नमो ऐप के माध्यम से पश्चिम बंगाल के भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ पीएम मोदी की बातचीत राज्य में प्रभावी गवर्नेंस कम्युनिकेशन के लिए पार्टी की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
पीएम मोदी ने पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं की मजबूती को स्वीकार करते हुए उनके अटूट समर्पण को रेखांकित किया, जिससे भाजपा में विश्वास बढ़ रहा है।
पीएम मोदी ने विकट हालात के बावजूद पश्चिम बंगाल के लोगों की साहसपूर्वक सेवा करने के महत्व पर जोर दिया, टीएमसी की विघटनकारी रणनीति के सामने कार्यकर्ताओं की बहादुरी को उजागर किया।
पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा की चुनौती को स्वीकार करते हुए पीएम मोदी ने चुनाव आयोग द्वारा कड़े सुरक्षा उपायों का आश्वासन दिया और कार्यकर्ताओं से निरंतर निगरानी का आग्रह किया।
पीएम मोदी ने बंगाल में केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं में टीएमसी सरकार द्वारा रुकावटें पैदा करने के बारे में लोगों को जागरूक करने की जरूरत पर बल दिया और कार्यकर्ताओं से राज्य के लिए अपनी समर्पित सेवा जारी रखने का आग्रह किया।

नमोशकार,
आपनारा सोभाई भालो आछिन्तो...
‘मेरा बूथ सबसे मजबूत’ इस कार्यक्रम में, बंगाल के सभी बीजेपी कार्यकर्ताओं का मैं अभिनंदन करता हूं। पश्चिम बंगाल के भाजपा कार्यकर्ता, जिन विपरीत परिस्थितियों में कार्य करते हैं उसकी जितनी प्रशंसा की जाए वह कम है। हमारे भाजपा कार्यकर्ता अपने जीवन को संकट में डालकर भी जन सेवा के लिए समर्पित रहते हैं। आप लोगों की कड़ी मेहनत की वजह से आज, पश्चिम बंगाल के लोगों का भाजपा पर भरोसा निरंतर बढ़ रहा है।

बंगाल में हर चुनाव के समय टीएमसी द्वारा हिंसा का सहारा लेकर भाजपा को रोकने की कोशिश होती है। देश ने यह भी देखा है कि कैसे भाजपा कार्यकर्ता निडर होकर अपने बूथ पर डटे रहे और वोटरों का साथ दिया। एक बार फिर आप सभी चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आपकी ये मेहनत रंग लाएगी, आपकी ये मेहनत देशवासियों के मन में भी नया उत्साह जगाएगी, उमंग जगाएगी।

मैं देख रहा हूं कि हमारे कार्यकर्ता कैसे बंगाल के घर-घर मोदी की गारंटी पहुंचा रहे हैं। मुझे विश्वास है इस बार बंगाल में हम पिछले चुनाव से कहीं ज्यादा सीटें जीतने जा रहे हैं।

इसलिए आज की ये चर्चा बहुत महत्वपूर्ण है। बंगाल के हमारे कार्यकर्ताओं में से कौन पहले मुझसे बात करेगा?

रितिका हाल्दर- रितिका हाल्दर।
पीएम मोदी- रितिका जी नमस्ते।
रितिका- जय श्री कृष्णा प्रधानमंत्री जी, आपको चरणों में कोटि-कोटि प्रणाम।
पीएम मोदी- रितिका जी आपको भी मेरी तरफ से बहुत-बहुत नमस्कार। रितिका जी जरा अपने विषय में बताइए आप किस लोकसभा क्षेत्र से हैं?
रितिका- उत्तर मालदा सात नंबर।
पीएम मोदी- अच्छा रितिका जी, आपके बूथ पर चुनाव अभियान कैसा चल रहा है। क्या आपके भूत पर सभी कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी तय कर दी गई है?
रितिका - हर एक कार्यकर्ता वहां पर उनके साथ संपर्क में गई है और अभी सभी भाजपा के तरफ ही बात कर रही है।
पीएम मोदी- देखिए बंगाल में चुनावी हिंसा की बड़ी खराब स्थितियां हो रही हैं, आपको प्रचार में कैसी स्थिति का सामना तो नहीं करना पड़ रहा है?
रितिका- हम महिलाएं एकत्रित होकर घर-घर जा रहे हैं और इस प्रॉब्लम से जूझ रहे हैं, इस प्रॉब्लम से लड़ रहे हैं।
पीएम मोदी- तो उनकी महिलाएं भी आकर के झगड़ा करती होगी आपके साथ?
रितिका - ना ना।
पीएम मोदी- तो आप हर जगह पर जाकर के अपनी बात बता पा रहीं है।
रितिका- समझ पा रहीं हैं, हर घर जाके उनका कोई दिक्कत नहीं हो रहा है।
पीएम मोदी- अच्छा जो केंद्र सरकार की योजना है लोगों को मुफ्त राशन मिल रहा है। वह सबको मालूम है कि भारत सरकार मोदी सरकार ये मुफ्त राशन भेज रही है?
रितिका- हां, हम जाकर बता रहे हैं और वो समझ भी रहे हैं।
पीएम मोदी- रितिका जी मुझे बहुत अच्छा लगा आपसे बात करके और आप लोग हिम्मत से काम कर रहे हैं, देखिए पश्चिम बंगाल के चुनाव में सबसे बड़ी चुनौती चुनावी हिंसा की होती है। लेकिन चुनाव आयोग ने सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए हैं। हम सब भी बंगाल की स्थिति पर नजर बनाए रखते हैं। आपको एक-एक वोटर के घर पहुंचना है और परिवार के सदस्यों को हौसला देना है कि वो निडर होकर मतदान करें।
आप अपने बूथ के हर व्यक्ति से मिलें, उसे भाजपा की नीतियां बताएं और उसके अपेक्षाओं से जुड़ें।

