'युवा ऊर्जा से देश के विकास को नई गति मिल रही है'
'आठ साल के छोटे से कालखंड में, देश की स्टार्टअप कहानी में बड़ा बदलाव आया है'
'2014 के बाद, सरकार ने युवाओं की नवाचार क्षमता पर भरोसा जताया और एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र तैयार किया'
'7 साल पहले स्टार्ट-अप इंडिया की शुरुआत विचारों को नवोन्मेष में बदलने और उसे उद्योग तक ले जाने की दिशा में एक बड़ा कदम था'
'व्यापार करने में सुगमता के साथ ही भारत में रहना भी आसान बनाने पर काफी जोर है'

नमस्कार!

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्रीमान शिवराज सिंह चौहान, एमपी सरकार के सभी मंत्रीगण, सांसदगण, विधायकगण, स्टार्ट अप्स की दुनिया के मेरे साथियों, देवियों और सज्जनों !

आप सबने देखा होगा शायद मैं मध्यप्रदेश की युवा प्रतिभाओं से, स्टार्टअप्स से जुड़े कुछ नौजवानों से मैं चर्चा कर रहा था और मैं अनुभव करता था, आप भी अनुभव करते होंगे और एक बात पक्की है कि जब दिल में जोश हो, नई उमंगें हों, innovation का जज्बा हो तो उसका प्रभाव साफ नजर आता है और उमंग ने तो इस प्रकार का भाषण भी दे दिया आज। आप सबसे मुझे जो बात करने का अवसर मिला और जिन्होंने इस बात को सुना होगा वो पूरे विश्वास के साथ यह कह सकता है कि आज देश में जितनी proactive स्टार्टअप नीति है, उतना ही परिश्रमी स्टार्टअप नेतृत्व भी है। इसीलिए, देश एक नई युवा ऊर्जा के साथ विकास को गति दे रहा है। आज मध्य प्रदेश में स्टार्ट अप पोर्टल और i-Hub इंदौर का शुभारंभ हुआ है। एमपी की स्टार्ट अप नीति के तहत स्टार्ट अप्स और इंक्यूबेटर्स को वित्तीय सहायता भी दी गई है। मैं इन प्रयासों के लिए, और इस आयोजन के लिए मध्य प्रदेश सरकार को, देश के स्टार्ट अप इकोसिस्टम को, और आप सबको बहुत-बहुत बधाई देता हूँ।

साथियों,

आपको याद होगा, 2014 में जब हमारी सरकार आई थी, तो देश में 300-400 के आस-पास स्टार्ट-अप्स हुआ करते थे और कोई स्टार्ट-अप शब्द भी सुनाई भी नहीं देता था, ना उसकी कोई चर्चा हुआ करती थी। लेकिन आज आठ वर्ष के छोटे से कालखंड में भारत में स्टार्ट अप्स की दुनिया ही बदल चुकी है। आज हमारे देश में करीब 70 हजार recognized स्टार्टअप्स हैं। आज भारत में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप eco-system है। हम दुनिया के सबसे बड़े यूनिकॉर्न हब्स में भी एक ताकत के रूप में उभर रहे हैं। आज औसतन 8 या 10 दिन के भीतर-भीतर भारत में एक स्टार्ट अप, यूनिकॉर्न बन जाता है यूनिकॉर्न में बदल रहा है। अब आप कल्पना कर सकते हैं कि शून्य से शुरू करके, किसी एक स्टार्ट अप का यूनिकॉर्न बनने का मतलब होता है कि इतने कम समय में करीब-करीब 7 हजार करोड़ रुपए की पूंजी तक पहुंचना, तब एक यूनिकॉर्न बनता है और आज 8–10 दिन में एक नया यूनिकॉर्न इस देश में हमारे नौजवान बना रहे हैं।

