चेस प्रतिभागी – सर ये फर्स्ट टाइम इंडिया ने दोनों गोल्ड मेडल जीते हैं और टीम ने जिस तरीके से प्रदर्शन किया है वो बहुत ही बढ़िया था, मतलब 22 में 21 प्वाइंट ब्वाएज ने और 22 में से 19 प्वाइंड गर्ल्स ने, टोटल 44 में से 40 प्वाइंट हमने लिए। इतना बड़ा, बढ़िया प्रदर्शन आजतक पहले कभी नहीं हुआ।

प्रधानमंत्री – वहां पर क्या माहौल था?

चेस प्रतिभागी – पहली बार हम जीते सब लोग हमारे लिए भी खुश हो गए बहुत क्योंकि हमने इतना खुशी मनाया तो सबने एक्चुएली हर अपोनेंट ने भी आके हमें बधाई दी और हमारे लिए एक्चुअली खुश हो गए। Even our opponents also.

चेस प्रतिभागी – सर, हमने देखा है कि लास्ट कुछ सालों में बहोत सारे जो स्पेक्टेटर्स हैं वो बहुत रूट कर रहे थे कि बहुत दूर-दूर से सिर्फ देखने आए थे वहां ये मैच को जो पहले मेरे हिसाब इतना नहीं होता था। तो आई थिंक चेस की भी काफी पापुलैरिटी बढ़ गई तो हमें देखकर बहुत अच्छा लगा कि रूट कर रहे हैं, थोड़ा प्रेशर भी होता था बट इतना हमें सपोर्ट कर रहे हैं वो एक अच्छा फीलिंग था और जब हम जीते तब इंडिया इंडिया ऐसे सब रूट कर रहे थे।

चेस प्रतिभागी – इस बारी 180 कंट्रीज पार्टीसिपेट कर रही थी बल्कि जब चेन्नई में ओलंपियाड हुआ था हम बोथ इंडिया टीम हम ब्रोन्ज जीते थे वीमेन टीम का लास्ट मैंच यूएसए से हुआ था और हम हार गए थे और हमारे हाथ से गोल्ड चला गया था उस टाइम, तो हम फिर से उनके साथ खेले फिर इस बार हम ज्यादा मोटिवेटेड थे कि इस बार इंडिया को गोल्ड लाना ही है इनको हराना ही है।

प्रधानमंत्री – इनको हराना ही है।

चेस प्रतिभागी – वो मैच फाइनली बहुत क्लोज था और ड्रा में फिनिश हुआ, But we went on to win the Gold Sir पर हम इस बारी अपनी कंट्री के लिए जीत कर ही वापस आने वाले थे, और कोई सेकेंड वे नहीं था।

प्रधानमंत्री – नहीं ये मिजाज़ होता है तभी तो विजय मिलता है, लेकिन जब इतने नंबर आ गए 22 में से 21 और 22 में से 19 तो बाकी खिलाड़ियों का या बाकी लोग जो इस खेल को आर्गनाइज़ करते हैं उनका क्या रिएक्शन था?

चेस प्रतिभागी – सर, I Think Gukesh wants to answer that, just I want to say one thing उसमें हमने इतनी कनविंसिंगली जीता एस्पेसली ओपन टीम में ऐसे लग रहा था कि कोई पास भी नहीं आ सकता है और हमारी विमेन टीम में हम पहले सात मैचेज जीतते गए फिर थोड़ा छोटा सा सेटबैक आया हमने रिज़िलिएंश दिखाई हम वापिस आए पर हमारी ओपन टीम ने तो सर, मतलब मैं क्या ही बताऊं I Think Gukesh being on board is the one who can better answer that, पर वो भाग के ले गए।

चेस प्रतिभागी – This experience was really a great team effort. Every single one of us was like in excellent form, were all super motivated because in the 2022 Olympiad we are very close to winning a gold medal, but then there was one game which I had played and I could have won which would have got a gold medal. Unfortunately I lost that game, and it was heartbreaking for everyone. So, this time we were all super motivated and from the start we were like we are going to win further, team, really glad!

प्रधानमंत्री – अच्छा आपने कभी सोचा है कि कभी AI का उपयोग करके आप लोग अपनी गेम को करेक्ट कर सकते हैं या दूसरे की गेम को समझ सकते हैं?

