जम्मू-कश्मीर में 1,500 करोड़ रुपये से भी अधिक लागत की 84 प्रमुख विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया
1,800 करोड़ रुपये की लागत वाली ‘कृषिऔर संबद्ध क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धात्मकता वृद्धि परियोजना (जेकेसीआईपी)’ शुरू की
‘लोगों को सरकार की नीयत और नीतियों पर भरोसा है’
‘जनता की उम्मीदों पर चलते हुए हमारी सरकार सही कार्य करके दिखाती है, अपेक्षित नतीजे लाकर दिखाती है’
‘इस लोकसभा चुनाव में मिले जनादेश का बहुत बड़ा संदेश स्थिरता का है’
‘अटल जी ने जो इंसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत का विजन दिया था... उसे आज हम हकीकत में बदलते देख रहे हैं’
‘मैं लोकतंत्र का झंडा ऊंचा रखने के आपके प्रयासों के लिए अपना आभार व्यक्त करने आया हूं’
‘जम्मू-कश्मीर में आज सही मायने में भारत का संविधान लागू हुआ है। आर्टिकल 370 की दीवार अब गिर चुकी है’
‘हम हरसंभव कोशिश कर रहे हैं हर दूरियां मिटाने की, चाहे दिल की हो या दिल्ली की’
‘वह दिन दूर नहीं जब आप अपने वोट से जम्मू-कश्मीर की नई सरकार चुनेंगे। वह दिन जल्द ही आएगा जब जम्मू-कश्मीर एक बार फिर एक राज्य के रूप में अपना भविष्य संवारेगा’
‘आज जम्मू-कश्मीर स्टार्ट-अप्स, स्किल डेवलपमेंट और स्पोर्ट्स का एक बड़ा हब बन रहा है’
‘जम्मू-कश्मीर की नई पीढ़ी स्थायी शांति के साथ रहेगी’

जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर श्री मनोज सिन्हा जी, केंद्रीय मंत्रीमंडल के मेरे सहयोगी श्री प्रतापराव जाधव जी, अन्य सभी महानुभाव और जम्मू-कश्मीर के कोने-कोने से जुड़े मेरे युवा साथी, अन्य सभी भाइयों और बहन!

साथियों,

आज सुबह जब मैं दिल्ली से श्रीनगर के लिए आने की तैयारी कर रहा था। तो ऐसे ही मेरा मन बहुत उत्साह से भरा हुआ था। और मैं सोच रहा था कि आज इतना उत्साह उमंग मेरे मन में क्यों उमड़ रहा है। तो मुझे दो वजह की तरफ मेरा ध्यान गया। वैसे एक तीसरी वजह भी है। क्यों मैंने लंबे अर्से तक यहां रहकर के काम किया है तो मैं बहुत पुराने लोगों से परिचित हूं। अलग-अलग इलाकों से बहुत गहरा नाता रहा है। तो वो तो यादें ताजा होना बहुत स्वाभाविक है। लेकिन दो वजह की तरफ मेरा ध्यान बहुत स्वाभाविक गया है। आज के इस कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर की तरक्की से जुड़े प्रोजेक्ट्स का काम और दूसरा लोकसभा इलेक्शन के बाद ये कश्मीर के भाइयों और बहनों से मेरी पहली मुलाकात।

