुद वहां के मुख्यमंत्री के करीबी कहते हैं कि, कांग्रेस ने कर्नाटका को करप्शन में नंबर वन बना दिया है।

साथियों,

तेलंगाना की कांग्रेस सरकार भी जनता से किए वादे भूल गई है, वहां कांग्रेस, वहां की सरकार जंगलों पर बुलडोजर चलवाने में व्यस्त है। प्रकृति को नुकसान, जानवरों को खतरा, यही है कांग्रेस की कार्यशैली! हम यहां कचरे से गोबरधन बनाने के लिए मेहनत कर रहे हैं और बने बनाए जंगलों को उजाड़ रहे हैं। यानि सरकार चलाने के दो मॉडल आपके सामने हैं। एक तरफ कांग्रेस का मॉडल है, जो पूरी तरह झूठ साबित हो चुका है, जिसमें सिर्फ कुर्सी के बारे में सोचा जाता है। दूसरा मॉडल बीजेपी का है, जो सत्य के आधार पर चल रहा है, बाबा साहेब अंबेड़कर ने दी हुई दिशा पर चल रहा है, संविधान की मर्यादाओं को सर आंखों पर चढ़ाकर चल रहा है। और सपना है विकसित भारत बनाने के लिए प्रयास करना। आज यहां यमुनानगर में भी हम इसी प्रयास को आगे बढ़ता देखते हैं।

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साथियों,

मैं आपसे एक और अहम विषय की चर्चा करना चाहता हूं। कल देश ने बैसाखी का पर्व मनाया है। कल ही जलियांवाला बाग हत्याकांड के भी 106 वर्ष हुए हैं। इस हत्याकांड में अपनी जान गंवाने वालों की स्मृतियां आज भी हमारे साथ हैं। जलियांवाला हत्याकांड में शहीद हुए देशभक्तों और अंग्रेज़ों की क्रूरता के अलावा एक और पहलू है, जिसे पूरी तरह अंधेरे में डाल दिया गया था। ये पहलू, मानवता के साथ, देश के साथ खड़े होने के बुलंद जज्बे का है। इस जज्बे का नाम- शंकरन नायर था, आपने किसी ने नहीं सुना होगा। शंकरन नायर का नाम नहीं सुना होगा, लेकिन आजकल इनकी बहुत चर्चा हो रही है। शंकरन नायर जी, एक प्रसिद्ध वकील थे और उस जमाने में, 100 साल पहले अंग्रेज़ी सरकार में बहुत बड़े पद पर विराजमान थे। वो सत्ता के साथ रहने का सुख, चैन, मौज, सब कुछ कमा सकते थे। लेकिन, उन्होंने विदेशी शासन की क्रूरता के विरुद्ध, जलियावाला बाग की घटना से व्यतीत होकर, मैदान में उतर उठे, उन्होंने अंग्रेजों के विरूद्ध आवाज़ उठाई, उन्होंने उस बड़े पद से लात मारकर के उसे छोड़ दिया, केरल के थे, घटना पंजाब में घटी थी, उन्होंने जलियांवाला बाग हत्याकांड का केस लड़ने का खुद ने फैसला किया। वो अपने दम पर लड़े, अंग्रेज़ी साम्राज्य को हिला कर रख दिया। जिस अंग्रेज़ी साम्राज्य का सूरज, जिनका सूरज कभी अस्त नहीं होता था, उसको शंकरन नायर जी ने जलियांवाला हत्याकांड के लिए कोर्ट में कठघरे में खड़ा कर दिया।

साथियों,

ये सिर्फ, मानवता के साथ खड़े होने का ही मामला भर नहीं था। ये एक भारत, श्रेष्ठ भारत का भी बहुत उत्तम उदाहरण था। कैसे दूर-सुदूर दक्षिण में केरला का एक व्यक्ति, पंजाब में हुए हत्याकांड के लिए अंग्रेज़ी सत्ता से टकरा गया। यही स्पिरीट हमारी आजादी की लड़ाई की असली प्रेरणा है। यही प्रेरणा, आज भी विकसित भारत की यात्रा में हमारी बहुत बड़ी ताकत है। हमें केरल के शंकरन नायर जी के योगदान के बारे में जरूर जानना चाहिए और पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, यहां के एक-एक बच्चें को जानना चाहिए।

साथियों,

गरीब, किसान, नौजवान और नारीशक्ति- इन चारों स्तंभों को सशक्त करने के लिए डबल इंजन सरकार निरंतर काम कर रही है। हम सभी के प्रयासों से, हरियाणा जरूर विकसित होगा, मैं अपनी आंखों से देख रहा हूं, हरियाणा फलेगा, फूलेगा, देश का नाम रोशन करेगा। आप सभी को इन अनेक विकास कार्यों के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं। दोनों हाथ ऊपर करके पूरी ताकत से मेरे साथ बोलिये -

भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

बहुत-बहुत धन्यवाद।