यह यात्रा 26 जनवरी से आगे बढ़ाई जाएगी
“यात्रा का विकास रथ, विश्वास रथ में बदल चुका है और यह विश्वास है कि कोई भी पीछे नहीं छूटेगा”
“मोदी ऐसे लोगों का सम्मान करते हैं और उन्हें महत्व देते हैं, जिनकी सभी ने उपेक्षा की है”
“वीबीएसवाई लास्ट माइल डिलीवरी का सबसे बेहतरीन माध्यम है”
“पहली बार कोई सरकार ट्रांसजेंडरों की चिंता कर रही है”
“लोगों का आत्मविश्वास, सरकार के प्रति उनका विश्वास चारों तरफ दिखाई देता है”

नमस्‍कार,

मेरे परिवारजनों,

विकसित भारत संकल्प यात्रा के 2 महीने पूरे हो चुके हैं। इस यात्रा में चलने वाला विकास रथ, विश्वास रथ है और अब इसको लोग गारंटी वाला रथ भी कह रहे हैं। ये विश्वास है कि कोई भी वंचित नहीं रहेगा, कोई भी योजनाओं के लाभ से नहीं छूटेगा। इसलिए जिन गांवों में मोदी की गारंटी वाली गाड़ी अभी नहीं पहुंची है, वहां अब इसका बेसब्री से इंतजार हो रहा है। और इसलिए पहले ये यात्रा 26 जनवरी तक हमने सोचा था, लेकिन इतना समर्थन मिला है इतनी मांग बढ़ी है, गांव-गांव से लोग कह रहे हैं कि मोदी की गारंटी वाली गाड़ी हमारे यहां आनी चाहिए। तो जब ये मुझे पता चल रहा है तो मैंने सरकार के हमारे अफसरों से कहा है कि अब भई 26 जनवरी तक नहीं, थोड़ा आगे बढ़ाओ। लोगों को जरूरत है, लोगों की मांग है तो इसको जरा हमें पूरा करना होगा। और इसलिए शायद थोड़े दिन के बाद तय हो जाएगा ये मोदी की गारंटी वाली गाड़ी शायद फरवरी महीने में भी चलाएंगे।

साथियों,

जब 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा के आशीर्वाद से, हमने ये यात्रा शुरू की थी, तो इसकी इतनी सफलता की कल्पना नहीं की थी। बीते दिनों में मुझे कई बार इस यात्रा से जुड़ने का अवसर मिला। अनेकों लाभार्थियों से मेरी खुद बातचीत हुई। सिर्फ दो महीने में विकसित भारत संकल्प यात्रा, एक जनआंदोलन में बदल गई है। जहां भी मोदी की गारंटी वाली गाड़ी पहुंच रही है, लोग बहुत अपनेपन के साथ स्वागत कर रहे हैं। विकसित भारत संकल्प यात्रा से अब तक 15 करोड़ लोग जुड़ चुके हैं। और हमारे मनसुख भाई ने, हमारे आरोग्‍य मंत्री ने बहुत सारे आंकड़े आपको बताए, देश की लगभग 70-80 प्रतिशत पंचायतों तक ये यात्रा पहुंच चुकी है।

साथियों,

विकसित भारत संकल्प यात्रा का सबसे प्रमुख ध्येय ऐसे लोगों तक पहुंचना था, जो किसी ना किसी वजह से अब तक सरकार की योजनाओं से वंचित रहे। और मोदी ऐसे लोगों को पूजता है, मोदी ऐसे लोगों को पूछता है, जिनको किसी ने नहीं पूछा। आज कोई अध्ययन करे तो पाएगा कि विकसित भारत संकल्प यात्रा जैसा अभियान Last Mile Delivery का सबसे बेहतरीन माध्यम है। इस यात्रा के दौरान 4 करोड़ से ज्यादा लोगों का हेल्थ चेकअप हुआ है। इस यात्रा के दौरान ढाई करोड़ लोगों की टीबी की जांच हुई है। जनजातीय क्षेत्रों में 50 लाख से ज्यादा लोगों की सिकल सेल एनीमिया के लिए स्क्रीनिंग हुई है।

विकसित भारत संकल्प यात्रा में सैचुरेशन की अप्रोच ने सरकार को कितने ही वंचितों के दरवाजे तक पहुंचा दिया। इस यात्रा के दौरान, 50 लाख से ज्यादा आयुष्मान कार्ड दिए गए हैं। 50 लाख से ज्यादा लोगों ने बीमा योजनाओं के लिए आवेदन किया। 33 लाख से ज्यादा नए लाभार्थी, पीएम किसान योजना से जोड़े गए। 25 लाख से ज्यादा नए लाभार्थी, किसान क्रेडिट कार्ड के जोड़े गए। 22 लाख से ज्यादा नए लाभार्थियों ने मुफ्त गैस कनेक्शन के लिए अप्लाई किया। 10 लाख से ज्यादा लोगों ने पीएम स्वनिधि का लाभ उठाने के लिए आवेदन दिया।

