प्रधानमंत्री ने 1.7 लाख से अधिक लाभार्थियों को ई-प्रॉपर्टी कार्ड भी वितरित किए
“देश के गांवों को, गांवों की प्रॉपर्टी को, जमीन और घर से जुड़े रिकॉर्ड्स को अनिश्चितता व अविश्वास से निकालना बहुत जरूरी है”
“आजादी के दशकों-दशक बीत गए, भारत के गांवों के बहुत बड़े सामर्थ्य को जकड़कर रखा गया; गांवों की जो ताकत है, गांव के लोगों की जो जमीन है, जो घर है, उसका उपयोग गांव के लोग अपने विकास के लिए पूरी तरह कर ही नहीं पाते थे”
“स्वामित्व योजना आधुनिक टेक्नोलॉजी की मदद से देश के गांवों में विकास और विश्वास का नया मंत्र भी है”
“अब गरीब के पास सरकार खुद चलकर आ रही है और गरीब को सशक्त कर रही है” “यह जो ड्रोन उड़ रहा है, वह भारत के गांवों को नई उड़ान देने वाला है”

स्वामित्व योजना से जो आत्मविश्वास, जो भरोसा गांव में आया है, वो लाभार्थियों के साथ बातचीत में भी साफ-साफ झलक रहा है और मैं आज यहां भी देख रहा हूँ आपने मुझे आपकी बंबू वाली कुर्सियां तो दिखाई लेकिन मेरी नजर तो दूर-दूर तक ये जो जनता-जनार्दन, उनका जो उत्साह है, उमंग है, उसी पर टिकी हुई है। इतना प्यार, इतना आर्शीवाद जनता-जनार्दन का मिल रहा है, उनका कितना भला होता होगा, इसका मैं पूरी तरह अंदाजा लगा सकता हूँ। ये योजना कितनी बड़ी ताकत बनकर उभर रही है, ये अनुभव अभी जिन साथियों से मुझे बात करने का मौका मिला, उन्होंने विस्तार से बताया है। स्वामित्व योजना के बाद लोगों को बैंकों से लोन मिलना और ज्यादा आसान हुआ है।

इस कार्यक्रम में उपस्थित केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्री नरेंद्र सिंह तोमर जी, वीरेंद्र कुमार जी, धर्मेंद्र प्रधान जी, ज्योतिरादित्य सिंधिया जी, प्रह्लाद सिंह पटेल जी, फग्गन सिंह कुलस्ते जी, कपिल मोरेश्वर पाटिल जी, एल. मुरुगन जी, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्रीमान शिवराज सिंह चौहान जी, एमपी सरकार के मंत्रीगण, सांसद गण, विधायक गण, अन्य महानुभाव और हदरा समेत MP के अलग-अलग क्षेत्रों में हजारों की संख्या में गांवों से जुड़े भाइयों और बहनों,

सबसे पहले भाई कमल जी का जन्मदिन है, उनको मेरी तरफ से बहुत-बहुत शुभकामनाएं। अब हम टीवी पर तो देखते ही हैं एमपी है तो गजब है और एमपी गजब तो है ही, एमपी देश का गौरव भी है। एमपी में गति भी है और एमपी में विकास की ललक भी है। लोगों के हित में कोई योजना बनते ही, कैसे मध्य प्रदेश में उस योजना को जमीन पर उतारने के लिए दिन रात एक कर दिया जाता है, ये जब-जब मैं सुनता हूँ, जब भी मैं देखता हूँ, मुझे बहुत आनंद आता है, बहुत अच्छा लगता है और मेरे साथी इतना बढ़िया काम करते हैं, ये अपने आप में मेरे लिए संतोष का विषय होता है।

