Quote10 करोड़ से अधिक लाभार्थी किसान परिवारों को 20,000 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि अंतरित
Quoteप्रधानमंत्री ने लगभग 351 एफपीओ 14 करोड़ रुपये से अधिक का इक्विटी अनुदान भी जारी किया; इससे 1.24 लाख से अधिक किसान लाभान्वित होंगे
Quote"देश के छोटे किसानों के बढ़ते हुए सामर्थ्य को संगठित रूप देने में हमारे किसान उत्पाद संगठनों- एफपीओ की बड़ी भूमिका है"
Quote"देश के किसान का आत्मविश्वास देश का सबसे बड़ा सामर्थ्य है"
Quote"बीते साल के अपने प्रयासों से प्रेरणा लेकर हमें नए संकल्पों की तरफ बढ़ना है"
Quote“राष्ट्र के लिए निरंतर प्रयास ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना के साथ, आज हर भारतीय का मनोभाव बन रहा है और इसलिए ही, आज हमारे प्रयासों में एकजुटता है, हमारे संकल्पों में सिद्धि की अधीरता है। आज हमारी नीतियों में निरंतरता है, हमारे निर्णयों में दूरदर्शिता है"
Quote“पीएम किसान सम्मान निधि भारत के किसानों के लिए एक बड़ा समर्थन है। आज जारी किस्त को भी शामिल कर लें तो 1.80 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा सीधे किसानों के खाते में ट्रांसफर किए जा चुके हैं”

उपस्थित सभी आदरणीय महानुभाव, सबसे पहले तो मैं माता वैष्णो देवी परिसर में हुए दुखद हादसे पर शोक व्यक्त करता हूं। जिन लोगों ने भगदड़ में, अपनों को खोया है, जो लोग घायल हुए हैं, मेरी संवेदनाएं उनके साथ हैं। केंद्र सरकार, जम्मू-कश्मीर प्रशासन के लगातार संपर्क में है। मेरी लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा जी से भी बात हुई है। राहत के काम का, घायलों के उपचार का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।

भाइयों-बहनों,

इस कार्यक्रम में हमारे साथ जुड़े केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी गण, अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्री गण, राज्यों के कृषि मंत्री, अन्य महानुभाव और देश के कोने-कोने से जुड़े मेरे करोड़ों किसान भाइयों और बहनों, भारत में रह रहे, भारत से बाहर रह रहे प्रत्येक भारतीय, भारत के प्रत्येक शुभचिंतक और विश्व समुदाय को वर्ष 2022 की हार्दिक शुभकामनाएं।

साल की शुरुआत देश के करोड़ों अन्नदाताओं के साथ हो, साल के प्रारंभ में ही मुझे देश के कोने-कोने में हमारे किसानो के दर्शन करने का सौभाग्‍य मिले, ये अपने-आप में मेरे लिए बहुत बड़े प्रेरणा के पल हैं। आज देश के करोड़ों किसान परिवारों को, विशेषकर छोटे किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 10वीं किस्त मिली है। किसानों के बैंक खातों में 20 हजार करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए हैं। आज हमारे किसान उत्पाद संगठन- Farmers Produce Organisations, इससे जुड़े किसानों को आर्थिक सहायता भी भेजी गई है। सैकड़ों FPOs आज नई शुरुआत कर रहे हैं।

साथियों,

हमारे यहाँ कहते हैं- ''आमुखायाति कल्याणं कार्यसिद्धिं हि शंसति''।

अर्थात्, सफल शुरुआत कार्य सिद्धि की, संकल्पों की सिद्धि की पहले ही घोषणा कर देती है। एक राष्ट्र के रूप में हम 2021 के बीते साल को उसी रूप में देख सकते हैं। 2021, सौ साल में आई सबसे बड़ी महामारी से मुकाबला करते हुए कोटि-कोटि भारतीयों के सामूहिक सामर्थ्य, देश ने क्‍या करके दिखाया, इसके हम सब साक्षी हैं। आज जब हम नव वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं, तब बीते साल के अपने प्रयासों से प्रेरणा लेकर हमें नए संकल्पों की तरफ बढ़ना है।

इस साल हम अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे करेंगे। ये समय देश के संकल्पों की एक नई जीवंत यात्रा शुरू करने का है, नए हौसले से आगे बढ़ने का है। 2021 में हम भारतीयों ने पूरी दुनिया को दिखा दिया है कि जब हम ठान लेते हैं तो बड़े से बड़ा लक्ष्य, छोटा हो जाता है। कौन सोच सकता था कि इतने कम समय में भारत जैसा इतना विशाल देश, विविधताओं से भरा देश, 145 करोड़ वैक्सीन डोज दे पाएगा? कौन सोच सकता था कि भारत एक दिन में ढाई करोड़ वैक्सीन डोज का रिकॉर्ड बना सकता है? कौन सोच सकता था कि भारत एक साल में 2 करोड़ घरों को पाइप से पानी की सुविधा से जोड़ सकता है?

भारत इस कोरोना काल में अनेकों महीनों से अपने 80 करोड़ नागरिकों को मुफ्त राशन सुनिश्चित कर रहा है। और मुफ्त राशन की सिर्फ इस योजना पर ही भारत 2 लाख 60 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च कर चुका है। मुफ्त अनाज की इस योजना का बहुत बड़ा लाभ गांव को, गरीब को, गांव में रहने वाले हमारे किसान साथियों को मिला है, खेत-मजदूरों को मिला है।

साथियों,

हमारे यहां ये भी कहा गया है- संघे शक्ति कलौ युगे।

यानि इस युग में संगठन से ही शक्ति होती है। संगठित शक्ति, यानि की सबका प्रयास, संकल्प को सिद्धि तक ले जाने का मार्ग। जब 130 करोड़ भारतीय मिलकर एक कदम आगे बढ़ते हैं, तो वो सिर्फ एक कदम भर नहीं होता, 130 करोड़ कदम होते हैं। हम भारतीयों का स्वभाव रहा है कि कुछ ना कुछ अच्छा करके हमें एक अलग सुकून मिलता है। लेकिन जब ये अच्छा करने वाले एकत्र होते हैं, बिखरे हए मोतियों की माला बनती है, तो भारत माता दैदिप्यमान हो जाती है। कितने ही लोग देश के लिए अपना जीवन खपा रहे हैं, देश को बना रहे हैं। ये काम पहले भी करते थे, लेकिन उन्‍हें पहचान देने का काम अभी हुआ है। हर भारतीय की शक्ति आज सामूहिक रूप में परिवर्तित होकर देश के विकास को नई गति और नई ऊर्जा दे रही है। जैसे इन दिनों जब हम पद्म पुरुस्कारों से सम्मानित लोगों के नाम देखते हैं, उनके चेहरे देखते हैं, तो आनंद से भर जाते हैं। सबके प्रयास से ही आज भारत कोरोना जैसी इतनी बड़ी महामारी का मुकाबला कर रहा है।

