Quoteगुयाना में प्रवासी भारतीयों ने कई क्षेत्रों में प्रभाव डाला है और गुयाना के विकास में योगदान दिया है: प्रधानमंत्री
Quoteआप किसी भारतीय को भारत से बाहर ले जा सकते हैं, लेकिन आप किसी भारतीय के अंतर्मन से भारत को नहीं निकाल सकते: प्रधानमंत्री
Quoteसंस्कृति, व्यंजन और क्रिकेट- ये तीन चीजें विशेष रूप से, भारत और गुयाना को गहराई से जोड़ती हैं: प्रधानमंत्री
Quoteपिछले दशक में भारत की यात्रा व्‍यापक, गतिशील और स्थिरता की रही है: प्रधानमंत्री
Quoteभारत का विकास न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि समावेशी भी है: प्रधानमंत्री
Quoteमैं सदैव अपने प्रवासी लोगों को राष्ट्रदूत कहता हूं, वे भारतीय संस्कृति और मूल्यों के राजदूत हैं: प्रधानमंत्री

गुयाना के राष्ट्रपति डॉ. इरफ़ान अली,

प्रधानमंत्री मार्क फिलिप्स,

उपराष्ट्रपति भरत जगदेव,

पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड रामोतार

गुयाना कैबिनेट के सदस्य,

भारत-गुयाना समुदाय के सदस्य,

देवियो और सज्जनो,

नमस्कार!

सीताराम!

आज आप सभी के बीच आकर मुझे बहुत खुशी हो रही है। सबसे पहले, मैं राष्ट्रपति इरफ़ान अली को हमारे साथ शामिल होने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। मेरे आगमन के बाद से मुझे जो प्यार और स्नेह मिला है, उससे मैं बहुत अभिभूत हूं। मैं राष्ट्रपति अली को मुझे अपने घर आमंत्रित करने के लिए धन्यवाद देता हूं। मैं उनके परिवार को उनके सौहार्द्र और सहृदयता के लिए धन्यवाद देता हूँ। आतिथ्य की भावना हमारी संस्कृति के मूल में है। मैं पिछले दो दिनों में इसे महसूस कर सकता हूं। राष्ट्रपति अली और उनकी दादी के साथ, हमने एक पेड़ भी लगाया। यह हमारी पहल, "एक पेड़ माँ के नाम" का हिस्सा है, अर्थात, "माँ के लिए एक पेड़"। यह एक भावनात्मक क्षण था जिसे मैं हमेशा याद रखूंगा।

|

मित्रो,

मुझे गुयाना के सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार 'ऑर्डर ऑफ एक्सीलेंस' प्राप्त करने पर बहुत सम्मानित महसूस हुआ। मैं इस सम्‍मान के लिए गुयाना के लोगों का धन्यवाद करता हूं। यह 1.4 बिलियन भारतीयों का सम्मान है। यह 3 लाख भारतीय-गुयाना समुदाय और गुयाना के विकास में उनके योगदान को मान्यता है।

मित्रो,

दो दशक पहले आपके अद्भुत देश की यात्रा की मेरी बहुत अच्छी स्‍मृतियां हैं। उस समय, मेरे पास कोई आधिकारिक पद नहीं था। मैं जिज्ञासा से भरे एक यात्री के रूप में गुयाना आया था। अब, मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कई नदियों की इस धरती पर वापस आया हूं। तब और अब के बीच बहुत सी चीजें बदल गई हैं। लेकिन मेरे गुयाना के भाइयों और बहनों का प्यार और स्नेह वैसा ही है! मेरे अनुभव ने पुष्टि की है कि आप एक भारतीय को भारत से बाहर ले जा सकते हैं, लेकिन आप भारत को एक भारतीय से बाहर नहीं निकाल सकते।

