इस रविवार 22 मार्च को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक सभी देशवासियों को जनता-कर्फ्यू का पालन करना है: प्रधानमंत्री मोदी
मेरा सभी देशवासियों से ये आग्रह है कि आने वाले कुछ सप्ताह तक, जब बहुत जरूरी हो तभी अपने घर से बाहर निकलें, जितना संभव हो सके आप अपना काम चाहे बिजनेस से जुड़ा हो, ऑफिस से जुड़ा हो, अपने घर से ही करें: पीएम मोदी
आज हमें ये संकल्प लेना होगा कि हम स्वयं संक्रमित होने से बचेंगे और दूसरों को भी संक्रमित होने से बचाएंगे, इस तरह की वैश्विक महामारी में, एक ही मंत्र काम करता है- “हम स्वस्थ तो जग स्वस्थ”: प्रधानमंत्री

मेरे प्रिय देशवासियों,

पूरा विश्व इस समय संकट के बहुत बड़े गंभीर दौर से गुजर रहा है।आम तौर पर कभी जब कोई प्राकृतिक संकट आता है तो वो कुछ देशों या राज्यों तक ही सीमित रहता है।लेकिन इस बार ये संकट ऐसा है, जिसने विश्व भर में पूरी मानवजाति को संकट में डाल दिया है।

जब प्रथम विश्व युद्ध हुआ था, जब द्वितीय विश्व युद्ध हुआ था, तब भी इतने देश युद्ध से प्रभावित नहीं हुए थे,जितने आज कोरोना से हैं।

पिछले दो महीने से हम निरंतर दुनिया भर से आ रहीं कोरोना वायरस से जुड़ी चिंताजनक खबरें देख रहे हैं,सुन रहे हैं।

इन दो महीनों में भारत के130 करोड़ नागरिकों ने कोरोना वैश्विक महामारी का डटकर मुकाबला किया है, आवश्यक सावधानियां बरती हैं।

लेकिन,बीते कुछ दिनों से ऐसा भी लग रहा है जैसे हम संकट से बचे हुए हैं,सब कुछ ठीक है।

वैश्विक महामारी कोरोना से निश्चिंत हो जाने की ये सोच सही नहीं है।

इसलिए,प्रत्येक भारतवासी का सजग रहना,सतर्क रहना बहुत आवश्यक है।

साथियों,आपसे मैंने जब भी,जो भी मांगा है,मुझे कभी देशवासियों ने निराश नहीं किया है।ये आपके आशीर्वाद की ताकत है कि हमारे प्रयास सफल होते हैं।आज,मैं आप सभी देशवासियों से, आपसे,कुछ मांगने आया हूं।मुझे आपके आने वाले कुछ सप्ताह चाहिए,आपका आने वाला कुछ समय चाहिए।

साथियों,अभी तक विज्ञान,कोरोना महामारी से बचने के लिए,कोई निश्चित उपाय नहीं सुझा सका है और न ही इसकी कोई वैक्सीन बन पाई है।ऐसी स्थिति में चिंता बढ़नी बहुत स्वाभाविक है।

दुनिया के जिन देशों में कोरोना वायरस का प्रभाव ज्यादा देखा जा रहा है,वहां अध्ययन में एक और बात सामने आई है।

इन देशों में शुरुआती कुछ दिनों के बाद अचानक बीमारी का जैसे विस्फोट हुआ है।इन देशों में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ी है।भारत सरकार इस स्थिति पर, कोरोना के फैलाव के इस ट्रैक रिकॉर्ड पर पूरी तरह नजर रखे हुए है।

हालांकि कुछ देश ऐसे हैं जिन्होंने तेजी से फैसले लेकर,अपने यहां के लोगों को ज्यादा से ज्यादा Isolate करके स्थिति को सँभाला है।भारत जैसे130 करोड़ की आबादी वाले देश के सामने, विकास के लिए प्रयत्नशील देश के सामने,कोरोना का ये बढ़ता संकट सामान्य बात नहीं है।

आज जबबड़े-बड़े और विकसित देशों में हम कोरोना महामारी का व्यापक प्रभाव देख रहे हैं,

तो भारत पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा,ये मानना गलत है।

इसलिए, इस वैश्विक महामारी का मुकाबला करने के लिए दो प्रमुख बातों की आवश्यकता है।

पहला- संकल्पऔरदूसरा- संयम।

आज 130 करोड़ देशवासियों को अपना संकल्प और दृढ़ करना होगा कि हम इस वैश्विक महामारी को रोकने के लिए एक नागरिक के नाते,अपने कर्तव्य का पालन करेंगे,केंद्र सरकार,राज्य सरकारों के दिशा निर्देशों का पालन करेंगे।