भाइयों और बहनों,

कोरोना के इस काल में, देश में हेल्थ सेक्टर को और मजबूत करने, हेल्थ इंफ्रा को और बढ़ाने पर भी निरंतर काम किया गया है। 2021 में देश में सैकड़ों नए ऑक्सीजन प्लांट्स बनाए गए हैं, हजारों नए वेंटिलेटर्स जोड़े गए हैं। 2021 में देश में अनेकों नए मेडिकल कॉलेज बने, दर्जनों मेडिकल कॉलेजों पर काम शुरू हुआ है। 2021 में देश में हजारों वेलनेस सेंटर्स का भी निर्माण किया गया है। आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन देश के जिले-जिले, ब्लॉक-ब्लॉक तक अच्छे अस्पतालों, अच्छी टेस्टिंग लैब का नेटवर्क सशक्त करेगा। डिजिटल इंडिया को नई ताकत देते हुए, आयुष्मान भारत डिजिटल हेल्थ मिशन देश में स्वास्थ्य सुविधाओं को और सुलभ, और प्रभावी बनाएगा।

भाइयों और बहनों,

आज बहुत से इकॉनॉमिक इंडीकेटर्स उस समय से भी अच्छा कर रहे हैं, जब कोरोना हमारे बीच नहीं था। आज हमारी अर्थव्यवस्था की विकास दर 8 प्रतिशत से भी ज्यादा है। भारत में रिकॉर्ड विदेशी निवेश आया है। हमारा विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा है। GST कलेक्शन में भी पुराने रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं। निर्यात और विशेषकर कृषि के मामले में भी हमने नए प्रतिमान स्थापित किए हैं।

साथियों,

आज हमारा देश, अपनी विविधता और विशालता के अनुरूप ही, हर क्षेत्र में विकास के भी विशाल कार्तिमान बना रहा है। 2021 में भारत ने करीब-करीब 70 लाख करोड़ रुपए का लेन-देन सिर्फ UPI से किया है, डिजिटल ट्रांजेक्‍शन किया है। आज भारत में 50 हजार से ज्यादा स्टार्ट-अप्स काम कर रहे हैं। इनमें से 10 हजार से ज्यादा स्टार्ट्स अप्स तो पिछले 6 महीने में बने हैं। 2021 में भारत के नौजवानों ने कोरोना के इस कालखंड में भी 42 यूनिकॉर्न बनाकर, एक नया इतिहास रच दिया है। मैं अपने किसान भाई-बहनों को बताना चाहता हूं कि ये एक-एक यूनिकॉर्न, ये करीब सात हजार करोड़ रुपए से भी अधिक मूल्य का स्टार्ट अप है। इतने कम समय में इतनी प्रगति, आज भारत के नौजवानों की सफलता की नई गाथा लिख रही है।

और साथियों,

आज जहां भारत एक ओर अपना स्टार्ट अप इकोसिस्टम मजबूत कर रहा है, तो वहीं दूसरी ओर अपनी संस्कृति को भी उतने ही गर्व से सशक्त कर रहा है। काशी विश्वनाथ धाम सुंदरीकरण परियोजना से लेकर केदारनाथ धाम की विकास परियोजनाओं तक, आदि शंकराचार्य की समाधि के पुनर्निमाण से लेकर मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा समेत भारत से चोरी हुई सैकड़ों मूर्तियों को वापस लाने तक, अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण से लेकर धोलावीरा और दुर्गा पूजा उत्सव को वर्ल्ड हेरिटेज का दर्जा मिलने तक, भारत के पास इतना कुछ है। देश के प्रति पूरी दुनिया का आकर्षण है। और अब जब हम अपनी इन धरोहरों को मजबूत करने में लगे हैं तो निश्चित तौर पर टूरिज्म भी बढ़ेगा और तीर्थाटन भी बढ़ेगा।

साथियों,

भारत अपने युवाओं के लिए, अपने देश की महिलाओं के लिए आज अभूतपूर्व कदम उठा रहा है। 2021 में भारत ने अपने सैनिक स्कूलों को बेटियों के लिए खोल दिया। 2021 में भारत ने नेशनल डिफेंस एकेडमी के द्वार भी महिलाओं के लिए खोल दिए हैं। 2021 में भारत ने बेटियों की शादी की उम्र को 18 से बढ़ाकर 21 साल यानि बेटों के बराबर करने का भी प्रयास शुरू किया। आज भारत में पहली बार पीएम आवास योजना की वजह से करीब-करीब 2 करोड़ महिलाओं को घर पर उनका मालिकाना हक भी मिला है। हमारे किसान भाई-बहन, हमारे गांव के साथी समझ सकते हैं कि ये कितना बड़ा काम हुआ है।

साथियों,

2021 में हमने भारतीय खिलाड़ियों में एक नया आत्मविश्वास भी देखा है। भारत में खेलों के प्रति आकर्षण बढ़ा है, एक नए युग की शुरुआत हुई है। हम में से हर कोई खुश था जब भारत ने टोक्यो ओलंपिक्स में इतने मेडल जीते। हम में हर कोई गर्व से भरा था, जब हमारे दिव्यांग खिलाड़ियों ने पैरालंपिक में इतिहास रच दिया। पैरालंपिक के इतिहास में भारत ने अब तक जितने मेडल जीते थे, उससे ज्यादा मेडल हमारे दिव्यांग खिलाड़ियों ने पिछले पैरालंपिक में जीतकर दिखाए हैं। भारत आज अपने स्पोर्ट्स पर्सन्स और स्पोर्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर जितना निवेश कर रहा है, उतना पहले कभी नहीं किया गया। कल ही मैं मेरठ में एक और स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी का शिलान्यास करने जा रहा हूं।

