"यह अवसर दो कारणों, अर्थात् 75वां गणतंत्र दिवस समारोह होने और इसके भारत की नारी शक्ति को समर्पित होने की वजह से विशेष हो गया है"
"राष्ट्रीय बालिका दिवस, भारत की बेटियों के साहस, जज्‍बे और उपलब्धियों का गुणगान करने का दिन है"
"जननायक कर्पूरी ठाकुर का पूरा जीवन सामाजिक न्याय और वंचित वर्गों के उत्थान के लिए समर्पित रहा"
“एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने से प्रत्येक नागरिक के जीवन में नए अनुभव जुड़ने लग जाते हैं यह भारत की विशेषता है”
"मैं जेन ज़ी को अमृत पीढ़ी कहना पसंद करता हूं"
"यही समय है, सही समय है, ये आपका समय है"
''प्रेरणा हो सकता है कभी कम हो भी जाए, लेकिन वो अनुशासन ही होता है, जो आपको सही रास्ते पर रखता है"
"युवा 'माई युवा भारत' प्लेटफॉर्म पर 'माई भारत' स्वयंसेवक के रूप में अवश्‍य खुद को पंजीकृत करें"
''नमो एप के माध्यम से आज की युवा पीढ़ी मुझ से लगातार जुड़ी रह सकती है"

देश के रक्षामंत्री श्रीमान राजनाथ सिंह जी, मंत्रिमंडल के मेरे अन्य साथी, DG NCC, उपस्थित अधिकारीगण, गणमान्य अतिथि, शिक्षकगण, NCC और NSS के मेरे युवा साथियों।

आपने अभी यहां जो सांस्कृतिक प्रस्तुति दी, उसे देखकर गर्व की अनुभूति हो रही है। रानी लक्ष्मीबाई के ऐतिहासिक व्यक्तित्व और इतिहास की घटनाओं को आपने यहां कुछ ही पल में जीवंत कर दिया। हम सब इन घटनाओं से परिचित हैं, लेकिन जिस तरह से आपने इसे प्रस्तुत किया, वो वाकई अद्भुत है। आप गणतंत्र दिवस की परेड का हिस्सा बनने जा रहे हैं। और इस बार ये दो वजहों से और विशेष हो गया है। ये 75वां गणतंत्र दिवस है। और दूसरा, पहली बार गणतंत्र दिवस की परेड, देश की नारीशक्ति को समर्पित है। मैं आज यहां इतनी बड़ी संख्या में देश के अलग-अलग हिस्सों से आई बेटियों को देख रहा हूं। आप यहां अकेले नहीं आई हैं, आप सभी अपने साथ अपने राज्यों की महक, विभिन्न रीति-रिवाजों के अनुभव और अपने समाज की समृद्ध सोच भी लेकर आई हैं। आज आप सबसे मिलना भी एक विशेष अवसर बन जाता है। आज राष्ट्रीय बालिका दिवस है। आज बेटियों के साहस, जज्बे और उनकी उपलब्धियों के गुणगान करने का दिन है। बेटियों में समाज और देश को बेहतर बनाने की क्षमता होती है। इतिहास के अलग-अलग दौर में भारत की बेटियों ने अपने फौलादी इरादों और समर्पण की भावना से कई बड़े परिवर्तनों की नींव रखी है। थोड़ी देर पहले आपने जो प्रस्तुति दी, उसमें भी इसी भावना की झलक दिखती है।

मेरे प्यारे साथियों,

आप सभी ने देखा होगा कि कल देश ने एक बड़ा निर्णय लिया है। ये निर्णय है- जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न देने का। आज की युवा पीढ़ी के लिए कर्पूरी ठाकुर जी के बारे में जानना, उनके जीवन से सीखना बहुत जरूरी है। ये ‘बीजेपी’ की हमारी सरकार का सौभाग्य है कि उसे जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित करने का अवसर मिला। बेहद गरीबी और सामाजिक असमानता जैसी चुनौतियों से लड़ते हुए वो राष्ट्र जीवन में बहुत ऊंचे मुकाम पर पहुंचे थे। वो दो बार बिहार के मुख्यमंत्री भी रहे थे। इसके बावजूद अपना विनम्र स्वभाव और समाज के सभी वर्गों के लिए काम करना कभी नहीं छोड़ा। जननायक कर्पूरी ठाकुर हमेशा अपनी सादगी के लिए जाने जाते रहे। उनका पूरा जीवन सामाजिक न्याय और वंचितों के उत्थान के लिए समर्पित रहा। आज भी उनकी ईमानदारी की मिसाल दी जाती है। गरीब का दुख समझना, गरीब की चिंता कम करने के लिए प्रयास करना, गरीब कल्याण को अपनी प्राथमिकता बनाना, गरीब से गरीब लाभार्थी तक पहुंचने के लिए विकसित भारत संकल्प यात्रा जैसे अभियान चलाना, समाज के पिछड़े और अति पिछड़े वर्गों के लिए निरंतर नई योजनाएं बनाना, हमारी सरकार के इन सभी कार्यों में कर्पूरी बाबू के विचारों से मिली प्रेरणा आप देख सकते हैं। आप सभी उनके बारे में पढ़ें, उनके आदर्शों को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। इससे आपके व्यक्तित्व को एक नई ऊंचाई मिलेगी।

