"जब महिलाएं समृद्ध होती हैं, तो दुनिया समृद्ध होती है"
"1.4 मिलियन पर, भारत में ग्रामीण स्थानीय निकायों में निर्वाचित प्रतिनिधियों में से 46 प्रतिशत महिलाएं हैं"
"भारत में महिलाएं ‘’मिशन लाईफ' - पर्यावरण के लिए जीवन शैली’’ के लिए ब्रांड एंबेसडर रही हैं
"प्रकृति के साथ उनके घनिष्ठ संबंध को देखते हुए, महिलाएं जलवायु परिवर्तन के नवोन्‍मेषी समाधानों की कुंजी हैं"
"हमें उन बाधाओं को दूर करने के लिए काम करना चाहिए जो बाजारों, वैश्विक मूल्य-श्रृंखलाओं और निम्‍न लागत वित्त तक महिलाओं की पहुंच को प्रतिबंधित करते हैं’’
‘’भारत की जी-20 अध्यक्षता के तहत, महिला सशक्तिकरण पर एक नया कार्य समूह स्थापित करने का निर्णय लिया गया है’’

महामहिम, देवियों और सज्जनों, नमस्कार!

मैं आप सभी का गांधीनगर में स्वागत करता हूं। इस शहर का नाम महात्मा गांधी के नाम पर रखा गया है और आज इसका स्‍थापना दिवस भी है। मुझे खुशी है कि आपको अहमदाबाद में गांधी आश्रम का दौरा करने का अवसर मिला है। आज समूची दुनिया जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग और दीर्घकालीन समाधान तलाशने की तात्कालिकता के बारे में चर्चा कर रही है। गांधी आश्रम में आप गांधीजी की जीवन-शैली की सादगी और स्थिरता, आत्मनिर्भरता और समानता के बारे में उनके दूरदर्शी विचारों के साक्षी बनेंगे। मुझे यकीन है कि आपको यह प्रेरणादायक लगेगा। दांडी कुटीर संग्रहालय में भी आपको ऐसा ही अनुभव प्राप्‍त होगा, यह एक ऐसा अवसर है, जिसे आपको चूकना नहीं चाहिए। यहां इस बात का उल्‍लेख करना अप्रासंगिक नहीं होगा कि गांधीजी का प्रसिद्ध चरखा गंगाबेन नाम की एक महिला को पास के एक गांव में मिला था। जैसा कि आप जानते हैं, उसके बाद से गांधीजी हमेशा खादी ही धारण करते थे, जो आत्मनिर्भरता और स्थिरता की प्रतीक बन गई ।

मित्रों,

जब महिलाएं समृद्ध होती हैं, तो दुनिया समृद्ध होती है। उनका आर्थिक सशक्तिकरण विकास को बल देता है। शिक्षा तक उनकी पहुंच वैश्विक प्रगति को प्रेरित करती है। उनका नेतृत्व समावेशिता को बढ़ावा देता है और, उनके विचार सकारात्मक बदलाव को प्रेरित करते हैं। महिलाओं को सशक्त बनाने का सबसे प्रभावी तरीका महिला-नेतृत्व वाला विकास दृष्टिकोण है। भारत इस दिशा में कदम बढ़ा रहा है.