साथियों,

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से लेकर स्थानीय निकायों तक में भारत ने अपनी नीतियों और निर्णयों से अपना सामर्थ्य सिद्ध किया है। भारत ने 2016 में ये लक्ष्य रखा था कि वो साल 2030 तक, अपनी installed electricity capacity का 40 प्रतिशत, Non-Fossil Energy Sources से पूरा करेगा। भारत ने अपना ये लक्ष्य, 2030 का जो लक्ष्‍य था, वो नवंबर 2021 में ही प्राप्त कर लिया। क्लाइमेट चेंज के खिलाफ विश्व का नेतृत्व करते हुए भारत ने 2070 तक नेट जीरो कार्बन एमिशन का भी लक्ष्य दुनिया के सामने रखा है। आज भारत हाइड्रोजन मिशन पर काम कर रहा है, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर Lead ले रहा है। देश में करोड़ों Led बल्ब वितरित करने से, हर साल गरीबों के, मध्यम वर्ग के करीब-करीब 20 हजार करोड़ रुपए, बिजली बिल में कम आए हैं। देशभर के शहरों में स्थानीय निकायों द्वारा स्ट्रीट लाइट्स को भी LED से बदलने का अभियान चलाया जा रहा है। और मेरे किसान भाई हमारे अन्नदाता, ऊर्जादाता बनें, इसके लिए भी भारत बहुत बड़ा अभियान चला रहा है। प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत किसान खेतों के किनारे सोलर पैनल लगाकर सौर ऊर्जा पैदा कर सकें इसके लिए भी उन्हें मदद दी जा रही है। लाखों किसानों को सरकार द्वारा सोलर पंप भी दिए गए हैं। इससे पैसे की भी बचत हो रही है और पर्यावरण की भी रक्षा हो रही है।

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साथियों,

2021 का वर्ष कोरोना के खिलाफ देश की मजबूत लड़ाई की वजह से याद रखा जाएगा, तो इस दौरान भारत ने जो Reforms किए उनकी भी चर्चा अवश्य होगी। बीते साल भारत ने आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण और रिफॉर्म की प्रक्रिया को और तेज गति से आगे बढ़ाया है। सरकार का दखल कम हो, हर भारतीय का सामर्थ्य निखरे, और सबके प्रयास से राष्ट्रीय लक्ष्यों की प्राप्ति हो, इसी प्रतिबद्धता से उसी को सशक्त किया जा रहा है। व्यापार-कारोबार को आसान बनाने के लिए बीते साल भी अनेक निर्णय लिए गए।

पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान देश में इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण की गति को नई धार देने वाला है। मेक इन इंडिया को नए आयाम देते हुए देश ने चिप निर्माण, सेमीकंडक्टर जैसे नए सेक्टर के लिए महत्वकांक्षी योजनाएं लागू की है। बीते साल ही रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए देश को 7 रक्षा कंपनियां मिली हैं। हमने पहली प्रोग्रेसिव ड्रोन पॉलिसी भी लागू की है। अंतरिक्ष में देश की आकांक्षाओं को नई उड़ान देते हुए, Indian space association का गठन किया गया है।

साथियों,

डिजिटल इंडिया अभियान भारत में हो रहे विकास को गांव-गांव तक ले जाने में बड़ी भूमिका निभा रहा है। 2021 में हजारों नए गांवों को ऑप्टिकल फाइबर केबल से जोड़ा गया है। इसका बहुत लाभ हमारे किसान साथियों, उनके परिवारों, उनके बच्चों को भी हुआ है। 2021 में ही e-RUPI जैसा नया डिजिटल पेमेंट समाधान भी शुरू किया गया है। एक देश, एक राशन कार्ड, भी देशभर में लागू हो चुका है। आज देश के असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को ई-श्रमकार्ड दिए जा रहे हैं, ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ उन तक आसानी से पहुंच पाएं।

भाइयों और बहनों

वर्ष 2022 में हमें अपनी गति को और तेज करना है। कोरोना की चुनौतियां हैं, लेकिन कोरोना भारत की रफ्तार नहीं रोक सकता। भारत, पूरी सावधानी रखते हुए, पूरी सतर्कता के साथ कोरोना से भी लड़ेगा और अपने राष्ट्रीय हितों को भी पूरा करेगा। हमारे यहां कहा गया है,

''जहीहि भीतिम् भज भज शक्तिम्। विधेहि राष्ट्रे तथा अनुरक्तिम्॥

कुरु कुरु सततम् ध्येय-स्मरणम्। सदैव पुरतो निधेहि चरणम्''॥

यानी,

डर, भय आशंकाओं को छोड़कर हमें शक्ति और सामर्थ्य को याद करना है, देशप्रेम की भावना सर्वोपरि रखनी है। हमें अपने लक्ष्यों का याद रखते हुए लगातार लक्ष्य की ओर कदम बढ़ाना है। 'राष्ट्र प्रथम' की भावना के साथ राष्ट्र के लिए निरंतर प्रयास, आज हर भारतीय का मनोभाव बन रहा है। और इसलिए ही, आज हमारे प्रयासों में एकजुटता है, हमारे संकल्पों में सिद्धि की अधीरता है। आज हमारी नीतियों में निरंतरता है, हमारे निर्णयों में दूरदर्शिता है। देश के अन्नदाता को समर्पित आज का ये कार्यक्रम इसी का एक उदाहरण है।

पीएम किसान सम्मान निधि, भारत के किसानों का बहुत बड़ा संबल बनी है। हर बार हर किस्त समय से, हर साल हजारों करोड़ रुपए का ट्रान्सफर, बिना किसी बिचौलिये के, बिना किसी कमीशन के, पहले कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था कि भारत में ऐसा भी हो सकता है। आज की राशि को मिला दें, तो किसान सम्मान निधि के तहत किसानों के खाते में 1 लाख 80 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा ट्रांसफर हो चुके हैं। आज उनके छोटे-छोटे खर्चों के लिए ये किसान सम्मान निधि, बहुत काम आ रही है। छोटे किसान इस राशि में से अच्छी क्वालिटी के बीज खरीद रहे हैं, अच्छी खाद और उपकरणों का इस्तेमाल कर रहे हैं।