नमस्ते, सॉरी आप सबको थोड़ा वेट करना पड़ा। अब बंगाली में जो भाषांतर हो रहा था, वो नहीं होगा। हम लोग हिंदी में ही बात कर पाएंगे तो अच्छा होगा। अगर आप बिल्कुल हिंदी नहीं बोल सकते हैं तो भी मैं बंगाली समझने का प्रयास करूंगा लेकिन अब इंटरप्रिटेशन नहीं होगा। रितिका जी से हमारी बात हो रही थी पर मैं तो रितिका जी को यही कहूंगा, उसके माध्यम से सभी कार्यकर्ताओं को भी कहूंगा आप अपने बूथ के हर व्यक्ति से मिलें। उसे भाजपा की नीतियां बताएं और उसकी अपेक्षाओं से जुड़ें। बूथ स्तर पर, मंडल स्तर पर और विधानसभा के स्तर पर, अपने वोटर्स का पूरा डाटा अपने पास रखिए।

चलिए हमारे अगले कार्यकर्ता कौन है? अपना परिचय दीजिए, हू इज नेक्स्ट?

गणेश शर्मा- मैं गणेश शर्मा बोल रहा हूं।
पीएम मोदी- गणेश जी नमस्ते।
गणेश शर्मा- नमस्ते मोटा भाई।
पीएम मोदी- हां छोटा भाई।
गणेश शर्मा- मैं अलीपुरद्वार लोकसभा से बात कर रहा हूं, जॉन बारला हमारे एमएलए थे।
पीएम मोदी- जी जी एमपी थे।
गणेश शर्मा- हां, एमएलए नहीं, एमपी। मैं 242 बूथ का...
पीएम मोदी- गणेश जी, चुनाव जोरों पर चल रहा होगा
गणेश शर्मा- जी, जी।
पीएम मोदी- और आपके यहां तो 19 तारीख को ही मतदान है?
गणेश शर्मा- जी।
पीएम मोदी- अब तो दिन भी ज्यादा बचे नहीं हैं।
गणेश शर्मा- जी, अबकी बार मनोज तिग्गा हैं हमारे क्षेत्र में।
पीएम- हां।
गणेश शर्मा- हां
पीएम मोदी- हम किसान सम्मान निधि बंगाल के किसानों को भी दे रहे थे, लेकिन वहां के टीएमसी सरकार उसका लिस्ट भी नहीं भेजती थी। देने ही नहीं देती थी। मैंने उनको समझाया कि गरीबों का पैसा है हम देने को तैयार हैं, आप रुकावट क्यों करती हो? लेकिन बस कितना समय बीत गया। वैसा ही गरीब लोग कहीं पर भी काम करने जाएं, उनका राशन मिलने की तकलीफ होती है, तो वन नेशन वन राशन कार्ड...यह योजना लागू करनी थी ताकि कोई भी बंगाल से अगर बाहर जाए काम करने के लिए तो गरीब को राशन मिल जाए वहां। तो उसमें भी उन्होंने अड़ंगे डाले बाद में कोर्ट ने उनको फटकारना पड़ा। यह सारी बातें वहां के लोगों को पता है?
गणेश शर्मा- हां पता तो है ही। अभी ये कॉविड के बाद से जो फायदा मिला है, इससे बहुत उपकृत है। यह सब चर्चा घर-घर जाकर कर रहे हैं हम लोग बंगाल में। यह आवास योजना का जो जितना भी सुविधा था इससे वंचित है, बहुत सारे वंचित हैं। और जो लोग नेता थे टीएमसी के इन लोगों ने इन्होंने तो अपना कमीशन खा-खा करके अपना एक के बदले 2-4 भी मकान बना रखे हैं डबल-डबल। और यह जो हम लोग का स्वास्थ जो आप 5 लाख वाली जो स्कीम है...
पीएम मोदी- हां आयुष्मान कार्ड।
गणेश शर्मा- आयुष्मान कार्ड और इसके बदले ममता बनर्जी स्वास्थ्य साथी बना करके, अब वह कार्ड लेकर जाते हैं, जाकर के फंस जाते हैं। इलाज तो कर लेते हैं बाद में जमीन बेचकर के वो पैसा चुकाना पड़ता है, ऐसा ही है। और हमारे रास्ते की ऐसी हालत है। पिछले साल के बात है एक पेशेंट को यहीं पर मैं चार किलोमीटर दूर में एक हॉस्पिटल है। वहां पर जाते समय रास्ते पर मर गया। इतना मतलब खड्डा है, गड्डा है तो वो गति से नहीं पहुंचा पाया। तो हमारे यहां पर में तो...
पीएम मोदी- हां यही, यही कारण है कि बंगाल के लोगों का टीएमसी के प्रति बहुत गुस्सा है।
गणेश शर्मा- बहुत
पीएम मोदी- गणेश जी, मुझे बहुत अच्छा लगा और आपको बहुत सारी जानकारियां हैं। आप एक बहुत सक्रिय कार्यकर्ता हैं और आपके माध्यम से मैं आज बंगाल के बूथ के कार्यकर्ताओं से यही कहूंगा कि देखिए पश्चिम बंगाल में अगला पूरा सप्ताह उत्सव का है, शक्ति पूजा और नारी शक्ति के वंदन का सप्ताह है। हमें पूरा सप्ताह पश्चिम बंगाल की महिला वोटर्स से संपर्क का एक विशेष अभियान चलाना चाहिए।
गणेश शर्मा- जी, जी।