साथियों,

मैं अभी पिछले सप्ताह इटली में जी-7 की बैठक में शामिल होकर के आया हूं। और जैसा मनोज जी ने बताया तीन बार किसी सरकार का लगातार बनना, इस Continuity का बहुत बड़ा वैश्विक प्रभाव होता है। इससे हमारे देश की तरफ देखने का नजरिया बदलता है। दुनिया के दूसरे देश भारत के साथ अपने रिश्तों को प्राथमिकता देकर मजबूत करते हैं। आज हम बहुत भाग्यशाली हैं। आज भारत के नागरिकों का जो मिजाज है, ये हमारा देश हम कह सकते हैं कि हमारी सोसायटी ये एस्पिरेशन ऑलटाइम हाई है। और ऑलटाइम हाई एस्पिरेशंस ये अपने आप में देश की सबसे बड़ी शक्ति होती है। जो आज भारत का नसीब हुई है। जब एस्पिरेशन हाई होती है तो लोगों की सरकार से एक्सपेक्टेशन, अपेक्षाएं भी बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। इन कसौटियों पर परखने के बाद तीसरी बार लोगों ने हमारी सरकार को चुना है। एक एस्पिरेशनल सोसायटी किसी को दोबारा मौका नहीं देती। उसका एक ही पैरामीटर होता है-परफोर्मेंस। आपने अपने सेवाकाल के दरमियान क्या परफोर्म किया है। और वो तो उसको नजर के सामने दिखता है। वो सोशल मीडिया से नहीं चलता है, वो भाषण से नहीं होता है, और ये जो देश ने अनुभव किया, उस परफोर्मेंस को देखा, उसी का नतीजा है कि आज एक सरकार को तीसरी बार आप सबकी सेवा करने का अवसर मिला है। जनता को सिर्फ हम पर विश्वास और ये विश्वास उनकी एस्पिरेशन्स को हमारी सरकार ही पूरा कर सकती है। जनता को हमारी नीयत पर, हमारी सरकार की नीतियों पर भरोसा है, उस पर ये ठप्पा लगा है। और ये जो एस्पिरेशनल सोसायटी है, वो निरंतर अच्छा परफॉर्मेंस चाहती है, वो तेज गति से रिजल्ट चाहती है। उसे अब लेट-लतीफी स्वीकार नहीं है। होती है, चलता है, हो जाएगा, देखेंगे, ऐसा करो फिर मिलेंगे, वो जमाना चला गया। लोग कहते हैं बताओ भई आज शाम को क्या होगा? ये मिजाज है आज। जनता की उम्मीदों पर चलते हुए हमारी सरकार परफॉर्म करके दिखाती है, रिजल्ट लाकर के दिखाती है। इसी परफॉर्मेंस के आधार पर 60 साल के बाद, 6 दशक के बाद, तीसरी बार किसी सरकार को हमारे देश ने चुना है। और इस चुनाव के नतीजों ने, ये तीसरी बार सरकार बनने की घटना ने पूरी दुनिया को बहुत बड़ा संदेश दिया है।

साथियों,

लोकसभा इलेक्शन में मिले जनादेश का बहुत बड़ा मैसेज स्थिरता का है, stability का है। देश ने आज से 20 साल पहले यानि एक प्रकार से पिछली शताब्दी थी, वो ये 21वीं शताब्दी, वो 20वीं शताब्दी थी। पिछली सदी के आखिरी दशक में अस्थिर सरकारों का लंबा दौर देखा है। आप में से बहुत नौजवान हैं, जिनका उस समय जन्म भी नहीं हुआ था। आप हैरान हो जाएंगे इतना बड़ा देश और 10 साल में 5 बार इलेक्शन हुए थे। यानि देश चुनाव ही करता रहता था और कोई काम ही नहीं था। और इससे उस अस्थिरता के कारण, अनिश्चित्ता के कारण भारत को जब take off करने करने का वक्त था, हम grounded हो गए। हमें बहुत नुकसान हुआ देश को। उस दौर को पीछे छोड़कर अब भारत स्थिर सरकार के नए दौर में प्रवेश कर चुका है। इससे हमारा लोकतंत्र और मजबूत हुआ है। और लोकतंत्र की मज़बूती में जम्मू कश्मीर की अवाम की, आप लोगों की बहुत बड़ी भूमिका रही है। अटल जी ने जो इंसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत का विजन दिया था, उसे आज हम हकीकत में बदलते देख रहे हैं। इस चुनाव में आपने जम्हूरियत को जिताया है। आपने पिछले 35-40 साल का रिकॉर्ड तोड़ा है। ये दिखाता है कि यहां का नौजवान, जम्हूरियत को लेकर कितने भरोसे से भरा हुआ है। और मैं आज इन कार्यक्रमों में तो आया हूं। लेकिन मेरा मन करता था कि मैं कश्मीर की वादियों में जाकर फिर से एक बार मेरे कश्मीर के भाई-बहनों को रूबरू जाकर धन्यवाद करूं। उन्होंने इस चुनाव में जो बढ़-चढ़कर के हिस्सा लिया है, जम्हूरियत का झंडा ऊंचा किया है, इसलिए मैं आपका धन्यवाद करने के लिए आया हूं। ये भारत की डेमोक्रेसी और संविधान के बनाए रास्तों पर चलकर नई इबारत लिखने की शुरुआत है। मुझे और खुशी होती अगर हमारा विपक्ष भी, कश्मीर में इतने उमंग उत्साह के साथ जो लोकतंत्र का उत्सव मनाया गया, इतनी भारी मात्रा में मतदान हुआ, ये जो उमंग उत्साह का माहौल है, काश अच्छा होता मेरे देश के विपक्ष के लोगों ने भी मेरे कश्मीर के भाई-बहनों की तारीफ की होती, उनका हौसला बुलंद किया होता तो मुझे बहुत खुशी होती। लेकिन विपक्ष ने ऐसे अच्छे काम में भी देश को निराश ही किया है।