साथियों,

देश के छोटे किसानों के बढ़ते हुए सामर्थ्य को संगठित रूप देने में हमारे किसान उत्पाद संगठनों- FPO's की बड़ी भूमिका है। जो छोटा किसान पहले अलग-थलग रहता था, उसके पास अब FPO के रूप में पाँच बड़ी शक्तियाँ हैं। पहली शक्ति है- बेहतर बार्गेनिंग, यानी कि मोलभाव की शक्ति। आप सब जानते हैं, जब आप अकेले खेती करते हैं तो क्या होता है? आप बीज से लेकर खाद तक सब खरीदते तो फुटकर में हैं, लेकिन बेचते थोक में हैं। इससे लागत ज्यादा बढ़ती है, और मुनाफा कम होता है। लेकिन FPOs के जरिए ये अब तस्वीर बदल रही है। FPOs के माध्यम से अब खेती के लिए जरूरी चीजें किसान थोक में खरीदते हैं, और रिटेल में बेचते हैं।

FPOs से जो दूसरी शक्ति किसानों को मिली है, वो है- बड़े स्तर पर व्यापार की। एक FPO के रूप में किसान संगठित होकर काम करते हैं, लिहाजा उनके लिए संभावनाएं भी बड़ी होती हैं। तीसरी ताकत है- इनोवेशन की। एक साथ कई किसान मिलते हैं, तो उनके अनुभव भी साथ में जुड़ते हैं। जानकारी बढ़ती है। नए नए इनोवेशन्स के लिए रास्ता खुलता है। FPO में चौथी शक्ति है- रिस्क मैनेजमेंट की। एक साथ मिलकर आप चुनौतियों का बेहतर आकलन भी कर सकते हैं, उससे निपटने के रास्ते भी बना सकते हैं।

और पांचवीं शक्ति है- बाज़ार के हिसाब से बदलने की क्षमता। बाज़ार और बाज़ार की डिमांड तो लगातार बदलती रहती है। लेकिन छोटे किसानों को या तो उसकी जानकारी नहीं मिलती, या फिर वो बदलाव के लिए संसाधन नहीं जुटा पाता। कभी सारे लोग एक ही फसल बो देते हैं और बाद में पता चलता है कि अब उसकी डिमांड ही कम हो गई। लेकिन FPO में आप न केवल बाज़ार के हिसाब से तैयार रहते हैं बल्कि खुद बाज़ार में नए उत्पाद के लिए डिमांड पैदा करने की ताकत भी रखते हैं।

साथियों,

FPO's की इसी शक्ति को समझते हुए आज हमारी सरकार उन्हें हर स्तर पर प्रोत्साहित कर रही है। इन FPO's को 15 लाख रुपए तक की मदद भी मिल रही है। इसी का नतीजा है कि आज देश में Organic FPO क्लस्टर्स, ऑयल सीड क्लस्टर्स, बैम्बू क्लस्टर्स और Honey FPOs जैसे क्लस्टर्स तेजी से बढ़ रहे हैं। हमारे किसान आज 'वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रॉडक्ट' जैसी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं, देश विदेश के बड़े बाज़ार उनके लिए खुल रहे हैं।

साथियों,

हमारे देश में आज भी ऐसी कई चीजों का विदेशों से आयात होता है, जिनकी जरूरत देश का किसान आसानी से पूरी कर सकता है। खाद्य तेल इसका बहुत बड़ा उदाहरण हैं। हम विदेशों से खाद्य तेल खरीदते हैं। देश को बहुत पैसा दूसरे देशों को देना पड़ता है। ये पैसा देश के किसानों को मिले, इसीलिए हमारी सरकार ने 11 हजार करोड़ के बजट के साथ नेशनल पाम ऑयल मिशन शुरू किया है।

साथियों,

बीते साल देश ने कृषि क्षेत्र में एक के बाद एक, अनेक ऐतिहासिक मुकाम हासिल किए हैं। कोरोना की चुनौतियों के बाद भी आप सबने अपनी मेहनत से देश में अन्न उत्पादन को रिकॉर्ड स्तर पर ले जाकर दिखाया। बीते साल देश का अनाज उत्पादन 300 मिलियन टन तक पहुंचा है। हॉर्टिकल्चर-फ्लोरीकल्चर- बागवानी-फूल-फूल की खेती में अब उत्पादन 330 मिलियन टन से भी ऊपर पहुँच गया है। 6-7 वर्ष पहले की तुलना में देश में दूध उत्पादन भी लगभग 45 प्रतिशत बढ़ा है। यही नहीं, अगर किसान रिकॉर्ड उत्पादन कर रहा है तो देश MSP पर रिकॉर्ड खरीद भी कर रहा है। सिंचाई में भी, हम Per Drop-More Crop को बढ़ावा दे रहे हैं। बीते वर्षों में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के जरिए करीब 60 लाख हेक्टेयर जमीन को माइक्रो-इरिगेशन से टपक सिंचाई से जोड़ा गया है।

प्राकृतिक आपदा में किसानों को जो नुकसान होता था, जो दिक्कत होती थी, उसे कम करने का भी हमने प्रयास किया है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से किसानों को मिलने वाला मुआवजा 1 लाख करोड़ से भी ऊपर पहुँच गया है। ये आंकड़ा बहुत महत्वपूर्ण है। देशभर के किसानों ने करीब 21 हजार करोड़ रुपए ही प्रीमियम के तौर पर दिए लेकिन उन्हें मुआवजे के तौर पर एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा मिले। भाइयों और बहनों, फसलों के अवशेष हों, पराली हो, ऐसी हर चीज से भी किसान को पैसा मिले, इसके लिए प्रयास तेज़ किए गए हैं। कृषि अवशेषों से बायोफ्यूल बनाने के लिए देशभर में सैकड़ों नई यूनिट्स लगाई जा रही हैं। 7 साल पहले जहां देश में हर साल 40 करोड़ लीटर से भी कम इथेनॉल का उत्पादन होता था वो आज 340 करोड़ लीटर से भी अधिक हो चुका है।

साथियों,

आज देशभर में गोबरधन योजना चल रही है। इसके माध्यम से गांव में गोबर से बायोगैस बनाने के लिए प्रोत्साहन दिया जा रहा है। बायोगैस का उपयोग बढ़े, इसके लिए भी देशभर में प्लांट लगाए जा रहे हैं। इन प्लांट्स से हर साल लाखों टन उत्तम ऑर्गेनिक खाद भी निकलेगी, जो किसानों को कम दाम पर उपलब्ध रहेगी। जब गोबर का भी पैसा मिलेगा तो ऐसे पशु भी बोझ नहीं लगेंगे, जो दूध नहीं देते या जिन्होंने दूध देना बंद कर दिया है। सब देश के काम आएं, कोई बेसहारा ना रहे, ये भी तो आत्मनिर्भरता ही है।