पीएम मोदी- पिछले 10 वर्षों में केंद्र की भाजपा सरकार ने माताओं और बहनों के लिए जो कदम उठाए हैं, उस पर हम जरूर बात करें और लोगों को यह बताना भी जरूरी है कि केंद्र की कौन-कौन से योजनाओं पर राज्य के सरकार यहां वहां पर लागू ही नहीं होने देती है। जनता की भलाई के काम में रुकावट करती है, ये सारी बातें लिस्ट बनाकर के घर-घर जा करके बताना चाहिए। कि बताइए मोदी जी तो ये दे रहे हैं, ये देने नहीं देते। और केंद्र सरकार की कुछ योजना का लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचने से पहले बंगाल में उसका नाम बदल दिया जाता है। आप यह सच लोगों को मिलकर के एक-एक व्यक्ति को बताना चाहिए और उसे बंगाल में जो लोग हैं उनका कितना नुकसान हो रहा है। चलिए गणेश जी बहुत अच्छा लगा आपसे बात करके।
अब हम अगले कार्यकर्ता से बात करते हैं कौन कार्यकर्ता है?
गांगुली सरकार- नमस्ते, हम गांगुली सरकार बोल रहे हैं।
पीएम मोदी- कौन बोल रहे हैं?
गांगुली सरकार- गांगुली सरकार उत्तर मालदा।
पीएम मोदी- गांगुली जी, नमस्कार।
गांगुली सरकार- आपको भी कोटि-कोटि नमस्कार, प्रधानमंत्री जी।
पीएम मोदी- नमस्कार गांगुली जी। अच्छा मैं तो आपसे बातें करता हूं इसलिए कि मुझे नीचे पूरी ग्राउंड रियलिटी क्या है, आप लोग कितने उत्साह, उमंग से कम कर रहे हैं, सुनता हूं... तो मुझे अच्छा लगता है। अच्छा आप बताइए, आपके बूथ में अलग-अलग वर्गों से मुलाकात या छोटी सभा इसकी कोई योजना बनी है क्या?
गांगुली सरकार- हां, बन गया है। हम युवा से, नारी से और जो मेरे माता-पिता जैसे जो आदमी है उसके साथ भी हम बैठ-बैठ के योजना बनाते हैं।
पीएम मोदी- आप बहुत बढ़िया हिंदी बोलती है, गांगुली जी।
गांगुली सरकार- सर यह आपकी दया है, आप सिखाए हैं हम लोग का। आपकी कार्यकर्ता है ना तो हमलोग को थोड़ा सीखना ही पड़ेगा।
पीएम मोदी- हां, लेकिन जब लोगों से मिलते हैं, युवाओं से मिलते हैं तो युवाओं को पता है कि कैसी बर्बादी करके रखी है, कैसे उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है, यह पता है युवाओं को?
गांगुली सरकार- हां, हम तो गांव से हैं, और बहुत क्रांति गांव है। हमारे गांव के जो युवा है वो लोग सब पढ़ाई किए हैं, कोई B.Ed किए हैं, कोई M.A किए, पढ़ाई बहुत किए हैं वो लोग। बाहर में भी अभी काम कर रहा है, किसी को ऑटो चलाना होता है, किसी को टोटो चलाना होता है कि वो लोग एग्जाम...हमारा पश्चिम बंगाल में तो एग्जाम होता ही नहीं है। पीएससी कभी-कभी होता है 5 साल 10 साल में एक बार, एसएससी तो नहीं होता है, पुलिस रिक्रूटमेंट पुलिस में भी वह होता है तो सब पैसा से होता है। पैसा दो तो चाकरी मिलेगा, पैसा नहीं है तो कुछ नहीं होगा। ये तो युवा को, महिला को, हम लोग का जो नारी है उसको भी पता हो गया, मां को भी पता हो गया... मेरा बेटा को हम पढ़ाएंगे, बेटी को पढ़ाएंगे उसको शिक्षा बेकार हो जाएगा। उसको नौकरी नहीं होगा। पूरा मालूम हो गया, पूरा मालूम।
पीएम मोदी- हां, यह तो चाकरी में भी पैसा कट करते हैं।