साथियों,

शुरुआती चरणों में प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना को मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, कर्नाटका और राजस्थान के कुछ गांवों में लागू किया गया था। इन राज्यों में गांव में रहने वाले करीब 22 लाख परिवारों के लिए प्रॉपर्टी कार्ड तैयार हो चुका है। अब देश के अन्य राज्यों में भी इसका विस्तार किया जा रहा है। एक प्रकार से वो पायलट प्रोजेक्ट था ताकि आगे चलकर के योजना में कोई कमी ना रह जाए। अब पूरे देश में इसका विस्तार किया गया है। मध्य प्रदेश ने इसमें भी अपने चिर-परिचित अंदाज में तेज गति से काम किया है और मध्य प्रदेश इसके लिए बधाई का पात्र है। आज एमपी के 3 हज़ार गांवों के 1 लाख 70 हज़ार से अधिक परिवारों को मिला प्रॉपर्टी कार्ड-अधिकार अभिलेख, उनकी समृद्धि का साधन बनेगा। ये लोग डिजि-लॉकर के माध्यम से, अपने मोबाइल पर अपना प्रॉपर्टी कार्ड डाउनलोड भी कर सकते हैं। इसके लिए जिन-जिन लोगों ने ये मेहनत की है, जी-जान से इस काम में जुटे हैं, उन सबको मेरी तरफ से बहुत-बहुत बधाई और जिनको ये लाभ मिला है उनको बधाई भी और शुभकामनाएं भी। जिस गति से मध्य प्रदेश आगे बढ़ रहा है, मेरा विश्वास है कि जल्द ही राज्य के सभी ग्रामीण परिवारों को अधिकार अभिलेख अवश्य मिल जाएंगे।

भाइयों और बहनों,

ये हम अक्सर कहते-सुनते आए हैं कि भारत की आत्मा गांव में बसती है। लेकिन आज़ादी के दशकों-दशक बीत गए, भारत के गांवों के बहुत बड़े सामर्थ्य को जकड़ कर के रखा गया। गांवों की जो ताकत है, गांव के लोगों की जो जमीन है, जो घर है, उसका उपयोग गांव के लोग अपने विकास के लिए पूरी तरह कर ही नहीं पाते थे। उल्टा, गांव की ज़मीन और गांव के घरों को लेकर विवाद, लड़ाई-झगड़े, अवैध कब्ज़ों में गांव के लोगों की ऊर्जा, कोट-कचहरी, ना जाने कितनी-कितनी मुसीबतें झेलनी पड़ती थी। समय और पैसा और बर्बाद होता था। और ये चिंता आज की नहीं है। गांधी जी ने भी अपने समय में इसे लेकर चिंता जाहिर की थी। इस स्थिति को बदलना हम सबकी ज़िम्मेदारी होनी चाहिए। मैं इस दिशा में तब से काम कर रहा हूँ जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था। हमने इस समस्या से निपटने के लिए गुजरात में 'समरस ग्राम पंचायत' अभियान चलाया था। मैंने देखा है कि सही प्रयास किया जाए तो पूरा गाँव मिलकर उसे आगे बढ़ाता है और अभी शि‍वराज जी वर्णन कर रहे थे कि आज मुझे इस दायित्व को 20 साल पूरे हो रहे हैं और जब वो शि‍वराज जी बोल रहे थे तो मुझे याद आया कि मैं जब पहली बार मुख्यमंत्री बना और मेरा जो पहला बड़ा कार्यक्रम था, वो भी गरीब कल्याण मेला था और अब मुझे खुशी है कि बीसवां साल का आखि‍री दिन भी मैं आज गरीबों के लिए कार्यक्रम में जुड़ा हुआ हूँ। ये शायद ईश्वरीय संकेत है कि मुझे लगातार मेरे देश के गरीबों की सेवा करने का सौभाग्य मिलता रहा है। खैर, मुझे विश्वास है स्वामित्व योजना भी आप सबकी भागीदारी से ग्राम स्वराज का एक उदाहरण बनेगी। अभी हमने इस कोरोना काल में भी देखा है कि कैसे भारत के गांवों ने मिलकर एक लक्ष्य पर काम किया, बहुत सतर्कता के साथ इस महामारी का मुकाबला किया। गांव वालों ने एक मॉडल खड़ा किया। बाहर से आए लोगों के लिए रहने के अलग इंतजाम हों, भोजन और काम की व्यवस्था हो, वैक्सीनेशन से जुड़ा काम हो, भारत के गांव बहुत आगे रहे हैं। गांव के लोगों की सूझबूझ ने, भारत के गांवों को, कोरोना से काफी हद तक बचाकर रखा और इसलिए मेरे देश के सभी गांव के लोग अभिनंदन के अधिकारी हैं। उन्होंने सारे नियमों को अपने तरीके से ढाला, नियमों को पालन किया, जागरूकता रखी और सरकार को भी बढ़-चढ़कर के सहयोग दिया। गांवों ने इस देश को बचाने में जो मदद की है उसको कभी मैं भूल नहीं सकता हूँ।