मित्रों,

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु अपने आप में एक प्रेरक उदाहरण प्रस्‍तुत करती हैं। वह एक साधारण जनजातीय पृष्ठभूमि से आती हैं। लेकिन अब वह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का नेतृत्व करती हैं और दुनिया के दूसरे सबसे बड़े रक्षा बल की कमांडर-इन-चीफ के रूप में योगदान दे रही हैं। लोकतंत्र की इस जननी में 'मतदान का अधिकार' भारतीय संविधान द्वारा प्रारंभ से ही महिलाओं सहित सभी नागरिकों को समान रूप से प्रदान किया गया था। चुनाव लड़ने का अधिकार भी सभी को समान आधार पर दिया गया। निर्वाचित महिला प्रतिनिधि आर्थिक, पर्यावरणीय और सामाजिक परिवर्तन की प्रमुख प्रतिनिधि रही हैं। भारत में ग्रामीण स्थानीय निकायों में 1.4 मिलियन की जनसंख्या के साथ 46 प्रतिशत निर्वाचित प्रतिनिधि महिलाएं हैं। स्व-सहायता समूहों में में महिलाओं का संघटन भी परिवर्तन के लिए प्रबल शक्ति रहा है। महामारी के दौरान ये स्वयं सहायता समूह और निर्वाचित महिला प्रतिनिधि हमारे समुदायों के लिए सहायता का स्तंभ बनकर उभरीं। उन्होंने मास्क और सैनिटाइज़र का निर्माण किया और साथ ही संक्रमण से बचाव के बारे में जागरूकता फैलाई। भारत में 80 प्रतिशत से अधिक नर्सें और दाईयां महिलाएं हैं। महामारी के दौरान वे हमारी रक्षा की पहली पंक्ति थीं। और, हमें उनकी उपलब्धियों पर गर्व है।

मित्रों,

भारत में महिलाओं के नेतृत्व वाला विकास हमारे लिए एक प्रमुख प्राथमिकता रही है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत लगभग 70 प्रतिशत ऋण महिलाओं को स्वीकृत किए गए हैं। ये एक मिलियन रुपये तक के ऋण सूक्ष्म-स्तरीय इकाइयों की सहायता के लिए हैं। इसी तरह, स्टैंड-अप इंडिया के तहत 80 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं हैं, जो ग्रीन फील्ड परियोजनाओं के लिए बैंक ऋण प्राप्त कर रही हैं। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत ग्रामीण महिलाओं को रसोई गैस के लगभग 100 मिलियन कनेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं। स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन का प्रावधान सीधे पर्यावरण को प्रभावित करता है और महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार करता है। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में 2014 के बाद से तकनीकी शिक्षा में महिलाओं की संख्या दोगुनी हो गई है।

इतना ही नहीं, भारत में लगभग 43 प्रतिशत एसटीईएम यानी विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित स्नातक महिलाएं हैं। भारत में लगभग एक-चौथाई अंतरिक्ष वैज्ञानिक महिलाएं हैं। चंद्रयान, गगनयान और मिशन मंगल जैसे हमारे प्रमुख कार्यक्रमों की सफलता के पीछे महिला वैज्ञानिकों की प्रतिभा और कड़ी मेहनत का हाथ है। आज, भारत में उच्च शिक्षा में पुरुषों की तुलना में महिलाएं अधिक संख्‍या में प्रवेश ले रही हैं। नागरिक उड्डयन क्षेत्र में हम महिला पायलटों के उच्‍चतम प्रतिशत वालों में से हैं। साथ ही भारतीय वायुसेना में महिला पायलट अब लड़ाकू विमान उड़ा रही हैं। हमारे सभी सशस्त्र बलों में महिला अधिकारियों को ऑपरेशनल भूमिकाओं और लड़ाकू मोर्चों पर तैनात किया जा रहा है।

मित्रों,

भारत और ग्‍लोबल साउथ में महिलाएं ग्रामीण कृषि परिवारों की रीढ़ और छोटे व्‍यापारी और दुकानदार के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। प्रकृति के साथ उनके घनिष्ठ संबंध को देखते हुए महिलाएं जलवायु परिवर्तन के नवीन समाधानों की कुंजी रखती हैं। मुझे याद है कि कैसे महिलाओं ने 18वीं शताब्‍दी में भारत में पहली प्रमुख जलवायु कार्रवाई का नेतृत्व किया था। अमृता देवी के नेतृत्व में राजस्थान के बिश्नोई समुदाय ने 'चिपको आंदोलन' प्रारम्‍भ किया। यह अनिय‍ंत्रित लॉगिंग को रोकने के लिए पेड़ों को गले लगाने का एक आंदोलन था। उन्होंने कई अन्य ग्रामीणों के साथ प्रकृति के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। भारत में महिलाएं 'मिशन लाइफ'-पर्यावरण के लिए जीवनशैली की ब्रांड एंबेसडर भी रही हैं। वे पारंपरिक ज्ञान के आधार पर कम पुन: उपयोग, रिसाइकल और पुन: प्रयोजन करते हैं। विभिन्न पहलों के अंतर्गत महिलाएं सक्रिय रूप से सोलर पैनल और लाइट बनाने का प्रशिक्षण ले रही हैं। ‘सोलर मामा’ ग्‍लोबल साउथ में हमारे सहयोगी देशों के साथ सफल सहयोगी रहे हैं।

