Quote“हमारे लिये प्रौद्योगिकी देशवासियों के सशक्तिकरण का माध्यम है। हमारे लिये प्रौद्योगिकी देश को आत्मनिर्भर बनाने का आधार है। यही परिकल्पना इस वर्ष के बजट में भी परिलक्षित होती है”
Quote“बजट में 5-जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिये एक स्पष्ट खाका दिया गया है और मजबूत 5-जी इको-सिस्टम से जुड़ी डिजाइन-आधारित निर्माण के लिये पीएलआई योजनाओं का प्रस्ताव किया गया है”
Quote“हमें इस बात पर जोर देना होगा कि हम जीवन सुगमता के लिये प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक इस्तेमाल कैसे करें”
Quote“कोविड के समय टीका उत्पादन में हमारी आत्म-वहनीयता से दुनिया ने हमारी विश्वसनीयता को देखा है। हमें हर सेक्टर में यही सफलता दोहरानी है”

 

नमस्कार!

आप सबको पता है कि हमने पिछले दो वर्षों से एक नयी परंपरा शुरू की है। एक तो बजट को हमने एक महीना पहले prepone किया है। और एक अप्रैल से बजट लागू होता है, तो in between हमें दो महीने तैयारी के लिए मिल जाते हैं। और हम प्रयास ये कर रहे हैं कि बजट के प्रकाश में सारे stakeholders मिलकर Private, Public, State Government, Central Government, सरकार के भिन्न- भिन्न Department. बजट की लाईट में हम जल्दी से जल्दी चीजों को जमीन पर कैसे उतारें, Seamlessly कैसे उतारें और optimum outcome उस पर हमारा बल कैसे हो, इसमें जीतने आप लोगों के सुझाव मिलेंगे, उससे शायद सरकार को अपनी निर्णय प्रक्रिया को भी सरल करने में सुविधा होगी।

Implementation का रोड मैप भी अच्छा बनेगा। और Full stop, comma के कारण कभी-कभी एक आद चीज छह-छह महीनों तक फाइलों में लटकती रहती है, उन सारी चीजों से बचने के लिए हम आप लोगों के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं। आपके सुझावों को लेकर चलना चाहते हैं। ये चर्चा बजट में ऐसा होना चाहिए था, और ऐसा होना चाहिए था। इसके लिए तो संभव नहीं, क्योंकि वो काम पार्लियामेंट ने कर लिया है। लेकिन जो कुछ भी है, उसका अच्छे से अच्छा फायदा जनता तक कैसे पहुंचे, देश को कैसे मिले। और हम सब मिलकर कैसे काम करे, इसलिए हमारी ये चर्चा है। आपने देखा होगा इस बार बजट में science and technology से जुड़े जो निर्णय हुए हैं। ये सारे निर्णय वाकई बहुत महत्वपूर्ण हैं। बजट की घोषणाओं का Implementation भी उतनी ही तेजी से हो, ये Webinar इस दिशा में एक collaborative effort है।

Friends,

हमारी सरकार के लिए science and technology सिर्फ एक isolated sector नहीं है। आज Economy की फील्ड में हमारा विज़न, डिजिटल Economy और फिनटेक जैसे आधारों से जुड़ा है। इन्फ्रास्ट्रचर के फील्ड में हमारा Development Vision, Advanced Technology पर बेस्ड है। पब्लिक सर्विसेस और लास्ट माइल डिलीवरी भी अब डेटा के जरिए डिजिटल प्लेटफ़ार्म्स से जुड़ रही हैं। हमारे लिए Technology, देश के सामान्य से सामान्य नागरिक को empower करने का एक सशक्त माध्यम है। हमारे लिए Technology, देश को आत्मनिर्भर बनाने का प्रमुख आधार है।

और जब मैं भारत के आत्मनिर्भरता की बात करता हूं, तो आज भी आपने अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडन का भाषण सुबह सुना होगा। उन्होंने भी अमेरिका को आत्मनिर्भर बनाने की बात कही है। अमेरिका में मेक इन अमेरिका के लिए उन्होंने आज बड़ा जोर दिया है। और इसलिए हम जानते हैं कि दुनिया में जो नई व्यवस्थाएं बन रही हैं। उसमें हमारे लिए भी बहुत आवश्यक है, कि हम आत्मनिर्भरता के साथ आगे बढ़ें। और इस बजट में उन चीजों पर ही बल दिया गया है, आप देखते होंगे।

Friends,

इस बार हमारे बजट में sunrise sectors पर खास ज़ोर दिया गया है। Artificial Intelligence, Geospatial Systems, Drones से लेकर Semi-conductors और Space technology तक, Genomics, Pharmaceuticals और Clean Technologies से लेकर 5G तक, ये सभी सेक्टर्स आज देश की प्राथमिकता हैं। बजट में sunrise sectors के लिए thematic funds को भी promote करने की बात कही गई है।