साथियों,

ये भारत के युवाओं का सामर्थ्य है, सफलता की नई ऊंचाई प्राप्त करने की इच्छाशक्ति का उदाहरण है। और मैं अर्थ जगत के नीतियों का अध्ययन करने वाले जानकारों को एक बात नोट करने को कहूंगा। भारत में जितना बड़ा हमारे स्टार्टअप्स का एक वॉल्यूम है, उतनी ही उसकी diversity भी है। ये स्टार्टअप्स किसी एक राज्य या दो-चार मेट्रो सिटीज़ तक सीमित नहीं हैं। ये स्टार्टअप्स हिन्दुस्तान के अनेक राज्यों में, हिन्दुस्तान के अनेक छोटे-छोटे शहरों में फैले हुए हैं। इतना ही नहीं एक मोटा-मोटा अगर मैं हिसाब लगाऊं तो 50 से ज्यादा अलग-अलग प्रकार की इंडस्ट्रीज़ से स्टार्ट-अप्स जुड़े हुए हैं। ये देश के प्रत्येक राज्य और साढ़े 6 सौ से ज्यादा जिलों में फैले हुए हैं। करीब 50 प्रतिशत स्टार्टअप्स तो ऐसे हैं, जो tier 2 और tier 3 सिटी में आते हैं। अक्सर कुछ लोगों को भ्रम हो जाता है कि स्टार्ट अप यानि कंप्यूटर से जुड़ा हुआ ये नौजवानों का कोई खेल चल रहा है, कुछ कारोबार चल रहा है। ये भ्रम है, हकीकत ये है कि स्टार्ट अप का दायरा और विस्तार बहुत बड़ा है। स्टार्ट अप्स हमें कठिन चुनौती का सरल समाधान देते हैं। और हम देख रहे हैं कि कल के स्टार्स अप्स, आज के मल्टीनेशनल्स बन रहे हैं। मुझे खुशी है कि आज एग्रीकल्चर के क्षेत्र में, रीटेल बिजनेस के क्षेत्र में, हेल्थ सेक्टर में नए-नए स्टार्ट अप्स उभरकर के आ रहे हैं।

साथियों,

आज जब हम दुनिया को भारत के स्टार्ट अप इकोसिस्टम की प्रशंसा करते हुए सुनते हैं। हर हिन्दुस्तानी को गर्व होता है। लेकिन साथियों, एक सवाल भी है। 8 साल पहले तक जो स्टार्ट अप शब्द कुछ गलियारों में ही, कुछ टेक्निकल वर्ल्ड के गलियारों में ही चर्चा का हिस्सा था, वो आज सामान्य भारतीय युवा के सपने पूरे करने का एक सशक्त माध्यम, ये उनकी रोजमर्रा की बातचीत हिस्सा कैसे हो गया? ये बड़ा शिफ्ट कैसे आया? अचानक नहीं आया है। एक सोची समझी रणनीति के तहत स्पष्ट लक्ष्य, निर्धारित दिशा उन सबका परिणाम है और मैं जरूर चाहुंगा कि आज जब मैं स्टॉर्टअप कि दुनिया के नौजवानों से मिला हूं और इंदौर जैसी धरती मेरे सामने हो तो मुझे लगता है कि मैं भी कुछ बातें आपको आज बताऊं। आज जिसको स्टार्ट अप क्रांति माना जा रहा है, उसने आकार कैसे लिया, मैं समझता हूं हर नौजवान को ये जानना बहुत जरूरी है और ये अपने आप में एक प्रेरणा भी है। आज़ादी के अमृतकाल के लिए ये बहुत बड़ा प्रोत्साहन भी है।

साथियों,

भारत में नया करने की, नए आइडिया से समस्याओं के समाधान की ललक हमेशा रही है। ये हमने अपनी

IT revolution के दौर में भलिभांति अनुभव किया है। लेकिन दुर्भाग्य से जितना प्रोत्साहन, जितना समर्थन, उस दौर में हमारे युवाओं को मिलना चाहिए था, उतना मिला नहीं। आवश्यकता इस बात की थी कि IT revolution से बने माहौल को channelize किया जाता, एक डायरेक्शन दिया जाता। लेकिन नहीं हो पाया। हमने देखा कि पूरा एक दशक बड़े-बड़े घोटालों में, पॉलिसी पैरालिसिस में, नेपोटिज्म में इस देश के एक पीढ़ी के सपनों को तबाह कर गया। हमारे युवाओं के पास आइडिया थे, इनोवेशन के लिए ललक भी थी, लेकिन सब पहले की सरकारों की नीतियों में और एक प्रकार से नीतियों के अभाव में उलझकर रह गए।