गांगुली सरकार- हां बहुत-बहुत।
पीएम मोदी- और हां, इसीलिए तो काफी उनके लोग जेल गए हैं।
गांगुली सरकार- हां।
पीएम मोदी- और आपको मालूम है ना, हमने जो यानी ईडी ने पश्चिम बंगाल में से जो करीब 3000 करोड़ रुपया अटैच किया हुआ है, उसकी सारी चीज अटैक की गई है। और मैंने कहा है कि भाई जरा ढूंढ के निकालो किसी ने चाकरी के लिए रिश्वत दी। किसी ने 1 लाख दिया, किसी ने 50 हजार दिया, और हरेक का रेट था, तो मैंने कहा है कि पैसे उन गरीबों के अगर प्रूफ हो जाएगा कि हां इन्हीं का पैसा गया है तो उनको पैसा वापस दिलवाने वाला हूं मैं।
गांगुली सरकार- हां, आप बोले थे, रानी मां को आप बोले हैं फोन में हम लोग सुने हैं आप का ऑडियो।
पीएम मोदी- हां, तो सबको बताइए, यह मोदी बड़ा पक्के मन का है जिन-जिन लोगों ने चाकरी लेने के लिए पैसा दिया, वह उनके हक का पैसा वापस आएगा।
गांगुली सरकार- हां हां, हम बोलेंगे।
पीएम मोदी- अच्छा मुझे पता है कि बंगाल के लोग भाजपा को एक नई उम्मीद की तरह देख रहे हैं। लेफ्ट, टीएमसी और कांग्रेस के बीच वहां तो दिखावे की लड़ाई हो रही है वह तो अंदर से एक ही हैं सब लोग।
गांगुली सरकार- हां, हां एक ही है।
पीएम मोदी- लोगों के बीच भ्रष्टाचारियों का यह जो गठबंधन बन रहा है, उसके विषय में लोग क्या कहते हैं?
गांगुली सरकार- अभी तो आप जो किए हैं दिल्ली सरकार के केजरीवाल को पकड़ा के और जब केजरीवाल पकड़ा गया है। तब तो नीतीश जी हट गया, ममता जी भी कांग्रेस के साथ ये किया, तो हमारा इधर कांग्रेस के भी राहुल आया था और वो ममता दीदी एक दिन मालदे में मीटिंग हुआ था। तो सब जितना कांग्रेस का लोग था वह ममता दीदी का मीटिंग में आ गया था तब राहुल को भी पता लग गया ममता भी मेरे साथ नहीं है। तो उन लोग नेता का ही तो गठबंधन नहीं है तो समाज के लोग भी देखते हैं, गांव के लोग भी देखते हैं कि यह सब बेकार है, दिखावा है इसलिए हमको यह सरकार नहीं चाहिए हमको मोदी सरकार ही चाहिए।
पीएम मोदी- यह भ्रष्टाचार के लिए लोगों का गुस्सा है?
गांगुली सरकार- बहुत-बहुत गुस्सा है।
पीएम मोदी- चलिए गांगुली जी, आपके साथ बात करके बहुत अच्छा लगा। और मैं तो सभी कार्यकर्ताओं से यही कहूंगा जो दूसरे राज्यों में दोस्ती का नाटक करते हैं। बंगाल में आकर के एक-दूसरे को टक्कर देने का दावा कर रहे हैं। इनकी लड़ाई एक दूसरे से नहीं है, इनकी लड़ाई भाजपा से है। क्योंकि भाजपा की सरकार ने उनके भ्रष्टाचार पर शिकंजा कस दिया है। यह चाहे जितनी ताकत लगा लें भ्रष्टाचार पर कार्यवाही मोदी रोकने वाला नहीं है। और भाजपा परिवारवाद के खिलाफ भी आवाज उठाती आई है इसलिए सभी परिवारवादी पार्टियां एक मंच पर जुट गई है। इन लोगों को लगता है कि एकजुट होने से और मोदी को एक सुर में गाली देने से इनका भ्रष्टाचार छिप जाएगा लेकिन इन भ्रष्टाचारियों के पास अब सिर्फ जेल है या सिर्फ जमानत का रास्ता बचा है। चलिए गांगुली जी, आपने बहुत अच्छे तरीके से सारी बातें बताई। मैं आपका बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं।