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साथियों,

पशुओं का घर पर ही इलाज हो, घर पर ही कृत्रिम गर्भाधान की व्यवस्था हो, इसके लिए आज अभियान चलाया जा रहा है। पशुओं में Foot and Mouth Disease- खुरपका-मुंहपका के नियंत्रण के लिए भी टीकाकरण मिशन चल रहा है। सरकार ने कामधेनु आयोग का भी गठन किया है, डेयरी सेक्टर के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए हज़ारों करोड़ रुपए का विशेष फंड बनाया है। ये हमारी ही सरकार है जिसने लाखों पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा से भी जोड़ा है।

साथियों,

धरती हमारी माता है और हमने देखा है कि जहां धरती माता को बचाने का प्रयास नहीं हुआ, वो जमीन बंजर हो गई। हमारी धरती को बंजर होने के बचाने का एक बड़ा तरीका है- केमिकल मुक्त खेती। इसलिए बीते वर्ष में देश ने एक और दूरदर्शी प्रयास शुरू किया है। ये प्रयास है- नैचुरल फ़ार्मिंग यानि प्राकृतिक खेती का। और इसकी एक फिल्‍म अभी आपने देखी भी, और मैं तो चाहूंगा कि सोशल मीडिया में इस फिल्‍म को हर किसान तक पहुंचाइये।

नैचुरल फ़ार्मिंग से जुड़ा कितना कुछ हमने अपनी पुरानी पीढ़ियों से सीखा है। ये सही समय है जब हम अपने इस पारंपरिक ज्ञान को व्यवस्थित करें, आधुनिक तकनीक से जोड़ें। आज दुनिया में केमिकल फ्री अनाजों की भारी मांग है, और काफी ऊंचे दाम पर इसके खरीददार तैयार हैं। इसमें लागत कम है और उत्पादन भी बेहतर रहता है। जिनसे अधिक लाभ सुनिश्चित होता है केमिकल मुक्त होने से हमारी मिट्टी की सेहत, उपजाऊ शक्ति और खाने वालों का स्वास्थ्य भी उत्तम रहता है। मैं आज आप सभी से आग्रह करूंगा कि प्राकृतिक खेती को भी अपनी खेती से जोड़ें, इस पर जोर दें।

भाइयों और बहनों,

नए साल का ये पहला दिन, नए संकल्पों का दिन है। ये संकल्प आज़ादी के अमृतकाल में देश को और समर्थ और सक्षम बनाने वाले हैं। यहां से हमें इनोवेशन का, कुछ नया करने का, संकल्प लेना है। खेती में तो ये नयापन आज समय की मांग है। नई फसलों, नए तौर-तरीकों को अपनाने से हमें हिचकिचाना नहीं है। साफ-सफाई का जो संकल्प है, उसे भी हमें भूलना नहीं है। गांव-गांव, खेत-खलिहान, हर जगह स्वच्छता की अलख जलती रहे, ये हमें सुनिश्चित करना है। सबसे बड़ा संकल्प है- आत्मनिर्भरता का, लोकल के लिए वोकल होने का। हमें भारत में बनी चीजों को वैश्विक पहचान देनी है। इसके लिए ज़रूरी है कि भारत में पैदा होने वाले, भारत में बनने वाले हर सामान, हर सर्विस को हम प्राथमिकता दें।

हमें याद रखना है कि हमारे आज के कार्य, अगले 25 वर्षों की हमारी विकास यात्रा की दिशा तय करेंगे। इस यात्रा में हम सभी का पसीना होगा, प्रत्येक देशवासी की मेहनत होगी। मुझे पूरा विश्वास है कि हम सभी भारत को उसकी गौरवशाली पहचान लौटाएँगे, और देश को एक नई ऊंचाई देंगे। आज नए वर्ष के पहले दिन देश के करोड़ों किसानों के बैंक खातों में 20 हजार करोड़ रुपए ट्रांसफर होना ऐसा ही एक प्रयास है।

आप सभी को एक बार फिर साल 2022, इस नववर्ष की बहुत-बहुत मंगल कामनाएँ।

बहुत-बहुत धन्यवाद !

  • krishangopal sharma Bjp February 03, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा🙏🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌹
  • krishangopal sharma Bjp February 03, 2025

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  • krishangopal sharma Bjp February 03, 2025

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  • krishangopal sharma Bjp February 03, 2025

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  • krishangopal sharma Bjp February 03, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा🙏🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷
  • krishangopal sharma Bjp February 03, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा🙏🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹
  • बबिता श्रीवास्तव August 28, 2024

    हर हर मोदी घर घर मोदी
  • बबिता श्रीवास्तव August 28, 2024

    हर हर महादेव
  • Jitender Kumar Haryana BJP State President August 11, 2024

    🇮🇳
  • Madhusmita Baliarsingh June 25, 2024

    Prime Minister Narendra Modi has consistently emphasized the importance of farmers' welfare in India. Through initiatives like the PM-KISAN scheme, soil health cards, and increased MSP for crops, the government aims to enhance agricultural productivity and support the livelihoods of millions of farmers. #FarmersFirst #ModiWithFarmers #AgriculturalReforms
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February 21, 2025
QuoteThe School of Ultimate Leadership (SOUL) will shape leaders who excel nationally and globally: PM
QuoteToday, India is emerging as a global powerhouse: PM
QuoteLeaders must set trends: PM
QuoteIn future leadership, SOUL's objective should be to instill both the Steel and Spirit in every sector to build Viksit Bharat: PM
QuoteIndia needs leaders who can develop new institutions of global excellence: PM
QuoteThe bond forged by a shared purpose is stronger than blood: PM

His Excellency,

भूटान के प्रधानमंत्री, मेरे Brother दाशो शेरिंग तोबगे जी, सोल बोर्ड के चेयरमैन सुधीर मेहता, वाइस चेयरमैन हंसमुख अढ़िया, उद्योग जगत के दिग्गज, जो अपने जीवन में, अपने-अपने क्षेत्र में लीडरशिप देने में सफल रहे हैं, ऐसे अनेक महानुभावों को मैं यहां देख रहा हूं, और भविष्य जिनका इंतजार कर रहा है, ऐसे मेरे युवा साथियों को भी यहां देख रहा हूं।

