आज भारत एक नहीं, बल्कि दो मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन के साथ मानवता की सुरक्षा के लिए तैयार है :प्रधानमंत्री मोदी
आज पूरी दुनिया को अगर भारत पर इतना विश्वास है तो इसका कारण आप प्रवासी भारतीय हैं : प्रधानमंत्री मोदी
भारत सरकार हर समय, हर पल आपके साथ, आपके लिए खड़ी है : प्रवासी भारतीयों से प्रधानमंत्री मोदी
भारतीयों के सामर्थ्य को लेकर जब भी आशंका जताई गई, वह गलत साबित हुई : प्रधानमंत्री मोदी

देश-विदेश में बसे मेरे सभी भारतीय भाईयों और बहनों नमस्कार ! आप सभी को 2021 की बहुत-बहुत शुभकामनाएं! आज दुनिया के कोने-कोने से हमें भले ही इंटरनेट ने जोड़ा है, लेकिन हम सभी का मन हमेशा से मां भारती से जुड़ा है, एक दूसरे के प्रति अपनत्व से जुड़ा है।

Friends,

दुनिया भर में मां भारती का गौरव बढ़ाने वाले आप सभी साथियों को हर साल प्रवासी भारतीय सम्मान देने की परम्‍परा है। भारत रत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के मार्गदर्शन में जो यात्रा शुरू हुई, उसमें अभी तक 60 अलग-अलग देशों में रहे करीब 240 महानुभावों को ये सम्मान दिया जा चुका है। इस बार भी इसकी घोषणा की जाएगी। इसी तरह दुनियाभर से हजारों साथियों ने भारत को जानिए Quiz Competition में हिस्सा लिया है। ये संख्या बताती है कि जड़ से दूर भले हो जाएं, लेकिन नई पीढ़ी का जुड़ाव उतना ही बढ़ रहा है।

इस Quiz के 15 विजेता भी आज इस वर्चुअल समारोह में हमारे बीच मौजूद हैं। मैं सभी विजेताओं को बधाई देता हूं, शुभकामनाएं देता हूं और साथ-साथ इस Quiz Competition में हिस्‍सा लेने वाले सभी अभिनंदन के अधिकारी हैं और मेरा इस Quiz Competition में हिस्‍सा लेने वाले सबसे आग्रह है कि आप तय करिए कि अगली बार जब Quiz Competition होगी तब आपके प्रयत्‍न से 10 और नए लोग इसमें जुड़ेंगे। ये chain चलनी चाहिए, chain बढ़नी चाहिए, लोगों को जोड़ना चाहिए। कई विदेश के लोग भारत में पढ़ने के लिए आते हैं, पढ़ करके अपने देशों में जाते हैं, उनको भी आग्रह करना चाहिए कि वे भी जो भारत में कभी पढ़ाई करके गए हैं, वे भी इस Quiz Competition में जुड़ें और Quiz Competition के Ambassador बनें क्‍योंकि विश्‍व में भारत की पहचान बनाने के लिए नई पीढ़ी को भारत को जानने की जिज्ञासा जगाने के लिए एक technology driven बहुत सरल उपाय है। और इसलिए मेरा आग्रह रहेगा कि आप सब इस बात को आगे बढ़ाइए।

Friends,

बीता साल हम सभी के लिए बहुत चुनौतियों का साल रहा है। लेकिन इन चुनौतियों के बीच, विश्व भर में फैले हमारे Indian Diaspora ने जिस तरह कार्य किया है, अपना कर्तव्य निभाया है, वो भारत के लिए भी गर्व की बात है। यही तो हमारी परंपरा है, यही तो इस मिट्टी के संस्कार हैं। इस जगह से Social और political leadership के लिए दुनियाभर में भारतीय मूल के साथियों पर भरोसा और मजबूत हो रहा है।