साथियों,

दुनिया की बहुत-बड़ी संस्थाएं भी कहती हैं कि किसी भी देश में जिन नागरिकों के पास अपनी प्रॉपर्टी के कागज नहीं होते, उन नागरिकों की वित्तीय क्षमता हमेशा कम रहती है और कम होती जाती है। प्रॉपर्टी के पेपर ना होना, एक विश्वव्यापी समस्या है। इसकी बहुत चर्चा नहीं होती लेकिन बड़े-बड़े देशों की ये बहुत बड़ी चुनौती है।

साथियों,

स्कूल हो, अस्पताल हो, भंडारण की व्यवस्था हो, सड़क हो, नहर हो, फूड प्रोसेसिंग उद्योग हों, ऐसी हर व्यवस्था के निर्माण के लिए ज़मीन की जरूरत होती है। लेकिन जब रिकॉर्ड ही स्पष्ट नहीं होता तो ऐसे विकास कार्यों में सालों-साल लग जाते हैं। इस अव्यवस्था से भारत के गांवों के विकास पर बहुत बुरा असर पड़ा है। देश के गांवों को, गांवों की प्रॉपर्टी को, ज़मीन और घर से जुड़े रिकॉर्ड्स को अनिश्चितता और अविश्वास से निकालना बहुत ज़रूरी है। इसलिए पीएम स्वामित्व योजना, गांव के हमारे भाइयों और बहनों की बहुत बड़ी ताकत बनने जा रही है और हम जानते हैं जब किसी चीज पर आपका हक होता है तो कितनी शांति होती है, कभी आपने देखा होगा कि रेलवे में आप सफर करें, आपके पास टिकट हो पर आपके पास रिजर्वेशन ना हो तो आपको लगातार चिंता रहती है डिब्बे में से कब नीचे उतरकर के किसी और डिब्बे में जाना पड़ेगा लेकिन अगर आपके पास रिजर्वेशन हो तो आप रेल टिकट रिजर्वेशन से आप आराम से बैठ सकते हैं, कितना ही बड़ा कोई तीसमारखाँ आ जाए, कितना ही बड़ा कोई धनी व्यक्ति आ जाए, आप हक से कह सकते हैं कि मेरा ये आरक्षण है और मैं यहीं बैठूँगा। ये ताकत होती है अपने अधि‍कार की। ये जो आज गांव के लोगों के हाथों में जो ये ताकत आई है ना, उसके बहुत दूरगामी परिणाम होने वाले हैं। मुझे खुशी है कि शिवराज जी के नेतृत्व में मध्य प्रदेश लैंड डिजिटाइजेशन के मामले में अग्रणी राज्य बनकर उभरा है। चाहे डिजिटल रिकॉर्ड्स का दायरा बढ़ाना हो या फिर रिकॉर्ड्स की क्वालिटी हो, हर पहलू में मध्य प्रदेश प्रशंसनीय काम कर रहा है।