मित्रो,

आज, मैंने भारत आगमन स्मारक का दौरा किया। यह आपके पूर्वजों की लगभग दो शताब्दियों पहले की लंबी और कठिन यात्रा को जीवंत करता है। वे भारत के विभिन्न हिस्सों से आए थे। वे अपने साथ विभिन्न संस्कृतियां, भाषाएं और परंपराएं लेकर आए थे। समय के साथ, उन्होंने इस नई भूमि को अपना घर बना लिया। आज, ये भाषाएं, कहानियां और परंपराएं गुयाना की समृद्ध संस्कृति का हिस्सा हैं। मैं भारत-गुयाना समुदाय की भावना को सलाम करता हूं। आपने स्वतंत्रता और लोकतंत्र के लिए लड़ाई लड़ी। आपने गुयाना को सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनाने के लिए काम किया है। साधारण शुरुआत से आप शीर्ष पर पहुंचे हैं। श्री छेदी जगन कहा करते थे: "यह मायने नहीं रखता कि कोई व्यक्ति किस रूप में जन्म लेता है, बल्कि यह मायने रखता है कि वह क्या बनना चाहता है।" उन्होंने इन शब्दों को जीया भी। मजदूरों के परिवार का बेटा, वैश्विक कद का नेता बन गया। राष्ट्रपति इरफ़ान अली, उपराष्ट्रपति भरत जगदेव, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड रामोतार, वे सभी इंडो-गुयाना समुदाय के राजदूत हैं। जोसेफ रूहोमन, शुरुआती इंडो-गुयाना बुद्धिजीवियों में से एक, रामचरित लल्ला, पहले इंडो-गुयाना कवियों में से एक, शाना यार्डन, प्रसिद्ध महिला कवि, ऐसे कई इंडो-गुयाना ने शिक्षा और कला, संगीत और चिकित्सा पर प्रभाव डाला।

|

मित्रो,

हमारी समानताएं हमारी दोस्ती को एक मजबूत आधार प्रदान करती हैं। तीन चीजें, विशेष रूप से, भारत और गुयाना को गहराई से जोड़ती हैं। संस्कृति, भोजन और क्रिकेट! मुझे विश्‍वास है कि अभी कुछ हफ़्ते पहले, आप सभी ने दिवाली मनाई होगी, और कुछ महीनों में, जब भारत होली मनाएगा, तब गुयाना फगवा मनाएगा। इस साल, की दिवाली खास थी क्योंकि राम लला 500 साल बाद अयोध्या लौटे थे। भारत के लोगों को याद है कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए गुयाना से पवित्र जल और शिलाएं भी भेजी गई थीं। महासागरों की दूरी के बावजूद, भारत माता के साथ आपका सांस्कृतिक संबंध मजबूत है। आज जब मैंने आर्य समाज स्मारक और सरस्वती विद्या निकेतन स्कूल का दौरा किया तो मुझे यह महसूस हुआ। भारत और गुयाना दोनों को अपनी समृद्ध और विविध संस्कृति पर गर्व है। हम विविधता को केवल समायोजित करने के बजाय ए‍क उत्‍सव के रूप में देखते हैं। हमारे देश दिखा रहे हैं कि सांस्कृतिक विविधता कैसे हमारी ताकत है।

मित्रो,

भारत के लोग जहां भी जाते हैं, वे अपने साथ एक महत्वपूर्ण चीज़ ले जाते हैं। भोजन! इंडो-गुयाना समुदाय की एक अनूठी खाद्य परंपरा भी है जिसमें भारतीय और गुयाना दोनों तत्व हैं। मुझे पता है कि यहां दाल पूरी लोकप्रिय है! राष्ट्रपति अली के घर पर मैंने जो सात-करी का भोजन खाया, वह स्वादिष्ट था। यह मेरे लिए एक सुखद स्मृति रहेगी।

|

मित्रो,

क्रिकेट के प्रति प्रेम भी हमारे देशों को मजबूती से जोड़ता है। यह सिर्फ एक खेल नहीं है। यह जीवन जीने का एक तरीका है, जो हमारी राष्ट्रीय पहचान में गहराई से समाया हुआ है। गुयाना में प्रोविडेंस नेशनल क्रिकेट स्टेडियम हमारी दोस्ती का प्रतीक है। कन्हाई, कालीचरण, चंद्रपॉल सभी भारत में जाने-माने नाम हैं। क्लाइव लॉयड और उनकी टीम कई पीढ़ियों की पसंदीदा रही है। इस क्षेत्र के युवा खिलाड़ियों का भारत में भी बहुत बड़ा प्रशंसक वर्ग है। इनमें से कुछ महान क्रिकेटर आज हमारे साथ हैं। हमारे कई क्रिकेट प्रशंसकों ने इस साल आपके द्वारा आयोजित टी-20 विश्व कप का आनंद लिया। गुयाना में उनके मैच में 'टीम इन ब्लू' के लिए आपका जोश भारत में भी सुना जा सकता था!