आज हमें ये संकल्प लेना होगा कि हम स्वयं संक्रमित होने से बचेंगे और दूसरों को भी संक्रमित होने से बचाएंगे।

साथियों,इस तरह की वैश्विक महामारी में, एक ही मंत्र काम करता है- “हम स्वस्थ तो जग स्वस्थ”।

ऐसी स्थिति में,जब इस बीमारी की कोई दवा नहीं है,तो हमारा खुद का स्वस्थ बने रहना बहुत आवश्यक है।इस बीमारी से बचने और खुद के स्वस्थ बने रहने के लिए अनिवार्य है संयम।

और संयम का तरीका क्या है- भीड़ से बचना,घर से बाहर निकलने से बचना।आजकल जिसे Social Distancing कहा जा रहा है, कोरोना वैश्विक महामारी के इस दौर में,ये बहुत ज्यादा आवश्यक है।

हमारा संकल्प और संयम, इस वैश्विक महामारी के प्रभावों को कम करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाला है।

और इसलिए,अगर आपको लगता है कि आप ठीक हैं,आपको कुछ नहीं होगा,आप ऐसे ही मार्केट में घूमते रहेंगे,सड़कों पर जाते रहेंगे,और कोरोना से बचे रहेंगे, तो ये सोच सही नहीं है।

ऐसा करके आप अपने साथ और अपने परिवार के साथ अन्याय करेंगे।इसलिए मेरा सभी देशवासियों से ये आग्रह है कि आने वाले कुछ सप्ताह तक, जब बहुत जरूरी हो तभी अपने घर से बाहर निकलें।

जितना संभव हो सके,आप अपना काम,चाहे बिजनेस से जुड़ा हो,ऑफिस से जुड़ा हो,अपने घर से ही करें।

जो सरकारी सेवाओं में हैं, अस्पताल से जुड़े हैं,जन-प्रतिनिधि हैं, जो मीडिया कर्मी हैं,इनकी सक्रियता तो आवश्यक है लेकिन समाज के बाकी सभीलोगों को,खुद को बाकी समाज से Isolate कर लेना चाहिए।

मेरा एक और आग्रह है कि हमारे परिवार में जो भी सीनियर सिटिजन्स हों,65 वर्ष की आयु के ऊपर के व्यक्ति हों,वो आने वाले कुछ सप्ताह तक घर से बाहर न निकलें।

आज की पीढ़ी इससे बहुत परिचित नहीं होगी,लेकिन पुराने समय में जब युद्ध की स्थिति होती थी,

तो गाँव गाँव मेंBlackOutकिया जाता था। घरों के शीशों पर कागज़ लगाया जाता था, लाईटबंद कर दी जाती थी, लोग चौकी बनाकर पहरा देते थे |

ये कभी-कभी काफी लंबे समय तक चलता था। युद्ध ना भी हो तो भी बहुत सी जागरूक नगरपालिकाएं BlackOutकी ड्रिल भी कराती थी।

साथियों,मैं आज प्रत्येक देशवासी से एक और समर्थन मांग रहा हूं।ये है जनता-कर्फ्यू।

जनता कर्फ्यू यानि जनता के लिए,जनता द्वारा खुद पर लगाया गया कर्फ्यू।

इस रविवार,यानि22 मार्च को, सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक, सभी देशवासियों को,जनता-कर्फ्यू का पालन करना है।

इस दौरान हम न घरों से बाहर निकलेंगे, न सड़क पर जाएंगे, न मोहल्ले में कहीं जाएंगे।

सिर्फ आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोग ही 22 मार्च को अपने घरों से बाहर निकलेंगे।

साथियों,22 मार्च को हमारा ये प्रयास, हमारे आत्म-संयम,देशहित में कर्तव्य पालन के संकल्प का एक प्रतीक होगा। 22 मार्च को जनता-कर्फ्यू की सफलता, इसके अनुभव, हमें आने वाली चुनौतियों के लिए भी तैयार करेंगे।

मैं देश की सभी राज्य सरकारों से भी आग्रह करूंगा कि वोजनता-कर्फ्यूका पालन कराने का नेतृत्व करें।