आप जानते हैं कि बजट में इसी साल 5G spectrum के auctions को लेकर बहुत स्पष्ट रोडमैप बताया गया है। देश में strong 5G eco-system ने इससे जुड़ी हुई design-led manufacturing के लिए भी बजट में PLI scheme propose की गई है। मैं अपने प्राइवेट सेक्टर को विशेष तौर पर आग्रह करुंगा कि इन फैसलों से जो नई संभावनाएं बन रही हैं, उस पर detailed discussions आप लोग जरूर करें और concrete सुझावों के साथ हम एक सामूहिक प्रयास से आगे बढ़ें।

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साथियों,

कहा जाता है कि Science is Universal but Technology must be Local. साइंस के सिद्धांतों से हम परिचित हैं, लेकिन Technology का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल Ease of Living के लिए कैसे करें, हमें इस पर भी जोर देना होगा। आज हम तेजी से घरों का निर्माण कर रहे हैं, रेल-रोड, एयरवे-वॉटरवे और ऑप्टिकल फाइबर में भी अभूतपूर्व निवेश हो रहा है। इसमें और गति लाने के लिए पीएम गतिशक्ति के विजन के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं। इस विजन को टेक्नोलॉजी से निरंतर कैसे मदद मिल सकती है, इस पर हमें काम करना होगा।

आपको पता है कि हाउसिंग सेक्टर में देश में 6 बड़े लाइटहाउस प्रोजेक्ट्स पर काम किया जा रहा है। घरों के निर्माण में हम आधुनिक टेक्नोलॉजी को जोड़ रहे हैं। हम टेक्नोलॉजी के माध्यम से इसकी गति और कैसे तेज कर सकते हैं, और विस्तार कैसे दे सकते हैं, इस पर भी आप सबका सहयोग हमें चाहिए, सक्रिय योगदान चाहिए और innovative ideas के साथ चाहिए। आज हम मेडिकल साइंस देख रहे हैं। मेडिकल साइंस भी करीब–करीब टेक्नोलॉजी ड्रिवेन हो गया है।

अब ज्यादा से ज्यादा मेडिकल Equipment's का निर्माण भारत में हो, और भारत की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर हो, उसमें टेक्नोलॉजी की कैसे मदद ली जा सकती है, इस ओर भी हम सबको मिलकर के ध्यान देना है। और शायद आप ज्यादा उसमें Contribution कर सकते हैं। आज आप देखिए एक क्षेत्र जो इतनी तेजी से फला-फुला है, गेमिंग का। अब विश्व में इसका बहुत बड़ा मार्केट बन गया है। युवा पीढ़ी बड़ी तेजी से जुड़ गई है। इस बजट में हमने AVGC- यानि Animation Visual Effects Gaming Comic पर बहुत जोर दिया है।

इस दिशा में भी जब भारत के आईटी के समन्वय ने दुनिया में अपनी इज्जत कमाई है। हम अब ऐसे specific area में अपनी ताकत खड़ी कर सकते हैं। क्या आप अपने प्रयास इसमें बढ़ा सकते हैं? इसी तरह भारतीय खिलौनों का भी बहुत बड़ा मार्केट है। और आज जो बच्चें हैं, उनको खिलौनों में किसी न किसी टेक्नोलॉजी के होने को पसंद करते हैं। क्या हम हमारे देश के बच्चों के अनुकुल टेक्नोलॉजी से जुड़े हुए खिलौने और उसका दुनिया में मार्केट में पहुंचाने के विषय के बारे में सोच सकते हैं क्या? ऐसे ही, कम्यूनिकेशन सेक्टर में नई टेक्नोलॉजी लाने के लिए भी हम सबको हमारे प्रयासों को और अधिक गति देने की जरूरत है।

सर्वर भारत में ही हों, विदेशों पर निर्भरता कम से कम हो, और communication के संबंध में security angle नए-नए जुड़ते चले जा रहे हैं। हमें बड़ी जागरुकता के साथ इस ओर अपने प्रयास बढ़ाने ही होंगे। फिनटेक के संबंध में भी भारत ने पिछले दिनों कमाल कर दिया है। लोग मानते थे कि हमारे देश में ये क्षेत्र? लेकिन मोबाइल फोन से भी फाइनेंशियल एक्टिविटी में जिस प्रकार से हमारे गांव भी जुड रहे हैं। इसका मतलब हुआ फिनटेक में भी ज्यादा से ज्यादा आधुनिक टेक्नोलॉजी का समावेश आज हमारे लिए समय की मांग है।