मित्रो,

आज सुबह, मुझे गुयाना की संसद को संबोधित करने का सम्मान प्राप्‍त हुआ। लोकतंत्र की जननी से जुडे होने के कारण, मैंने कैरेबियाई क्षेत्र के सबसे जीवंत लोकतंत्रों में से एक के साथ आध्यात्मिक जुड़ाव महसूस किया। हमारा एक साझा इतिहास है जो हमें एक साथ बांधता है। औपनिवेशिक शासन के खिलाफ साझा संघर्ष, लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए प्यार और विविधता के लिए सम्मान। हमारा एक साझा भविष्य है जिसे हम बनाना चाहते हैं। विकास और वृद्धि की आकांक्षाएं, अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिकी के प्रति प्रतिबद्धता और न्यायपूर्ण तथा समावेशी विश्व व्यवस्था में विश्वास।

मित्रो,

मैं जानता हूं कि गुयाना के लोग भारत के शुभचिंतक हैं। आप भारत में हो रही प्रगति को करीब से देख रहे होंगे। पिछले एक दशक में भारत की यात्रा पैमाने, गति और स्थिरता की रही है। केवल 10 वर्षों में भारत दसवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से बढ़कर पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, और जल्द ही हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे। हमारे युवाओं ने हमें दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम बना दिया है। भारत ई-कॉमर्स, एआई, फिनटेक, कृषि, प्रौद्योगिकी और बहुत कुछ के लिए एक वैश्विक केंद्र है। हम मंगल और चंद्रमा तक पहुंच गए हैं। राजमार्गों से लेकर आई-वे, हवाई मार्गों से लेकर रेलवे तक, हम अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहे हैं। हमारे पास एक मजबूत सेवा क्षेत्र है। अब हम विनिर्माण क्षेत्र में भी मजबूत हो रहे हैं। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता देश बन गया है।

|

मित्रों,

भारत की वृद्धि न केवल प्रेरणादायक है बल्कि समावेशी भी है। हमारा डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा गरीबों को सशक्त बना रहा है। हमने लोगों के 500 मिलियन से ज़्यादा बैंक खाते खोले हैं। हमने इन बैंक खातों को डिजिटल पहचान और मोबाइल से जोड़ा है। इससे लोगों को सीधे उनके बैंक खातों में सहायता मिलती है। आयुष्मान भारत दुनिया की सबसे बड़ी नि:शुल्‍क स्वास्थ्य बीमा योजना है। इसका लाभ 500 मिलियन से ज़्यादा लोगों को मिल रहा है। हमने ज़रूरतमंदों के लिए 30 मिलियन से ज़्यादा घर बनाए हैं। सिर्फ़ एक दशक में हमने 250 मिलियन लोगों को ग़रीबी से बाहर निकाला है। ग़रीबों में भी हमारी पहलों का सबसे ज़्यादा लाभ महिलाओं को मिला है। लाखों महिलाएं ज़मीनी स्तर पर उद्यमी बन रही हैं, रोज़गार और अवसरों का सृजन कर रही हैं।

मित्रों,

जब बड़े पैमाने पर यह विकास हो रहा था, हमने स्थिरता पर भी ध्यान केंद्रित किया। सिर्फ एक दशक में, हमारी सौर ऊर्जा क्षमता 30 गुना बढ़ गई है! क्या आप कल्पना कर सकते हैं? हम पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण के साथ, हरित गतिशीलता की ओर बढ़ गए हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी, हमने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कई पहलों में अहम भूमिका निभाई है। अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन, वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन, आपदा रोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन, इनमें से कई पहलों का विशेष ध्यान ग्‍लोबल साउथ को सशक्त बनाने पर है। हमने अंतर्राष्ट्रीय बिग कैट अलायंस का भी समर्थन किया है। गुयाना, अपने राष्‍ट्रीय पशु जगुआर के साथ, इससे लाभान्वित हो रहा है।

|

मित्रो,

पिछले साल, हमने प्रवासी भारतीय दिवस के मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रपति इरफ़ान अली की मेजबानी की थी। हमने प्रधानमंत्री मार्क फिलिप्स, उपराष्ट्रपति भरत जगदेव का स्‍वागत किया। हमने कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के लिए मिलकर काम किया है। आज, हम अपने सहयोग के दायरे को ऊर्जा से उद्यम तक, आयुर्वेद से कृषि तक, बुनियादी ढांचे से नवाचार तक, स्वास्थ्य सेवा से मानव संसाधन तक और डेटा से विकास तक व्यापक बनाने पर सहमत हुए हैं। हमारी साझेदारी व्यापक क्षेत्र के लिए भी महत्वपूर्ण है। कल आयोजित किया गया दूसरा भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन भी उसी का प्रमाण है। संयुक्त राष्ट्र के सदस्य के रूप में, हम दोनों सुधरे हुए बहुपक्षवाद में विश्वास रखते हैं। विकासशील देशों के रूप में, हम ग्‍लोबल साउथ की शक्ति को समझते हैं। हम रणनीतिक स्वायत्तता चाहते हैं और समावेशी विकास का समर्थन करते हैं। हम सतत विकास और जलवायु न्याय को प्राथमिकता देते हैं। और, हम वैश्विक संकटों को दूर करने के लिए बातचीत एवं कूटनीति का आह्वान करना जारी रखते हैं।