साथियों,

कुछ आयोजन ऐसे होते हैं, जो हृदय के बहुत करीब होते हैं, और आज का ये कार्यक्रम भी ऐसा ही है। नेशन बिल्डिंग के लिए, बेहतर सिटिजन्स का डेवलपमेंट ज़रूरी है। व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण, जन से जगत, जन से जग, ये किसी भी ऊंचाई को प्राप्त करना है, विशालता को पाना है, तो आरंभ जन से ही शुरू होता है। हर क्षेत्र में बेहतरीन लीडर्स का डेवलपमेंट बहुत जरूरी है, और समय की मांग है। और इसलिए The School of Ultimate Leadership की स्थापना, विकसित भारत की विकास यात्रा में एक बहुत महत्वपूर्ण और बहुत बड़ा कदम है। इस संस्थान के नाम में ही ‘सोल’ है, ऐसा नहीं है, ये भारत की सोशल लाइफ की soul बनने वाला है, और हम लोग जिससे भली-भांति परिचित हैं, बार-बार सुनने को मिलता है- आत्मा, अगर इस सोल को उस भाव से देखें, तो ये आत्मा की अनुभूति कराता है। मैं इस मिशन से जुड़े सभी साथियों का, इस संस्थान से जुड़े सभी महानुभावों का हृदय से बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं। बहुत जल्द ही गिफ्ट सिटी के पास The School of Ultimate Leadership का एक विशाल कैंपस भी बनकर तैयार होने वाला है। और अभी जब मैं आपके बीच आ रहा था, तो चेयरमैन श्री ने मुझे उसका पूरा मॉडल दिखाया, प्लान दिखाया, वाकई मुझे लगता है कि आर्किटेक्चर की दृष्टि से भी ये लीडरशिप लेगा।

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साथियों,

आज जब The School of Ultimate Leadership- सोल, अपने सफर का पहला बड़ा कदम उठा रहा है, तब आपको ये याद रखना है कि आपकी दिशा क्या है, आपका लक्ष्य क्या है? स्वामी विवेकानंद ने कहा था- “Give me a hundred energetic young men and women and I shall transform India.” स्वामी विवेकानंद जी, भारत को गुलामी से बाहर निकालकर भारत को ट्रांसफॉर्म करना चाहते थे। और उनका विश्वास था कि अगर 100 लीडर्स उनके पास हों, तो वो भारत को आज़ाद ही नहीं बल्कि दुनिया का नंबर वन देश बना सकते हैं। इसी इच्छा-शक्ति के साथ, इसी मंत्र को लेकर हम सबको और विशेषकर आपको आगे बढ़ना है। आज हर भारतीय 21वीं सदी के विकसित भारत के लिए दिन-रात काम कर रहा है। ऐसे में 140 करोड़ के देश में भी हर सेक्टर में, हर वर्टिकल में, जीवन के हर पहलू में, हमें उत्तम से उत्तम लीडरशिप की जरूरत है। सिर्फ पॉलीटिकल लीडरशिप नहीं, जीवन के हर क्षेत्र में School of Ultimate Leadership के पास भी 21st सेंचुरी की लीडरशिप तैयार करने का बहुत बड़ा स्कोप है। मुझे विश्वास है, School of Ultimate Leadership से ऐसे लीडर निकलेंगे, जो देश ही नहीं बल्कि दुनिया की संस्थाओं में, हर क्षेत्र में अपना परचम लहराएंगे। और हो सकता है, यहां से ट्रेनिंग लेकर निकला कोई युवा, शायद पॉलिटिक्स में नया मुकाम हासिल करे।

साथियों,

कोई भी देश जब तरक्की करता है, तो नेचुरल रिसोर्सेज की अपनी भूमिका होती ही है, लेकिन उससे भी ज्यादा ह्यूमेन रिसोर्स की बहुत बड़ी भूमिका है। मुझे याद है, जब महाराष्ट्र और गुजरात के अलग होने का आंदोलन चल रहा था, तब तो हम बहुत बच्चे थे, लेकिन उस समय एक चर्चा ये भी होती थी, कि गुजरात अलग होकर के क्या करेगा? उसके पास कोई प्राकृतिक संसाधन नहीं है, कोई खदान नहीं है, ना कोयला है, कुछ नहीं है, ये करेगा क्या? पानी भी नहीं है, रेगिस्तान है और उधर पाकिस्तान है, ये करेगा क्या? और ज्यादा से ज्यादा इन गुजरात वालों के पास नमक है, और है क्या? लेकिन लीडरशिप की ताकत देखिए, आज वही गुजरात सब कुछ है। वहां के जन सामान्य में ये जो सामर्थ्य था, रोते नहीं बैठें, कि ये नहीं है, वो नहीं है, ढ़िकना नहीं, फलाना नहीं, अरे जो है सो वो। गुजरात में डायमंड की एक भी खदान नहीं है, लेकिन दुनिया में 10 में से 9 डायमंड वो है, जो किसी न किसी गुजराती का हाथ लगा हुआ होता है। मेरे कहने का तात्पर्य ये है कि सिर्फ संसाधन ही नहीं, सबसे बड़ा सामर्थ्य होता है- ह्यूमन रिसोर्स में, मानवीय सामर्थ्य में, जनशक्ति में और जिसको आपकी भाषा में लीडरशिप कहा जाता है।

21st सेंचुरी में तो ऐसे रिसोर्स की ज़रूरत है, जो इनोवेशन को लीड कर सकें, जो स्किल को चैनेलाइज कर सकें। आज हम देखते हैं कि हर क्षेत्र में स्किल का कितना बड़ा महत्व है। इसलिए जो लीडरशिप डेवलपमेंट का क्षेत्र है, उसे भी नई स्किल्स चाहिए। हमें बहुत साइंटिफिक तरीके से लीडरशिप डेवलपमेंट के इस काम को तेज गति से आगे बढ़ाना है। इस दिशा में सोल की, आपके संस्थान की बहुत बड़ी भूमिका है। मुझे ये जानकर अच्छा लगा कि आपने इसके लिए काम भी शुरु कर दिया है। विधिवत भले आज आपका ये पहला कार्यक्रम दिखता हो, मुझे बताया गया कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के effective implementation के लिए, State Education Secretaries, State Project Directors और अन्य अधिकारियों के लिए वर्क-शॉप्स हुई हैं। गुजरात के चीफ मिनिस्टर ऑफिस के स्टाफ में लीडरशिप डेवलपमेंट के लिए चिंतन शिविर लगाया गया है। और मैं कह सकता हूं, ये तो अभी शुरुआत है। अभी तो सोल को दुनिया का सबसे बेहतरीन लीडरशिप डेवलपमेंट संस्थान बनते देखना है। और इसके लिए परिश्रम करके दिखाना भी है।