हमारे आज के इस आयोजन के मुख्य अतिथि, सूरीनाम के नए राष्ट्रपति श्रीमान चन्द्रिका प्रसाद संतोखी जी, वे स्‍वयं भी इस सेवाभाव का एक शानदार उदाहरण हैं। और मैं ये भी कहूंगा कि इस कोरोना काल में विदेशों में रहने वाले हमारे कई भारतीय भाई-बहनों ने भी अपना जीवन खोया है। मेरी उनके प्रति संवेदना है और उनके परिवारजनों के प्रति भी मैं परमात्‍मा बहुत शक्ति दे, ये प्रार्थना करता हूं। आज सूरीनाम के राष्‍ट्रपति जी के गर्मजोशी भरे शब्द और भारत के प्रति उनके स्नेह का भाव हम सभी के ह्रदय को छू गया है। उनके हरेक शब्‍द में, हरेक भाव में भारत के प्रति जो उनका भाव था, वो प्रवाहित हो रहा था, प्रकट हो रहा था और हमें प्रेरित कर रहा था। उनकी तरह, मैं भी आशा करता हूँ कि हम शीघ्र ही मिलेंगे, और हमें भारत में सूरीनाम के राष्‍ट्रपति जी का भव्य स्वागत करने का अवसर भी मिलेगा। बीते वर्ष में प्रवासी भारतीयों ने हर क्षेत्र में अपनी पहचान को और मज़बूत किया है।

साथियों,

मेरी बीते महीनों में दुनिया के अनेक Heads of the state से चर्चा हुई है। State Heads ने इस बात का विशेष तौर पर जिक्र किया कि कैसे उनके देश में प्रवासी भारतीय डॉक्टर्स, पैरामेडिक्स, और सामान्‍य भारतीय नागरिकों द्वारा किस प्रकार से सेवा हुई है। चाहे मंदिर हो, चहो हमारे गुरुद्वाने हों, चाहे लंगर की हमारी महान परम्‍परा हो, हमारे अनेक छोटे-मोटे सामाजिक, सांस्‍कृतिक, धार्मिक संगठनों ने सेवा भाव में अगुवाई की है। और हर नागरिक की सेवा करने का काम इस कठिन परिस्थिति में भी किया है। ये दुनिया के हर देश में जब मुझे सुनने को मिलता है, कितना गर्व होता है। और आप अंदाजा लगा सकते हैं, जब फोन पर मैं आपकी प्रशंसा सुनता था, और दुनिया के हर नेता काफी समय आप ही के गुणगाण करता था, और ये बात जब मैं अपने साथियों से बांटता था, हर किसी का मन खुशियों से भर जाता था, गौरव होता था। आपके ये संस्‍कार दुनिया के हर कोने में उजागर हो रहे हैं। कौन भारतीय होगा जिसको अच्‍छा न लगता होगा। आप सभी ने, जहां आप रह रहे हैं वहां ही नहीं बल्कि भारत में भारत की कोविड से चल रही लड़ाई में भी हर प्रकार से सहयोग किया है। PM Cares में आपने जो योगदान दिया, वो भारत में Health Infra को सशक्त करने में काम आ रहा है। इसके लिए मैं आप सभी का आभार व्यक्त करता हूं।

साथियों,

भारत के महान संत और दार्शनिक, संत तिरुवल्लुवर ने दुनिया की सबसे प्राचीनतम भाषा, और ये हमें गर्व से कहना चाहिए, दुनिया की सबसे प्राचीनतम भाषा तमिल में कहा है-

केए-डरीयाक केट्टअ इड्डत्तुम वड़न्गुन्ड्रा।

नाडेन्प नाट्टिन तलई।

इसका भाव है कि - दुनिया की सर्वश्रेष्ठ भूमि वो है जो अपने विरोधियों से बुराइयां नहीं सीखती और जो अगर कभी कष्ट में भी आई, तो दूसरों के कल्याण में कोई कमी नहीं करती।

साथियों,

आप सबने इस मंत्र को जी करके दिखाया है। हमारे भारत की हमेशा से यही विशेषता रही है। शांति का समय हो या संकट का, हम भारतीयों ने हर परिस्थिति का हमेशा डट करके मुकाबला किया है। इस वजह से इस महान भूमि को लेकर एक अलग व्यवहार हमने देखा है। जब भारत ने colonialism के विरुद्ध मोर्चा खोला, तो दुनिया के अनेक देशों में आजादी के संघर्ष के लिए ये प्रेरणा बन गया। जब भारत terrorism के सामने खड़ा हुआ, तो दुनिया को भी इस चुनौती से लड़ने का नया साहस मिला।

साथियों,

भारत आज करप्शन को खत्म करने के लिए टेक्नोलॉजी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल कर रहा है। लाखों करोड़ रुपए, जो पहले तमाम कमियों की वजह से गलत हाथों में पहुंच जाते थे, वो आज सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में पहुंच रहे हैं। आपने देखा होगा, भारत ने जो नई व्यवस्थाएं विकसित की हैं, उनकी कोरोना के इस समय में वैश्विक संस्थाओं ने भी भूरि-भूरि प्रशंसा की है। आधुनिक टेक्‍नोलॉजी से गरीब से गरीब को Empower करने का जो अभियान आज भारत में चल रहा है, उसकी चर्चा विश्व के हर कोने में हैं, हर स्‍तर पर है।