मित्रों,

महिला उद्यमियों का वैश्विक अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है। भारत में महिला उद्यमियों की भूमिका नई नहीं है। दशकों पहले 1959 में मुंबई में सात गुजराती महिलाएं एक ऐतिहासिक सहकारी आंदोलन - श्री महिला गृह उद्योग- बनाने के लिए एक साथ आईं। तब से इसने लाखों महिलाओं और उनके परिवारों के जीवन को बदल दिया है। उनका सबसे प्रसिद्ध उत्पाद लिज्जत पापड़, शायद गुजरात में आपके मेन्‍यू में होगा! हमारे सहकारी आंदोलन की एक और सफलता की कहानी डेयरी क्षेत्र है। यह भी महिलाओं द्वारा संचालित है। अकेले गुजरात में डेयरी क्षेत्र में 3.6 मिलियन महिलाएँ काम कर रही हैं और पूरे भारत में ऐसी अनेक प्रेरक कहानियाँ हैं। भारत में लगभग 15 प्रतिशत यूनिकॉर्न स्टार्ट-अप की संस्थापक कम से कम एक महिला है। महिलाओं के नेतृत्व वाले इन यूनिकॉर्न का संयुक्त मूल्य 40 बिलियन डॉलर से अधिक है। हमारा लक्ष्य एक ऐसा स्तरीय मंच तैयार करना होना चाहिए जहां उपलब्धि हासिल करने वाली महिलाएं मानक बन जाएं। हमें उन बाधाओं को दूर करने का काम करना चाहिए जो बाजारों, वैश्विक मूल्य-श्रृंखलाओं और किफायती वित्त तक उनकी पहुंच को रोकती हैं। साथ ही हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्‍यकता है कि देखभाल और घरेलू काम के बोझ का उचित रूप से समाधान किया जाए।

महामहिम,

महिला उद्यमिता, नेतृत्व और शिक्षा पर आपका ध्यान केंद्रित करना सराहनीय है। मुझे इस बात की भी प्रसन्‍नता है कि आप महिलाओं के लिए डिजिटल और वित्तीय साक्षरता बढ़ाने के लिए 'टेक-इक्विटी प्लेटफॉर्म' का शुभारंभ कर रहे हैं और मुझे हर्ष है कि भारतीय अध्यक्षता के अंतर्गत 'महिला सशक्तिकरण' पर एक नया कार्य समूह बनाने का निर्णय लिया गया है। गांधीनगर में आपके अथक प्रयास विश्‍वभर की महिलाओं को अपार आशा और विश्वास प्रदान करेंगे। मैं आपको उपयोगी और सफल बैठक की शुभकामनाएं देता हूं।

धन्यवाद।

आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Prime Minister condoles the loss of lives in the mishap in Chitradurga district of Karnataka
December 25, 2025
Announces ex-gratia from PMNRF

The Prime Minister, Shri Narendra Modi has condoled the loss of lives due to a mishap in Chitradurga district of Karnataka. Shri Modi also wished speedy recovery for those injured in the mishap.

The Prime Minister announced an ex-gratia from PMNRF of Rs. 2 lakh to the next of kin of each deceased and Rs. 50,000 for those injured.

The Prime Minister posted on X:

“Deeply saddened by the loss of lives due to a mishap in the Chitradurga district of Karnataka. Condolences to those who have lost their loved ones. May those injured recover at the earliest.

An ex-gratia of Rs. 2 lakh from PMNRF would be given to the next of kin of each deceased. The injured would be given Rs. 50,000: PM @narendramodi"