“हमारे लिये प्रौद्योगिकी देशवासियों के सशक्तिकरण का माध्यम है। हमारे लिये प्रौद्योगिकी देश को आत्मनिर्भर बनाने का आधार है। यही परिकल्पना इस वर्ष के बजट में भी परिलक्षित होती है”
“बजट में 5-जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिये एक स्पष्ट खाका दिया गया है और मजबूत 5-जी इको-सिस्टम से जुड़ी डिजाइन-आधारित निर्माण के लिये पीएलआई योजनाओं का प्रस्ताव किया गया है”
“हमें इस बात पर जोर देना होगा कि हम जीवन सुगमता के लिये प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक इस्तेमाल कैसे करें”
“कोविड के समय टीका उत्पादन में हमारी आत्म-वहनीयता से दुनिया ने हमारी विश्वसनीयता को देखा है। हमें हर सेक्टर में यही सफलता दोहरानी है”

 

नमस्कार!

आप सबको पता है कि हमने पिछले दो वर्षों से एक नयी परंपरा शुरू की है। एक तो बजट को हमने एक महीना पहले prepone किया है। और एक अप्रैल से बजट लागू होता है, तो in between हमें दो महीने तैयारी के लिए मिल जाते हैं। और हम प्रयास ये कर रहे हैं कि बजट के प्रकाश में सारे stakeholders मिलकर Private, Public, State Government, Central Government, सरकार के भिन्न- भिन्न Department. बजट की लाईट में हम जल्दी से जल्दी चीजों को जमीन पर कैसे उतारें, Seamlessly कैसे उतारें और optimum outcome उस पर हमारा बल कैसे हो, इसमें जीतने आप लोगों के सुझाव मिलेंगे, उससे शायद सरकार को अपनी निर्णय प्रक्रिया को भी सरल करने में सुविधा होगी।

Implementation का रोड मैप भी अच्छा बनेगा। और Full stop, comma के कारण कभी-कभी एक आद चीज छह-छह महीनों तक फाइलों में लटकती रहती है, उन सारी चीजों से बचने के लिए हम आप लोगों के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं। आपके सुझावों को लेकर चलना चाहते हैं। ये चर्चा बजट में ऐसा होना चाहिए था, और ऐसा होना चाहिए था। इसके लिए तो संभव नहीं, क्योंकि वो काम पार्लियामेंट ने कर लिया है। लेकिन जो कुछ भी है, उसका अच्छे से अच्छा फायदा जनता तक कैसे पहुंचे, देश को कैसे मिले। और हम सब मिलकर कैसे काम करे, इसलिए हमारी ये चर्चा है। आपने देखा होगा इस बार बजट में science and technology से जुड़े जो निर्णय हुए हैं। ये सारे निर्णय वाकई बहुत महत्वपूर्ण हैं। बजट की घोषणाओं का Implementation भी उतनी ही तेजी से हो, ये Webinar इस दिशा में एक collaborative effort है।

Friends,

हमारी सरकार के लिए science and technology सिर्फ एक isolated sector नहीं है। आज Economy की फील्ड में हमारा विज़न, डिजिटल Economy और फिनटेक जैसे आधारों से जुड़ा है। इन्फ्रास्ट्रचर के फील्ड में हमारा Development Vision, Advanced Technology पर बेस्ड है। पब्लिक सर्विसेस और लास्ट माइल डिलीवरी भी अब डेटा के जरिए डिजिटल प्लेटफ़ार्म्स से जुड़ रही हैं। हमारे लिए Technology, देश के सामान्य से सामान्य नागरिक को empower करने का एक सशक्त माध्यम है। हमारे लिए Technology, देश को आत्मनिर्भर बनाने का प्रमुख आधार है।

और जब मैं भारत के आत्मनिर्भरता की बात करता हूं, तो आज भी आपने अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडन का भाषण सुबह सुना होगा। उन्होंने भी अमेरिका को आत्मनिर्भर बनाने की बात कही है। अमेरिका में मेक इन अमेरिका के लिए उन्होंने आज बड़ा जोर दिया है। और इसलिए हम जानते हैं कि दुनिया में जो नई व्यवस्थाएं बन रही हैं। उसमें हमारे लिए भी बहुत आवश्यक है, कि हम आत्मनिर्भरता के साथ आगे बढ़ें। और इस बजट में उन चीजों पर ही बल दिया गया है, आप देखते होंगे।