इसमें सिक्योरिटी भी है। फरवरी 2020 में देश ने Geo-spatial डेटा को लेकर पुराने तौर-तरीके बदल दिए हैं। इससे geo-spatial के लिए infinite new possibilities, new opportunities open हुई हैं। हमारे प्राइवेट सेक्टर को इसका पूरा लाभ उठाना चाहिए।

साथियों,

कोविड के समय हमारी self-sustainability से लेकर vaccine production तक हमारी reliability को दुनिया ने देखा है। इसी सक्सेस को हमें हर सेक्टर में replicate करना है। इसमें हमारी इंडस्ट्री की, आप सबकी बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी है। देश में एक robust data security framework भी बहुत जरूरी है। डेटा का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाने के लिए डेटा governance भी आवश्यक है। ऐसे में इसके standards और norms भी हमें सेट करने होंगे। हम इस दिशा में कैसे आगे बढ़ें, आप सभी मिलकर एक रोडमैप तय कर सकते हैं।

Friends,

आज भारत के पास दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा और fastest growing Start-up Eco-system है। मैं अपने स्टार्टप्स को भरोसा देना चाहता हूँ, कि सरकार उनके साथ पूरी शक्ति से खड़ी है। बजट में युवाओं की skilling, re-skilling और up-skilling के लिए portal का प्रस्ताव भी रखा गया है। इससे युवाओं को API based trusted skill credentials, payment और discovery layers के जरिए सही जॉब्स और opportunities मिलेंगी।

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Friends,

देश में manufacturing को promote करने के लिए हमने 14 key sectors में 2 लाख करोड़ रुपए की PLI scheme शुरू की है। इस वेबिनार से इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए मुझे practical ideas की अपेक्षा है। seamless implementation के रास्ते आप हमें सुझाइये। Citizen services के लिए हम optic fibre का और बेहतर इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं। हमारे गांव का दूर-दराज का विद्यार्थी भी हिन्दुस्तान की Top Most education system का लाभ इस टेक्नोलॉजी के माध्यम से अपने घर में कैसे ले सकता है? मेडिक्ल सेवाएं कैसे ले सकता है? Agriculture में innovation का लाभ किसान, मेरा छोटा किसान कैसे ले सकता है? जब उसके हाथ में मोबाइल है। दुनिया में सारी चीजें एवलेबल हैं। हमें इसको seamlessly कनेक्ट करना है। मैं चाहता हूं और इसके लिए मुझे आप सभी महानुभावों से innovative सुझाव की जरूरत है।

साथियों,

e-waste जैसी technology से जुड़ी जो चुनौतियाँ विश्व के सामने हैं, उनका समाधान भी technology से ही होगा। मेरा आपसे विशेष आग्रह है कि इस वेबिनार में आप सर्कुलर इकॉनॉमी, e-waste management और electric mobility जैसे solutions पर भी फोकस करें, देश को निर्णायक समाधान दें।

मुझे पूरा भरोसा है, आपके प्रयासों से देश अपने लक्ष्यों तक जरूर पहुंचेगा। और मैं फिर से कहुंगा कि ये वेबिनार सरकार की तरफ से आपको ज्ञान परोसने का नहीं है। इस वेबिनार में आपसे सरकार को आईडियाज चाहिए, आपसे सरकार को नए–नए तौर – तरीकें चाहिए, ताकि गति कैसे बढ़े। और हम जल्दी से जल्दी हमें जो पैसे लगाए हैं, जो बजट खर्च किया है, जो सोचा है, उस पर हम पहली तिमाही में ही कुछ करके दिखा सकते हैं क्या? Time- Bound प्रोग्राम बना सकते हैं क्या? मुझे विश्वास है आप इस फील्ड में हैं।

आपको हर बारीकियों का पता है। कहां कठिनाईयां हैं, उसका पता है। क्या करने से अच्छे से अच्छे तरीके से हो सकता है, तेज गति से हो सकता है आपको सब पता है। हम मिलकर बैठकर के इसको आगे बढ़ाना चाहते हैं। मैं आपको इस वेबिनार के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएँ देता हूं।

धन्यवाद !