साथियों,

स्वामित्व योजना, सिर्फ कानूनी दस्तावेज़ देने की योजनाभर नहीं है, बल्कि ये आधुनिक टेक्नॉलॉजी से देश के गांवों में विकास और विश्वास का नया मंत्र भी है। ये जो 'गांव-मोहल्ले में उड़न खटोला' उड़ रहा है, जिसको कोई गांव वाले छोटा हेलीकॉप्टर कह रहे हैं, ये जो ड्रोन उड़ रहा है, वो भारत के गांवों को नई उड़ान देने वाला है। ड्रोन वैज्ञानिक विधि से, घरों का नक्शा खींच रहे हैं। बिना किसी भेदभाव के प्रॉपर्टी की निशानदेही कर रहे हैं। अभी तक देश के करीब 60 जिलों में ड्रोन ने ये काम पूरा कर लिया है। इससे सटीक लैंड रिकॉर्ड्स और GIS मैप की वजह से अब ग्राम पंचायतों को ग्राम पंचायत डेवलपमेंट प्लान को बेहतर बनाने में भी मदद मिलेगी।

भाइयों बहनों,

स्वामित्व योजना के जो लाभ आज दिख रहे हैं, वो देश के एक बहुत बड़े अभियान का हिस्सा हैं। ये अभियान है गाँव को, गरीब को आत्मनिर्भर, आर्थिक रूप से और मजबूत बनाने का। और अभी हमने सुना पवन जी को, तीन महीने में कितनी बड़ी ताकत आ गई, खुद का ही तो घर था, कागज का अभाव था। कागज आ गया, जिंदगी बदल गई। हमारे गाँव के लोगों में भरपूर सामर्थ्य होने के बावजूद, उन्हें दिक्कत आती रही है शुरुआती संसाधन की, एक तरह के लॉंचिंग पैड की! घर बनवाना होता था, तो होम लोन की दिक्कत! व्यापार शुरू करना होता था तो पूंजी की दिक्कत! खेती को बढ़ाने का कोई आइडिया हो, ट्रैक्टर खरीदना हो, कोई औजार खरीदना हो, कोई नई खेती करने का विचार हो, तो उसमें भी शुरुआत करने के लिए पैसे की परेशानी! प्रॉपर्टी के पेपर ना होने की वजह से बैंकों से उन्हें आसानी से लोन भी नहीं मिलता। मजबूरी में भारत के गांव के लोग, बैंकिंग व्यवस्था से बाहर के लोगों से कर्ज लेने के लिए मजबूर हो गए, बैंकिंग व्यवस्था से ही वो बाहर हो गए। मैंने वो तकलीफ देखी है जब छोटे-छोटे काम के लिए किसी गरीब को, किसी तीसरे के सामने हाथ फैलाना पड़ता था, बढ़ता हुआ सूद, उसके जीवन की सबसे बड़ी चिंता बन जाता था। मुश्किल ये कि उसके पास किसी तीसरे से कर्ज मांगने के अलावा कोई विकल्प भी नहीं था। वो जितना लूटना चाहे लूट सकता था क्योंकि मजबूरी थी। मैं देश के गरीबों को, गांव के गरीबों को, गांव के नौजवानों को, इस दुष्चक्र से ही बाहर निकालना चाहता हूं। स्वामित्व योजना इसका बहुत अहम आधार है। प्रॉपर्टी कार्ड बनने के बाद, अब गांव के लोगों को बैंकों से आसानी से कर्ज मिलने वाला है। अभी लाभार्थियों से बातचीत में भी हमने सुना कि कैसे प्रॉपर्टी कार्ड ने उन्हें बैंक से लोन में मदद की है।