साथियों,

आज भारत एक ग्लोबल पावर हाउस के रूप में Emerge हो रहा है। ये Momentum, ये Speed और तेज हो, हर क्षेत्र में हो, इसके लिए हमें वर्ल्ड क्लास लीडर्स की, इंटरनेशनल लीडरशिप की जरूरत है। SOUL जैसे Leadership Institutions, इसमें Game Changer साबित हो सकते हैं। ऐसे International Institutions हमारी Choice ही नहीं, हमारी Necessity हैं। आज भारत को हर सेक्टर में Energetic Leaders की भी जरूरत है, जो Global Complexities का, Global Needs का Solution ढूंढ पाएं। जो Problems को Solve करते समय, देश के Interest को Global Stage पर सबसे आगे रखें। जिनकी अप्रोच ग्लोबल हो, लेकिन सोच का एक महत्वपूर्ण हिस्सा Local भी हो। हमें ऐसे Individuals तैयार करने होंगे, जो Indian Mind के साथ, International Mind-set को समझते हुए आगे बढ़ें। जो Strategic Decision Making, Crisis Management और Futuristic Thinking के लिए हर पल तैयार हों। अगर हमें International Markets में, Global Institutions में Compete करना है, तो हमें ऐसे Leaders चाहिए जो International Business Dynamics की समझ रखते हों। SOUL का काम यही है, आपकी स्केल बड़ी है, स्कोप बड़ा है, और आपसे उम्मीद भी उतनी ही ज्यादा हैं।

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साथियों,

आप सभी को एक बात हमेशा- हमेशा उपयोगी होगी, आने वाले समय में Leadership सिर्फ Power तक सीमित नहीं होगी। Leadership के Roles में वही होगा, जिसमें Innovation और Impact की Capabilities हों। देश के Individuals को इस Need के हिसाब से Emerge होना पड़ेगा। SOUL इन Individuals में Critical Thinking, Risk Taking और Solution Driven Mindset develop करने वाला Institution होगा। आने वाले समय में, इस संस्थान से ऐसे लीडर्स निकलेंगे, जो Disruptive Changes के बीच काम करने को तैयार होंगे।

साथियों,

हमें ऐसे लीडर्स बनाने होंगे, जो ट्रेंड बनाने में नहीं, ट्रेंड सेट करने के लिए काम करने वाले हों। आने वाले समय में जब हम Diplomacy से Tech Innovation तक, एक नई लीडरशिप को आगे बढ़ाएंगे। तो इन सारे Sectors में भारत का Influence और impact, दोनों कई गुणा बढ़ेंगे। यानि एक तरह से भारत का पूरा विजन, पूरा फ्यूचर एक Strong Leadership Generation पर निर्भर होगा। इसलिए हमें Global Thinking और Local Upbringing के साथ आगे बढ़ना है। हमारी Governance को, हमारी Policy Making को हमने World Class बनाना होगा। ये तभी हो पाएगा, जब हमारे Policy Makers, Bureaucrats, Entrepreneurs, अपनी पॉलिसीज़ को Global Best Practices के साथ जोड़कर Frame कर पाएंगे। और इसमें सोल जैसे संस्थान की बहुत बड़ी भूमिका होगी।

साथियों,

मैंने पहले भी कहा कि अगर हमें विकसित भारत बनाना है, तो हमें हर क्षेत्र में तेज गति से आगे बढ़ना होगा। हमारे यहां शास्त्रों में कहा गया है-

यत् यत् आचरति श्रेष्ठः, तत् तत् एव इतरः जनः।।

यानि श्रेष्ठ मनुष्य जैसा आचरण करता है, सामान्य लोग उसे ही फॉलो करते हैं। इसलिए, ऐसी लीडरशिप ज़रूरी है, जो हर aspect में वैसी हो, जो भारत के नेशनल विजन को रिफ्लेक्ट करे, उसके हिसाब से conduct करे। फ्यूचर लीडरशिप में, विकसित भारत के निर्माण के लिए ज़रूरी स्टील और ज़रूरी स्पिरिट, दोनों पैदा करना है, SOUL का उद्देश्य वही होना चाहिए। उसके बाद जरूरी change और रिफॉर्म अपने आप आते रहेंगे।

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साथियों,

ये स्टील और स्पिरिट, हमें पब्लिक पॉलिसी और सोशल सेक्टर्स में भी पैदा करनी है। हमें Deep-Tech, Space, Biotech, Renewable Energy जैसे अनेक Emerging Sectors के लिए लीडरशिप तैयार करनी है। Sports, Agriculture, Manufacturing और Social Service जैसे Conventional Sectors के लिए भी नेतृत्व बनाना है। हमें हर सेक्टर्स में excellence को aspire ही नहीं, अचीव भी करना है। इसलिए, भारत को ऐसे लीडर्स की जरूरत होगी, जो Global Excellence के नए Institutions को डेवलप करें। हमारा इतिहास तो ऐसे Institutions की Glorious Stories से भरा पड़ा है। हमें उस Spirit को revive करना है और ये मुश्किल भी नहीं है। दुनिया में ऐसे अनेक देशों के उदाहरण हैं, जिन्होंने ये करके दिखाया है। मैं समझता हूं, यहां इस हॉल में बैठे साथी और बाहर जो हमें सुन रहे हैं, देख रहे हैं, ऐसे लाखों-लाख साथी हैं, सब के सब सामर्थ्यवान हैं। ये इंस्टीट्यूट, आपके सपनों, आपके विजन की भी प्रयोगशाला होनी चाहिए। ताकि आज से 25-50 साल बाद की पीढ़ी आपको गर्व के साथ याद करें। आप आज जो ये नींव रख रहे हैं, उसका गौरवगान कर सके।