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140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

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आज भारत सिर्फ Nation of Dreams नहीं, बल्कि Nation That Delivers भी है: TV9 समिट में पीएम मोदी
March 28, 2025
QuoteToday, the world's eyes are on India: PM
QuoteIndia's youth is rapidly becoming skilled and driving innovation forward: PM
Quote"India First" has become the mantra of India's foreign policy: PM
QuoteToday, India is not just participating in the world order but also contributing to shaping and securing the future: PM
QuoteIndia has given Priority to humanity over monopoly: PM
QuoteToday, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM

श्रीमान रामेश्वर गारु जी, रामू जी, बरुन दास जी, TV9 की पूरी टीम, मैं आपके नेटवर्क के सभी दर्शकों का, यहां उपस्थित सभी महानुभावों का अभिनंदन करता हूं, इस समिट के लिए बधाई देता हूं।

TV9 नेटवर्क का विशाल रीजनल ऑडियंस है। और अब तो TV9 का एक ग्लोबल ऑडियंस भी तैयार हो रहा है। इस समिट में अनेक देशों से इंडियन डायस्पोरा के लोग विशेष तौर पर लाइव जुड़े हुए हैं। कई देशों के लोगों को मैं यहां से देख भी रहा हूं, वे लोग वहां से वेव कर रहे हैं, हो सकता है, मैं सभी को शुभकामनाएं देता हूं। मैं यहां नीचे स्क्रीन पर हिंदुस्तान के अनेक शहरों में बैठे हुए सब दर्शकों को भी उतने ही उत्साह, उमंग से देख रहा हूं, मेरी तरफ से उनका भी स्वागत है।

साथियों,

आज विश्व की दृष्टि भारत पर है, हमारे देश पर है। दुनिया में आप किसी भी देश में जाएं, वहां के लोग भारत को लेकर एक नई जिज्ञासा से भरे हुए हैं। आखिर ऐसा क्या हुआ कि जो देश 70 साल में ग्यारहवें नंबर की इकोनॉमी बना, वो महज 7-8 साल में पांचवे नंबर की इकोनॉमी बन गया? अभी IMF के नए आंकड़े सामने आए हैं। वो आंकड़े कहते हैं कि भारत, दुनिया की एकमात्र मेजर इकोनॉमी है, जिसने 10 वर्षों में अपने GDP को डबल किया है। बीते दशक में भारत ने दो लाख करोड़ डॉलर, अपनी इकोनॉमी में जोड़े हैं। GDP का डबल होना सिर्फ आंकड़ों का बदलना मात्र नहीं है। इसका impact देखिए, 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं, और ये 25 करोड़ लोग एक नियो मिडिल क्लास का हिस्सा बने हैं। ये नियो मिडिल क्लास, एक प्रकार से नई ज़िंदगी शुरु कर रहा है। ये नए सपनों के साथ आगे बढ़ रहा है, हमारी इकोनॉमी में कंट्रीब्यूट कर रहा है, और उसको वाइब्रेंट बना रहा है। आज दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी हमारे भारत में है। ये युवा, तेज़ी से स्किल्ड हो रहा है, इनोवेशन को गति दे रहा है। और इन सबके बीच, भारत की फॉरेन पॉलिसी का मंत्र बन गया है- India First, एक जमाने में भारत की पॉलिसी थी, सबसे समान रूप से दूरी बनाकर चलो, Equi-Distance की पॉलिसी, आज के भारत की पॉलिसी है, सबके समान रूप से करीब होकर चलो, Equi-Closeness की पॉलिसी। दुनिया के देश भारत की ओपिनियन को, भारत के इनोवेशन को, भारत के एफर्ट्स को, जैसा महत्व आज दे रहे हैं, वैसा पहले कभी नहीं हुआ। आज दुनिया की नजर भारत पर है, आज दुनिया जानना चाहती है, What India Thinks Today.

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साथियों,

भारत आज, वर्ल्ड ऑर्डर में सिर्फ पार्टिसिपेट ही नहीं कर रहा, बल्कि फ्यूचर को शेप और सेक्योर करने में योगदान दे रहा है। दुनिया ने ये कोरोना काल में अच्छे से अनुभव किया है। दुनिया को लगता था कि हर भारतीय तक वैक्सीन पहुंचने में ही, कई-कई साल लग जाएंगे। लेकिन भारत ने हर आशंका को गलत साबित किया। हमने अपनी वैक्सीन बनाई, हमने अपने नागरिकों का तेज़ी से वैक्सीनेशन कराया, और दुनिया के 150 से अधिक देशों तक दवाएं और वैक्सीन्स भी पहुंचाईं। आज दुनिया, और जब दुनिया संकट में थी, तब भारत की ये भावना दुनिया के कोने-कोने तक पहुंची कि हमारे संस्कार क्या हैं, हमारा तौर-तरीका क्या है।