आइये हम आगे बढ़ते हैं...
हमारे अगले बूथ के कौन कार्यकर्ता हैं? जिनसे हमें मौका मिलेगा बात करने का....
गांगुली सरकार- सर सर।
पीएम मोदी- जी गांगुली जी।
गांगुली सरकार- कुछ कहना है, एक रिक्वेस्ट है, हां हमारा एक रिक्वेस्ट है सर।
पीएम मोदी- हां, बताइए गांगुली जी।
गांगुली सरकार- मालदा जिला से हम हैं उत्तर मालदा की। तो उत्तर मालदा की नहीं, पूरा मालदा जितना हमारा मालदा है तो सर हमारा मालदा न देवनाथ के लिए बहुत पीछे हो गया है, कुछ भी नहीं हुआ है। जितना हुआ है वो आगे ही हुआ था गनीखान रहते ही और उसके बाद कोई डेवलप नहीं है, हम लोग कि मालूम है जो तृणमूल सरकार नहीं करने देते हैं। लेकिन सर हमारा एक उम्मीद है, हम मालदावासी के बोलते हैं...
पीएम मोदी- हम देखिए पूरी ताकत लगा देंगे, हां।
गांगुली सरकार- मालदा के लिए, थोड़ा आप हम लोग के लिए।
पीएम मोदी- बहुत अच्छा बताया आपने, बहुत-बहुत धन्यवाद।
गांगुली सरकार- धन्यवाद सर।


पीएम मोदी- अब आगे कौन है जिससे बात करेंगे।
शुभंकर शाह- नमोशकर प्रोधानमंत्री जी।
पीएम मोदी- नमस्कार।
शुभंकर शाह- नमस्कार सर मैं शुभंकर शाह, 08 मालदा दक्षिण जनरल लोकसभा निर्वाचन सेक्टर से, 51 इंग्लिश बाजार एलआईसी के जो 289 बूथ है उनमें से 180 नंबर बूथ का भारतीय जनता पार्टी का बूथ प्रेसिडेंट हूं। मैं आपको भारतीय जनता पार्टी मालदा दक्षिण सांगठनिक जिला तथा मालदा जिला के पक्ष से शत-शत नमस्कार जनाता हूं।
पीएम मोदी- शुभंकर जी, आपको भी मेरी तरफ से बहुत-बहुत नमस्कार। मुझे बहुत अच्छा लगा कि चलिए आज मालदा उत्तर में भी बात हो गई अब मालदा दक्षिण में भी बात हो रही है। अच्छा मैं तो नीचे की बात, आप लोग कार्यकर्ता मैदान में जाते हैं तो क्या चल रहा है मैं ये सुनना चाहता हूं। मैं तो देख रहा हूं कि बंगाल में जिन्हें हम पर भरोसा है वो वोट जरूर डालें यह बहुत पक्का करना होता है। और गर्मी भी कितनी क्यों ना हो फिर भी वोट डालें, इसके लिए आप लोगों ने तैयारी क्या की है?