भाइयों और बहनों,

हमने दिखाया है कि Renewable Energy के मामले में Developing World का कोई देश भी Lead ले सकता है। आज भारत का दिया One Sun, One World, One Grid- ये मंत्र दुनिया को भी अपील कर रहा है।

साथियों,

भारत का इतिहास गवाह है कि भारत के सामर्थ्य, भारतीयों के सामर्थ्य को लेकर जब भी किसी ने आशंका जताई, सारी आशंकाएं गलत साबित हुई हैं। गुलामी के दौरान विदेश में बड़े-बड़े विद्वान कहते थे कि भारत आज़ाद नहीं हो सकता क्योंकि ये तो बहुत बंटा हुआ है। वो आशंकाएं गलत साबित हुईं, और हमने आज़ादी पाई।

साथियों,

जब भारत को आजादी मिली तो ये भी कहा गया कि इतना गरीब और इतना कम पढ़ा-लिखा भारत, ये भारत तो टूट जाएगा, बिखर जाएगा, डेमोक्रेसी तो यहां असंभव है। आज की सच्चाई यही है कि भारत एकजुट भी है और दुनिया में डेमोक्रेसी अगर सबसे मज़बूत है, वाइब्रेंट है, जीवंत है, तो वो भारत में ही है।

भाइयों और बहनों,

आजादी के बाद ही दशकों तक ये नरेटिव भी चला कि भारत गरीब-अशिक्षित है, इसलिए साइंस और टेक्नॉलॉजी में Investment की संभावनाएं कम आंकी गईं। आज भारत का स्पेस प्रोग्राम, हमारा Tech Startup eco-system, दुनिया में अग्रणी है। कोविड की चुनौती के साल में भी कई नए Unicorns और सैकड़ों नए Tech Startups भारत से ही निकल करके आए हैं।

Friends,

Pandemic के इस दौर में भारत ने फिर दिखा दिया कि हमारा सामर्थ्य क्या है, हमारी क्षमता क्या है। इतना बड़ा Democratic देश जिस एकजुटता के साथ खड़ा हुआ, उसकी मिसाल दुनिया में नहीं है। PPE Kits हो, Masks हों, Ventilators हों, Testing Kits हो, ये सब भारत बाहर से ही मंगाता था। आज इस कोरोना काल खंड में ही उसने अपनी ताकत बढ़ाई और आज भारत न सिर्फ इनमें Self-Reliant बना है बल्कि इनमें से कई Products का एक्सपोर्ट भी करने लगा है। आज भारत दुनिया के सबसे कम Fatality Rate और सबसे तेज़ Recovery Rate वाले देशों में से एक है।

आज भारत, एक नहीं बल्कि दो मेड इन इंडिया कोरोना Vaccines के साथ मानवता की सुरक्षा के लिए तैयार है। दुनिया की फार्मेसी होने के नाते, दुनिया के हर ज़रूरतमंद तक ज़रूरी दवाएं पहुंचाने का काम भारत ने पहले भी किया है और आज भी कर रहा है। दुनिया आज सिर्फ भारत की वैक्सीन का इंतज़ार ही नहीं कर रही, बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा Vaccination प्रोग्राम भारत कैसे चलाता है, इस पर भी नज़रें हैं।

साथियों,

इस वैश्विक महामारी के दौरान भारत ने जो सीखा है, वही अब आत्मनिर्भर भारत अभियान की प्रेरणा बन गया है। हमारे यहां कहा गया है-

शतहस्त समाह सहस्रहस्त सं किर

यानि सैकड़ों हाथों से अर्जन करो, लेकिन हज़ारों हाथों से बांटो। भारत की आत्मनिर्भरता के पीछे का भाव भी यही है। करोड़ों भारतीयों के परिश्रम से जो प्रोडक्ट्स भारत में बनेंगे, जो Solutions भारत में तैयार होंगे, उससे पूरी दुनिया का लाभ होगा। दुनिया इस बात को कभी नहीं भूल सकती है कि जब Y-2 के समय भारत की भूमिका क्‍या रही, भारत ने किस प्रकार से दुनिया को चिंतामुक्‍त किया था। इस मुश्किल समय में भी हमारी Pharma Industry का रोल, ये दिखाता है कि भारत जिस भी क्षेत्र में समर्थ होता है, उसका लाभ पूरी दुनिया तक पहुंचता है।