साथियों,

अतीत में दुनिया ने देखा है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद जब भी कोई वैश्विक संगठन बना, उसमें कुछ देशों की ही मोनोपोली रही। भारत ने मोनोपोली नहीं बल्कि मानवता को सर्वोपरि रखा। भारत ने, 21वीं सदी के ग्लोबल इंस्टीट्यूशन्स के गठन का रास्ता बनाया, और हमने ये ध्यान रखा कि सबकी भागीदारी हो, सबका योगदान हो। जैसे प्राकृतिक आपदाओं की चुनौती है। देश कोई भी हो, इन आपदाओं से इंफ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान होता है। आज ही म्यांमार में जो भूकंप आया है, आप टीवी पर देखें तो बहुत बड़ी-बड़ी इमारतें ध्वस्त हो रही हैं, ब्रिज टूट रहे हैं। और इसलिए भारत ने Coalition for Disaster Resilient Infrastructure - CDRI नाम से एक वैश्विक नया संगठन बनाने की पहल की। ये सिर्फ एक संगठन नहीं, बल्कि दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं के लिए तैयार करने का संकल्प है। भारत का प्रयास है, प्राकृतिक आपदा से, पुल, सड़कें, बिल्डिंग्स, पावर ग्रिड, ऐसा हर इंफ्रास्ट्रक्चर सुरक्षित रहे, सुरक्षित निर्माण हो।

साथियों,

भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए हर देश का मिलकर काम करना बहुत जरूरी है। ऐसी ही एक चुनौती है, हमारे एनर्जी रिसोर्सेस की। इसलिए पूरी दुनिया की चिंता करते हुए भारत ने International Solar Alliance (ISA) का समाधान दिया है। ताकि छोटे से छोटा देश भी सस्टेनबल एनर्जी का लाभ उठा सके। इससे क्लाइमेट पर तो पॉजिटिव असर होगा ही, ये ग्लोबल साउथ के देशों की एनर्जी नीड्स को भी सिक्योर करेगा। और आप सबको ये जानकर गर्व होगा कि भारत के इस प्रयास के साथ, आज दुनिया के सौ से अधिक देश जुड़ चुके हैं।

साथियों,

बीते कुछ समय से दुनिया, ग्लोबल ट्रेड में असंतुलन और लॉजिस्टिक्स से जुड़ी challenges का सामना कर रही है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए भी भारत ने दुनिया के साथ मिलकर नए प्रयास शुरु किए हैं। India–Middle East–Europe Economic Corridor (IMEC), ऐसा ही एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। ये प्रोजेक्ट, कॉमर्स और कनेक्टिविटी के माध्यम से एशिया, यूरोप और मिडिल ईस्ट को जोड़ेगा। इससे आर्थिक संभावनाएं तो बढ़ेंगी ही, दुनिया को अल्टरनेटिव ट्रेड रूट्स भी मिलेंगे। इससे ग्लोबल सप्लाई चेन भी और मजबूत होगी।

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साथियों,

ग्लोबल सिस्टम्स को, अधिक पार्टिसिपेटिव, अधिक डेमोक्रेटिक बनाने के लिए भी भारत ने अनेक कदम उठाए हैं। और यहीं, यहीं पर ही भारत मंडपम में जी-20 समिट हुई थी। उसमें अफ्रीकन यूनियन को जी-20 का परमानेंट मेंबर बनाया गया है। ये बहुत बड़ा ऐतिहासिक कदम था। इसकी मांग लंबे समय से हो रही थी, जो भारत की प्रेसीडेंसी में पूरी हुई। आज ग्लोबल डिसीजन मेकिंग इंस्टीट्यूशन्स में भारत, ग्लोबल साउथ के देशों की आवाज़ बन रहा है। International Yoga Day, WHO का ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के लिए ग्लोबल फ्रेमवर्क, ऐसे कितने ही क्षेत्रों में भारत के प्रयासों ने नए वर्ल्ड ऑर्डर में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है, और ये तो अभी शुरूआत है, ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर भारत का सामर्थ्य नई ऊंचाई की तरफ बढ़ रहा है।

साथियों,

21वीं सदी के 25 साल बीत चुके हैं। इन 25 सालों में 11 साल हमारी सरकार ने देश की सेवा की है। और जब हम What India Thinks Today उससे जुड़ा सवाल उठाते हैं, तो हमें ये भी देखना होगा कि Past में क्या सवाल थे, क्या जवाब थे। इससे TV9 के विशाल दर्शक समूह को भी अंदाजा होगा कि कैसे हम, निर्भरता से आत्मनिर्भरता तक, Aspirations से Achievement तक, Desperation से Development तक पहुंचे हैं। आप याद करिए, एक दशक पहले, गांव में जब टॉयलेट का सवाल आता था, तो माताओं-बहनों के पास रात ढलने के बाद और भोर होने से पहले का ही जवाब होता था। आज उसी सवाल का जवाब स्वच्छ भारत मिशन से मिलता है। 2013 में जब कोई इलाज की बात करता था, तो महंगे इलाज की चर्चा होती थी। आज उसी सवाल का समाधान आयुष्मान भारत में नजर आता है। 2013 में किसी गरीब की रसोई की बात होती थी, तो धुएं की तस्वीर सामने आती थी। आज उसी समस्या का समाधान उज्ज्वला योजना में दिखता है। 2013 में महिलाओं से बैंक खाते के बारे में पूछा जाता था, तो वो चुप्पी साध लेती थीं। आज जनधन योजना के कारण, 30 करोड़ से ज्यादा बहनों का अपना बैंक अकाउंट है। 2013 में पीने के पानी के लिए कुएं और तालाबों तक जाने की मजबूरी थी। आज उसी मजबूरी का हल हर घर नल से जल योजना में मिल रहा है। यानि सिर्फ दशक नहीं बदला, बल्कि लोगों की ज़िंदगी बदली है। और दुनिया भी इस बात को नोट कर रही है, भारत के डेवलपमेंट मॉडल को स्वीकार रही है। आज भारत सिर्फ Nation of Dreams नहीं, बल्कि Nation That Delivers भी है।