शुभंकर शाह- हां सर, गर्मी भी है इसके बावजूद लोग वोट डालें इसलिए हम लोगों ने एक तो सिर्फ लोकसभा चुनाव नहीं, इसके पहले जो विधानसभा चुनाव थे उसके लिए भी हमारा बीजेपी के तरफ से एक टेंट करते हैं। उसमें हम पानी का व्यवस्था रखते हैं और वोटर लिस्ट रहते हैं, चॉकलेट्स रखते हैं, जो लोग बच्चों को साथ लेकर आते उसके लिए। और हम लोग बारी-बारी जब जाते हैं वोटर लिस्ट लेकर तब उन लोगों को वोटर को बताते हैं कि सुबह-सुबह यानी की सकाल मॉर्निंग में ही जाकर अपना वोट डालें।
पीएम मोदी- देखिए मेरा सुझाव है कि आपने अपने बूथ के जो कार्यकर्ता हैं ना, पन्ना प्रमुख होंगे, कमेटी होगी। तीन-तीन लोगों की एक टोली बनानी चाहिए और हो सके तो उसमें एक या दो महिलाएं होनी चाहिए और एक-एक टोली को 10 या 15 परिवार दे देना चाहिए। और उनको बोलना चाहिए कि मतदान तक आपको इन 15-20 जो भी परिवार दिए, बस उसी में काम करना है। उनके घर जाना, उनके घर पर बैठना, उनके सुख-दुख की चर्चा करनी और फिर उनको कहना है कि आपको वोट के लिए निकलना है। और सभी पोलिंग बूथ में कोई ना कोई कार्यकर्ता को हर परिवार से अगर जोड़ दिया तो आप देख लीजिए जरूर मतदान भी बढ़ेगा और वोट हमें मिलेगा। दूसरा कभी-कभी क्या करते हम लोग जुलूस निकालते हैं, जिंदाबाद जिंदाबाद करके झंडे-वंडे लेकर घूमते हैं, लेकिन कमल निशान पता नहीं होता है, फिर वोटिंग में नाम हमारा... एक नंबर पर है, दो नंबर पर है, तीन नंबर पर है... कहां पर है, वह पता नहीं होता है। घर-घर जाकर के बताना होता है निशान के विषय में और उनको बैठ करके सिर्फ हमने बीजेपी का प्रचार करने से काम नहीं चलता है हमने उनका वोट पक्का करना होता है और आप तो जानते ही हैं अगर हमें देश का चुनाव जीतना है, लोकसभा का चुनाव जीतना है, तो सबसे पहले हमें पोलिंग बूथ जीतना पड़ता है जो पोलिंग बूथ जीतता है वही लोकसभा जीतता है वही हिंदुस्तान का चुनाव जीतता है। और इसलिए मेरी तो आप सबसे आग्रह है, एक ही मंत्र है, पोलिंग बूथ कैसे जीतेंगे। जितने वोट हैं आधे से अधिक वोट हमारे पक्के हो जाने चाहिए।
शुभंकर शाह- ठीक है सर।
पीएम मोदी- अच्छा, शुभंकर जी बंगाल के ग्रामीण इलाकों में बीजेपी के काम और टीएमसी के भ्रष्टाचार को लेकर लोगों में क्या चर्चा है? भाजपा के काम की क्या चर्चा है और उनके भ्रष्टाचार की क्या चर्चा है।
शुभंकर शाह- सर, सच बताऊं तो गांव के जो लोग हैं वे जानते हैं कि ममता बनर्जी ने क्या करके रखा है। लेकिन एक जो बात है सर वह मैं आपको बताना चाहता हूं कि यह जो प्रधानमंत्री आवास योजना है ग्रामीण और जो मनरेगा प्रकल्प है 100 दिन का काम। तो गांव के अधिकांश लोग ही ये समझ रहा है कि केंद्रीय सरकार इस योजना में जो आने वाले रुपए हैं यह बंद करके रखा है। यह बात उनके मन में घर गया है तो मुझे लगता है कि...
पीएम मोदी- उनको बताना पड़ेगा कि ये पैसे सब खा गए हैं बीच में। गलत किया है हिसाब नहीं दिया है और इसलिए चुप हो गए। पहले तो चिल्लाते थे लेकिन अब चुप हो गए। यह बात हम कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर बतानी होगी।
शुभंकर शाह- हां, हां ये बात हम लोग बोल रहे हैं।
पीएम मोदी- क्योंकि जो लोग जन्म भी नहीं हुआ उनके नाम लिख दिए थे और कंपनी का कारोबार चलता था। तो यह बात बताना चाहिए ताकि लोगों को विश्वास हो जाएगा। तो बताएंगे?
शुभंकर शाह- अवश्य सर, अवश्य बताएंगे और एक बात बोलना है बताऊं क्या।
पीएम मोदी- हां।
शुभंकर शाह- सर आपका जो सब केंद्रीय प्रकल्प है यानी कि जो प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना इस सब में भी राज्य सरकार ने उनका एक नाम दे दिया है। जैसे कि प्रधानमंत्री आवास योजना को बांग्ला आवास योजना, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना को बांग्ला सड़क योजना इसमें उनका दिक्कत है कि प्रधानमंत्री नाम क्यों रहे। तो यह बात मैंने मान लिया। लेकिन सर आपको यह जानकर भी हैरानी होगी कि जल जीवन मिशन इस प्रकल्प में प्रधानमंत्री कहीं भी वर्ड नहीं है लेकिन इनको भी उन्होंने जल स्वप्न यह नाम देकर चला रहा है। आप इस सब विषय को देखिए और गंभीरता से देखिए और प्रधानमंत्री आवास योजना...
पीएम मोदी- हां, हां, ये इनकी आदत हो गई है। स्टीकर अपना लगा देते हैं, पैसे मोदी सरकार की तरफ से आते हैं। लेकिन अब बंगाल की जनता को ये सब समझाना होगा हमें कि कैसा करते हैं और किस प्रकार से देश को बर्बाद कर रहे हैं। चलिए शुभंकर जी, मुझे अच्छा लगा आपसे बात करके। देखिए बंगाल के लोग समझ रहे हैं कि वहां की सरकार ना केंद्र की योजनाएं ठीक से लागू होने देती हैं ना खुद कोई काम करती हैं। खजाने की लूट और गुंडों का संरक्षण यह सरकार का एजेंडा हो गया है। सरकार के महत्वपूर्ण विभाग जेल से चल रहे हैं। इस सरकार में ना लोगों का जीवन सुरक्षित है ना महिलाओं का सम्मान।