NCC,NSS,से जुड़े युवाओं,देश के हर युवा,सिविल सोसायटी,हर प्रकार के संगठन,इन सभी से भी अनुरोध करूंगा कि अभी से लेकर अगले दो दिन तक सभी कोजनता-कर्फ्यूके बारे में जागरूक करें।

संभव हो तो हर व्यक्ति प्रतिदिन कम से कम10 लोगों को फोन करके कोरोना वायरस से बचाव के उपायों के साथ ही जनता-कर्फ्यू के बारे में भी बताए।

साथियों,ये जनता कर्फ्यू एक प्रकार से हमारे लिए,भारत के लिए एक कसौटी की तरह होगा।

ये कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई के लिए भारत कितना तैयार है, ये देखने और परखने का भी समय है।

आपके इन प्रयासों के बीच, जनता-कर्फ्यू के दिन,22 मार्च को मैं आपसे एक और सहयोग चाहता हूं।

साथियों,पिछले2 महीनों से लाखों लोग, अस्पतालों में,एयरपोर्ट्स पर,दिन रात काम में जुटे हुए हैं।

चाहेडॉक्टर हों,नर्स हों,हॉस्पिटल का स्टाफ हो,सफाई करने वाले भाई-बहन हों,एयरलाइंस के कर्मचारी हों, सरकारी कर्मचारी हों, पुलिसकर्मी हों,मीडिया कर्मी हों,रेलवे-बस-ऑटो रिक्शा की सुविधा से जुड़े लोग हों,होम डिलिवरी करने वाले लोग हों,ये लोग,अपनी परवाह न करते हुए,दूसरों की सेवा में लगे हुए हैं।

आज की परिस्थितियां देखें,तो ये सेवाएं सामान्य नहीं कही जा सकती।आज खुद इनके भी संक्रमित होने का पूरा खतरा है।

बावजूद इसके ये अपना कर्तव्य निभा रहे हैं,दूसरों की सेवा कर रहे हैं।ये राष्ट्र-रक्षक की तरह कोरोना महामारी और हमारे बीच में खड़े हैं।देश इनका कृतज्ञ है।

मैं चाहता हूं कि 22 मार्च, रविवार के दिन हम ऐसे सभी लोगों को धन्यवाद अर्पित करें।

रविवार को ठीक5 बजे,हम अपने घर के दरवाजे पर खड़े होकर,बाल्कनी में,खिड़कियों केसामने खड़े होकर5 मिनट तक ऐसे लोगों का आभार व्यक्त करें।

ताली बजाकर,थाली बजाकर या फिर घंटी बजाकर,हम इनका हौसला बढ़ाएं, सैल्यूट करें।

पूरे देश के स्थानीय प्रशासन से भी मेरा आग्रह है कि22 मार्च को5 बजे, सायरन की आवाज से इसकी सूचना लोगों तक पहुंचाएं।सेवा परमो धर्म के हमारे संस्कारों को मानने वाले ऐसे देशवासियों के लिए हमें पूरी श्रद्धा के साथ अपने भाव व्यक्त करने होंगे।

साथियों,संकट के इस समय में,आपको ये भी ध्यान रखना है कि हमारी आवश्यक सेवाओं पर,

हमारे हॉस्पिटलों पर दबाव भी निरंतर बढ़ रहा है।इसलिए मेरा आपसे आग्रह ये भी है कि रूटीन चेक-अप के लिए अस्पताल जाने से जितना बच सकते हैं,उतना बचें।

आपको बहुत जरूरी लग रहा हो तो अपनी जान-पहचान वाले डॉक्टर,आपके फैमिली डॉक्टर या अपनी रिश्तेदारी में जो डॉक्टर हों, उनसे फोन पर ही आवश्यक सलाह ले लें।अगर आपने इलेक्टिव सर्जरी, जो बहुत आवश्यक न हो, ऐसी सर्जरी, उसकी कोई डेट ले रखी है, तो मेरा आग्रह है कि इसे भी आगे बढ़वा दें,एक महीना बाद की तारीख ले लें।

साथियों,इस वैश्विक महामारी का अर्थव्यवस्था पर भी व्यापक प्रभाव पड़ रहा है।कोरोना महामारी से उत्पन्न हो रही आर्थिक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, वित्त मंत्री के नेतृत्व में सरकार ने एक