और साथियों,

करोड़ों-लाखों की ये संख्या किसी के लिए महज आंकड़े हो सकते हैं लेकिन मेरे लिए ये हर संख्या सिर्फ आंकड़ा नहीं है, मेरे लिए ये एक जीवन है, मेरा वो भारतीय भाई या बहन है, मेरा परिवारजन है, जो अब तक योजना के लाभ से वंचित था। और इसलिए, हमारा प्रयास है कि हर क्षेत्र में हम सैचुरेशन की ओर बढ़ें। हमारा प्रयास है कि हर किसी को पोषण, स्वास्थ्य और इलाज की गारंटी मिले। हमारा प्रयास है कि हर परिवार को पक्का घर मिले और हर घर में गैस कनेक्शन, पानी, बिजली, शौचालय की सुविधा हो। हमारा प्रयास है कि स्वच्छता का दायरा और बड़ा हो। हर गली, हर मोहल्ला, हर परिवार उसमें शामिल हो। हमारा प्रयास है कि हर किसी के पास बैंक अकाउंट हो, और स्वरोजगार में आगे बढ़ने का अवसर हो।

साथियों,

जब इस तरह नेक नीयत से काम होता है, ईमानदारी से प्रयास किया जाता है, तो उसका परिणाम भी मिलता है। अभी भारत में गरीबी कम होने को लेकर जो नई रिपोर्ट आई है, वो बहुत ही उत्साह बढ़ाने वाली है। और न सिर्फ भारत में, ये दुनिया में भारत की तरफ देखने का दृष्टिकोण, गवर्नेंस के मॉडल को देखने का दृष्टिकोण, और दुनिया में गरीब देश गरीबी से बाहर निकलने के लिए कौन सा रास्‍ता ढूंढ सकते हैं, इसके लिए ये बहुत बड़ा काम हुआ है। और ताजा रिपोर्ट क्‍या है, ये ताजा रिपोर्ट कहती है (अभी एक हफ्ते पहले ही आई है)। ये ताजा रिपोर्ट कहती है कि हमारी सरकार के पिछले 9 वर्षों में करीब-करीब 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। भारत में गरीबी कभी कम हो सकती है, ये कोई सोच भी नहीं सकता था। लेकिन भारत के गरीबों ने ये करके दिखाया है कि अगर गरीबों को साधन मिलें, संसाधन मिलें, तो वो गरीबी को परास्त कर सकते हैं।

पिछले 10 साल में हमारी सरकार ने जिस तरह की पारदर्शी व्यवस्था बनाई, सच्चा प्रयास किया, जनभागीदारी को बढ़ावा दिया, उसने असंभव को भी संभव कर दिखाया है। सरकार कैसे गरीबों के लिए काम कर रही है, इसे पीएम आवास योजना से भी समझा जा सकता है। पिछले 10 सालों में 4 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को अपना पक्का घर मिला है। 4 करोड़ गरीब परिवारों को अपना पक्का घर मिलना कितने बड़े काम की ये सफलता है और कितनी बड़ी मात्रा में गरीब आशीर्वाद दे रहा है। और मजा तो ये है कि इनमें से 70 प्रतिशत से ज्यादा घरों की रजिस्ट्री महिलाओं के नाम हुई है, मालिक हमारी बहन बन गई है। गरीबी से बाहर निकालने के साथ-साथ इस योजना से महिलाओं को सशक्त करने में मदद मिली है।

ग्रामीण इलाकों में घरों का आकार भी बढ़ाया गया है। पहले घर कैसे बनेंगे इसमें सरकार दखल देती थी, अब लोग अपनी पसंद के घर बना रहे हैं। सरकार ने आवास योजनाओं के घरों का निर्माण भी तेज किया है। पहले की सरकारों में जहां घर बनने में 300 से ज्यादा दिन लग जाते थे...वहीं अब पीएम आवास के घरों के निर्माण का औसत 100 दिन के आसपास का है। यानी हम पहले से तीन गुना तेजी से पक्के घर बना रहे हैं और गरीबों को दे रहे हैं। ये स्‍पीड है ना, वो सिर्फ काम की स्‍पीड नहीं है, हमारे दिलों में गरीबों के लिए जो जगह है ना, एक जगह गरीबों के प्रति प्रेम है ना, वो हमें दौड़ाता है इसलिए तेजी से काम होता है। ऐसे ही प्रयासों ने देश में गरीबी को कम करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है।