Friends,

इस बार हमारे बजट में sunrise sectors पर खास ज़ोर दिया गया है। Artificial Intelligence, Geospatial Systems, Drones से लेकर Semi-conductors और Space technology तक, Genomics, Pharmaceuticals और Clean Technologies से लेकर 5G तक, ये सभी सेक्टर्स आज देश की प्राथमिकता हैं। बजट में sunrise sectors के लिए thematic funds को भी promote करने की बात कही गई है।

आप जानते हैं कि बजट में इसी साल 5G spectrum के auctions को लेकर बहुत स्पष्ट रोडमैप बताया गया है। देश में strong 5G eco-system ने इससे जुड़ी हुई design-led manufacturing के लिए भी बजट में PLI scheme propose की गई है। मैं अपने प्राइवेट सेक्टर को विशेष तौर पर आग्रह करुंगा कि इन फैसलों से जो नई संभावनाएं बन रही हैं, उस पर detailed discussions आप लोग जरूर करें और concrete सुझावों के साथ हम एक सामूहिक प्रयास से आगे बढ़ें।

साथियों,

कहा जाता है कि Science is Universal but Technology must be Local. साइंस के सिद्धांतों से हम परिचित हैं, लेकिन Technology का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल Ease of Living के लिए कैसे करें, हमें इस पर भी जोर देना होगा। आज हम तेजी से घरों का निर्माण कर रहे हैं, रेल-रोड, एयरवे-वॉटरवे और ऑप्टिकल फाइबर में भी अभूतपूर्व निवेश हो रहा है। इसमें और गति लाने के लिए पीएम गतिशक्ति के विजन के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं। इस विजन को टेक्नोलॉजी से निरंतर कैसे मदद मिल सकती है, इस पर हमें काम करना होगा।

आपको पता है कि हाउसिंग सेक्टर में देश में 6 बड़े लाइटहाउस प्रोजेक्ट्स पर काम किया जा रहा है। घरों के निर्माण में हम आधुनिक टेक्नोलॉजी को जोड़ रहे हैं। हम टेक्नोलॉजी के माध्यम से इसकी गति और कैसे तेज कर सकते हैं, और विस्तार कैसे दे सकते हैं, इस पर भी आप सबका सहयोग हमें चाहिए, सक्रिय योगदान चाहिए और innovative ideas के साथ चाहिए। आज हम मेडिकल साइंस देख रहे हैं। मेडिकल साइंस भी करीब–करीब टेक्नोलॉजी ड्रिवेन हो गया है।

अब ज्यादा से ज्यादा मेडिकल Equipment's का निर्माण भारत में हो, और भारत की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर हो, उसमें टेक्नोलॉजी की कैसे मदद ली जा सकती है, इस ओर भी हम सबको मिलकर के ध्यान देना है। और शायद आप ज्यादा उसमें Contribution कर सकते हैं। आज आप देखिए एक क्षेत्र जो इतनी तेजी से फला-फुला है, गेमिंग का। अब विश्व में इसका बहुत बड़ा मार्केट बन गया है। युवा पीढ़ी बड़ी तेजी से जुड़ गई है। इस बजट में हमने AVGC- यानि Animation Visual Effects Gaming Comic पर बहुत जोर दिया है।

इस दिशा में भी जब भारत के आईटी के समन्वय ने दुनिया में अपनी इज्जत कमाई है। हम अब ऐसे specific area में अपनी ताकत खड़ी कर सकते हैं। क्या आप अपने प्रयास इसमें बढ़ा सकते हैं? इसी तरह भारतीय खिलौनों का भी बहुत बड़ा मार्केट है। और आज जो बच्चें हैं, उनको खिलौनों में किसी न किसी टेक्नोलॉजी के होने को पसंद करते हैं। क्या हम हमारे देश के बच्चों के अनुकुल टेक्नोलॉजी से जुड़े हुए खिलौने और उसका दुनिया में मार्केट में पहुंचाने के विषय के बारे में सोच सकते हैं क्या? ऐसे ही, कम्यूनिकेशन सेक्टर में नई टेक्नोलॉजी लाने के लिए भी हम सबको हमारे प्रयासों को और अधिक गति देने की जरूरत है।

सर्वर भारत में ही हों, विदेशों पर निर्भरता कम से कम हो, और communication के संबंध में security angle नए-नए जुड़ते चले जा रहे हैं। हमें बड़ी जागरुकता के साथ इस ओर अपने प्रयास बढ़ाने ही होंगे। फिनटेक के संबंध में भी भारत ने पिछले दिनों कमाल कर दिया है। लोग मानते थे कि हमारे देश में ये क्षेत्र? लेकिन मोबाइल फोन से भी फाइनेंशियल एक्टिविटी में जिस प्रकार से हमारे गांव भी जुड रहे हैं। इसका मतलब हुआ फिनटेक में भी ज्यादा से ज्यादा आधुनिक टेक्नोलॉजी का समावेश आज हमारे लिए समय की मांग है।