साथियों,

जब कोई देश, अपने नागरिकों की सुविधा और समय को महत्व देता है, तब उस देश का समय भी बदलता है। यही आज हम भारत में अनुभव कर रहे हैं। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। पहले पासपोर्ट बनवाना कितना बड़ा काम था, ये आप जानते हैं। लंबी वेटिंग, बहुत सारे कॉम्प्लेक्स डॉक्यूमेंटेशन का प्रोसेस, अक्सर राज्यों की राजधानी में ही पासपोर्ट केंद्र होते थे, छोटे शहरों के लोगों को पासपोर्ट बनवाना होता था, तो वो एक-दो दिन कहीं ठहरने का इंतजाम करके चलते थे, अब वो हालात पूरी तरह बदल गया है, एक आंकड़े पर आप ध्यान दीजिए, पहले देश में सिर्फ 77 पासपोर्ट सेवा केंद्र थे, आज इनकी संख्या 550 से ज्यादा हो गई है। पहले पासपोर्ट बनवाने में, और मैं 2013 के पहले की बात कर रहा हूं, मैं पिछले शताब्दी की बात नहीं कर रहा हूं, पासपोर्ट बनवाने में जो वेटिंग टाइम 50 दिन तक होता था, वो अब 5-6 दिन तक सिमट गया है।

साथियों,

ऐसा ही ट्रांसफॉर्मेशन हमने बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में भी देखा है। हमारे देश में 50-60 साल पहले बैंकों का नेशनलाइजेशन किया गया, ये कहकर कि इससे लोगों को बैंकिंग सुविधा सुलभ होगी। इस दावे की सच्चाई हम जानते हैं। हालत ये थी कि लाखों गांवों में बैंकिंग की कोई सुविधा ही नहीं थी। हमने इस स्थिति को भी बदला है। ऑनलाइन बैंकिंग तो हर घर में पहुंचाई है, आज देश के हर 5 किलोमीटर के दायरे में कोई न कोई बैंकिंग टच प्वाइंट जरूर है। और हमने सिर्फ बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का ही दायरा नहीं बढ़ाया, बल्कि बैंकिंग सिस्टम को भी मजबूत किया। आज बैंकों का NPA बहुत कम हो गया है। आज बैंकों का प्रॉफिट, एक लाख 40 हज़ार करोड़ रुपए के नए रिकॉर्ड को पार कर चुका है। और इतना ही नहीं, जिन लोगों ने जनता को लूटा है, उनको भी अब लूटा हुआ धन लौटाना पड़ रहा है। जिस ED को दिन-रात गालियां दी जा रही है, ED ने 22 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक वसूले हैं। ये पैसा, कानूनी तरीके से उन पीड़ितों तक वापिस पहुंचाया जा रहा है, जिनसे ये पैसा लूटा गया था।

साथियों,

Efficiency से गवर्नमेंट Effective होती है। कम समय में ज्यादा काम हो, कम रिसोर्सेज़ में अधिक काम हो, फिजूलखर्ची ना हो, रेड टेप के बजाय रेड कार्पेट पर बल हो, जब कोई सरकार ये करती है, तो समझिए कि वो देश के संसाधनों को रिस्पेक्ट दे रही है। और पिछले 11 साल से ये हमारी सरकार की बड़ी प्राथमिकता रहा है। मैं कुछ उदाहरणों के साथ अपनी बात बताऊंगा।

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साथियों,

अतीत में हमने देखा है कि सरकारें कैसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिनिस्ट्रीज में accommodate करने की कोशिश करती थीं। लेकिन हमारी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ही कई मंत्रालयों का विलय कर दिया। आप सोचिए, Urban Development अलग मंत्रालय था और Housing and Urban Poverty Alleviation अलग मंत्रालय था, हमने दोनों को मर्ज करके Housing and Urban Affairs मंत्रालय बना दिया। इसी तरह, मिनिस्ट्री ऑफ ओवरसीज़ अफेयर्स अलग था, विदेश मंत्रालय अलग था, हमने इन दोनों को भी एक साथ जोड़ दिया, पहले जल संसाधन, नदी विकास मंत्रालय अलग था, और पेयजल मंत्रालय अलग था, हमने इन्हें भी जोड़कर जलशक्ति मंत्रालय बना दिया। हमने राजनीतिक मजबूरी के बजाय, देश की priorities और देश के resources को आगे रखा।