साथियों,

हमारी सरकार कैसे वंचितों को वरीयता दे रही है, इसका एक उदाहरण ट्रांसजेंडर समाज भी है, हमारा किन्‍नर समाज है। और अभी मैं किन्‍नर समाज के प्रतिनिधि से विस्‍तार से बात कर रहा था, आपने सुना होगा। आजादी के बाद इतने दशकों तक ट्रांसजेंडर्स को किसी ने नहीं पूछा। ये हमारी सरकार है जिसने पहली बार हमारे किन्‍नर समाज की मुश्किलों की चिंता की, उनका जीवन आसान बनाने को प्राथमिकता दी। हमारी सरकार ने साल 2019 में किन्‍नर समाज के अधिकारों को संरक्षण देने वाला कानून बनाया। इससे किन्‍नर समाज को समाज में सम्मानजनक स्थान मिलने के साथ ही उनके साथ होने वाले भेदभाव को भी खत्म करने में मदद मिली। सरकार ने हजारों लोगों को ट्रांसजेंडर पहचान प्रमाण पत्र भी जारी किया जो कि अभी किन्‍नर समाज के प्रतिनिधि ने कहा कि‍ उन्होंने आई-कार्ड दिए हैं सबको। उनके लिए सरकार की योजना है और वो किन्‍नर समाज हमारी मदद भी कर रहा है। और जैसा अभी कुछ देर पहले हुए संवाद में जाहिर हुआ है, गरीब कल्याण की विभिन्न योजनाओं का लाभ भी हमारे किन्‍नर समाज को लगातार मिल रहा है।

मेरे प्यारे परिवारजनों,

भारत बदल रहा है और बहुत तेजी से बदल रहा है। आज लोगों का आत्मविश्वास, सरकार के प्रति उनका विश्वास, और नए भारत के निर्माण का संकल्प चारों तरफ दिखता है। अभी दो दिन पहले ही मैं पीएम जनमन अभियान के कार्यक्रम में अति पिछड़े आदिवासी समाज के लोगों से बात कर रहा था, जनजातीय समाज के लोगों से बात कर रहा था। मैंने ये देखा कि कैसे आदिवासी गांव की महिलाएं मिलकर गांव के विकास की प्लानिंग कर रही हैं। ये उन गांवों की महिलाएं हैं, जहां आजादी के दशकों बाद भी ज्यादातर लोगों तक विकास की योजनाओं का पूरा लाभ नहीं पहुंचा था। लेकिन इन गांवों की महिलाएं जागरूक हैं, वो अपने परिवार और समाज को योजनाओं का लाभ दिलाने में जुटी हैं।

आज के कार्यक्रम में भी हमने देखा कि कैसे सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ने के बाद बहनों के जीवन में अभूतपूर्व बदलाव आया है। 2014 के पहले देश में सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाना महज कागजों में ही सिमटा हुआ एक सरकारी कार्यक्रम था, और ज्‍यादातर किसी नेता के कार्यक्रम के लिए भीड़ इकट्ठा करने योग्‍य होता था। सेल्फ हेल्प ग्रुप कैसे आर्थिक रूप से मजबूत बनें, उनके कार्य का कैसे विस्तार हो, इस पर पहले ध्यान नहीं दिया जाता था।

ये हमारी सरकार है जिसने ज्यादा से ज्यादा सेल्फ हेल्प ग्रुप्स को बैंकों से जोड़ा। हमने उन्हें बिना गारंटी लिए, लोन देने की सीमा को भी बढ़ाकर 10 लाख रुपए से 20 लाख रुपए कर दिया। हमारी सरकार के 10 वर्षों में करीब 10 करोड़ बहनें सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ी हैं। उन्हें स्वरोजगार के लिए बैंकों से 8 लाख करोड़ से ज्यादा की मदद मिली है। ये आंकड़ा छोटा नहीं है, 8 लाख करोड़ रुपए मेरी इन गरीब माताओं के हाथ में रखने की हमने हिम्‍मत की है। क्‍योंकि मेरी इन माताओं-बहनों पर मेरा भरपूर विश्‍वास है। मेरा भरोसा है कि उनको अवसर मिले तो वो कहीं भी पीछे नहीं रहेंगी। हजारों बहनों ने नए उद्यम शुरू किए हैं। 3 करोड़ महिलाएं महिला किसान के रूप में सशक्त हुई हैं। देश की लाखों बहनें समृद्ध और आत्मनिर्भर हुई हैं।