साथियों,

आज पूरी दुनिया को अगर भारत पर इतना ज्यादा Trust है, तो इसमें आप सब प्रवासी भारतीयों का भी बहुत बड़ा योगदान है। आप जहां भी गए, भारत को, भारतीयता को साथ ले करके गए। आप भारतीयता को जीते रहे। आप भारतीयता से लोगों को जगाते भी रहे हैं। और आप देखिए Food हो या Fashion, Family Values हों या फिर Business Values, आपने भारतीयता का प्रसार किया है। मेरा ये हमेशा से मानना रहा है कि भारत का कल्चर अगर दुनियाभर में लोकप्रिय हुआ है तो- magazines, cookbooks या manuals से ज्यादा आप सभी के जीवन के कारण, आप सभी के आचरण के कारण, आप सभी के व्‍यवहार के कारण ये सब संभव हुआ है। भारत ने कभी भी कुछ भी दुनिया पर न थोपा है न थोपने की कोशिश की है, न कभी थोपने का सोचा है, बल्कि दुनिया में आप सभी ने भारत के लिए एक जिज्ञासा पैदा की, एक Interest पैदा किया है। भले वो कौतुक से शुरू हुआ हो, लेकिन वो conviction तक पहुंचा है।

आज जब भारत, आत्मनिर्भर बनने के लिए आगे बढ़ रहा है तो यहां भी Brand India की पहचान को मजबूत बनाने में आपका रोल अहम है। जब आप Made In India Products का ज्यादा से ज्यादा use करेंगे तो आपके इर्द-गिर्द रहने वालों में भी इनको लेकर विश्वास बढ़ेगा। आपके colleagues को, आपके दोस्तों को जब आप Made In India Products use करते हुए देखेंगे तो क्या आपको इस पर गर्व नहीं होगा? Tea से लेकर Textile और Therapy तक, ये कुछ भी हो सकता है। मुझे तो आनंद होता है जब आज खादी दुनिया में आकर्षण का केंद्र बन रही है। इससे आप भारत के Export का Volume तो बढ़ाएंगे ही, साथ ही भारत की Rich Diversity को भी दुनिया तक पहुंचाएंगे। सबसे बड़ी बात, आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत आप दुनिया के गरीब से गरीब तक Affordable और Quality Solutions पहुंचाने का ज़रिया बनेंगे।

Friends,

भारत में Investment हो या फिर बड़ी मात्रा में Remittances का Contribution, आपका योगदान अतुलनीय रहा है। आपकी Expertise, आपके Investment, आपके Networks, आपके अनुभव का लाभ हर भारतीय, पूरा हिंदुस्‍तान हमेशा-हमेशा के लिए गौरव भी करता है और आपके लाभ के लिए वो हमेशा आतुर भी रहता है। इसके लिए हर ज़रूरी कदम उठाए भी जा रहे हैं ताकि आपको भी अवसर मिले और यहां की अपेक्षाएं भी पूरी हों।

आप में से काफी लोग जानते हैं कि कुछ सप्ताह पहले ही पहली बार 'वैश्विक भारतीय वैज्ञानिक समिट' यानि 'वैभव' का आयोजन किया था। इस सम्मलेन में 70 देशों के 25 हज़ार से ज्यादा Scientists और experts ने करीब साढ़े 7 सौ घंटों तक चर्चा की। और इससे 80 Subjects पर करीब 100 रिपोर्ट्स निकलीं, जो कई क्षेत्रों में technologies और systems के विकास में काम आने वाली हैं। ये संवाद अब ऐसे ही जारी रहेगा। इसके अलावा बीते महीनों में भारत ने Education से लेकर Enterprise तक सार्थक बदलाव के लिए Structural Reforms किए हैं। इससे आपके Investment के लिए Opportunities का विस्तार हुआ है। Manufacturing को Promote करने के लिए Production Linked Subsidies Scheme ये बहुत popular हुई है और बहुत कम समय में बहुत popular हुई है। आप भी इसका भरपूर लाभ आप उठा सकते हैं।