चेस प्रतिभागी – yes sir, with AI the chess has evolved, there has been new technology and the computers have become much stronger now, and it is showing lot of new ideas in chess and we are still learning from it and I think there lot to learn from it.

चेस प्रतिभागी – सर आई थिंक, अभी ऐसे हो गया है कि AI के टूल्स सबको एवेलेबल हो गया है क्योंकि डेमोक्रेटाइज़ हो गया है और अभी हम जरूर प्रिपरेशन में यूज करते हैं।

प्रधानमंत्री – बताइए।

चेस प्रतिभागी – कुछ नहीं सर एक्सपीरिंस तो बहुत..।

प्रधानमंत्री – कुछ नहीं ऐसे ही जीत लिए, ऐसे ही आ गया.. गोल्ड..।

चेस प्रतिभागी – नहीं सर, ऐसे नहीं आ गया बहुत मेहनत किया है आई थिंक मेर सारे टीममेट ने इवेन मेन्स ने बहुत हार्ड वर्क किया है टू फाइनली गेट टू दिस स्टेज।

प्रधानमंत्री – मैंने देखा है कि आप में से कईयों के पिता माता डॉक्टर हैं।

चेस प्रतिभागी – पैरेन्ट्स दोनों डॉक्टर हैं, और मेरी बहन भी डॉक्टर है तो जब मैं बचपन में देखता था कि उनको रात में कभी 2 बजे फोन आ गया पेशेंट का, जाना पड़ता था, मुझे लगा जो मैं करियर लूंगा थोड़ा और स्टेबल लूंगा पर मुझे लगा नहीं तो स्पोर्ट्स में और दौड़ना पड़ेगा।

चेस प्रतिभागी – सर मैंने हमेशा देखा है कि आप हर स्पोर्ट्स और हर स्पोर्ट्स पर्सन को इतना एनकरेज़ करते हैं और इतना सपोर्ट करते हैं और मुझे ऐसा लगता है आपका स्पोर्ट्स से बहुत बड़ा लगाव है। हर स्पोर्ट्स से, और मैं उसकी स्टोरी जानना चाहती हूं ऐसा क्यूं?

प्रधानमंत्री – मैं आपको बताता हूं, मैं इतना समझता हूं कि कोई देश विकसित बनता है तो सिर्फ खजाने से नहीं बनता है, कि उसके पास कितने पैसे हैं कितना उद्योग है, जीडीपी कितना है ऐसे नहीं बनता है। हर फील्ड में दुनिया में महारत हासिल होनी चाहिए। अगर फिल्म इंडस्ट्री है तो मैक्सिमम ऑस्कर हमारे यहां कैसे आते हैं, अगर साइंटिस्ट हैं या और किसी फील्ड में हैं तो मैक्सिमम नोबल हमारे पास कैसे आते हैं। वैसे ही खेल में भी मैक्सिमम गोल्ड हमारे बच्चे कैसे लाएं। ये जब होता है इतने सारे वर्टिकल तब देश महान बनता है। मैं जब गुजरात में था तब भी मैं एक खेल महाकुंभ चलाता था। लाखों बच्चे खेलते थे उसमें तो मैं बड़ी आयु के लोगों को भी खेलने के लिए प्रेरित करता था। तो उसमें से अच्छे बच्चे आगे आने लग गए, मेरा ये विश्वास है कि हमारे देश के नौजवानों के पास सामर्थ्य है। दूसरा मेरा मत है कि देश में समाजिक जीवन का जो अच्छा वातावरण बनाना है, तो स्पोर्ट्समैन स्पिरिट जिसको कहते हैं, वो सिर्फ स्पोर्ट्स के खिलाड़ियों के लिए नहीं है वो कल्चर होना चाहिए, सामाजिक जीवन में कल्चर होना चाहिए।

चेस प्रतिभागी – हर रोज इतने बड़े-बड़े डिसीजन लेते हैं तो आप क्या एडवाइस करेंगे हमारे लिए कि ये प्रेशर सिटुएशन कैसे टैकल कर सकते हैं?