कोविड-19-Economic Response Task Forceके गठन का फैसला लिया है।

ये टास्क फोर्स सारे स्टेकहोल्डर्स से नियमित संपर्क में रहते हुए,फीडबैक लेते हुए,हर स्थिति का आकलन करते हुए निकट भविष्य में फैसले लेगी।

ये टास्क फोर्स,ये भी सुनिश्चित करेगी कि, आर्थिक मुश्किलों को कम करने के लिए जितने भी कदम उठाए जाएं,उन पर प्रभावी रूप से अमल हो।

निश्चित तौर पर ये महामारी ने देश के मध्यम वर्ग,निम्न मध्यम वर्ग और गरीब के आर्थिक हितों को भी गहरी क्षति पहुंचा रही है।

संकट के इस समय में मेरा देश के व्यापारी जगत,उच्च आय वर्ग से भी आग्रह है कि अगर संभव है तो आपजिन-जिन लोगों से सेवाएं लेते हैं, उनके आर्थिक हितों का ध्यान रखें।हो सकता है आने वाले कुछ दिनों में, ये लोग दफ्तर न आ पाएं, आपके घर न आ पाएं।ऐसे में उनका वेतन न काटें, पूरी मानवीयता के साथ, संवेदनशीलता के साथ फैसला लें।हमेशा याद रखिएगा,उन्हें भी अपना परिवार चलाना है, अपने परिवार को बीमारी से बचाना है।

मैं देशवासियों को इस बात के लिए भी आश्वस्त करता हूं कि देश में दूध,खाने-पीने का सामान, दवाइयां,जीवन के लिए ज़रूरी ऐसी आवश्यक चीज़ों की कमी ना हो इसके लिए तमाम कदम उठाए जा रहे हैं।

इसलिए मेरा सभी देशवासियों से ये आग्रह है कि ज़रूरी सामान संग्रह करने की होड़ न लगाएं।

आप सामान्य रूप से ही खरीदारी करें।Panic Buying न करें।

साथियों,पिछले दो महीनों में,130 करोड़ भारतीयों ने,देश के हर नागरिक ने, देश के सामने आए इस संकट को अपना संकट माना है,भारत के लिए,समाज के लिए उससे जो बन पड़ा है,उसने किया है।

मुझे भरोसा है कि आने वाले समय में भी आप अपने कर्तव्यों का,अपने दायित्वों का इसी तरह निर्वहन करते रहेंगे। nहां, मैं मानता हूं कि ऐसे समय में कुछ कठिनाइयां भी आती हैं, आशंकाओं और अफवाहों का वातावरण भी पैदा होता है।कई बार एक नागरिक के तौर पर हमारी अपेक्षाएं भी नहीं पूरी हो पातीं।फिर भी, ये संकट इतना बड़ा है कि सारे देशवासियों को इन दिक्कतों के बीच,

दृढ़ संकल्प के साथ इन कठिनाइयों का मुकाबला करना ही होगा।

साथियों,हमें अभी अपना सारा सामर्थ्य कोरोना से बचने में लगाना है।आज देश में केंद्र सरकार हो, राज्य सरकारें हों,स्थानीय निकाय हों,पंचायतें हों,जन-प्रतिनिधि हों या फिर सिविल सोसायटी,हर कोई अपने-अपने तरीके से इस वैश्विक महामारी से बचने में अपना योगदान दे रहा है।

आपको भी अपना पूरा योगदान देना है।ये आवश्यक है कि वैश्विक महामारी के इस वातावरण में मानव जाति विजयी हो, भारत विजयी हो।कुछ दिन में नवरात्रि का पर्व आ रहा है।ये शक्ति उपासना का पर्व है।भारत पूरी शक्ति के साथ आगे बढ़े, यही शुभकामना है।बहुत-बहुत धन्यवाद !!!

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PM Modi visits the Indian Arrival Monument
November 21, 2024

Prime Minister visited the Indian Arrival monument at Monument Gardens in Georgetown today. He was accompanied by PM of Guyana Brig (Retd) Mark Phillips. An ensemble of Tassa Drums welcomed Prime Minister as he paid floral tribute at the Arrival Monument. Paying homage at the monument, Prime Minister recalled the struggle and sacrifices of Indian diaspora and their pivotal contribution to preserving and promoting Indian culture and tradition in Guyana. He planted a Bel Patra sapling at the monument.

The monument is a replica of the first ship which arrived in Guyana in 1838 bringing indentured migrants from India. It was gifted by India to the people of Guyana in 1991.