साथियों,

भारत सरकार हर समय, हर पल आपके साथ, आपके लिए खड़ी है। दुनियाभर में कोरोना लॉकडाउन से विदेशों में फंसे 45 लाख से ज्यादा भारतीयों को वंदे भारत मिशन के तहत rescue किया गया। विदेशों में भारतीय समुदाय को समय पर सही मदद मिले, इसके लिए हर संभव प्रयास किए गए। Pandemic के कारण विदेशों में भारतीयों के रोज़गार सुरक्षित रहें, इसके लिए Diplomatic स्तर पर हर संभव कोशिश की गई।

Gulf सहित अनेक देशों से लौटे साथियों के लिए 'Skilled Workers Arrival Database for Employment Support' यानी स्वदेस नाम की नयी पहल शुरू की गई। इस database का उद्देश्य वन्दे भारत मिशन में लौट रहे workers की skill mapping करना और उन्हें भारतीय और विदेशी कंपनियों से जोड़ना है।

इसी तरह दुनियाभर में भारतीय समुदाय के साथ बेहतर connectivity के लिए रिश्ता नाम का नया पोर्टल launch किया है। इस portal से मुश्किल समय में अपने समुदाय से Communicate करना, उन तक तेज़ी से पहुंचना आसान होगा। इस पोर्टल से दुनियाभर के हमारे साथियों के Expertise का भारत के विकास में उपयोग करने में भी बहुत मदद मिलेगी।

साथियों,

यहां से अब हम आज़ादी के 75वें साल की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। अगला प्रवासी भारतीय दिवस, आज़ादी के 75वें वर्ष के समारोह से भी जुड़ेगा। महात्मा गांधी, नेताजी सुभाषचंद्र बोस और स्वामी विवेकानंद जैसे अनगिनत महान व्यक्तित्वों की प्रेरणा से दुनियाभर के भारतीय समुदाय ने आजादी में अहम भूमिका निभाई है। ऐसे में ये समय उन साथियों को, उन सेनानियों को भी याद करने का है जिन्होंने भारत से बाहर रहते हुए भारत की आज़ादी के लिए काम किया।

मेरा विश्‍वभर में फैले हुए सभी भारतीय समुदाय के लोगों से, हमारे मिशन में बैठे हुए सभी लोगों से ये आग्रह रहेगा कि हम एक डिजिटल प्‍लेटफॉर्म तैयार करें, एक पोर्टल तैयार करें और उस पोर्टल में ऐसे प्रवासी भारतीयों का जिन्‍होंने आजादी की जंग में विशेष भूमिका निभाई है, उनकी सारी तथ्‍य आधारित चीजें उसमें रखी जाएं। जहां भी फोटो उपलब्‍ध हैं फोटो रखी जाएं। विश्‍व भर में कब किसने क्‍या किया, कैसे किया इन बातों का उसमें वर्णन हो। हर भारतीय के पराक्रम का, पुरुषार्थ का, त्‍याग का, बलिदान का, भारत माता के प्रति उसकी भक्ति का गुणगान हो। उनकी जीवनगाथाएं हों, जिन्होंने विदेश में रहते हुए भारत को आजाद कराने में अपना योगदान दिया।

और मैं तो ये भी चाहूंगा कि अब जो Quiz Competition के लिए जो Quiz तैयार होंगे, उसमें विश्‍वभर में ऐसे भारतीय समुदाय के योगदान पर भी Quiz का एक अलग चैप्‍टर हो। पांच सौ, सात सौ, हजार, वो सवाल हों जो विश्‍वभर में फैले हुए भारतीयों के विषय में भी जिज्ञासु लोगों के लिए ज्ञान का एक अच्‍छा सरोवर बन जाएं। ऐसे सारे कदम हमारे बंधन को मज़बूत करेंगे, आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेंगे।

आप सब इतनी बड़ी तादाद में आज virtually मिले हैं। कोरोना के कारण रूबरू में मिलना संभव नहीं हुआ है लेकिन भारत का हर नागरिक हमेशा यही चाहता है‍ कि आप सब स्वस्थ रहें, आप सब सुरक्षित रहें, अपना और देश का नाम रौशन करते रहें।

इसी कामना के साथ मैं फिर एक बार सूरीनाम के राष्‍ट्रपति जी का हृदयपूर्वक आभार व्‍यक्‍त करता हूं। उन्‍होंने जो हम सबको प्रेरणा दी है, हमारे साथ जुड़े हैं, वो सचमुच में भारत का गौरव बढ़ाने वाले उन महापुरुषों में से एक हैं। मैं उनका भी विशेष धन्‍यवाद करता हूं। और इसी कामना के साथ आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद!

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।