प्रधानमंत्री – फिजिकल फिटनेस बहुत मेटर करती है जी। हममें से बहुत लोग होंगे जो फिजिकल फिटनेस लिया। आपकी ट्रेनिंग होती होगी, आपके लिए खान-पान के लिए बताया जाता होगा कि ये चीजें खाइये। खेल से पहले इतना खाइये, मत खाइये सब बताया जाता होगा आपको। मैं समझता हूं कि अगर हम इन चीजों की आदत अगर डवलप करते हैं, तो सारी समस्‍याओं को पचा जाते हैं। देखिए डिसीजन मैकिंग के लिए आपके पास बहुत इंफोरमेशन होनी चाहिए, बहुत इंफोरमेशन और पॉजीटिव, नेगेटिव सब होनी चाहिए। आपको पसंद आता है ऐसा सुनने को अगर आदत लगती है। मनुष्‍य का स्‍वभाव होता है जो अच्‍छा लगता है वहीं सुनता है। तो वो फिर डिसीजन में गलती होती है। लेकिन आप हर प्रकार की चीज को सुनते हैं, हर प्रकार की चीजों को जानने का प्रयास करते हैं और खुद इनालाइज करते हैं और कुछ कहीं समझ नहीं आए तो बिना संकोच किसी जानकार को पूछते हैं, तो फिर आपको कठिनाई कम आती है और मैं मानता हूं कि कुछ तो अनुभव से आ जाता है और जैसा मैंने कहा कि योग, मेडिटेशन इसकी सचमुच में बहुत ताकत है।

चेस प्रतिभागी – सर हम अभी दो हफ्ते खेले तो अभी पूरा थक गए पर आप सालों साल दिनभर इतना काम करते हैं, मतलब ब्रेक भी नहीं लेते हैं तो मैं कह रहा था कि what is secret of your energy. आप इतना जानते हो एण्‍ड देन आल्‍सो यूर आर ओपन टू लर्निंग एण्‍ड ओपन टू वर्ल्‍ड और आप हमेशा हर स्‍पोर्टस पर्सन को इतने जोश से भर देते हो टू परफोर्म और मैं आपसे पूछना चाहती हूं कि अगर आप हम सबको एक एडवाइस देना चाहो, आप जहां चेस को, शतरंज को देखना चाहते हैं।

प्रधानमंत्री – देखिए ऐसा है कि जीवन में कभी संतोष नहीं मांगिए। सेटिसफेक्‍शन नहीं होना चाहिए किसी चीज का। वरना फिर नींद आना शुरू हो जाता है।

चेस प्रतिभागी – तभी आप तीन घंटा सोते हैं सर।

प्रधानमंत्री – तो हमारे भीतर एक भूख रहनी चाहिए। कुछ नया करने की, कुछ ज्‍यादा करने की।

चेस प्रतिभागी – हम लोग सभी टूर्नामेंट तभी जीते थे और हम लोग बस में से आ रहे थे, और आपका स्‍पीच हम लोग लाइव देख रहे थे और आपने वहां पर एनाउंस कर दिया वर्ल्‍ड में कि भारत ने ये दो ऐतिहासिक गोल्‍ड मेडल जीते और हम लोग उस टाइम साथ में बस में थे। हम इतनी खुशी हुई सबको कि आपने स्‍पीच में एनाउंस कर दिया, पूरी दुनिया के सामने। मैं 1998 में मैंने फस्‍ट olympiad खेला और उस टाइम पर गैरी कास्परोव, कारपोव ये सब लोग खेलते थे और हम लोग उनका साइन लेने के लिए दौड़ते थे ओटोग्राफ। इंडिया का रैकिंग तो बहुत नीचे था और इस टाइम पर जब में कोच बनकर गया था और मैं देखता था कि गुकेश आ रहा है, ब्रह्मानंद आ रहा है, अर्जुन आ रहा है, दिव्‍या आ रही है, हरिका आ रही है, और लोग उनका साइन लेने के लिए अब दौड़ रहे हैं। तो ये जो बदलाव और ये जो कोन्‍फिडेंस फील्‍ड में आया है नए बच्‍चों में। I think वो आपका जो विजन है कि इंडिया नंबर वन होना चाहिए। I think ये बदलाव आ रहा है सर।

चेस प्रतिभागी – थैंक्‍यू सो मच आपने इतने शॉर्ट नोटिस में, आप यूएस में थे, आपने इतना वैल्‍यूबल टाइम निकाला हमसे मिलने के लिए, हम बहुत मोटिवेट हो गए हैं।