साथियों,

जम्मू-कश्मीर में आ रहा ये बदलाव हमारी सरकार की बीते 10 सालों की कोशिशों का नतीजा है। आज़ादी के बाद यहां की हमारी बेटियां, समाज के दूसरे कमज़ोर तबके के लोग, अपने हक से वंचित थे। हमारी सरकार ने सबका साथ, सबका विकास के मंत्र पर चलते हुए सबको अधिकार और अवसर दिए हैं। पाकिस्तान से आए शरणार्थी, हमारे वाल्मिकी समुदाय और सफाई कर्मचारियों के परिवार पहली बार लोकल बॉडीज इलेक्शन में वोट डालने का उन्हें अधिकार मिला है। वाल्मिकी समुदाय को SC कैटेगरी का लाभ मिलने की वर्षों पुरानी मांग पूरी हुई है। पहली बार ST समुदाय के लिए असेंबली में सीटें रिज़र्व की गई हैं। 'पद्दारी जनजाति', 'पहाड़ी जातीय समूह', 'गड्डा ब्राह्मण' और 'कोली' इन सभी समुदायों को भी ST का दर्जा दिया गया है। पंचायत, नगर पालिका और नगर निगम में ओबीसी रिज़र्वेशन पहली बार लागू हुआ है। संविधान के प्रति समर्पण भाव क्या होता है। संविधान का letter & spirit में क्या महात्मय होता है। संविधान हिन्दुस्तान के 140 करोड़ देशवासियों की जिंदगी को बदलने के लिए, अधिकार देने के लिए, उनको भागीदार बनाने के लिए अवसर देता है। लेकिन पहले संविधान की इतनी बड़ी अमानत हमारे पास थी, इसको अस्वीकार किया जाता रहा। दिल्ली में बैठे हुए शासकों ने इसकी चिंता नहीं की। आजादी के इतने सालों तक नहीं की। आज मुझे खुशी है कि हम संविधान को जी रहे हैं, हम संविधान को लेकर के कश्मीर की जिंदगी बदलने के नए-नए रास्ते ढूंढ रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में आज सही मायने में भारत का संविधान लागू हुआ है। और जिन्होंने अब तक संविधान लागू नहीं किया वे दोषी हैं, गुनहगार हैं, कश्मीर के नौजवानों के, कश्मीर की बेटियों के, कश्मीर के लोगों के गुनहगार हैं। और ये सब कुछ साथियों इसलिए हो रहा है, क्योंकि सबको बांटने वाली आर्टिकल 370 की दीवार अब गिर चुकी है।

भाइयों और बहनों,

कश्मीर घाटी में जो बदलाव हम देख रहे हैं, आज पूरी दुनिया उसे देख रही है। मैं देख रहा हूं जी-20 समूह में जो लोग यहां आए थे। उन देशों के लोग जो भी मिलते हैं, तारीफ करते रहते हैं कश्मीर की भी। जिस प्रकार से मेहमानवाजी हुई है, बड़े गौरवगान करते हैं। आज जब श्रीनगर में G-20 जैसा इंटरनेशनल इवेंट होता है, तो हर कश्मीरी का गर्व से उसका सीना भर जाता है। आज जब लाल चौक पर देर-शाम तक हमारे बाल-बच्चे खेलते-खिलखिलाते हैं तो हर भारतीय आनंद से भर जाता है। आज जब यहां सिनेमा हॉल में, बाजारों में रौनक दिखती है तो सबके चेहरे खिल उठते हैं। मुझे कुछ दिन पहले की वो तस्वीरें याद हैं, जब डल झील के किनारे स्पोर्ट्स कारों का जबरदस्त शो हुआ। वो शो पूरी दुनिया ने देखा हमारा कश्मीर कितना आगे बढ़ गया है, अब यहां टूरिज्म के नए रिकॉर्ड्स की चर्चा होती है। और कल जो अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस है ना। वो भी टूरिस्टों के आकर्षण का कारण बनने वाला है। पिछले साल जैसा अभी मनोज जी ने बताया 2 करोड़ से ज्यादा टूरिस्ट record break यहां हमारे जम्मू कश्मीर में टूरिस्ट आए हैं। इससे स्थानीय लोगों के रोजगार में गति आती है, तेजी आती है, रोजगार बढ़ता है, आय बढ़ती है, कारोबार का विस्तार होता है।