अपनी कम से कम 10 उपलब्धियों की बात करें और राज्य सरकार की 10 ऐसी नाकामी भी बताएं जिससे बंगाल के लोगों का टीएमसी के कारण नुकसान हुआ है। हर रविवार को अलग-अलग मंडलों में छोटी-छोटी बैठकें करें जिसमें बूथ समिति के लोग एक हफ्ते का एजेंडा बनाएं और अगले पूरे हफ्ते उसके हिसाब से काम करें। मुझे लगता है बहुत अच्छी तरह का हमारा विजय होने वाला है।
आइये हमारे अगले बूथ में कौन कार्यकर्ता है जिससे हमारी बात होगी?

जयप्रकाश- देश के यशस्वी प्रधानमंत्री आदरणीय प्रधानमंत्री जी को मेरा सादर प्रणाम। मैं जयप्रकाश।
पीएम मोदी- नमस्कार।
पीएम मोदी- जयप्रकाश जी, नमस्कार नमस्कार बताइए जयप्रकाश जी।
जयप्रकाश जी- हां, मैं दार्जिलिंग लोकसभा क्षेत्र से बोल रहा हूं।
पीएम मोदी- जी अच्छा जयप्रकाश जी क्या आपके बूथ पर सभी कार्यकर्ता साथियों की जिम्मेदारियों का बंटवारा हो गया है?
जयप्रकाश- जी, हो गया है।
पीएम मोदी- ऐसा तो नहीं, किसी एक व्यक्ति पर बहुत ज्यादा काम आ गया हो।
जयप्रकाश- नहीं सभी को बांट दिए गए हैं काम और वह सब 20 तारीख से सब का काम बुझा दिया गया है और वह उसी तरह काम कर रहे हैं।
पीएम मोदी- आपके यहां मतदान कब है।

जयप्रकाश - 26 अप्रैल।
पीएम मोदी- लोगों को मालूम है कि मतदान कब है।
जयप्रकाश - हां, मालूम है सबको।
पीएम मोदी- कमल निशान भी मालूम है?
जयप्रकाश - कमल निशान के बारे में बताएं, आपकी उपलब्धियां... जिस तरह आप देश के लिए अपने आप को खपा रहे हैं उससे हमें भी जज्बा मिलता है सर। हम अपनी सारी शक्ति देश के विकास और देश के लोगों की भलाई के लिए लगाते हैं। मैं अपने आसपास के मतदाता से मुलाकात कर रहा हूं और केंद्र सरकार की उपलब्धि के बारे में लोगों को जागरूक भी करता हूं।
पीएम मोदी- आप तो करते हैं बाकी सब कार्यकर्ता भी निकालते हैं क्या?
जयप्रकाश - हां, जरूर सर।
पीएम मोदी- महिलाओं का मिजाज कैसा है, महिलाओं का रिस्पांस कैसा है?
जयप्रकाश - सबका मिलान सही है और सभी को काम बांट दिए हैं और वो अपने काम में सक्षम रहते हैं।