साथियों,

हमारी सरकार ने रूल्स और रेगुलेशन्स को भी कम किया, उन्हें आसान बनाया। करीब 1500 ऐसे कानून थे, जो समय के साथ अपना महत्व खो चुके थे। उनको हमारी सरकार ने खत्म किया। करीब 40 हज़ार, compliances को हटाया गया। ऐसे कदमों से दो फायदे हुए, एक तो जनता को harassment से मुक्ति मिली, और दूसरा, सरकारी मशीनरी की एनर्जी भी बची। एक और Example GST का है। 30 से ज्यादा टैक्सेज़ को मिलाकर एक टैक्स बना दिया गया है। इसको process के, documentation के हिसाब से देखें तो कितनी बड़ी बचत हुई है।

साथियों,

सरकारी खरीद में पहले कितनी फिजूलखर्ची होती थी, कितना करप्शन होता था, ये मीडिया के आप लोग आए दिन रिपोर्ट करते थे। हमने, GeM यानि गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म बनाया। अब सरकारी डिपार्टमेंट, इस प्लेटफॉर्म पर अपनी जरूरतें बताते हैं, इसी पर वेंडर बोली लगाते हैं और फिर ऑर्डर दिया जाता है। इसके कारण, भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम हुई है, और सरकार को एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की बचत भी हुई है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर- DBT की जो व्यवस्था भारत ने बनाई है, उसकी तो दुनिया में चर्चा है। DBT की वजह से टैक्स पेयर्स के 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा, गलत हाथों में जाने से बचे हैं। 10 करोड़ से ज्यादा फर्ज़ी लाभार्थी, जिनका जन्म भी नहीं हुआ था, जो सरकारी योजनाओं का फायदा ले रहे थे, ऐसे फर्जी नामों को भी हमने कागजों से हटाया है।

साथियों,

 

हमारी सरकार टैक्स की पाई-पाई का ईमानदारी से उपयोग करती है, और टैक्सपेयर का भी सम्मान करती है, सरकार ने टैक्स सिस्टम को टैक्सपेयर फ्रेंडली बनाया है। आज ITR फाइलिंग का प्रोसेस पहले से कहीं ज्यादा सरल और तेज़ है। पहले सीए की मदद के बिना, ITR फाइल करना मुश्किल होता था। आज आप कुछ ही समय के भीतर खुद ही ऑनलाइन ITR फाइल कर पा रहे हैं। और रिटर्न फाइल करने के कुछ ही दिनों में रिफंड आपके अकाउंट में भी आ जाता है। फेसलेस असेसमेंट स्कीम भी टैक्सपेयर्स को परेशानियों से बचा रही है। गवर्नेंस में efficiency से जुड़े ऐसे अनेक रिफॉर्म्स ने दुनिया को एक नया गवर्नेंस मॉडल दिया है।

साथियों,

पिछले 10-11 साल में भारत हर सेक्टर में बदला है, हर क्षेत्र में आगे बढ़ा है। और एक बड़ा बदलाव सोच का आया है। आज़ादी के बाद के अनेक दशकों तक, भारत में ऐसी सोच को बढ़ावा दिया गया, जिसमें सिर्फ विदेशी को ही बेहतर माना गया। दुकान में भी कुछ खरीदने जाओ, तो दुकानदार के पहले बोल यही होते थे – भाई साहब लीजिए ना, ये तो इंपोर्टेड है ! आज स्थिति बदल गई है। आज लोग सामने से पूछते हैं- भाई, मेड इन इंडिया है या नहीं है?

साथियों,

आज हम भारत की मैन्युफैक्चरिंग एक्सीलेंस का एक नया रूप देख रहे हैं। अभी 3-4 दिन पहले ही एक न्यूज आई है कि भारत ने अपनी पहली MRI मशीन बना ली है। अब सोचिए, इतने दशकों तक हमारे यहां स्वदेशी MRI मशीन ही नहीं थी। अब मेड इन इंडिया MRI मशीन होगी तो जांच की कीमत भी बहुत कम हो जाएगी।