साथियों,

2014 के बाद हमने युवाओं में आइडिया की इस ताकत को, Innovation की इस स्पिरिट को फिर से revive किया, हमने भारत के युवाओं के सामर्थ्य पर विश्वास किया। हमने Idea to Innovation to Industry इसका एक पूरा रोडमैप तैयार किया और तीन बातों पर फोकस किया।

पहला - Idea, Innovate, Incubate

और Industry, इनसे जुड़ी संस्थाओं का इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण।

दूसरा- सरकारी प्रक्रियाओं का सरलीकरण

और तीसरा- इनोवेशन के लिए mindset में परिवर्तन, नए इकोसिस्टम का निर्माण।

साथियों,

इन सारी बातों को ध्यान में रखते हुए हमने अलग-अलग फ्रंट पर एक साथ काम करना शुरू किया। इसी में से एक था हैकाथॉन (Hackathons)। सात-आठ साल पहले जब देश में Hackathons होने शुरु हुए तो किसी को अंदाजा नहीं था कि ये स्टार्ट अप्स के लिए मजबूत बुनियाद बनाने का काम करेंगे। एक Strong Foundation तैयार करेंगे। हमने देश के युवाओं को चैलेंज दिया, युवाओं ने चैलेंज Accept किया और Solution देकर दिखाया। देश के लाखों युवाओं को इन हैकाथॉन्स से Purpose of life मिला, sense of responsibility और बढ़ी। इससे उनमें ये विश्वास जगा कि जिन रोज़मर्रा की समस्याओं से देश जूझ रहा है, उसे वो दूर करने में अपना योगदान दे सकते हैं। इस भावना ने स्टार्ट-अप्स के लिए एक तरह से लॉन्च पैड का काम किया। सिर्फ सरकार के स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन में ही आप तो जानते ही, आपमें से शायद कुछ लोग उसमें जुड़े होंगे, मेरे जो सामने बैठे हैं, स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन में ही बीते सालों में लगभग 15 लाख ऐसे Talented युवा साथी उसके साथ जुड़े हैं। मुझे याद है कि ऐसे ही हैकाथॉन्स में, क्योंकि मुझे भी बड़ा अच्छा लगता था, नई-नई चीजें समझने को मिलती थी, जानने को मिलती थी तो मैं 2-2 दिन तक युवाओं के इस हैकाथान की इस गतिविधियों को बारीकी से नजर रखता था देखता था, रात के 12-12 बजे, 1-1, 2-2 बजे उनके साथ गप्पे गोष्ठी करता था। उनके जुनून को देखता था। वो क्या करते हैं, कैसे जूझते हैं, अपनी सफलता पर कितने खुश होते हैं, ये सारी बातें मैं देखता था, मैं feel करता था। और मुझे खुशी है कि आज भी देश के किसी ना किसी हिस्से में हर रोज़ कोई न कोई एक hackathon चल रहा है, हो रहा है। यानि स्टार्ट अप्स के निर्माण की शुरुआती प्रक्रिया पर देश निरंतर काम कर रहा है।

साथियों,

7 साल पहले स्टार्ट अप इंडिया अभियान idea to industry को institutionalize करने की तरफ एक बड़ा कदम था। आज ये idea की hand-holding और hand-holding कर उसमें इंडस्ट्री में बदलने का बहुत बड़ा माध्यम बन चुका है। इसके अगले साल हमने देश में innovation का माइंडसेट विकसित करने के लिए अटल इनोवेशन मिशन शुरु किया। इसके तहत स्कूलों में Atal tinkering labs से लेकर यूनिवर्सिटीज़ में incubation centers और hackathons जैसा एक बहुत बड़ा इकोसिस्टम तैयार किया जा रहा है। आज देशभर के 10 हज़ार से अधिक स्कूलों में Atal tinkering labs चल रहे हैं। इनमें 75 लाख से अधिक बच्चे आधुनिक टेक्नॉलॉजी से रूबरू हो रहे हैं, इनोवेशन की ABCD सीख रहे हैं। देश भर में बन रही ये Atal tinkering labs एक प्रकार से स्टार्ट अप्स की नर्सरी के रूप में काम कर रही हैं। जब विद्यार्थी कॉलेज पहुंचे, तो उसके पास जो नया आइडिया होगा, उसको incubate करने के लिए देश में 700 से अधिक Atal Incubation Centers तैयार हो चुके हैं। देश ने जो नई राष्ट्रीय Education Policy लागू की है, वो भी हमारे Students के Innovative Minds को और निखारने में मदद करेगी।