इस मुहिम को और तेज करते हुए सरकार ने तीन वर्षों में 2 करोड़ लखपति दीदी बनाने का काम शुरू किया है। स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को रोजगार के नए साधन उपलब्ध कराने के लिए नमो ड्रोन दीदी...अब चंद्रयान की बातें तो होंगी लेकिन गांव में जब मेरी सेल्‍फ हेल्‍प ग्रुप की बहन ड्रोन चलाती होगी, किसानी के काम में मदद करती होगी तो कैसा दृश्‍य होगा, आप कल्‍पना कर सकते हैं...इसके तहत नमो ड्रोन दीदियों को 15 हजार ड्रोन उपलब्ध कराये जाएंगे। उन्हें अब ट्रेनिंग देने का काम भी शुरू कर दिया गया है। और मुझे खुशी है कि अब तक एक हजार से ज्यादा नमो ड्रोन दीदियों की ट्रेनिंग भी पूरी हो चुकी है। नमो ड्रोन दीदी के कारण स्वयं सहायता समूहों की आय बढ़ेगी, उनकी आत्मनिर्भरता बढ़ेगी, गांव की बहनों में एक नया आत्मविश्वास आयेगा, और साथ ही ये हमारे किसानों के लिए भी बहुत मददगार सिद्ध होगा।

मेरे परिवारजनों,

हमारी सरकार की प्राथमिकता ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आधुनिक बनाने, किसानों को सशक्त करने की है। इसलिए सरकार की कोशिश है कि छोटे किसानों की ताकत बढ़े, खेती पर होने वाला उनका खर्च कम हो, बाजार में उनको बेहतर कीमत मिल सके। इसी को ध्यान में रखते हुए देश में 10 हजार नए किसान उत्पाद संघ- FPO बनाने का अभियान शुरू किया गया था। आज इनमें से लगभग 8 हज़ार एफपीओ बन भी चुके हैं।

सरकार पशुधन की रक्षा-सुरक्षा के लिए भी उतने ही प्रयास कर रही है। हमने कोविड के दरम्यान मनुष्य को वैक्सीन मिलता है, जिंदगी बचती है; इसका तो सुना, उसकी वाहवाही की कि भई मुफ्त में मोदी ने वैक्सीन लगाई, जीवन बच गया...परिवार बच गया। लेकिन इससे भी आगे मोदी की सोच क्या है, मोदी काम क्या करता है। हमारे यहां जो पशु होते हैं ना, हमारे पशुओं को खुरपका-मुंहपका, Foot and Mouth Disease की वजह से हर साल किसानों को, पशुपालकों को हजारों करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है।

इससे दूध का उत्पादन भी प्रभावित होता है। इस चुनौती से निपटने के लिए आजादी के बाद पहली बार एक बहुत बड़ा अभियान शुरू किया गया है। इसके तहत अब तक 50 करोड़ से ज्यादा जानवरों को टीके लगवाए जा चुके हैं। इस पर भी सरकार ने 15 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए हैं। इस अभियान का भी नतीजा है कि देश में दूध उत्पादन 50 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ा है। इसका लाभ पशुपालक को हुआ है, पशु रखने वाले किसान को हुआ है, देश को हुआ है।

साथियों,

आज भारत दुनिया के सबसे युवा देशों में से एक है। युवा शक्ति का सामर्थ्य बढ़ाने के लिए भी देश में लगातार काम हो रहा है और ये विकसित भारत संकल्प यात्रा भी इसमें मदद कर रही है। इस के दौरान ढेर सारे quiz कम्पटीशन कराये गए हैं। साथ ही, देश के कोने-कोने में हमारे प्रतिभावान खिलाड़ियों को सम्मानित भी किया जा रहा है। मुझे इस बात से खुशी है कि विकसित भारत संकल्प यात्रा में बड़ी संख्या में हमारे युवा 'My Bharat Volunteer' के रूप में रजिस्टर हो रहे हैं। इस यात्रा के दौरान करोड़ों लोगों ने भारत को विकसित बनाने का संकल्प लिया है। इन्हीं संकल्पों से देश को विकसित राष्ट्र बनाने की ऊर्जा मिल रही है। 2047 तक विकसित भारत की यात्रा पूरी करने के लिए हम सब प्रतिबद्ध हैं। मुझे विश्वास है कि इस अभियान में आप भी जुटेंगे। फिर एक बार जिन सबसे संवाद करने का अवसर मिला, उनका भी आभार और इतनी बड़ी तादाद में आपने मोदी की गारंटी वाली गाड़ी का स्वागत किया, सम्मान किया, इसलिए भी आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

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PM Modi visits the Indian Arrival Monument
November 21, 2024

Prime Minister visited the Indian Arrival monument at Monument Gardens in Georgetown today. He was accompanied by PM of Guyana Brig (Retd) Mark Phillips. An ensemble of Tassa Drums welcomed Prime Minister as he paid floral tribute at the Arrival Monument. Paying homage at the monument, Prime Minister recalled the struggle and sacrifices of Indian diaspora and their pivotal contribution to preserving and promoting Indian culture and tradition in Guyana. He planted a Bel Patra sapling at the monument.

The monument is a replica of the first ship which arrived in Guyana in 1838 bringing indentured migrants from India. It was gifted by India to the people of Guyana in 1991.