साथियों,

मैं दिन रात यही करता रहता हूं। मेरे देश के लिए कुछ न कुछ करूं। मेरे देशवासियों के लिए कुछ न कुछ करूं। और मैं जो भी कर रहा हूं, नेक नीयत के साथ कर रहा हूं। मैं बहुत ईमानदारी से समर्पण भाव से जुटा हूं, ताकि कश्मीर की पिछली पीढ़ियों ने जो भुगता, उससे बाहर निकलने का रास्ता बनाया जा सके। दूरियां चाहे दिल की रही हों या फिर दिल्ली की हर दूरी को मिटाने के लिए हम हर कोशिश कर रहे हैं। कश्मीर में जम्हूरियत का फायदा, हर इलाके, हर परिवार को मिले हर किसी की तरक्की हो, इसके लिए हम सबको मिलकर के काम करना है। केंद्र सरकार से पैसे पहले भी आते थे। लेकिन आज केंद्र सरकार से आई हुई पाई-पाई आपकी भलाई के लिए खर्च होती है। जिस काम के लिए पैसा दिल्ली से निकला है, उसी काम के लिए वो पैसा लगे और उसका परिणाम भी नजर आए, ये हम पक्का करते हैं। जम्मू-कश्मीर के लोग लोकल लेवल पर अपने नुमाइंदे चुनें, उनके ज़रिए आप समस्याओं के समाधान के रास्ते खोजें, इससे बेहतर और क्या होगा? इसलिए अब असेंबली इलेक्शन की तैयारी भी शुरु हो चुकी है। वो समय दूर नहीं, जब आप अपने वोट से जम्मू कश्मीर की नई गवर्नमेंट चुनेंगे। वो दिन भी जल्द आएगा, जब जम्मू और कश्मीर फिर से राज्य के रूप में अपना फ्यूचर और बेहतर बनाएगा।

साथियों,

थोड़ी देर पहले ही यहां जम्मू-कश्मीर के डेवलपमेंट से जुड़े 1500 करोड़ रुपए से अधिक के प्रोजेक्ट्स का शुभारंभ हुआ है। खेती और इससे जुड़े सेक्टर के लिए भी 1800 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट शुरु हुए हैं। मैं इन प्रोजेक्ट्स के लिए जम्मू और कश्मीर की अवाम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। मैं यहां राज्य प्रशासन को भी बधाई दूंगा कि वो सरकारी नौकरियों में भी तेजी से भर्तियां कर रहे हैं। बीते 5 सालों में करीब 40 हज़ार सरकारी भर्तियां की गई हैं। अभी करीब दो हजार नौजवानों को तो इस कार्यक्रम में ही Employment Letter मिला है। कश्मीर में हो रहे लाखों करोड़ रुपए के निवेश से भी स्थानीय युवाओं के लिए हजारों नई नौकरियां बन रही हैं।