साथियों,

Incubation के साथ ही स्टार्ट अप्स के लिए फंडिंग भी बहुत अहम है। इसमें उन्हें सरकार की ठोस नीतियों की वजह से मदद मिली। सरकार ने अपनी तरफ से एक fund of funds तो बनाया ही, स्टार्ट अप्स को प्राइवेट सेक्टर से engage करने के लिए अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स भी तैयार किए। ऐसे ही कदमों से आज हज़ारों करोड़ रुपए का प्राइवेट निवेश भी स्टार्ट अप इकोसिस्टम में इंजेक्ट हो रहा है और ये दिनों-दिन बढ़ रहा है।

साथियों

बीते वर्षों में टैक्स छूट देने से लेकर दूसरे incentives देने तक, देश में अनेकों रिफॉर्म लगातार किए गए हैं। Space Sector में Mapping, Drones यानि टैक्नॉलाजी की ऊंचाई तक पहुंचने वाले ऐसे अनेक सेक्टर्स उसमें जिस प्रकार के रिफॉर्म्स किए हैं, उसमे स्टार्ट अप्स के लिए नए क्षेत्रों के द्वार खुल गए हैं।

साथियों,

हमने स्टार्ट अप्स की एक और जरूरत को प्राथमिकता दी है। स्टार्ट अप बन गया, उनकी सर्विस, उनके प्रोडक्ट आसानी से बाज़ार में आए, सरकार के रूप में एक बड़ा खरीदार उनको मिले, इसके लिए भारत सरकार द्वारा GeM पोर्टल पर विशेष प्रावधान किया गया। आज GeM पोर्टल पर 13 हज़ार से अधिक स्टार्ट अप्स रजिस्टर हैं। और आपको जानकर अच्छा लगेगा कि इस पोर्टल पर स्टार्ट अप्स ने साढ़े 6 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक का बिजनेस किया है।

साथियों,

एक और बड़ा काम जो हुआ है, वो आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का है। डिजिटल इंडिया ने स्टार्ट अप इकोसिस्टम के विस्तार में बहुत बल दिया। सस्ते स्मार्ट फोन और सस्ते डेटा ने गांव के गरीब और मिडिल क्लास को भी कनेक्ट किया। इससे स्टार्ट अप्स के लिए नए avenue, नए मार्केट खुल गए हैं। Idea to industry के ऐसे ही प्रयासों के कारण आज स्टार्ट अप्स और यूनिकॉर्न्स देश के लाखों युवाओं को रोज़गार दे रहे हैं।