|

मित्रों,

मैं हमेशा अपने प्रवासी समुदाय को राष्ट्रदूत कहता हूं। एक राजदूत एक राष्‍ट्रदूत होता है, लेकिन मेरे लिए आप सभी राष्ट्रदूत हैं। वे भारतीय संस्कृति और मूल्यों के राजदूत हैं। ऐसा कहा जाता है कि किसी भी सांसारिक सुख की तुलना मां की गोद में मिलने वाले आराम से नहीं की जा सकती है। आप, इंडो-गुयाना समुदाय, दोहरे रूप से धन्य हैं। आपकी मातृभूमि गुयाना है और आपकी पैतृक भूमि भारत माता है। आज जब भारत अवसरों की भूमि है, तो आप में से हर कोई हमारे दोनों देशों को जोड़ने में बड़ी भूमिका निभा सकता है।

मित्रो,

‘भारत को जानिए क्विज़’ लांच कर दी गई है। मैं आपसे इसमें भाग लेने का आह्वान करता हूं। साथ ही, गुयाना के अपने दोस्तों को भी प्रोत्साहित करें। यह भारत, उसके मूल्यों, संस्कृति और विविधता को समझने का एक अच्छा अवसर होगा।


मित्रो,

अगले वर्ष 13 जनवरी से 26 फरवरी तक प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन किया जाएगा। मैं आपको अपने परिवार और दोस्तों के साथ इस समागम में शामिल होने के लिए आमंत्रित करता हूं। आप बस्ती या गोंडा जा सकते हैं, जहां से आप में से कई लोग आए हैं। आप अयोध्या में राम मंदिर भी देख सकते हैं। एक अन्‍य आमंत्रण प्रवासी भारतीय दिवस के लिए है जो जनवरी में भुवनेश्वर में आयोजित किया जाएगा। अगर आप आते हैं, तो आप पुरी में महाप्रभु जगन्नाथ का आशीर्वाद भी ले सकते हैं। इतने सारे कार्यक्रमों और आमंत्रणों के साथ, मुझे उम्मीद है कि आप में से कई लोग जल्द ही भारत आएंगे। एक बार फिर, आप सभी को उस प्यार और स्नेह के लिए धन्यवाद, जो आपने मुझे दिया है।

|

धन्यवाद।
बहुत-बहुत धन्यवाद।

और मेरे दोस्त अली को विशेष धन्यवाद। बहुत-बहुत धन्यवाद।

 

Explore More
हर भारतीय का खून खौल रहा है: ‘मन की बात’ में पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

हर भारतीय का खून खौल रहा है: ‘मन की बात’ में पीएम मोदी
From Playground To Podium: PM Modi’s Sports Bill Heralds A New Era For Khel And Khiladi

Media Coverage

From Playground To Podium: PM Modi’s Sports Bill Heralds A New Era For Khel And Khiladi
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
President’s address on the eve of 79th Independence Day highlights the collective progress of our nation and the opportunities ahead: PM
August 14, 2025

Prime Minister Shri Narendra Modi today shared the thoughtful address delivered by President of India, Smt. Droupadi Murmu, on the eve of 79th Independence Day. He said the address highlighted the collective progress of our nation and the opportunities ahead and the call to every citizen to contribute towards nation-building.

In separate posts on X, he said:

“On the eve of our Independence Day, Rashtrapati Ji has given a thoughtful address in which she has highlighted the collective progress of our nation and the opportunities ahead. She reminded us of the sacrifices that paved the way for India's freedom and called upon every citizen to contribute towards nation-building.

@rashtrapatibhvn

“स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर माननीय राष्ट्रपति जी ने अपने संबोधन में बहुत ही महत्वपूर्ण बातें कही हैं। इसमें उन्होंने सामूहिक प्रयासों से भारत की प्रगति और भविष्य के अवसरों पर विशेष रूप से प्रकाश डाला है। राष्ट्रपति जी ने हमें उन बलिदानों की याद दिलाई, जिनसे देश की आजादी का सपना साकार हुआ। इसके साथ ही उन्होंने देशवासियों से राष्ट्र-निर्माण में बढ़-चढ़कर भागीदारी का आग्रह भी किया है।

@rashtrapatibhvn