प्रधानमंत्री – मेरा वैल्‍यू आप ही हैं।

I think हमें ही नहीं, ये इतना इम्पॉर्टेन्ट है, बाकी चेस जो खेलते हैं अभी उनके लिए बहुत ज्‍यादा इंस्‍परेशन होगी कि वो अच्‍छा खेलें और आपको आकर मिलें, तो उनके लिए भी बहुत ज्‍यादा इंस्‍परेशन होगी।

प्रधानमंत्री – नहीं ये बात सही है जी कभी-कभी ये देखने से पता चलता है हमको कि हां यार लोग कर सकते हैं, हम भी कर सकते हैं। मैंने एक बार गुजरात में बहुत बड़ा चेस का इंवेट किया था, जब मैं मुख्‍यमंत्री था तब।

चेस प्रतिभागी – बीस हजार लोग उसमें एक साथ चेस खेले थे और सर उस टाइम पर इनमें से बहुत सारे लोग चेस नहीं खेलते थे।

प्रधानमंत्री – नहीं तब तो इनमें से कइयों का जन्‍म भी नहीं हुआ होगा...जी। तभी लोगों को आश्‍चर्य हुआ होगा कि क्‍या मोदी कर रहे हैं। अच्‍छा बीस हजार को बिठाने की जगह भी चाहिए तो बहुत बड़ा पंडाल बनाया था मैंने। तो हमारे अफसर लोग भी कहते थे कि साहब इसके लिए इतना खर्च क्‍यों। मैंने कहा कि इसी के लिए खर्च करूंगा मैं।

चेस प्रतिभागी – सर आपने जब मुझे इतना एंकरेज किया तब मैं इतना खुश हो गई थी कि मैंने कहा अब तक मुझे पूरी जान लगा देनी है, chess में। अब तो मुझे इंडिया के लिए हर समय मेडल जीतना है और तब मैं बहुत ज्‍यादा ही खुश थी।

प्रधानमंत्री – उसी में थी तुम।

चेस प्रतिभागी – हां। तब आपने organise किया था। बहुत सारी लड़कियां खेलीं थी तब।

प्रधानमंत्री – वाह। तो उस समय तुम्‍हें वहां कैसे ले आए थे।

चेस प्रतिभागी – तब मैं एशियन अंडर-9 जीती थी तो किसी ने मेरी मम्‍मी से कहा कि बहुत बड़ा इवेंट हो रहा है गुजरात में, गांधी नगर में तो तब मुझे बुलाया था।

प्रधानमंत्री – तो यह मैं रख सकता हूं ना।

चेस प्रतिभागी – यस सर। Frame करवाकर देना था। Frame करवाकर आपको देना था सर बट।

प्रधानमंत्री – नहीं बेटा कोई चिंता नहीं ये मेरे लिए बहुत अच्‍छी मैमोरी है। तो ये शॉल रखा या नहीं रखा है।

चेस प्रतिभागी – यस सर रखा है।

प्रधानमंत्री – चलिए मुझे बहुत अच्‍छा लगा। आप लोगों को मेरी मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं। आप प्रगति करिए।

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November 23, 2024
आज महाराष्ट्र ने विकास, सुशासन और सच्चे सामाजिक न्याय की जीत देखी है: पीएम मोदी
महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा को कांग्रेस और उसके सहयोगियों की कुल सीटों से कहीं ज़्यादा सीटें दी हैं: पीएम मोदी
महाराष्ट्र ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। यह पिछले 50 सालों में किसी भी पार्टी या चुनाव-पूर्व गठबंधन की सबसे बड़ी जीत है: पीएम मोदी
‘एक हैं तो सेफ हैं’ देश का ‘महामंत्र’ बन गया है: पार्टी मुख्यालय में भाजपा कार्यकर्ताओं से पीएम मोदी
महाराष्ट्र देश का छठा राज्य बन गया है जिसने लगातार तीसरी बार भाजपा को जनादेश दिया है: पीएम मोदी

जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।

जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...

आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

साथियों,

आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

साथियों,

ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।



साथियों,

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।

साथियों,

महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।

साथियों,

लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों,

इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।

साथियों,

देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।



साथियों,

महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।

साथियों,

भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।

साथियों,

सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।

साथियों,

कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।

साथियों,

एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।

साथियों,

कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।

साथियों,

जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।

साथियों,

आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।


साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।