भाइयों और बहनों,

रोड और रेल कनेक्टिविटी हो, एजुकेशन और हेल्थ से जुड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर हो, या फिर बिजली-पानी हर मोर्चे पर जम्मू-कश्मीर में बड़े पैमाने पर काम हो रहा है। पीएम ग्रामीण सड़क योजना के तहत यहां हज़ारों किलोमीटर नई सड़कें बनी हैं। जम्मू कश्मीर में नए-नए नेशनल हाईवे बन रहे हैं, एक्सप्रेस वे बन रहे हैं। कश्मीर घाटी रेल कनेक्टिविटी से भी जुड़ रही है। चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज की तस्वीरें देखकर तो हर भारतवासी गर्व से भर उठता है। नॉर्थ कश्मीर की गुरेज़ घाटी को पहली बार बिजली ग्रिड से जोड़ा गया है। कश्मीर में एग्रीकल्चर हो, हॉर्टिकल्चर हो, हथकरघा उद्योग हो, स्पोर्ट्स हो या फिर स्टार्ट-अप्स सभी के लिए अवसर बन रहे हैं। और मैं अभी ऊपर स्टार्टअप की दुनिया से जुड़े नौजवानों से मिलकर के आया हूं। मुझे आने में देरी इसलिए हुई, क्योंकि मैं उनको इतना सुनना चाहता, उनके पास इतना कुछ कहने को था, इनका आत्मविश्वास मेरे मन को बड़ा उत्साहित कर रहा था और अच्छी पढ़ाई छोड़कर के, अच्छी करियर छोड़कर के अपने आप को स्टार्टअप में झोंक दिया है यहां के नौजवानों ने और उन्होंने करके दिखाया। मुझे बता रहे थे किसी ने दो साल पहले चालू किया, किसी ने तीन साल पहले चालू किया और आज एक नाम बना दिया है। और उसमें हर प्रकार के स्टार्टअप्स हैं। आयुर्वेद से जुड़े विषय भी हैं, खानपान से जुड़े विषय हैं। वहां पर Information Technology के नए पराक्रम दिखते हैं, Cyber Security की चर्चा नजर आ रही है। Fashion Design है, Tourism को बल देने वाला Home Stay की कल्पना है। यानि शायद इतने क्षेत्रों में जम्मू कश्मीर में स्टार्टअप्स हो सकते हैं और मेरे जम्मू कश्मीर के नौजवान स्टार्टअप की दुनिया में अपना डंका बजा रहे हो, ये देखने का बहुत खुशी का पल था मेरे लिए दोस्तों। मैं इन सब नौजवानों को बधाई देता हूं।

साथियों,

आज जम्मू कश्मीर स्टार्ट-अप्स, स्किल डेवलपमेंट और स्पोर्ट्स का एक बड़ा हब बन रहा है। और मेरा मत है, जम्मू कश्मीर के पास स्पोर्टस की टैलेंट जो है ना अद्भुत है। और अब मुझे पक्का विश्वास है जो हम infrastructure तैयार कर रहे हैं, वो चीज की व्यवस्था कर रहे हैं, नए-नए खेलों को बढ़ावा दे रहे हैं। बहुत बड़ी मात्रा में international खेलों की दुनिया में जम्मू कश्मीर के बच्चों का नाम रोशन होगा। और जम्मू कश्मीर के बच्चे मेरे देश का नाम रोशन करके रहेंगे, ये मैं अपनी आंखों से देख रहा हूं।

साथियों,

यहां खेती से जुड़े सेक्टर में मुझे बताया गया करीब 70 स्टार्ट अप्स बने हैं। यानि agriculture sector का revolution मैं देखता हूं। और ये नई generation का agriculture को modernize करने का ये जो view है। Global market की तरफ नजर करने का उनका दृष्टिकोण है, ये वाकई बड़ा प्रेरणा देने वाला है। बीते कुछ सालों में ही यहां 50 से ज्यादा डिग्री कॉलेज बने हैं। ये आंकड़ा छोटा नहीं है। अगर पिछले आजादी के बाद के 50-60 साल देखें और ये 10 साल देखें तब आसमान जमीन का अंतर नजर आएगा। पॉलिटेक्निक में सीटें बढ़ने से यहां के नौजवानों को नई स्किल्स सीखने का मौका मिला है। आज जम्मू कश्मीर में IIT है, IIM है, AIIMS बन रहा हैं, अनेकों नए मेडिकल कॉलेज बने हैं। टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में लोकल लेवल पर स्किल्स भी तैयार की जा रही हैं। टूरिस्ट गाइड्स के लिए ऑनलाइन कोर्स हों, स्कूल-कॉलेज-यूनिवर्सिटीज़ में युवा टूरिज्म क्लब की स्थापना हो, ये सब काम आज कश्मीर में बहुत बड़ी मात्रा में हो रहे हैं।

साथियों,

जम्मू-कश्मीर में हो रहे विकास कार्यों का बहुत ज्यादा लाभ कश्मीर की बेटियों को मिल रहा है। सरकार, सेल्फ हेल्प ग्रुप्स से जुड़ी बहनों को टूरिज्म, आईटी और दूसरी स्किल्स की ट्रेनिंग देने का अभियान चला रही है। दो दिन पहले ही देश में ‘कृषि सखी’ कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। आज जम्मू-कश्मीर में भी 1200 से ज्यादा बहनें, ‘कृषि सखी’ के रूप में काम कर रही हैं। नमो ड्रोन दीदी योजना के तहत भी जम्मू-कश्मीर की बेटियों को ट्रेनिंग दी जा रही है। वो पॉयलट बन रही हैं। मैंने कुछ महीनों पहले जब दिल्ली में इस योजना का शुभारंभ किया था, तब जम्मू कश्मीर की ड्रोन दीदियाँ भी उसमें शामिल हुई थीं। ये सारे प्रयास कश्मीर की महिलाओं की आय बढ़ा रहे हैं, उन्हें रोजगार के नए अवसर दे रहे हैं। देश की 3 करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाने के लक्ष्य की ओर हमारी सरकार तेजी से आगे बढ़ रही है।

भाइयों और बहनों,

टूरिज्म और स्पोर्ट्स में भारत दुनिया की एक बड़ी पावर बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है। इन दोनों सेक्टर्स में जम्मू कश्मीर के पास बहुत सामर्थ्य है। आज जम्मू कश्मीर के हर जिले में शानदार स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया जा रहा है। यहां खेलो इंडिया के करीब 100 सेंटर्स बनाए जा रहे हैं। जम्मू कश्मीर के करीब साढ़े 4 हज़ार नौजवानों को नेशनल और इंटरनेशनल कंपीटिशन के लिए ट्रेन किया जा रहा है। ये आंकड़ा बहुत बड़ा है। विंटर स्पोर्ट्स के मामले में तो जम्मू कश्मीर एक प्रकार से भारत की कैपिटल बनता जा रहा है। इसी फरवरी में ही यहां जो चौथा खेलो इंडिया विंटर गेम्स का आयोजन हुआ, उसमें देशभर के 800 से ज्यादा खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया है। ऐसे आयोजनों से भविष्य में यहां इंटरनेशनल स्पोर्ट्स इवेंट्स के लिए नई संभावनाएं बनेंगी।

साथियों,

ये नई ऊर्जा, ये नई उमंग, और इसके लिए आप सब मुबारक के अधिकारी हैं। लेकिन अमन और इन्सानियत के दुश्मनों को जम्मू-कश्मीर की तरक्की पसंद नहीं है। आज वो आखिरी कोशिश कर रहे हैं कि जम्मू-कश्मीर का विकास रुक सके, यहां अमन-चैन स्थापित ना हो। हाल ही में जो आतंक की वारदातें हुई हैं, उन्हें सरकार ने बहुत गंभीरता से लिया है। गृहमंत्री जी ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन के साथ मिलकर सारी व्यवस्थाओं को री-व्यू किया है। मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि जम्मू-कश्मीर के दुश्मनों को सबक सिखाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ेंगे। जम्मू कश्मीर की नई पीढ़ी, स्थाई शांति के साथ ही जिएगी। जम्मू-कश्मीर ने तरक्की का जो रास्ता चुना है, उस रास्ते को हम और मज़बूत करेंगे। एक बार फिर आप सभी को इस अनेक विविध नए प्रोजेक्ट्स के लिए मैं बहुत-बहुत देता हूं और कल पूरे विश्व को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का संदेश श्रीनगर की धरती से जाएगा, इससे बड़ा सुहाना अवसर क्या हो सकता है। विश्व मंच पर मेरा श्रीनगर फिर से एक बार चमकेगा। मेरी आप सबको बहुत बहुत शुभकामनाएं। बहुत-बहुत धन्यवाद!

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प्रधानमंत्री 24 नवंबर को 'ओडिशा पर्व 2024' में हिस्सा लेंगे
November 24, 2024

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 24 नवंबर को शाम करीब 5:30 बजे नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 'ओडिशा पर्व 2024' कार्यक्रम में भाग लेंगे। इस अवसर पर वह उपस्थित जनसमूह को भी संबोधित करेंगे।

ओडिशा पर्व नई दिल्ली में ओडिया समाज फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक प्रमुख कार्यक्रम है। इसके माध्यम से, वह ओडिया विरासत के संरक्षण और प्रचार की दिशा में बहुमूल्य सहयोग प्रदान करने में लगे हुए हैं। परंपरा को जारी रखते हुए इस वर्ष ओडिशा पर्व का आयोजन 22 से 24 नवंबर तक किया जा रहा है। यह ओडिशा की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करते हुए रंग-बिरंगे सांस्कृतिक रूपों को प्रदर्शित करेगा और राज्य के जीवंत सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक लोकाचार को प्रदर्शित करेगा। साथ ही विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख पेशेवरों एवं जाने-माने विशेषज्ञों के नेतृत्व में एक राष्ट्रीय सेमिनार या सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।