मेरे प्यारे नौजवान साथियों,

आप में से कई लोग ऐसे भी होंगे, जो पहली बार दिल्ली आए होंगे। गणतंत्र दिवस को लेकर आप उत्साहित हैं, लेकिन मुझे पता है कि कई लोगों को पहली बार ऐसी कड़ाके की ठंड का अनुभव हुआ होगा। हमारा देश तो मौसम के मामले में भी विविधताओं से भरा पड़ा है। इतनी ठंड और घने कोहरे के बीच आपने दिन-रात रिहर्सल की और यहां भी गजब की परफॉर्मेंस दी। मुझे पक्का विश्वास है कि जब आप यहां से अपने घर जाएंगे तो आपके पास गणतंत्र दिवस के अनुभवों के बारे में बताने के लिए काफी कुछ होगा और यही तो इस देश की विशेषता है। विविधताओं से भरे हमारे देश में सिर्फ एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने भर से ही जीवन में नए अनुभव जुड़ने लग जाते हैं।

मेरे प्यारे दोस्तों,

आपकी पीढ़ी को आपके शब्दों में ‘Gen ज़ी’ कहा जाता है। लेकिन मैं आपको अमृत पीढ़ी मानता हूं। आप वो लोग हैं, जिनकी ऊर्जा अमृतकाल में देश को गति देगी। आप सभी जानते हैं कि भारत ने 2047 तक विकसित देश बनाने का संकल्प लिया है। अगले 25 वर्ष देश के लिए, आपके भविष्य के लिए बहुत अहम हैं। हमारा संकल्प है कि आपकी इस अमृत पीढ़ी का हर सपना पूरा हो। हमारा संकल्प है कि आपकी अमृत पीढ़ी के सामने अवसरों की भरमार हो। हमारा संकल्प है कि अमृत पीढ़ी के रास्ते की हर बाधा दूर हो। जो अनुशासन, फोक्स्ड माइंडसेट और कोऑर्डिनेशन मुझे अभी आपके परफॉर्मेंस में दिखा, वही अमृतकाल के संकल्पों को पूरा करने का आधार है।

साथियों,

अमृतकाल की इस यात्रा में आप मेरी एक बात हमेशा याद रखिएगा कि जो करना है, वो देश के लिए करना है। राष्ट्र प्रथम- Nation First यही आपका गाइडिंग प्रिंसिपल होना चाहिए। आप जो भी करें, पहले ये सोचें कि इससे देश का क्या फायदा होगा। दूसरा ये कि अपने जीवन में कभी भी विफलता से परेशान नहीं होना है। अब देखिए, हमारा चंद्रयान भी वो भी तो पहले चांद पर लैंड नहीं हो सका था। लेकिन फिर हमने ऐसा रिकॉर्ड बनाया कि चांद के दक्षिणी छोर पर पहुंचने वालों में नंबर वन बन गए। इसलिए हार हो या जीत, आपको निरंतरता बनाए रखनी है। हमारा देश बहुत बड़ा है, लेकिन उसे छोटी-छोटी कोशिशें ही कामयाब बनाती हैं। हर छोटे प्रयास का महत्व है, हर तरह का योगदान महत्वपूर्ण है।

मेरे नौजवान साथियों,

आप मेरी सबसे बड़ी प्राथमिकता हैं। आपमें दुनिया को नेतृत्व देने की क्षमता है। मैंने लाल किले से कहा था, यही समय है, सही समय है। ये आपका समय है। यही समय आपका और देश का भविष्य तय करेगा। आपको अपने संकल्पों को मजबूती देनी है, ताकि विकसित भारत का लक्ष्य हासिल हो सके। आपको अपने ज्ञान का विस्तार करना है, ताकि भारत की मेधा दुनिया को नई दिशा दे सके। आपको अपनी क्षमताएं बढ़ानी है, ताकि भारत विश्व की चुनौतियों को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके। सरकार अपने युवा साथियों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही है। आपके लिए आज अवसरों के नए मार्ग खोले जा रहे हैं। आपके लिए आज नए सेक्टर में मौके बनाए जा रहे हैं। आपके लिए स्पेस सेक्टर में आगे बढ़ने के नए रास्ते बनाए जा रहे हैं। आपके लिए इज ऑफ डूइंग बिजनेस पर जोर दिया जा रहा है। आपके लिए रक्षा क्षेत्र में प्राइवेट सेक्टर की जगह बनाई गई है। आपके लिए नेशनल रिसर्च फाउंडेशन को स्थापित किया गया है। 21वीं सदी में आपको किस तरह की आधुनिक शिक्षा की आवश्यकता होगी, हम इस पर फोकस करते हुए काम कर रहे हैं। हमने देश के एजुकेशन सिस्टम में Reform किया है। आज आपके पास अपनी मातृभाषा में हायर एजुकेशन पाने का अवसर है। आज आपके सामने किसी स्ट्रीम या सब्जेक्ट से बंधे रहने की बाध्यता नहीं है। आप कभी भी अपनी पसंद का विषय चुनकर पढ़ाई कर सकते हैं। आप सभी को Research और Innovation से ज्यादा से ज्यादा जुड़ना चाहिए। अटल टिंकरिंग लैब्स से Creativity और Innovation को बढ़ावा देने में बड़ी मदद मिलेगी। जो छात्राएं सेना के साथ जुड़कर करियर बनाना चाहती हैं, उनके लिए भी सरकार ने नए अवसर बनाए हैं। अब विभिन्न सैनिक स्कूलों में भी छात्राएं भी दाखिला ले सकती हैं। आपको पूरे विश्वास के साथ आगे बढ़ना है। आपका प्रयास, आपका विजन, आपका सामर्थ्य भारत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाएगा।

साथियों,

आप सभी Volunteers हैं, मुझे खुशी है कि आप अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगा रहे हैं। आपको इसे कम नहीं समझना चाहिए। ये किसी के पूरे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। जिसके अंदर अनुशासन का भाव हो, जिसने देश में खूब यात्राएं की हों, जिसके पास अलग-अलग प्रांतों और भाषाओं को जानने वाले दोस्त हों, उसके व्यक्तित्व में निखार आना स्वाभाविक है। एक और बात का आपको हमेशा ध्यान रखना है, वो है फिटनेस। वैसे मैं देख रहा हूं, आप सभी फिट हैं। फिटनेस तो आपकी फर्स्ट प्रायोरिटी होनी चाहिए। और फिटनेस बनाए रखने के लिए आपका अनुशासन बहुत काम आता है। मोटिवेशन हो सकता है कभी कम हो भी जाए, लेकिन वो अनुशासन ही होता है जो आपको सही रास्ते पर रखता है। और अनुशासन को मोटिवेशन बना लेंगे तो समझिए हर मैदान में जीत की गारंटी है।

साथियों,

मैं भी आपकी तरह एनसीसी में रहा हूं। एनसीसी से ही निकला हूं। आपके बीच मैं उसी रास्ते से आया। मैं जानता हूं कि एनसीसी, एनएसएस या कल्चरल कैंप जैसी संस्थाएं युवाओं को समाज और नागरिक कर्तव्यों के प्रति जागरूक बनाती हैं। इसी कड़ी में देश में एक और संगठन का निर्माण किया गया है। इस संगठन का नाम है, ‘My Yuva Bharat’. मैं आपसे कहूंगा कि आप सभी ‘My Bharat’ Volunteers के रूप में खुद को रजिस्टर करें। ‘My Bharat’ की वेबसाइट पर ऑनलाइन विजिट करें।

साथियों,

गणतंत्र दिवस के इस समारोह के दौरान आपको लगातार ऐसे कार्यक्रमों में जाने का अवसर मिलने वाला है। परेड में भागीदारी के अलावा आप सभी कई ऐतिहासिक स्थानों पर भी जाएंगे और कई एक्सपर्ट्स से भी मिलेंगे। यह एक ऐसा अनुभव होगा, जो आपको पूरे जीवन याद रहेगा। हर वर्ष जब भी आप गणतंत्र दिवस की परेड देखेंगे, आपको ये दिन जरूर याद आएंगे, ये भी याद आएगा कि मैंने आपसे कुछ बातें कही थी। इसलिए मेरा एक काम जरूर करिएगा। करेंगे? जरा हाथ ऊपर करके बताईये? बेटियों की आवाज तेज है, बेटों की कम है। करेंगे? अब बराबर है। अपने अनुभव को कहीं किसी डायरी में जरूर लिखकर रख लीजिएगा। और दूसरा, गणतंत्र दिवस से आपने क्या सीखा, ये मुझे आप नमो एप पर भी लिखकर या वीडियो रिकॉर्ड करके भेजिएगा। भेजेंगे? आवाज दब गई। नमो एप के माध्यम से आज की युवा पीढ़ी मुझ से लगातार जुड़ी रह सकती है। और आप भी जेब में जब आपका मोबाइल रखेंगे ना तो आप दुनिया को कह सकते हैं कि नरेन्द्र मोदी को मैं अपनी जेब में रखता हूं।

मेरे युवा साथियों,

मुझे आपके सामर्थ्य पर विश्वास है, आप पर विश्वास है। खूब पढ़ाई करें, एक कर्तव्यनिष्ठ नागरिक बनें, पर्यावरण की रक्षा करें, बुरी आदतों से बचें और अपनी विरासत और संस्कृति पर गर्व करें। आपके साथ देश का आशीर्वाद है, मेरी शुभकामनाएं हैं। परेड के दौरान भी आप छाए रहें, सबका दिल जीतें, मेरी यही कामना है। आप सबको बहुत-बहुत धन्यवाद। पूरी शक्ति से मेरे साथ बोलिये हाथ ऊपर करके –

भारत माता की- जय।

भारत माता की- जय।

भारत माता की- जय।

वंदे मातरम।

वंदे मातरम।

वंदे मातरम।

वंदे मातरम।

वंदे मातरम।

वंदे मातरम।

वंदे मातरम।

वंदे मातरम।

वंदे मातरम।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।