साथियों,

स्टार्ट अप अपने आप में नित्य नूतन होता है। ये बीते हुए कल की बात नहीं करता, स्टार्टअप का मूलभूत character है, वो हमेशा भविष्य की बात करता है। आज Clean Energy और Climate Change से लेकर Healthcare तक, ऐसे सभी क्षेत्रों में स्टार्टअप्स के लिए innovation के infinite अवसर हैं। हमारे देश में टूरिज्म का जो Potential है, उसे बढ़ाने में भी स्टार्ट-अप्स की बड़ी भूमिका है। इसी तरह वोकल फॉर लोकल के जन आंदोलन को मजबूत करने के लिए भी स्टार्ट अप्स बहुत कुछ कर सकते हैं। हमारे देश के जो कुटीर उद्योग हैं, हथकरघा और बुनकरों का जो शानदार काम होता है, उसकी ब्रांडिंग में, उसे अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाने के लिए भी हमारे स्टार्ट अप्स एक बहुत बड़ा नेटवर्क, बहुत बड़ा प्लेटफॉर्म दुनिया के सामने लेकर के आ सकते हैं। भारत के हमारे आदिवासी भाई-बहन, वनवासी भाई-बहन इतने सारे खूबसूरत प्रॉडक्ट्स बनाते हैं। वो भी स्टार्ट-अप्स के लिए काम करने के लिए एक बहुत बड़ा विकल्प नया फील्ड बन सकता है। इसी तरह आप जानते हैं कि भारत मोबाइल गेमिंग के मामले में दुनिया के टॉप -5 देशों में है। भारत की गेमिंग इंडस्ट्री की ग्रोथ रेट 40 परसेंट से भी ज्यादा है। इस बार के बजट में हमने AVGC यानि कि Animation, Visual Effect, Gaming और Comic इस सेक्टर के सपोर्ट पर भी जोर दिया है। भारत के स्टार्ट अप्स के लिए भी एक बड़ा सेक्टर है, जिसका वो नेतृत्व कर सकते हैं। ऐसे ही एक सेक्टर है Toy Industry. Toys को लेकर भारत की बहुत समृद्ध विरासत रही है। भारत के स्टार्ट अप्स इसे सारी दुनिया के आकर्षण का केंद्र बना सकते हैं। अभी Toys के ग्लोबल मार्केट शेयर में भारत का योगदान सिर्फ एक प्रतिशत से भी कम है। इसे बढ़ाने में भी मेरे देश के नौजवान, मेरे देश के ideas को लेकर के जी रहे नौजवान स्टार्ट अप लेकर के आएं, बहुत बड़ा योगदान कर सकते हैं। मुझे ये देखकर बहुत अच्छा लगता है कि भारत के 800 से ज्यादा स्टार्स-अप्स, आपको भी सुनकर के खुशी होगी, 800 से ज्यादा स्टार्स-अप्स खेलकूद के काम में स्पोर्ट्स से जुड़े हुए हैं। किसी ने सोचा नहीं होगा कि ये भी एक क्षेत्र है। इसमें भी जिस प्रकार से भारत में एक स्पोर्ट्समेन का कल्चर खड़ा हो रहा है। स्पोर्ट्स का spirit पैदा हुआ है। स्टार्ट अप के लिए इस क्षेत्र में भी अनेक संभावनाएं हैं।

साथियों,

हमें देश की सफलता को नई गति देनी है, नई ऊंचाई देनी है। आज भारत G-20 देशों में Fastest Growing Economy है। दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत की है। आज भारत, Smartphone Data Consumer के मामले में दुनिया में पहले नंबर पर है। Internet Users के मामले में भारत दुनिया में दूसरे नंबर पर है। आज भारत, Global Retail Index में दूसरे पायदान पर खड़ा है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा Energy Consumer देश है। दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा Consumer Market भारत में है। भारत ने बीते वित्तीय वर्ष में 417 बिलियन डॉलर यानि 30 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का मर्केंडाइज एक्सपोर्ट करके नया रिकॉर्ड बनाया है। भारत आज अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने के लिए जितना Invest कर रहा है, उतना पहले कभी नहीं हुआ है। भारत का अभूतपूर्व जोर आज Ease of Living पर भी है और Ease of Doing Business पर भी है। ये सारी बातें किसी भी भारतीय को गर्व से भर देंगी। ये सारे प्रयास एक विश्वास जगाते हैं। भारत की ग्रोथ स्टोरी, भारत की सक्सेस स्टोरी अब इस दशक में एक नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ेगी। ये समय आज़ादी के अमृत महोत्सव का है। हम अपनी आजादी के 75 वर्ष का पर्व मना रहे हैं। आज हम जो भी करेंगे, उससे नए भारत का भविष्य तय होगा, देश की दिशा तय होगी। अपने इन सामूहिक प्रयासों से हम 135 करोड़ आशा-आंकाक्षाओं को पूरा करेंगे। मुझे विश्वास है, भारत की स्टार्ट अप क्रांति इस अमृतकाल की बहुत महत्वपूर्ण पहचान बनेगी। सभी नौजवानों को मेरी तरफ से बहुत-बहुत शुभकामनायें हैं।

मध्यप्रदेश सरकार को भी मेरी बधाई।

बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।