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साथियों,

आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया अभियान ने, देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को एक नई ऊर्जा दी है। पहले दुनिया भारत को ग्लोबल मार्केट कहती थी, आज वही दुनिया, भारत को एक बड़े Manufacturing Hub के रूप में देख रही है। ये सक्सेस कितनी बड़ी है, इसके उदाहरण आपको हर सेक्टर में मिलेंगे। जैसे हमारी मोबाइल फोन इंडस्ट्री है। 2014-15 में हमारा एक्सपोर्ट, वन बिलियन डॉलर तक भी नहीं था। लेकिन एक दशक में, हम ट्वेंटी बिलियन डॉलर के फिगर से भी आगे निकल चुके हैं। आज भारत ग्लोबल टेलिकॉम और नेटवर्किंग इंडस्ट्री का एक पावर सेंटर बनता जा रहा है। Automotive Sector की Success से भी आप अच्छी तरह परिचित हैं। इससे जुड़े Components के एक्सपोर्ट में भी भारत एक नई पहचान बना रहा है। पहले हम बहुत बड़ी मात्रा में मोटर-साइकल पार्ट्स इंपोर्ट करते थे। लेकिन आज भारत में बने पार्ट्स UAE और जर्मनी जैसे अनेक देशों तक पहुंच रहे हैं। सोलर एनर्जी सेक्टर ने भी सफलता के नए आयाम गढ़े हैं। हमारे सोलर सेल्स, सोलर मॉड्यूल का इंपोर्ट कम हो रहा है और एक्सपोर्ट्स 23 गुना तक बढ़ गए हैं। बीते एक दशक में हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट भी 21 गुना बढ़ा है। ये सारी अचीवमेंट्स, देश की मैन्युफैक्चरिंग इकोनॉमी की ताकत को दिखाती है। ये दिखाती है कि भारत में कैसे हर सेक्टर में नई जॉब्स भी क्रिएट हो रही हैं।

साथियों,

TV9 की इस समिट में, विस्तार से चर्चा होगी, अनेक विषयों पर मंथन होगा। आज हम जो भी सोचेंगे, जिस भी विजन पर आगे बढ़ेंगे, वो हमारे आने वाले कल को, देश के भविष्य को डिजाइन करेगा। पिछली शताब्दी के इसी दशक में, भारत ने एक नई ऊर्जा के साथ आजादी के लिए नई यात्रा शुरू की थी। और हमने 1947 में आजादी हासिल करके भी दिखाई। अब इस दशक में हम विकसित भारत के लक्ष्य के लिए चल रहे हैं। और हमें 2047 तक विकसित भारत का सपना जरूर पूरा करना है। और जैसा मैंने लाल किले से कहा है, इसमें सबका प्रयास आवश्यक है। इस समिट का आयोजन कर, TV9 ने भी अपनी तरफ से एक positive initiative लिया है। एक बार फिर आप सभी को इस समिट की सफलता के लिए मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं हैं।

मैं TV9 को विशेष रूप से बधाई दूंगा, क्योंकि पहले भी मीडिया हाउस समिट करते रहे हैं, लेकिन ज्यादातर एक छोटे से फाइव स्टार होटल के कमरे में, वो समिट होती थी और बोलने वाले भी वही, सुनने वाले भी वही, कमरा भी वही। TV9 ने इस परंपरा को तोड़ा और ये जो मॉडल प्लेस किया है, 2 साल के भीतर-भीतर देख लेना, सभी मीडिया हाउस को यही करना पड़ेगा। यानी TV9 Thinks Today वो बाकियों के लिए रास्ता खोल देगा। मैं इस प्रयास के लिए बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं, आपकी पूरी टीम को, और सबसे बड़ी खुशी की बात है कि आपने इस इवेंट को एक मीडिया हाउस की भलाई के लिए नहीं, देश की भलाई के लिए आपने उसकी रचना की। 50,000 से ज्यादा नौजवानों के साथ एक मिशन मोड में बातचीत करना, उनको जोड़ना, उनको मिशन के साथ जोड़ना और उसमें से जो बच्चे सिलेक्ट होकर के आए, उनकी आगे की ट्रेनिंग की चिंता करना, ये अपने आप में बहुत अद्भुत काम है। मैं आपको बहुत बधाई देता हूं। जिन नौजवानों से मुझे यहां फोटो निकलवाने का मौका मिला है, मुझे भी खुशी हुई कि देश के होनहार लोगों के साथ, मैं अपनी फोटो निकलवा पाया। मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं दोस्तों कि आपके साथ मेरी फोटो आज निकली है। और मुझे पक्का विश्वास है कि सारी युवा पीढ़ी, जो मुझे दिख रही है, 2047 में जब देश विकसित भारत बनेगा, सबसे ज्यादा बेनिफिशियरी आप लोग हैं, क्योंकि आप उम्र के उस पड़ाव पर होंगे, जब भारत विकसित होगा, आपके लिए मौज ही मौज है। आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद।