"एक ईमानदार सरकार के प्रयास, एक सशक्त गरीब के प्रयास जब साथ मिलते हैं तो गरीबी परास्त होती है"
"गरीबों को अपना पक्का घर देने का ये अभियान सिर्फ एक सरकारी योजना नहीं है। ये गांव को, गरीब को विश्वास देने की प्रतिबद्धता है"
"सरकार योजनाओं को पूरा करने का लक्ष्य बनाकर भेदभाव और भ्रष्टाचार की संभावना को समाप्त कर रही है"
हर राज्य सरकार, स्थानीय निकाय और पंचायत हर जिले में 75 अमृत सरोवर के लिए काम करें

नमस्कार जी!

मुख्यमंत्री श्रीमान शिवराज सिंह जी चौहान, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगीगण, मध्य प्रदेश सरकार के मंत्रीगण, संसद के मेरे सहयोगी, मध्यप्रदेश के विधायकगण, अन्य महानुभाव और मध्यप्रदेश के मेरे प्यारे भाइयों और बहनों!

आज मध्य प्रदेश के लगभग सवा 5 लाख गरीब परिवारों को उनके सपनों का पक्का घर मिल रहा है। कुछ ही दिन में नव वर्ष, विक्रम संवत 2079 शुरू होने जा रहा है। नव वर्ष पर नए घर में गृह-प्रवेश यह अपने आप में जीवन की अनमोल बेला है। मैं इस समय आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूँ।

साथियों,

हमारे देश में कुछ दलों ने गरीबी दूर करने के लिए नारे बहुत लगाए, लेकिन गरीबों को सशक्त करने के लिए जितना होना चाहिए था, वो नहीं हो पाया, और यह मेरा विश्वास है कि एक बार जब गरीब सशक्त होता है तो उसमें गरीबी से लड़ने का हौसला आता है। एक ईमानदार सरकार के प्रयास, एक सशक्त गरीब के प्रयास, जब साथ मिलते हैं तो गरीबी भी परास्त होती है। इसलिए, चाहे केंद्र में बीजेपी की सरकार हो या राज्यों में बीजेपी की सरकारें, सबका साथ-सबका विकास के मंत्र पर चलते हुए गरीब को सशक्त करने में जुटी हैं।

आज का ये कार्यक्रम इसी अभियान का हिस्सा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गांवों में बने ये सवा पांच लाख घर, सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है। ये सवा पांच लाख घर, देश में सशक्त होते गरीब की पहचान बन गए हैं। ये सवा पांच लाख घर, भाजपा सरकार के सेवाभाव की मिसाल हैं। ये सवा पांच लाख घर, गांव की गरीब महिलाओं को लखपति बनाने के अभियान का प्रतिबिंब हैं। मध्य प्रदेश के दूर-सुदूर गांवों में, हमारे आदिवासी अंचलों में गरीबों को ये घर दिए जा रहे हैं। मैं मध्य प्रदेश के लोगों को इन सवा पांच लाख घरों के लिए बधाई देता हूं।

भाइयों और बहनों,

गरीबों को अपना पक्का घर देने का ये अभियान सिर्फ एक सरकारी योजना मात्र नहीं है। ये गांव को, गरीब को विश्वास देने की प्रतिबद्धता है। ये गरीब को गरीबी से बाहर निकालने, गरीबी से लड़ने की हिम्मत देने की पहली सीढ़ी है। जब गरीब के सिर पर पक्की छत होती है, तो वो अपना पूरा ध्यान बच्चों की पढ़ाई और दूसरे कामों में लगा पाता है। जब गरीब को घर मिलता है, तो उसके जीवन में एक स्थिरता आती है। इसी सोच के साथ हमारी सरकार पीएम आवास योजना को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। पिछली सरकार ने मेरे आने से पहले जो लोग थे, उन्होंने अपने कार्यकाल में कुछ लाख घर ही बनवाए थे।

वहीं हमारी सरकार गरीबों को करीब-करीब ढाई करोड़ घर बनाकर दे चुकी है। इसमें 2 करोड़ घर गांवों में बनाए गए हैं। बीते 2 सालों में कोरोना के कारण आई अड़चनों के बावजूद इस काम को धीमा नहीं पड़ने दिया गया। मध्य प्रदेश में भी लगभग साढ़े 30 लाख स्वीकृत आवासों में से 24 लाख से अधिक पूरे हो चुके हैं। इसका बहुत बड़ा लाभ बैगा, सहरिया और भारिया ऐसे-ऐसे समाज के उन वर्गों को भी हो रहा है, जो कभी पक्के घर के बारे में सोच भी नहीं सकते थे।

भाइयों और बहनों,

भाजपा सरकारें जहां भी हों, उनकी विशेषता यही है कि वो जमीन से जुड़ी हुई हैं, गरीब के हित, उसकी जरूरतों को पूरा करने के लिए दिन-रात काम करती हैं। पीएम आवास योजना में भी हमने इस बात का ध्यान रखा कि गरीबों को जो घर मिलें, वो उनके जीवन की बाकी जरूरतों को पूरा करने वाले भी बनें। जैसे इस आवास में शौचालय है, इसमें सौभाग्य योजना के तहत बिजली कनेक्शन आता है, उजाला योजना के तहत LED बल्ब होता है, उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन मिलता है, और हर घर जल योजना के तहत पानी का कनेक्शन भी साथ आता है। यानि गरीब लाभार्थी को इन सुविधाओं के लिए अलग से सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने की ज़रूरत अब नहीं पड़ती। गरीब की सेवा की यही सोच है, जो आज हर देशवासी का जीवन आसान बनाने के काम आ रही है।

 

साथियों,

भारत, शक्ति की उपासना करने वाला देश है। कुछ ही दिन में नवरात्रि शुरू होने जा रही है। हमारी देवियां, दुश्मनों का संहार करने वाली हैं, अस्त्र-शस्त्रों की उपासक रही हैं। हमारी देवियां ज्ञान, कला संस्कृति की प्रेरणा हैं। 21वीं सदी का भारत, उन्हीं से प्रेरणा लेते हुए खुद को भी और अपनी नारी शक्ति को भी सशक्त करने में जुटा है। प्रधानमंत्री आवास योजना इस अभियान का एक अहम हिस्सा है। पीएम आवास योजना के तहत जो घर बने हैं, उनमें से करीब-करीब दो करोड़ घरों पर मालिकाना हक महिलाओं का भी है। इस मालिकाना हक ने, घर के दूसरे आर्थिक फैसलों में भी महिलाओं की भागीदारी को मजबूत किया है। ये अपने आप में दुनिया की बड़ी-बड़ी यूनिवर्सिटी के लिए एक अध्ययन का विषय है, केस स्टडी का विषय है जो मध्य प्रदेश की यूनिवर्सिटीज द्वारा भी जरूर किया जाना चाहिए।

भाईयों और बहनों,

महिलाओं की परेशानी को दूर करने के लिए हमने हर घर जल पहुंचाने का बीड़ा भी उठाया है। बीते ढाई साल में इस योजना के तहत देशभर में 6 करोड़ से अधिक परिवारों को शुद्ध पेयजल कनेक्शन मिल चुका है। योजना के शुरु होने के समय मध्य प्रदेश में 13 लाख ग्रामीण परिवारों के घर में पाइप से पानी आता था। आज 50 लाख परिवारों तक पाइप से पानी पहुंचाने के पड़ाव के हम बहुत ही निकट हैं। मध्य प्रदेश के हर ग्रामीण परिवार तक पाइप से पानी पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

साथियों,

आज मैं मध्य प्रदेश समेत देश के उन सभी गरीबों को आश्वस्त करना चाहता हूं, कि घर बनाने का अभियान तेज गति से चल रहा है। अभी भी कुछ लोगों तक पक्का घर नहीं मिला है। मुझे इसका पूरा पता है। और मैं आपको कहने आया हूँ, इस वर्ष के बजट में पूरे देश में 80 लाख से अधिक घर बनाने के लिए पैसे आबंटित करने का राशि का प्रावधान किया गया है।

इनमें से मध्य प्रदेश के भी लाखों परिवारों को लाभ होना तय है। अब तक सवा दो लाख करोड़ रुपए से ज्यादा इस योजना पर खर्च किए जा चुके हैं। ये पैसे गांवों में खर्च हुए हैं, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को इसने ताकत दी है। जब एक घर बनता है तो ईंट-बालू, सरिया-सीमेंट, घर बनाने वाले श्रमिक, सब कुछ स्थानीय ही तो होता है। इसलिए पीएम आवास योजना, गांवों में रोजगार के नए अवसर भी बना रही है।

 

साथियों,

हमारे देश ने आजादी के बाद दशकों तक बहुत सी सरकारें देखी हैं। लेकिन पहली बार देश के लोग ऐसी सरकार देख रहे हैं, जो सरकार उनके सुख-दुख में उनकी साथी बनकर कंधे-से-कंधा मिलाकर उनके साथ है। कोरोना के इतने बड़े संकट में भाजपा सरकार ने फिर साबित किया है कि गरीबों के लिए यह सरकार कितनी संवेदनशीलता के साथ काम करती है। ग

रीबों का मुफ्त वैक्सीनेशन हो या फिर गरीबों को मुफ्त राशन, और अभी शिवराज जी ने बड़े विस्तार से इसका वर्णन किया। यह अभी दो दिन पहले ही हम सबने मिलकर तय किया कि आने वाले 6 महीने तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को आगे बढ़ाया जाएगा, ताकि गरीब के घर का चूल्हा जलता रहे। पहले कोरोना के कारण दुनिया मुसीबत में फंस गई, और आज पूरी दुनिया लड़ाई के मैदान में उतरी हुई है। उसके कारण भी अनेक प्रकार की आर्थिक व्यवस्थाओं पर नया संकट पैदा होता जा रहा है। भारत के नागरिकों पर बोझ कम से कम कैसे हो, जितना हो सके उतना। देश के नागरिकों को मदद पहुंचाने का प्रयास चल रहा है।

भाइयों और बहनों,

100 साल में आई इस सबसे बड़ी महामारी में, हमारी सरकार गरीबों को मुफ्त राशन के लिए 2 लाख 60 हजार करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है। अगले 6 महीने में इस पर 80 हजार करोड़ रुपए और खर्च किए जाएंगे। जो पहले की जनता की कमाई को लूट लेते थे, जो जनता की कमाई से अपनी तिजोरी भर लेते थे, वो आज भी इस योजना के लिए कुछ न कुछ हल्का- फुल्का मज़ाक उड़ाना, झूठ फैलाना, भ्रम फैलाना यह करते ही रहते है। मैं आज देश को एक जानकारी देना चाहता हूं। आप भी इसे ध्यान से सुनिएगा।

साथियों,

जब इन लोगों की सरकार थी, तो इन्होंने गरीबों के राशन को लूटने के लिए अपने 4 करोड़, 4 करोड़ का आंकड़ा बहुत बड़ा होता है। 4 करोड़ फर्जी ऐसे जो नाम पैदा ही नहीं हुए, जिनका जन्म ही नहीं हुआ। ऐसे-ऐसे नाम 4 करोड़ कागजों में तैनात कर दिए थे। इन 4 करोड़ फर्जी लोगों के नाम से राशन उठाया जाता था, बाजार में पिछले रास्ते से बेचा जाता था, और उसके पैसे इन लोगों के काले कारनामे, काले खातों में पहुंच जाते थे। 2014 में सरकार में आने के बाद से ही हमारी सरकार ने इन फर्जी नामों को खोजना शुरू किया और इन्हें राशन की लिस्ट से हटाया।

ताकि गरीब को उसका हक मिल सके। आप सोचिए, पहले के समय में ये गरीबों के मुंह से निवाला छीनकर, कितने हजारों करोड़ रुपए हर महीने लूट रहे थे। हमने राशन की दुकानों में आधुनिक मशीनें लगाकर, ये भी सुनिश्चित किया कि राशन की चोरी ना हो पाए। आप सबको पता होगा यह जो मशीन लगाने का हमने जो अभियान चलाया है न उसका भी इन लोगों ने मज़ाक उड़ाया है। क्यों, क्योंकि उनको मालूम था, कि मशीन आयेगा, लोग अंगूठा की छाप लगायेंगें तो सच का सच चलेगा और इसको रोकने के लिए ऐसी-ऐसी हवाएं चलाई, यहां तक कह दिया कि राशन लेने जाएंगें और अंगूठा लगायेंगे तो कोरोना लग जाएगा। ऐसे-ऐसे झूठ फैलाए। हमारी सरकार ने इन सबका फर्जी खेल बंद करा दिया, इसलिए ये लोग तिलमिलाए हुए हैं।

आप कल्पना कर सकते हैं कि अगर राशन की दुकानों में पारदर्शिता नहीं आती, ये 4 करोड़ फर्जी नाम नहीं हटाए गए होते, तो कोरोना के इस संकट में गरीबों का क्या हाल होता। गरीबों के लिए समर्पित भाजपा की सरकार दिन रात गरीबों के लिए काम करती है।

भाइयों और बहनों,

हमारा प्रयास है कि आज़ादी के अमृतकाल में हम मूल सुविधाओं को हर लाभार्थी तक तेज़ी से पहुंचा सकें। ऐसे ही काम के बल पर हम योजनाओं के सैचुरेशन यानि हर योजना के शत-प्रतिशत लाभार्थियों तक पहुंचाने के संकल्प पर काम कर रहे हैं। गांव में जिस योजना का जो लाभार्थी होगा, हितधारक होगा उसको उसका हक उसके घर तक पहुंचना चाहिए, इसके लिए हम लगे हुए हैं। सैचुरेशन के इस लक्ष्य का सबसे बड़ा लाभ ये है कि कोई गरीब योजनाओं के लाभ से छूटेगा नहीं, सरकार सब तक पहुंचेगी। इससे भेदभाव की संभावना नहीं बचेगी, भ्रष्टाचार की संभावना नहीं बचेगी। आज समाज में आखिरी पंक्ति में बैठे व्यक्ति को भी लाभ देने की नीति हो, नीयत हो, तो सबका साथ भी होगा, सबका विकास भी होगा।

साथियों,

गांवों की भूमिका का भी हम लगातार विस्तार कर रहे हैं। लंबे समय तक गांव की अर्थव्यवस्था को सिर्फ खेती तक ही सीमित करके देखा गया। हम खेती को, किसान को, पशुपालक को ड्रोन जैसी आधुनिक टेक्नॉलॉजी और प्राकृतिक खेती जैसी पुरातन व्यवस्था की ओर प्रोत्साहित कर रहे हैं, साथ ही गांव की दूसरी क्षमताओं को भी निखार रहे हैं। लंबे समय तक गांव के घरों और गांव की ज़मीन पर आर्थिक गतिविधियां बहुत सीमित रही हैं। क्योंकि गांव की संपत्ति का रिकॉर्ड उस प्रकार से व्यवस्थित नहीं था। इसलिए गांव में कारोबार करने में, उद्योग-उद्यम लगाने में बैंक से लोन लेने में बहुत मुश्किल होती थी। अब स्वामित्व योजना के तहत गांवों के घरों के कानूनी दस्तावेज़ तैयार किए जा रहे हैं। मध्य प्रदेश के सभी जिलों के 50 हज़ार से अधिक गांवों में सर्वे किया जा रहा है। लगभग 3 लाख ग्रामीणों को उनके प्रॉपर्टी के कार्ड सौंपे भी जा चुके हैं। ऐसे प्रावधानों से ज़मीन और घर से जुड़े विवादों में कमी आएगी और ज़रूरत पड़ने पर जैसा मैनें कहा बैंकों से मदद लेना सरल होगा।

साथियों,

मैं आज शिवराज जी की सरकार को एक और काम के लिए बधाई देना चाहता हूं। अनाज की सरकारी खरीद में एमपी ने गजब काम किया है, नया रिकॉर्ड बनाया है, देश के कई राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। एमपी में किसानों के बैंक खाते में आज पहले के मुकाबले ज्यादा राशि दी जा रही है, सरकारी खरीद केंद्रों की संख्या बढ़ी है। पीएम किसान सम्मान निधि भी छोटे किसानों की बहुत मदद कर रही है। एमपी के करीब-करीब 90 लाख छोटे किसानों को 13 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि उनके छोटे-छोटे खर्चों के लिए दी गई है।

साथियों,

इस समय देश अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। हमें स्वतंत्रता दिलाने के लिए भारत मां के लाखों वीर सपूतों और वीर बेटियों ने अपने जीवन, अपने सुख-सुविधा की आहूति दे दी थी। उस आहूति ने हमें आज का स्वतंत्र जीवन दिया है। इस अमृत महोत्सव में हमें भी इस संकल्प के साथ आगे बढ़ना चाहिए कि हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को कुछ देकर जाएंगे। इस कालखंड में हमारे द्वारा किए गए कार्य, भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनें, उन्हें अपने कर्तव्यों की याद दिलाएं, ये बहुत आवश्यक है।

जैसे अभी हम सब मिलकर एक काम जरुर कर सकते हैं। और मैं चाहता हूँ आज मध्य प्रदेश में लाखों परिवारों से मैं बात कर रहा हूँ। इतनी संख्यां में मैं जब लोगों से बात कर रहा हूँ, तो मैं एक संकल्प के लिए जरुर कहूँगा। हम संकल्प करें कि इस वर्ष जब यह नया वर्ष शुरु होगा, 2-4 दिन के बाद इस वर्ष यह जो प्रतिपदा है, वहां से ला करके अगले वर्ष प्रतिपदा तक है यानि हमारे पास 12 महीनें है, 365 दिन हैं। हम संकल्प करें हर जिले में आजादी के अमृत महोत्सव की याद में हमारी भावी पीढ़ी को कुछ देने के संकल्प को पूरा करने के लिए हर जिले में 75 अमृत सरोवर बनाएंगें और मैं तो चाहूँगा संभव हो तो हर जिले में यह अमृत सरोवर नए हो, बड़े हो इनके निर्माण में सरकार की तरफ से जो मनरेगा का जो पैसा आता है उसकी भी मदद ली जा सकती है।

आज़ादी के अमृत महोत्सव में हर जिले में 75 अमृत सरोवरों का निर्माण, आने वाली पीढ़ियों के लिए बहुत उपयोगी होगा। इसका बहुत लाभ हमारी धरती माता को मिलेगा, यह हमारी धरती माँ प्यासी है। हमने इतना पानी खींच लिया है, इस धरती माँ की प्यास बुझाना इस धरती माँ की संतान के रुप में हमारा कर्तव्य बनता है। और इसके कारण प्रकृति के प्राणों में भी एक नई ऊर्जा आ जाएगी, एक नई चेतना आ जाएगी। इससे छोटे किसानों को लाभ होगा, महिलाओं को लाभ होगा, इतना ही नहीं यह तो जीव दया का काम होगा पशु-पक्षियों के लिए भी बहुत मददगार होगा। यानि हर जिले में 75 अमृत सरोवरों का निर्माण मानवता का बहुत बड़ा काम है, जिसे हमें जरूर करना चाहिए। मैं सभी राज्य सरकारों से, स्थानीय निकायों से, पंचायतों से इस दिशा में काम करने का आग्रह करता हूं।

साथियों,

ये भारत के उज्ज्वल भविष्य के निर्माण का काल है। भारत का उज्ज्वल भविष्य तभी संभव है, जब गरीब परिवार का भविष्य बेहतर होगा। ये नया घर, आपके परिवार को नई दिशा दे, आपको नए लक्ष्य की तरफ बढ़ने का सामर्थ्य दे, आपके बच्चों में शिक्षा, कौशल और आत्मविश्वास का संचार करे, इसी कामना के साथ आपको, सभी लाभार्थियों को, इस नये गृह प्रवेश के लिए अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूँ। बहुत-बहुत बधाई देता हूँ !

धन्यवाद !

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।