पीएम मोदी- अच्छा, आपके क्षेत्र में एक प्रकार से दार्जिलिंग तो ऐसा है कि देशभर के लोग वहां रहते हैं। अलग-अलग भाषाएं बोलने वाले परिवार होते हैं, तो उन लोगों को भी अपनी बात पहुंचाने के लिए क्या आपका सारा साहित्य बंगाली में होता है कि हिंदी में भी होता है या उनकी भाषा में भी होता है?
जयप्रकाश - हिंदी में होती है बंगाली में होती है नेपाली में होती है और भोजपुरी में भी होती है। जो भोजपुरी भाषी है उनसे भी होती है। सबसे इसी तरह हम लोग संपर्क करते हैं। जो-जो क्षेत्र का जो जानते हैं जो भाषा उसी को उस जगह, उस क्षेत्र में भेजते हैं जिससे संवाद अच्छा हो।
पीएम मोदी- अच्छा। चलिए जयप्रकाश जी, बहुत अच्छा लगा आपसे बात करके और मैं बंगाल के सभी बूथ के कार्यकर्ताओं से यही कहना चाहूंगा, कि युद्ध स्तर हमें युवाओं के लिए अलग-अलग कार्यक्रम रखने चाहिए। इसके लिए टेक्नोलॉजी का खूब इस्तेमाल करिए। उन्हें बताइए कि पिछले 10 वर्षों में युवाओं के लिए केंद्र सरकार ने कितने नए अवसर तैयार किए हैं। स्पेस, स्टार्टअप्स, पोर्ट समेत जिस भी क्षेत्र में वह आगे बढ़ना चाहता है उन्हें सरकार का पूरा सपोर्ट मिल रहा है। 10 साल में जो हुआ वह तो सिर्फ ट्रेलर है, अभी तो बहुत कुछ करना है, अभी तो हमें देश को बहुत आगे लेकर जाना है। बीते 10 वर्षों में केंद्र सरकार ने गरीबों का जीवन बदलने के लिए कई योजनाएं लागू की है। उसी का परिणाम है कि आज 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए। हमारी नीयत सही है इसलिए नतीजे सही है देश को आगे ले जाने में पश्चिम बंगाल की भूमिका बहुत बड़ी होने वाली है।

आज बंगाल का हर वर्ग हमारे साथ है। आप सबको सुनकर लग रहा है कि वहां युवाओं, महिलाओं, बुजुर्गों, ग्रामीण अंचल के लोगों में भाजपा के लिए बहुत उत्साह है। अब हमें इसी उत्साह को पोलिंग बूथ तक ले जाना है, वोट में बदलना है, कमल के निशान पर वोट पड़े ये हमें पक्का करना है। गर्मी कितनी ही क्यों ना हो ये हमें चिंता करनी है। इस चुनावी अभियान में, भाजपा के महिला कार्यकर्ताओं की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। वह बाहर निकाल कर उन महिलाओं को भरोसा दे सकती हैं जो किसी डर की वजह से वोट देने नहीं निकलती हैं। जो बुजुर्ग वोटर हैं उन्हें मतदान केंद्र तक पहचाने और फिर वापस घर छोड़ने की व्यवस्था का पहले से हमें तैयार रखनी चाहिए। आप तो जानते ही हैं, अगले कुछ दिनों में मेरा बंगाल में प्रवास शुरू होने वाला है। मैं बीच-बीच में वहां आऊंगा, जनता जनार्दन के दर्शन करूंगा। आप में से भी बहुत लोगों को मिलने का मौका मिल जाएगा, लेकिन तब तक हमें बहुत मेहनत करनी है और सबके मन में सिर्फ एक ही लक्ष्य होना चाहिए। 4 जून 400 पार का लक्ष्य लेकरके हमने पूरी शक्ति लगानी है। आप सभी को नवरात्रि, रामनवमी और ईद के पर्व के लिए भी मेरी ढेर सारी शुभेच्छा...आने वाले चुनाव में भव्य विजय के लिए भी मेरी तरफ से बहुत-बहुत शुभकामनाएं.... चलिए सभी कार्यकर्ताओं को मेरा बहुत-बहुत धन्यवाद। नमस्कार।

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140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
PLI, Make in India schemes attracting foreign investors to India: CII

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।