साथियों,

एक institute के रूप में आपके सामने करोड़ों भारतीयों का संकल्प और सपना, दोनों एकदम स्पष्ट होना चाहिए। आपके सामने वो सेक्टर्स और फैक्टर्स भी स्पष्ट होने चाहिए, जो हमारे लिए चैलेंज भी हैं और opportunity भी हैं। जब हम एक लक्ष्य के साथ आगे बढ़ते हैं, मिलकर प्रयास करते हैं, तो नतीजे भी अद्भुत मिलते हैं। The bond forged by a shared purpose is stronger than blood. ये माइंड्स को unite करता है, ये passion को fuel करता है और ये समय की कसौटी पर खरा उतरता है। जब Common goal बड़ा होता है, जब आपका purpose बड़ा होता है, ऐसे में leadership भी विकसित होती है, Team spirit भी विकसित होती है, लोग खुद को अपने Goals के लिए dedicate कर देते हैं। जब Common goal होता है, एक shared purpose होता है, तो हर individual की best capacity भी बाहर आती है। और इतना ही नहीं, वो बड़े संकल्प के अनुसार अपनी capabilities बढ़ाता भी है। और इस process में एक लीडर डेवलप होता है। उसमें जो क्षमता नहीं है, उसे वो acquire करने की कोशिश करता है, ताकि औऱ ऊपर पहुंच सकें।

साथियों,

जब shared purpose होता है तो team spirit की अभूतपूर्व भावना हमें गाइड करती है। जब सारे लोग एक shared purpose के co-traveller के तौर पर एक साथ चलते हैं, तो एक bonding विकसित होती है। ये team building का प्रोसेस भी leadership को जन्म देता है। हमारी आज़ादी की लड़ाई से बेहतर Shared purpose का क्या उदाहरण हो सकता है? हमारे freedom struggle से सिर्फ पॉलिटिक्स ही नहीं, दूसरे सेक्टर्स में भी लीडर्स बने। आज हमें आज़ादी के आंदोलन के उसी भाव को वापस जीना है। उसी से प्रेरणा लेते हुए, आगे बढ़ना है।

साथियों,

संस्कृत में एक बहुत ही सुंदर सुभाषित है:

अमन्त्रं अक्षरं नास्ति, नास्ति मूलं अनौषधम्। अयोग्यः पुरुषो नास्ति, योजकाः तत्र दुर्लभः।।

यानि ऐसा कोई शब्द नहीं, जिसमें मंत्र ना बन सके। ऐसी कोई जड़ी-बूटी नहीं, जिससे औषधि ना बन सके। कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं, जो अयोग्य हो। लेकिन सभी को जरूरत सिर्फ ऐसे योजनाकार की है, जो उनका सही जगह इस्तेमाल करे, उन्हें सही दिशा दे। SOUL का रोल भी उस योजनाकार का ही है। आपको भी शब्दों को मंत्र में बदलना है, जड़ी-बूटी को औषधि में बदलना है। यहां भी कई लीडर्स बैठे हैं। आपने लीडरशिप के ये गुर सीखे हैं, तराशे हैं। मैंने कहीं पढ़ा था- If you develop yourself, you can experience personal success. If you develop a team, your organization can experience growth. If you develop leaders, your organization can achieve explosive growth. इन तीन वाक्यों से हमें हमेशा याद रहेगा कि हमें करना क्या है, हमें contribute करना है।

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साथियों,

आज देश में एक नई सामाजिक व्यवस्था बन रही है, जिसको वो युवा पीढी गढ़ रही है, जो 21वीं सदी में पैदा हुई है, जो बीते दशक में पैदा हुई है। ये सही मायने में विकसित भारत की पहली पीढ़ी होने जा रही है, अमृत पीढ़ी होने जा रही है। मुझे विश्वास है कि ये नया संस्थान, ऐसी इस अमृत पीढ़ी की लीडरशिप तैयार करने में एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। एक बार फिर से आप सभी को मैं बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

भूटान के राजा का आज जन्मदिन होना, और हमारे यहां यह अवसर होना, ये अपने आप में बहुत ही सुखद संयोग है। और भूटान के प्रधानमंत्री जी का इतने महत्वपूर्ण दिवस में यहां आना और भूटान के राजा का उनको यहां भेजने में बहुत बड़ा रोल है, तो मैं उनका भी हृदय से बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं।

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साथियों,

ये दो दिन, अगर मेरे पास समय होता तो मैं ये दो दिन यहीं रह जाता, क्योंकि मैं कुछ समय पहले विकसित भारत का एक कार्यक्रम था आप में से कई नौजवान थे उसमें, तो लगभग पूरा दिन यहां रहा था, सबसे मिला, गप्पे मार रहा था, मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला, बहुत कुछ जानने को मिला, और आज तो मेरा सौभाग्य है, मैं देख रहा हूं कि फर्स्ट रो में सारे लीडर्स वो बैठे हैं जो अपने जीवन में सफलता की नई-नई ऊंचाइयां प्राप्त कर चुके हैं। ये आपके लिए बड़ा अवसर है, इन सबके साथ मिलना, बैठना, बातें करना। मुझे ये सौभाग्य नहीं मिलता है, क्योंकि मुझे जब ये मिलते हैं तब वो कुछ ना कुछ काम लेकर आते हैं। लेकिन आपको उनके अनुभवों से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा, जानने को मिलेगा। ये स्वयं में, अपने-अपने क्षेत्र में, बड़े अचीवर्स हैं। और उन्होंने इतना समय आप लोगों के लिए दिया है, इसी में मन लगता है कि इस सोल नाम की इंस्टीट्यूशन का मैं एक बहुत उज्ज्वल भविष्य देख रहा हूं, जब ऐसे सफल लोग बीज बोते हैं तो वो वट वृक्ष भी सफलता की नई ऊंचाइयों को प्राप्त करने वाले लीडर्स को पैदा करके रहेगा, ये पूरे विश्वास के साथ मैं फिर एक बार इस समय देने वाले, सामर्थ्य बढ़ाने वाले, शक्ति देने वाले हर किसी का आभार व्यक्त करते हुए, मेरे नौजवानों के लिए मेरे बहुत सपने हैं, मेरी बहुत उम्मीदें हैं और मैं हर पल, मैं मेरे देश के नौजवानों के लिए कुछ ना कुछ करता रहूं, ये भाव मेरे भीतर हमेशा पड़ा रहता है, मौका ढूंढता रहता हूँ और आज फिर एक बार वो अवसर मिला है, मेरी तरफ से नौजवानों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

बहुत-बहुत धन्यवाद।