इसमें सिक्योरिटी भी है। फरवरी 2020 में देश ने Geo-spatial डेटा को लेकर पुराने तौर-तरीके बदल दिए हैं। इससे geo-spatial के लिए infinite new possibilities, new opportunities open हुई हैं। हमारे प्राइवेट सेक्टर को इसका पूरा लाभ उठाना चाहिए।

साथियों,

कोविड के समय हमारी self-sustainability से लेकर vaccine production तक हमारी reliability को दुनिया ने देखा है। इसी सक्सेस को हमें हर सेक्टर में replicate करना है। इसमें हमारी इंडस्ट्री की, आप सबकी बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी है। देश में एक robust data security framework भी बहुत जरूरी है। डेटा का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाने के लिए डेटा governance भी आवश्यक है। ऐसे में इसके standards और norms भी हमें सेट करने होंगे। हम इस दिशा में कैसे आगे बढ़ें, आप सभी मिलकर एक रोडमैप तय कर सकते हैं।

Friends,

आज भारत के पास दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा और fastest growing Start-up Eco-system है। मैं अपने स्टार्टप्स को भरोसा देना चाहता हूँ, कि सरकार उनके साथ पूरी शक्ति से खड़ी है। बजट में युवाओं की skilling, re-skilling और up-skilling के लिए portal का प्रस्ताव भी रखा गया है। इससे युवाओं को API based trusted skill credentials, payment और discovery layers के जरिए सही जॉब्स और opportunities मिलेंगी।

Friends,

देश में manufacturing को promote करने के लिए हमने 14 key sectors में 2 लाख करोड़ रुपए की PLI scheme शुरू की है। इस वेबिनार से इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए मुझे practical ideas की अपेक्षा है। seamless implementation के रास्ते आप हमें सुझाइये। Citizen services के लिए हम optic fibre का और बेहतर इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं। हमारे गांव का दूर-दराज का विद्यार्थी भी हिन्दुस्तान की Top Most education system का लाभ इस टेक्नोलॉजी के माध्यम से अपने घर में कैसे ले सकता है? मेडिक्ल सेवाएं कैसे ले सकता है? Agriculture में innovation का लाभ किसान, मेरा छोटा किसान कैसे ले सकता है? जब उसके हाथ में मोबाइल है। दुनिया में सारी चीजें एवलेबल हैं। हमें इसको seamlessly कनेक्ट करना है। मैं चाहता हूं और इसके लिए मुझे आप सभी महानुभावों से innovative सुझाव की जरूरत है।

साथियों,

e-waste जैसी technology से जुड़ी जो चुनौतियाँ विश्व के सामने हैं, उनका समाधान भी technology से ही होगा। मेरा आपसे विशेष आग्रह है कि इस वेबिनार में आप सर्कुलर इकॉनॉमी, e-waste management और electric mobility जैसे solutions पर भी फोकस करें, देश को निर्णायक समाधान दें।

मुझे पूरा भरोसा है, आपके प्रयासों से देश अपने लक्ष्यों तक जरूर पहुंचेगा। और मैं फिर से कहुंगा कि ये वेबिनार सरकार की तरफ से आपको ज्ञान परोसने का नहीं है। इस वेबिनार में आपसे सरकार को आईडियाज चाहिए, आपसे सरकार को नए–नए तौर – तरीकें चाहिए, ताकि गति कैसे बढ़े। और हम जल्दी से जल्दी हमें जो पैसे लगाए हैं, जो बजट खर्च किया है, जो सोचा है, उस पर हम पहली तिमाही में ही कुछ करके दिखा सकते हैं क्या? Time- Bound प्रोग्राम बना सकते हैं क्या? मुझे विश्वास है आप इस फील्ड में हैं।

आपको हर बारीकियों का पता है। कहां कठिनाईयां हैं, उसका पता है। क्या करने से अच्छे से अच्छे तरीके से हो सकता है, तेज गति से हो सकता है आपको सब पता है। हम मिलकर बैठकर के इसको आगे बढ़ाना चाहते हैं। मैं आपको इस वेबिनार के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएँ देता हूं।

धन्यवाद !

Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
PLI, Make in India schemes attracting foreign investors to India: CII

Media Coverage

PLI, Make in India schemes attracting foreign investors to India: CII
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।