साथियों,

बीते 6-7 वर्षों के हमारी सरकार के प्रयासों को देखें, योजनाओं को देखें, तो हमने प्रयास किया है कि गरीब को किसी तीसरे व्यक्ति के सामने हाथ नहीं फैलाना पड़े, उसको सर झुकाना ना पड़े। आज खेती की छोटी-छोटी जरूरतों के लिए पीएम किसान सम्मान निधि के तहत सीधे किसानों के बैंक खातों में पैसा भेजा जा रहा है। और छोटे किसानों का जो मुझे आशीर्वाद मिलता रहता है और मेरा विश्वास है कि भारत का छोटा-छोटा जो किसान है, 100 में से 80 किसान हैं, छोटे किसान हैं जिनकी तरफ हर किसी ने ध्यान नहीं दिया, कुछ ही मुट्ठी भर किसानों की चिंता की गई। हमने पूरी ताकत लगाई है छोटे किसानों के हकों के लिए। और छोटा किसान मेरा मजबूत हो जाएगा ना, मेरे देश को कोई फिर दुर्बल नहीं कर सकता है। कोरोना काल के बावजूद अभियान चलाकर हमने 2 करोड़ से अधिक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड भी दिए हैं। पशुपालन करने वालों, मछली पालन करने वालों को भी इससे जोड़ा है। मकसद यही है कि जरूरत पड़ने पर उन्हें बैंकों से पैसा मिले, उन्हें किसी और के पास नहीं जाना पड़े। मुद्रा योजना ने भी लोगों को अपना काम शुरू करने के लिए बैंकों से बिना गारंटी ऋण का बेहतरीन अवसर दिया है। इस योजना के तहत पिछले 6 वर्षों में करीब 29 करोड़ ऋण दिए गए हैं। करीब-करीब 15 लाख करोड़ रुपए की राशि, 15 लाख करोड़ रुपया कम नहीं होता है जी, 15 लाख करोड़ रुपए की राशि मुद्रा योजना के तहत लोगों के पास पहुंची है। इसी राशि के लिए पहले उन्हें किसी तीसरे के पास जाना पड़ता था, ज्यादा सूद के दुष्चक्र में फंसना पड़ता था।

साथियों,

भारत के गांवों की आर्थिक क्षमताओं को बढ़ाने में बहुत बड़ी भूमिका हमारी माताएं-बहनें, हमारी महिला शक्ति की भी है। आज देशभर में लगभग 70 लाख से ज्यादा सेल्फ हेल्प ग्रुप हैं, जिनसे लगभग 8 करोड़ बहनें जुड़ी हैं और ये ज्यादातर गांवों में ही काम कर रही हैं। इन बहनों को जनधन खातों के माध्यम से बैंकिंग सिस्टम के साथ तो जोड़ा ही गया है, बिना गारंटी ऋण में भी काफी बढ़ोतरी की है। हाल ही में सरकार ने एक और अहम निर्णय लिया है। हर सेल्फ हेल्प ग्रुप को पहले जहां 10 लाख रुपए तक का बिना गारंटी का ऋण मिलता था, अब ये सीमा बढ़ाकर दोगुनी यानि 10 लाख से 20 लाख कर दी गई है।

भाइयों और बहनों,

हमारे गांव के बहुत से साथी, आसपास के शहरों में जाकर रेहड़ी-पटरी का भी काम करते हैं। इन्हें भी पीएम स्वनिधि योजना के माध्यम से बैंक से लोन लेने की सुविधा दी गई है। आज 25 लाख से ज्यादा ऐसे साथियों को बैंक से लोन मिल भी चुका है। अब इन्हें भी अपना काम आगे बढ़ाने के लिए किसी और के पास जाने की जरूरत नहीं है।

साथियों,

आप इन सारी योजनाओं को देखें तो लक्ष्य यही है कि पैसे देने के लिए जब सरकार है, बैंक हैं, तो गरीब को किसी दूसरे-तीसरे के पास नहीं जाना पड़े। वो जमाना देश पीछे छोड़ आया है जब गरीब को एक-एक पैसे, एक-एक चीज के लिए सरकार के पास चक्कर लगाने पड़ते थे। अब गरीब के पास सरकार खुद चलकर आ रही है और उस गरीब को सशक्त कर रही है। आप देखिए, कोरोना काल में मुश्किल बढ़ी तो सरकार ने खुद सामने आकर के 80 करोड़ से अधिक लोगों के लिए मुफ्त अनाज सुनिश्चित किया। एक भी गरीब ऐसा ना हो कि जिसके घर में चूल्हा ना जले। और इसमें मध्य प्रदेश के किसानों का तो योगदान है ही है, उनका परिश्रम भी है। गरीबों को मुफ्त अन्न देने के लिए करीब-करीब 2 लाख करोड़ रुपए सरकार ने खर्च किए हैं। आयुष्मान भारत योजना के तहत भी जो मुफ्त इलाज की सुविधा गरीबों को मिली है, उसने गरीबों के 40 से 50 हजार करोड़ रुपए बचाए हैं। जिन 8 हजार से ज्यादा जनऔषधि केंद्रों पर सस्ती दवाइयां मिल रही हैं, उससे भी गरीबों के सैकड़ों करोड़ रुपए खर्च होने से बचे हैं। मिशन इंद्रधनुष में नए टीके जोड़कर, टीकाकरण अभियान को ज्यादा से ज्यादा गरीबों तक पहुंचाकर, हमने करोड़ों गर्भवती महिलाओं को, बच्चों को अनेक बीमारियों से बचाया है। ये सारे प्रयास आज गाँव के, गरीब के जेब में पैसे बचाकर उसे मजबूरी में से बाहर निकाल रहे हैं, संभावनाओं के आकाश से जोड़ रहे हैं। और मुझे विश्वास है, स्वामित्व योजना की ताकत मिलने के बाद, भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में विकास का एक नया अध्याय लिखा जाएगा।

साथियों,

भारत में एक परंपरा जैसी रही है कि आधुनिक टेक्नोलॉजी पहले शहरों में पहुंचती है और फिर वो गांव तक जाती है। लेकिन आज देश ने इस परंपरा को बदलने का काम किया है। जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था तब वहाँ भी जमीन की जानकारी ऑनलाइन करने की शुरुआत की गई थी। सरकार तकनीक के जरिए गाँव तक चलकर जाए, इसके लिए e-ग्राम सेवा शुरू की गई थी। लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए गुजरात ने स्वागत नाम से पहल भी की थी, जो आज भी एक उदाहरण है। उसी मंत्र पर चलते हुये आज देश ये सुनिश्चित कर रहा है कि स्वामित्व योजना और ड्रोन टेक्नोलॉजी की ताकत से पहले भारत के गांवों को समृद्ध किया जाए। ड्रोन टेक्नॉलॉजी कम से कम समय में मुश्किल से मुश्किल काम सटीक तरीके से कर सकती है। ड्रोन वहां भी आसानी से आ-जा सकता है जहां इंसान नहीं जा सकता। घर की मैपिंग के अलावा पूरे देश के ज़मीन से जुड़े रिकॉर्ड्स, सर्वे, डिमार्केशन जैसी प्रक्रियाओं को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने में ड्रोन बहुत काम आने वाला है। मैपिंग से लेकर डिजास्टर मैनेजमेंट, खेती के काम और सर्विस डिलिवरी में ड्रोन का उपयोग अब व्यापक होगा। आपने देखा होगा टीवी पर, अखबार में दो दिन पहले ही मणिपुर में ड्रोन से ऐसे क्षेत्रों तक कोरोना के टीके तेज़ी से पहुंचाए गए, जहां इंसानों को पहुंचने में बहुत देर लगती है। ऐसे ही अभी गुजरात में ड्रोन का उपयोग खेत में यूरिया के छिड़काव के लिए किया गया है।

भाइयों और बहनों,

ड्रोन टेक्नॉलॉजी से किसानों को, मरीज़ों को, दूर-दराज के क्षेत्रों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिले, इसके लिए हाल ही में अनेक नीतिगत निर्णय लिए गए हैं। आधुनिक ड्रोन बड़ी संख्या में भारत में ही बने, इसमें भी भारत आत्मनिर्भर हो, इसके लिए PLI स्कीम भी घोषित की गई है। आज मैं इस अवसर पर देश के परिश्रमी वैज्ञानिकों, इंजीनियरों, सॉफ्टवेयर डवलपर्स और स्टार्ट अप से जुड़े युवाओं को कहूंगा कि भारत में कम कीमत वाले, अच्छी क्वालिटी के ड्रोन्स के निर्माण के लिए आगे आएं। ये ड्रोन्स भारत के भाग्य को आसमान की नई ऊंचाई पर ले जाने का सामर्थ्य रखते हैं। सरकार ने भी तय किया है कि भारतीय कंपनियों से ड्रोन और इससे जुड़ी सेवाएं खरीदी जाएंगी। इससे बड़ी संख्या में देश-विदेश की कंपनियों को भारत में ड्रोन निर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे नए रोज़गार भी बनेंगे।

साथियों,

आज़ादी का अमृतकाल, यानि आने वाले 25 वर्ष गांवों के आर्थिक सामर्थ्य से भारत की विकास यात्रा को सशक्त करने के हैं। इसमें टेक्नॉलॉजी से जुड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाला है। मोबाइल फोन और इंटरनेट आज गांव के युवाओं को नए अवसरों से जोड़ रहा है। किसानों को खेती की नई तकनीक, नई फसलों, नए बाज़ार से जोड़ने में मोबाइल फोन आज बहुत बड़ी सुविधा बन चुका है। आज भारत के गांवों में शहरों से भी ज्यादा इंटरनेट यूज़र हैं। अब तो देश के सभी गांवों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ने का अभियान भी तेज़ी से चल रहा है। बेहतर इंटरनेट सुविधा से खेती के अलावा अच्छी पढ़ाई और अच्छी दवाई, इसकी सुविधा गांव के गरीब को घर बैठे ही सुलभ हो, संभव होने वाला है।

साथियों,

टेक्नॉलॉजी से गांवों को ट्रांसफॉर्म करने का ये अभियान सिर्फ आईटी या डिजिटल टेक्नॉलॉजी तक ही सीमित नहीं है। दूसरी टेक्नॉलॉजी का भी भरपूर उपयोग गांवों के विकास में किया जा रहा है। सौर ऊर्जा से सिंचाई और कमाई के नए अवसर भी गांवों को सुलभ कराए जा रहे हैं। बीज से जुड़ी आधुनिक रिसर्च से बदलते मौसम और बदलती डिमांड के अनुसार नए बीज किसानों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं। नए-बेहतर टीकों से पशुओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की कोशिश की जा रही है। ऐसे ही सार्थक प्रयासों से, गांवों की सक्रिय भागीदारी से, सबके प्रयास से हम गांव के पूरे सामर्थ्य को भारत के विकास का आधार बनाएंगे। गांव सशक्त होगा तो मध्य प्रदेश भी सशक्त होगा, भारत भी सशक्त होगा। इसी कामना के साथ आप सभी को फिर से बहुत-बहुत शुभकामनाएं ! कल से नवरात्रि का पवित्र पर्व प्रारंभ हो रहा है, ये शक्ति साधना आप सब पर आशीर्वाद बनकर के आए। देश कोरोना से जल्द से जल्द मुक्त हो। हम भी इस कोरोना काल में सावधानी बरतते हुए अपने जीवन को भी आगे बढ़ाते रहें, जीवन को मस्ती से जीते रहें, इसी शुभकामनाओं के साथ बहुत-बहुत धन्यवाद !

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Prime Minister Shri Narendra Modi paid homage today to Mahatma Gandhi at his statue in the historic Promenade Gardens in Georgetown, Guyana. He recalled Bapu’s eternal values of peace and non-violence which continue to guide humanity. The statue was installed in commemoration of Gandhiji’s 100th birth anniversary in 1969.

Prime Minister also paid floral tribute at the Arya Samaj monument located close by. This monument was unveiled in 2011 in commemoration of 100 years of the Arya Samaj movement in Guyana.